सरकार जनता के द्वार को चरितार्थ करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत बुधवार को सीमांत जनपद चमोली के दुर्गम माने जाने वाली दूर्मी घाटी में पहुंचे। इस दुर्गम व सीमांत घाटी में पहुंचने वाले त्रिवेंद्र पहले मुख्यमंत्री हैं ।
यहां बता दें कि बीते 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक दुर्मी ताल (तालाब) के पुनर्निर्माण की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री की इस घोषणा के एवज में जनता ने उन्हें यहां आमंत्रित करते हुए उनके सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किया था।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दुर्मी-निजमुला घाटी में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने समेत बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए बुनियादी सुविधाओं से संबंधित लगभग एक दर्जन घोषणाएं कीं।
दरअसल, दुर्मी घाटी में 14 ग्राम पंचायत शामिल हैं। घाटी की जनसंख्या लगभग 8000 है। विकास और बुनियादी सुविधाओं की दृष्टि से इस घाटी में अभी बहुत कुछ होना बाकी है। क्षेत्रीय जनता पिछले कई वर्षों से सन 1970 की बाढ़ में टूट चुके दुर्मी ताल के निर्माण की मांग कर रही है। जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने की। दुर्मी घाटी में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर उत्साह देख गया।
इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक महेन्द्र भट्ट, भाजपा के जिलाध्यक्ष रघुवीर बिष्ट, दर्जाधारी राज्यमंत्री रिपुदमन सिंह रावत, जिला सहकारी बैंक चमोली के अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह रावत आदि मौजूद रहे।