टनल में फंसी 40 जिंदगियों को बचाने की जंग जारी, मौके पर पहुंची गठित समिति ने शुरू की जांच..
उत्तराखंड: प्रदेश में चारधाम परियोजना के तहत निर्माणाधीन सिलक्यारा-पोल गांव सुरंग में हुए हादसे से जुड़ा बड़ा अपडेट आ रहा है। सुरंग में जहां पिछले 50 घंटे से अधिक समय से 40 श्रमिकों की जिंदगी कैद है। इन श्रमिकों को निकालने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। टनल में बड़े स्टील पाइप डालने की तैयारी पूरी हो गई है तो वहीं अब मौके पर विशेषज्ञों की टीम पहुंच गई। जांच के लिए गठित की गई समिति ने स्थल का निरीक्षण कर जांच शुरू कर दी है।
बताया जा रहा है कि सिलक्यारा टनल के अंदर फंसे मजदूरों को निकालने के लिए ऑगर मशीन की सहायता से बड़े व्यास के एमएस पाईप डालने की तैयारी अंतिम दौर में है। टनल से मजदूरों को रेस्क्यू करने के लिए मौके पर 900 मिमी व्यास वाले ह्यूम पाइप और ड्रिल मशीन पहुंच गए हैं। वहीं टनल में फंसे मजदूरों को लिए ऑक्सीजन का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में एसडीआरएफ की बचाव टीमों ने उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। सीएम धामी खुद हर पल की अपडेट ले रहे है। उन्होंने बैठक कर अधिकारियों को नि लगातार नजर बनाए हुए हैं। सीएम धामी ने कहा कि मैं स्थिति पर करीब से नजर रख रहा हूं।
बता दें कि सिलक्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन के अध्ययन एवं कारणों की जाँच के लिए निदेशक उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की अध्यक्षता में गठित समिति में शामिल विशेषज्ञों ने स्थल का निरीक्षण कर जांच शुरू कर दी है। जाँच दल द्वारा सुरंग एवं ऊपर की पहाड़ी का सर्वेक्षण किया जा रहा है। विशेषज्ञों में यूएसडीएमए के निदेशक डॉ. शांतनु सरकार, वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालय के वैज्ञानिक डॉ. खइंग शिंग ल्युरई, जीएसआई के वैज्ञानिक सुनील कुमार यादव, वरिष्ठ वैज्ञानिक सीबीआरआई कौशिल पंडित, उपनिदेशक भूतत्व एवं खनिजकर्म जी.डी प्रसाद और भूवैज्ञानिक तनड्रिला सरकार शामिल हैं।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन के माध्यम से उत्तरकाशी के सिल्क्यारा के पास टनल में फंसे श्रमिकों के बारे में जानकारी ली।मुख्यमंत्री ने राहत और बचाव कार्यों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न राज्य और केंद्रीय एजेंसियां परस्पर समन्वय और तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया और बचाव कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें जल्द बाहर निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है। अब तक प्रधानमंत्री दो बार उनसे स्थिति की जानकारी ले चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री और रेल मंत्री भी उनसे बात कर चुके हैं।
पीएम मोदी ने सीएम धामी से ली रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी..
उत्तराखंड: उत्तरकाशी में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर दिवाली के मौके पर सिलक्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा टूट गया है। सुरंग के अंदर करीब 40 मजूदर फंसे हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली है।सीएम धामी ने ट्विटर पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि पीएम मोदी ने उत्तरकाशी में हुए टनल हादसे को लेकर रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राहत और बचाव कार्यों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न राज्य और केंद्रीय एजेंसियां परस्पर समन्वय और तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया और बचाव कार्यों पर लगातार नजर रखें हुए हैं। बचाव कार्य के लिए बड़े व्यास के ह्यूम पाइप हरिद्वार और देहरादून से भेजे जाने की व्यवस्था कर दी गई है। सीएम ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं। सभी को जल्द बाहर निकलने की पूरी कोशिश की जा रही है।बता दें अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो बार मुख्यमंत्री से स्थिति की जानकारी ले चुके हैं। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी सीएम धामी से हादसे के बारें में जानकारी ले चुके हैं।
शीतकाल के लिए बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट,फूलों सजाया गया धाम..
उत्तराखंड: विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट आज मंगलवार को शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। कपाट बंदी के लिए गंगोत्री व यमुनोत्री धाम को फूलों सजाया गया है। मां गंगा के शीतकालीन पड़ाव मुखवा स्थित गंगा मंदिर को भी फूलों से सजाया गया है।अन्नकूट के पर्व पर गंगोत्री धाम के कपाट दोपहर 11 बजकर 45 बजे पर बंद किए गए। मंदिर के कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की डोली जयकारों के साथ मुखबा के लिए रवाना हुई। वहीं कपाट बंद होने से अब श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखबा) में कर सकेंगे। जहां मां गंगा की रोजाना पूजा-अर्चना की जाएगी। आपको बता दे कि 15 नवंबर को माँ गंगा की उत्सव डोली 6 महीने बाद अपने मायके मुखीमठ (मुखवा) पहुंचेगी। जहां पर ग्रामीण माँ गंगा का स्वागत एक बेटी की तरह करेंगे। वही केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर को भैयादूज पर बंद होंगे।वहीं शीतकाल के लिए भगवान बद्री नारायण के कपाट बंद होने की प्रक्रिया मंगलवार यानी आज से शुरू होगी। बद्री-केदार मंदिर समिति के कार्याधिकारी आरसी तिवारी का कहना है कि केदारनाथ के कपाट बंद करने को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। भगवान बद्री नारायण के कपाट बंद की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू होगी। 18 नवंबर को बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।