उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 की धारा 16 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार ने पहली बार ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय परिषद का गठन किया है। सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय द्वारा इस सम्बन्ध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को परिषद में बतौर सदस्य शामिल किया गया है।
अधिसूचना के अनुसार केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री इसके पदेन अध्यक्ष व केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री पदेन उपाध्यक्ष होंगे। महामंडलेश्वर त्रिपाठी समेत परिषद में ट्रांसजेंडर समाज के पांच सदस्य नियुक्त किये गए हैं। महामंडलेश्वर त्रिपाठी उत्तर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगी। जबकि गोपी शंकर मदुरै दक्षिण क्षेत्र, मीरा परीदा पूर्व क्षेत्र, जैनब जाविद पटेल पश्चिम क्षेत्र व काक चिंगताबम श्याम चंद्र शर्मा पूर्वोत्तर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे।
इसके साथ ही ट्रांसजेंडरों के लिए काम करने करने वाले विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के चार प्रतिनिधियों को भी परिषद में जगह दी गई है। इनमें आर्यन पाशा, विहान पीताम्बर, रेशमा प्रसाद व पटेल चन्दूमाई गणेशदास शामिल हैं। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि नामित सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष के लिए होगा। परिषद के अन्य सदस्यों में केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों व विभागों के प्रतिनिधि, राष्ट्रीय मानवाधिकारआयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग, राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
परिषद के कार्य
उल्लेखनीय है कि ट्रांसजेंडरों की विभिन समस्याओं और उनके कल्याण के लिए मोदी सरकार ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 लागू किया है। इस क्रम में परिषद का गठन किया गया है। मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में जानकारी दी गई है कि राष्ट्रीय परिषद ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के संबंध में नीतियों, कार्यक्रमों, कानून और परियोजनाओं के निर्माण पर केंद्र सरकार को सलाह देगा। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की समानता और पूर्ण भागीदारी हासिल करने के लिए बनाई गई नीतियों और कार्यक्रमों के प्रभाव की निगरानी और मूल्यांकन करेगा। परिषद ट्रांसजेंडर व्यक्तियों से संबंधित मामलों से जुड़े सभी सरकारी विभागों और अन्य सरकारी तथा गैर-सरकारी संगठनों की गतिविधियों की समीक्षा और समन्वय स्थापित करने के साथ ही ट्रांसजेंडरों की शिकायतों का निवारण भी करेगा।