देश में कोरोना महामारी के चलते 24 मार्च से सम्पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा हुई थी। लॉकडाउन के दौरान किसी को भी भूखे नहीं सोने देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) की घोषणा की थी।
योजना के तहत परिवार के हर सदस्य को 5 किलो गेहूं या चावल और एक किलो चने की दाल मुफ्त देने की घोषणा की गई थी। अब तक इसके तहत अप्रैल में 93% , मई में 91% और जून में 71% लाभार्थियों को अनाज दिया जा चुका है। इसके लिए राज्यों ने अब तक 116 लाख मीट्रिक टन अनाज केंद्र सरकार से लिया है।
अप्रैल से जून तक PMGKAY के सफल कार्यान्वयन के बाद केंद्र सरकार ने इस योजना को जुलाई से नवम्बर तक 5 महीने के लिए और बढ़ा दिया था। इस योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA )और अंत्योदय अन्न योजना (AAY) में शामिल लगभग 81 करोड़ लाभार्थियों को खाद्यान्न मुफ्त प्रदान किया जा रहा है।
जुलाई से नवंबर तक PMGKAY के दूसरे चरण के लिए 200.19 लाख मैट्रिक टन खाद्यान्न का आवंटन निर्धारित किया गया है, जिसमें 91.33 एलएमटी गेहूं व 109.96 एलएमटी चावल है। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के अनुसार इस योजना की लाभार्थियों के साथ-साथ राज्य सरकारों से भी बहुत उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है। दूसरे चरण में यह योजना को 8 जुलाई को शुरू कर दी गई थी और 27 जुलाई तक 33.40 एलएमटी खाद्यान्न लाभार्थियों के वितरण के लिए राज्य सरकारों को जारी कर दिया गया है, जिसमें 13.42 एलएमटी गेहूं और 19.98 एलएमटी चावल है। यह आवंटन जुलाई माह के लिए होने वाले पूरे आवंटन का लगभग 83 प्रतिशत है।
खाद्य मंत्रालय के मुताबिक NFSA व AAY के तहत प्रत्येक लाभार्थी को सब्सिडी मूल्य पर मिलने वाला राशन कोटा पूर्व की भांति मिलता रहेगा और साथ ही गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत भी खाद्यान्न मुफ्त मिलेगा।
खाद्य मंत्रालय के मुताबिक भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने इन 5 महीनों में आवंटन के अनुसार खाद्यान्न स्टॉक देश के हर हिस्से तक पहुंचाने के लिए व्यापक लॉजिस्टिक प्लानिंग की है। केंद्र सरकार इसे एक चुनौती के रूप में देख रही है, क्योंकि इतनी बढ़ी मात्रा में खाद्यान्न की ढुलाई आसान काम नहीं है। यह मात्रा सामान्य आवंटन से दोगुनी है। इसके साथ ही भंडारण क्षमता भी बढ़ाई गई है। FCI के पास मौजूदा भंडारण क्षमता और परिवहन की व्यवस्था नियमित आवंटन के अनुसार ही है।
एफसीआई इस चुनौती के लिए पूरी तरह से तैयार है। लॉकडाउन की अवधि के दौरान की सबसे कठिन परिस्थितियों में FCI खाद्यान्न वितरित करने की अपनी क्षमताओं पर खरा उतरा है। लॉकडाउन में FCI ने कुशल लॉजिस्टिक संचालन के नए रिकॉर्ड बनाए गए हैं।
खाद्य मंत्रालय का प्रयास है कि प्रधानमंत्री मोदी की मंशा के अनुरूप खाद्यान्न निर्धारित आवंटन के अनुसार देश के हर कोने तक पहुंचे। खाद्य मंत्रालय के अनुसार FCI ने चालू सत्र के लिए खरीद का काम पहले ही पूरा कर लिया है और गेहूं तथा चावल दोनों की खरीद में नए रिकॉर्ड बनाए हैं। हाल ही में समाप्त फसल सीजन में FCI ने कुल 389.76 एलएमटी गेहूं और 504.91 एलएमटी चावल की खरीद की है। खाद्य मंत्रालय मॉनसून के वर्तमान रुझान को देखते हुए, 2020-21 के आगामी खरीफ सीजन को भी अच्छा होने की उम्मीद लगाए हुए है।