मुख्य सचिव को निर्देश – खेल अधोसंरचना का हो स्थायी और सतत उपयोग, खिलाड़ियों को मिले निरंतर प्रशिक्षण और सुविधाएं
देहरादून। उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों की अभूतपूर्व सफलता के बाद अब राज्य सरकार खेलों को लेकर नई दृष्टि और रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के खिलाड़ियों को निरंतर उच्च स्तरीय प्रशिक्षण और सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय खेलों के दौरान निर्मित और उन्नत किए गए खेल ढांचे का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने हेतु मुख्य सचिव को शीघ्र कार्ययोजना तैयार करने और उस पर तेजी से अमल करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेल केवल एक आयोजन नहीं थे, बल्कि यह उत्तराखंड की खेल यात्रा में ऐतिहासिक मोड़ सिद्ध हुए हैं। पहली बार राज्य ने 100 से अधिक पदक जीतकर पदक तालिका में सातवां स्थान प्राप्त किया और अपने प्रदर्शन से पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि “खेलों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता और खिलाड़ियों की मेहनत ने मिलकर यह असाधारण उपलब्धि संभव बनाई है।”
लिगेसी प्लान: खेल ढांचे का बेहतर और स्थायी उपयोग
राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए तैयार की गई अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं अब राज्य के खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण केंद्र के रूप में उपयोग होंगी। देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज और हल्द्वानी के इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया गया है। इसके साथ ही राज्य के आठ शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना की योजना भी लिगेसी प्लान का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि खेल ढांचे को निष्क्रिय नहीं रहने दिया जाएगा, बल्कि इसका अधिकतम उपयोग किया जाएगा ताकि राज्य के युवा प्रतिभाओं को अपने घर के पास ही उच्च स्तरीय प्रशिक्षण मिल सके।
नई खेल नीति से खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ा
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021 में लागू नई खेल नीति के सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं। इसमें खिलाड़ियों को उनकी उपलब्धियों के अनुसार आकर्षक प्रोत्साहन राशि, सरकारी नौकरी, छात्रवृत्तियां और सम्मान देने का प्रावधान किया गया है। ओलंपिक स्तर के पदक विजेताओं को दो करोड़ रुपये तक की राशि देने की घोषणा से खिलाड़ियों में नया उत्साह आया है।
खेल विश्वविद्यालय का निर्माण – दूरदृष्टि से लिया गया फैसला
हल्द्वानी में बनने वाला खेल विश्वविद्यालय राज्य की खेल संस्कृति को संस्थागत रूप देगा। यह न केवल प्रशिक्षण और रिसर्च का केंद्र बनेगा, बल्कि कोचिंग, खेल विज्ञान, फिजियोथेरेपी, मैनेजमेंट आदि में भी युवाओं को अवसर प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा,
“उत्तराखंड को आज खेल भूमि के रूप में देखा जा रहा है, यह पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है। राष्ट्रीय खेलों की सफलता ने एक नई चेतना जागृत की है। सरकार खेल और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए पूरी तन्मयता से जुटी हुई है। मैदानों से लेकर पहाड़ों तक हर जगह खेल प्रतिभाओं के लिए एक नया और उज्जवल भविष्य आकार ले रहा है।”
टीसी विवाद हो या पेयजल संकट, डीएम ने हर मामले में दिखाई संवेदनशीलता और प्रभावी निर्णय
देहरादून। जिला प्रशासन देहरादून जनमानस की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है। जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में बीते 10 महीनों में प्रशासन की सक्रियता और जनता के प्रति संवेदनशीलता ने लोगों का विश्वास और भी मजबूत किया है। हर कार्यदिवस पर डीएम स्वयं 40 से अधिक फरियादियों की समस्याएं सुनते हैं और उनके समाधान की व्यक्तिगत मॉनिटरिंग करते हैं।
निजी स्कूल द्वारा टीसी न देने पर तत्काल कार्रवाई
हाल ही में एक महिला अंशू सारस्वत अपने पुत्र की ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) न मिलने की शिकायत लेकर जिलाधिकारी के पास पहुंची। महिला का बेटा विगत तीन वर्षों से वंडर ईयर एकेडमी में पढ़ रहा था और अब उसने दूसरे स्कूल में दाखिला लिया है। स्कूल प्रबंधन टीसी देने से इनकार कर रहा था। जिलाधिकारी सविन बंसल ने मामले की गंभीरता को समझते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी को तत्काल निर्देश दिए और व्हाट्सएप के माध्यम से आवेदन साझा किया। डीएम के स्पष्ट निर्देशों के बाद उसी दिन स्कूल ने टीसी जारी कर दी।
बुजुर्ग महिला की पेयजल समस्या पर भी मिली तत्काल राहत
गांधी रोड की बुजुर्ग महिला जोगिंदर कौर ने डीएम को बताया कि उनके घर में पिछले चार से पांच महीनों से पानी नहीं आ रहा है, जिससे उन्हें होटल से पानी भरने को मजबूर होना पड़ता है। शिकायत पर जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन अधिकारी एवं जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता से तत्काल एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब की। उसी दिन महिला की गली में टैंकर के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया गया। जांच में पाया गया कि एक कनेक्शन से तीन परिवारों को पानी सप्लाई हो रही थी, जिससे समस्या उत्पन्न हो रही थी। जल संस्थान द्वारा आश्वासन दिया गया कि अलग-अलग कनेक्शन के लिए पूरा सहयोग किया जाएगा।
प्रशासनिक सख्ती से बढ़ रहा जनता का भरोसा
इन त्वरित निर्णयों ने यह सिद्ध किया है कि जिला प्रशासन जनता की समस्याओं को लेकर बेहद गंभीर और संवेदनशील है। निजी संस्थानों पर सख्ती, जनता के प्रति जवाबदेही और हर शिकायत का त्वरित समाधान – यह साबित करता है कि जिला प्रशासन जनहित के प्रति पूर्णतः समर्पित है।
लोक गायक प्रीतम भरतवाण की सांस्कृतिक प्रस्तुति को बताया जागरूकता का माध्यम
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आई आर डी टी ऑडिटोरियम देहरादून में हिमालयन हेरिटेज सोसाइटी द्वारा आयोजित भगवती सुरकंडा मां दिव्य जागर विमोचन समारोह में शामिल हुए| मुख्यमंत्री ने जागर गायक प्रीतम भरतवाण के सुरकंडा देवी पर जागर का विमोचन किया ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जागरो के माध्यम से हमारे पूर्वजों ने प्रकृति, पर्वत, नदियों और देवशक्तियों के साथ संवाद स्थापित किया। हमारी ये जागर परंपरा वेद मंत्रों जितनी ही गूढ़ है, जिसे केवल गाया ही नहीं जाता बल्कि अनुभव भी किया जाता है। जागर में शब्द नहीं बल्कि शक्ति होती है, प्रत्येक बोल, प्रत्येक ताल और ढोल की थाप में एक आध्यात्मिक शक्ति होती है, जो देवत्व को आमंत्रित करती है। इसलिए इस प्रकार के प्रयासों को प्रोत्साहन देना हम सभी का कर्तव्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण हेतु निरंतर प्रयास कर रही है ।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मां सुरकंडा देवी, हमारी लोक आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिक परंपरा का प्रतीक हैं, उनके इतिहास, महिमा और गौरवशाली कथा को चलचित्रों के माध्यम से जीवंत रूप देने का जो अद्भुत कार्य हमारे प्रदेश के महान लोक गायक पद्म श्री प्रीतम भरतवाण ने किया है, वह अनुकरणीय है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रीतम भरतवाण का यह प्रयास न केवल मां सुरकंडा की महिमा को जन-जन तक पहुंचाएगा, बल्कि हमारी नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने में भी अहम भूमिका निभाएगा। 52 शक्तिपीठों में से एक मां सुरकंडा देवी का मंदिर लोगों की श्रद्धा और शक्ति का केंद्र है। सदियों से यहां पर लोकगाथाएं गाई जाती रही हैं, जागर गाए जाते रहे हैं।आज, जब इस अमूल्य धरोहर को संगीत, चलचित्र, और सांस्कृतिक शिल्प के माध्यम से संजोया गया है, तो यह प्रयास अत्यंत ही सराहनीय है।
मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि राज्य के लोग हमेशा अपनी जड़ों से जुड़े रहें और उत्तराखंड की लोक पंरपराओं को जन-जन तक पहुंचाने में अपना योगदान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति, परंपराएं और विरासत हमारी आत्मा का हिस्सा हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज पूरे भारत में ’’विकास भी और विरासत भी’’ के उद्घोष के साथ जहां एक ओर अभूतपूर्व विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन एवं सहयोग से हमारी राज्य सरकार भी प्रदेश के विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए भी निरंतर प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री केदारनाथ धाम एवं श्री बद्रीनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों के साथ ही मानसखंड के पौराणिक मंदिरों’ के पुनरुत्थान एवं सौंदर्यीकरण हेतु करोड़ों की लागत से परियोजनाएँ संचालित की जा रही हैं। इसके साथ ही हम हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर के निर्माण पर भी तेजी से कार्य कर रहे हैं। पहले मां सुरकंडा देवी मंदिर जाने के लिए पैदल चलना पड़ता था, लेकिन हमारी सरकार ने ही मंदिर तक रोपवे का संचालन प्रारंभ करवाया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, जागर गायक प्रीतम भारतवाण सहित बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद रहे |
धार्मिक वेश में ठगी करने वालों के खिलाफ पुलिस की सख्त कार्रवाई
देहरादून। जनपद देहरादून में आम लोगों को धार्मिक विश्वास के नाम पर ठगने वाले ढोंगी बाबाओं के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) अजय सिंह के नेतृत्व में चल रहे “ऑपरेशन कालनेमि” के तहत शनिवार को विभिन्न थाना क्षेत्रों में छापेमारी कर 23 ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया।
ये सभी आरोपी साधु-संतों के भेष में भोले-भाले लोगों को बहला-फुसलाकर धोखाधड़ी की कोशिश कर रहे थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से 10 लोग उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे अन्य राज्यों से ताल्लुक रखते हैं, जबकि बाकी देहरादून और आसपास के क्षेत्रों के रहने वाले हैं।
गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम-पते:
सरदारों पुत्र सुखलाल (देहरादून, 58 वर्ष)
लखनपाल सिंह पुत्र सतनाम सिंह (देहरादून, 38 वर्ष)
शिव कुमार पुत्र बेचन लाल (देहरादून, 49 वर्ष)
मनोज कुमार जोशी पुत्र शिवकुमार (बिजनौर, यूपी, 44 वर्ष)
गुरदास सिंह पुत्र किशोरी सिंह (देहरादून, 61 वर्ष)
माताफेर गोस्वामी पुत्र रामचंद्र (देहरादून, 64 वर्ष)
सोहन सिंह पुत्र सतनाम सिंह (देहरादून, 45 वर्ष)
अभिलाख सिंह पुत्र बानजीत सिंह (हरिद्वार, 59 वर्ष)
महेंद्र पुत्र कालू (बिजनौर, यूपी, 30 वर्ष)
वेदप्रकाश पुत्र कोमल सिंह (हाथरस, यूपी, 42 वर्ष)
मोहन गिरि पुत्र नत्थु सिंह (बिजनौर, यूपी, 58 वर्ष)
संतोष कुमार पुत्र सोबरन सिंह (मैनपुरी, यूपी)
सुल्तान नाथ पुत्र जोगिंदर नाथ (देहरादून)
मगन पंडित पुत्र ज्योतिष पंडित (कोलकाता, बंगाल) हरिप्रसाद पुत्र महाप्रसाद (ऋषिकेश, देहरादून)
राजेंद्र कुमार पुत्र प्रगीलाल (लक्सर, हरिद्वार)
रघुनाथ साहनी पुत्र रामप्रसाद (दरभंगा, बिहार)
अनिल थापा पुत्र वीर बहादुर थापा (देहरादून)
गुलाब चंद्र विश्वास पुत्र ओ.बी. नाथ (कोलकाता, बंगाल)
गुलशन नाथ पुत्र फूलनाथ (सिरसा, हरियाणा, 31 वर्ष)
संदीप नाथ पुत्र महावीर (सिरसा, हरियाणा, 22 वर्ष)
पामती नाथ पुत्र जागर नाथ (देहरादून, 42 वर्ष)
बल्लू पुत्र टिपरनाथ (देहरादून, 22 वर्ष)
पुलिस ने बताया कि इन बाबाओं की गतिविधियों पर खुफिया निगरानी लंबे समय से की जा रही थी। स्थानीय लोगों से भी कई बार इनकी शिकायतें मिल रही थीं। आखिरकार पुलिस ने योजना बनाकर इन पर शिकंजा कस दिया।
एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि ऑपरेशन कालनेमि आगे भी जारी रहेगा और धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग कर समाज को गुमराह करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। गिरफ्तार सभी आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
बार एसोसिएशन ने जारी की सख्त चेतावनी
देहरादून। देहरादून जिला न्यायालय परिसर में अब वकील की वेशभूषा में कोई भी अनधिकृत व्यक्ति दिखाई दिया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बार एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि जो व्यक्ति वकील नहीं हैं लेकिन उनकी ड्रेस पहनकर परिसर में सक्रिय रहते हैं, उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई जाएगी।
देहरादून बार एसोसिएशन ने अधिवक्ता की वेशभूषा के दुरुपयोग पर कड़ा रुख अपनाया है। एसोसिएशन ने स्पष्ट किया है कि कोर्ट परिसर या अधिवक्ताओं के चैंबर ब्लॉक में सिर्फ अधिकृत अधिवक्ता ही काली पैंट और सफेद शर्ट या कोट पहन सकते हैं। अगर कोई दलाल, मुंशी या वकालत के छात्र (इंटर्न) अधिवक्ता की ड्रेस में नजर आते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई तय है।
बार के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल और सचिव राजबीर सिंह बिष्ट द्वारा जारी विशेष सूचना में कहा गया है कि कुछ लोग खुद को अधिवक्ता बताकर न्यायालय परिसर में सक्रिय हैं। वे अधिवक्ता की वेशभूषा में न्यायालय की कार्यवाही में भी शामिल हो रहे हैं, जिससे न्यायिक मर्यादा प्रभावित हो रही है। ऐसे सभी लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
इसके साथ ही, मुंशी और इंटर्न के लिए भी बार एसोसिएशन ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अधिवक्ताओं से अपील की गई है कि उनके यहां कार्यरत मुंशी का पहचान पत्र बार एसोसिएशन से बनवाना अनिवार्य होगा।
इंटर्न्स के लिए सख्त निर्देश:
अब लॉ इंटर्न को कोर्ट परिसर में अपने कॉलेज की ड्रेस में आना होगा, जिसमें कॉलेज का मोनोग्राम और पहचान पत्र अनिवार्य होगा। यदि कोई इंटर्न इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और संबंधित कॉलेज को सूचित किया जाएगा।
अब तक दो लाख से ज्यादा स्मार्ट मीटर लगाए गए
देहरादून। उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने प्रदेश में स्मार्ट ऊर्जा प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है। अब तक दो लाख से ज्यादा स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के घरों और प्रतिष्ठानों में लगाए जा चुके हैं। निगम ने रोजाना 4000 स्मार्ट मीटर इंस्टॉल करने का लक्ष्य तय किया है।
यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि यह काम केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत हो रहा है, जिसका उद्देश्य ऊर्जा वितरण प्रणाली को अधिक पारदर्शी, भरोसेमंद और कुशल बनाना है। स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को न सिर्फ अपनी बिजली खपत की सटीक जानकारी मिल पाएगी, बल्कि बिलिंग में भी पारदर्शिता आएगी।
इस पहल के तहत उपभोक्ताओं को रियल टाइम मॉनिटरिंग, रिमोट कनेक्शन और डिसकनेक्शन जैसी आधुनिक सुविधाएं भी मिलेंगी। शहरी से लेकर दूरदराज के ग्रामीण इलाकों तक सभी उपभोक्ताओं को इस योजना से जोड़ा जाएगा।
अहमदाबाद विमान हादसे पर AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी
हादसे के एक महीने बाद सामने आई जांच रिपोर्ट
नई दिल्ली। 12 जून को अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। इस त्रासदी में 260 लोगों की जान चली गई, जिनमें 229 यात्री, 12 क्रू सदस्य और 19 जमीन पर मौजूद नागरिक शामिल थे। एक महीने बाद अब इस हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने जारी की है। रिपोर्ट सामने आते ही केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू समेत कई प्रमुख नेताओं ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
रिपोर्ट पर क्या बोले उड्डयन मंत्री?
केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि यह केवल प्रारंभिक रिपोर्ट है, अंतिम नहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि एएआईबी एक स्वतंत्र जांच एजेंसी है और वह अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से काम कर रही है। मंत्रालय फिलहाल इस रिपोर्ट में सामने आई जानकारियों का गहराई से विश्लेषण कर रहा है, लेकिन अंतिम निष्कर्ष AAIB की फाइनल रिपोर्ट के बाद ही निकाला जाएगा।
सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
नायडू ने भारत की एविएशन इंडस्ट्री की सराहना करते हुए कहा कि देश के पास विश्वस्तरीय पायलट और क्रू हैं, जो हर परिस्थिति में बेहतरीन कार्य करते हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार इस हादसे की हर बारीकी से जांच कर रही है और अंतिम रिपोर्ट के आधार पर जरूरी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उड़ान सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल की प्रतिक्रिया
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने भी कहा कि यह रिपोर्ट केवल एक प्रारंभिक कदम है। फाइनल रिपोर्ट आने तक किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया में कोई हस्तक्षेप नहीं करता और पूरी पारदर्शिता से जांच हो रही है।
शाहनवाज हुसैन ने क्या कहा?
भाजपा नेता और पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन ने AAIB की इस रिपोर्ट को ‘चौंकाने वाला’ बताया। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक निष्कर्षों से यह स्पष्ट होता है कि विमान के इंजन को ईंधन की आपूर्ति बाधित हो रही थी, जो बेहद गंभीर मसला है। उन्होंने व्यापक और बहु-स्तरीय जांच की मांग की है ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न दोहराई जाएं।
हमेशा मिडिल क्लास युवक या रोमांटिक किरदारों में नजर आने वाले राजकुमार राव इस बार पूरी तरह बदले अवतार में दिखाई दे रहे हैं। उनकी नई फिल्म ‘मालिक’ शुक्रवार को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। गैंगस्टर की भूमिका में नजर आ रहे राजकुमार राव का यह नया अंदाज दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि, ओपनिंग डे पर फिल्म की कमाई उम्मीद से कमजोर रही।
पहले दिन महज 2.43 करोड़ की ओपनिंग, कलेक्शन में बढ़ोतरी की उम्मीद
फिल्म ‘मालिक’ को दर्शकों और समीक्षकों से मिला-जुला रिस्पॉन्स मिला है। पहले दिन के बॉक्स ऑफिस आंकड़ों के मुताबिक, फिल्म ने लगभग 2.43 करोड़ रुपये की कमाई की है, जो राजकुमार राव की स्टार पावर के मुकाबले थोड़ी कम मानी जा रही है। हालांकि, ट्रेड एनालिस्ट्स को उम्मीद है कि वीकेंड पर दर्शकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
तीन बड़ी रिलीज से टकराव, ‘सुपरमैन’ और ‘आंखों की गुस्ताखियां’ से कड़ी प्रतिस्पर्धा
राजकुमार राव की ‘मालिक’ को बॉक्स ऑफिस पर दो अन्य फिल्मों से सीधी टक्कर मिल रही है — शनाया कपूर और विक्रांत मैसी की ‘आंखों की गुस्ताखियां’ और हॉलीवुड की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘सुपरमैन’। तीनों फिल्मों का जॉनर अलग-अलग जरूर है, लेकिन एक ही दिन रिलीज होने के कारण दर्शकों की पसंद बंटती नजर आ रही है।
राजकुमार राव का गैंगस्टर अवतार दर्शकों को कितना भाएगा?
‘मालिक’ पूरी तरह से राजकुमार राव-केंद्रित फिल्म है, जिसमें वह एक गैंगस्टर के रूप में नजर आ रहे हैं। इससे पहले वे ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर 2’ में छोटे से गैंगस्टर रोल में दिखे थे, लेकिन इस बार वह लीड रोल में दमदार एक्शन अवतार में हैं। फिल्म में उनका लुक और अभिनय सराहनीय है, मगर कंटेंट और स्क्रिप्ट की पकड़ पर भी सवाल उठ रहे हैं।
पिछली फिल्म ‘भूल चूक माफ’ से कमतर ओपनिंग
राजकुमार की पिछली रिलीज ‘भूल चूक माफ’ ने अपने पहले दिन 7 करोड़ रुपये की कमाई की थी, जबकि ‘मालिक’ की शुरुआत इससे काफी धीमी रही है। अब फिल्म की असली परीक्षा शनिवार और रविवार को होगी, जब फैमिली ऑडियंस और वीकेंड कलेक्शन पर निर्भरता बढ़ेगी।
(साभार)
कोरोनेशन, तिब्बती मार्केट और परेड ग्राउंड में तैयार पार्किंग जल्द होगी जनता को समर्पित
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के “आधुनिक उत्तराखंड” के विजन को साकार करने की दिशा में देहरादून जिला प्रशासन ने एक अहम कदम उठाया है। शहर में यातायात दबाव को कम करने और पार्किंग की समस्या से निजात दिलाने के उद्देश्य से तीन स्थानों—कोरोनेशन अस्पताल, तिब्बती मार्केट और परेड ग्राउंड—पर ऑटोमेटिक मैकेनिकल पार्किंग सुविधाएं विकसित की गई हैं। इनका जल्द ही मुख्यमंत्री धामी लोकार्पण करेंगे।
कोरोनेशन अस्पताल में यह अत्याधुनिक पार्किंग सुविधा पूर्व-प्रचालन में लाई जा चुकी है। अस्पताल स्टाफ के वाहन अब स्वचालित रूप से पार्क किए जा रहे हैं, जिससे मरीजों और तीमारदारों के लिए भू-स्तरीय अधिक स्थान उपलब्ध हो रहा है।
इन पार्किंग स्थलों की विशेष बात यह है कि कम स्थान में अधिक क्षमता होने के साथ ही इन्हें आवश्यकता अनुसार अन्य स्थानों पर भी शिफ्ट किया जा सकता है।
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कोरोनेशन अस्पताल: 18 वाहन
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तिब्बती मार्केट: 132 वाहन
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परेड ग्राउंड: 96 वाहन
सभी पार्किंग में टेस्टिंग और ट्रायल कमीशनिंग प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है और इन्हें जल्द जनता के लिए खोला जाएगा। यह पहल देहरादून जैसे घनी आबादी वाले शहरों के लिए ट्रैफिक प्रबंधन का प्रभावी समाधान मानी जा रही है।
सुरक्षा और संचालन पर विशेष ध्यान
जिलाधिकारी सविन बंसल की अगुवाई में पार्किंग संचालन के लिए दो कुशल तकनीकी ऑपरेटर तैनात किए गए हैं। साथ ही, वाहनों को किसी भी प्रकार की क्षति की स्थिति में बीमा कवर सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
डीएम बंसल ने बताया कि यह योजना न केवल एक सफल प्रयोग है, बल्कि भविष्य में अन्य शहरी क्षेत्रों में भी ऐसी ही मल्टी-लेवल स्वचालित पार्किंग सुविधाओं के निर्माण की संभावना तलाशी जा रही है।
मुख्यमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप यह पहल न केवल शहर की पार्किंग व्यवस्था को स्मार्ट बनाएगी, बल्कि नागरिकों को बेहतर यातायात अनुभव भी प्रदान करेगी।
राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी अहम- पीएम मोदी
नई दिल्ली। शनिवार को देश के 47 शहरों में आयोजित रोजगार मेले के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 51,000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से युवाओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता पारदर्शी और ईमानदार भर्ती प्रक्रिया है। उन्होंने दोहराया, “बिना पर्ची, बिना खर्ची” का मंत्र आज की सरकारी भर्तियों की पहचान बन गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक लाखों युवाओं को रोजगार मेलों के माध्यम से नौकरी मिल चुकी है, जो आज राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
“युवा बढ़ाएंगे देश की विकास गति”
पीएम मोदी ने कहा कि आज नियुक्त हुए युवा आने वाले समय में रक्षा, विकास, वित्तीय समावेशन और औद्योगिक प्रगति जैसे विभिन्न क्षेत्रों में देश को नई दिशा देंगे। उन्होंने भरोसा जताया कि ये युवा भारत को आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
“राष्ट्र सेवा ही सबसे बड़ा कर्तव्य”
प्रधानमंत्री ने कहा कि विभाग अलग हो सकते हैं, लेकिन सभी की मंज़िल एक ही है – देश की सेवा। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि रोजगार मेलों ने यह विश्वास मज़बूत किया है कि आज सरकारी नौकरी केवल योग्यता के दम पर मिल सकती है।