पेयजल से जुड़े 07 विभागों के सक्षम अधिकारी, 20 अप्रैल से 24×7 कंट्रोल रूम में तैनात।
कंट्रोल रूम को अब तक मिली 251 शिकायतें, 247 निस्तारित।
देहरादून – मुख्यमंत्री के सुशासन एवं जनसेवा संकल्प के तहत पेयजल आपूर्ति से जुड़ी समस्याओं का त्वरित समाधान को लेकर जिला प्रशासन प्रोएक्टिव मोड में सक्रियता से समस्याओं का निदान करने में जुटा है। विगत 14 अप्रैल से लेकर अब तक कंट्रोल रूम को पेयजल की 251 शिकायतें मिली है, जिसमें से 247 शिकायतों का समाधान कर लिया गया है।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने पेयजल से जुड़े सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि बरसात के सीजन में भी जल संकट, जल की कमी और समस्या का प्रोएक्टिव मोड में निस्तारण जारी रखे। हर दिन हर घर तक निर्बाध रूप से जलापूर्ति की जाए। जनमन की समस्या प्रशासन की समस्या है। इसमें कोई लापरवाही न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। पानी की शिकायत मिलते ही उसी दिन उसका समाधान किया जाए।
पेयजल समस्याओं के त्वरित समाधान को लेकर जिलाधिकारी के निर्देशों पर एडीएम की अध्यक्षता में जिले स्तर पर समिति गठित है, जो नियमित रूप से पेयजल शिकायतों की मॉनिटरिंग कर रही है। डीएम के निर्देश पर पेयजल सप्लाई से जुड़े 07 विभागों के अधिकारी 20 अप्रैल से 24×7 जिला कंट्रोल रूम में तैनात किए गए है।
सहसपुर ब्लाक के ग्राम पंचायत कंडोली में जल जीवन मिशन के अंतर्गत निर्मित टैंक से ओवरफ्लो और लीकेज से बने खतरे की समस्या पर पेयजल निगम के कनिष्ठ अभियंता ने बताया कि टैंक का स्थलीय निरीक्षण किया गया। पानी के टैंक में लीकेज नही है। बरसात में पानी के स्रोत मालडूंग नदी में अत्यधिक पानी होने के कारण सप्लाई पाइप से जरूरत से ज्यादा पानी टैंक में आ रहा है। टैंक भरने पर पानी ओवरफ्लो हो रहा था। सप्लाई लाइन के प्रथम वाल्व से अतिरिक्त पानी को नियंत्रित कर लिया गया है। जिससे अब कोई खतरा नही है।
दून जाखन क्षेत्र से संजय नौटियाल ने लगातार गंदा पानी आने की शिकायत दर्ज की। जिलाधिकारी के निर्देर्शो पर जल संस्थान की टीम को तत्काल मौके पर भेजा गया। टीम ने मौके पर क्षतिग्रस्त पाइप लाइन की मरम्मत कर समस्या का त्वरित निस्तारण किया गया। उपभोक्ताओं को अब अपने जल संयोजन से शुद्ध जलापूर्ति होने लगी है।
राजेन्द्र नगर में मटमैला पानी आने की शिकायत पर जल संस्थान के सहायक अभियंता ने बताया कि क्षेत्र में भूजल स्तर कम होने से 05 ट्यूबवेल से ओवरहैड टैंक भर पाता है। समस्या के निस्तारण के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है। क्षेत्र में टैंक से हो रही जलापूर्ति की जांच की गई और वर्तमान में शुद्ध पेयजल आपूर्ति की जा रही है।
जिलाधिकारी के निर्देशों पर पेयजल संकट वाले क्षेत्रों में नियमित निगरानी करते हुए ट्यूबवेल व नलकूपों पर निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। जल संस्थान एवं जल निगम के सभी डिविजनों में समस्याओं के निस्तारण के लिए टोल फ्री नंबर भी प्रचारित किए गए है। इसके अलावा कंट्रोल रूम के टोल फ्री नंबर 0135-2726066 व 1077 पर मिलने वाली शिकायतों का त्वरित संज्ञान लिया जा रहा है।
मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस मृणाल ठाकुर ने हाल ही में अपनी फिल्म ‘सन ऑफ सरदार 2’ की मिडनाइट स्क्रीनिंग के खास पलों को सोशल मीडिया पर साझा किया। मृणाल ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर फैंस के साथ फिल्म देखने के वीडियो और तस्वीरें शेयर कीं, जिसमें थिएटर में तालियों और सीटियों की गूंज सुनाई दी।
एक स्टोरी में मृणाल ने लिखा – “SOS 2 का मिडनाइट शो देखते हुए तालियां और सीटियां बजीं। यह अब तक का सबसे अच्छा एहसास है।” वीडियो में मृणाल खुद भी दर्शकों के साथ फिल्म का आनंद लेती नजर आईं।
‘सन ऑफ सरदार 2’ को अजय देवगन और ज्योति देशपांडे ने प्रोड्यूस किया है, जबकि एनआर पचीसिया, प्रवीण तलरेजा और कुमार मंगत पाठक सह-निर्माता हैं। पहले यह फिल्म 25 जुलाई को रिलीज होने वाली थी, लेकिन इसे एक हफ्ते बाद 1 अगस्त 2025 को सिनेमाघरों में उतारा गया।
कॉमेडी और ड्रामा से भरपूर इस फिल्म में अजय देवगन और मृणाल ठाकुर के अलावा रवि किशन, संजय मिश्रा, नीरू बाजवा, चंकी पांडे, कुब्रा सैत और दीपक डोबरियाल जैसे कई कलाकार प्रमुख भूमिकाओं में हैं। इस फिल्म का निर्देशन विजय कुमार अरोड़ा ने किया है। फिल्म खासतौर पर इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि यह दिवंगत अभिनेता मुकुल देव की अंतिम फिल्म है।
देहरादून। राज्य सरकार ने रविवार को एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए चार IAS, दो PCS और पांच सचिवालय सेवा के अधिकारियों का तबादला कर दिया है। इस संबंध में कार्मिक विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं।
सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार,
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IAS दीपक रामचंद्र को संयुक्त मजिस्ट्रेट पौड़ी से स्थानांतरित कर संयुक्त मजिस्ट्रेट रुड़की बनाया गया है।
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IAS राहुल आनंद को रानीखेत से स्थानांतरित कर संयुक्त मजिस्ट्रेट देहरादून के पद पर तैनात किया गया है।
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बाध्य प्रतीक्षा में चल रहीं IAS गौरी प्रभात को संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत,
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और IAS दीक्षिता जोशी को संयुक्त मजिस्ट्रेट पौड़ी के रूप में नई जिम्मेदारी दी गई है।
गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले शनिवार को भी चार IAS अधिकारियों का तबादला किया गया था। शासन के इस कदम को प्रशासनिक गति और कार्यक्षमता को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा निर्णय माना जा रहा है।
आमतौर पर फेफड़ों की बीमारियों को धूम्रपान से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि बिना सिगरेट छुए भी आपके फेफड़े खतरे में हो सकते हैं। खासकर 30 की उम्र से पहले ही अब युवाओं में भी फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं।
लखनऊ स्थित एक अस्पताल में पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. रवि प्रकाश सिंह के अनुसार, सिर्फ तंबाकू से दूरी ही फेफड़ों को बचाने के लिए पर्याप्त नहीं है। प्रदूषित हवा, घरेलू धुआं, अगरबत्ती, किचन गैस का धुआं, यहां तक कि रूम फ्रेशनर और सेंटेड कैंडल्स भी फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
WHO की रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण से हर साल करीब 70 लाख लोगों की जान जाती है। हवा में मौजूद सूक्ष्म कण जैसे PM2.5 और NO₂ सीधे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। वहीं, लैंसेट के अध्ययन में पाया गया कि लकड़ी या गोबर से खाना बनाने वाले घरों में रहने वालों को सीओपीडी जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
CDC के मुताबिक, पैसिव स्मोकिंग यानी दूसरों के धुएं में सांस लेने से भी फेफड़ों के कैंसर का खतरा 20–30% तक बढ़ सकता है।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि लोग नियमित रूप से श्वसन व्यायाम करें, प्रदूषण से बचें और साफ-सुथरे वातावरण में रहें ताकि फेफड़ों की कार्यक्षमता को लंबे समय तक बनाए रखा जा सके।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस के दूरसंचार विभाग में चयनित 1494 अभ्यर्थियों को रविवार को राजधानी लखनऊ में आयोजित समारोह के दौरान नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के भव्य सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं उपस्थित होकर नवचयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएँ दीं।
कार्यक्रम की शुरुआत में डीजीपी राजीव कृष्णा ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न भेंट कर स्वागत किया। कार्यक्रम में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना समेत कई कैबिनेट सदस्य और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश सरकार बिना रुके, बिना थके और बिना डिगे हुए, सुरक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि अब तक 60,244 सिपाहियों की भर्ती पूरी हो चुकी है और आगे 30,000 नए पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। पुलिस प्रशिक्षण की व्यवस्था को भी राज्य ने काफी मजबूत किया है, जिससे अब सभी सिपाही राज्य के स्वयं के प्रशिक्षण केंद्रों में ही ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने यह भी बताया कि पुलिस विभाग को बेहतर आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं और उन जिलों में भी पुलिस लाइनें स्थापित की गई हैं, जहां पहले कोई व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने कहा कि वर्षों से लंबित पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली को भी लागू किया गया है, जो अब सात जिलों में प्रभावी रूप से काम कर रही है।
सीएम ने कहा, “आज यूपी पुलिस न केवल राज्य में बल्कि पूरे देश में एक आदर्श बन चुकी है। बेहतर कानून व्यवस्था, समय पर कार्रवाई और आमजन के प्रति संवेदनशील रवैया इसकी पहचान बन गया है। महाकुंभ जैसे आयोजन यूपी पुलिस की सजगता और सेवा भावना के कारण ही सफल हो पाए।”
उन्होंने यह भी ऐलान किया कि यूपी पुलिस में 20 प्रतिशत भर्ती अब अग्निवीरों से की जाएगी, जो विभिन्न तकनीकी और प्रशासनिक क्षेत्रों में अपनी दक्षता के अनुसार सेवाएं देंगे।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पाने वाले सभी अभ्यर्थियों को ईमानदारी और निष्ठा से कार्य करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा, “आपकी पूरी भर्ती प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ हुई है, बिना किसी लेन-देन के। सरकार को आपसे भी उसी पारदर्शिता और ईमानदारी की अपेक्षा है।”
देहरादून। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में आज भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून ने देहरादून और बागेश्वर जिलों के कुछ हिस्सों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि अन्य कई जिलों में येलो अलर्ट के तहत तेज बारिश की चेतावनी दी गई है।
मौसम विभाग के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने बताया कि प्रदेश के पर्वतीय जिलों में 5 अगस्त तक तेज बारिश के दौर बने रहने की संभावना है। ऐसे में प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।
भारी बारिश के कारण प्रदेशभर में 64 सड़कों पर यातायात बाधित हुआ है, जिनमें से 52 सड़कें ग्रामीण क्षेत्रों की हैं। इससे न सिर्फ स्थानीय लोगों को बल्कि यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार:
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उत्तरकाशी में सबसे अधिक 13 सड़कें बंद हैं।
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रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में 11-11 सड़कें अवरुद्ध हैं।
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टिहरी में 5, देहरादून और चमोली में 7-7, पौड़ी में 2, नैनीताल में 4, बागेश्वर में 3 और अल्मोड़ा में 1 सड़क मलबा आने से बंद पड़ी है।
रुद्रप्रयाग। श्री केदारनाथ धाम की यात्रा सुचारु रूप से जारी है। हालाँकि गत रात्रि हुई बारिश के चलते गौरीकुंड व सोनप्रयाग के बीच मार्ग पर मलबा और पत्थरों का जमाव देखा गया, जिसे संबंधित कार्यदायी संस्था द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए साफ कर दिया गया है।
गौरीकुंड के समीप क्षतिग्रस्त मार्ग पर सुरक्षा बलों की मौजूदगी में श्रद्धालुओं को सुरक्षित पार कराया जा रहा है। प्रशासन की ओर से लगातार निगरानी रखी जा रही है ताकि यात्रा में किसी प्रकार की बाधा न उत्पन्न हो।
यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से प्रशासन ने अपील की है कि वे मौसम पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए ही अपनी यात्रा की योजना बनाएं और अत्यधिक सतर्कता बरतें।
रुद्रप्रयाग। जनपद रुद्रप्रयाग में उत्तराखण्ड पुलिस आरक्षी लिखित भर्ती परीक्षा आज जिले के सभी 6 परीक्षा केंद्रों पर शांतिपूर्ण और पारदर्शी माहौल में सम्पन्न की जा रही है। परीक्षा के सुचारु संचालन के लिए रुद्रप्रयाग पुलिस द्वारा व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रल्हाद कोंडे के निर्देशन में सभी परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। केंद्रों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है, जो निरंतर चेकिंग एवं निगरानी का कार्य कर रहा है।
परीक्षा में अनुचित गतिविधियों को रोकने के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी की कड़ी चेकिंग व फ्रिस्किंग की जा रही है। रुद्रप्रयाग पुलिस पूरी सतर्कता और सजगता के साथ परीक्षा व्यवस्था को निर्बाध रूप से संचालित कर रही है, ताकि अभ्यर्थी निष्पक्ष और सुरक्षित वातावरण में परीक्षा दे सकें।
पुलिस उपाधीक्षक (नोडल अधिकारी) एवं संबंधित थाना प्रभारी परीक्षा केंद्रों का लगातार निरीक्षण कर रहे हैं, जिससे किसी भी स्थिति पर तुरंत नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सके।
देहरादून- मदरसों में अब संस्कृत के श्लोक गूंजेंगे। इसके लिए मदरसा बोर्ड संस्कृत विभाग के साथ MOU करने जा रहा है। मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने बताया कि MOU की कार्यवाही अंतिम दौर में है। MOU होने के बाद जैसे ही मदरसा बोर्ड को संस्कृत के अध्यापक उपलब्ध होंगे, उसके बाद मदरसा बोर्ड के स्कूलों में संस्कृत पढ़ाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि इसके लिए रुड़की और कुमाऊं क्षेत्र के कुछ स्कूलों को चिन्हित कर लिया गया है। अध्यक्ष कासमी ने ये भी बताया कि मदरसा बोर्ड के छात्र अगर संस्कृत सीख जाएंगे तो वह कई क्षेत्रों में रोजगार पाएंगे।