पोस्टल बैलेट की व्यवस्था नहीं, शिक्षक संघ ने की व्यवस्था की मांग
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को अपने मताधिकार से वंचित रहना पड़ेगा। निर्वाचन आयोग की ओर से इस बार ऐसे कर्मचारियों के लिए पोस्टल बैलेट या किसी वैकल्पिक व्यवस्था का कोई प्रावधान नहीं किया गया है, जिससे शिक्षक संगठनों और कर्मचारी यूनियनों में रोष है।
उत्तरकाशी जनपद में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए नियुक्त किए गए 3395 कर्मचारी, 20 जोनल मजिस्ट्रेट, 76 सेक्टर मजिस्ट्रेट और 50 प्रभारी अधिकारियों को मतदान के दिन ड्यूटी करनी होगी, लेकिन वे स्वयं अपने मत का प्रयोग नहीं कर पाएंगे। निर्वाचन आयोग की ओर से पंचायत चुनाव में मतदान ड्यूटी कर रहे कर्मियों के लिए मताधिकार के उपयोग हेतु कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं।
इस मुद्दे को लेकर राजकीय शिक्षक संघ सहित विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने गहरी नाराजगी जताई है। संघ के जिलाध्यक्ष अतोल महर ने कहा कि विधानसभा, लोकसभा और नगर निकाय चुनावों में पोस्टल बैलेट जैसी व्यवस्था के जरिए ड्यूटी पर लगे कर्मचारी अपने मताधिकार का प्रयोग कर पाते हैं, लेकिन पंचायत चुनाव में यह सुविधा नहीं दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि अधिकतर कर्मचारी ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं और उनका नाम वहीं के मतदान क्षेत्रों में दर्ज है। कई गांवों में तो कर्मचारी बड़ी संख्या में हैं, जिनके मतदान से वंचित रहने का सीधा असर वहां के मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।
इस संदर्भ में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) एसएल सेमवाल ने स्पष्ट किया कि निर्वाचन आयोग की ओर से पंचायत चुनाव में ड्यूटी पर लगे कर्मचारियों के मतदान के लिए कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है।
संगठनों ने मांग की है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रत्येक नागरिक को मताधिकार देना अनिवार्य है, इसलिए भविष्य में आयोग को पंचायत चुनाव में भी अन्य चुनावों की भांति वैकल्पिक मतदान व्यवस्था लागू करनी चाहिए।
लोकसभा के बाद विधानसभा में भी बिखरी एमवीए, उद्धव ने बताई अंदरूनी खामियां
मुंबई— महाराष्ट्र में आगामी नगर निकाय चुनाव से पहले महाविकास अघाड़ी (MVA) के भीतर मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गठबंधन की आंतरिक खींचतान और हालिया विधानसभा चुनावों में मिली हार को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे ही हालात बने रहे तो “साथ रहने का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा।”
गठबंधन की एकता पर उठे सवाल
ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में सीटों के बंटवारे और उम्मीदवार चयन में हुई देरी को एमवीए की सबसे बड़ी कमजोरी बताया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन मिलने के बावजूद गठबंधन दलों ने आपसी समन्वय पर ध्यान नहीं दिया और चुनाव में दलगत हितों की होड़ ने जनता को भ्रमित किया।
“ऐसे ही चले तो जनता भरोसा खो देगी” – उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट कहा कि अगर आगे भी यही रवैया जारी रहा तो जनता का भरोसा टूट जाएगा। उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव के दौरान शिवसेना (यूबीटी) को कुछ ऐसी सीटें छोड़नी पड़ीं, जहां उसका मजबूत जनाधार था। “सीटों के चयन में हुई खींचतान और उम्मीदवारों को लेकर बनी असहमति ने संगठन की कमजोरी उजागर की,” ठाकरे ने जोड़ा।
“अपनी गलतियां भी माननी होंगी”
ठाकरे ने कहा कि गठबंधन सिर्फ चुनाव आयोग या ईवीएम पर दोष डालकर बच नहीं सकता। उन्होंने ‘लड़की बहन योजना’ जैसे घोषणापत्री वादों को भी हार का कारण बताया और कहा कि इससे मतदाता भ्रमित हुआ। उन्होंने कहा, “हमें आत्ममंथन करना होगा और अपनी गलतियां स्वीकारनी होंगी।”
चुनाव नतीजों की हकीकत
2024 लोकसभा चुनाव में एमवीए ने महाराष्ट्र की 48 में से 30 सीटें जीती थीं, लेकिन विधानसभा चुनाव में बीजेपी, शिंदे गुट और अजित पवार गुट वाली महायुति ने भारी बहुमत हासिल किया। बीजेपी को 132, शिंदे की शिवसेना को 57 और एनसीपी (अजित पवार) को 41 सीटें मिलीं। दूसरी ओर, एमवीए को सिर्फ 46 सीटें ही मिल पाईं — जिसमें ठाकरे गुट को 20, शरद पवार को 16 और कांग्रेस को 10 सीटें मिलीं।
आज के दौर में जब फिटनेस प्राथमिकता बन चुकी है, लोग केवल “क्या खाएं” नहीं, बल्कि “कब खाएं” पर भी जोर देने लगे हैं। इसी सोच से जुड़ा है एक लोकप्रिय तरीका — इंटरमिटेंट फास्टिंग, जो तेजी से लोगों की रुचि का केंद्र बनता जा रहा है। यह कोई डाइट प्लान नहीं, बल्कि खाने का एक विशेष पैटर्न है, जिसमें उपवास और भोजन के समय को रणनीतिक रूप से बांटा जाता है।
इस फास्टिंग सिस्टम को वजन घटाने, मेटाबॉलिज्म बेहतर करने और संपूर्ण स्वास्थ्य सुधारने के लिए अपनाया जा रहा है। लेकिन इसके लाभों के साथ कुछ जोखिम भी हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग कैसे काम करता है, इसके क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं, और इसे अपनाने से पहले किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
क्या होता है इंटरमिटेंट फास्टिंग?
इंटरमिटेंट फास्टिंग का मतलब है — खाने और न खाने के समय का विशेष निर्धारण। इसमें खाने की एक सीमित विंडो होती है, जबकि बाकी समय उपवास किया जाता है। इसके दो सबसे आम तरीके हैं:
16/8 विधि – दिन के 16 घंटे उपवास और 8 घंटे भोजन।
5:2 विधि – सप्ताह में 5 दिन सामान्य आहार और 2 दिन बहुत कम कैलोरी।
उपवास के दौरान शरीर पहले जमा शुगर को ऊर्जा में बदलता है और फिर फैट को जलाकर ऊर्जा बनाता है। इसे ही मेटाबॉलिक स्विच कहा जाता है।
संभावित फायदे
वजन घटाना: फैट बर्निंग की प्रक्रिया को तेज करता है और अनजाने में कैलोरी की मात्रा कम हो जाती है।
ब्लड शुगर कंट्रोल: इंसुलिन सेंसिटिविटी बेहतर होती है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम होता है।
सेलुलर क्लीनिंग (ऑटोफैगी): शरीर अपनी क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को साफ करता है, जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है।
ब्रेन हेल्थ: शोध के मुताबिक यह मानसिक सतर्कता और न्यूरोलॉजिकल हेल्थ के लिए फायदेमंद हो सकता है।
संभावित नुकसान
शारीरिक असहजता: शुरुआत में सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, कमजोरी और चक्कर आ सकते हैं।
पोषण की कमी: अगर संतुलित डाइट न ली जाए तो विटामिन और मिनरल की कमी हो सकती है।
विशेष समूहों के लिए जोखिम: गर्भवती महिलाएं, मधुमेह रोगी, किशोर और खाने के विकार से पीड़ित लोग इससे बचें।
क्या रखें सावधानी?
उपवास के बाद ओवरईटिंग से बचें, नहीं तो वजन घटाने की जगह बढ़ भी सकता है।
हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट ही फास्टिंग का असर तय करती है।
कुछ अध्ययनों के अनुसार इससे कुछ लोगों में हार्ट डिजीज का रिस्क भी बढ़ सकता है।
किसी भी हेल्थ प्लान की तरह, इसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना बेहद जरूरी है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग एक प्रभावी तरीका हो सकता है, लेकिन यह हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं है। शरीर की जरूरतों और मेडिकल कंडीशन को ध्यान में रखते हुए ही इसे अपनाना चाहिए। यदि सही तरीके से और चिकित्सकीय निगरानी में किया जाए, तो यह फास्टिंग पैटर्न आपको बेहतर स्वास्थ्य की ओर ले जा सकता है।
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3080 वर्ग फीट सम्पति पुनः बुजुर्ग दम्पति के नाम
देहरादून— एक संवेदनशील मामले में बुजुर्ग दंपति को उनकी संपत्ति वापस दिलाते हुए देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने न्याय का सशक्त उदाहरण पेश किया है। अपने बेटे द्वारा गिफ्ट डीड के तहत मिली संपत्ति पर कब्जा कर उन्हें घर से निकालने के मामले में डीएम ने न सिर्फ गिफ्ट डीड को रद्द किया बल्कि संपत्ति को पुनः बुजुर्ग दंपति के नाम दर्ज करने का आदेश भी पारित कर दिया।
दरअसल, बुजुर्ग परमजीत सिंह ने अपनी 3080 वर्गफुट की संपत्ति — जिसमें दो बड़े हॉल शामिल हैं — गिफ्ट डीड के माध्यम से अपने बेटे गुरविंदर सिंह के नाम कर दी थी। डीड में स्पष्ट शर्तें थीं कि बेटा अपने माता-पिता का भरण-पोषण करेगा, उनके साथ रहेगा, और बच्चों को दादा-दादी से मिलने से नहीं रोकेगा। परंतु, संपत्ति अपने नाम होते ही बेटे ने इन शर्तों का उल्लंघन करते हुए माता-पिता को न सिर्फ घर से निकाल दिया, बल्कि पोते-पोतियों को भी उनसे मिलने से रोक दिया।
इस अमानवीय व्यवहार से आहत बुजुर्ग दंपति ने जब तहसील, थाना और अवर न्यायालय में न्याय न मिलने पर डीएम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, तो उन्हें पहली ही सुनवाई में राहत मिल गई। डीएम बंसल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विपक्षी पक्ष को नोटिस जारी किए और सार्वजनिक सूचना भी प्रसारित की। बावजूद इसके, न तो गुरविंदर सिंह ने आपत्ति जताई और न ही न्यायालय में प्रस्तुत हुए।
पर्याप्त अवसर और वैध स्पष्टीकरण के बावजूद अनुपस्थिति को संज्ञान में लेते हुए डीएम ने गिफ्ट डीड को रद्द कर संपत्ति पुनः बुजुर्ग दंपति के नाम दर्ज करने का आदेश पारित किया। आदेश सुनते ही न्यायालय में मौजूद बुजुर्ग दंपति की आंखों से आंसू छलक पड़े।
भरण-पोषण अधिनियम की विशेष शक्तियों का उपयोग करते हुए डीएम ने यह फैसला सुनाया और सामाजिक कर्तव्य से विमुख व्यवहार पर सख्त संदेश दिया कि माता-पिता के साथ अन्याय किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस निर्णय से न केवल परमजीत सिंह और अमरजीत कौर को इंसाफ मिला, बल्कि समाज को भी एक मजबूत संदेश गया कि बुजुर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रशासन तत्पर है।
ट्रंप के दावे पर मचा बवाल, कांग्रेस ने पीएम मोदी से माँगा जवाब
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक हालिया बयान ने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है। ट्रंप ने दावा किया कि उनके हस्तक्षेप के चलते ही भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम संभव हो सका। इसके जवाब में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। पार्टी का आरोप है कि पीएम मोदी ने व्यापारिक हितों के लिए देश के सम्मान से समझौता किया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले ट्रंप का यह बयान कई सवाल खड़े करता है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “यह 24वीं बार है जब ट्रंप यह कह रहे हैं कि उन्होंने भारत-पाक युद्ध रोका और मोदी सरकार अब भी चुप है।”
कांग्रेस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, “ट्रंप कह रहे हैं कि भारत-पाक के बीच लड़ाई में पांच जेट मार गिराए गए। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने व्यापार समझौता रोकने की धमकी दी, तभी दोनों देश युद्धविराम पर राजी हुए। मगर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी यह सवाल उठाती है कि क्या भारत ने वाकई व्यापार के बदले राष्ट्रीय स्वाभिमान को गिरवी रख दिया?”
जयराम रमेश ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप लगातार दो बातें दोहरा रहे हैं — पहला कि उन्होंने युद्ध रुकवाया और दूसरा कि व्यापार सौदे के बिना भारत-पाक को पीछे हटना पड़ा। अब यह संसद और देश का अधिकार है कि पीएम मोदी स्पष्ट करें कि ट्रंप के दावों में कितनी सच्चाई है।”
ट्रंप ने क्या कहा?
एक रैली में ट्रंप ने दावा किया, “हमने कई बड़े युद्ध रोके। भारत और पाकिस्तान के बीच तो हालात बहुत खराब हो रहे थे। मुझे लगता है वहां पांच फाइटर जेट भी मार गिराए गए थे। ये दोनों परमाणु संपन्न देश हैं, जो एक-दूसरे पर हमले कर रहे थे। हम चाहते थे कि यह युद्ध रुके और इसके लिए हमने व्यापारिक दबाव का इस्तेमाल किया।”
ट्रंप ने इसके साथ ही BRICS जैसे संगठनों पर भी निशाना साधा और धमकी दी कि इन देशों से आयात पर वह 10% टैरिफ लगाने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह समूह चाहे जो भी करे, वह ज्यादा समय तक नहीं टिक पाएगा।
यशराज फिल्म्स के बैनर तले बनी और मोहित सूरी द्वारा निर्देशित रोमांटिक ड्रामा ‘सैयारा’ ने सिनेमाघरों में दस्तक देते ही दर्शकों के बीच हलचल मचा दी है। लंबे समय से चर्चाओं में रही यह फिल्म आखिरकार 18 जुलाई को रिलीज हो गई, जिसमें बॉलीवुड को दो नए चेहरे—अहान पांडे और अनीत पड्डा—मिले हैं। फिल्म को लेकर पहले से ही जबरदस्त बज़ था, और ओपनिंग डे के आंकड़े बताते हैं कि दर्शकों ने इस नई जोड़ी को हाथोंहाथ लिया है।
ओपनिंग डे पर दो अंकों की कमाई, 21 करोड़ के साथ किया मजबूत आगाज
फिल्म ‘सैयारा’ ने बॉक्स ऑफिस पर उम्मीद से कहीं बेहतर प्रदर्शन करते हुए पहले ही दिन 21 करोड़ रुपये की कमाई की है। इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि यह किसी भी डेब्यू स्टार की फिल्म के लिए बड़ी शुरुआत मानी जाती है। फिल्म का कुल बजट लगभग 45 करोड़ रुपये बताया जा रहा है, ऐसे में वीकएंड तक इसके लागत के करीब पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।
‘सैयारा’ ने बनाया अलग मुकाम, टकराव के बावजूद आगे निकली
रिलीज के साथ ही फिल्म का सीधा मुकाबला अनुपम खेर की ‘तन्वी द ग्रेट’ और सोनाक्षी सिन्हा की ‘निकिता रॉय’ से हुआ, लेकिन ‘सैयारा’ इन दोनों फिल्मों से आगे निकल गई है। रोमांटिक प्लॉट, दमदार संगीत और फ्रेश केमिस्ट्री ने यंग ऑडियंस को खासा आकर्षित किया है।
क्रिटिक्स और दर्शकों से मिली सराहना
फिल्म को ना सिर्फ क्रिटिक्स से सकारात्मक रिव्यू मिले हैं, बल्कि दर्शकों का रिस्पॉन्स भी बेहद उत्साहजनक रहा है। आदित्य चोपड़ा और अक्षय विधानी द्वारा प्रोड्यूस की गई इस फिल्म की पटकथा रोहन शंकर और संकल्प सदाना ने तैयार की है। सिनेमेटोग्राफी, संगीत और एक्टिंग—हर पहलू में फिल्म ने बेहतरीन छाप छोड़ी है।
(साभार)
सिन्धु घाटी सभ्यता की स्क्रिप्ट का किया जाए अनुवाद
देहरादून। हमारे देश में अनेकों ऐसे ऐतिहासिक स्थल हैं जिन पर शोध किया जाना आवश्यक है। इतना ही नहीं इन स्थानों पर अंकित लिपी का हमारी सभ्यता एवं संस्कृति के दृष्टिकोण से अनुवाद किया जाना भी बेहद जरूरी है।
उक्त बात प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, लोकनिर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम, मंत्री सतपाल महाराज ने केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को लिखे एक पत्र के माध्यम से कही है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री शेखावत से कहा है कि सिन्धु घाटी की सभ्यता के स्क्रिप्ट का अनुवाद करवाया जाना चाहिए। उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा में स्थित पाषाणकालीन लखुडियार की अति प्राचीन पेंटिंग का इतिहास, जौनसार क्षेत्र में स्थित प्राचीन गुफाओं एवं सरस्वती नदी के उद्गम स्थल के रहस्य आदि पर भी पुरातत्व विभाग के माध्यम से शोध किया जाना अत्यन्त आवश्यक है।
संस्कृति मंत्री महाराज ने कहा कि हमारी समृद्ध सॅस्कृति और यहाँ के ‘प्राचीन इतिहास एवं सभ्यता पर गहन शोध की आवश्यकता है। हमारे देश में अनेकों ऐसे ऐतिहासिक स्थल हैं जिन पर अंकित लिपि का अनुवाद और शोध होना जरूरी है। उन्होंने केन्द्रीय संस्कृति मंत्री से अनुरोध किया है कि सिन्धु घाटी सभ्यता की स्क्रिप्ट का अनुवाद करवाने के साथ-साथ बलूचिस्तान के लोगों द्वारा जो ब्राहुई भाषा का प्रयोग किया जाता है वह हमारी तमिल, तेलगू और मलयालम से मिलती-जुलती है। कन्धार में बसे लोग गन्धारी की संतान बतायी जाती है ये सभी हमारी संस्कृति का अनुसरण करते हैं अतः इन सभी पर शोध किये जाने की अत्यन्त आवश्यकता है।
प्रदेश के संस्कृति मंत्री महाराज ने केन्द्रीय मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा में स्थित पाषाणकालीन लखुडियार की अति प्राचीन पेंटिंग का इतिहास, जौनसार क्षेत्र में स्थित प्राचीन गुफाओं एवं सरस्वती नदी के उद्गम स्थल के रहस्य आदि पर भी पुरातत्व विभाग के माध्यम से शोध किया जाना अत्यन्त आवश्यक है जिससे हमारी नई पीढी को हमारी समृद्धशाली संस्कृति एवं इतिहास की विस्तृत जानकारी मिल सके और इससे वह लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कहा कि हमारी सांस्कृतिक विरासत का विदेशों में भी अप्रत्यक्ष रूप से अनुसरण किया जाता है। इराक के कुर्द लोग अपने घर में मोर की फोटो लगाते हैं, यूरोप में बसे हुए उत्तर भारत मूल के जिप्सी समाज के लोग हस्तरेखा देखकर भविष्य बताने का काम करते हैं।
उन्होंने केन्द्रीय मंत्री शेखावत से अनुरोध किया कि ऐतिहासिक स्थलों एवं विदेशों में हमारी संस्कृति को धारित किये विभिन्न जाति के लोगों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त कराते हुए इसमें शोध करवाये जाने हेतु सम्बन्धित विभागों को निर्देशित किया जाये।
180 मीटर में भूस्खलन से सड़क बार-बार हो रही बाधित, लोनिवि को डीपीआर तैयार करने के आदेश
देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल ने विकासनगर से चकराता तक विभिन्न क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर आपदा प्रबंधन की तैयारियों का जायजा लिया। मानसून के चलते लगातार हो रहे भूस्खलनों को देखते हुए उन्होंने कई अहम निर्णय मौके पर ही लिए।
जजरेट स्लाइड जोन को मिली विशेष स्वीकृति
कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर जजरेट के खतरनाक स्लाइड जोन का निरीक्षण करते हुए डीएम बंसल ने आपदा अधिनियम के तहत विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए मौके पर ही वन भूमि हस्तांतरण की स्वीकृति दे दी। उन्होंने लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) को निर्देश दिए कि तत्काल डीपीआर तैयार कर स्लोप प्रोटेक्शन कार्य प्रारंभ किया जाए। करीब 180 मीटर क्षेत्र में पहाड़ी से लगातार मलबा गिरने के कारण सड़क बार-बार बाधित हो रही है।
सड़क और पोल की मरम्मत के निर्देश
साहिया के पास क्षतिग्रस्त हुए सड़क के पुस्ता और विद्युत पोल को लेकर डीएम ने तत्काल प्रोटेक्शन वर्क का प्रस्ताव तैयार कर कार्य आरंभ करने को कहा। वहीं डामटा-पानुआ मोटर मार्ग पर पाट-बमराड के पास भूस्खलन से प्रभावित सड़क और आवासीय इलाकों की सुरक्षा के लिए जियोलॉजिकल सर्वे और टीएचडीसी के माध्यम से डिजाइन तैयार करने के निर्देश दिए।
हैंगिंग रॉक को हटाने की योजना
ध्वेरा बैंग क्षेत्र में खतरनाक बनी हैगिंग रॉक की स्थिति को देखते हुए डीएम ने इस स्थान के लिए भी विशेष योजना तैयार करने को कहा।
चकराता सीएचसी का किया निरीक्षण
निरीक्षण के दौरान डीएम सविन बंसल ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चकराता का भ्रमण कर ओपीडी, प्रसूति कक्ष, शल्य कक्ष, औषधि भंडार आदि की व्यवस्थाओं की समीक्षा की। लाइटिंग की समस्या, एक्स-रे मशीन की मरम्मत, फोकस एलईडी लाइट और पंजीकरण काउंटर के विस्तार हेतु संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए।
सीएचसी स्थानांतरण पर जनता की आपत्ति
स्थानीय लोगों ने सीएचसी को चकराता से अन्यत्र न ले जाने की मांग रखी, जिस पर डीएम ने कहा कि जनहित में ही निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद उन्होंने डाकरा में प्रस्तावित नई सीएचसी भूमि का निरीक्षण किया और जियोलॉजिकल सर्वे व मृदा परीक्षण कराने के निर्देश दिए।
निरीक्षण में कई अधिकारी रहे मौजूद
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, उप जिलाधिकारी विनोद कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज कुमार, अधीक्षण अभियंता ओमपाल सिंह समेत कई विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
धार्मिक स्थल को बताया आध्यात्मिक केंद्र, प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की
नानकमत्ता। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने एक दिवसीय जनपद भ्रमण के दौरान उधमसिंह नगर के पावन नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारा पहुंचकर मत्था टेका और प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि के लिए कामना की। उन्होंने गुरुद्वारे में दर्शन कर शांत वातावरण में कुछ समय व्यतीत किया एवं सिख परंपराओं और संतों की शिक्षाओं को नमन किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारे में उपस्थित छोटे बच्चों से आत्मीय संवाद किया, उन्हें स्नेहपूर्वक आशीर्वाद दिया और शिक्षा व सेवा की भावना को जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी। बच्चों के चेहरों पर मुख्यमंत्री से मिलने का विशेष उत्साह और उमंग देखने को मिला।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि नानकमत्ता साहिब केवल एक तीर्थ स्थल नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक केंद्र है जो सेवा, करुणा और समानता जैसे मूल्यों का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड धार्मिक पर्यटन का अद्वितीय केंद्र बनता जा रहा है, और राज्य सरकार इस दिशा में हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने क्षेत्र की जनता को हरेला पर्व की शुभकामनाएं भी दीं और प्रदेश को हरित, स्वच्छ एवं विकसित उत्तराखंड बनाने के संकल्प को दोहराया।
मुख्यमंत्री के साथ प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों तथा गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के पदाधिकारियों की उपस्थिति रही। गुरुद्वारा प्रबंधन द्वारा मुख्यमंत्री का अंगवस्त्र अभिनंदन किया गया।
अल्मोड़ा और नैनीताल जनपद में पार्टी समर्थित उम्मीदवारों के पक्ष में किया प्रचार
अल्मोड़ा/नैनीताल। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने शुक्रवार को नैनीताल और अल्मोड़ा जनपदों में पार्टी समर्थित जिला पंचायत सदस्य उम्मीदवारों के समर्थन में चुनाव प्रचार किया। इस दौरान वे दो जनसभाओं और रोड शो में शामिल हुई।
नैनीताल जनपद के गरम पानी मंडल के अंतर्गत खैरना में भवाली गांव सीट से जिला पंचायत सदस्य पद के लिए पार्टी समर्थित उम्मीदवार रोहित कुमार आर्या के समर्थन में रोड शो और जनसभा में हिस्सा लिया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने जनता से पंचायत चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशी को अधिक से अधिक समर्थन देकर प्रदेश में डबल इंजन सरकार के बाद अब ट्रिपल इंजन भी जोड़ने की अपील की।
इसके बाद रेखा आर्या काकडी घाट स्थित गेस्ट हाउस में अल्मोड़ा जनपद की गडस्यारी सीट से जिला पंचायत सदस्य पद के लिए भाजपा समर्थित प्रत्याशी ममता देवी के समर्थन में कार्यकर्ताओं की बैठक में शामिल हुई।
उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि पार्टी के समर्थित प्रत्याशियों की जीत के लिए पूरी की जान से जुटना है। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि पंचायत चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशियों को जिताने से क्षेत्र के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
इस अवसर पर विधायक सरिता आर्या, राज्य मंत्री शांति मेहरा, मंडल अध्यक्ष नीरज बिष्ट, चुनाव संयोजक मदन मोहन कैड़ा, योगेश ढौंडियाल, हरेंद्र बिष्ट, सोबन सिंह बिष्ट, दामोदर जोशी, पंकज पंत, आनंद बिष्ट, प्रेमनाथ गोस्वामी, कन्नू गोस्वामी, हरीश परिहार, निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य धन सिंह रावत, मंडल महामंत्री प्रताप बिष्ट, पूर्व मंडल अध्यक्ष भोपाल सिंह, रमेश कांडपाल, निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य भूपेंद्र देव, आदि उपस्थित रहे।