एसडीआरएफ ने देर रात कोटि ढलानी में ट्रैकिंग में रास्ता भटके लोगों को सुरक्षित निकाला..
उत्तराखंड: देहरादून के कोटी धुली-भद्रराज में ट्रेकिंग करने गए पांच युवक रात में लापता हो गए। उन्होंने इस दौरान किसी तरह इसकी सूचना एसडीआरएफ को दी। जिसके बाद एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचते ही पांचों युवकों को जंगल से बाहर निकाल लिया।
जानकारी के अनुसार, तरुणा तोमर(22) पुत्री सहदेव सिंह ज्ञान विहार कॉलोनी बिजनौर, सूरज सिंह(20) पुत्र संतोष सिंह निवासी बोखरा स्टील सिटी झारखंड, यश चौधरी(22) पुत्र नरेंद्र सिंह, अंकिता(20) पुत्री जसपाल निवासी कर्णप्रयाग प्रवीण सिंह(18) पुत्र जसपाल सिंह, चमोली ट्रैकिंग के लिए निकले थे। लेकिन वे अंधेरा ज्यादा होने के कारण जंगल में भटक गए। सूचना पर एसडीआरएफ की टीम ने सुरेश तोमर के नेतृत्व में रात में ही सर्च ऑपरेशन चलाया। टीम ने पांचों युवक युवतियों को सकुशल खोजकर घरों को रवाना किया।
इरफान के बेटे बाबिल की पहली फिल्म रिलीज को तैयार..
देश-विदेश: फिल्म ‘बुलबुल’ से बतौर फिल्म निर्देशक चर्चा में आईं हिंदी सिनेमा की जानी मानी गीतकार अन्विता दत्त की बतौर निर्देशक दूसरी फिल्म ‘कला’ की रिलीज डेट का मंगलवार को नेटफ्लिक्स ने ऐलान कर दिया। दिवंगत अभिनेता इरफान खान के बेटे बाबिल का इस फिल्म में लीड रोल है, उनके साथ फिल्म में ‘बुलबुल’ की हीरोइन तृप्ति डिमरी और ओटीटी पर तेजी से लोकप्रिय हुए अभिनेता अमित सियाल भी हैं। इस फिल्म की रिलीज आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘एन एक्शन हीरो’ और ईशान खट्टर की फिल्म ‘पिप्पा’ के साथ हो रही है लेकिन इन दोनों फिल्मों के सिनेमाघरों तक पहुंचने से एक दिन पहले ही फिल्म ‘कला’ ओटीटी पर रिलीज हो जाएगी।
आजादी के पहले के कश्मीर की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म ‘कला’ की कहानी बीती सदी के चौथे और पांचवें दशक की एक गायिका की कहानी है। इस गायिका का नाम है कला और इसका दुखद अतीत जब एक बार फिर उसके वर्तमान के सामने आता है तो उसकी मेहनत से बनी प्रतिष्ठा और उसकी समाज में बनी हैसियत खतरे में पड़ती दिखती है। इस हिला देने वाले मोड का आरंभ और अंत दोनों इस गायिका की मां से उसके रिश्ते से जुड़े हुए हैं। कला की परवरिश के दौरान घटी घटनाओं के स्याह साये इस गायिका की सफलता को कैसे प्रभावित करने की कोशिश करते हैं, यही फिल्म ‘कला’ का क्लाइमेक्स है।
फिल्म ‘कला’ की निर्देशक अन्विता दत्त ने ही इस फिल्म के हीरो के तौर पर बाबिल का चुनाव किया। इरफान खान के बेटे बाबिल सिनेमा से शुरू से जुड़े रहे हैं। वह फिल्म ‘करीब करीब सिंगल’ की तकनीशियनों की टीम में शामिल थे। इसके अलावा वह तमाम नाटक मंडलियों से भी जुड़े रहे हैं। बाबिल का रुझान शुरू से अभिनय की तरफ रहा है। फिल्म ‘कला’ में बाबिल की जोड़ी अभिनेत्री तृप्ति डिमरी के साथ बनी है। तृप्ति डिमरी के करियर के लिए क्लीन स्लेट फिल्म्स की पिछली फिल्म ‘बुलबुल’ टर्निंग प्वाइंट रही है।
फिल्म ‘कला’ के कलाकारों में बाबिल, तृप्ति और अमित सियाल के अलावा नीर राव, अविनाश राज शर्मा और आशीष सिंह के अलावा स्वास्तिका मुखर्जी भी शामिल हैं। फिल्म की निर्माता कर्णेश शर्मा की कंपनी क्लीन स्लेट फिल्म्स है। ये कंपनी कर्णेश ने अपनी बहन अनुष्का शर्मा के साथ मिलकर स्थापित की थी, लेकिन अब अनुष्का इस कंपनी से अलग हो चुकी है। क्लीन स्लेट फिल्म्स की एक और वेब सीरीज ‘पाताल लोक’ के दूसरे सीजन की शूटिंग भी तेजी से चल रही है।
फिल्म ‘कला’ नेटफ्लिक्स पर 1 दिसंबर को रिलीज होगी। इसमें संगीत अमित त्रिवेदी का है और इसके गाने अन्विता दत्त के अलावा अमिताभ भट्टाचार्य, कौसर मुनीर, स्वानंद किरकिरे और वरुण ग्रोवर ने लिखे हैं। वरुण ग्रोवर इन दिनों बतौर फिल्म निर्देशक अपनी पारी शुरू करने की तैयारी में हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले बच्चों की कहानी पर बन रही उनकी फिल्म की शूटिंग करीब करीब पूरी हो चुकी है।
मनी लॉन्ड्रिंग में फंसी पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार की पत्नी की कंपनी..
उत्तराखंड: करीब 200 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में देहरादून की एक कंपनी की जांच के आदेश दिए गए हैं। सोशल म्यूचुअल बेनिफिट निधि लिमिटेड नाम की इस कंपनी में प्रदेश के एक पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार की पत्नी वर्ष 2017 से 2020 तक डायरेक्टर थीं। वर्तमान में भी उनके रिश्तेदार ही इसमें डायरेक्टर बताए जा रहे हैं।
आरोप है कि इस अवधि में कंपनी में फर्जी तरीके से हजारों लोगों के नाम से आरडी-एफडी में रुपया जमा कर काले धन को वैध किया गया। शासन के निर्देश पर इस कंपनी की गतिविधियों की जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंप दी गई है। इस मामले में विधायक खानपुर उमेश कुमार ने शासन से शिकायत की थी। इस कंपनी का मुख्यालय देहरादून-हरिद्वार बाईपास के ब्राह्मणवाला में है। यह कंपनी आरडी, एफडी, बचत खाते आदि वित्तीय सेवाएं प्रदान करती है।
आपको बता दे कि वर्ष 2017 से 2020 तक कंपनी में 200 करोड़ रुपये से भी अधिक की धनराशि एफडी के रूप में जमा की गई। अलग-अलग नामों से खुले इन खातों की पड़ताल की गई तो पता चला कि इनमें से कई लोग मर चुके हैं। वहीं, कुछ लोगों को इस बात की जानकारी ही नहीं है कि उनके नाम से एफडी चल रही है।
गतिविधियों की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी..
विधायक का कहना है कि जब इस मामले को उठाया गया तो पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार ने अपनी पत्नी का इस्तीफा दिलवा दिया। पिछले दिनों शासन ने मामले की जांच सीबीसीआईडी से कराने के निर्देश दिए थे। पुलिस मुख्यालय ने कंपनी की गतिविधियों की जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंप दी है। इस संबंध में एडीजी कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन की ओर से पत्र जारी किया गया है। पुलिस मुख्यालय ने जांच जल्द पूरी कर रिपोर्ट मांगी है।
40 से 50 हजार लोगों की एफडी, आरडी..
शुरुआती पड़ताल में पता चला है कि इस कंपनी में करीब 40 से 50 हजार लोगों के नाम पर आरडी और एफडी के खाते खोले गए हैं। इन खातों में निवेश दिखाकर बहुत से लोगों ने काले धन को वैध किया। अब आर्थिक अपराध शाखा की जांच में ही सारी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।