पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए फ्लोटिंग पापुलेशन हेतु सुविधाओं की व्यवस्था के लिए नीति आयोग से विशेष ग्रांट का आग्रह
बेहतरीन फाइनेंशियल मैनेजमेंट में उत्तराखंड छोटे राज्यों में दूसरे नंबर पर – मुख्यमंत्री
देहरादून। सीएम धामी ने कहा कि जल्द ही दिल्ली देहरादून एलिवेटेड रोड शुरू हो जाने पर राज्य में भारी संख्या में पर्यटकों की आने संभावना को देखते हुए राज्य सरकार नियोजन की चुनौती पर अभी से पूरी सक्रियता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि शहर की ट्रैफिक समस्या और भविष्य की जरूरत को देखते हुए 26 किमी रिस्पना – बिंदाल एलिवेटेड रोड के लिए केंद्र से अनुरोध किया गया है। सीएम ने बताया कि पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए फ्लोटिंग पापुलेशन हेतु सुविधाओं की व्यवस्था के लिए नीति आयोग से विशेष ग्रांट का आग्रह किया गया है| मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य हर क्षेत्र में उत्कृष्टता की ओर बढ़ रहा है | हम एसडीजी इंडेक्स में पहले स्थान पर रहे। जीईपी लागू करने वाले सबसे पहले राज्य बने। यूसीसी लागू करने वाले भी सबसे पहले साहसी राज्य बने। हम अपनी 6500 एकड़ से अधिक भूमि अतिक्रमण से मुक्त करवा चुके हैं। राज्य में निरंतर विकास के नवाचार अपनाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में फोटोग्राफर भूमेश भारती की कॉफी टेबल बुक “एरियल विस्टाज़ ऑफ उत्तराखंड” का विमोचन किया।
कार्यक्रम में उपस्थित छायाचित्रकारों, कला एवं प्रकृति प्रेमियों सहित उपस्थित सभी महानुभावों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भूमेश भारती ने 15 वर्षों की अथक साधना, समर्पण और संवेदनशील दृष्टिकोण के साथ उत्तराखंड की प्रकृति और संस्कृति को इस अद्वितीय फोटोग्राफी संकलन द्वारा साकार रूप दिया है। भूमेश केवल एक फोटोग्राफर नहीं हैं बल्कि वे एक ऐसे कलाकार हैं, जो प्रकृति के सौंदर्य को आत्मा की गहराई से अनुभव करके अपने कैमरे के माध्यम से दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करते हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह कॉफी टेबल बुक जो भी देखेगा, वो न केवल उत्तराखंड की नैसर्गिक सुंदरता से अभिभूत होगा, बल्कि उसे देखने के लिए उत्तराखंड की ओर खींचा चला आएगा।
“नई पर्यटन नीति” से डेस्टिनेशन उत्तराखंड” स्थापित होगा वैश्विक पर्यटन मानचित्र -मुख्यमंत्री धामी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी देवभूमि उत्तराखंड प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक ऊर्जा का अद्भुत संगम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार राज्य में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में हमने “डेस्टिनेशन उत्तराखंड” को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के उद्देश्य से “नई पर्यटन नीति” के अंतर्गत निवेशकों को आकर्षित करने हेतु अनुकूल वातावरण तैयार करने में सफलता प्राप्त की है।
राज्य में दो स्पर्चुअल जोन हो रहे तैयार- सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य में धार्मिक, साहसिक, ईको-टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म और फिल्म पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों को विकसित करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। आज जहां एक ओर केदारखंड की भांति मानसखंड कॉरिडोर को भव्य रूप में विकसित किया जा रहा है। वहीं ऋषिकेश और हरिद्वार को योग और आध्यात्मिक केंद्रों के रूप में वैश्विक स्तर पर प्रमोट करने के उद्देश्य से योजनाबद्ध रूप से कार्य भी किया जा रहा है। इस वर्ष से हमने शीतकालीन यात्रा भी प्रारंभ की है जिसको प्रोत्साहित करने के लिए स्वयं आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले दिनों हर्षिल- मुखबा के दौरे पर आए थे। हम राज्य में साहसिक पर्यटन जैसे ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, स्कीइंग और माउंटेनियरिंग को बढ़ावा देने के लिए भी निरंतर प्रयासरत है।
उत्तराखंड बना मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य में फिल्म शूटिंग को आसान बनाने के लिए सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम भी प्रारंभ किया है।साथ ही हम उत्तराखंड में शूटिंग करने पर फिल्म निर्माताओं को विशेष सब्सिडी और अन्य सुविधाएं भी प्रदान कर रहे हैं। हमारे इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि उत्तराखंड को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट के अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड देश-विदेश के निवेशकों के लिए एक पसंदीदा पर्यटन स्थल बनता जा रहा है। हाल ही में केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से हमारे चार गांवों जखोल, हर्षिल, गूंजी और सूपी को “सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार” से सम्मानित किया गया है। हमारी सरकार उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के अपने “विकल्प रहित संकल्प” को पूर्ण करने हेतु पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्य कर रही है।
कार्यक्रम में अपर सचिव मुख्यमंत्री बंशीधर तिवारी, वीसी दून विश्वविद्यालय श्रीमती सुरेखा डंगवाल, वरिष्ठ पत्रकार सतीश शर्मा, प्रदेशभर से आए फोटोजर्नलिस्ट मौजूद रहे |
तैयारियों को लेकर लोनिवि एवं सिंचाई विभाग की समीक्षा बैठक में मंत्री ने दिये आवश्यक निर्देश
देहरादून। मानसून के दौरान सड़कों के अवरुद्ध होने से बड़ी संख्या में लोग मार्ग खुलने की घंटों प्रतीक्षा करते हैं। ऐसे में हमें सजग रहना चाहिए और सड़कों को खोलने में तत्परता दिखानी चाहिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यही लक्ष्य है कि हम पूरी तरह से समर्पित होकर कार्य करें और मानसून के दौरान यात्रा में जो अवरोध आते हैं उसका तत्काल समाधान हो।
उक्त बात प्रदेश के लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने यमुना कालोनी, स्थित प्रमुख अभियंता कार्यालय लोक निर्माण विभाग सभागार में उपस्थित लोक निर्माण एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ मानसून सीजन की तैयारीयों के संबंध में हुई समीक्षा बैठक के दौरान विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कही। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि यदि हम सजगता के साथ काम करेंगे तो मानसून का सीजन बिना किसी अवरोध के ठीक से निकल जायेगा। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान यदि कोई सड़क बंद होती है तो उसकी पूर्व सूचना यात्रियों को पहले ही पूर्ववर्ती स्टेशन पर मिल जानी चाहिए ताकि वह वैकल्पिक मार्गों का प्रयोग कर अपने गंतव्य तक पहुंच सके।
महाराज ने बैठक के दौरान विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए की मानसून के दौरान सड़कों पर जेसीबी की व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और लोक निर्माण विभाग तथा सिंचाई विभाग के अंतर्गत आने वाले नालों की साफ सफाई तथा पानी की उचित निकासी के प्रबंधन में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि बरसात से राज्य में 54 सड़कें अवरुद्ध थी जिनमें से 19 को यातायात के लिए खोल दिया गया है। वर्तमान में प्रदेश में 672 सड़कें पूरी तरह से खुली हुई हैं। मानसून के दौरान मार्ग अवरुद्ध होने की स्थिति में इस समय 361 वैकल्पिक मार्ग यातायात के लिए खुले हुए हैं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए की मैदानी क्षेत्रों में अधिकतर स्थानों पर बाढ़ एवं जल भराव का खतरा हमेशा बना रहता है इसलिए ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त होना चाहिए।
बैठक के दौरान सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने सिंचाई मंत्री को बताया कि मानसून अवधि तक प्रत्येक जनपद के नोडल खण्ड में बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर दी गई है। सिंचाई खण्ड, देहरादून के परिसर में केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया जा चुका है। बाढ़ सम्बन्धित सूचनाओं के आदान प्रदान हेतु विभागीय बाढ़ नियंत्रण प्रभारी द्वारा एक Whats’app Group बनाया गया है, जिसमें राज्य/जिला स्तरीय अधिकारी सदस्य हैं तथा सभी अधिकारी मोबाईल पर 24×7 हमेशा उपलब्ध हैं। राज्य में कुल 113 बाढ़ चौकियां प्रशासन के सहायोग से स्थापित कर ली गयी है। मानसून में बाढ़ तथा जल भराव की दृष्टि से 304 संवेदनशील स्थलों का चिन्हीकरण भी कर लिया गया है। राज्य की मुख्य नदियों के जलस्तर की सिंचाई विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा निरन्तर मॉनिटरिंग की जा रही है।
बैठक में विधायक दुर्गेश्वर लाल, सिंचाई सचिव युगल किशोर पंत, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद सुमन (वर्चुअल प्रतिभा), संयुक्त सचिव जे.एल. शर्मा, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता राजेश शर्मा, सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता सुभाष कुमार पाण्डेय, लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता रणजीत सिंह रावत सहित सभी जनपदों के जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी एवं प्रमुख विभागीय अधिकारियों ने भी बैठक में वर्चुअल प्रतिभा किया।
18 से 28 वर्ष के युवाओं को हर महीने ₹6000 तक की इंटर्नशिप राशि देगी सरकार
बिहार। चुनाव पूर्व तैयारियों के तहत बिहार सरकार ने युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने “मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना” की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य 18 से 28 वर्ष तक के युवाओं को इंटर्नशिप और रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराना है।
योजना के तहत पात्र युवाओं को शैक्षणिक योग्यता के आधार पर ₹4,000 से ₹6,000 प्रतिमाह की इंटर्नशिप सहायता राशि दी जाएगी। इसके अतिरिक्त उन्हें आजीविका सहयोग राशि भी प्रदान की जाएगी, जिससे वे कार्य अनुभव के साथ आर्थिक रूप से भी सशक्त हो सकें।
विस्तृत लाभ:
12वीं पास युवाओं को ₹4,000 प्रतिमाह
आईटीआई या डिप्लोमा धारकों को ₹5,000 प्रतिमाह
स्नातक डिग्रीधारकों को ₹6,000 प्रतिमाह
सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2025-26 में 5,000 युवाओं को इस योजना से जोड़ा जाए, और अगले पांच वर्षों में यह संख्या बढ़ाकर एक लाख तक पहुंचाई जाए।
दवाएं नकली नहीं, तकनीकी कमियों से सैंपल हुए फेल- दवा निर्माता
उत्तराखंड की छवि को धूमिल करने की हो रही कोशिश- दवा निर्माता
देहरादून। ड्रग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने कहा प्रदेश तेजी से फार्मा हब बनने की दिशा में बढ़ रहा है। प्रदेश में फार्मा कंपनियों का विस्तार हो रहा है और यहां से निर्मित दवाएं विश्व के अनेक देशों में निर्यात की जा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के फार्मा हब बनने की दिशा में कुछ बाहरी प्रदेशों के लोग अडंगा लगाने का प्रयास कर रहे हैं और यहां की कंपनियों के नाम पर नकली दवाएं बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे नकली दवा निर्माताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। एसोसिएशन के मुताबिक नकली दवाओं और नॉन स्टैंडर्ड क्वालिटी (एनएसक्यू) ड्रग में अंतर होता है। एनएसक्यू दवाएं नकली नहीं होती है उनमें महज तकनीकी कमी होती है।
देहरादून स्थित उत्तरांचल प्रेस क्लब में मीडिया से बात करते हुए ड्रग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद कालानी ने बताया कि प्रदेश में पूर्ण रूप से गुणवत्तापूर्ण दवाओं का निर्माण हो रहा है। फार्मा कंपनियां दवा उत्पादन के सभी निर्धारित मापदंडों का पालन कर रही है। उनके मुताबिक अच्छी दवाएं तय मानकों और वैज्ञानिक प्रक्रियाओं के अनुसार बनाई जाती हैं। वहीं नकली दवाएं या तो घटिया सामग्री से बनती हैं, या उनकी जानकारी और लेबलिंग जानबूझकर गलत दी जाती है।
एनएसक्यू दवा नकली नहीं
एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद कालानी ने बताया कि हर एनएसक्यू दवा नकली नहीं होती। उन्होंने कहा कि कोई भी लाइसेंस प्राप्त मैन्युफैक्चरर नकली दवाएं नहीं बनाता। उन्होंने कहा कि मीडिया एनएसक्यू में फेल दवा को नकली बताता है जो कि सही नहीं है। यह तकनीकी कमियों का मामला है। ऐसे में यदि मीडिया इस दवा को नकली बताए तो कंपनी और उसकी ब्रांडिंग पर प्रतिकूल असर पड़ता है। एसोसिएशन के सदस्य पीके बंसल ने बताया कि अधिकांश दवाएं पीएच में अंतर होने, डिसइंटीग्रेशन टेस्ट में विलंब, डिसॉलूशन टेस्ट में बदलाव या लेबलिंग की गलती से होती है। यह दवा किसी भी तरह से मरीज के लिए हानिकारक नहीं होती है। बस इसमें तकनीकी कमी होती है।
क्लाईमेट का भी होता है असर
एसोसिएशन के महासचिव संजय सिकारिया के मुताबिक हाल में जिन दवाओं के 27 सैंपल फेल होने की बात है। वह भी इन मामूली तकनीक के आधार पर ही फेल किये गये हैं। हमें 28 दिन में हायर टेस्टिंग लैब में इसकी जांच करने की अपील करनी होती है। मुख्य टेस्टिंग लैब कोलकत्ता में है। यदि वहां से भी सैंपल फेल होता है तो ही दवा को सब स्टैंडर्ड या नकली बताया जा सकता है। एसोसिएशन के सदस्य रमेश जैन के मुताबिक क्लाइमेट चेंज का असर भी दवाओं पर होता है। उनके मुताबिक कश्मीर में अलग मौसम होता है और तटीय इलाकों में दूसरा तो नार्थ-ईस्ट में अलग। दवा एक ही होती है। कैमिस्ट यदि इसे धूप में रखेगा तो इसकी गुणवत्ता प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि दवाओं को ठंडी जगह और अंधेरे में रखने की सलाह दी जाती है लेकिन सभी कैमिस्ट इसका पालन नहीं करते।
एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद कालानी ने मीडिया से अपील की कि एनएसक्यू दवाओं को नकली न कहा जाए। उन्होंने कहा कि मीडिया महज सेंटर ड्रग्स स्टेंडर्ड कंट्रोल आर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) की प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर ही दवाओं को नकली बताकर समाचार प्रकाशित या चैनल पर दिखा देते हैं इससे कंपनी की छवि और ब्रांड पर प्रतिकूल असर पड़ता है। जबकि मीडिया से यह उम्मीद की जाती है कि कोलकत्ता स्थिति सेंट्रल लेबोरिटी (सीडीएल ) से जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही सही समाचार प्रकाशित किया जाएं। फार्मा कंपनी की दवाओं को एनएसक्यू के आधार पर नकली न करार दिया जाए। इससे कंपनी की ब्रांड और छवि खराब होती है।
प्रदेश सरकार दे रही हरसंभव मदद
एसोएिशन के अध्यक्ष प्रमोद कालानी ने कहा कि उत्तराखंड फार्मा हब बन रहा है। फार्मा कंपनियां लगातार विस्तार कर रही हैं। ग्लोबल इंवेस्टर्स सम्मिट के बाद फार्मा कंपनियों में निवेश को बढ़ावा दिया है। प्रदेश सरकार सहयोग कर रही है और इसके सकारात्मक प्रभाव से फार्मा सेक्टर में निवेश और रोजगार बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में मौजूदा समय में 285 फार्मा कंपनी हैं और प्रदेश में देश के कुल दवा उत्पादन में 20 प्रतिशत की भागीदारी है। प्रेस कांफ्रेंस में एसोसिएशन के महासचिव संजय सिकारिया, पी के बसंल, कुलदीप सिंह, आर सी जैन, निखिल गोयल, आईपीएस चावला आदि फार्मा मैन्युफैक्चरर्स मौजूद थे।
महिला आयोग ने लिया संज्ञान, पीड़िता से मिलीं कुसुम कंडवाल
ऋषिकेश। ऋषिकेश में पुरानी चुंगी हरिद्वार रोड स्थित एक सार्वजनिक शौचालय में कल शाम करीब 6:00 शौचालय के संचालक उम्र 50 वर्षीय लगभग द्वारा चंदेश्वर नगर की बस्ती में रहने वाली 7 वर्षीय एक नाबालिक किशोरी के साथ छेड़छाड़ करते हुए अश्लील हरकतें की गई। मामले की जानकारी मिलते ही राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने इसमें संज्ञान लिया गया है।
उन्होंने कहा कि यह अत्यंत निंदापूर्ण व शर्मनाक घटना है, मामले में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने पीड़िता व उसके परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा आरोपी के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी नाबालिकों के साथ इस प्रकार का दुर्व्यवहार अत्यंत दुखद व चिन्ताजनक है।
उन्होंने इस मामले में एसओ ऋषिकेश से फोन और वार्ता की तथा जानकारी ली जिसमे उनके द्वारा बताया गया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा उसके विरुद्ध पोक्सो के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
वहीं राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष कुसुम कंडवाल द्वारा नगर निगम ऋषिकेश के नगर आयुक्त गोपाल बिनवाल को शहर में पिंक टॉयलेट व उनके अंतर्गत महिला कर्मचारियों की तैनाती के लिए निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम के अधिकारी इस बात का संज्ञान लेने की पिंक टॉयलेट में केवल महिला कर्मचारी हो जिससे इस प्रकार की कोई निन्दपूर्ण घटना को अंजाम न दे सके।
राज्य संपत्तियों और दायित्वों के लंबित मामलों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड राज्य के मध्य अवशेष आस्तियों एवं दायित्वों के मामलों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन मामलों में दोनों राज्यों के बीच पिछली बैठक में सहमति बनी थी, उनमें से जिन मामलों में कार्यवाही गतिमान है, उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के साथ बैठक कर उनका जल्द समाधान किया जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दोनों राज्यों के अवशेष आस्तियों एवं दायित्वों के मामले में जल्द ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक करेंगे।
दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की पिछली बैठक के बाद जिला उधमसिंहनगर एवं हरिद्वार में स्थित जलाशयों /नहरों में वाटर स्पोर्टस की अनुमति दी जा चुकी है। सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा विद्युत बिलों के रूप में 57.87 करोड़ रूपये का भुगतान किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश मत्स्य निगम द्वारा उत्तराखण्ड मत्स्य पालन विकास अभिकरण को 3.98 करोड़ रूपये का भुगतान किया जा चुका है। वन विकास निगम उत्तराखण्ड को दी जाने वाली देयताओं का आंशिक भुगतान किया गया है। परिवन निगम की अवशेष राशि का भुगतान किया गया जा चुका है। आवास विभाग के अन्तर्गत आवास विकास परिषद की परिसम्पत्तियों के निस्तारण का निर्णय हुआ है।
बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव डॉ. नीरज खेरवाल एवं संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
राज्य योजनाओं की मॉनिटरिंग से लेकर कर्मियों की समस्याओं पर हुई विस्तृत चर्चा
देहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में सचिव समिति की बैठक आयोजित हुयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने राज्य एवं जनहित से जुड़ी योजनाओं सहित राज्य सरकार के कर्मियों की समस्याओं एवं मुद्दों पर चर्चा करते हुए विभिन्न दिशा निर्देश दिए।
ई-डीपीआर मॉड्यूल से की जाए सभी डीपीआर तैयार- मुख्य सचिव
मुख्य सचिव ने सभी सचिवों को अपने विभागों के अन्तर्गत किए जाने वाले कार्यों के लिए ई-डीपीआर मॉड्यूल को लागू किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ई-डीपीआर के माध्यम से डीपीआर तैयार किए जाने से लेकर सरकार तक पहुंचने तक की गतिविधि ई-डीपीआर के माध्यम से की जाए। उन्होंने कहा कि ई-डीपीआर का क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग को शत-प्रतिशत रूप से ऑनलाईन किया जाए।
प्रत्येक कर्मचारी का सर्विस बुक डाटा किया जाए अपडेट
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि यूकेपीएफएमएस के माध्यम से सभी कर्मियों की सर्विस बुक डाटा को अपडेट किया जाए। उन्होंने कहा कि आईएफएमएस डेटा का डिजिटाईजेशन शीघ्र किया जाए। इसके लिए आईएफएमएस मैकेनिज्म को मजबूत किए जाने की भी आवश्यकता है। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों एवं वाहन चालकों के जीपीएफ सम्बन्धी डेटा को भी लगातार अपडेट किए जाने के निर्देश दिए हैं।
ई-ऑफिस और बायोमैट्रिक को विभागों एवं जनपदों में किया जाए 100 प्रतिशत लागू
मुख्य सचिव ने सभी सचिवगणों को अपने-अपने विभागों के अंतर्गत 100 प्रतिशत ई-ऑफिस शीघ्र लागू किए जाने के निर्देश दोहराए। उन्होंने जनपद स्तरीय कार्यालयों को भी शीघ्र ई-ऑफिस पर शिफ्ट किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, विभागों में 100 प्रतिशत बायोमैट्रिक उपस्थिति लागू किए जाने के भी निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिर्फ शुक्रवार सायं
मुख्य सचिव ने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा जिलाधिकारियों को अलग-अलग दिन अलग-अलग समय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आयोजित कर के अनावश्यक रूप से व्यस्त रखा जाता है। इस समस्या के निस्तारण एवं जिलाधिकारियों को अन्य महत्त्वपूर्ण कार्यों के लिए मुक्त रखे जाने हेतु शुक्रवार सायंकाल का समय निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि विशेष परिस्थितियों के अतिरिक्त जिन भी विभागों को जिलाधिकारियों के साथ बैठक करनी हैं, वे प्रत्येक शुक्रवार सायंकाल जिलाधिकारियों के साथ आयोजित होने वाली बैठक में अपनी बात रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि अपनी बैठकों के एजेण्डा पॉइन्ट्स पूर्व में ही जिलाधिकारियों को साझा किए जाएं।
आईएएस अधिकारी शीघ्र लें अपने प्रथम नियुक्ति के कार्यस्थलों को गोद
मुख्य सचिव ने शीघ्र ही भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों द्वारा प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय नियुक्ति के कार्यक्षेत्र (विकासखण्ड, तहसील और जिला मुख्यालय) को गोद लेने की प्रक्रिया में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को अपने विभागों के अंतर्गत केन्द्र एवं राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की लगातार समीक्षा किए जाने के भी निर्देश दिए हैं।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, नितेश कुमार झा, श्रीमती राधिका झा, सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. नीरज खैरवाल, विनय शंकर पाण्डेय, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, डॉ. सुरेन्द्र नारायण पाण्डेय, विनोद कुमार सुमन, रणवीर सिंह चौहान एवं धीराज सिंह गर्ब्याल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
भगवती नगर से रवाना हुए 4000 से 5000 श्रद्धालु, जयकारों से गूंजा माहौल
जम्मू – अमरनाथ यात्रा 2025 की औपचारिक शुरुआत आज तड़के जम्मू से हुई, जब उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भगवती नगर यात्री निवास से पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस जत्थे में 4000 से 5000 श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। यात्रा का शुभारंभ ‘बम-बम भोले’ के जयकारों के बीच बेहद उत्साहपूर्ण माहौल में हुआ।
इस अवसर पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, “श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेहतरीन व्यवस्थाएं की हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने यात्रा मार्गों पर व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए हैं। देशभर से श्रद्धालु भारी संख्या में पहुंचे हैं और उनका उत्साह अत्यंत सराहनीय है।”
यात्रा मार्ग पर सुरक्षा के लिहाज से खास तैयारियां की गई हैं। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग और लंगर स्थल चंद्रकोट समेत पूरे रूट पर सुरक्षा बलों की तैनाती को और मजबूत किया गया है। आतंकवाद के खतरे को दरकिनार करते हुए इस बार भी भोलेनाथ के भक्त बड़ी संख्या में यात्रा में भाग ले रहे हैं।
अमरनाथ यात्रा इस वर्ष 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी। यात्रियों के लिए बालटाल और पहलगाम दो मुख्य आधार शिविर बनाए गए हैं, जहां से आगे की चढ़ाई की जाती है।
उप-राज्यपाल ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे यात्रा के दौरान सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें और यात्रा को शांतिपूर्ण और सुरक्षित बनाने में सहयोग दें।
टिहरी में जाजल फकोट के पास हुआ हादसा, चार गंभीर घायल एम्स रेफर
टिहरी। उत्तराखंड के टिहरी जनपद में ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर जाजल और फकोट के बीच दर्दनाक हादसा हो गया। कांवड़ यात्रियों से भरा एक ट्रक अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गया, जिसमें एक श्रद्धालु की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य कई घायल हो गए।
ऋषिकेश से गंगोत्री की ओर जा रहे कांवड़ यात्रियों का ट्रक जाजल फकोट के बीच हादसे का शिकार हो गया। ट्रक में कुल 15 यात्री सवार थे। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट ने जानकारी दी कि हादसे में एक यात्री की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 14 घायल हो गए हैं।
गंभीर रूप से घायल चार यात्रियों को एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है। आठ घायलों को नरेंद्र नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया है, जबकि एक यात्री का प्राथमिक उपचार फकोट स्वास्थ्य केंद्र में किया जा रहा है। एक अन्य यात्री को हल्की चोटें आई हैं।
कांवड़ यात्रा के दौरान बढ़ती भीड़ और ट्रैफिक को देखते हुए प्रशासन लगातार सतर्कता बरत रहा है, बावजूद इसके यह हादसा कई सवाल खड़े करता है।
बुजुर्ग दंपत्ति को 3080 वर्ग फुट की संपत्ति मिली वापस, डीएम अदालत से मिला त्वरित न्याय
देहरादून — जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने एक बार फिर असहायों को त्वरित न्याय दिलाकर प्रशासनिक संवेदनशीलता का परिचय दिया है। गिफ्ट डीड की शर्तों का उल्लंघन करने पर डीएम न्यायालय ने बुजुर्ग दंपत्ति की संपत्ति वापस उनके नाम करते हुए पुत्र को बड़ा झटका दिया है।
प्रकरण के अनुसार, बुजुर्ग परमजीत सिंह ने अपनी 3080 वर्ग फुट की संपत्ति, जिसमें दो बड़े हॉल शामिल हैं, गिफ्ट डीड के माध्यम से अपने पुत्र गुरविंदर सिंह के नाम कर दी थी। डीड की शर्तों के तहत गुरविंदर सिंह को अपने माता-पिता का भरण-पोषण करने, उनके साथ निवास करने और पोते-पोती को दादा-दादी से मिलने से न रोकने का वादा किया गया था।
हालांकि, संपत्ति अपने नाम होते ही पुत्र ने बुजुर्ग माता-पिता से न केवल दूरी बना ली, बल्कि बच्चों को भी दादा-दादी से मिलने से रोक दिया। निराश और उपेक्षित बुजुर्ग दंपत्ति ने न्याय के लिए जिलाधिकारी की शरण ली।
जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय में मामले की विधिवत सुनवाई की गई। विपक्षी गुरविंदर सिंह को कई बार नोटिस भेजे गए और सार्वजनिक विज्ञप्तियों के माध्यम से भी सूचना दी गई, परंतु उनकी ओर से कोई आपत्ति दाखिल नहीं की गई और न ही वे न्यायालय में उपस्थित हुए।
प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं और पर्याप्त अवसर के उपरांत, जिलाधिकारी सविन बंसल ने गिफ्ट डीड को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया और पूरी 3080 वर्ग फुट की संपत्ति पुनः बुजुर्ग परमजीत सिंह और उनकी पत्नी अमरजीत कौर के नाम कर दी।
इस फैसले के बाद जिला अधिकारी न्यायालय में ही बुजुर्ग दंपत्ति की आंखों से आंसू छलक पड़े। वर्षों की उपेक्षा और थानों, तहसीलों व अधीनस्थ अदालतों की दौड़ के बाद उन्हें पहली बार त्वरित न्याय मिला।
डीएम बंसल ने “भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम” की विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह निर्णय सुनाया। इस फैसले से एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया कि जिला प्रशासन समाज में कमजोर वर्गों की सहायता के लिए सजग और सक्रिय है।