आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी का कांग्रेस पर बड़ा हमला
आपातकाल के खिलाफ लड़ने वालों को पीएम मोदी ने किया नमन
नई दिल्ली। आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को लोकतंत्र के महत्व की याद दिलाई और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने 25 जून 1975 को लागू हुए आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय बताते हुए कहा कि यह वो समय था जब सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार ने संविधान और संस्थाओं का दमन किया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी के बाद भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में 25 जून 1975 सबसे दुखद दिन के रूप में याद किया जाता है। उस दिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने आपातकाल लागू कर संविधान की मूल आत्मा को कुचलने की कोशिश की थी। संसद की आवाज को दबाया गया, मीडिया पर सेंसरशिप लगाई गई और न्यायपालिका को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि 42वां संविधान संशोधन उस दमनकारी सोच का सबसे बड़ा उदाहरण है।
पीएम मोदी ने कहा कि आपातकाल के दौरान गरीबों, वंचितों, दलितों और अल्पसंख्यकों को सबसे ज्यादा उत्पीड़न झेलना पड़ा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए देशभर से लोग एकजुट हुए और कांग्रेस सरकार को चुनाव कराने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसमें उन्हें करारी हार मिली।
प्रधानमंत्री ने उन सभी लोकतंत्र सेनानियों को नमन किया जिन्होंने अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया और देश के लोकतांत्रिक ढांचे को बचाने के लिए संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि वे हर क्षेत्र, हर विचारधारा से थे लेकिन उनका मकसद एक था — लोकतंत्र की बहाली।
मोदी ने बताया कि उस समय वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक युवा प्रचारक थे और आपातकाल के खिलाफ आंदोलन में सक्रिय रूप से जुड़े थे। इस अनुभव ने उन्हें लोकतंत्र के मूल्य और नागरिक स्वतंत्रता की अहमियत सिखाई। उन्होंने बताया कि ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक द इमरजेंसी डायरीज में उनकी यात्रा को दर्ज किया गया है, जिसकी प्रस्तावना पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा ने लिखी है।
प्रधानमंत्री ने नागरिकों से आग्रह किया कि अगर उनके या उनके परिवारों के पास आपातकाल से जुड़े अनुभव हैं, तो वे उन्हें सोशल मीडिया पर साझा करें, ताकि युवाओं को उस दौर की भयावहता के बारे में जागरूक किया जा सके।
अंत में उन्होंने कहा कि आज की सरकार संविधान की भावना को सशक्त बनाने, लोकतंत्र को मजबूत करने और गरीबों-वंचितों के सपनों को साकार करने के लिए लगातार प्रयासरत है।
देहरादून। उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के चलते चारधाम यात्रा एक बार फिर प्रभावित हो गई है। चमोली जिले में बदरीनाथ हाईवे पर भूस्खलन के कारण यात्रा स्थगित कर दी गई है, वहीं केदारनाथ में भी तेज बारिश के कारण यात्रियों को रोका गया है।
चमोली जिले के गोपेश्वर के समीप बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पिनौला के पास चट्टानों से भारी बोल्डर गिरने से हाईवे अवरुद्ध हो गया है। इससे बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की ओर जा रहे श्रद्धालुओं को बीच रास्ते में ही रोकना पड़ा है। बताया गया कि ज्योतिर्मठ क्षेत्र में रातभर हुई बारिश के कारण चट्टानों से पत्थर खिसककर सड़क पर आ गिरे।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की टीम मौके पर पहुंच गई है और मार्ग को खोलने का प्रयास किया जा रहा है। तीर्थयात्रियों के वाहनों को फिलहाल हाईवे के दोनों ओर रोका गया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मार्ग साफ होते ही वाहनों को आगे भेजा जाएगा।
उधर, केदारनाथ में भी मौसम ने तीर्थयात्रियों की परीक्षा लेनी शुरू कर दी है। मंगलवार रात से लगातार तेज बारिश हो रही है, जिसके चलते सोनप्रयाग में यात्रियों को रोका गया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि सभी पैदल मार्गों पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने और सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
उत्तराखंड के हित में अनेक नीतिगत प्रावधानों में शिथिलता देने का किया आग्रह
राज्य में उच्च स्तरीय ग्लेशियर अध्ययन केंद्र, जैव विविधता संरक्षण संस्थान तथा अंतर्राष्ट्रीय साहसिक खेल प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के लिए भी केंद्र से सहयोग मांगा
नंदा राजजात यात्रा और कुम्भ मेला के भव्य आयोजन हेतु केंद्र सरकार से सहयोग का आग्रह
वाराणसी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को वाराणसी में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में प्रतिभाग किया। बैठक में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं मंत्रीगण उपस्थित थे।
मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से लगा उत्तराखण्ड राज्य सामरिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके दृष्टिगत राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क, संचार, सुरक्षा एवं रसद आपूर्ति की समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराना आवश्यक है। उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री से आग्रह किया कि सीमा सड़क संगठन के माध्यम से उत्तराखण्ड को और अधिक सहायता प्रदान की जाए। वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के सीमावर्ती गाँवों में सुविधाओं का विकास किया जाए जिससे वहां हो रहे पलायन को रोकने में सहायता मिल सके। उन्होंने सीमांत क्षेत्रों में संचार सुविधाओं के विकास के लिए भारत नेट योजना, 4-जी विस्तार परियोजना तथा उपग्रह आधारित संचार सेवाएं प्रारंभ करने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने बैठक में उत्तराखंड राज्य के हित में केंद्र सरकार से कुछ नीतिगत प्रावधानों में शिथिलता प्रदान करने का भी आग्रह किया। उन्होंने राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के केंद्रीय अनुदान का आवंटन एकमुश्त किये जाने, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के कुशल संचालन हेतु अतिरिक्त सहयोग प्रदान करने, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के अध्ययन के लिए राज्य में एक उच्चस्तरीय ग्लेशियर अध्ययन केंद्र की स्थापना किये जाने और जैव विविधता संरक्षण संस्था की स्थापना के लिए भी केंद्र से तकनीकी सहयोग की मांग की। मुख्यमंत्री ने राज्य में साहसिक पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय साहसिक खेल प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के लिए सहयोग मांगा। उन्होंने उत्तराखण्ड में वर्ष 2026 में नंदा राजजात यात्रा और 2027 में कुम्भ मेले के सफल एवं भव्य आयोजन हेतु केंद्र सरकार से आवश्यक सहयोग प्रदान करने का भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 80 प्रतिशत पर्वतीय भू-भाग वाले उत्तराखण्ड राज्य का 71 प्रतिशत क्षेत्र वनों से आच्छादित है। राज्य की जटिल भौगोलिक परिस्थिति तथा विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य की आर्थिक गतिविधियाँ सीमित हैं। इन प्रतिकूल परिस्थितियों एवं सीमित संसाधनों के बावजूद राज्य की अर्थव्यवस्था में लगभग डेढ़ गुना की वृद्धि हुई है। वर्ष 2023-24 में नीति आयोग द्वारा जारी एसडीजी रैंकिंग में उत्तराखण्ड ने प्रथम स्थान प्राप्त करने के साथ ही इस वर्ष जारी केयर एज रेटिंग रिपोर्ट में सुशासन एवं वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में छोटे राज्यों की श्रेणी में भी उत्तराखण्ड को दूसरा स्थान मिला है। राज्य में समान नागरिक संहिता, सख्त नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगारोधी कानून, भू-कानून बनाकर उत्तराखण्ड को समरस एवं सुरक्षित राज्य बनाने हेतु कार्य किये जा रहे हैं। वोकल फॉर लोकल, विरासत एवं संस्कृति, शिक्षा एवं कौशल, सहभागिता तथा आत्मनिर्भरता के सूत्रों को आत्मसात करते हुए प्रदेश के लगभग तीन लाख से अधिक युवाओं को स्वरोजगार के विभिन्न माध्यमों से जोड़ने की महत्वपूर्ण उपलब्धि अर्जित की गई है। उत्तराखंड को आयुष तथा वेलनेस हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य में देश की पहली ’’योग नीति’’ का शुभारंभ भी किया गया है। राज्य में आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा, योग और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दो स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन की स्थापना करने का निर्णय भी लिया गया है। इन प्रयासों और राज्य सरकार की प्रतिबद्धताओं को सफलतापूर्वक धरातल पर उतारने में केन्द्र सरकार द्वारा भरपूर समर्थन और सहयोग मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य क्षेत्रीय परिषद की विगत वर्षों की बैठकों में अनेकों महत्वपूर्ण नीतिगत एवं अंतर्राज्यीय विषयों के समाधान का मार्ग प्रशस्त हुआ है। देश में सहकारिता, सुरक्षा और क्षेत्रीय समन्वय के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य हो रहे हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व और गृह मंत्री के प्रयासों से भारत आंतरिक रूप से कहीं अधिक सुरक्षित, संगठित और आत्मविश्वास से परिपूर्ण होकर विकसित एवं आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर हुआ है।
सरकार ने हाई कोर्ट को बताया- अब नहीं लाएंगे अंधविश्वास विरोधी विधेयक
हाई कोर्ट का सवाल– बिना कानून के कुप्रथाओं पर कैसे लगेगी रोक?
केरल। केरल सरकार ने हाई कोर्ट को सूचित किया है कि वह राज्य में काला जादू, तंत्र-मंत्र और अमानवीय प्रथाओं पर रोक लगाने वाला कानून अब नहीं लाएगी। सरकार ने इसे नीति से जुड़ा निर्णय बताया है, जो मंत्रिमंडल स्तर पर लिया गया। इस फैसले के बाद अदालत ने राज्य सरकार से सवाल किया है कि ऐसी कुप्रथाओं को रोकने के लिए अब कौन से वैकल्पिक कदम उठाए जाएंगे।
केरल की वामपंथी सरकार ने केरल हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि वह काला जादू, अंधविश्वास और तांत्रिक गतिविधियों पर रोक लगाने वाला कोई नया कानून लाने के पक्ष में नहीं है। सरकार ने बताया कि पहले ‘केरल अमानवीय कुप्रथाओं, जादू-टोना और काला जादू निवारण एवं उन्मूलन विधेयक, 2022’ का मसौदा तैयार किया गया था, जो राज्य विधि सुधार आयोग की सिफारिशों पर आधारित था। लेकिन 5 जुलाई 2023 को कैबिनेट की बैठक में यह तय किया गया कि इस प्रस्तावित कानून को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि अदालत किसी भी विषय पर कानून बनाने का आदेश नहीं दे सकती, क्योंकि यह विधायिका का विशेषाधिकार है।
हाई कोर्ट की प्रतिक्रिया:
मुख्य न्यायाधीश नितिन जामदार की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि यदि कानून नहीं बनाया जा रहा है, तो फिर तांत्रिक गतिविधियों और अंधविश्वासों को रोकने के लिए क्या वैकल्पिक उपाय किए जा रहे हैं। कोर्ट ने यह भी याद दिलाया कि पूर्व न्यायमूर्ति के टी थॉमस आयोग ने इस विषय पर ठोस कानून बनाने की सिफारिश की थी, जिस पर अब तक अमल नहीं हुआ है। अब कोर्ट ने सरकार से तीन हफ्तों में विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।
याचिका का मूल मामला:
यह मामला ‘केरल युक्तिवादी संघम’ द्वारा दायर जनहित याचिका के माध्यम से सामने आया है। याचिका में महाराष्ट्र और कर्नाटक की तरह केरल में भी काला जादू विरोधी कानून बनाने की मांग की गई है। याचिका में 2022 में पथानामथिट्टा जिले में दो महिलाओं की तांत्रिक बलि की घटना का हवाला देते हुए सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाया गया है।
मीडिया कंटेंट पर भी सवाल:
याचिका में यह भी मांग की गई है कि फिल्मों, ओटीटी, टीवी सीरियलों और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों पर रोक लगाई जाए। हालांकि, रचनात्मक और जागरूकता फैलाने वाले कंटेंट को इससे बाहर रखा जाए।
युवाओं और वेटरन खिलाड़ियों के लिए शुरू हुई नियमित प्रैक्टिस
कोर्ट में स्थापित की गई 6 टेबल, कराए जा सकेंगे कंपटीशन
देहरादून। खेल मंत्री रेखा आर्या ने परेड ग्राउंड स्थित ऑडिटोरियम में अत्याधुनिक टेबल टेनिस कोर्ट परिसर का उद्घाटन किया। इस सुविधा की शुरुआत खेल विभाग और वेटरन टेबल टेनिस खिलाड़ियों के सहयोग से की गई है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि देहरादून के टेबल टेनिस खिलाड़ियों को अब अपना अभ्यास नियमित रूप से करने और प्रतियोगिताएं आयोजित करने के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त परिसर मिल गया है।
रेखा आर्या ने कहा कि इस सुविधा के बाद टेबल टेनिस में हमारे यहां से और ज्यादा खिलाड़ी निखर कर सामने आएंगे और राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा।
पहले यह हाल बैडमिंटन कोर्ट था लेकिन बाद में बैडमिंटन को नए मल्टीपरपज हॉल में शिफ्ट कर दिया गया था। खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि इसके बाद खेल विभाग ने इस हाल को जूडो और टेबल टेनिस के लिए तैयार करने का फैसला किया। अब यहां जूडो के साथ-साथ टेबल टेनिस की 6 टेबल स्थापित कर दी गई है। इन टेबल्स पर प्रैक्टिस के लिए अक्सर सुबह के समय वेटरन खिलाड़ी और शाम के समय बच्चे और युवा अभ्यास करते हैं।
इस अवसर पर प्रभारी जिला खेल अधिकारी रविंद्र भंडारी, गिरीश छाबड़ा, प्रीति छाबड़ा, देवेंद्र कांडपाल, विजय कुमार अग्रवाल, अंजलि अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री ने कहा, जो भी भारतीयों का खून बहाएगा, उसके लिए दुनिया में कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं बचेगा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी के बीच ऐतिहासिक संवाद की शताब्दी समारोह का उद्घाटन करते हुए इसे भारत के आध्यात्मिक इतिहास का प्रेरक क्षण बताया। इस दौरान उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का उल्लेख करते हुए भारत की सैन्य क्षमता और आतंकवाद के प्रति सख्त नीति पर जोर दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब निर्णायक और आत्मविश्वासी राष्ट्र बन चुका है। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उदाहरण देते हुए कहा कि हाल ही में भारत ने मात्र 22 मिनट में आतंकवादियों को करारा जवाब दिया और पूरी दुनिया ने देखा कि आज का भारत क्या कर सकता है। यह ऑपरेशन भारत की स्पष्ट नीति का प्रतीक है — जो भी भारतीयों का खून बहाएगा, उसके लिए दुनिया में कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं बचेगा।
समारोह के मुख्य विषय पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 100 वर्ष पहले हुई महात्मा गांधी और श्री नारायण गुरु की ऐतिहासिक भेंट ने स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी थी। आज भी यह मुलाकात सामाजिक समरसता और राष्ट्र निर्माण के लिए ऊर्जा का स्रोत है।
उन्होंने आगे कहा कि श्री नारायण गुरु जैसे संतों ने भारतीय समाज को दिशा देने का कार्य किया है। वे शोषित, वंचित और पीड़ित वर्ग के उत्थान के प्रतीक हैं और उनके आदर्श आज भी सामाजिक नीतियों की प्रेरणा हैं।
मोदी ने यह भी बताया कि भारत अब ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ और ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ जैसे वैश्विक विचारों का नेतृत्व कर रहा है। G20 की अध्यक्षता के दौरान भारत ने “वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर” का मंत्र दिया, जो वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से प्रेरित है।
हाईकोर्ट ने स्टे वेकेशन पर सुनवाई के लिए तय किया बुधवार का दिन
नैनीताल – उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर लगी रोक फिलहाल जारी रहेगी। उच्च न्यायालय ने इस संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए बुधवार की दोपहर का समय तय किया है। मामले में स्टे वेकेशन सहित अन्य पहलुओं पर भी सुनवाई की जाएगी।
मंगलवार को राज्य सरकार ने यह मामला मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के समक्ष मेंशन किया, जिसके बाद अदालत ने सभी याचिकाओं को तलब करते हुए अगली सुनवाई बुधवार को निर्धारित की है।
दरअसल, बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल और अन्य याचिकाकर्ताओं ने अदालत में याचिका दायर कर आपत्ति जताई है कि राज्य सरकार ने 9 जून 2025 को पंचायत चुनाव के लिए नई नियमावली जारी की है। इसके बाद 11 जून को एक और आदेश जारी कर पहले से लागू आरक्षण रोटेशन को समाप्त कर दिया गया और इस वर्ष से नया रोटेशन लागू करने का निर्णय लिया गया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह निर्णय हाईकोर्ट के पूर्ववर्ती निर्देशों के विरुद्ध है।
ई-पासपोर्ट से बदलेगा सफर का तरीका, मिलेगी तेज और सुरक्षित सेवा
नई दिल्ली। 13वें पासपोर्ट सेवा दिवस के अवसर पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत और विदेशों में कार्यरत पासपोर्ट अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की। इस मौके पर उन्होंने पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम के उन्नत संस्करण PSP V2.0 और ई-पासपोर्ट सेवा की राष्ट्रव्यापी शुरुआत की घोषणा की।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को 13वें पासपोर्ट सेवा दिवस पर एक अहम घोषणा करते हुए कहा कि भारत की पासपोर्ट सेवा प्रणाली अब तकनीक के नए युग में प्रवेश कर रही है। उन्होंने ‘सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण’ को पासपोर्ट सुधारों का आधार बताते हुए PSP 2.0 और ई-पासपोर्ट को नागरिकों की सशक्तिकरण यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव करार दिया।
जयशंकर ने बताया कि 2014 में जहां 91 लाख पासपोर्ट जारी हुए थे, वहीं 2024 में यह संख्या 1.46 करोड़ तक पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम 2.0 को अब पूरे देश में लागू कर दिया गया है, जो पारदर्शिता और दक्षता को और मजबूत बनाएगा।
ई-पासपोर्ट सेवा की शुरुआत को उन्होंने ‘डिजिटल इंडिया’ के तहत एक बड़ी उपलब्धि बताया। यह चिप आधारित तकनीक न केवल यात्रा को सरल बनाएगी, बल्कि आव्रजन प्रक्रिया को भी तेज करेगी।
विदेश मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि अब तक 450 पासपोर्ट सेवा केंद्र खोले जा चुके हैं, जिनमें सबसे हालिया केंद्र कुशीनगर में अप्रैल 2025 में शुरू हुआ। उन्होंने पुलिस वेरिफिकेशन को तेज़ करने वाले एमपासपोर्ट ऐप और मोबाइल वैन सेवा के विस्तार का भी उल्लेख किया, जिससे दूरदराज के नागरिकों को भी यह सुविधा मिल रही है।
रविवार के मुकाबले 8.88 करोड़ पर सिमटी सोमवार की कमाई
बॉक्स ऑफिस पर इन दिनों फिल्मों की जबरदस्त टक्कर देखने को मिल रही है। कॉमेडी, एक्शन, ड्रामा और हॉलीवुड के रोमांच से भरपूर कई फिल्में दर्शकों का ध्यान खींच रही हैं। लेकिन सबसे ज्यादा सुर्खियों में है आमिर खान की बहुचर्चित फिल्म ‘सितारे जमीन पर’, जिसने रिलीज़ के बाद से ही दर्शकों में खास रुचि जगाई है। आइए जानते हैं कि सोमवार को इस फिल्म ने कमाई के मोर्चे पर कैसा प्रदर्शन किया।
‘सितारे जमीन पर’ ने रिलीज़ के पहले दिन औसत शुरुआत की थी, लेकिन वीकेंड पर इसने ज़ोरदार कमाई करते हुए दो दिनों (शनिवार और रविवार) में ही 47 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया। तीन दिनों में फिल्म का कुल कलेक्शन 50 करोड़ रुपये से अधिक हो चुका था।
हालांकि सोमवार को फिल्म की रफ्तार धीमी पड़ी। रविवार को 27.25 करोड़ की शानदार कमाई करने के बाद सोमवार को गिरावट दर्ज की गई और फिल्म ने केवल 8.88 करोड़ रुपये का कारोबार किया। यह गिरावट भले ही बड़ी हो, लेकिन सामान्य वीकडे ट्रेंड के हिसाब से इसे औसत प्रदर्शन कहा जा सकता है।
चार दिनों में ‘सितारे जमीन पर’ का कुल बॉक्स ऑफिस कलेक्शन अब 67.03 करोड़ रुपये हो चुका है। फिल्म के लिए आने वाले दिनों में भी स्टेबल कमाई ज़रूरी होगी ताकि यह 100 करोड़ क्लब की ओर तेजी से बढ़ सके।
(साभार)
सचिव गृह शैलेश बगौली ने लंबित प्रकरणों पर जताई चिंता
देहरादून। सचिव गृह शैलेश बगौली ने अपने कार्यालय सभागार में सतर्कता अधिष्ठान की समीक्षा की। सचिव बगोली ने निर्देश दिए कि आमजन की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई की जाए।
विजिलेंस के कतिपय मामले अधिक समय से लम्बित होने पर सचिव शैलेश बगौली ने चिंता व्यक्त करते हुए इन प्रकरणों के निस्तारण में तेजी लाए जाने के लिए प्रणाली में सुधार लाए जाने की बात कही। उन्होंने प्रकरणों को तेजी से निस्तारित करने के लिए आधुनिक तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स का प्रयोग करते हुए नवाचारी तरीके अपनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शासन स्तर पर लंबित प्रकरणों को भी शीघ्र निस्तारित करने हेतु सम्बन्धित विभागों को रिमाइंडर भेजे जाएं। प्रकरणों में 2 माह में प्रगति न होने पर कार्यालय सचिव गृह के संज्ञान में लाया जाए।
सचिव बगौली ने कहा कि वेबसाईट एवं 1064 से प्राप्त ऐसी शिकायतें जो विजिलेंस से सम्बन्धित नहीं हैं, को 1905 के माध्यम से सम्बन्धित विभागों को भेजे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विजिलेंस से सम्बन्धित प्रकरणों को प्रभावी तरीके से निस्तारण के लिए नवाचारी तरीके अपनाएं जाएं।
सचिव बगौली ने विजिलेंस विभाग में अधिकारियों की कमी के सम्बन्ध में पुलिस महानिदेशक के साथ पृथक से बैठक किए जाने की बात कही।
इस अवसर पर निदेशक विजिलेंस डॉ. वी. मुरूगेशन एवं पुलिस अधीक्षक विजिलेंस श्रीमती रचिता जुयाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।