मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा- हल्द्वानी और पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेजों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति..
मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा- हल्द्वानी और पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेजों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति..
चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगा बढ़ावा..
उत्तराखंड: प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में शिक्षक और प्रशिक्षण व्यवस्था को मजबूत करने के लिए आधा दर्जन स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी। संविदा के आधार पर चयनित इन डॉक्टरों में से चार फैकल्टी की नियुक्ति राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी जबकि दो फैकल्टी पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज में तैनात की जाएगी। इससे मेडिकल कॉलेजों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर सुधरेगा, जिससे छात्रों और मरीजों दोनों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बयान जारी कर कहा कि राजकीय मेडिकल कॉलेजों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के पदों को भरने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। ताकि मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण और प्रशिक्षण व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो सके। साथ ही मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पाए। स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति से चिकित्सा शिक्षा और उपचार सेवाओं में सुधार हो। सरकार द्वारा लिए गए इन फैसलों से राज्य में मेडिकल शिक्षा को और अधिक सुदृढ़ करने के साथ-साथ जनसाधारण को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।
स्वास्थ्य मंत्री का कहना हैं कि राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी और पिथौरागढ़ में आधा दर्जन और विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति कर दी गई। फैकल्टी की नियुक्ति होने से दोनों मेडिकल कॉलेज में आधुनिक चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी। धन सिंह रावत का कहना है कि राज्य सरकार का लक्ष्य सभी मेडिकल कॉलेजों में 100 प्रतिशत फैकल्टी की तैनाती करना है। ताकि राजकीय मेडिकल कॉलेजों में उच्च स्तरीय शिक्षक प्रशिक्षण रिसर्च और क्लीनिकल सेवाएं मिल सके।
उत्तराखंड सरकार ने राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी और पिथौरागढ़ में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति कर मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने की दिशा में अहम कदम उठाया है। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में साइट्रिक विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में डॉ. निकिता देउपा का चयन हुआ हैं। जबकि जनरल मेडिसिन विभाग में डॉ. रवि सिंह और डॉ. सुधीर कुमार वर्मा को असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति मिली हैं। बाल रोग विभाग में डॉ. सत्येंद्र गुप्ता को असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया। पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज में अस्थि रोग विभाग में डॉ. योगेश कुमार को असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्त किया गया। जबकि डेंटल रोग विभाग में डॉ. समीर पांडे का चयन असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में हुआ। इन सभी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति सिलेक्शन कमेटी की ओर से वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से की गई है। फैकल्टी की नियुक्ति संविदा के आधार पर अगले तीन वर्षों के लिए की गई है।
पत्रकार कल्याण कोष समिति की सिफारिश, 6 पत्रकारों को मिलेगी 30 लाख की आर्थिक सहायता..
उत्तराखंड: पत्रकार कल्याण कोष समिति ने 6 पत्रकारों को कुल 30 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की सिफारिश की है। इस सिफारिश को सीएम पुष्कर सिंह धामी, जो समिति के अध्यक्ष भी हैं, के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। बैठक में कुल 11 मामलों पर विचार किया गया। जिसमें 6 पत्रकारों को आर्थिक सहायता दिए जाने की सिफारिश की गई। यह सहायता उन पत्रकारों के लिए संजीवनी साबित होगी, जो आर्थिक संकट या कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। आर्थिक सहायता वाले प्रकरणों में एक प्रकरण पिछले माह दिवंगत हुए पत्रकार मंजुल सिंह माजिला के परिवार को भी आर्थिक सहायता की सिफारिश की गई है। सोमवार को सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी की अध्यक्षता में हुई समिति की बैठक में शेष पांच प्रकरणों में अभिलेख अपूर्ण पाए गए।
डीजी सूचना ने निर्देश दिए हैं कि शेष रह गए प्रकरणों को निपटाने के लिए आवेदकों को एक और मौका दिया जाए। इसके लिए जिला सूचना अधिकारियों को संबंधित दस्तावेज पूरा कराने के निर्देश दिए गए हैं। बता दे कि मुख्यमंत्री पत्रकार सम्मान पेंशन योजना पर समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में एक प्रकरण को समिति के समक्ष रखा गया। सरकार पत्रकारों के कल्याण के लिए आर्थिक सहायता और पेंशन योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने की दिशा में कार्य कर रही है। आवश्यक अभिलेख न होने के कारण प्रकरण के मामले में निर्णय नहीं लिया गया। बैठक में पत्रकार कल्याण कोष समिति के गैर सरकारी सदस्य पत्रकार प्रतिनिधि बीडी शर्मा, डॉ. डीडी मित्तल, निशा रस्तोगी, दिनेश जोशी सहित सूचना विभाग के अपर निदेशक, आशिष कुमार त्रिपाठी तथा संयुक्त निदेशक केएस चौहान उपस्थित थे।
टिहरी झील विकास परियोजना को हरी झंडी, 54 करोड़ की लागत से बनेंगे 5 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट..
उत्तराखंड: टिहरी झील विकास परियोजना को मिली 95 करोड़ की मंजूरी, इसमें सीवर प्लांट, प्रवेश द्वार और महादेव मंदिर का निर्माण किया जाएगा। एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) की सहायता से टिहरी झील विकास परियोजना के तहत 95 करोड़ रुपये के कार्यों को मंजूरी दी गई है। इस परियोजना का उद्देश्य टिहरी झील क्षेत्र को पर्यटन और पर्यावरण के अनुकूल बनाना है, जिससे यहां आने वाले यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हुई उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में टिहरी झील विकास परियोजना के तहत पर्यटन विकास से जुड़े कार्यों को मंजूरी दी गई।
परियोजना के तहत होने वाले में 54.05 करोड़ रुपये की लागत से सीवर नेटवर्क का निर्माण किया जायेगा। साथ ही नई टिहरी में 5 नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेंगे। 37.11 करोड़ रुपये की लागत से ठोस कूड़ा प्रबंधन व कचरा प्रबंधन सेंटर, 1.46 करोड़ की लागत से महादेव मंदिर का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही 2.33 करोड़ की लागत से प्रवेश द्वार निर्माण के प्रस्ताव को अनुमोदन दिया गया है। यह परियोजना पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यावरण को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे टिहरी झील क्षेत्र को और अधिक विकसित किया जा सकेगा।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हुई बैठक में टिहरी के मदन नेगी रोपवे परियोजना के लिए ब्रिडकुल को नोडल एजेंसी नियुक्त करने की अनुमति दी गई। इसके साथ ही परियोजना कर्मचारियों के लिए टीए व डीए भत्ते की स्वीकृत, साथ ही महिला कर्मचारियों के लिए चाइल्ड केयर लीव को मंजूरी दी गयी हैं। ग्रामीण जलापूर्ति के लिए जल संस्थान के सेंटेज चार्ज प्रस्ताव को वित्त विभाग भेजने के भी निर्देश दिए।
चारधाम यात्रा को लेकर सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने ली बैठक..
एनडीएमए और यूएसडीएमए मिलकर करेंगे मॉक ड्रिल..
उत्तराखंड: राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आगामी चारधाम यात्रा को लेकर अपनी तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा संयुक्त रूप से चारधाम यात्रा के दौरान संभावित आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना करने और चारधाम यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अप्रैल माह में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने मॉक ड्रिल के आयोजन को लेकर यूएसडीएमए, यूएलएमएमसी तथा यू-प्रिपेयर के विशेषज्ञों के साथ विभागीय बैठक कर सभी पहलुओं पर चर्चा की।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन का कहना हैं कि चार धाम यात्रा के दौरान संभावित आपदाओं से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग तथा यूएसडीएमए के स्तर पर लगातार कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एनडीएमए से चारधाम यात्रा के दौरान आपदा केंद्रित मॉक ड्रिल को लेकर टेंटेटिव शेड्यूल प्राप्त हुआ है, उसे देखते हुए यूएसडीएमए ने अपनी तैयारियां प्रारंभ कर दी है। उन्होंने बताया कि जल्द ही इस संबंध में विभिन्न जनपदों तथा रेखीय विभागों के साथ भी बैठक कर मॉक ड्रिल की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
सुमन का कहना है कि माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन एवं कुशल नेतृत्व में उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए प्रतिबद्ध है तथा किसी भी आपदा की स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा को हर हाल में सुनिश्चित करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी आपदा की स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पर्यटन विभाग, ट्रैफिक पुलिस, स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन, परिवहन विभाग, यूकाडा, लोक निर्माण विभाग, बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन आदि विभागों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
यूएसडीएमए का प्रयास है कि सभी विभागों के बीच आपसी समन्वय इतना मजबूत हो कि चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी आपदा के समय बहुत कम समय में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि आपदाओं के दौरान रिस्पांस टाइम को कम किया जा रहा है और उत्तराखण्ड में रिस्पांस टाइम लगातार बेहतर हो रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी एनडीएमए और यूएसडीएमए द्वारा चारधाम यात्रा के सफल संचालन तथा आपदा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था। पिछली बार मॉक ड्रिल में जो कमियां रह गई थी, इस बार उन्हें दूर किया जाएगा तथा एनडीएमए से गत वर्ष प्राप्त सुझावों को शामिल करते हुए सफल मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने यूएसडीएमए के विशेषज्ञों को मॉक ड्रिल के लिए जल्द से जल्द विभिन्न समितियां गठित करने तथा विभिन्न रेखीय विभागों की चारधाम यात्रा के दौरान क्या भूमिका है, इसे स्पष्ट करते हुए संबंधित विभागों को सूचित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न रेखीय विभागों तथा उनके अधिकारियों को यह जानकारी दी जाएगी कि आईआरएस प्रणाली के तहत आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना करने में किस विभाग तथा किस अधिकारी की क्या भूमिका है। बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी, वित्त नियंत्रक श्री अभिषेक आनंद, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, यूएलएमएमसी के निदेशक श्री शांतनु सरकार तथा यूएसडीएमए, यूएलएमएमसी और यू प्रिपेयर के विशेषज्ञ मौजूद रहे।
प्रत्येक धाम का बनेगा डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान-स्वरूप
बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी-प्रशासन श्री आनंद स्वरूप ने चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी आपदा का प्रभावी तरीके से सामना करने के लिए प्रत्येक धाम का डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यदि आपदा प्रबंधन की दृष्टि से प्रत्येक धाम का ठोस आपदा प्रबंधन प्लान होगा तो विभिन्न प्रकार की आपदाओं का सामना बेहतर ढंग से किया जा सकेगा। साथ ही उन्होंने चार धाम यात्रा से संबंधित सभी जनपदों की एसओपी बनाने की बात कही। सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने कहा कि विभिन्न जनपदों के साथ आगामी बैठक में इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
पिछले साल के अनुभवों से सीख जरूरी-नेगी
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी ने यूएसडीएमए के विशेषज्ञों को निर्देश दिए कि गत वर्षों चार धाम यात्रा के दौरान क्या-क्या आपदा आई हैं, कितने लोग इससे प्रभावित हुए, कितनी जनहानि हुईं, कहां-कहां पर मार्ग बंद हुए, भीड़ की स्थिति कैसी रही, किन-किन जगहों पर अत्यधिक जाम लगा, इन सबका विश्लेषण करने के निर्देश दिए ताकि इस बार उन क्षेत्रों में प्रभावी तरीके से काम किया जा सके। उन्होंने कहा कि गत वर्ष के अनुभवों का लाभ लेने की पूरी कोशिश की जाएगी।
तीन मुख्य जिले, चार ट्रांजिट जनपद
बता दें कि चारधाम यात्रा को लेकर उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग मुख्य जनपद हैं, जबकि टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार और देहरादून ट्रांजिट जिलों की श्रेणी में आते हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के टेंटेटिव शेड्यूल के अनुसार 14 अप्रैल को ओरिएंटेशन एवं कोऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा। 22 अप्रैल को टेबल टॉप एक्सरसाइज तथा 24 अप्रैल को मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।
जिले बताएंगे, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित कैसे की जाएगी
मॉक ड्रिल के दौरान विभिन्न रेखीय विभागों की चार धाम यात्रा प्रबंधन को लेकर तैयारियों को परखा जाएगा। इसके साथ ही यदि चारधाम यात्रा के दौरान भीड़ बढ़ने पर भगदड़ की स्थिति होती है, अतिवृष्टि के कारण भूस्खलन होता है और मार्ग बंद होते हैं, ट्रैफिक के दबाव के कारण सड़कों तथा बाजारों में जाम लगता है तो विभिन्न विभाग यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या-क्या करेंगे, इसकी रिहर्सल की जाएगी।
जनपदों को यह भी बताना होगा कि विभिन्न संसाधन जैसे हॉस्पिटल, हेलीपैड, वैकल्पिक मार्ग आदि कहां-कहां पर हैं तथा उनकी जीआईएस लोकेशन यूएसडीएमए के साथ साझा करनी होगी। मॉक ड्रिल में विभिन्न जनपदों के ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान को धरातल पर परखा जाएगा। भीड़ प्रबंधन को लेकर जिलों की क्या तैयारी है, इनका भी धरातलीय परीक्षण किया जाएगा। यदि किसी प्रकार की आपदा तथा मार्ग बंद होने की स्थिति में यात्रियों को रोकना पड़े तो, उनकी सुरक्षा किस प्रकार सुनिश्चित की जाएगी तथा उन्हें सुरक्षित ठहराने के क्या-क्या इंतजाम किए जाएंगे, इस पर भी मॉक ड्रिल के दौरान न सिर्फ चर्चा की जाएगी बल्कि जनपदों को ग्राउंड जीरो पर यह सब करके भी दिखाना होगा। साथ ही भीड़ बढ़ने, मार्ग बंद होने तथा ट्रैफिक का दबाव अधिक होने पर रूट डायवर्जन प्लान भी जनपदों को बनाकर मॉक ड्रिल के दौरान उसके प्रभावशीलता का प्रदर्शन भी करना होगा।
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की जमीनों से अवैध कब्जा हटाने के लिए जल्द ट्रिब्यूनल का होगा गठन..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड की हजारों हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जे हैं। उत्तराखंड सरकार जल्द ही इस पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। आपको बता दें कि सरकार जल्द ही उत्तराखंड में ट्रिब्यूनल का गठन करने जा रही है। जिसके बाद कई नियम सख्त हो जाएंगे। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने जानकारी देते हुए बताया कि वक्फ बोर्ड 2022 एक्सचेंज नोटिफिकेशन की संस्तुति कर दी गई है। जल्द ही इस महीने के अंत तक ट्रिब्यूनल का गठन कर दिया जाएगा। जिसके बाद उत्तराखंड में बोर्ड की संपत्तियों पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शादाब शम्स ने बताया कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने फैसला लिया है कि वक्फ संपत्तियों का किराया बढ़ाया जाएगा।
वक्फ बोर्ड की सम्पतियों का बढ़ेगा किराया..
शादाब शम्स का कहना हैं कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की आय बहुत कम है और आज भी कई बड़ी संपत्तियों का किराया 20 और 25 रुपये प्रतिमाह के रूप में आ रहा है। जो किसी भी तरह से व्यवहारिक नहीं है और यह चिंता का विषय है। शम्स ने कहा कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर किराया बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसे बाजार मूल्य के करीब लाया जाएगा ताकि इस पैसे से उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की आय बढ़ाई जा सके और इस पैसे से गरीबों की मदद की जा सके। शादाब शम्स ने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम इसलिए लाया जा रहा है ताकि गरीबों को उनका हक मिल सके। उन्होंने कहा कि आज वक्फ संपत्तियों पर गरीबों का नहीं बल्कि अमीरों का कब्जा हो रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को 75 साल तक राज करने को मिला लेकिन उनके द्वारा वक्फ में कोई सुधार नहीं किया गया।
उत्तराखंड की वक्फ संपत्तियों पर बैठे अतिक्रमणकारियों के बारे में जानकारी देते हुए शादाब शम्स ने बताया कि कलियर में वक्फ संपत्ति पर कांग्रेस के बड़े नेता बैठे हैं, इसके साथ ही देहरादून की भगत सिंह कॉलोनी, आजाद कॉलोनी, 17 बीघा नंदा की चौकी, मुस्लिम कॉलोनी समेत प्रदेश भर में वक्फ बोर्ड की हजारों हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है, जिस पर अगले महीने से कार्रवाई शुरू की जाएगी। गौरतलब है कि इस समय प्रदेश में करीब 2500 वक्फ समितियों के पास करीब पांच हजार संपत्तियां हैं। जल्द ही इन सभी संपत्तियों को ऑनलाइन किया जा रहा है। इनका सर्वे भी किया जाएगा और इन पर लेन-देन को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया भी शुरू होने वाली है।
पुलिस कांस्टेबल भर्ती के लिए उत्तराखंड UKSSSC ने युवाओं को दिया आखिरी मौका..
उत्तराखंड: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती में देहरादून के उन अभ्यर्थियों को आखिरी मौका दिया है, जो किसी विशेष कारण से शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए। जिन अभ्यर्थियों की वाजिब वजहों से शारीरिक दक्षता परीक्षा छूट गई थी, वे अब इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। यह विशेष अवसर उन उम्मीदवारों के लिए राहतभरी खबर है, जो किसी कारणवश निर्धारित तिथि पर परीक्षा नहीं दे सके थे। आयोग जल्द ही इस परीक्षा के लिए नई तारीख और जरूरी दिशा-निर्देश जारी करेगा। आयोग के सचिव सुरेंद्र सिंह रावत का कहना हैं कि कुछ अभ्यर्थी बीमारी, दुर्घटना आदि कारणों से नियत तिथि पर शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए थे।
उनमें से अनुक्रमांक 1301650001 से 1301653500 तक के अभ्यर्थी एसडीआरएफ वाहिनी, जौलीग्रांट में 24 मार्च को परीक्षा दे सकते हैं। इसी केंद्र पर 25 मार्च को अनुक्रमांक 1301653501 से 1301657000 तक के अभ्यर्थी शारीरिक दक्षता परीक्षा दे सकेंगे। आईआरबी झाझरा में 22 मार्च और पुलिस लाइन रेसकोर्स में 24 मार्च को परीक्षा होगी। शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल होने के लिए अनुपस्थित रहने का कारण देना होगा। मेडिकल, फिटनेस प्रमाण पत्र व अनुपस्थित होने का वैध कारण, पुष्ट साक्ष्य व पूर्व निर्गत प्रवेश पत्र में दिए गए निर्देशों के तहत सभी अभिलेखों के साथ परीक्षा केंद्र पर सुबह सात बजे उपस्थित होना होगा।
पीएम सूर्यघर योजना की सब्सिडी के लिए भटक रहे 8000 लाभार्थी..
विशेष बजट के इंतजाम में जुटा विभाग..
उत्तराखंड: पीएम सूर्यघर योजना के तहत राज्य में 8,000 से अधिक लाभार्थियों की सब्सिडी अटकी हुई है, जिससे उन्हें लंबे समय से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले छह माह से लोग विभाग के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। बता दे कि पीएम सूर्यघर योजना के तहत तीन किलोवाट तक के सोलर सिस्टम घर की छतों पर लगाकर मुफ्त बिजली देने की योजना चल रही हैं । राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सब्सिडी दी जानी थी, जो अब तक जारी नहीं हुई। ऊर्जा विभाग अब विशेष बजट का इंतजाम करने में जुटा है ताकि लंबित सब्सिडी जारी की जा सके। लाभार्थियों की परेशानी यह है कि उन्होंने सोलर पैनल तो लगवा लिए, लेकिन राज्य की ओर से मिलने वाली वित्तीय सहायता न मिलने के कारण आर्थिक दबाव में हैं।
राज्य में इस योजना को लेकर लोगों के उत्साह को देखते हुए हाल ही में केंद्र सरकार ने यूपीसीएल को विशेष पुरस्कार से भी सम्मानित किया है। इस योजना के लिए अब तक 47,604 लोगों ने आवेदन किया है, जिसमें से 19,375 घरों पर प्रोजेक्ट लगाए जा चुके हैं। 17,485 का निरीक्षण स्वीकृत हो चुका है। 295 अस्वीकृत हो चुके हैं। 1595 का निरीक्षण लंबित है। योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकारें अलग-अलग सब्सिडी देती हैं। 14,670 लाभार्थियों को केंद्रीय सब्सिडी मिल चुकी है। लेकिन 8,000 से अधिक लाभार्थी अभी भी राज्य सब्सिडी का इंतजार कर रहे हैं। वे सब्सिडी के लिए उरेडा के चक्कर लगा रहे हैं। उरेडा के अधिकारियों का कहना है कि लोगों के उत्साह के बीच बजट खत्म हो गया था। इसलिए विशेष बजट का प्रस्ताव तैयार किया गया है
कैच द रेन 2025- अपर मुख्य सचिव ने ली जल संरक्षण अभियान की समीक्षा बैठक..
उत्तराखंड: अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में जल संरक्षण अभियान: कैच द रेन – 2025 की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। अपर मुख्य सचिव ने समस्त जनपदों से वित्त वर्ष 2024 – 25 के जल संरक्षण कार्यों की फीडबैक लेते हुए आगामी- 2025- 26 के कैंपेन की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। निर्देशित किया कि 10 दिवस की अवधि के भीतर जनपदीय सारा ( स्प्रिंग हैंड एंड रिवर रिजुवनेशन एजेंसी) कमेटियों की बैठक कर लें तथा आगामी बैठक में प्रस्तावों और सुझावों सहित कार्ययोजना को प्रस्तुत करें।
उन्होंने जल स्रोतों व जल निकायों के पुनर्जीवन और जल संचय के कार्यों के बेहतर इंप्लीमेंटेशन के लिए केंद्रीय जल संरक्षण बोर्ड, NIH और आईआईटी रुड़की जैसे संस्थानों से भी तकनीकी मार्गदर्शन लेने को कहा। अभियान में जन भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विभागों, शैक्षणिक एवं तकनीकी संस्थानों, जनप्रतिनिधियों, संबंधित पक्षों और आम जनमानस को क्षमता विकास और कार्यशाला से जोड़ने को कहा ताकि अभियान का बेहतर तरीके से धरातल पर इंप्लीमेंटेशन हो सके। अपर मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि पूर्व में बनाए गए जल निकायों व अमृत सरोवरों का भी एक बार पुनः सर्वे करें तथा उसमें किसी भी तरह का यदि पुनः सुधार करना अपेक्षित हो तो उसका भी प्रस्ताव बनाना सुनिश्चित करें। जनपद स्तर के सारा सेंटर को पुनः एक्टिव करने के भी निर्देश दिए।
इस दौरान अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी राज्य स्तर कमेटी नीना ग्रेवाल ने जल संरक्षण अभियान – 2025- 26 की कार्ययोजना प्रस्तुत की। जिसमें उन्होंने बताया कि इस वर्ष जल संरक्षण अभियान में धारा मेरा, नौला मेरा, गांव मेरा, प्रयास मेरा थीम के साथ जन भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। कहा कि सुख रहे जल स्रोतों एवं सहायक नदियों, धाराओं का चिन्हीकरण करने के लिए भगीरथ एप के माध्यम से आंकड़ों का संग्रहण किया जाएगा। Q – R कोड से प्रत्येक नागरिक भागीरथ अप के माध्यम से अपने गांव के जल स्रोतों की सूचना भेज सकेगा। जल्द ही इस ऐप को लॉन्च किया जाएगा तथा विभिन्न माध्यमों में इसका व्यापक प्रचार- प्रसार किया जाएगा।
पहले चरण में सारा द्वारा प्राथमिकता के आधार पर 2000 जल स्रोतों के जल संरक्षण क्षेत्र की पहचान कर उपचार हेतु शत- प्रतिशत धनराशि कार्यदाई विभागों को उपलब्ध कराई जाएगी। सारा द्वारा कन्वर्जन के माध्यम से 50% धनराशि सहायक नदियों एवं धाराओं के तकनीकी एवं वैज्ञानिक आधार पर उपचार गतिविधियों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा इस वर्ष पंचायती राज विभाग के सहयोग से 200 ग्राम पंचायतों में जल संसाधन प्रबंधन पर क्षमता विकास कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। मैदानी क्षेत्रों में भूजल स्तर में सुधार हेतु कार्यदाई विभागों द्वारा उपचार कार्यों का चिन्हीकरण कर उपचार गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाएगा। इस अवसर पर बैठक में केंद्रीय भूजल बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक प्रशांत राय, उपनिदेशक सारा स्टेट सेंटर N S बर्फाल, उपनिदेशक यूसीआरआरएफपी(उत्तराखंड क्लाइमेट रेस्पॉन्सिव रेनफेड फार्मिंग प्रोजेक्ट) के उपनिदेशक एस के उपाध्याय, प्रोजेक्ट संयोजक सुधा तोमर सहित सारा की राज्य स्तर टीम उपस्थित थी।
किसानों को सरकारी योजनाओं का 100% मिले लाभ- सीएस रतूड़ी..
उत्तराखंड: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गुरुवार को सचिवालय में कृषि संबंधी राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति की बैठक ली। जिसमें सचिव ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और किसान मानधन योजना का शत-प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव रतूड़ी का कहना हैं कि इन योजनाओं को सैचुरेशन मोड में क्रियान्वित किया जाए। जिससे अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके। मुख्य सचिव ने कहा कि 2024-25 में रबी फसल के लिए 32420 किसानों को बीमा योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है, जिसमें 10308.19 हेक्टेयर भूमि शामिल है। आगामी 2025-26 के लिए एक लाख किसानों को इस योजना के अंतर्गत शामिल करने की योजना बनाई गई है।
ई-केवाईसी प्रक्रिया को किया जाए पूरा- सीएस रतूड़ी..
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत शत-प्रतिशत भूमि सीडिंग एवं आधार आधारित भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने किसानों के लिए विशेष शिविर लगाकर ई-केवाईसी प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही किसान मानधन योजना का प्रचार-प्रसार बढ़ाने तथा अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। ताकि अधिक से अधिक किसानों को योजना का लाभ मिल सके।
धामी सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर जिला मुख्यालयों में होगा जश्न, 22 से 30 मार्च तक लगेंगे शिविर..
उत्तराखंड: धामी सरकार को 23 मार्च को तीन साल होने जा रहे हैं। ऐसे में सरकार इस दिन को खास मनाने की तैयारी कर रही है। शुक्रवार को सचिवालय में सीएम धामी ने सभी ज़िलाधिकारियों की बैठक ली। जिसमें उन्होंने सभी जिलों में बहुउद्देशीय शिविर लगाने के निर्देश दिए हैं। सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि शिविरों में आने वाले नागरिकों को सभी सेवाएं तत्परता और पारदर्शिता के साथ प्रदान की जाएं, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति वंचित न रहे। सीएम धामी का कहना हैं कि सरकार ने पिछले तीन वर्षों में विकास और जनकल्याण के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। इन शिविरों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सरकारी योजनाएं अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे और हर जरूरतमंद को उसका हक मिले। सीएम ने प्रदेश की जनता से भी अपील की है कि ज्यादा से संख्या में इन शिविरों में पहंचे और अन्य लोगों को भी इसकी जानकारी दें, ताकि सभी पात्र नागरिक इसका लाभ उठा सकें।