140 से अधिक शिकायतें दर्ज, भूमि विवाद और आर्थिक सहायता के मामलों पर तुरंत कार्रवाई
देहरादून। देहरादून कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में साप्ताहिक जनता दरबार का आयोजन किया गया। इस दौरान भूमि विवाद, घरेलू कलह, मुआवजा, आर्थिक सहायता, सड़क, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसी 140 समस्याएं सामने आईं। जिलाधिकारी ने मौके पर ही अधिकांश मामलों का त्वरित समाधान किया और संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
शस्त्र से धमकी का मामला: बंदूक का लाइसेंस निलंबित
रेसकोर्स निवासी विकास घिल्डियाल की शिकायत पर कि उसके पिता तलाक के बाद भी उसे और उसकी मां को लाइसेंसी बंदूक से डराते हैं, जिलाधिकारी ने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए मौके पर ही शस्त्र लाइसेंस निलंबित करने का आदेश जारी किया।
जलभराव की समस्या पर सख्ती: एक सप्ताह में समाधान का निर्देश
किरन गोयल ने बंगील लाइब्रेरी रोड की जल निकासी की समस्या उठाई, जिस पर जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता को एक सप्ताह में समाधान के निर्देश दिए। समय पर कार्रवाई न होने पर प्रतिकूल प्रविष्टि की चेतावनी दी।
दिव्यांग, विधवा, बीमार और छात्राओं को दी गई राहत
दिव्यांग टीकाराम शर्मा की पेंशन मामले में समाज कल्याण अधिकारी से जवाब तलब कर तत्काल पेंशन स्वीकृति के निर्देश दिए।
कैंसर पीड़िता रेनू सिंह को आर्थिक सहायता हेतु प्रस्ताव तैयार करने और बेहतर अस्पताल में इलाज सुनिश्चित कराने के आदेश दिए।
विधवा महिला की आर्थिक स्थिति देखते हुए स्वरोजगार से जोड़ने और रायफल क्लब से मदद दिलाने का निर्देश दिया।
नेहरू ग्राम की सुहानी और अन्य 5 बच्चियों की पढ़ाई के लिए नंदा-सुनंदा योजना के तहत मदद सुनिश्चित की गई।
श्यामपुर की उषा देवी के अनाथ पोतों को स्पॉन्सरशिप स्कीम के तहत 4-4 हजार रुपये प्रतिमाह की सहायता स्वीकृत की गई।
कैब्रियन हॉल स्कूल की शिकायत पर एक्शन
अभिभावकों ने कैब्रियन हॉल स्कूल पर मनमानी फीस बढ़ोतरी की शिकायत की। जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी से पूर्व की गई कार्रवाई की रिपोर्ट तलब कर, नियमविरुद्ध फीस वृद्धि पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
व्यावसायिक प्रशिक्षकों की मांगों पर संज्ञान
विजन इंडिया सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर प्रशिक्षकों ने उत्पीड़न और नाममात्र मानदेय बढ़ोतरी की शिकायत की। डीएम ने शिक्षा सचिव से समस्या समाधान का अनुरोध किया।
जनता दरबार में एसडीएम अपूर्वा, एसडीएम कुमकुम जोशी, मुख्य शिक्षा अधिकारी वीके ढौंडियाल, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट समेत सभी जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी मामलों का संवेदनशीलता के साथ शीघ्र समाधान सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री को भेंट की कार्तिक स्वामी मंदिर की प्रतिकृति और आदि कैलाश यात्रा की कॉफी टेबल बुक
नई दिल्ली/देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट कर उत्तराखण्ड के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास में सहयोग के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखण्ड विकसित भारत 2047 के विजन में अपनी प्रभावी भूमिका निभाने को तत्पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व के 27 देशों द्वारा प्रधानमंत्री को अपने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान किए जाने से सभी भारतवासी गौरवान्वित हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को कार्तिक स्वामी मंदिर के प्रतिरूप और आदि कैलाश यात्रा पर कॉफ़ीटेबिल बुक के साथ ही उत्तराखण्ड के उत्पाद कनार ( धारचूला) का घी , लाल (पुरोला) चावल, बासमती चावल, काला जीरा, गंध रैण, जम्बू और स्थानीय शहद भेंट किये।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम की भांति ही हरिद्वार गंगा कॉरिडोर, ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और चम्पावत में शारदा कॉरिडोर के मास्टर प्लान के अनुरूप अवस्थापना विकास के लिए सीएसआर के माध्यम से वित्त पोषण के लिए संबंधित को निर्देशित करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के ऊधमसिंह नगर स्थित नेपा फार्म को सेमी कन्डक्टर हब के रूप में विकसित करने लिए सेमी कन्डक्टर उद्योग लगाए जाने, दिल्ली व मेरठ के मध्य रीजनल रैपिड ट्रान्जिट सिस्टम को हरिद्वार तक विस्तारित करने और टनकपुर-बागेश्वर व ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल परियोजनाओं में मार्ग निर्माण का प्रावधान भी शामिल किये जाने के लिए संबंधित मंत्रालयों को निर्देशित किये जाने का प्रधानमंत्री से आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को उत्तराखण्ड में वर्ष 2026 में होने जा रही नंदा राजजात यात्रा की जानकारी देते हुए कहा कि इसके संचालन के लिए व्यापक रूप से पर्यावरण अनुकूल अवस्थापना सुविधाएं विकसित की जानी हैं। मुख्यमंत्री ने अगस्त 2026 में आयोजित इस पर्वतीय महाकुंभ नंदा राजजात यात्रा के लिए प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया और साथ ही यात्रा में अवस्थापना सुविधाएं सुनिश्चित किए जाने के लिए 400 करोड की धनराशि केंद्र से उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2027 में हरिद्वार में दिव्य और भव्य महाकुंभ का आयोजन किया जाना है। राज्य सरकार द्वारा इसकी तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। इसके सफल आयोजन के लिए हरिद्वार में पुलों की मरम्मत, पार्किंग, विद्युत, पेयजल, शौचालय, परिवहन, श्रद्धालुओं के लिए पैदल मार्ग सहित अन्य कार्य कराए जाने हैं। मुख्यमंत्री ने इसके लिए 3500 करोड रूपए की वित्तीय सहायता दिये जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश और हरिद्वार शहरों में एचटी व एलटी विद्युत लाईनों को भूमिगत करने के साथ ही विद्युत प्रणाली को स्वचालित करने के लिए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा भेजी गई 1015 करोड की डीपीआर को आरडीएसएस योजना के अंतर्गत स्वीकृत किये जाने के लिए संबंधित को निर्देशित करने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश के निकट स्थित अनोखी धरोहर चौरासी कुटिया को अपने पुराने रूप में लाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। इसके लिए अपेक्षित धनराशि की व्यवस्था भी कर ली गई है। मुख्यमंत्री ने चौरासी कुटिया के प्रस्ताव का अनुमोदन राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से कराए जाने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोङने के लिए प्रथम चरण में पिण्डर-कोसी लिंक परियोजना का प्रारम्भिक प्रस्ताव तैयार किया गया है। ग्लेशियर आधारित पिंडर नदी के पानी को वर्षा आधारित कोसी, गगास, गोमती व गरूङ नदियों में मिलाया जाये तो बागेश्वर, अल्मोङा व नैनीताल जिलों के 625 गांवों की लगभग 2 लाख जनसंख्या पेयजल व सिंचाई से लाभान्वित होगी। साथ ही गरूङ, कौसानी, द्वाराहाट, रानीखेत और अल्मोङा नगरों की लगभग सवा लाख आबादी के लिए पेयजल आपूर्ति बेहतर हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को भारत सरकार की विशेष योजना के अंतर्गत लिये जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कैबिनेट सचिव, भारत सरकार की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुतियों के क्रम में कुल 596 मेगावाट क्षमता की पांच जल विद्युत परियोजनाओं के विकास की अनुमति प्रदान किये जाने का भी आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से चारधाम यात्रा, आदि कैलाश यात्रा, नंदा राजजात यात्रा, हरिद्वार में होने जा रहे कुम्भ के साथ ही प्रदेश में जल जीवन मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखण्ड के विकास के लिए केंद्र सरकार से हर सम्भव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।
राज्य सरकार बागवानी नीति के तहत सेब उत्पादकों को दे रही विशेष सहायता
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जनपद उत्तरकाशी एवं देहरादून के सेब उत्पादक किसानों को उत्तराखण्ड़ के सेब की विशिष्ट पहचान दिलाने तथा सेब की बेहतर पैकेजिंग के लिये कार्टन का वितरण शुरू कर दिया गया है।
कृषकों के सेब उत्पाद को उत्तराखण्ड ब्राण्ड के यूनिवर्सल कार्टन/कोरोगेटेड फाइबर बोर्ड बॉक्स (सी०एफ०बी०) मय एप्पल ट्रे में विक्रय करते हुए उत्तराखण्ड में उत्पादित सेब को विशिष्ट पहचान दिलाने तथा कृषकों को उनके उत्पाद का अधिक मूल्य प्रदान कराने के उद्देश्य से जनपद उत्तरकाशी के कृषकों की 3.85 लाख यूनिवर्सल कार्टन की मांग तथा जनपद देहरादून के कृषकों की 0.75 लाख यूनिवर्सल कार्टन की मांग सूचीबद्ध फर्मों/कम्पनियों को उपलब्ध कराते हुए उद्यान सचल दल केन्द्रों के माध्यम से कृषकों में वितरण का कार्य प्रारम्भ किया गया है।
प्रदेश के कृषकों/सेब उत्पादक अब उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा संचालित राज्य सैक्टर की उत्तर फसल प्रबन्धन योजनान्तर्गत 50 प्रतिशत राजसहायता पर यूनिवर्सल कार्टन प्राप्त कर अपने उत्पाद का अधिक मूल्य प्राप्त करेेंगे तथा उत्तराखण्ड के सेब उत्पाद को विशिष्ट पहचान दिलाने में अपना अहम सहयोग प्रदान कर सकेंगे।
उत्तराखण्ड में जैविक कृषि तथा बागवानी की अपार संभावनाएं हैं, राज्य में बागवानी के समुचित विकास के लिये नीति बनाई गई है, सरकार बागवानी को निरंतर बढ़ावा दे रही है। राज्य सरकार द्वारा बागवानी के क्षेत्र में सेब की खेती को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य में सेब उत्पादन तथा सेब उत्पादक किसानों को सेब के उत्पादन तथा सेब के उचित मूल्य प्राप्त कराये जाने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड़
कहा– बहुपक्षीय टूर्नामेंटों में सभी देशों को मिलेगा समान व्यवहार
मानसून सत्र में पेश होगा राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक
नई दिल्ली। देश में खेल प्रशासन को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार जल्द ही ‘राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक’ को संसद में पेश करेगी। खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को बताया कि यह बहुप्रतीक्षित विधेयक संसद के आगामी मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत में आयोजित बहुपक्षीय खेल प्रतियोगिताओं में पाकिस्तान के खिलाड़ियों की भागीदारी पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा।
खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने जानकारी दी है कि राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक को 21 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह विधेयक देश के खेल प्रशासकों की जवाबदेही तय करने और खेलों के संचालन में सुशासन लाने की दिशा में अहम साबित होगा।
विधेयक के तहत एक नियामक बोर्ड का गठन किया जाएगा, जो राष्ट्रीय खेल महासंघों (NSFs) को मान्यता देने और उन्हें फंडिंग प्रदान करने का कार्य करेगा। यह बोर्ड इस बात पर नज़र रखेगा कि खेल संगठन वित्तीय, प्रशासनिक और नैतिक मानकों का पालन कर रहे हैं या नहीं।
इसके अलावा, मसौदे में आचार संहिता आयोग और विवाद निवारण आयोग जैसे स्वतंत्र निकायों की स्थापना का भी प्रस्ताव है। हालांकि, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने इस विधेयक का विरोध किया है। IOA का तर्क है कि नियामक बोर्ड की स्थापना उसकी भूमिका को कमजोर कर सकती है।
इस दौरान मांडविया ने पाकिस्तान के खिलाड़ियों को भारत में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भाग लेने की अनुमति देने पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इसमें कोई आपत्ति नहीं है, चाहे वह क्रिकेट हो या हॉकी।
पाकिस्तान की भागीदारी के संभावित टूर्नामेंटों में राजगीर (बिहार) में एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट (27 अगस्त – 7 सितंबर) और तमिलनाडु में एफआईएच जूनियर वर्ल्ड कप (28 नवंबर – 10 दिसंबर) शामिल हैं। मांडविया ने कहा कि भारत वीजा देने को तैयार है, लेकिन अब फैसला पाकिस्तान सरकार को लेना है।
देहरादून। उत्तराखंड पत्रकार यूनियन (UPU) की प्रदेश कार्यकारिणी इस माह के अंत में राज्य के पांच प्रमुख जिलों — हरिद्वार, उधमसिंहनगर, नैनीताल, चम्पावत और अल्मोड़ा — का दौरा करने जा रही है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य जिलास्तरीय पत्रकार इकाइयों को और अधिक सक्रिय, संगठित व प्रभावशाली बनाना है।
UPU के प्रदेश अध्यक्ष आशीष ध्यानी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस दौरे के दौरान संगठन के भीतर आपसी समन्वय और संवाद को और अधिक मजबूत किया जाएगा। साथ ही चंपावत जिले में वार्षिक राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किए जाने की संभावनाओं पर भी मंथन होगा।
उन्होंने संबंधित जिलों की सभी पत्रकार इकाइयों से आग्रह किया है कि वे निर्धारित बैठकों एवं संवाद कार्यक्रमों में पूरी तत्परता और सक्रियता से भाग लें, ताकि यह यात्रा संगठनात्मक दृष्टिकोण से पूर्णतः सफल और सार्थक बन सके।
प्रदेश अध्यक्ष ध्यानी ने साफ किया कि “यह केवल एक औपचारिक दौरा नहीं, बल्कि संगठन की जड़ों को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक ठोस पहल है। पत्रकारों के हित और उत्तराखंड की पत्रकारिता की गरिमा बनाए रखने के लिए ज़मीनी स्तर पर एकजुटता बेहद ज़रूरी है।”
इस क्रम में होने वाली जिला स्तरीय बैठकें, न केवल संगठन के भीतर संवाद की नई ऊर्जा भरेंगी, बल्कि स्थानीय समस्याओं, अपेक्षाओं और विचारों को भी प्रदेश स्तर पर जगह दिलाने का मंच प्रदान करेंगी।
देहरादून। भारतीय सेना ने एक नवाचारी जनसंपर्क पहल के रूप में ‘CARAVAN TALKIES’ अभियान की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को सेना में उज्जवल करियर के लिए प्रोत्साहित करना है।
इस अभियान में एक विशेष रूप से डिज़ाइन की गई मोबाइल वैन का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें एलईडी डिस्प्ले स्क्रीन, एक सार्वजनिक संबोधन प्रणाली (पब्लिक एड्रेस सिस्टम), प्रेरणादायक पोस्टर और बैनर लगे हुए हैं। इस यात्रा के दौरान, भारतीय सेना के प्रतिनिधि छात्रों और इच्छुक अभ्यर्थियों से सीधे संवाद करेंगे तथा भर्ती प्रक्रिया, पात्रता मानदंड, प्रशिक्षण और सेना में करियर की संभावनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।
युवाओं में जोश और उत्साह को और अधिक बढ़ाने के लिए इस अभियान में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं, इंटरैक्टिव गेम्स और देशभक्ति से जुड़ी गतिविधियाँ भी शामिल की गई हैं, ताकि युवाओं से प्रभावी और भावनात्मक जुड़ाव स्थापित किया जा सके।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में सफलता पूर्वक कार्यक्रम आयोजित करने के पश्चात, ‘CARAVAN TALKIES’ अब 15 जुलाई 2025 को हरिद्वार पहुंचेगा। इसके अंतर्गत निम्नलिखित विश्वविद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों का भ्रमण किया जाएगा:
सीओईआर यूनिवर्सिटी – बेलड़ा
ओम आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज – ग्नोरवाला
केयर कॉलेज बहादराबाद, हरिद्वार – रुहालकी किशनपुर
हरिद्वार यूनिवर्सिटी – रहमतपुर
पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज – मैदोसपुर माज़रा
श्री स्वामी भुमानंद कॉलेज ऑफ नर्सिंग – अलीपुर इब्राहिमपुर
उत्तराखंड चरण का समन्वय एवं पर्यवेक्षण आर्मी रिक्रूटमेंट ऑफिस, लैंसडाउन (उत्तराखंड) के निदेशक द्वारा किया जा रहा है।
डीएम सविन बंसल के निर्देश पर मृतक आश्रित को नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू
देहरादून। देहरादून जिला प्रशासन जनसेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लगातार मजबूत करता जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के “जनसेवा सर्वोपरि” संकल्प से प्रेरित होकर जिलाधिकारी सविन बंसल अपने प्रशासनिक कोर टीम के साथ जनहित में लगातार त्वरित निर्णय ले रहे हैं। इससे आम जनता में प्रशासन की नीतियों के प्रति विश्वास और भरोसा बढ़ रहा है।
ऐसा ही एक उदाहरण 7 जुलाई को आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में देखने को मिला, जब विधवा रेनू ने जिलाधिकारी के समक्ष अपनी पीड़ा साझा की। उन्होंने बताया कि उनके पति सुरेन्द्र सिंह, जो नगर निगम देहरादून में पर्यावरण मित्र के पद पर स्थायी रूप से कार्यरत थे, 17 अप्रैल 2025 को निधन हो गया था। उनके पीछे दो बेटियां हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है।
रेनू ने नगर निगम में मृतक आश्रित कोटे से नौकरी के लिए आवेदन किया था और सभी आवश्यक दस्तावेज भी जमा कर दिए थे, परंतु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर डीएम सविन बंसल ने तुरंत नगर निगम के अधिकारियों और तहसीलदार को तलब कर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए। उन्होंने सख्त लहजे में पूछा कि जब मृतक कोटे से नियुक्ति का स्पष्ट प्रावधान है, तो नियुक्ति में देरी का कारण क्या है। डीएम ने नाराजगी जाहिर करते हुए नगर आयुक्त (एमएनए) को विधवा रेनू की नियुक्ति शीघ्र करने के निर्देश दिए।
डीएम द्वारा तहसील से नगर निगम को आख्या भी तुरंत भिजवाई गई, जिससे अब रेनू को अपने दिवंगत पति के स्थान पर नौकरी मिलने की उम्मीद जगी है।
जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक सोमवार को आयोजित किए जा रहे जनता दर्शन कार्यक्रम में दूर-दराज से लोग अपनी समस्याएं लेकर पहुंच रहे हैं। यह कार्यक्रम अब न केवल राजस्व विभाग तक सीमित रह गया है, बल्कि अन्य विभागों, निजी कंपनियों और संस्थानों से संबंधित शिकायतें भी सामने आ रही हैं, जिनका प्रशासन गंभीरता से समाधान कर रहा है।
जनता दर्शन के माध्यम से डीएम सविन बंसल की सक्रियता और संवेदनशीलता आम जनमानस के लिए न्याय और राहत का प्रतीक बन चुकी है।
97 केंद्रों पर होगी उत्तराखंड बोर्ड की सुधार परीक्षा, हरिद्वार से सबसे ज्यादा छात्र
देहरादून। उत्तराखंड बोर्ड ने फेल होने वाले हजारों छात्रों को बड़ी राहत दी है। 10वीं और 12वीं में एक या दो विषयों में असफल रहे 19 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को अब सप्लीमेंट्री परीक्षा के जरिए पास होने का मौका मिलेगा। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने इसके लिए परीक्षाफल सुधार परीक्षा का कार्यक्रम जारी कर दिया है।
उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद (UBSE) के सचिव वी.पी. सिमल्टी ने जानकारी दी कि हाईस्कूल के वे छात्र जो दो विषयों में फेल हुए हैं, और इंटरमीडिएट के वे छात्र जो एक विषय में असफल हुए हैं—उन्हें यह विशेष अवसर दिया गया है। यह परीक्षा 4 अगस्त से 11 अगस्त के बीच आयोजित की जाएगी।
बोर्ड ने परीक्षा के लिए प्रदेशभर में कुल 97 परीक्षा केंद्र बनाए हैं। परीक्षा सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक आयोजित होगी। रामनगर से मिली जानकारी के अनुसार, हाईस्कूल में 8,400 और इंटरमीडिएट में 10,706 छात्र-छात्राएं इस सुधार परीक्षा में शामिल होंगे।
हरिद्वार जिले से सबसे अधिक 4,658 छात्र परीक्षा देंगे, जबकि चंपावत जिले से सबसे कम 316 छात्र। छात्र संख्या को ध्यान में रखते हुए हरिद्वार के बहादराबाद और ऊधमसिंह नगर के रुद्रपुर में दो-दो परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।
बॉलीवुड में नए चेहरों की एंट्री हमेशा चर्चा में रहती है, और इस बार यह चर्चा शनाया कपूर की डेब्यू फिल्म ‘आंखों की गुस्ताखियां’ को लेकर थी। संजय कपूर और महीप कपूर की बेटी शनाया ने इस रोमांटिक ड्रामा फिल्म से अभिनय की दुनिया में कदम रखा, जहां उनके अपोजिट नजर आए विक्रांत मैसी। हालांकि फिल्म ने जितनी उम्मीदें जगाईं थीं, थिएटर्स में रिलीज के बाद उतना ही निराशाजनक प्रदर्शन किया है।
पहले दिन की कमाई महज 30 लाख, वीकेंड पर भी नहीं मिला रिस्पॉन्स
फिल्म की ओपनिंग बेहद कमजोर रही। पहले दिन सिर्फ 30 लाख रुपये की कमाई हुई। शनिवार को मामूली उछाल आया और आंकड़ा 49 लाख तक पहुंचा, लेकिन रविवार की छुट्टी के बावजूद दर्शकों की संख्या में बड़ा इजाफा नहीं हो सका। तीन दिनों में कुल मिलाकर फिल्म ने केवल 1.15 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है।
50 करोड़ के बजट पर भारी पड़ा कमजोर कंटेंट
करीब 50 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह फिल्म लागत के मुकाबले बेहद पीछे है। कमजोर स्क्रिप्ट और औसत अभिनय के चलते यह फिल्म दर्शकों से जुड़ नहीं सकी। विक्रांत मैसी जहां एक दृष्टिहीन युवक के किरदार में नजर आए, वहीं शनाया ने भी दृष्टिहीन की तरह जिंदगी जीने की कोशिश की है, लेकिन दोनों का प्रदर्शन प्रभावी नहीं रहा।
अन्य फिल्मों के मुकाबले भी पड़ी फीकी
फिल्म की रिलीज के साथ ही मुकाबला राजकुमार राव की ‘मालिक’ और हॉलीवुड की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘सुपरमैन’ से था। जहां ‘सुपरमैन’ बॉक्स ऑफिस पर छाई रही और ‘मालिक’ ने भी संतोषजनक प्रदर्शन किया, वहीं ‘आंखों की गुस्ताखियां’ इन दोनों फिल्मों की रेस में कहीं पीछे छूट गई।
पहले सप्ताह में ही बॉक्स ऑफिस से बाहर होने के आसार
प्रारंभिक आंकड़ों और समीक्षकों की राय को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह फिल्म पहले सप्ताह के अंत तक ही थिएटर से उतर सकती है। कमजोर कहानी, धीमा निर्देशन और सितारों की अनइंप्रेसिव परफॉर्मेंस ने दर्शकों को सिनेमाघरों से दूर ही रखा।
(साभार)
जयराम रमेश बोले- ट्रंप सरकार की शर्तें एकतरफा और खतरनाक
नई दिल्ली – भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इस संभावित डील को लेकर गंभीर आपत्तियां जताईं हैं। उन्होंने कहा कि यह ‘MASALA डील’ दरअसल “Mutually Agreed Settlements Achieved through Leveraged Arm-twisting” का संक्षिप्त रूप है — यानी दबाव डालकर समझौते कराना।
उन्होंने कहा कि इस तरह के समझौतों से भारत जैसे विकासशील देशों के आत्मनिर्भर क्षेत्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। रमेश ने ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंस्टीट्यूट (GTRI) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अमेरिका एकतरफा लाभ के लिए कई देशों पर व्यापारिक रियायतों का दबाव बना रहा है।
GTRI की चेतावनी:
थिंक टैंक GTRI ने भी भारत को आगाह किया है कि अमेरिका के साथ किसी भी व्यापार समझौते को जल्दबाजी में नहीं करना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका इस समय 90 से अधिक देशों से व्यापार रियायतें मांग रहा है, जिनमें से कई ने खुलकर विरोध जताया है।
सरकार पर विपक्ष का हमला:
जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अमेरिका की व्यापारिक नीतियाँ राजनीतिक और मनमानी हैं। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों में भारत को मजबूर किया जा रहा है कि वह अमेरिकी उत्पादों को खरीदे, जबकि बदले में भारत को कोई वास्तविक छूट नहीं मिल रही है।
‘मसाला डील’ बनाम ‘मसाला बॉन्ड’:
रमेश ने तंज कसते हुए कहा, “पहले मसाला बॉन्ड हुआ करते थे, अब सरकार मसाला डील में उलझ रही है।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विदेशी दबाव में फैसले कर रही है, जिससे भारत के कोर सेक्टर — विशेष रूप से कृषि और छोटे उद्योगों — को खतरा है।
दूसरे देश भी कर चुके हैं इनकार:
GTRI रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोपीय यूनियन, मैक्सिको, जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश अमेरिका की कठोर व्यापार शर्तों को पहले ही खारिज कर चुके हैं। इसके बावजूद अमेरिका इन देशों पर भारी टैरिफ की धमकी दे रहा है, लेकिन वे अपने आर्थिक हितों से समझौता नहीं कर रहे।