तमाम आरोपों से घिरे रहने वाले उत्तराखंड पेयजल निगम के प्रबन्ध निदेशक (MD) भजन सिंह के विरुद्ध प्रदेश सरकार ने जांच बैठा दी है। आईएएस अधिकारी डॉ नीरज खैरवाल को जांच अधिकारी नियुक्त कर एक माह के भीतर शासन को जांच रिपोर्ट देने के निर्देश जारी किए गए हैं।
बुधवार को उत्तराखंड शासन के अपर सचिव पेयजल जी.बी.औली की तरफ से जारी कार्यालय आदेश में कहा गया है कि भजन सिंह के विरुद्ध विभिन्न माध्यमों से कतिपय शिकायती पत्र प्राप्त हुए हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय के ऑनलाइन ग्रिवेंसेंस में दर्ज शिकायत और मुख्यमंत्री समाधान पोर्टल में दर्ज शिकायत भी प्राप्त हुई है। शिकायतों के मद्देनजर शासन स्तर पर इन आरोपों की प्रारम्भिक जांच हेतु उधमसिंहनगर के जिलाधिकारी डॉ नीरज खैरवाल को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि जांच अधिकारी को वित्तीय व तकनीकी मामलों में सहयोग की आवश्यकता चाहिए तो वे राज्य वित्त सेवा और नियोजन विभाग के तकनीकी अधिकारियों की शासन से अनुरोध कर मदद ले सकते हैं। जांच अधिकारी को MD पर लगे सभी आरोपों की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट किसी भी दशा में एक महीने के भीतर उपलब्ध कराने को कहा गया है।
चोली-दामन का साथ है आरोपों और भजन सिंह का
पेयजल निगम के MD भजन सिंह पर लगातार तमाम तरह के आरोप लगते रहे हैं। उनके विरुद्ध नियमों के विपरीत जाकर MD की कुर्सी हथियाने का भी आरोप है। विभाग में में मनमानी चलाना और अपने अनुकूल काम ना करने वाले अधिकारियों के उत्पीड़न के आरोप उन पर लगे हैं। मगर विभाग में उनका रुतबा बरकरार रहा है। भजन सिंह के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका भी दाखिल हुई है, जिसमें उन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा है कि भजन सिंह द्वारा नमामि गंगे योजना के तहत कई सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार किया है। इसलिए उनकी नियुक्ति को निरस्त किया जाए और भ्रष्टाचार के मामले की सीबीआइ से जांच कराई जाए। याचिका में यह आरोप भी लगाया है कि उनके द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से अपने चहेतों को टेंडर आवंटित कर दिए है, जिस कारण सरकार को राजस्व की हानि हुई है। याचिकाकर्ता ने MD द्वारा नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अयोग्य लोगों और ठेकों की जांच सीबीआइ से कराने की भी मांग की है।