अहमदाबाद विमान हादसे पर AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी
हादसे के एक महीने बाद सामने आई जांच रिपोर्ट
नई दिल्ली। 12 जून को अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। इस त्रासदी में 260 लोगों की जान चली गई, जिनमें 229 यात्री, 12 क्रू सदस्य और 19 जमीन पर मौजूद नागरिक शामिल थे। एक महीने बाद अब इस हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने जारी की है। रिपोर्ट सामने आते ही केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू समेत कई प्रमुख नेताओं ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
रिपोर्ट पर क्या बोले उड्डयन मंत्री?
केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि यह केवल प्रारंभिक रिपोर्ट है, अंतिम नहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि एएआईबी एक स्वतंत्र जांच एजेंसी है और वह अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से काम कर रही है। मंत्रालय फिलहाल इस रिपोर्ट में सामने आई जानकारियों का गहराई से विश्लेषण कर रहा है, लेकिन अंतिम निष्कर्ष AAIB की फाइनल रिपोर्ट के बाद ही निकाला जाएगा।
सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
नायडू ने भारत की एविएशन इंडस्ट्री की सराहना करते हुए कहा कि देश के पास विश्वस्तरीय पायलट और क्रू हैं, जो हर परिस्थिति में बेहतरीन कार्य करते हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार इस हादसे की हर बारीकी से जांच कर रही है और अंतिम रिपोर्ट के आधार पर जरूरी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उड़ान सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल की प्रतिक्रिया
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने भी कहा कि यह रिपोर्ट केवल एक प्रारंभिक कदम है। फाइनल रिपोर्ट आने तक किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया में कोई हस्तक्षेप नहीं करता और पूरी पारदर्शिता से जांच हो रही है।
शाहनवाज हुसैन ने क्या कहा?
भाजपा नेता और पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन ने AAIB की इस रिपोर्ट को ‘चौंकाने वाला’ बताया। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक निष्कर्षों से यह स्पष्ट होता है कि विमान के इंजन को ईंधन की आपूर्ति बाधित हो रही थी, जो बेहद गंभीर मसला है। उन्होंने व्यापक और बहु-स्तरीय जांच की मांग की है ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न दोहराई जाएं।
हमेशा मिडिल क्लास युवक या रोमांटिक किरदारों में नजर आने वाले राजकुमार राव इस बार पूरी तरह बदले अवतार में दिखाई दे रहे हैं। उनकी नई फिल्म ‘मालिक’ शुक्रवार को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। गैंगस्टर की भूमिका में नजर आ रहे राजकुमार राव का यह नया अंदाज दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि, ओपनिंग डे पर फिल्म की कमाई उम्मीद से कमजोर रही।
पहले दिन महज 2.43 करोड़ की ओपनिंग, कलेक्शन में बढ़ोतरी की उम्मीद
फिल्म ‘मालिक’ को दर्शकों और समीक्षकों से मिला-जुला रिस्पॉन्स मिला है। पहले दिन के बॉक्स ऑफिस आंकड़ों के मुताबिक, फिल्म ने लगभग 2.43 करोड़ रुपये की कमाई की है, जो राजकुमार राव की स्टार पावर के मुकाबले थोड़ी कम मानी जा रही है। हालांकि, ट्रेड एनालिस्ट्स को उम्मीद है कि वीकेंड पर दर्शकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
तीन बड़ी रिलीज से टकराव, ‘सुपरमैन’ और ‘आंखों की गुस्ताखियां’ से कड़ी प्रतिस्पर्धा
राजकुमार राव की ‘मालिक’ को बॉक्स ऑफिस पर दो अन्य फिल्मों से सीधी टक्कर मिल रही है — शनाया कपूर और विक्रांत मैसी की ‘आंखों की गुस्ताखियां’ और हॉलीवुड की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘सुपरमैन’। तीनों फिल्मों का जॉनर अलग-अलग जरूर है, लेकिन एक ही दिन रिलीज होने के कारण दर्शकों की पसंद बंटती नजर आ रही है।
राजकुमार राव का गैंगस्टर अवतार दर्शकों को कितना भाएगा?
‘मालिक’ पूरी तरह से राजकुमार राव-केंद्रित फिल्म है, जिसमें वह एक गैंगस्टर के रूप में नजर आ रहे हैं। इससे पहले वे ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर 2’ में छोटे से गैंगस्टर रोल में दिखे थे, लेकिन इस बार वह लीड रोल में दमदार एक्शन अवतार में हैं। फिल्म में उनका लुक और अभिनय सराहनीय है, मगर कंटेंट और स्क्रिप्ट की पकड़ पर भी सवाल उठ रहे हैं।
पिछली फिल्म ‘भूल चूक माफ’ से कमतर ओपनिंग
राजकुमार की पिछली रिलीज ‘भूल चूक माफ’ ने अपने पहले दिन 7 करोड़ रुपये की कमाई की थी, जबकि ‘मालिक’ की शुरुआत इससे काफी धीमी रही है। अब फिल्म की असली परीक्षा शनिवार और रविवार को होगी, जब फैमिली ऑडियंस और वीकेंड कलेक्शन पर निर्भरता बढ़ेगी।
(साभार)
कोरोनेशन, तिब्बती मार्केट और परेड ग्राउंड में तैयार पार्किंग जल्द होगी जनता को समर्पित
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के “आधुनिक उत्तराखंड” के विजन को साकार करने की दिशा में देहरादून जिला प्रशासन ने एक अहम कदम उठाया है। शहर में यातायात दबाव को कम करने और पार्किंग की समस्या से निजात दिलाने के उद्देश्य से तीन स्थानों—कोरोनेशन अस्पताल, तिब्बती मार्केट और परेड ग्राउंड—पर ऑटोमेटिक मैकेनिकल पार्किंग सुविधाएं विकसित की गई हैं। इनका जल्द ही मुख्यमंत्री धामी लोकार्पण करेंगे।
कोरोनेशन अस्पताल में यह अत्याधुनिक पार्किंग सुविधा पूर्व-प्रचालन में लाई जा चुकी है। अस्पताल स्टाफ के वाहन अब स्वचालित रूप से पार्क किए जा रहे हैं, जिससे मरीजों और तीमारदारों के लिए भू-स्तरीय अधिक स्थान उपलब्ध हो रहा है।
इन पार्किंग स्थलों की विशेष बात यह है कि कम स्थान में अधिक क्षमता होने के साथ ही इन्हें आवश्यकता अनुसार अन्य स्थानों पर भी शिफ्ट किया जा सकता है।
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कोरोनेशन अस्पताल: 18 वाहन
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तिब्बती मार्केट: 132 वाहन
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परेड ग्राउंड: 96 वाहन
सभी पार्किंग में टेस्टिंग और ट्रायल कमीशनिंग प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है और इन्हें जल्द जनता के लिए खोला जाएगा। यह पहल देहरादून जैसे घनी आबादी वाले शहरों के लिए ट्रैफिक प्रबंधन का प्रभावी समाधान मानी जा रही है।
सुरक्षा और संचालन पर विशेष ध्यान
जिलाधिकारी सविन बंसल की अगुवाई में पार्किंग संचालन के लिए दो कुशल तकनीकी ऑपरेटर तैनात किए गए हैं। साथ ही, वाहनों को किसी भी प्रकार की क्षति की स्थिति में बीमा कवर सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
डीएम बंसल ने बताया कि यह योजना न केवल एक सफल प्रयोग है, बल्कि भविष्य में अन्य शहरी क्षेत्रों में भी ऐसी ही मल्टी-लेवल स्वचालित पार्किंग सुविधाओं के निर्माण की संभावना तलाशी जा रही है।
मुख्यमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप यह पहल न केवल शहर की पार्किंग व्यवस्था को स्मार्ट बनाएगी, बल्कि नागरिकों को बेहतर यातायात अनुभव भी प्रदान करेगी।
राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी अहम- पीएम मोदी
नई दिल्ली। शनिवार को देश के 47 शहरों में आयोजित रोजगार मेले के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 51,000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से युवाओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता पारदर्शी और ईमानदार भर्ती प्रक्रिया है। उन्होंने दोहराया, “बिना पर्ची, बिना खर्ची” का मंत्र आज की सरकारी भर्तियों की पहचान बन गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक लाखों युवाओं को रोजगार मेलों के माध्यम से नौकरी मिल चुकी है, जो आज राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
“युवा बढ़ाएंगे देश की विकास गति”
पीएम मोदी ने कहा कि आज नियुक्त हुए युवा आने वाले समय में रक्षा, विकास, वित्तीय समावेशन और औद्योगिक प्रगति जैसे विभिन्न क्षेत्रों में देश को नई दिशा देंगे। उन्होंने भरोसा जताया कि ये युवा भारत को आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
“राष्ट्र सेवा ही सबसे बड़ा कर्तव्य”
प्रधानमंत्री ने कहा कि विभाग अलग हो सकते हैं, लेकिन सभी की मंज़िल एक ही है – देश की सेवा। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि रोजगार मेलों ने यह विश्वास मज़बूत किया है कि आज सरकारी नौकरी केवल योग्यता के दम पर मिल सकती है।
स्वास्थ्य विभाग का सख्त निर्देश – बिना वैध पंजीकरण कोई भी डॉक्टर नहीं कर सकेगा इलाज
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने राज्य में चिकित्सा सेवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और आम जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब प्रदेश के किसी भी चिकित्सक, चाहे वह सरकारी सेवा में हो या निजी क्षेत्र में कार्यरत बिना पंजीकरण या नवीनीकरण के प्रैक्टिस नहीं कर सकेगा। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस संबंध में एक सख्त आदेश जारी किया है। सभी जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में कार्यरत सभी डॉक्टरों की सूची तैयार करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बिना पंजीकरण प्रैक्टिस न कर रहा हो। जिन डॉक्टरों ने अब तक नवीनीकरण नहीं कराया है उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट 2019
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा हस्ताक्षरित आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यह कदम नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट 2019 {पूर्ववर्ती इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट 1956} के प्रावधानों के अंतर्गत उठाया गया है। यह अधिनियम देशभर में चिकित्सा सेवा को नियंत्रित करता है और इसके तहत केवल वैध रूप से पंजीकृत चिकित्सक ही प्रैक्टिस कर सकते हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने को लेकर गंभीर है। उन्होंने कहा कि कई चिकित्सक वर्षों से बिना पंजीकरण प्रैक्टिस कर रहे हैं, जिससे सेवाओं की गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न लग रहे थे। साफ कर दिया है कि किसी भी स्थिति में बिना वैध पंजीकरण प्रैक्टिस नहीं चलने दी जाएगी।
जनता के विश्वास को भी मज़बूत करेगा
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया राज्य में ऐसी कई शिकायतें मिली थीं कि कुछ लोग डॉक्टर के नाम पर सेवा दे रहे हैं, जबकि उनके पास वैध डिग्री या पंजीकरण नहीं है। यह आदेश न केवल ऐसे लोगों पर रोक लगाएगा बल्कि जनता के विश्वास को भी मज़बूत करेगा।
पंजीकरण प्रक्रिया होगी सरल और तेज़
राज्य में बिना पंजीकरण प्रैक्टिस कर रहे हैं डॉक्टर या नवीनीकरण नहीं कराया है। अब सभी को कार्रवाई के दायरे में लाया जाएगा। चिकित्सा परिषद को डॉक्टरों की अद्यतन सूची जनपदों को भेजने और बिना पंजीकरण प्रैक्टिस करने वालों की सूची सार्वजनिक करने के निर्देश दिए गए हैं। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को भी सरल और ऑनलाइन बनाया जा रहा है।
जनस्वास्थ्य और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि यह निर्णय औपचारिकता नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य की सुरक्षा और सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का प्रयास है। शासन की मंशा है कि कोई भी मरीज बिना पंजीकरण प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर से इलाज न कराए।
निर्देशों का पालन न करने पर होगी कार्रवाई
सीएमओ को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे डॉक्टरों की प्रमाणपत्रों की जांच कर सुनिश्चित करें कि कोई भी बिना पंजीकरण प्रैक्टिस न कर रहा हो। निर्देशों की अवहेलना पर संबंधित डॉक्टरों को सेवा से पृथक करने या नोटिस जारी करने को कहा गया है। जनपदवार प्रगति रिपोर्ट साप्ताहिक रूप से शासन को भेजी जाएगी।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा राज्य में मरीजों को केवल पंजीकृत और प्रमाणित चिकित्सकों से इलाज मिलेगा। चिकित्सा परिषद की भूमिका और डॉक्टरों की जिम्मेदारी दोनों ही अब और अहम होंगी।
गुजरात दौरे में सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने की घोषणा, युवाओं को मिलेगा सहकारी प्रबंधन में प्रशिक्षण
देहरादून/अहमदाबाद। गुजरात दौरे के दौरान राज्य के सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड में देश के पहले सहकारी विश्वविद्यालय का कैम्पस खोला जायेगा। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा सभी औपचारिकताएं पूरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के सहकारी बैंक व गुजरात राज्य सहकारी बैंक (GSCB) कर्मचारियों के प्रशिक्षण और नवाचार के क्षेत्र में एक अनुबंध करेंगे।
गांधीनगर सर्किट हाउस में डॉ. रावत ने गुजरात के सहकारिता मंत्री जगदीश विश्वकर्मा और सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। जिसमें डिजिटल बैंकिंग, ऋण वितरण, और गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) की वसूली के प्रभावी तंत्र पर चर्चा की गई।
डॉ. रावत ने गुजरात के सहकारी मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि इसे उत्तराखंड में लागू कर किसानों, महिलाओं और युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त किया जाएगा। उन्होंने GSCB की डिजिटल बैंकिंग प्रणाली और NPA वसूली के कुशल तंत्र की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, “त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय, जो आनंद में इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट (IRMA) के कैंपस में स्थापित हो रहा है, सहकारी क्षेत्र में शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान को बढ़ावा देगा। उत्तराखंड में भी इसका एक कैंपस स्थापित किया जायेगा, ताकि हमारे युवाओं को सहकारी प्रबंधन और तकनीकी कौशल मिल सके।
उन्होंने बताया कि त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय, जिसका नाम अमूल के संस्थापक त्रिभुवन दास पटेल के नाम पर रखा गया है, सहकारी क्षेत्र में डिग्री, डिप्लोमा और पीएचडी पाठ्यक्रम प्रदान करेगा। यह देश भर में सहकारी प्रशिक्षण संस्थानों का एक नेटवर्क बनाएगा। यह पहल उत्तराखंड के सहकारी क्षेत्र को मजबूती प्रदान कर ग्रामीण विकास और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगी।
“इसके अतिरिक्त बैठक में, उत्तराखंड के सहकारी बैंक GSCB के साथ मिलकर सहकारी बैंकों के कर्मचारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने पर सहमति बनी। इन कार्यक्रमों में डिजिटल प्रौद्योगिकी, वित्तीय प्रबंधन, ग्राहक सेवा और ग्रामीण आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
डॉ. रावत ने गुजरात मॉडल के अनुरूप उत्तराखंड में NPA वसूली को तेज करने और एक संरचित कार्ययोजना लागू करने की बात कही।
बैठक में उत्तराखंड सहकारिता विभाग के सचिव सहकारिता डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, सचिव सहकारिता गुजरात सरकार संदीप कुमार, निबंधक सहकारी समितियां गुजरात एम पांडे, निबंधक सहकारी समितियां उत्तराखंड मेहरबान सिंह बिष्ट, प्रबंध निदेशक उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक प्रदीप मेहरोत्रा, संयुक्त निबंधक नीरज बेलवाल, मंगला प्रसाद त्रिपाठी, गुजरात स्टेट कॉपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक एवं अमूल डेयरी के प्रबंध निदेशक एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
एक ही दिन पूरे प्रदेश में रोपे जाएंगे 05 लाख पौधे
“हरेला का त्योहार मनाओ, धरती मां का ऋण चुकाओ की थीम पर मनेगा हरेला पर्व
प्रधानमंत्री के एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत भी रोपे जाएंगे पौधे
देहरादून। इस वर्ष हरेला पर्व पर उत्तराखंड पौधरोपण पर रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। इस दिन पूरे प्रदेश में एक ही दिन में 05 लाख से अधिक पौधे रोपे जाएंगे। जिसमें से गढ़वाल मंडल में 03 लाख और कुमाऊं मंडल में 02 लाख पौधे रोपण का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए शासन स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर इस बार हरेला का त्योहार मनाओ, धरती मां का ऋण चुकाओ और एक पेड़-माँ के नाम की थीम पर यह पौधरोपण आयोजित किया जाएगा। पूरे माह इस पर्व के तहत कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
इस पौधरोपण अभियान की सफलता में ग्रामीणों से लेकर स्कूली छात्र और विभिन्न विभागों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुंधाशु की ओर से सभी जिलाधिकारियों को पत्र भी लिखा गया है। उत्तराखंड में हर साल जुलाई माह में हरेला पर्व का आयोजन किया जाता है। इस बार 16 जुलाई को यह पर्व मनाया जाएगा। यह पर्व प्रकृति को समर्पित है। ऐसे में इस पर्व पर आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को संपूर्ण प्रदेश में वृहद स्तर पर पौधरोपण आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। जिसके तहत संपूर्ण प्रदेश में पांच लाख पौधे रोपित करने का लक्ष्य रखा गया है।
इससे पहले जुलाई 2016 में प्रदेश में एक ही दिन में करीब 2 लाख पौधे रोपे गए थे। ऐसे में इस बार यह रिकॉर्ड टूटने जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड प्रकृति के बेहद करीब है। ऐसे में यह हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि पर्यावरण का संरक्षण करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप हरेला पर्व के साथ ही एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत संपूर्ण प्रदेश में वृहद स्तर पर यह पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत सार्वजनिक स्थानों, वनों, नदियों, गाड, गदेरों के किनारे, स्कूलों, कॉलेज, विभागीय परिसर, सिटी पार्क, आवासीय परिसर में पौधरोपण किया जाएगा। जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों, छात्रों, विभागीय कर्मियों, एनसीसी, एनएसएस के साथ ही आमजनमानस की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
मालूम हो कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड के लोक पर्व और लोक संस्कृति को एक नई पहचान मिली है। पिछले चार साल में हरेला, इगास, बटर फेस्टिवल, फूलदेई, घी संक्रांत जैसे लोक पर्व को एक नई पहचान मिली है। उत्तराखंड से बाहर भी लोग इन त्योहार को पहचान रहे हैं।
देहरादून- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने, मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र भेजकर अपनी समस्या बताने वाले फरियादियों से बातचीत करते हुए अधिकारियों को उन पर उचित कार्रवाही के निर्देश दिए हैं। डोईवाला तहसील के शेरगढ़ निवासी कर्मचंद ने शिकायत दर्ज कराई थी, कि उनके खेत के लिए आने वाली सिंचाई नहर, टूट गई है, जिस कारण सिंचाई का संकट खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री ने उनसे पूरी समस्या सुनने के बाद, प्रमुख अभियंता सिंचाई विभाग को मामले में उचित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। इसी तरह मेजर नरेश कुमार सकलानी ने उनकी भूमि पर निजी व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण कर लधु सिंचाई नहर बनाने की शिकायत दर्ज की गई, जिस पर मुख्यमंत्री धामी ने जिलाधिकारी देहरादून को तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। एक अन्य शिकायतकर्ता कैनाल रोड निवासी धीरेंद्र शुक्ला ने बिल्डर के खिलाफ परेशान करने की शिकायत दर्ज कराई है, मुख्यमंत्री ने एमडीडीए को इस प्रकरण में जांच करने को कहा है। विकासनगर दिनकर विहार निवासी विशन दत्त शर्मा की सड़क संबंधित शिकायत पर भी मुख्यमंत्री ने सचिव लोक निर्माण विभाग को कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
“जनता के पत्र सिर्फ कागज़ नहीं, उम्मीद और विश्वास का प्रतिबिम्ब होते हैं, आज ऐसे ही कुछ शिकायती पत्र पढ़ने के बाद मैने संबंधित शिकायतकर्ताओं से बात की। साथ ही अधिकारियों को इन पर तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। समाधान ही हमारी सरकार की कार्यशैली की सबसे बड़ी पहचान है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री
आम्रपाली योजना के पास झाड़ियों में मिली महिला, हालत गंभीर
स्थानीय लोगों की सतर्कता से बची जान, पुलिस कर रही छानबीन
उत्तर प्रदेश। एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है, जहां जमानत पर छूटे एक आरोपी ने उसी महिला को दोबारा अपना शिकार बनाया, जिसके साथ पहले भी वह दुष्कर्म कर चुका था।
आरोपी ने पीड़िता का अपहरण कर दुबारा दुष्कर्म किया। जब महिला ने विरोध किया, तो आरोपी ने उसकी बेरहमी से पिटाई की और फिर हाथ-पैर बांधकर उसे मरणासन्न अवस्था में आम्रपाली योजना के पास झाड़ियों में फेंक दिया।
स्थानीय लोगों ने झाड़ियों में पड़ी महिला को देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और घायल महिला को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया है, और गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। यह मामला न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जमानत पर छूटे अपराधियों की निगरानी कितनी जरूरी है।
हमारे शरीर का लगभग 60-70% हिस्सा पानी से बना होता है, जो शरीर की हर जरूरी गतिविधि — जैसे पाचन, रक्त संचार, और तापमान नियंत्रित करने — में अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में यदि शरीर में पानी की कमी हो जाए, जिसे हम डिहाइड्रेशन कहते हैं, तो यह स्थिति हमारे स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकती है।
डिहाइड्रेशन क्यों होता है?
डिहाइड्रेशन तब होता है जब शरीर से पानी का स्तर जरूरत से ज़्यादा कम हो जाता है और हम उसे समय पर पूरा नहीं कर पाते। इसके मुख्य कारण हो सकते हैं:
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अधिक पसीना आना (गर्मी या व्यायाम के दौरान)
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बार-बार दस्त या उल्टी होना
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पर्याप्त पानी न पीना
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बुखार के समय तरल की अधिक हानि
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अत्यधिक कैफीन या शराब का सेवन
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डायबिटीज या किडनी की बीमारी से बार-बार पेशाब आना
डिहाइड्रेशन के लक्षण क्या हैं?
प्रारंभिक लक्षण:
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बार-बार प्यास लगना
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मुंह सूखना
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थकावट और चक्कर आना
गंभीर लक्षण:
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गहरे पीले रंग का पेशाब या पेशाब की मात्रा में कमी
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शुष्क त्वचा
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तेज़ दिल की धड़कन
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लगातार सिरदर्द
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कभी-कभी बेहोशी या भ्रम की स्थिति
कैसे करें डिहाइड्रेशन से बचाव?
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दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, खासकर गर्मी और व्यायाम के दौरान।
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शरीर से निकले तरल (जैसे पसीना, पेशाब) की पूर्ति पेय पदार्थों से करें।
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दस्त, उल्टी या बुखार की स्थिति में ORS (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) का सेवन करें।
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शराब और कैफीन युक्त पेय का सीमित सेवन करें।
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बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि उनमें डिहाइड्रेशन का खतरा ज्यादा होता है।