सीएम धामी ने निवेशकों को उत्तराखंड आने के लिए किया आमंत्रित..
उत्तराखंड: प्रदेश में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को अहमदाबाद में रोड शो किया। सीएम ने विभिन्न उद्योग समूहों के साथ बैठक करते हुए सभी निवेशकों को ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए उत्तराखंड आने के लिए आमंत्रित भी किया। उत्तराखण्ड में दिसंबर में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को अहमदाबाद में आयोजित रोड शो में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री विभिन्न उद्योग समूहों के साथ बैठक करते हुए सभी निवेशकों को समिट के लिए आमंत्रित भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात भगवान श्रीकृष्ण की धरा है। महात्मा गांधी और सरदार पटेल जैसे महापुरूषों की ये भूमि है। इस भूमि ने भारत को नरेन्द्र मोदी जैसे प्रधानमंत्री दिए हैं। उनके नेतृत्व में भारत ने वैश्विक पटल पर एक अलग पहचान बनाई है। आज दुनिया में भारत का मान-सम्मान और स्वाभिमान बढ़ रहा है।सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में उद्योगों के विकास के लिए सरकार द्वारा लगातार कार्य किए जा रहे हैं। उद्योग जगत से जुड़े लोगों के सुझावों को ध्यान में रखते हुए 30 नई नीतियां बनाई गई हैं। कई नीतियों को और सरल बनाया गया है। उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान भी जो सुझाव प्राप्त हो रहे हैं उन सभी पर अमल किया जा रहा है।
राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया है। इसको और प्रभावी बनाया जा रहा है। सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य को बने 23 साल हो गये हैं। उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा उत्तराखंड को विशेष औद्योगिक पैकेज दिया गया। जिसके बाद उत्तराखण्ड में औद्योगिक निवेश तेजी से बढ़ा है।
उत्तराखण्ड में निवेश के लिए अपार संभावनाएं..
सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में निवेश के लिए अपार संभावनाएं हैं। राज्य में छह हजार एकड़ का लैण्ड बैंक बनाया गया है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश करने वालों के लिए और प्रोत्साहन दिया जाएगा। उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौन्दर्य और बेहतर मानव संसाधन निवेशकों को उत्तराखण्ड आने के लिए आकर्षित कर रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में ईकोलॉजी और ईकोनॉमी में संतुलन बनाते हुए कार्य किए जा रहे हैं। उत्तराखण्ड कर्मभूमि बनाने के लिए अच्छा डेस्टिनेशन है। राज्य में हवाई, रेल, रोड और रोपवे कनेक्टिविटी के साथ तेजी से विस्तार हो रहा है। उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा में इस वर्ष अभी तक 52 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। कुमांऊ मण्डल में मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के तहत तेजी से कार्य किए जा रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि उद्योगों की स्थापना के लिए उत्तराखण्ड में शांतिपूर्ण वातावरण है। राज्य में तेजी से निवेश बढ़े इसके लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में नीतियों के सरलीकरण एवं नई नीतियों के क्रियान्वयन के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। उद्योगों की स्थापना के लिए ट्रांसपोर्टेशन, विद्युत आपूर्ति और बेहतर मानव संसाधन की आवश्यकता होती है, जो सब उत्तराखण्ड के पास हैं। उत्तराखण्ड सबसे सस्ती बिजली देने वाला राज्य है। कनेक्टिविटी का राज्य में तेजी से विस्तार हुआ है।
उत्तराखंड सरकार का महिला कर्मचारियों को तोहफा..
उत्तराखंड: करवा चौथ पर उत्तराखंड सरकार ने महिला कर्मचारियों को तोहफा दिया है। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने शासकीय, अशासकीय कार्यालयों व शिक्षा संस्थानों में महिला कर्मचारियों के लिए एक नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। मंगलवार दोपहर सचिव विनोद कुमार सुमन ने इसके आदेश भी जारी कर दिए हैं।
आज होगी धामी कैबिनेट की बैठक..
उत्तराखंड; सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट की बैठक होगी। कर्मचारियों को दीपावली बोनस की सौगात मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही विभिन्न विभागों के कई प्रस्तावों को चर्चा के बाद मंजूरी मिल सकती है। सचिवालय स्थित एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में 12 बजे से मंत्रिमंडल की बैठक शुरू होगी। बैठक में औद्योगिक नीतियों में संशोधन, राजाजी टाइगर रिजर्व के कंजर्वेशन फाउंडेशन के गठन, कर्मचारियों के पुरानी पेंशन से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय होने की संभावना है।
2028 में पूरा होगा जमरानी बांध का निर्माण-सिंचाई मंत्री..
उत्तराखंड: सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने जमरानी बांध परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट की आर्थिक मामलों की कमेटी की मंजूरी मिलने को ऐतिहासिक बताया। उनका कहना हैं कि परियोजना के निर्माण में 2584 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। मार्च 2028 तक परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
सुभाष रोड स्थित कैंप कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए महाराज ने कहा कि परियोजना से करीब 1.5 लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र को सिंचाई की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही हल्द्वानी शहर को पर्याप्त पेयजल और 6.3 करोड़ यूनिट जल विद्युत उत्पादन हो सकेगा। महाराज ने कहा कि परियोजना को 45 वर्षों के बाद स्वीकृति मिली, अब इस पर तेजी से काम होगा। उन्होंने कहा कि जमरानी बांध परियोजना के वित्त पोषण के लिए निवेश स्वीकृति एवं जल शक्ति मंत्रालय की स्क्रीनिंग कमेटी की ओर से मंजूरी दी गई है। इसमें 90 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार जबकि 10 प्रतिशत खर्च यूपी-उत्तराखंड को उठाना है।
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग हरिद्वार में दशहरे से दीपावली के बीच सिल्ट सफाई के लिए नहर बंद कर देता है। इस वर्ष भी ऊपरी गंग नहर की वार्षिक बंदी अक्तूबर में कर दी गई है, जो 12 नवंबर तक जारी रहेगी। सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर हरिद्वार की हरकी पैड़ी और अन्य गंगा घाटों पर दीपावली तक जलापूर्ति सुचारू रखने का अनुरोध किया है।
हरिद्वार क्षेत्र में सिंचाई के लिए यूपी से मांगा 665 क्यूसेक पानी.
सिंचाई मंत्री महाराज ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में हरिद्वार के भगवानपुर क्षेत्र में सिंचाई के लिए 665 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि टिहरी बांध से यूपी को 4879 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराया जा रहा है, इसमें उत्तराखंड को 665 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराया जा सकता है। इससे भगवानपुर और अन्य क्षेत्रों में सिंचाई की कमी को पूरा किया जा सकेगा।
जोशीमठ: जोखिम संभावित भवनों की होगी पहचान, असुरक्षित ढहाए जाएंगे..
उत्तराखंड: जोशीमठ आपदा को देखते हुए सरकार ने प्रदेश के प्रत्येक जिले में जोखिम संभावित भवनों की तलाश शुरू करने का फैसला किया है। ऐसे असुरक्षित भवन यदि रेट्रोफिटिंग के माध्यम से भी सुरक्षित नहीं होंगे, तो उन्हें ढहा दिया जाएगा।असुरक्षित भवनों की चिन्हित करने और रेट्रोफिटिंग की कार्रवाई के लिए शासन ने सभी जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ और तकनीकी समिति का गठन कर दिया है। इस संबंध में आवास विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। बता दें कि जोशीमठ नगर क्षेत्र भू-धंसाव के कारण भवनों में दरारें आ गई हैं।
रेट्रोफिटिंग का फैसला पहले ले चुकी..
तीखे ढलान पर बसे इस नगर में कई आवासीय और व्यावासयिक भवन जोखिम की दृष्टि बेहद संवेदनशील हैं। विशेषज्ञों के सुझाव पर सरकार जोशीमठ में असुरक्षित और संवेदनशील भवनों के रेट्रोफिटिंग का फैसला पहले ले चुकी है।
इसके लिए निविदा तक हो चुकी है। लेकिन अब प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में असुरक्षित भवनों के चिह्निकरण का काम शुरू किया है। यह कार्य डीएम की अध्यक्षता में गठित एक कमेटी करेगी। आवास विभाग ने समिति के गठन को लेकर आदेश जारी कर दिया है।राज्य के प्रत्येक जिले में डीएम की अध्यक्षता गठित समिति कुल छह सदस्य हैं। इनमें एमडीडीए व हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व सचिव, सभी जिला विकास प्राधिकरण से संबंधित क्षेत्र उप जिलाधिकारी, लोनिवि, सिंचाई, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिशासी अभियंता, संबंधित जिले में भू तत्व व खनिकर्म विभाग के सहायक भू-वैज्ञानिक व नगरी स्थानीय निकाय के नगर आयुक्त या अधिशासी अधिकारी समिति के सदस्य बनाए गए हैं।
ऐसे असुरक्षित भवनों का होगा चिह्निकरण..
राज्य में प्राकृतिक आपदाओं मसलन भूकंप, हिमस्खलन, भूस्खलन, भू-धंसाव, अतिवृष्टि व बाढ़ की दृष्टिगत आपदा को कम करने के लिए वर्तमान में बने ऐसे भवनों की पहचान करेगी, जो जोखिम संभावित की श्रेणी में आते हैं।
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समिति ऐसे भवनों की पहचान करेगी जो 30 डिग्री से अधिक ढाल पर बनाए गए हैं या फ्लड जोन में बने हैं
ऐसे भवन भी जो हिमस्खलन या भूस्खल प्रभावित या संभावित क्षेत्र में बने हैं
15 मीटर ऊंचे ऐसे भवन जो ढांचागत रूप से असुरक्षित हैं
भूकंपीय फाल्ट लाइन से 30 मीटर की दूरी में बने भवन या किन्हीं कारणों से असुरक्षित भवन
समिति ये कार्रवाई करेगी
1. असुरक्षित भवनों का चिह्निकरण के साथ ही समिति भवन स्वामी को रेट्रोफिटिंग के जरिये भवन को सुरक्षित बनाने के सुझाव देगी और इसका अनुपालन सुनिश्चित कराएगी।
2. जिन भवनों को रेट्रोफिटिंग के जरिये सुरक्षित नहीं किया जा सकता है उनको, विद्यमान नियमों के तहत ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगी।
3. इस कार्य के लिए विषय विशेषज्ञों को समिति में सदस्य के रूप में आमंत्रित किया जा सकेगा।
चंदग्रहण के चलते आज बंद किए जाएंगे चारों धाम के कपाट..
उत्तराखंड: चंदग्रहण के चलते शनिवार यानी आज बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट शाम चार बजे बंद कर दिए जाएंगे। जिसके बाद मंदिरों के कपाट रविवार सुबह शुद्धिकरण के बाद खोले जाएंगे। बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर को रात एक बजकर चार मिनट पर लगेगा। बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट नौ घंटे पहले सूतककाल लगने के कारण ही बंद कर दिए जाएंगे।
शनिवार को 11 बजे राजभोग लगेगा और दोनों मंदिरों की सफाई की जाएगी। दो बजे तक मंदिर बंद रहेगा। इसके बाद दोपहर दो बजे दोबारा मंदिर को खोला जाएगा और शाम के वक्त आरती की जाएगी। आरती के बाद चार बजे तक मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। 29 अक्टूबर को रविवार सुबह शुद्धिकरण के बाद ब्रह्ममुहुर्त में कपाट खोलकर महाभिषेक, रूद्राभिषेक सहित पूजा अर्चना के साथ खोले जाएंगे।
इसके साथ ही गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट भी चंद्रग्रहण के चलते बंद किए जाएंगे। जानकारी के अनुसार श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष हरीश सेमवाल ने कहा कि शनिवार शाम चार बजे के गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे।शाम को होने वाली आरती चार बजे तक कर ली जाएगी। चंद्रग्रहण के बाद कपाट सीधे अगले दिन तड़के सुबह चार बजे पूजा अर्चना के बाद खोले जाएंगे।
जानिए कौन हैं कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज तिवारी..
उत्तराखंड: नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी 26 अक्टूबर को सेवनिर्वित हो गए हैं। उनके रिटायर होने के बाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी को उत्तराखंड हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसके लिए आदेश भी जारी कर दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी के सेवानिवृत्त होने के एक दिन बाद यानी शुक्रवार से अपना कार्यभार ग्रहण करेंगे।
मनोज कुमार तिवारी का पिथौरागढ़ से खास नाता रहा है। उनके पिता एनबी तिवारी भी नामी वकील रहे हैं। जबकि उनके दादा राम दत्त भी जिला पिथौरागढ़ में वकील थे। मनोज कुमार तिवारी ने अपनी दसवीं तक की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय पिथौरागढ़ और ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन भी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय पिथौरागढ़ से ही किया है।
वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी का जन्म 19 सितंबर 1965 को पिथौरागढ़ में हुआ था। 1990 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी किया। 1990 में ही वह बार काउंसिल ऑफ यूपी इलाहाबाद में पंजीकृत हुए और उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में प्रैक्टिस शुरू की। 2000 में वह उत्तराखंड उच्च न्यायालय बनने पर नैनीताल स्थानांतरित हुए। 20 मई 2009 को न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी को वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया गया था। 2008 में उन्हें हाईकोर्ट बार एसोसिएशन नैनीताल का अध्यक्ष बनाया गया। नौ मई 2017 में न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी को उत्तराखंड हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बनाया गया था।
चेन्नई रोड शो में 10150 करोड़ के एमओयू किए गए..
उत्तराखंड: चेन्नई रोड शो के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में राज्य सरकार द्वारा विभिन्न उद्योग समूहों के साथ 10150 करोड़ के इनवेस्टमेंट एमओयू साइन किए गए। जिसमें प्रमुख रुप से हेल्थकेयर, फार्मा, एनर्जी सेक्टर से जुड़े विभिन्न उद्योग शामिल हैं।
चेन्नई में आज पहले सत्र में हुए एमओयू में क्रमशः स्टार्टअप एंड इक्यूवेटर हेतु जुलाई वेंचर्स के साथ 1000 करोड़ का एमओयू, हेल्थ केयर सेक्टर में निवेश हेतु क्षणा ग्रुप के साथ 1000 करोड़, उच्च शिक्षा में निवेश हेतु एसआरएम यूनिवर्सिटी के साथ 600 करोड़, हेलीपोर्ट एंव ऊर्जा क्षेत्र में रिफेक्स ग्रुप के साथ 500 करोड़, एरोमा पार्क हेतु ईन्फ्ला मोवी ग्रुप के साथ 250 करोड़, टूरिज्म सेक्टर में निवेश हेतु मिलटेक्स ग्रुप के साथ 100 करोड़ के एमओयू साइन किए गए।
दूसरे सत्र में सर्वोदय ग्रुप आफ हॉस्पिटल 01 हजार करोड़, अपोलो हॉस्पिटल 500 करोड़, क्राफ्ट स्मिथ इंडिया 01 हजार करोड़, इंफिनिटी ग्लोबल 4 हजार करोड़ और टीपीसीआई के साथ 200 करोड़ रुपया के एमओयू किए गए।
उत्तराखंड में संस्कृत विद्यालयों को मिलेगा अनुदान, शासन ने जारी किए संशोधित आदेश..
उत्तराखंड: शासन ने संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों के अलग-अलग संचालन के संबंध में स्थिति साफ की है। अब सभी संस्कृत विद्यालयों को अनुदान मिलेगा, बेशक उनमें 12वीं तक कक्षाएं संचालित नहीं हो रही हैं। इस संबध में शासन ने 16 अक्तूबर को जारी अपने शासनादेश में संशोधन कर दिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी सीएम पुष्कर सिंह धामी से यह मसला उठाया था। सीएम के निर्देश पर सचिव संस्कृत शिक्षा चंद्रेश यादव ने नए सिरे आदेश जारी किया है। इसमें ऐसे 81 विद्यालयों और महाविद्यालयों की सूची भी शामिल है।
आपको बता दे कि संस्कृत शिक्षा निदेशक के आदेश में सभी विद्यालयों व कॉलेजों के प्रबंधन को बोर्ड या शिलापट बनाकर मुख्य भवन के प्रवेश द्वार पर स्थापित करने को कहा गया है। महाविद्यालय का दर्जा उन्हीं संस्थानों को मिलेगा जहां उच्च शिक्षा पढ़ाई जा रही है। वे सभी महाविद्यालय अब विद्यालयों के नाम से ही जाने जाएंगे, जो प्रथमा, पूर्व मध्यमा तक वित्त पोषित हैं और उत्तर मध्यमा तक वित्तविहीन मान्यता प्राप्त हैं। हालांकि इस आदेश को उन संस्कृत महाविद्यालयों के प्रबंधन व शिक्षकों में नाराजगी हैं जिन्हें अब विद्यालय का दर्जा दिया जा रहा है।
अब गढ़वाल मंडल में विकास की नब्ज टटोलेंगे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी..
पौड़ी गढ़वाल में होगी बैठक..
उत्तराखंड: विकास कार्यों की गति की नब्ज टटोलने के लिए अब सीएम पुष्कर सिंह धामी गढ़वाल मंडल के अधिकारियों की बैठक लेंगे। यह बैठक पौड़ी गढ़वाल मुख्यालय में हो सकती है। शासन व प्रशासन के सभी प्रमुख अधिकारी इस बैठक में मौजूद रहेंगे। सीएम विशेष रूप से सड़कों, निर्माण योजनाओं व मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं के संबंध में रिपोर्ट लेंगे। बकौल मुख्यमंत्री सड़कें हमारी लाइफलाइन हैं, ये बेहतर हों, इसके लिए सबकी जिम्मेदारी तय होगी।
बता दें कि पिछले दिनों नैनीताल पहुंचकर मुख्यमंत्री ने कुमाऊं मंडल के विकास कार्यों की प्रगति जानी थी। बैठक में उन्होंने मंडलायुक्त दीपक रावत को खस्ताहाल व अधूरी सड़कों के संबंध में सख्त निर्देश दिए थे। विकास कार्यों को लेकर भी सीएम ने अफसरों को कड़ी हिदायत दी। कुमाऊं से लौटकर अब मुख्यमंत्री ने गढ़वाल मंडल के सभी जिलों में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति जानने का निर्णय लिया है।
ग्रामीण सड़कों की स्थिति के बारे में लेंगे जानकारी..
इस संबंध में उन्होंने अधिकारियों को बैठक की तैयारी करने के आदेश दिए हैं। यह बैठक पौड़ी मुख्यालय में हो सकती है। इस बैठक में शासन के उच्चाधिकारियों के अलावा मंडलायुक्त व विभिन्न जिलों के जिलाधिकारी भी भागीदारी करेंगे। कई अधिकारी वर्चुअल माध्यम से भी जुड़ सकते हैं। इस बैठक में मुख्यमंत्री चारधाम ऑलवेदर रोड परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के अलावा नेशनल व स्टेट हाईवे, जिला मोटर मार्ग व ग्रामीण सड़कों की स्थिति के बारे में जानकारी लेंगे।
सूत्रों के अनुसार सीएम सड़कों को गड्ढ़ामुक्त बनाए जाने के अभियान के बारे में विशेष रूप से जानकारी लेंगे। सड़कें हमारी लाइफ लाइन हैं। साल भर देश व दुनिया से लोग यहां आते हैं। उन्हें अच्छी सड़कें मिलनी चाहिए ताकि सुविधा हो। सड़कों के लिए हमने डेडलाइन तय की है। इस डेडलाइन के आधार पर सड़कों को ठीक करने का अभियान चलाया जा रहा है। इसमें सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी