बिना आरटीपीसीआर रिपोर्ट के देहरादून में एंट्री बंद, डीएम ने जारी किए आदेश..
उत्तराखंड: राजधानी देहरादून में दूसरे राज्यों से प्रवेश करने वाले लोगों के लिए 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य होगी। जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। उनका कहना है कि कोरोना टीके की दोनों डोज लगा चुके लोगों को इससे राहत रहेगी। लेकिन जिन्होंने अब तक दोनों डोज नहीं लगाई है, उन्हें हर हाल में 72 घंटे की निगेटिव रिपोर्ट लानी ही होगी।
जिलाधिकारी डा.आर राजेश कुमार का कहना हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ओमिक्रॉन को वैरिएंट ऑफ कंसर्न (वीओसी) घोषित किया है। जिले में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए आरटीपीसीआर टेस्टिंग को बढ़ाया जाना अतिआवश्यक है।
इसके साथ ही वर्तमान में जिले की सीमाओं आशारोड़ी, कुल्हान, रायवाला, आईएसबीटी, बस स्टेशन, जौलीग्रांट एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर रेंडम सैंपलिंग की जा रही है। जिसके चलते मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने राज्य में आने वाले सभी लोगों की अधिकतम 72 घंटे पहले की आरटी पीसीआर, ट्रू नेट, सीबीएनएएटी, आरएटी कोविड निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर ही जिले में प्रवेश देने की सिफारिश की है।
जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार का कहना हैं कि जिलाधिकारी की आख्या व सिफारिश के आधार पर 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर जांच की अनिवार्यता की गई है। जन सुरक्षाहित में बाहरी राज्यों व जिलों से आने वाले सभी लोगों को इसे लाने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा। इसके साथ ही जो लोग कोविड टीके की दोनों डोज लगा चुके हैं, उन्हें रिपोर्ट लाने की अनिवार्यता नहीं होगी। आपको बता दे कि लिखित आदेश में जिलाधिकारी ने इसका कोई जिक्र नहीं किया है।
देहरादून जिले में कोविड संक्रमितों के मिलने के बाद कई माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि सभी जोन में आवश्यक व्यवस्थाएं करने के लिए संबंधित विभागों को आदेश दिए गए हैं। वहां पर बैरिकेडिंग से लेकर खाने-पीने की व्यवस्था तक के लिए अलग-अलग विभागों को कहा गया है। उनका कहना हैं कि जोन से बाहर जाने या जोन में प्रवेश करने पर पूरी तरह रोक रहेगी।
आपको बता दे कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कसरत तेज कर दी है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.तृप्ति बहुगुणा ने प्रदेश के बाल रोग विशेषज्ञों की संस्था इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिशियन के साथ तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की। उनका कहना हैं कि अगर किसी परिवार के दो लोगों को खांसी-जुकाम है तो परिवार के सभी सदस्यों की कोविड जांच कराई जाए।