आपातकालीन और सुरक्षा बलों के वाहनों को ही मिलेगी छूट
देहरादून। चारधाम यात्रा और मानसून के चलते उत्तराखंड के पर्वतीय मार्गों पर खतरा बढ़ गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से रात्री समय में वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने का निर्णय लिया है।
मानसून के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन ने जनपद के सभी पुलिस बैरियरों पर रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक सामान्य वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। इस दौरान केवल एंबुलेंस, आपातकालीन सेवाएं, और सैन्य या अर्द्धसैनिक बलों के वाहन ही चल सकेंगे।
गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे समेत अन्य राज्य और संपर्क मार्गों पर लगातार भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं। साथ ही वर्तमान में चारधाम यात्रा भी जारी है, जिससे यातायात का दबाव काफी अधिक है। इन्हीं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने यह आदेश जारी किया है।
जनपद में कुल 6 पुलिस बैरियर स्थापित हैं। आदेश के तहत रात 9 बजे के बाद आने वाले वाहनों को इन बैरियरों के पास सुरक्षित स्थानों पर रोका जाएगा। प्रशासन का कहना है कि पिछले वर्षों में रात के समय भूस्खलन के कारण कई हादसे हुए हैं, जिन्हें देखते हुए यह कदम जरूरी है।
जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, इस अवधि में स्थानीय निवासियों के निजी वाहनों को भी अनुमति नहीं दी जाएगी। आदेश की सख्ती से पालना सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और प्रशासन की टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने किया दो राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिताओं का समापन
पदक विजेताओं को मेडल पहनाकर किया सम्मानित
हरिद्वार। खेल मंत्री रेखा आर्या ने रविवार को 42वी नेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप और 28वीं नेशनल पूमसे ताइक्वांडो चैंपियनशिप का समापन किया। रोशनाबाद के वंदना कटारिया स्टेडियम में उन्होंने पदक विजेताओं को पदक पहनकर सम्मानित किया। इन प्रतियोगिताओं में 18 राज्यों से आए कुल 700 से ज्यादा खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।
इस अवसर पर खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि धार्मिक पर्यटन के बाद अब उत्तराखंड खेल पर्यटन का भी तीर्थ बन गया है। उन्होंने कहा कि बीते तीन दिनों में चार राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का उद्घाटन और समापन उन्होंने किया है। इससे स्पष्ट है कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ-साथ अब खेल भूमि बन रहा है।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि खेल अनुशासन, प्रतिबद्धता, ईमानदारी और समर्पण जैसे जीवन मूल्य भी सिखाता हैं। उन्होंने कहा कि जिन खिलाड़ियों ने इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीते हैं आगे चलकर वही देश के लिए भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतेंगे।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि भारत सरकार के प्रयासों से बहुत संभव है कि 2036 ओलंपिक का आयोजन भारत में हो, खिलाड़ियों को इसके लिए अभी से लक्ष्य बनाकर तैयारी में जुट जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जिस तरह हर घर से एक सैनिक निकलता रहा है ठीक वैसे ही भविष्य में यहां हर घर से एक खिलाड़ी पैदा होना चाहिए।
इस अवसर पर फादर ऑफ ताइक्वांडो इन इंडिया डा. जिमी आर जगत्यानी, निदेशक ताइक्वांडो फेडरेशन आफ इंडिया पीटर जगत्यानी, जिला खेल अधिकारी शबाली गुरुंग, देवभूमि उत्तराखंड ताइक्वांडो एसोसिएशन अध्यक्ष अवधेश कुमार, महासचिव राहुल धीमान, तकनीकी निदेशक मनोज त्यागी, आनंद भारती, जितेन्द्र सिंह आदि उपस्थित रहे।
मानसून के दृष्टिगत दो माह तक 24 घण्टे अलर्ट मोड पर रहने के अधिकारियों को दिये निर्देश
नियमित रूप से ग्राउंड पर रहकर सभी व्यवस्थाएं देखेंगे अधिकारी
श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर ठहराने, भोजन, दवा और बच्चों को दूध की पर्याप्त् उपलब्धता सुनिश्चित करने के दिये निर्देश
गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व अस्पतालों तक पहुंचाने की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए-सीएम
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को आईटी पार्क, स्थित उत्तराखण्ड राज्य आपतकालीन परिचालन केन्द्र पहुंचकर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही वर्षा की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने मानसून के दृष्टिगत आगामी दो माह तक शासन और प्रशासन के अधिकारियों को 24 घण्टे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिये हैं। मानसून अवधि के दौरान अधिकारियों को नियमित रूप से ग्राउंड पर रहकर सभी व्यवस्थाएं करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा पर आये सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा की दृष्टि सबंधित जिलाधिकारियों को आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए भोजन, दवाइयों और बच्चों के लिए दूध और अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि अत्यधिक बारिश की सम्भावनाओं के दृष्टिगत और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए अगले 24 घण्टे के लिए चारधाम यात्रा को रोका गया है।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि नदियों और गदेरे के आस-पास रह रहे और आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थलों पर रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाए। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि जिन क्षेत्रों में निर्माण कार्य चल रहे हैं, वहां पर लोग सुरक्षित स्थानों पर हों। मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी के तहसील बड़कोट क्षेत्र में बादल फटने की वजह से मिसिंग मजदूरों के सर्च और रेस्क्यू अभियान में और तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। 29 मजदूरों में से 20 को सुरक्षित निकाल लिया गया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन का सर्च अभियान जारी है, दो शवों को निकाल लिया गया है। उन्होंने कहा कि रूद्रप्रयाग में हुए वाहन दुर्घटना में जो लोग अभी लापता हैं, उनकी खोजबीन कार्यों में और तेजी लाई जाए।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी जनपदों में गर्भवती महिलाओं की डाटा बेस बनाया जाए। सितम्बर माह तक जिन महिलाओं का डिलीवरी होनी है, उनका नियमित अपडेट रखा जाए। प्रसव पूर्व उन्हें अस्पतालों तक पहुंचाने की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। जच्चा और बच्चा की सुरक्षा की दृष्टि से सभी प्रभावी कदम उठाये जाए।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान जिलाधिकारियों से विभिन्न जनपदों में हो रही बारिश, सड़कों की स्थिति एवं अन्य मूलभत सुविधाओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि बारिश के कारण जो सड़के क्षतिग्रस्त हो रही हैं, उनको जल्द खुलवाने की व्यवस्था की जाए। संवेदनशील स्थानों पर जेसीबी और अन्य आवश्यक उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। जिन क्षेत्रों में नदी, नाले, गदेरे रास्ते बदल सकते हैं, ऐसे क्षेत्रों में आश्यकता पड़ने पर चैनलाइजेशन और अन्य प्रबंधन जो सुरक्षात्मक दृष्टि से हो सकते हैं, किये जाएं।
इस अवसर पर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, विनोद कुमार सुमन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, अपर सचिव बंशीधर तिवारी, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद स्वरूप, राजकुमार नेगी एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी जुड़े थे।
मुख्यमंत्री ने जिलों को आपदा से निपटने के लिए पूर्ण सतर्कता बरतने को कहा
देहरादून। उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश के कारण उत्पन्न आपदा के मद्देनज़र मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं मोर्चा संभालते हुए हालात का जायज़ा लिया। मुख्यमंत्री राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) पहुंचे, जहां उन्होंने उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली समेत प्रभावित जिलों के अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया और नुकसान की स्थिति की विस्तृत जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए प्रशासन को तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिए। उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना के बाद जारी राहत अभियानों की जानकारी लेते हुए उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए भोजन, चिकित्सा और आवश्यक सुविधाएं तत्काल मुहैया कराने को कहा। साथ ही बंद सड़कों को शीघ्र खोलने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन को पूर्ण सतर्कता में रहने के निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री ने विशाखापत्तनम से लेकर हिमालय तक योग की व्यापकता का किया उल्लेख
पीएम मोदी ने गिनाई सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की उपलब्धियां
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 123वें संस्करण में देशवासियों से संवाद करते हुए योग दिवस की वैश्विक सफलता, आपातकाल की भयावह यादें, सामाजिक सुरक्षा के बढ़ते दायरे, देशभर में चल रहे सांस्कृतिक और खेल आयोजनों की चर्चा की। इसके अलावा उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए आम नागरिकों की प्रेरणादायक पहल और पूर्वोत्तर भारत की खासियतों को भी उजागर किया।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की भव्य झलकियां
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस बार योग दिवस की भव्यता देश के हर कोने और दुनिया के कई देशों में देखने को मिली। विशाखापत्तनम में तीन लाख लोगों ने एकसाथ योग किया, वहीं 2000 से अधिक आदिवासी छात्रों ने 108 मिनट तक सूर्य नमस्कार किए। हिमालय की ऊंचाइयों से लेकर नौसेना के जहाजों तक योग के प्रति समर्पण दिखा।
आपातकाल की काली छाया और लोकतंत्र की जीत
पीएम मोदी ने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर उस दौर को याद किया जब संविधान और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचला गया। उन्होंने कहा कि लाखों लोगों ने संघर्ष कर लोकतंत्र को पुनर्जीवित किया, और वह दौर देश के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।
सामाजिक सुरक्षा में जबरदस्त विस्तार
प्रधानमंत्री ने बताया कि आज भारत के 95 करोड़ नागरिक किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा योजना से लाभान्वित हो रहे हैं, जबकि 2015 में यह संख्या सिर्फ 25 करोड़ थी। उन्होंने इसे ‘समावेशी विकास’ की दिशा में बड़ा कदम बताया।
बोडोलैंड में खेल के माध्यम से बदलाव
असम के बोडोलैंड में आयोजित CEM Cup फुटबॉल टूर्नामेंट में 70 हजार खिलाड़ियों की भागीदारी को पीएम ने सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक बताया। उन्होंने खिलाड़ियों को नई पीढ़ी की प्रेरणा बताया, जो अब देश के मंच पर अपनी पहचान बना रहे हैं।
पूर्वोत्तर और पर्यावरण पर विशेष फोकस
मेघालय के ‘एरी सिल्क’ को जीआई टैग मिलने को सांस्कृतिक धरोहर की मान्यता बताया गया। वहीं, ‘सिंदूर वन’ और पुणे के रमेश खरमाले जैसे लोगों के प्रयासों को पर्यावरण के लिए प्रेरणास्रोत बताया गया, जो समाज को स्वेच्छा से हरियाली की ओर मोड़ रहे हैं।
तीर्थ यात्राओं की आध्यात्मिक और सामाजिक भूमिका
प्रधानमंत्री ने धार्मिक यात्राओं को सेवा, अनुशासन और एकता का प्रतीक बताया। उन्होंने रथयात्रा जैसे आयोजनों में लगे सेवा कार्यकर्ताओं की सराहना की और उन्हें शुभकामनाएं दीं।
वैश्विक स्तर पर भारत की सांस्कृतिक पहल
भगवान बुद्ध के अवशेषों को वियतनाम भेजने की घटना को उन्होंने भारत और वियतनाम के सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि भारत की यह पहल दुनियाभर में सम्मान और विश्वास बढ़ा रही है।
डॉक्टरों और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को सलाम
पीएम मोदी ने 1 जुलाई को मनाए जाने वाले डॉक्टर दिवस और सीए दिवस पर इन पेशों से जुड़े लोगों का आभार जताया और उन्हें समाज के मजबूत स्तंभ बताया।
“देश के लिए बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता” — गणेश जोशी
देहरादून। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने देहरादून के हाथीबड़कला में अमर शहीद मेजर भूपेन्द्र कण्डारी की पुण्यतिथि पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। इस दौरान उन्होंने शहीद के पिता गजेंद्र कंडारी को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया।
शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड वीरों और देशभक्तों की भूमि है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा शहीदों को सामाजिक सम्मान दिलाने के लिए अभूतपूर्व प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार 1734 शहीदों के आंगन से पवित्र माटी एकत्र कर सैन्यधाम में लाई गई, साथ ही 28 पवित्र नदियों का जल भी एकत्र किया गया। उन्होंने कहा कि सैन्यधाम का निर्माण अंतिम चरण में है और जल्द ही इसका लोकार्पण किया जाएगा।
मंत्री जोशी ने यह भी कहा कि अब शहीदों की स्मृति में स्मारक और द्वारों का निर्माण सैनिक कल्याण विभाग द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने क्षेत्र में अपने निजी मद से अमर शहीद मेजर भूपेन्द्र कण्डारी की मूर्ति स्थापित करने की घोषणा करते हुए इसके लिए उपयुक्त स्थान चिह्नित कर निर्माण का भरोसा दिलाया।
शहीद के पिता गजेंद्र सिंह कंडारी ने बताया कि शहीद मेजर कण्डारी राजपूताना राईफल्स में थे और वर्ष 2003 में राजौरी में आंतवादियों से एक मुठभेड़ के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए। शहीद को भारत सरकार द्वारा मरणोपरंत सेना मेडल से सम्मानित किया गया।
इस दौरान मेजर जनरल (सेनि) सम्मी सभरवाल, पार्षद भूपेंद्र कठेत, शहीद के पिता गजेंद्र कंडारी, शहीद के भाई शैलेंद्र सिंह कंडारी, राहुल राणा, अशोक गुप्ता सहित कई क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।
संविधान पर संघ के बयान के बीच थरूर बोले– अब बदल चुका है RSS
थरूर के बयान से पार्टी के भीतर उठे सवाल
नई दिल्ली। देश में संविधान को लेकर छिड़ी राजनीतिक बहस के बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर के ताज़ा बयान ने राजनीतिक हलकों में नई चर्चा को जन्म दे दिया है। थरूर ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अब पहले जैसे नहीं रहे और संभवतः वे अपनी पुरानी विचारधारा से आगे बढ़ चुके हैं। यह बयान ऐसे समय आया है जब कांग्रेस और विपक्षी दल लगातार आरएसएस-बीजेपी पर संविधान की मूल आत्मा से छेड़छाड़ के आरोप लगा रहे हैं।
सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्दों को हटाने पर बवाल
हाल ही में आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने संविधान की प्रस्तावना से ‘सेक्युलर’ और ‘सोशलिस्ट’ जैसे शब्दों को हटाने की पैरवी की थी। इस बयान के बाद राजनीतिक प्रतिक्रिया तेज हो गई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा कि आरएसएस और बीजेपी ‘संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहते हैं’ और वे बहुजन व वंचित वर्गों से उनके अधिकार छीनना चाहते हैं।
थरूर की टिप्पणी: संतुलन या विचलन?
राहुल गांधी के तीखे बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शशि थरूर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी एक ऐतिहासिक तथ्य की ओर इशारा कर रहे थे। थरूर ने कहा, “संविधान निर्माण के समय गोलवलकर जैसे नेताओं ने मनुस्मृति की झलक न होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था, लेकिन मेरा मानना है कि आरएसएस अब उस सोच से आगे निकल चुका है। हालांकि उनकी मौजूदा सोच क्या है, यह वही स्पष्ट कर सकते हैं।”
पार्टी के भीतर मतभेद की आहट
थरूर की टिप्पणी कांग्रेस के भीतर ही असहमति का कारण बन गई है। पार्टी सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि जब आरएसएस खुद संविधान के मूल शब्दों को हटाने की बात कर रहा है, तब थरूर का रुख भ्रम पैदा करने वाला है। उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा, “थरूर जी का सम्मान है, लेकिन यह बयान सियासी बहानेबाज़ी की तरह लगता है, जो मुद्दे को भटका सकता है।”
राजनीतिक रणनीति पर उठे सवाल
विश्लेषकों के अनुसार, थरूर ने जहां एक ओर ऐतिहासिक सच्चाई को स्वीकार किया, वहीं सीधे तौर पर आरएसएस-बीजेपी पर हमला करने से बचने की कोशिश की। कांग्रेस की आक्रामक रणनीति के बीच थरूर का यह ‘मध्यमार्गी रुख’ पार्टी के समन्वय और संदेश रणनीति पर सवाल खड़े करता है। अब निगाहें इस बात पर हैं कि कांग्रेस नेतृत्व इस आंतरिक विरोधाभास को कैसे सुलझाता है और बीजेपी इस बयान को राजनीतिक हथियार के तौर पर कैसे भुनाती है।
सीएम धामी ने लिया संज्ञान, राहत-बचाव कार्य तेज करने के निर्देश
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में शनिवार देर रात कुदरत का कहर देखने को मिला। यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड़-ओजरी डाबरकोट के बीच सिलाई बैंड के पास बादल फटने से भारी तबाही मची। एक निर्माणाधीन होटल स्थल पर तेज सैलाब के चलते मजदूरों के टेंट बह गए, जिससे कई श्रमिक लापता हो गए हैं।
प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमों ने घटनास्थल पर पहुंचकर राहत-बचाव अभियान शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों से तत्काल रिपोर्ट लेते हुए राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
घटना की जानकारी
यह हादसा रात करीब 12 बजे हुआ। बड़कोट थानाध्यक्ष दीपक कठेत ने बताया कि हाईवे पर निर्माण कार्य में लगे मजदूर टेंटों में सो रहे थे, जब अचानक पानी और मलबे का तेज बहाव आया। शुरुआती सूचना के मुताबिक 19 मजदूरों में से 9 लापता हैं, जिनमें 5 नेपाली मूल के, 3 देहरादून और 1 उत्तर प्रदेश से हैं। 10 मजदूरों को रेस्क्यू कर सुरक्षित पालीगाड़ लाया गया।
मुख्यमंत्री धामी की निगरानी में राहत कार्य
सीएम धामी ने ट्वीट कर हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि सभी संबंधित एजेंसियां राहत कार्य में लगी हैं और वे खुद लगातार निगरानी कर रहे हैं। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि पुलिस और सेना के जवान भी राहत कार्य में जुटे हैं। फिलहाल लगभग 45 लोग राहत टीम के साथ रास्ते में हैं और घटनास्थल पर पहुंचने का प्रयास जारी है।
यमुनोत्री हाईवे पर कई स्थानों पर यातायात अवरुद्ध
बादल फटने की वजह से यमुनोत्री हाईवे सिलाई बैंड समेत कई स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है। ओजरी क्षेत्र में सड़क पूरी तरह बह गई है, वहीं खेतों में मलबा भर गया है। स्यानाचट्टी में कुपड़ा-कुंशाला पुल को भी खतरा बना हुआ है। यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे स्थानीय लोग दहशत में हैं।
यमुना नदी का बहाव थमा, बनी झील
स्याना चट्टी के पास कुपड़ा कुनसाला मोटर मार्ग पर भारी मलबा और बोल्डर गिरने से यमुना नदी का बहाव रुक गया है, जिससे वहां झील बनने लगी है। स्थानीय निवासी जयपाल सिंह रावत ने बताया कि होटल की सीढ़ियों तक पानी पहुंच गया है और हालात भयावह बने हुए हैं।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने अधिकारियों के साथ ली समीक्षा बैठक
देहरादून। प्रदेश के पहले खेल विश्वविद्यालय मानसखंड स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में पहले साल 6 कोर्स के साथ शुरुआत करने की तैयारी की जा रही है। खेल निदेशालय में विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में खेल मंत्री रेखा आर्या ने यूनिवर्सिटी समेत अन्य योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।
बैठक में खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि देश की चुनिंदा 5 – 6 स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के कोर्स और सिलेबस का अध्ययन कर बेस्ट करियर ओरिएंटेड कोर्स चुने जाएं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आगामी खेल दिवस 29 अगस्त पर यूनिवर्सिटी के शिलान्यास की सभी तैयारियां कर लें। शुरुआत में यूनिवर्सिटी में खेल सचिव कुलपति, खेल निदेशक कुलसचिव और खेल विभाग के वित्त नियंत्रक वित्त विश्वविद्यालय के वित्त नियंत्रक की जिम्मेदारी संभालेंगे।
बैठक में खेल मंत्री ने नेशनल गेम्स के पदक विजेताओं को आउट ऑफ टर्न जॉब देने के लिए अधिसंख्य पद जल्द सृजित करने की कार्रवाई तेजी से पूरी करने का निर्देश दिया। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों से कहा कि खिलाड़ियों के लिए भोजन भत्ता ₹250 से बढ़कर साई के समान करने का प्रस्ताव जल्द तैयार करें। बैठक में इसके साथ ही लिगसी प्लान, गर्ल्स स्पोर्ट्स कॉलेज लोहाघाट और रुद्रपुर शूटिंग रेंज की देखरेख के लिए उत्तराखंड पुलिस के साथ एमओयू करने पर भी चर्चा की गई।
बैठक में प्रमुख विशेष खेल सचिव अमित सिन्हा, खेल निदेशक आशीष चौहान, अजय अग्रवाल, उपनिदेशक शक्ति सिंह, महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के प्राचार्य राजेश मंमगाई आदि मौजूद रहे।