- प्रवीण गुगनानी
सलाहकार राजभाषा
विदेश मंत्रालय
विश्व के प्रसिद्ध कूटनीतिज्ञ, राजनयिक व ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने कहा था कि “यदि अपने देश की दीर्घकालिक समस्याओं को सुलझाना है तो, इतिहास पढ़िए, इतिहास पढ़िए, इतिहास पढ़िए; इतिहास में ही राज्य चलाने के सारे रहस्य छिपे हैं।” भारत के संदर्भ में यह कहा जा सकता है कि यदि देश चलाना है, सुशासन करना है तो देश में जनसंख्या असंतुल का इतिहास पढ़ो। हमें भारत की सबसे बड़ी व संवेदनशील समस्या जनसंख्या असंतुलन को समझना है तो हमें इतिहास अवश्य पढ़ना होगा – विशेषतः भारत में तुष्टिकरण का इतिहास।
यदि हम भारत में जनसंख्या की चर्चा करें तो जनसंख्या असंतुलन की चर्चा आवश्यक हो जाती है और जनसंख्या असंतुलन की चर्चा करें तो भारतीय राजनीति के सबसे घृणित शब्द तुष्टिकरण की चर्चा आवश्यक हो जाती है। यहां आवश्यक हो जाता है कि हम इस तुष्टिकरण शब्द को भली भांति समझ लेवें। तुष्टिकरण के विषय में बाबा साहेब अम्बेडकर ने कहा था कि – ”कुछ वर्ग मौके का फायदा लेकर अपने स्वार्थ के लिए अवैधानिक मार्ग अपनाते हैं। शासन इस संबंध में उनकी सहायता करता है। इसे ही अल्पसंख्यक तुष्टिकरण कहते हैं।”
बाबासाहेब अम्बेडकर तुष्टिकरण को सदैव राष्ट्रविरोधी मानते थे। कांग्रेसजनित यह एक शब्द तुष्टिकरण ही वह एकमात्र नीति है जिसके कारण देश में जनसंख्या असंतुलन की विकट समस्या उत्पन्न हुई है। इस बार विजयादशमी उत्सव पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक जी ने जो कहा उसका एक प्रमख बिंदु देश में बढ़ता जनसंख्या असंतुलन है।
इस वर्ष विजयदशमी के अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने भारत में जनसंख्या असंतुलन के प्रति अपनी चिंताओं को मुखर रूप से रखा। विभिन्न समुदायों में जनसंख्या वृद्धि दर में भारी अन्तर, अनवरत विदेशी घुसपैठ व मतांतरण के कारण देश की समग्र जनसंख्या विशेषकर सीमावर्ती क्षेत्रों की जनसंख्या के अनुपात में बढ़ रहा असंतुलन देश की एकता, अखंडता व सांस्कृतिक पहचान के लिए गंभीर संकट का कारण बन सकता है, यह कहते हुए संघ ने अपनी चिंता को देश के समक्ष प्रकट किया है। 1951 से 2011 के बीच जनसंख्या वृद्धि दर में भारी अन्तर के कारण देश की जनसंख्या में जहां भारत में उत्पन्न मतपंथों के अनुयाइयों का अनुपात 88 प्रतिशत से घटकर 83.8 प्रतिशत रह गया है, वहीं मुस्लिम जनसंख्या का अनुपात 9.8 प्रतिशत से बढ़ कर 14.23 प्रतिशत हो गया है।
भागवत जी ने संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की ओर से सरकार से स्पष्ट आग्रह किया कि; देश में उपलब्ध संसाधनों, भविष्य की आवश्यकताओं एवं जनसांख्यिकीय असंतुलन की समस्या को ध्यान में रखते हुए देश की जनसंख्या नीति का पुनर्निर्धारण कर उसे सब पर समान रूप से लागू किया जाए। सीमा पार से हो रही अवैध घुसपैठ पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाया जाए। राष्ट्रीय नागरिक पंजिका (National Register of Citizens) का निर्माण कर इन घुसपैठियों को नागरिकता के अधिकारों से तथा भूमि खरीद के अधिकार से वंचित किया जाए।
इसके अतिरिक्त, देश के सीमावर्ती प्रदेशों तथा असम, पश्चिम बंगाल व बिहार के सीमावर्ती जिलों में तो मुस्लिम जनसंख्या की वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है, जो स्पष्ट रूप से बांग्लादेश से अनवरत घुसपैठ का संकेत देता है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त उपमन्यु हजारिका आयोग के प्रतिवेदन एवं समय-समय पर आये न्यायिक निर्णयों में भी इन तथ्यों की पुष्टि की गयी है। यह भी एक सत्य है कि अवैध घुसपैठिए राज्य के नागरिकों के अधिकार हड़प रहे है तथा इन राज्यों के सीमित संसाधनों पर भारी बोझ बन सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनैतिक तथा आर्थिक तनावों का कारण बन रहे हैं।
पूर्वोत्तर के राज्यों में तीव्रता से उपजाया जा रहा जनसांख्यिकीय असंतुलन तो और भी गंभीर रूप ले चुका है। अरुणाचल प्रदेश में भारत में उत्पन्न मत-पंथों को मानने वाले जहां 1951 में 99.21 प्रतिशत थे, वे 2001 में 81.3 प्रतिशत व 2011 में 67 प्रतिशत ही रह गये हैं। केवल एक दशक में ही अरूणाचल प्रदेश में ईसाई जनसंख्या में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी प्रकार मणिपुर की जनसंख्या में इनका अनुपात 1951 में जहां 80 प्रतिशत से अधिक था, वह 2011 की जनगणना में 50 प्रतिशत ही रह गया है। उपरोक्त उदाहरण तथा देश के अनेक जिलों में ईसाईयों की अस्वाभाविक वृद्धि दर कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा एक संगठित एवं लक्ष्यबद्ध मतांतरण की गतिविधि का ही संकेत देती है। प्रबोधन में आग्रह किया गया है कि, संघ का अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल सभी स्वयंसेवकों सहित देशवासियों का आव्हान करता है कि वे अपना राष्ट्रीय कर्तव्य मानकर जनसंख्या में असंतुलन उत्पन्न कर रहे सभी कारणों की पहचान करते हुए जन-जागरण द्वारा देश को जनसांख्यिकीय असंतुलन से बचाने के सभी विधि सम्मत प्रयास करें।
चमोली और पौड़ी के दौरे पर पहुंचे सीएम धामी, कुमाऊं में जायजा लेंगे भाजपा अध्यक्ष कौशिक..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज शुक्रवार को पौड़ी और चमोली जिले में आपदाग्रस्त इलाकों के दौरे पर पहुंचे हैं। सीएम पहले चमोली के डुंग्री गांव पहुंचे और आपदा पीड़ितों को सांत्वना दी। इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि18 अक्तूबर को गांव के दो लोग भारी बारिश के दौरान पानी लाइन ठीक करने गए थे। लेकिन तब से वे लापता हैं। सीएम ने ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों को पत्र लिखकर अपेक्षा की है कि वह इस प्राकृतिक आपदा में अपने जिलों में राहत कार्यों का निरीक्षण करें। तत्काल आपदा प्रभावितों को राहत दिलाएं। मुख्यमंत्री धामी ने आह्वान किया है कि सभी प्रभारी मंत्री अपने जिलों का भ्रमण करते हुए आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण, बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा, राहत सामग्री, धनराशि का वितरण एवं प्रभावित परिवारों की कुशलक्षेम और क्षतिग्रस्त कार्यों का पुनर्निर्माण की कार्रवाई करें।
मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami ने आज चमोली जिले के डुंग्री गांव पहुंच कर आपदा में लापता लोगों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों को राज्य सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता के प्रति आश्वस्त किया है। pic.twitter.com/Cb9Ro7B0oc
— CM Office Uttarakhand (@ukcmo) October 22, 2021
उनका कहना हैं कि जिले के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की जाए ताकि आपदा से प्रभावित जनमानस को यथासमय आसानी से राहत प्राप्त हो सके। क्षतिग्रस्त कार्यों को समय से पूर्ण कराया जा सके। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि वर्तमान समय में राज्य के लगभग समस्त जिले अतिवृष्टि के कारण आपदा से प्रभावित हुए हैं। इस आपदा से जिलों में भूस्खलन, बाढ़ आदि के कारण अत्यधिक नुकसान एवं जनहानि भी हुई है। आपदा की स्थिति से निपटने के लिए सरकार निरन्तर राहत एवं बचाव कार्यों के लिए प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने सभी से व्यक्तिगत ध्यान देने और आवश्यक सहयोग की भी अपेक्षा की।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में कौशिक का दो दिवसीय दौरा आज से..
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक शुक्रवार से नैनीताल जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए दो दिवसीय दौरा करेंगे। वह शुक्रवार को दोपहर दो बजे बिंदुखत्ता और सूर्याजाला के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जाएंगे। साढ़े तीन बजे हल्द्वानी में आपदा कंट्रोल रूम का शुभारंभ करेंगे। रात में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे।
इसके बाद शनिवार को वह रामनगर में आपदा प्रभावितों से मिलेंगे। जिसके बाद आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेंगे। कौशिक के इस दौरे में प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान और सोशल मीडिया संयोजक शेखर वर्मा भी साथ रहेंगे।
उत्तराखंड आपदा में मरने वालों की संख्या पहुंची 69 के पार..
उत्तराखंड: प्रदेश में हो रही बारिश से कुदरती आपदा में मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। गुरुवार को गढ़वाल में पांच और कुमाऊं में छह शव बरामद किए गए थे। जिससे प्रदेश में मृतकों की संख्या 69 पहुंच गई।
सरकारी आंकड़ों में मृतकों की संख्या 64 बताई जा रही है। छितकुल में ट्रैकर में मरे गए लोग इसमें शामिल नहीं हैं। वही प्रशासन का कहना है कि उनके शव अभी तक निकाले नहीं गए हैं। 27 ट्रैकर अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। लापता लोगों की लताश जारी है। वहीं, कई जगहों पर फंसे पर्यटकों को भी निकालाने का काम जारी है।
कुमाऊं में 120 सड़कें बंद..
प्रदेश में बारिश के कहर ने सड़कों की हालत भी बिगाड़ दी है। कुमाऊं मंडल के पांच पर्वतीय जिलों में कुल 120 सड़कें बंद हैं। पिथौरागढ़ में 75, चंपावत में 28, अल्मोड़ा में 12, नैनीताल में चार और बागेश्वर में एक मोटर मार्ग पर यातायात ठप पड़ा हुआ है। बंद सड़कों में पहाड़ की दोनों लाइफ लाइन भवाली-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग, टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग (बारहमासी सड़क) शामिल हैं।
इसके साथ ही पहाड़ी जिलों में आवश्यक वस्तुओं की किल्लत भी शुरू हो गई है। बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत में पेट्रोल खत्म होने की सूचना चस्पा कर दी गई है। प्रशासन ने पेट्रोल पंपों को कब्जे में ले लिया है। इसी तरह कुकिंग गैस, दूध आदि की आपूर्ति न होने से भी इन वस्तुओं के लिए भी मारामारी हो रही है।
पंजाब कांग्रेस प्रभारी पद से मुक्ति चाहते हैं हरीश रावत..
उत्तराखंड: पंजाब में कांग्रेस के प्रभारी उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पंजाब कांग्रेस प्रभारी के पद से मुक्त करने की अपील की है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए उन्होंने यह बात कही है। अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि ‘मैं आज एक बड़ी उपापोह से उबर पाया हूं। एक तरफ जन्मभूमि (उत्तराखंड) के लिए मेरा कर्तव्य है और दूसरी तरफ कर्मभूमि पंजाब के लिए मेरी सेवाएं हैं, स्थितियां जटिलतर होती जा रही हैं
क्योंकि ज्यों-ज्यों चुनाव आएंगे, दोनों जगह व्यक्ति को पूर्ण समय देना पड़ेगा। कल उत्तराखंड में बेमौसम बारिश ने जो कहर ढाया है, मैं कुछ स्थानों पर जा पाया, लेकिन आंसू पोछने मैं सब जगह जाना चाहता था। मगर कर्तव्य पुकार, मुझसे कुछ और अपेक्षाएं लेकर खड़ी हुई।
मैं जन्मभूमि के साथ न्याय करूं, तभी कर्मभूमि के साथ भी न्याय कर पाऊंगा। मैं पंजाब कांग्रेस और पंजाब के लोगों का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे निरंतर आशीर्वाद और नैतिक समर्थन दिया। संतों, गुरुओं की भूमि, श्री नानक देव जी व गुरु गोबिंद सिंह जी की भूमि से मेरा गहरा भावनात्मक लगाव है। मैंने निश्चय किया है कि लीडरशिप से प्रार्थना करूं कि अगले कुछ महीने में उत्तराखंड को पूर्ण रूप से समर्पित रह सकूं, इसलिए पंजाब में जो मेरा वर्तमान दायित्व है, उस दायित्व से मुझे अवमुक्त कर दिया जाए।
आपको बता दें कि पंजाब और उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। हरीश रावत पंजाब में कांग्रेस के प्रभारी हैं। इस कारण वह उत्तराखंड पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। वहीं हरीश रावत ने बुधवार को राहुल गांधी से मुलाकात की। उनका कहना हैं कि वह राहुल गांधी से उत्तराखंड की बात करने गए थे। राज्य में अगले साल चुनाव होने हैं और वर्तमान में प्राकृतिक आपदा ने उत्तराखंड में तबाही ला दी है।
इसी संबंध में वह राहुल गांधी से बात करने गए थे। वहीं हरीश रावत ने कहा वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिलेंगे। हरीश रावत के सोशल मीडिया पोस्ट के बाद राहुल गांधी से उनकी मुलाकात के कई मायने निकले जा रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर जारी है।
नए नाम से जाना जाएगा फेसबुक, मार्क जुकरबर्ग जल्द करेंगे एलान..
देश-विदेश: पिछले 17 सालों से फेसबुक एक ही नाम से जाना जाता रहा है, लेकिन अब इसकी री-ब्रांडिंग की तैयारी चल रही है। बताया जा रहा है कि फेसबुक का नाम बदलने वाला है और इसका आधिकारिक एलान जल्द ही फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग करने वाले हैं। अगले सप्ताह फेसबुक के एक इवेंट में नए नाम का एलान हो सकता है।
जानकारी के अनुसार 28 अक्तूबर को फेसबुक का एक कॉन्फ्रेंस होने वाला है जिसमें मार्क जुकरबर्ग फेसबुक के नए नाम का एलान कर सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि फेसबुक एप के अलावा कंपनी के अन्य प्रोडक्ट जैसे इंस्टाग्राम, व्हाट्सप्प, ओक्युलस आदि के नाम को लेकर भी बड़े एलान हो सकते हैं, हालांकि इस रिपोर्ट पर फेसबुक की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।
आपको बता दे कि इस सप्ताह की शुरुआत में ही फेसबुक ने कहा था कि वह अब मेटावर्स कंपनी बनने जा रही है जिसके लिए उसने 10 हजार लोगों को नियुक्ति की है और भविष्य में अन्य नियुक्तियां भी होंगी। मेटावर्स का मतलब एक आभासी दुनिया से है जिसमें लोग फिजिकली मौजूद ना होते हुए भी मौजूद रहेंगे। मेटावर्स शब्द वर्चुअल रियलिटी और ऑग्युमेंट रियलिटी जैसा ही है।
मेटावर्स में केवल फेसबुक ही नहीं, बल्कि दुनिया की बड़ी टेक कंपनियां निवेश कर रही हैं। मार्क जुकरबर्ग का मानना है कि आने वाले समय में लोग फेसबुक को सिर्फ एक सोशल मीडिया कंपनी नहीं, बल्कि एक मेटावर्स कंपनी के रूप में जानें। फेसबुक अपने वास्तविक और वर्चुअल दुनिया के अनुभवों के निर्माण के लिए पांच वर्षों में बड़े पैमाने पर भर्ती करेगा। इस भर्ती अभियान में फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, इटली, नीदरलैंड, पोलैंड और स्पेन सहित अन्य देशों में लोगों को काम पर रखा जाएगा।
हर्षिल में ट्रेकिंग दल फंसा, बचाव के लिए वायु सेना का हेलीकॉप्टर रवाना..
उत्तराखंड: उत्तरकाशी के हर्षिल में ट्रेकिंग दल के फंसे होने की सूचना है। इस दल में सात से आठ लोग बताए जा रहे हैं। दल को सुरक्षित निकालने के लिए पंतनगर से वायु सेना का हेलीकॉप्टर एसडीआरएफ के तीन जवानों को लेकर हर्षिल के लिए रवाना हो गया है।
वायु सेना के हेलीकॉप्टरों के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी आरएफसी हरवीर सिंह का कहना हैं कि हर्षिल के पास ट्रेकिंग दल के फंसे होने की सूचना है। इसलिए हेलीकॉप्टर को हर्षिल के लिए भेजा गया है।
सोमवार और मंगलवार को आई आपदा में सबसे ज्यादा नैनीताल जिला प्रभावित हुआ है। कई जगहों पर मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कुछ के हताहत होने की भी खबर है। सड़क बंद होने से कई जगह लोग फंस गए हैं। वहीं आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी करने वाले हैं।
बर्फबारी के चलते भारत-चीन सीमा पर तीन पोर्टर लापता
उत्तराखंड के उत्तरकाशी से लगी भारत-चीन सीमा पर तीन पोर्टरों के लापता होने की सूचना है। तीनों पोर्टर भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की टीम के साथ सीमा पर लंबी दूरी गश्त के लिए रवाना हुए थे। जो वापसी के दौरान रास्ता भटक गए। बर्फबारी होने से मंगलवार देर शाम तक भी इन पोर्टरों का कोई पता नहीं चल पाया।
जिसके बाद आईटीबीपी ने इन पोर्टरों को तलाशने के लिए वायु सेना और राज्य आपदा प्रबंधन से मदद मांगी है। बुधवार की सुबह 20-20 आईटीबीपी जवानों की टीम खोज-बचाव के लिए रवाना हुई है।
आपको बता दे कि सोमवार और मंगलवार को उत्तराखंड में आई आपदा में 46 लोगों की मौत हुई है। वहीं 12 लोग घायल हैं और 11 लोग लापता हैं। इस आपदा में नौ घर भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
गौमुख ट्रैक में भारी बारिश के बाद 30 ट्रैकर फंसे, एसडीआरएफ ने किया रेस्क्यू
उत्तराखंड: उत्तरकाशी जिले में गौमुख ट्रेक में ट्रैकर भारी बारिश के बाद बुरी तरह से फंस गए थे। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू शरू किया था लेकिन खराब मौसम के चलते टीम को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
रेस्क्यू टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद गौमुख ट्रेक में फंसे पांचों ट्रैकरों को सकुशल निकाल दिया था। बल ने सकुशल रेस्क्यू ऑपरेशन चला कर ट्रैकरों की जान बचाई। एसडीआरएफ प्रवक्ता के अनुसार गौमुख ट्रैक पर देवगाड़ से एक किलोमीटर पहले रास्ता बंद होने से 30 ट्रेकर वहां फंस गए थे।
पहाड़ से लगातार पत्थर गिरने से वो नीचे नहीं आ पा रहे थे। ऐसे में एसडीआरएफ ने जोखिम भरे इस रास्ते पर ट्रैकरों को सकुशल गंगोत्री पहुंचा दिया है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश में एक ओर जहां भूस्खलन का खतरा था तो दूसरी ओर बढ़ती ठंड में ट्रेकरों के स्वास्थ्य की चिन्ता। SDRF टीम द्वारा समय रहते सभी ट्रेकरों की जान बचाई गई और उत्तराखंड पुलिस के मित्रता,सेवा ,सुरक्षा के नारे को चरितार्थ किया गया।
इमरान खान को झटका देने की तैयारी में बाजवा..
देश-विदेश: पाकिस्तान में आइएसआइ प्रमुख की नियुक्ति को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले पर सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और प्रधानमंत्री इमरान खान आमने-सामने आ गए हैं। अब नई जानकारी यह सामने आ रही है कि सेना प्रमुख बाजवा ने पीएम इमरान को सूचित किए बिना सोमवार को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के मुख्यालय का दौरा किया।
इस दौरान उन्होंने आइएसआइ प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद के साथ गुप्त बैठक की है। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में आंतरिक सुरक्षा और अफगानिस्तान में चल रही स्थिति पर चर्चा हुई है, हालांकि पूरी बात निकलकर अब तक सामने नहीं आई है। वहीं इस बैठक के बाद यह माना जा रहा है कि कहीं बाजवा कोई नई चाल तो नहीं चल रहे।
बताया तो यह जा रहा है कि बाजवा के इस कदम से इमरान की कुर्सी कहीं खतरे में न पड़ जाए। कई राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर सेना और आईएसआई एक साथ हो जाए तो फिर यहां की सरकार के लिए संकट की घड़ी आ सकती है।
जानिए क्या है विवाद..
अगले ISI प्रमुख की नियुक्ति को लेकर चल रहे विवाद के बीच यह बैठक अहम मानी जा रही है। सेना ने छह अक्टूबर को घोषणा की थी कि मौजूदा आइएसआइ प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हमीद को पेशावर कोर कमांडर बनाया गया है,
जबकि उनकी जगह लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम को नियुक्त किया गया है। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय ने तब से लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम की नियुक्ति की आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की है, जिसके बाद से ही सरकार और सेना के बीच संबंधों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है।
आईएसआई चीफ के लिए तीन नामों की सूची सौंपी गई..
पाकिस्तान में नए आईएसआई चीफ की नियुक्ति को लेकर सेना प्रमुख बाजवा से गतिरोधों के बीच पाक प्रधानमंत्री कार्यालय को आईएसआई चीफ के लिए तीन नामों की सूची मिली है। जिसमें से एक नाम पर पीएम इमरान खान मुहर लगा सकते हैं।
नई परंपरा शुरू कर रहे हैं इमरान..
प्रधानमंत्री इमरान खान अब अपनी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की शक्लो सूरत बदलने जा रहे हैं। अभी तक आईएसआई के मुखिया यानी डायरेक्टर जनरल (डीजी) की नियुक्ति परंपरागत तौर पर उन तीन नामों में से एक का होता था, जो इस पद से विदा लेने वाले डीजी ही प्रस्तावित करते थे।
लेकिन अब प्रधानमंत्री इमरान खान इस पद के लिए बाकायदा इंटरव्यू लेकर नया डीजी नियुक्त करने जा रहे हैं। इस पद के दावेदारों का एक जटिल इंटरव्यू लेकर इमरान खान और चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ यानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, इनमें से किसी एक को चुनेंगे। जल्दी ही आईएसआई के नए मुखिया का चयन कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शासन ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के लगभग 400 से अधिक अस्थायी कर्मचारियों के नियमितीकरण व वेतन विसंगति आदि प्रकरणों के निस्तारण के लिए एक कमेटी गठित करने का निर्णय लिया है।
प्रदेश के संस्कृति, धर्मस्व व तीर्थाटन प्रबंधन विभाग के सचिव हरिचंद्र सेमवाल द्वारा इस संबंध में देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्याधिकारी को निर्देश जारी किए गए हैं। आदेश में पूर्व दायित्वधारी अजेंद्र अजय द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लिखे पत्र का हवाला देते हुए मुख्य कार्याधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वे अपने स्तर से समिति गठित करते हुए कर्मचारियों की समस्याओं का निदान करना सुनिश्चित करें।
उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता अजेंद्र बोर्ड के अस्थायी कर्मचारी संघ के सरंक्षक भी हैं। उन्होंने विगत माह बोर्ड के अस्थायी कार्मिकों की समस्याओं को लेकर बोर्ड के पदेन अध्यक्ष मुख्यमंत्री धामी को पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने लिखा था कि देवस्थानम बोर्ड (पूर्व में श्री बदरीनाथ- श्री केदारनाथ मंदिर समिति) में बड़ी संख्या में कर्मचारी 20-25 वर्षों से अस्थायी तौर पर कार्यरत हैं। इनमें से कई कार्मिकों को सामान्य जीवन-यापन करने लायक वेतन तक नहीं मिलता है। ये अस्थायी कार्मिक बद्रीनाथ, केदारनाथ, मध्यमहेश्वर आदि जैसे उच्च हिमालयी क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
अपने पत्र में अजेंद्र ने कहा था कि इनमें से कई कार्मिक सेवानिवृति के करीब हैं। स्थायीकरण नहीं होने के कारण उन्हें पेंशन इत्यादि की सुविधाओं से भी वंचित रहना पड़ेगा। यह समान कार्य-समान वेतन के सिद्धांत के भी विपरीत है। उन्होंने कार्मिकों की वेतन विसंगति, स्थायीकरण आदि के प्रकरणों के निस्तारण हेतु समिति के गठन का सुझाव दिया था।
उधर, अजेंद्र ने बोर्ड के अस्थायी कार्मिकों की समस्याओं को गंभीरता से लेने के लिए मुख्यमंत्री धामी का आभार व्यक्त किया है।
धरने पर पहुंचे पूर्व सीएम हरीश रावत..
उत्तराखंड: दो सूत्रीय मांगों को लेकर एसटीएच और मेडिकल कॉलेज के उपनल कर्मचारियों की हड़ताल 47वें दिन भी जारी रही। सोमवार को बुद्धपार्क में चल रहे धरना प्रदर्शन में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी पहुंचे। उपनल कर्मचारी समिति के अध्यक्ष पीएस बोरा व कर्मचारी नेता मोहन रावत ने कहा कि 15 साल से ज्यादा समय से उपनल कर्मचारी मांगों को उठा रहे हैं। कांग्रेस और भाजपा की सरकार बारी बारी से आ रही हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
कर्मचारियों ने कहा कि व न्याय की मांग कर रहे हैं। इस पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। पूर्व सीएम रावत के साथ धरने में पहुंचने वालों में पूर्व कबीना मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल, पूर्व दर्जा राज्य मंत्री ललित जोशी, पूर्व ब्लाक प्रमुख संध्या डालाकोटी, खजान पांडे समेत कई कांग्रेसी साथ थे।
वही इस उपनल कर्मचारियों के धरने में विजय रौतेला, कैलाश भट्ट, खेमराज शाहू, प्रेमा ओली, उमा डांगी, सुशील कुमार, सोनू, प्रकाश लोहनी, राजेन्द्र सिंह राणा, संजय पांडे, राकेश कुमार, नेत्रपाल, मोनिका, मुन्नी, अजय कुमार, मनीष तिवारी, मुरली भट्ट, दीपक पांडे आदि मौजूद रहे।