उत्तराखंड में अंतरिक्ष सम्मेलन 2025 का आयोजन, मुख्यमंत्री धामी और इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन रहे मौजूद
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में विकसित भारत 2047 के निर्माण के लिए हिमालयी राज्यों के परिप्रेक्ष्य में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं अनुप्रयोग अन्तरिक्ष सम्मेलन 2025 में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर इसरो अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर देश भर से आए वैज्ञानिकों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत@2047’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में यह सम्मेलन मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुसंधान तक सीमित न रहकर संचार, कृषि, मौसम पूर्वानुमान, आपदा प्रबंधन, शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में भारतीय वैज्ञानिक शुभांशु शुक्ला द्वारा तिरंगा फहराने पर इसरो समेत समस्त वैज्ञानिकों को बधाई दी और इसे देश के लिए गर्व का क्षण बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शुभांशु शुक्ला का मिशन गगनयान व भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए महत्वपूर्ण आधार तैयार करेगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर चंपावत को मॉडल जिला बनाने के लिए इसरो और यूकास्ट द्वारा विकसित डैशबोर्ड का शुभारंभ किया तथा इसरो द्वारा प्रकाशित पुस्तक का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार विज्ञान और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कृतसंकल्पित है और प्रदेश में साइंस सिटी, साइंस एवं इनोवेशन सेंटर, एआई, रोबोटिक्स, ड्रोन व अन्य अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं की स्थापना पर कार्य तेजी से चल रहा है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह सम्मेलन उत्तराखंड को “स्पेस टेक्नोलॉजी फ्रेंडली स्टेट” बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और प्रदेश के सतत विकास में सहयोगी सिद्ध होगा।
इसरो चेयरमैन डॉ. वी नारायणन ने कहा कि 1963 में भारत ने पहला रॉकेट लॉन्च किया था। 1963 से अब तक भारत ने 100 से अधिक रॉकेट लॉन्च किए हैं। 1975 तक हमारे पास अपने कोई सेटेलाइट नहीं थे, लेकिन अब भारत के पास अपने 131 सैटेलाइट हैं। टीवी ब्रॉडकास्ट से लेकर हर जगह सैटेलाइट बड़े पैमाने पर मददगार साबित हो रहे हैं। इसरो द्वारा ह्यूमन स्पेस प्रोग्राम पर कार्य किया जा रहा है। उस रॉकेट पर कार्य किये जा रहे हैं, जो पृथ्वी की लोवर ऑर्बिट पर 75 हजार किलो तक के सेटेलाइट को लॉन्च करेगा, जिसे करीब 27 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा।
इसरो चेयरमैन ने कहा कि एक समय था जब हमारे रॉकेट साइकिल से ले जाए करते थे, पर आज भारत ने कई विश्व रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। हमने दुनिया में सबसे पहले चंद्रमा पर पानी के अणु की मौजूदगी का पता से लगाया है। भारत पहला देश है जिसने चंद्रमा के साउथ पोल पर पहली बार लैंड किया है। भारत, आदित्य एल-1 मिशन के साथ सूर्य का अध्ययन करने वाला चौथा देश बन गया है। भारत ने पहले प्रयास में ही मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया था और मंगल ग्रह की कक्षा में उपग्रह भेजने वाला चौथा देश है। हमारा लक्ष्य 2030 तक अपना स्पेस स्टेशन बनाने एवं 2040 तक अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजने का है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में भारत 2047 तक विकसित भारत अवश्य बनेगा।
निदेशक राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र डॉ. प्रकाश चौहान ने कहा कि आज हमारे जीवन में हर समय अंतरिक्ष डाटा का प्रयोग हो रहा है। अंतरिक्ष में सेटेलाइट हमें जीपीएस नेविगेशन के साथ कई तरह के अपडेट देते हैं। उत्तराखंड में हमने पशुधन का डाटा ऑनलाइन किया था। ऋषिगंगा, चमोली आपदा के दौरान हमने सेटेलाइट के माध्यम से मेपिंग की और डेटा तैयार किया, जिसका प्रयोग बाद में राष्ट्रीय नीति में भी किया गया। पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट में इस डाटा का इस्तेमाल किया गया। अर्थ ऑब्जर्वेशन, सेटेलाइट संवाद एवं सेटेलाइट नेविगेशन ने पूरी तरह से हमारे जीवन को बदलने का काम किया है। उत्तराखंड में आपदाओं के दौरान मैपिंग, वन संरक्षण एवं वनाग्नि की मैपिंग के क्षेत्र में सेटेलाइट डेटा का इस्तेमाल किया जा रहा है। ग्लेशियर लेक की मॉनिटरिंग, बाढ़, बादल फटने जैसी घटनाओं के पूर्वानुमान का भी काम किया जा रहा है।
मुख्य सचिव आंनद बर्द्धन ने कहा कि उत्तराखंड में अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी को अपनाने और इसके लिए स्थाई वैज्ञानिक अधोसंरचना को विकसित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्य सचिव ने इसरो से राज्य के कुछ साइंस सेंटर को गोद लेने तथा से कार्टोसेट के 50 सेमी या इस तरह के रिजोल्सयूशन की उपलब्ध इमेजरी को रिलय टाईम व गैर व्यावसायिक आाधार पर राज्य को उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर.मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, नितेश झा, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत एवं वैज्ञानिक मौजूद थे।
मशहूर अभिनेता और अब निर्देशक अनुपम खेर की आगामी फिल्म ‘तन्वी द ग्रेट’ का बहुप्रतीक्षित ट्रेलर आज रिलीज कर दिया गया। यह फिल्म अनुपम खेर के निर्देशन में बनी एक खास पेशकश है, जिसे लेकर दर्शकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। ‘तन्वी द ग्रेट’ पहले ही कान फिल्म फेस्टिवल सहित कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रदर्शित हो चुकी है और अब यह भारतीय दर्शकों के सामने आने को तैयार है।
18 जुलाई को सिनेमाघरों में दस्तक देगी फिल्म
‘तन्वी द ग्रेट’ 18 जुलाई को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज होगी। यह फिल्म एक युवा लड़की तन्वी की प्रेरणादायक यात्रा को केंद्र में रखती है, जिसका किरदार निभा रही हैं शुभांगी दत्त। शुभांगी इस फिल्म के माध्यम से बॉलीवुड में अपनी शुरुआत कर रही हैं। कहानी, संघर्ष, आत्मबल और सपनों के प्रति जुनून की भावनाओं से जुड़ी है।
भव्य स्टारकास्ट देगी फिल्म को मजबूती
फिल्म की स्टारकास्ट में अनुपम खेर के साथ-साथ बोमन ईरानी, जैकी श्रॉफ, पल्लवी जोशी, अरविंद स्वामी, नासिर, करण टैकर और Game of Thrones फेम इयान ग्लेन जैसे दिग्गज कलाकार शामिल हैं। अनुपम खेर ने सोशल मीडिया के ज़रिए इन सभी कलाकारों की झलक पहले ही साझा की थी, जिससे फिल्म को लेकर दर्शकों की जिज्ञासा और बढ़ गई थी।
(साभार)
पांच जिलों में मॉक ड्रिल कर आपात तैयारियों का किया गया परीक्षण
देहरादून। उत्तराखंड में बाढ़ आपदा से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए राज्य के पांच जिलों — हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चंपावत और देहरादून — में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास में आपदा प्रबंधन विभाग, जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, लोक निर्माण विभाग (PWD) सहित कई संबंधित एजेंसियों ने सक्रिय भागीदारी की।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने ड्रिल का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं की समीक्षा की। देहरादून में मॉक ड्रिल के दौरान बाढ़ की स्थिति में एक मकान गिरने की काल्पनिक घटना के आधार पर राहत और बचाव कार्यों का परीक्षण किया गया।
देहरादून के एसडीएम हरि गिरि ने बताया कि जिला प्रशासन आपदा के हर संभावित खतरे के लिए तैयार है, खासकर बाढ़ जैसे हालात से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।
सांसद ने 2011 के अमेरिकी दस्तावेज के आधार पर पार्टी पर लगाए विदेशी फंडिंग के आरोप
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए द्वारा 2011 में सार्वजनिक किए गए एक दस्तावेज का हवाला देते हुए दावा किया कि दिवंगत कांग्रेस नेता एच.के.एल. भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को सोवियत रूस से फंडिंग मिली थी और उन्होंने रूस के एजेंट के तौर पर काम किया था।
दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “कांग्रेस, भ्रष्टाचार और गुलामी का प्रतीक बन चुकी है।” उन्होंने दावा किया कि उस दौर में रूस की खुफिया एजेंसियों ने भारतीय पत्रकारों और नीति-निर्माताओं पर भी प्रभाव डाला था। उन्होंने यह भी कहा कि रूस की सहायता से भारत में करीब 16,000 समाचार प्रकाशित कराए गए थे और लगभग 1100 रूसी एजेंट देश में सक्रिय थे, जो विभिन्न क्षेत्रों में प्रभाव बना रहे थे।
इसके अलावा दुबे ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस की नेता सुभद्रा जोशी ने चुनाव के दौरान जर्मन सरकार से फंडिंग ली थी और हार के बाद इंडो-जर्मन फोरम की अध्यक्ष बनीं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह सब देशहित में था या किसी विदेशी एजेंडे का हिस्सा? साथ ही उन्होंने कांग्रेस से जवाब मांगते हुए इस पूरे मामले की जांच की मांग की है।
एनएच-44 पर सुरक्षा एजेंसियों ने तैनात किए अतिरिक्त बल और निगरानी दल
2 जुलाई को भगवती नगर से रवाना होगा पहला जत्था
जम्मू। अमरनाथ यात्रा की शुरुआत से पहले सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। 3 जुलाई से शुरू हो रही इस वार्षिक तीर्थयात्रा को लेकर सीआरपीएफ ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) पर निगरानी कड़ी कर दी है। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए के-9 डॉग स्क्वॉड और अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है, खासकर उधमपुर सेक्टर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में।
पहला जत्था 2 जुलाई को भगवती नगर आधार शिविर से रवाना होगा। इसको लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक में पुलिस, धार्मिक संगठनों, होटल व व्यापार संघों सहित अन्य हितधारकों के सुझावों को शामिल किया गया। कमिश्नर रमेश कुमार ने बताया कि यात्रियों के ठहराव, खानपान, बिजली और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
आधार शिविरों में एसी हॉल, लंगर सेवा, मोबाइल शौचालय जैसी व्यवस्थाएं की गई हैं। लखनपुर से बनिहाल तक यात्रा मार्ग में सभी विश्राम केंद्रों पर यात्रियों को समान सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही 1 जुलाई से यात्रियों के लिए ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा शुरू होगी, जबकि ऑनलाइन पंजीकरण पहले से ही चालू है।
सुरक्षा और सुविधा के दृष्टिगत जम्मू, कठुआ, सांबा, उधमपुर और रामबन जिलों में 52 लंगर और 60 आरएफआईडी केंद्र बनाए गए हैं। रेलवे के बजाय यात्रा सड़क मार्ग से ही कराई जाएगी। यात्रियों को मार्गदर्शन और सहायता के लिए कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है।
आपातकालीन और सुरक्षा बलों के वाहनों को ही मिलेगी छूट
देहरादून। चारधाम यात्रा और मानसून के चलते उत्तराखंड के पर्वतीय मार्गों पर खतरा बढ़ गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से रात्री समय में वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने का निर्णय लिया है।
मानसून के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन ने जनपद के सभी पुलिस बैरियरों पर रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक सामान्य वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। इस दौरान केवल एंबुलेंस, आपातकालीन सेवाएं, और सैन्य या अर्द्धसैनिक बलों के वाहन ही चल सकेंगे।
गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे समेत अन्य राज्य और संपर्क मार्गों पर लगातार भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं। साथ ही वर्तमान में चारधाम यात्रा भी जारी है, जिससे यातायात का दबाव काफी अधिक है। इन्हीं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने यह आदेश जारी किया है।
जनपद में कुल 6 पुलिस बैरियर स्थापित हैं। आदेश के तहत रात 9 बजे के बाद आने वाले वाहनों को इन बैरियरों के पास सुरक्षित स्थानों पर रोका जाएगा। प्रशासन का कहना है कि पिछले वर्षों में रात के समय भूस्खलन के कारण कई हादसे हुए हैं, जिन्हें देखते हुए यह कदम जरूरी है।
जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, इस अवधि में स्थानीय निवासियों के निजी वाहनों को भी अनुमति नहीं दी जाएगी। आदेश की सख्ती से पालना सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और प्रशासन की टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने किया दो राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिताओं का समापन
पदक विजेताओं को मेडल पहनाकर किया सम्मानित
हरिद्वार। खेल मंत्री रेखा आर्या ने रविवार को 42वी नेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप और 28वीं नेशनल पूमसे ताइक्वांडो चैंपियनशिप का समापन किया। रोशनाबाद के वंदना कटारिया स्टेडियम में उन्होंने पदक विजेताओं को पदक पहनकर सम्मानित किया। इन प्रतियोगिताओं में 18 राज्यों से आए कुल 700 से ज्यादा खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।
इस अवसर पर खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि धार्मिक पर्यटन के बाद अब उत्तराखंड खेल पर्यटन का भी तीर्थ बन गया है। उन्होंने कहा कि बीते तीन दिनों में चार राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का उद्घाटन और समापन उन्होंने किया है। इससे स्पष्ट है कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ-साथ अब खेल भूमि बन रहा है।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि खेल अनुशासन, प्रतिबद्धता, ईमानदारी और समर्पण जैसे जीवन मूल्य भी सिखाता हैं। उन्होंने कहा कि जिन खिलाड़ियों ने इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीते हैं आगे चलकर वही देश के लिए भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतेंगे।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि भारत सरकार के प्रयासों से बहुत संभव है कि 2036 ओलंपिक का आयोजन भारत में हो, खिलाड़ियों को इसके लिए अभी से लक्ष्य बनाकर तैयारी में जुट जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जिस तरह हर घर से एक सैनिक निकलता रहा है ठीक वैसे ही भविष्य में यहां हर घर से एक खिलाड़ी पैदा होना चाहिए।
इस अवसर पर फादर ऑफ ताइक्वांडो इन इंडिया डा. जिमी आर जगत्यानी, निदेशक ताइक्वांडो फेडरेशन आफ इंडिया पीटर जगत्यानी, जिला खेल अधिकारी शबाली गुरुंग, देवभूमि उत्तराखंड ताइक्वांडो एसोसिएशन अध्यक्ष अवधेश कुमार, महासचिव राहुल धीमान, तकनीकी निदेशक मनोज त्यागी, आनंद भारती, जितेन्द्र सिंह आदि उपस्थित रहे।
मानसून के दृष्टिगत दो माह तक 24 घण्टे अलर्ट मोड पर रहने के अधिकारियों को दिये निर्देश
नियमित रूप से ग्राउंड पर रहकर सभी व्यवस्थाएं देखेंगे अधिकारी
श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर ठहराने, भोजन, दवा और बच्चों को दूध की पर्याप्त् उपलब्धता सुनिश्चित करने के दिये निर्देश
गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व अस्पतालों तक पहुंचाने की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए-सीएम
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को आईटी पार्क, स्थित उत्तराखण्ड राज्य आपतकालीन परिचालन केन्द्र पहुंचकर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही वर्षा की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने मानसून के दृष्टिगत आगामी दो माह तक शासन और प्रशासन के अधिकारियों को 24 घण्टे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिये हैं। मानसून अवधि के दौरान अधिकारियों को नियमित रूप से ग्राउंड पर रहकर सभी व्यवस्थाएं करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा पर आये सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा की दृष्टि सबंधित जिलाधिकारियों को आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए भोजन, दवाइयों और बच्चों के लिए दूध और अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि अत्यधिक बारिश की सम्भावनाओं के दृष्टिगत और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए अगले 24 घण्टे के लिए चारधाम यात्रा को रोका गया है।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि नदियों और गदेरे के आस-पास रह रहे और आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थलों पर रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाए। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि जिन क्षेत्रों में निर्माण कार्य चल रहे हैं, वहां पर लोग सुरक्षित स्थानों पर हों। मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी के तहसील बड़कोट क्षेत्र में बादल फटने की वजह से मिसिंग मजदूरों के सर्च और रेस्क्यू अभियान में और तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। 29 मजदूरों में से 20 को सुरक्षित निकाल लिया गया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन का सर्च अभियान जारी है, दो शवों को निकाल लिया गया है। उन्होंने कहा कि रूद्रप्रयाग में हुए वाहन दुर्घटना में जो लोग अभी लापता हैं, उनकी खोजबीन कार्यों में और तेजी लाई जाए।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी जनपदों में गर्भवती महिलाओं की डाटा बेस बनाया जाए। सितम्बर माह तक जिन महिलाओं का डिलीवरी होनी है, उनका नियमित अपडेट रखा जाए। प्रसव पूर्व उन्हें अस्पतालों तक पहुंचाने की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। जच्चा और बच्चा की सुरक्षा की दृष्टि से सभी प्रभावी कदम उठाये जाए।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान जिलाधिकारियों से विभिन्न जनपदों में हो रही बारिश, सड़कों की स्थिति एवं अन्य मूलभत सुविधाओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि बारिश के कारण जो सड़के क्षतिग्रस्त हो रही हैं, उनको जल्द खुलवाने की व्यवस्था की जाए। संवेदनशील स्थानों पर जेसीबी और अन्य आवश्यक उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। जिन क्षेत्रों में नदी, नाले, गदेरे रास्ते बदल सकते हैं, ऐसे क्षेत्रों में आश्यकता पड़ने पर चैनलाइजेशन और अन्य प्रबंधन जो सुरक्षात्मक दृष्टि से हो सकते हैं, किये जाएं।
इस अवसर पर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, विनोद कुमार सुमन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, अपर सचिव बंशीधर तिवारी, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद स्वरूप, राजकुमार नेगी एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी जुड़े थे।
मुख्यमंत्री ने जिलों को आपदा से निपटने के लिए पूर्ण सतर्कता बरतने को कहा
देहरादून। उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश के कारण उत्पन्न आपदा के मद्देनज़र मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं मोर्चा संभालते हुए हालात का जायज़ा लिया। मुख्यमंत्री राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) पहुंचे, जहां उन्होंने उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली समेत प्रभावित जिलों के अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया और नुकसान की स्थिति की विस्तृत जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए प्रशासन को तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिए। उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना के बाद जारी राहत अभियानों की जानकारी लेते हुए उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए भोजन, चिकित्सा और आवश्यक सुविधाएं तत्काल मुहैया कराने को कहा। साथ ही बंद सड़कों को शीघ्र खोलने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन को पूर्ण सतर्कता में रहने के निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री ने विशाखापत्तनम से लेकर हिमालय तक योग की व्यापकता का किया उल्लेख
पीएम मोदी ने गिनाई सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की उपलब्धियां
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 123वें संस्करण में देशवासियों से संवाद करते हुए योग दिवस की वैश्विक सफलता, आपातकाल की भयावह यादें, सामाजिक सुरक्षा के बढ़ते दायरे, देशभर में चल रहे सांस्कृतिक और खेल आयोजनों की चर्चा की। इसके अलावा उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए आम नागरिकों की प्रेरणादायक पहल और पूर्वोत्तर भारत की खासियतों को भी उजागर किया।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की भव्य झलकियां
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस बार योग दिवस की भव्यता देश के हर कोने और दुनिया के कई देशों में देखने को मिली। विशाखापत्तनम में तीन लाख लोगों ने एकसाथ योग किया, वहीं 2000 से अधिक आदिवासी छात्रों ने 108 मिनट तक सूर्य नमस्कार किए। हिमालय की ऊंचाइयों से लेकर नौसेना के जहाजों तक योग के प्रति समर्पण दिखा।
आपातकाल की काली छाया और लोकतंत्र की जीत
पीएम मोदी ने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर उस दौर को याद किया जब संविधान और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचला गया। उन्होंने कहा कि लाखों लोगों ने संघर्ष कर लोकतंत्र को पुनर्जीवित किया, और वह दौर देश के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।
सामाजिक सुरक्षा में जबरदस्त विस्तार
प्रधानमंत्री ने बताया कि आज भारत के 95 करोड़ नागरिक किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा योजना से लाभान्वित हो रहे हैं, जबकि 2015 में यह संख्या सिर्फ 25 करोड़ थी। उन्होंने इसे ‘समावेशी विकास’ की दिशा में बड़ा कदम बताया।
बोडोलैंड में खेल के माध्यम से बदलाव
असम के बोडोलैंड में आयोजित CEM Cup फुटबॉल टूर्नामेंट में 70 हजार खिलाड़ियों की भागीदारी को पीएम ने सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक बताया। उन्होंने खिलाड़ियों को नई पीढ़ी की प्रेरणा बताया, जो अब देश के मंच पर अपनी पहचान बना रहे हैं।
पूर्वोत्तर और पर्यावरण पर विशेष फोकस
मेघालय के ‘एरी सिल्क’ को जीआई टैग मिलने को सांस्कृतिक धरोहर की मान्यता बताया गया। वहीं, ‘सिंदूर वन’ और पुणे के रमेश खरमाले जैसे लोगों के प्रयासों को पर्यावरण के लिए प्रेरणास्रोत बताया गया, जो समाज को स्वेच्छा से हरियाली की ओर मोड़ रहे हैं।
तीर्थ यात्राओं की आध्यात्मिक और सामाजिक भूमिका
प्रधानमंत्री ने धार्मिक यात्राओं को सेवा, अनुशासन और एकता का प्रतीक बताया। उन्होंने रथयात्रा जैसे आयोजनों में लगे सेवा कार्यकर्ताओं की सराहना की और उन्हें शुभकामनाएं दीं।
वैश्विक स्तर पर भारत की सांस्कृतिक पहल
भगवान बुद्ध के अवशेषों को वियतनाम भेजने की घटना को उन्होंने भारत और वियतनाम के सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि भारत की यह पहल दुनियाभर में सम्मान और विश्वास बढ़ा रही है।
डॉक्टरों और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को सलाम
पीएम मोदी ने 1 जुलाई को मनाए जाने वाले डॉक्टर दिवस और सीए दिवस पर इन पेशों से जुड़े लोगों का आभार जताया और उन्हें समाज के मजबूत स्तंभ बताया।