देहरादून। प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने आज लोकपर्व हरेला के पावन अवसर पर अपने शासकीय आवास पर अपनी धर्मपत्नी निर्मला जोशी के साथ फलदार वृक्ष का रोपण किया। इस अवसर पर मंत्री ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि हरेला का अर्थ हरियाली से जुड़ा है और यह पर्व हरियाली, समृद्धि एवं नई ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि परंपरागत मान्यताओं के अनुसार हरेला जितना बड़ा होगा, किसान की फसल उतनी ही अधिक फलदायी होगी। उन्होंने कहा कि हरेला उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा पर्व है, जो हमें हरियाली, पशुपालन और प्रकृति के साथ सामंजस्य का संदेश देता है। मंत्री ने कहा कि श्रावण मास में हरेला पूजन के उपरांत वृक्षारोपण की परंपरा उत्तराखंड की विशेष पहचान रही है।
कृषि मंत्री ने इस अवसर पर लोगों से आह्वान किया कि “एक वृक्ष लगाना दस बच्चों के समान है”, इस भावना के साथ सभी को पर्यावरण संरक्षण में भागीदारी निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में विभिन्न संस्थाओं, स्वयंसेवी संगठनों (NGO) और आम जनमानस की सहभागिता से फलदार पौधों का रोपण किया जा रहा है।
हमारे लोक पर्व हमारी सांस्कृतिक विरासत की है पहचान
हरेला पर्व हमें अपनी परम्पराओं से जुड़े रहने का देता है संदेश- मुख्यमंत्री
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की शुभकामना दी है। इस अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेला पर्व प्रकृति के प्रति कृतज्ञता प्रदर्शित करने के साथ लोक संस्कृति एवं पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देता है। हरेला पर्व को सुख, समृद्धि एवं सौहार्द का प्रतीक बताते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पर्व हमें अपनी परम्पराओं से जुड़े रहने का भी संदेश देता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेला पर्व हमें अपनी धरती और पर्यावरण की देखभाल के प्रति भी प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को शुद्ध और स्वस्थ वातावरण देने के लिए वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण अत्यंत आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड अपने धर्म, अध्यात्म और संस्कृति के लिए विख्यात है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता हर किसी को आकर्षित करती है। इसलिए, पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। हमें अपने जल स्रोतों, नदियों और गदेरों के पुनर्जीवन और संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास करने होंगे।
उन्होंने कहा कि हमारे लोक पर्व हमारी सांस्कृतिक विरासत की पहचान हैं। राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए हम सभी को सामूहिक रूप से प्रयास करने होंगे। तभी हम अपनी सांस्कृतिक और पारंपरिक जड़ों से जुड़े रह पाएंगे और इसे अगली पीढ़ी तक पहुंचा पाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विजन के अनुरूप हरेला पर्व के साथ ही एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत संपूर्ण प्रदेश में वृहद स्तर पर यह पौधरोपण अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान के तहत सार्वजनिक स्थानों, वनों, नदियों, गाड, गदेरों के किनारे, स्कूलों, कॉलेज, विभागीय परिसर, सिटी पार्क, आवासीय परिसर में पौधरोपण किया जाएगा। जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों, छात्रों, विभागीय कर्मियों, एनसीसी, एनएसएस के साथ ही आमजनमानस की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष हरेला पर्व पर पूरे प्रदेश में एक ही दिन में 05 लाख से अधिक पौधे रोपे जाएंगे। जिसमें से गढ़वाल मंडल में 03 लाख और कुमाऊं मंडल में 02 लाख पौधे रोपण का लक्ष्य रखा गया है। इस बार हरेला का त्योहार मनाओ, धरती मां का ऋण चुकाओ और एक पेड़-माँ के नाम की थीम पर यह पौधरोपण आयोजित किया जाएगा। पूरे माह इस पर्व के तहत कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस पौधरोपण अभियान की सफलता में ग्रामीणों से लेकर स्कूली छात्र और विभिन्न विभागों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें और पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दें। उन्होंने इस दिशा में जन सहभागिता को महत्वपूर्ण बताते हुए सभी सामाजिक संगठनों और संस्थाओं से भी सहयोग की अपील की है।
बोले– सिर्फ सरकारी प्रयास नहीं, जनभागीदारी से ही होगा 2025 तक टीबी पर पूर्ण नियंत्रण
देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को राजभवन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित ‘‘टीबी मुक्त भारत अभियान’’ के अंतर्गत पुरस्कार समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने टीबी रोगियों को गोद लेकर नियमित निगरानी और मानसिक संबल प्रदान कर रोगियों के स्वस्थ होने में मदद करने वाले 13 निःक्षय मित्रों को सम्मानित किया। वहीं उन्होंने 13 ट्रीटमेंट सपोटर्स को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया, जिन्होंने जमीनी स्तर पर कार्य कर, रोगियों के उपचार की नियमित मॉनिटरिंग और उनकी समुचित देखभाल की।
इस दौरान राज्यपाल ने टीबी उन्मूलन की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले जनपदों देहरादून, चम्पावत और रुद्रप्रयाग को भी सम्मानित किया। उन्होंने टीबी रोग से स्वस्थ हुए ‘टीबी चैंपियनों‘‘ को भी सम्मानित किया और गोद लिए गए टीबी मरीजों को पोषण किट प्रदान की।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि टीबी उन्मूलन केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं है, बल्कि इसके लिए जनभागीदारी और सामूहिक संकल्प आवश्यक है। उन्होंने कहा कि टीबी से स्वस्थ हुए लोग असली योद्धा हैं और समाज के लिए प्रेरणा बन सकते हैं। इस अवसर पर राज्यपाल ने टीबी उन्मूलन के क्षेत्र में कार्य कर रहे सभी लोगों, स्वयं सेवी संस्थाओं और स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इन सभी लोगों की मेहनत से हमारा प्रदेश अग्रणी राज्यों में है।
राज्यपाल ने बताया कि उन्हें भी निःक्षय मित्र बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, और अब तक उन्होंने 75 टीबी रोगियों को गोद लिया है, जिनमें से 62 मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। उन्होंने समाज के सामर्थ्यवान व्यक्तियों से अपील की कि वे भी आगे आकर निःक्षय मित्र बनें और इस अभियान को गति दें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से आग्रह किया कि जानकारी के अभाव में कोई भी रोगी उपचार से वंचित न रहे। यह सुनिश्चित किया जाए कि अभियान अंतिम छोर तक पहुंचे और प्रत्येक रोगी को समुचित देखभाल एवं उपचार मिल सके। राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि सभी के सम्मिलित प्रयासों से प्रदेश को 2025 में टीबी मुक्त बनाने में सफल होंगे।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि 2025 तक उत्तराखण्ड को पूरी तरह से टीबी मुक्त बनाना और इस राष्ट्रीय प्रयास में अग्रणी भूमिका निभाना है। हम इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त अभियान को 01 अगस्त, 2025 से राज्य भर में एक व्यापक अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान के तहत सभी नगर पंचायतों के वार्डों और नगर निगमों के सभी पार्षद वार्डों में विशेष शिविर (कैंप) लगाए जाएंगे। इन शिविरों का उद्देश्य समुदाय स्तर पर टीबी के मामलों की पहचान करना, उनका उपचार सुनिश्चित करना और जागरूकता फैलाना होगा।
कार्यक्रम में सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर सचिव राज्यपाल श्रीमती रीना जोशी, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. सुनीता टम्टा, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, चेयरमैन रेडक्रॉस सोसायटी डॉ. नरेश चौधरी सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी व मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राएं मौजूद रहें।
सम्मानित होने वाले लोगों की सूची-
सम्मानित होने वाले निःक्षय मित्र में हिमालयन वेलनेस कम्पनी के डॉ. फारुख, हंस कल्चरल फाउंडेशन की सुश्री पूनम किमोठी, देहरादून के मुकेश मोहन, पंकज गुप्ता, साईं इंस्टीट्यूट की डॉ. आरती, रेडक्रॉस सोसायटी की सुश्री कल्पना बिष्ट, कनिष्क हॉस्पिटल की डॉ. रितु गुप्ता, आस संस्था की सुश्री हेमलता बहन, स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी के राजीव बिजल्वाण, देव भूमि स्वराज फाउंडेशन के इन्दर रमोला, महिला जिजीविषा मंच देहरादून की सुश्री डॉली डबराल, लायंस क्लब के रजनीश गोयल और सुश्री ममता थापा शामिल हैं।
वहीं ट्रीटमेंट सपोर्टर में कम्युनिटी वॉलिंटियर सुप्रिया, जोया, कनक एवं आशा कार्यकत्रियों में नीरज, नीरा कंडारी, मीना काला, गंगा भंडारी, सरोज, नीरू जैन, पूजा जोशी, शिखा अरोड़ा, निर्मला जोशी एवं सचि तिवारी को सम्मानित किया गया।
मुंबई में खुला पहला शोरूम, कीमत 60 लाख से शुरू, सितंबर से शुरू होगी डिलीवरी
नई दिल्ली। टेस्ला ने भारत में अपने पहले शोरूम की लॉन्चिंग के साथ ही इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में धूम मचा दी है। कंपनी ने अपनी प्रीमियम इलेक्ट्रिक ‘Model Y’ को भारत में आधिकारिक रूप से लॉन्च कर दिया है, जिसकी कीमत लगभग 60 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) तय की गई है। मुंबई के बीकेसी स्थित मैक्सिटी मॉल में टेस्ला का पहला शोरूम खुल चुका है, और डिलीवरी सितंबर 2025 से शुरू होगी।
बुकिंग हुई शुरू
टेस्ला ने अपनी वेबसाइट पर Model Y की बुकिंग शुरू कर दी है, जो फिलहाल मुंबई, दिल्ली और गुरुग्राम में उपलब्ध होगी। खास बात यह है कि जो ग्राहक फुल-सेल्फ ड्राइविंग (FSD) फीचर वाला वेरिएंट लेना चाहते हैं, उन्हें इसके लिए अतिरिक्त 6 लाख रुपये का भुगतान करना होगा।
वेरिएंट्स और परफॉर्मेंस
Tesla Model Y को भारत में दो वेरिएंट्स में उतारा गया है:
लॉन्ग रेंज RWD:
यह वेरिएंट सिंगल इलेक्ट्रिक मोटर से लैस है, जो 295 हॉर्सपावर और 420 Nm टॉर्क पैदा करता है। यह कार एक बार चार्ज करने पर 500 किमी तक चल सकती है और सिर्फ 5.6 सेकंड में 0 से 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ लेती है।
लॉन्ग रेंज AWD:
ड्यूल मोटर से लैस इस वेरिएंट की रेंज 622 किमी है। इसमें 384 bhp की पावर और 510 Nm का टॉर्क मिलता है। इसकी टॉप स्पीड 217 किमी प्रति घंटा है और यह मात्र 4.6 सेकंड में 0-100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ लेती है।
चार्जिंग टेक्नोलॉजी
Model Y को टेस्ला की फास्ट चार्जिंग तकनीक से लैस किया गया है। कंपनी का दावा है कि यह केवल 15 मिनट में 238 किमी की दूरी तय करने लायक चार्ज हो सकती है।
सेफ्टी फीचर्स
सभी वेरिएंट्स में लेवल-2 ADAS तकनीक दी गई है, जिसमें फॉरवर्ड कोलिजन वार्निंग, ऑटोमैटिक इमर्जेंसी ब्रेकिंग, लेन कीप असिस्ट और स्पीड लिमिट असिस्ट जैसे एडवांस फीचर्स शामिल हैं। साथ ही, कार में 6 स्टैंडर्ड एयरबैग्स भी दिए गए हैं।
डिजाइन और इंटीरियर
Tesla Model Y भारत में कुल 7 एक्सटीरियर कलर ऑप्शन और 2 इंटीरियर ट्रिम्स के साथ उपलब्ध होगी। इसमें 15.4 इंच का फ्रंट टचस्क्रीन, 8 इंच का रियर डिस्प्ले, पावर-एडजेस्टेबल सीट्स और स्टीयरिंग कॉलम, डुअल-जोन क्लाइमेट कंट्रोल, 19-इंच क्रॉसफ्लो व्हील्स, ग्लास रूफ और पावर रियर लिफ्टगेट जैसे प्रीमियम फीचर्स मिलते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने FSSAI को फ्रंट-ऑफ-पैक लेबलिंग लागू करने का दिया निर्देश
नई दिल्ली– सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) को सभी पैक्ड खाद्य उत्पादों पर फ्रंट-ऑफ-पैक न्यूट्रिशन लेबलिंग (FOP) को अनिवार्य रूप से लागू करने का निर्देश दिया है। यह फैसला उपभोक्ताओं को स्वास्थ्यवर्धक विकल्पों की जानकारी सरलता से उपलब्ध कराने और देश में तेजी से बढ़ रही मोटापे की समस्या से निपटने के प्रयास के तहत लिया गया है। इस निर्णय की जानकारी शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की।
क्या है FSSAI और FOP लेबलिंग?
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) एक स्वायत्त संस्था है, जो देश में खाद्य गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों की निगरानी करती है। फ्रंट-ऑफ-पैक लेबलिंग एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें पैक्ड खाद्य उत्पादों के सामने स्पष्ट पोषण संबंधी जानकारी दी जाती है, जैसे वसा, चीनी और नमक की मात्रा। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को यह जानने में मदद करना है कि कोई उत्पाद स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद या हानिकारक है।
देवड़ा की सलाह: सिंगापुर मॉडल अपनाने पर जोर
मिलिंद देवड़ा ने FSSAI को सिंगापुर की A-to-D न्यूट्री-ग्रेड प्रणाली अपनाने की सिफारिश की है। इस प्रणाली में खाद्य उत्पादों को उनके पोषण स्तर के आधार पर A (सबसे अच्छा) से D (सबसे खराब) तक ग्रेड दिया जाता है। उनका कहना है कि इससे उपभोक्ताओं को जागरूक फैसले लेने में मदद मिलेगी और FSSAI को जल्द अनुपालन सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम मिलेगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय की नई पहल
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर में स्वस्थ खानपान की आदतों को बढ़ावा देने के लिए चीनी और तेल जागरूकता बोर्ड लगाने का प्रस्ताव भी रखा है। ये बोर्ड स्कूलों, दफ्तरों और सार्वजनिक स्थलों पर लगाए जाएंगे, जिनमें दृश्यात्मक चेतावनी के ज़रिए यह बताया जाएगा कि आम खाद्य पदार्थों में कितनी मात्रा में वसा और चीनी छिपी हो सकती है।
भारतीय पारंपरिक स्नैक्स भी निशाने पर
देवड़ा ने यह भी कहा कि भारत को केवल बहुराष्ट्रीय कंपनियों के उत्पादों तक सीमित न रहकर समोसा, जलेबी जैसे पारंपरिक भारतीय स्नैक्स के पोषण मूल्य की भी निगरानी करनी चाहिए। उन्होंने इसे स्वास्थ्य मंत्रालय की राष्ट्रीय गैर-संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम की दिशा में एक आवश्यक कदम बताया, जिससे मधुमेह, उच्च रक्तचाप और मोटापे जैसी बीमारियों की रोकथाम संभव हो सकेगी।
नेहा कक्कड़ की आवाज़ और जानी के संगीत से सजा यह गाना सोशल मीडिया पर हो रहा तेजी से वायरल
अजय देवगन और मृणाल ठाकुर एक बार फिर दर्शकों को हंसी, मस्ती और पंजाबी तड़के से भरपूर मनोरंजन देने के लिए तैयार हैं। उनकी आने वाली फिल्म ‘सन ऑफ सरदार 2’ का हाल ही में ट्रेलर रिलीज हुआ था, जिसे खूब सराहा गया। अब फिल्म का ब्राइडल पार्टी सॉन्ग ‘नचदी’ भी सामने आ चुका है, जिसने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है।
डांस फ्लोर हिट ‘नचदी’
फिल्म ‘सन ऑफ सरदार 2’ का गाना ‘नचदी’ एक फुलऑन ब्राइडल डांस नंबर है, जिसे नेहा कक्कड़ की आवाज़ ने और भी धमाकेदार बना दिया है। गीत के बोल और संगीत जानी ने तैयार किए हैं। गाने में मृणाल ठाकुर की स्टाइलिश एंट्री, खूबसूरत लुक और अजय देवगन के साथ उनकी मस्तीभरी केमिस्ट्री दर्शकों को खूब पसंद आ रही है। साथ ही कुब्रा सैत, रोशनी वालिया और दीपक डोबरियाल भी डांसिंग मूड में दिखे।
फैन्स और सेलेब्स की तारीफें
मृणाल ठाकुर ने इस गाने को अपने इंस्टाग्राम पर शेयर करते हुए लिखा, “राबिया का गाना आपके दिलों में उतरने आ गया है।” उनके डांस मूव्स और एक्सप्रेशंस की खूब तारीफ हो रही है। नुसरत भरुचा, आशीष चंचलानी और हेली दारूवाला जैसे सेलेब्स ने भी कमेंट सेक्शन में प्यार जताया है।
ट्रेलर में लौटे ‘जस्सी’
ट्रेलर में अजय देवगन एक बार फिर अपने चहेते किरदार ‘जस्सी’ के अवतार में नजर आ रहे हैं। पंजाबी अंदाज, एक्शन और कॉमेडी का सही मेल ट्रेलर में दिखता है। ‘पहला तू दूजा तू’ गाने का हुक स्टेप पहले ही वायरल हो चुका है और फिल्म की कहानी 2012 की ‘सन ऑफ सरदार’ की सीक्वल के रूप में आगे बढ़ती है।
स्टारकास्ट और रिलीज डेट
विजय कुमार अरोड़ा के निर्देशन में बनी ‘सन ऑफ सरदार 2’ में अजय-मृणाल के साथ रवि किशन, संजय मिश्रा, नीरू बाजवा, चंकी पांडे, दीपक डोबरियाल, कुब्रा सैत, शरत सक्सेना और दिवंगत मुकुल देव जैसे दिग्गज कलाकार शामिल हैं। यह फिल्म 25 जुलाई, 2025 को सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है।
(साभार)
नई दिल्ली/देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बिरला को उत्तराखंड के चारधाम का प्रसाद भेंट किया और देवभूमि उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हुए राज्य के विभिन्न स्थानीय उत्पाद भी उन्हें भेंट किए ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य चारधाम, प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का प्रतीक है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को राज्य में चल रहे विकास कार्यों, विशेष रूप से धार्मिक पर्यटन, सड़क संपर्क, स्वास्थ्य, और स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी दी।
सोशल मीडिया के ज़रिए दिल्ली के पर्यटन स्थलों का प्रचार करने वाले युवाओं को मिलेगी ₹50,000 मासिक सहायता
नई दिल्ली। दिल्ली को एक वैश्विक पर्यटन हब बनाने की दिशा में सरकार ने एक नई पहल की शुरुआत की है। दिल्ली सरकार अब उन युवाओं को प्रोत्साहन राशि देगी, जो राजधानी के ऐतिहासिक स्थलों और सांस्कृतिक धरोहरों का प्रचार-प्रसार डिजिटल माध्यमों से करेंगे। इस योजना के तहत चयनित युवाओं को हर महीने ₹50,000 की आर्थिक सहायता और एक साल के इस प्रोग्राम के अंत में प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।
योजना का उद्देश्य: दिल्ली को इंटरनेशनल टूरिज्म डेस्टिनेशन बनाना
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक कार्यक्रम में बताया कि सरकार “टूरिज्म एंड हेरिटेज फेलोशिप प्रोग्राम” के तहत दिल्ली को विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना चाहती है। इसके लिए ऐसे युवाओं की तलाश की जा रही है जो सोशल मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म और कंटेंट क्रिएशन के जरिए दिल्ली की विरासत को वैश्विक मंच पर प्रमोट कर सकें।
पहले चरण में 40 युवाओं का चयन
इस योजना को दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम (DTTDC) के माध्यम से लागू किया जाएगा। पहले चरण में 40 युवाओं का चयन किया जाएगा। चयनित प्रतिभागियों को न केवल दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थलों का प्रचार करना होगा, बल्कि वीडियो निर्माण, पर्यटन से जुड़े शोध, और इन स्थलों के संचालन जैसे कार्यों में भी सक्रिय भागीदारी करनी होगी।
योजना की पात्रता
इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उम्मीदवार की आयु 35 वर्ष से कम होनी चाहिए और उसमें डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया और कंटेंट क्रिएशन की अच्छी समझ होनी चाहिए। योजना एक साल तक चलेगी, जिसके अंत में युवाओं को अनुभव प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।
SCO बैठक के दौरान सीमा तनाव के बाद पहली बार हुई सीधी बातचीत
जयशंकर बोले – मतभेदों को विवाद नहीं बनने देना चाहिए
बीजिंग– भारत और चीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा तनाव के बीच कूटनीतिक स्तर पर एक नई सकारात्मक पहल सामने आई है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की विदेश मंत्रियों की बैठक के अवसर पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच हालिया सीमा तनाव में कमी के बाद पहली उच्चस्तरीय सीधी बातचीत मानी जा रही है।
जयशंकर ने शी जिनपिंग को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए द्विपक्षीय संबंधों में हालिया प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत-चीन संबंधों को स्थायित्व और दिशा देने में शीर्ष नेतृत्व की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।
सीमा विवाद और आपसी भरोसे पर हुई चर्चा
विदेश मंत्री ने SCO सम्मेलन के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की। उन्होंने बताया कि बीते नौ महीनों में भारत-चीन संबंधों में ठोस सुधार हुआ है और सीमा क्षेत्रों में स्थिरता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि दोनों देश तनाव कम करने के साथ-साथ लंबित मुद्दों पर समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाएं।
जयशंकर ने स्पष्ट रूप से कहा कि मतभेदों को विवाद में नहीं बदलना चाहिए और प्रतिस्पर्धा को संघर्ष का रूप नहीं लेना चाहिए। उन्होंने दोनों देशों के बीच स्थिर और रचनात्मक संबंधों को वैश्विक हित में भी बताया।
व्यापार, पर्यटन और संपर्क बढ़ाने पर जोर
बैठक में भारत-चीन व्यापार संबंधों पर भी बात हुई, जहां जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री के समक्ष भारत के विनिर्माण क्षेत्र को प्रभावित करने वाले चीनी प्रतिबंधों पर चिंता जताई। उन्होंने चीन से आग्रह किया कि दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क को आसान बनाने के लिए सीधी उड़ानों को फिर से शुरू किया जाए, पर्यटन को प्रोत्साहन मिले और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ाया जाए।
आतंकवाद पर भारत का स्पष्ट रुख, कैलाश यात्रा बहाली का स्वागत
SCO मंच पर जयशंकर ने आतंकवाद के विरुद्ध भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दोहराते हुए कहा कि संगठन को चरमपंथ, अलगाववाद और आतंकवाद के विरुद्ध मिलकर काम करना चाहिए। इस दौरान उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा को पुनः प्रारंभ करने के चीन के निर्णय का स्वागत किया, जो कोविड महामारी के कारण पांच वर्षों से बंद थी।
तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तकनीकी शिक्षा विभाग की वर्चुअल समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि राज्य के युवाओं को औद्योगिक संस्थानों की मांग के अनुरूप विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और रोबोटिक्स जैसे अत्याधुनिक विषयों पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रमों को भी प्राथमिकता दी जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि अधिक से अधिक प्रशिक्षणार्थियों को कैम्पस प्लेसमेंट के माध्यम से रोजगार के अवसर प्राप्त हों। साथ ही, छात्रों को उद्योगों का शैक्षणिक भ्रमण कराया जाए, जिससे उन्हें व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीकी संस्थानों में प्रशिक्षण की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए आईआईटी रूड़की के सहयोग से कार्य किया जाए। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, रूड़की का उपयोग राज्य के युवाओं के हित में अधिकतम रूप से कैसे किया जा सकता है, इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए नियमित रोजगार मेलों का आयोजन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, योजनाएं बनाते समय आउटकम इंडिकेटर्स (परिणाम सूचकांकों) को विशेष रूप से ध्यान में रखा जाए, जिससे योजनाओं का वास्तविक प्रभाव स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य उत्तराखण्ड को वर्ष 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की दिशा में अग्रसर करना है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए युवाओं को तकनीकी कौशल, सॉफ्ट स्किल्स, उद्यमिता और नवाचार के क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्लेसमेंट पोर्टल, कैरियर मार्गदर्शन, संकाय उन्नयन, इंटर्नशिप और विदेशी भाषाओं के प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से न केवल राज्य में बल्कि विदेशों में भी रोजगार एवं उच्च शिक्षा के अवसर सुनिश्चित किए जा रहे हैं।
बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव तकनीकी शिक्षा रंजीत सिन्हा, स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।