विभागीय अनुदान पास कराने के एवज में रिश्वत लेते वन विभाग का दरोगा गिरफ्तार..
उत्तराखंड: विजिलेंस की टीम ने वन विभाग चाकीसैंण सैक्सन पावौ रेन्ज पौड़ी के वन दरोगा को सरकारी कार्य की एवज में 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। मामले को लेकर शिकायतकर्ता ने विजिलेंस में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत सही पाई जाने पर विजिलेंस की टीम ने आरोपी को अरेस्ट कर लिया है। शिकायतकर्ता का कहना हैं कि बीते 2 मार्च 2024 को पैठाणी पौड़ी गढवाल में वन पंचायत पाबो की सभा हुई थी। जिसमें वन पंचायत के अन्तर्गत आने वाले गांवों की आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगो को मुर्गी, बकरी पालन जैसे कार्यो को विभागीय अनुदान दिये जाने के संबंध में जानकारी दी गई।
शिकायतकर्ता ने बकरी पालन के लिए 50 हजार का अनुदान मांगा। जिसके बाद विभाग ने उसके खाते में राशि जमा करा दी। इस बीच वह मौजूद वन दरोगा हंस राज पंत ने शिकायतकर्ता से उस सम्बन्ध में फार्म भरवाने और विभागीय अनुदान पास करवाने की एवज में रिश्वत की मांग की। प्रथम दृष्टया शिकायतकर्ता के आरोप सही पाए गए। जिसके बाद विजिलेंस की टीम ने मंगलवार को चाकीसैंण सैक्सन पावौ रेन्ज पौड़ी के वन दरोगा हंस राज पंत को शिकायतकर्ता से 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पैठाणी बाजार पौड़ी गढवाल से रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। फिलहाल आरोपी दरोगा से पूछताछ जारी है।
नहीं थम रही जंगलों की आग, 24 घंटे में 23 जगह धधके जंगल..
उत्तराखंड: प्रदेश में जंगल की आग का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते 24 घंटे में वनाग्नि की 23 घटनाएं सामने आई हैं। लगातार आग की घटनाओं रो रोकने की कोशिशों के बाद भी आग की घटनाएं सामने आ रही हैं। जिस कारण अब तक हजारों हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गया है। सोमवार को भी प्रदेश के जंगल धधकते रहे। बीते 24 घंटे में 23 जगह जंगल धधके हैं। इसमें से 22 आग की घटनाएं गढ़वाल से और एक घचना वन्यजीव क्षेत्र से सामने आई है। जबकि बीते 24 घंटे में कुमाऊं से आग लगने की एक भी घटना सामने नहीं आई है। बता दें कि सोमवार को जंगल में आग लगाने के आरोप में वन विभाग ने अज्ञात पर तीन मुकदमे दर्ज किए हैं।
गर्मी बढ़ने के साथ फिर बढ़ीं वनाग्नि की घटनाएं..
गर्मी बढ़ने के साथ ही वनाग्नि की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। सोमवार को भूमि संरक्षण कालसी वन प्रभाग में 2, लैंसडाउन वन प्रभाग में एक, भूमि संरक्षण लैंसडाउन वन प्रभाग में एक, नरेंद्रनगर वन प्रभाग में 2, सिविल वन पंचायत क्षेत्र में 2, मसूरी वन प्रभाग में 8, सिविल वन पंचायत क्षेत्र में 4, रुद्रप्रयाग वन प्रभाग में 2 और केदारनाथ वन्य जीव वन पंचायत क्षेत्र में आग लगी।
आपको बता दें कि इस फायर सीजन में अब तक प्रदेश में कुल 1121 आग की घटनाएं सामने आई हैं। जिसमें 1520 हेक्टेयर वन क्षेत्र जलकर राख हो गया है। जंगल में लगी आग की सूचना देने के लिए वन विभाग द्वारा नंबर जारी किए गए हैं। आग लगने की सूचना 18001804141, 01352744558 पर दे सकते हैं। इसके साथ ही 9389337488 और 7668304788 पर वाट्सएप के माध्यम से भी वनाग्नि की घटनाओं की जानकारी दी जा सकती है।
गंगोत्री व यमनुोत्री के लिए नई एसओपी जारी..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों के लिए उत्तरकाशी पुलिस ने यात्रा को लेकर एसओपी (विशेष कार्य योजना) जारी की है। जिसके तहत अब रात आठ बजे के बाद किसी भी वाहन को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम नहीं जाने दिया जाएगा। रात 11 बजे के बाद यात्रा प्रतिबंधित रहेगी। वहीं, शाम पांच बजे बाद कोई भी यात्री जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम दर्शन के लिए नहीं जा पाएगा।
एसपी अर्पण यदुवंशी की ओर से जारी एसओपी के अनुसार यमुनोत्री धाम जाने वाले वाहनों को रात आठ बजे के बाद डामटा, नौगांव, बड़कोट, दोबाटा, खरादी, पालीगाड से आगे जाने नहीं दिया जाएगा। इसी तरह गंगोत्री धाम जाने वाले वाहनों को रात आठ बजे बाद नगुण, उत्तरकाशी शहर, हीना, भटवाड़ी व गंगनानी से आगे नहीं भेजा जाएगा।
वहीं यमुनोत्री पैदल मार्ग पर सुबह चार बजे से ही आवागमन शुरू होगा। शाम पांच बजे के बाद किसी को भी पैदल मार्ग पर नहीं भेजा जाएगा। इस दौरान डंडी-कंडी व घोड़ा-खच्चर भी प्रतिबंधित रहेंगे। वहीं डंडी-कंडी व घोड़ा खच्चर के लिए रोटेशन की व्यवस्था लागू रहेगी। भीड़ बढ़ने पर घोड़ा-खच्चरों को वैकल्पिक मार्ग से भेजा जाएगा। दोनों ही धामों में रात साढ़े आठ बजे के बाद गंगा व यमुना आरती के उपरांत कोई भी अनावश्यक रूप से मंदिर परिसर में नहीं रह सकेगा। किसी भी पड़ाव पर यात्री वाहनों को दो घंटे से ज्यादा नहीं रोका जाएगा।
प्रत्येक दिन सुबह पांच बजे से यातायात व्यवस्था का आवागमन सुचारू रूप से होगा। हालांकि आपातकालीन स्थिति में यात्री व श्रद्धालुओं को प्राथमिकता के आधाार पर आकस्मिक सेवा स्थल तक जाने दिया जाएगा। इसके अलावा धाम जाने वाले श्रद्धालु रात आठ बजे के बाद होटल बुकिंग तक जा सकेंगे। इसके लिए श्रद्धालुओं को बैरियरों पर तैनात पुलिसकर्मी को होटल बुकिंग के संबंध में जानकारी व आवश्यक प्रमाण उपलब्ध कराना जरूरी होगा। रात 11 बजे के बाद यात्रा पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगी।
संकरे स्थानों पर लागू रहेगा गेट सिस्टम..
यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड़ से जानकीचट्टी के बीच 25 किमी संकरे हिस्से में जाम से निपटने के लिए बड़े वाहनों को लिए गेट सिस्टम लागू रहेगा। बड़े वाहनों को रोककर एक निश्चित समय बाद छोड़ा जाएगा। जबकि छोटे वाहन चलते रहेंगे। इधर, गंगोत्री हाईवे पर गंगनानी से डबरानी पांच किमी, सुक्की से झाला सात किमी तथा हर्षिल से झाला 14 किमी तक वन-वे प्रभावी रहेगा।
25 मई से गौचर से बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए शुरू होगी हेली सेवा..
उत्तराखंड: तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए इस बार गौचर से बद्रीनाथ और हेमकुंड साहेब के लिए हेली सेवा की सुविधा मिलेगी। आगामी 25 मई से गौचर हवाई पट्टी से सेवा के शुरू होने की उम्मीद है। सरकार की उड़ान योजना के तहत देहरादून से गौचर तक हवाई सेवा संचालित हो रही है, जिससे यात्री गौचर आ सकते हैं। 25 मई से यहां से बद्रीनाथ और हेमकुंड साहेब के लिए हेली सेवा शुरू होगी। गुरुद्वारा हेमकुंड साहेब ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा का कहना हैं कि 25 मई को हेमकुंड साहेब की यात्रा शुरू होने पर सरकार ने यहां हेली सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है। यात्री दिन में हेलीकॉप्टर से गौचर से गोविंदघाट, बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब आ जा सकेंगे।
पहली बार एक दिन में बद्रीनाथ पहुंचे 28 हजार श्रद्धालु..
एक लाख पार हुई दर्शनार्थियों की संख्या..
उत्तराखंड: बद्रीनाथ धाम की यात्रा ने अब रफ्तार पकड़ ली है। रविवार को बद्रीनाथ धाम में 28 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। यात्रा के इतिहास में यह पहली बार है जब धाम में एक दिन में इतने अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं। वहीं बद्रीनाथ में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एक लाख के पार हो गई है। बद्रीनाथ धाम की यात्रा 12 मई से शुरू हुई थी। शुरू के चार दिन यात्रा की रफ्तार धीमी रही, लेकिन अब यात्रा नए रिकॉर्ड बना रही है। शनिवार और रविवार को धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। आलम यह रहा कि दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की करीब ढाई किमी लंबी लाइन लगी हुई थी। बद्रीनाथ मंदिर से इंद्रधारा तक (माणा की ओर) श्रद्धालुओं की लाइन लगी रही। सुबह लगी लाइन देर शाम तक खत्म नहीं हो पाई थी। धाम में रविवार को 28,055 श्रद्धालु दर्शनों को पहुंचे। वहीं अब तक धाम में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 1,20,757 हो गई है। बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ का कहना हैं कि रविवार को बद्रीनाथ धाम में 28 हजार श्रद्धालु पहुंचे। धाम में एक दिन में आने वाले श्रद्धालुओं की यह अभी तक की सबसे अधिक संख्या है। धाम में अब तक एक लाख 20 हजार तक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं।
नहाते समय गंगा के तेज बहाव में बहा विदेशी पर्यटक, तलाश में जुटी एसडीआरएफ..
उत्तराखंड: ऋषिकेश के मुनि की रेती क्षेत्र में एक विदेशी पर्यटक गंगा नदी में नहाते समय अचानक तेज बहाव में फंस गया और बह गया। इस घटना के बाद एसडीआरएफ की टीम तुरंत उसकी तलाश में जुट गई है। हालांकि, कई घंटों की कड़ी मेहनत और प्रयास के बावजूद अभी तक पर्यटक का कोई पता नहीं चल सका है। टीम द्वारा तलाशी अभियान जारी है, लेकिन अब तक उन्हें कोई सफलता नहीं मिली है। जानकारी के अनुसार घटना सुबह 7:45 बजे की है। थाना प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह का कहना हैं कि प्रग्नेश औंधिया (59) पुत्र नटवरलाल निवासी 38 एलिमेंट, लंदन यूके अपनी पत्नी पिंकी व पुत्र आनंद के साथ स्वामी नारायण आश्रम घाट पर नहा रहे थे।
सीएम धामी ने संभाली चारधाम यात्रा की कमान , यात्रा व्यवस्थाओं का रुख करने पहुंचे उत्तरकाशी..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा में बढ़ती अव्यवस्थाओं के बाद सूबे के मुखिया ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। शुक्रवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा को लेकर हुई समीक्षा बैठक के बाद सीएम धामी खुद उत्तरकाशी के बड़कोट पहुंच गए हैं। बड़कोट में सीएम यमुनोत्री धाम यात्रा की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेंगे। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को उच्चाधिकारियों के साथ चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर समीक्षा बैठक की। बैठक में देहरादून, उत्तरकाशी, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल और उत्तरकाशी जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ शासन के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहे। बैठक के बाद सीएम धामी उत्तरकाशी के बड़कोट पहुंचे। बता दें बड़कोट में सीएम धामी यमुनोत्री धाम यात्रा की व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे। सीएम धामी के साथ उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट और गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय भी मौजूद हैं।
केदारनाथ यात्रा के लिए लाइन व्यवस्था लागू, उमड़ रही भीड़ के चलते लिया फैसला..
उत्तराखंड: केदारनाथ धाम की यात्रा को सुव्यवस्थित करने के लिए पुलिस और प्रशासन ने सोनप्रयाग से लाइन व्यवस्था को लागू किया है। बता दें कि श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए सोनप्रयाग से लाइन व्यवस्था को लागू किया गया है। जिसमें श्रद्धालु गौरीकुंड से शटल पार्किंग का उपयोग कर सकें। यात्रा को व्यवस्थित करने के लिए ये फैसला लिया गया है। सोनप्रयाग शटल पार्किंग जाने के लिए पुलिस यात्रियों को अपनी लाइन में लगने के लिए अनाउंसमेंट करने के साथ ही लाइन लगवा रही थी। इस बीच कुछ यात्री लाइन में न लगते हुए सीधे आगे बढ़ने लगे। तभी ड्यूटी पर नियुक्त पुलिसकर्मी ने यात्रियों को रोकने का प्रयास किया। इस दौरान श्रद्धालु पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता और मारपीट पर उतारू हो गए। किसी तरह श्रद्धालुओं को वहां मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों ने शांत करवाया।
उत्तराखंड में धधक रहे जंगल को देख भड़क गया सुप्रीम कोर्ट, दिया यह आदेश..
उत्तराखंड: प्रदेश के जंगलों में लगी आग पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई कर केंद्र और राज्य सरकार को फटकार लगायी है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि उसने ज़रूरत के अनुसार फंड राज्य सरकार को क्यों नहीं दिया। बता दें उत्तराखंड के जंगलों में धड़क रही आग का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई कर केंद्र और राज्य सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि उसने जरूरत के मुताबिक फंड राज्य सरकार को क्यों नहीं दिया। इसके साथ ही राज्य सरकार की तरफ से फंड का सही इस्तेमाल न किए जाने पर भी कोर्ट ने सवाल उठाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात की भी आलोचना की कि वन विभाग के अधिकारियों को भी चुनाव ड्यूटी में लगाया गया। कोर्ट ने उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से शुक्रवार को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर जवाब देने के लिए कहा है। बता दें सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले हुई सुनवाई में धामी सरकार को कहा था कि बारिश या क्लाउड सीडिंग के भरोसे नहीं बैठा जा सकता। आग की रोकथाम के लिए जल्द से जल्द कोई अन्य कदम उठाने की जरुरत है।
जंगल से सूखी पत्तियां इकट्ठी कर बेच रहे ग्रामीण, 50 रुपये में खरीद रही उत्तराखंड सरकार..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी की पहल रंग लाती नजर आ रही है। सीएम की पहल के बाद उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में ग्रामीण पिरूल एकत्र कर रहे हैं। आपको बता दें कि धामी सरकार 50 रूपये किलो की दर से पिरूल खरीद रही है। जंगलों की आग को देखते हुए सीएम धामी ने ग्रामीणों को पिरूल खरीदने के निर्देश दिये थे। उत्तराखंड के जंगलों में बढ़ती आग की घटनाओं को देखते हुए सीएम धामी ने पिरूल एकत्रित करने की अपील की थी। जिसके बाद अब पहाड़ों में ग्रामीण लोग पिरूल एकत्रित करते नजर आ रहे हैं।
क्या है ‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ मिशन ?
‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ मिशन के तहत ग्रामीणों को जंगलों से पिरूल इकट्ठा कर के लाना होगा। जिसके उन्हें रूपए मिलेंगे। सीएम धामी का कहना हैं कि इस मिशन के तहत जंगल की आग को कम करने के उद्देश्य से पिरूल कलेक्शन सेंटर पर 50 रूपए किलो की दर से पिरूल खरीदे जाएंगे। बता दें कि इस मिशन का संचालन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा किया जाएगा। इसके लिए 50 करोड़ का कार्पस फंड पृथक रूप से रखा जाएगा। आप भी जंगलों में आग लगने के सबसे बड़े कारण पिरूल से पैसे कमा सकते हैं। हालांकि पहाड़ों पर पिरूल को पहले से ही इकट्ठा किया जाता है। लेकिन ये पिरूल गौशाला में इस्तेमाल के लिए उपयोग में लाया जाता है। लेकिन अब इस से आप पैसे कमा सकते हैं। ‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ मिशन के तहत आपको पिरूल को इकट्ठा कर पिरूल कलेक्शन सेंटर तक ले जाना है। इसके आपको प्रति किलो 50 रूपए मिलेंगे।
आपको बता दें कि प्रदेश में साल 2018 में पिरूल नीति लागू की जा चुकी है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में प्रोजेक्ट पिरूल शुरू किया गया था। इस योजना के तहत पिरूल से बिजली बनाई गई थी। बता दें कि कुछ समय के लिए पिरूल से बिजली का उत्पादन भी हुआ था। लेकिन फिर ये योजना ठीक से चल नहीं पाई। एक बार फिर सीएम धामी के कार्यकाल में इस योजना को शुरू किया गया है।