आर्थराइटिस यानी गठिया आज एक आम लेकिन बेहद परेशान करने वाली समस्या बन चुकी है। लगातार रहने वाला जोड़ों का दर्द, सूजन और जकड़न न केवल दैनिक कार्यों को प्रभावित करता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता को भी काफी हद तक कम कर देता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि दवाइयों के साथ आहार में किए गए छोटे बदलाव भी इस बीमारी के लक्षणों को काफी हद तक कम कर सकते हैं। खासतौर पर कुछ बीज, जिनमें प्राकृतिक ओमेगा-3 फैटी एसिड, एंटीऑक्सीडेंट्स और मिनरल्स पाए जाते हैं, जोड़ों की सूजन कम करने में बेहद प्रभावी माने जाते हैं।
ओमेगा-3 फैटी एसिड शरीर में सूजन को कम करने वाले यौगिक बनाते हैं, वहीं फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन जैसे पोषक तत्व हड्डियों को मजबूती प्रदान करते हैं। इन बीजों को डेली डाइट में शामिल करने से आर्थराइटिस के दर्द में राहत मिल सकती है, साथ ही हृदय और पाचन तंत्र भी मजबूत होता है।
1. अलसी के बीज — प्राकृतिक ओमेगा-3 का बेहतरीन स्रोत
अलसी के बीज ALA (अल्फा-लिनोलेनिक एसिड) से भरपूर होते हैं, जो शरीर में सूजन कम करने में अहम भूमिका निभाता है। इन्हें पीसकर पाउडर के रूप में दही, दलिया, रोटी या स्मूदी में मिलाकर सेवन करने से जोड़ों के दर्द में राहत मिल सकती है। ये कब्ज की समस्या में भी लाभकारी हैं।
2. चिया सीड्स — जोड़ों को देते हैं प्राकृतिक लुब्रिकेशन
चिया सीड्स कैल्शियम, मैग्नीशियम और ओमेगा-3 से भरपूर होते हैं। पानी सोखने की क्षमता के कारण ये जेल जैसा पदार्थ बनाते हैं, जो जोड़ों में ग्रीस की तरह काम करता है। इन्हें रातभर भिगोकर चिया पुडिंग या शेक के रूप में खाया जा सकता है।
3. कद्दू के बीज — सूजन को नियंत्रित करने में मददगार
कद्दू के बीज जिंक और मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं। जिंक शरीर की सूजन प्रक्रिया को नियंत्रित करता है और एंटीऑक्सीडेंट्स मुक्त कणों से होने वाले नुकसान को रोकते हैं। इन्हें हल्का सा भूनकर स्नैक की तरह या सलाद में मिलाकर खाया जा सकता है।
4. तिल के बीज — हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक
तिल में मौजूद सेसामिन एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाता है। तिल कैल्शियम और कॉपर का भी बढ़िया स्रोत हैं, जिससे हड्डियों और जोड़ों की मजबूती बढ़ती है। तिल को भूनकर, तिल के लड्डू, या तिल का तेल खाना पकाने में उपयोग किया जा सकता है।
5. सूरजमुखी के बीज — विटामिन E से भरपूर
सूरजमुखी के बीज विटामिन E का प्रमुख स्रोत हैं, जो सूजन कम करने में मदद करता है। इनमें मौजूद मैग्नीशियम भी मांसपेशियों और नसों के तनाव को कम करता है। इन्हें सलाद, दही, दलिया या सूप में मिलाकर खाया जा सकता है।
नोट: यह लेख मेडिकल व हेल्थ रिपोर्ट्स पर आधारित सामान्य जानकारी है। किसी भी तरह के उपचार या आहार में बदलाव करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
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