अब आयुष्मान योजना में मुफ्त होगा किडनी ट्रांसप्लांट का इलाज- मुख्यमंत्री धामी..
उत्तराखंड: आयुष्मान भारत योजना में अब गोल्डन कार्ड धारक मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट इलाज की सुविधा मिलेगी। जल्द ही आयुष्मान पैकेज में किडनी ट्रांसप्लांट इलाज को भी शामिल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाने पर लाभार्थियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। वहीं, सूचीबद्ध अस्पतालों को एक सप्ताह के अंदर इलाज के क्लेम का भुगतान किया जाएगा।
गुरुवार को हरिद्वार बाईपास रोड पर आईएसबीटी स्थित एक होटल में आयुष्मान भारत योजना के तीन साल पूरे होने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से आरोग्य मंथन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री धामी ने आयुष्मान योजना के तहत अच्छा कार्य कर रहे 12 अस्पतालों को सम्मानित किया
सीएम का कहना हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी आयुष्मान भारत योजना दी है। इस योजना का लोगों को सीधा लाभ मिल रहा है। प्रदेश के सभी परिवारों को राज्य आयुष्मान उत्तराखंड योजना शामिल किया गया। योजना में अब तक 44 लाख लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बने हैं। इसमें 3.5 लाख लोगों का पंजीकृत अस्पतालों में विभिन्न बीमारियों का मुफ्त इलाज कराया गया है। इस पर 460 करोड़ रुपए खर्च हुआ है।
सीएम का कहना हैं कि पहले यदि परिवार में कोई बीमार होता था तो कई परिवार बिलों का भुगतान करने में असमर्थ होते थे। इलाज के लिए जमीन गिरवी और गहने बेचने पड़ते थे। अब इस योजना से राहत मिली है। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में जहां कमी है, उन्हें दूर किया जाएगा।
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक विनोद चमोली, नगर निगम मेयर सुनील उनियाल गामा, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया, सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, डॉ. पंकज कुमार पांडेय, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ अरूणेंद्र चौहान, रेशम फेडरेशन के अध्यक्ष अजीत चौधरी, उत्तराखंड सहकारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मातबर सिंह रावत मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन राज्य आईईसी अधिकारी जेसी पांडेय ने किया।
आईएएस मंगेश घिल्डियाल समेत कई अफसर पहुंचे केदारनाथ..
उत्तराखंड: आगामी विधानसभा चुनावों को मध्य नजर रखते हुए हर राजनीतिक पार्टी अपनी तरफ से तैयारियों में जुट चुकी है। भारतीय जनता पार्टी भी चुनावों की जोरदार तैयारियां कर रही हैं। विधानसभा चुनाव के कारण उत्तराखंड में सियासी सरगर्मियां भी बढ़ती जा रही हैं। इसी बीच एक बड़ी खबर भी सामने आ रही है। ऐसी संभावनाएं जताई जा रही हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी अक्टूबर में केदारनाथ का दौरा कर सकते हैं।
आपको बता दें कि केदारनाथ में हाल ही में कुछ अहम विकास कार्य हुए जिस का जायजा लेने प्रधानमंत्री कार्यालय की टीम केदारनाथ पहुंची है, जिसके अंदर आईएस मंगेश घिल्डियाल समेत अन्य अफसर शामिल हैं। पीएमओ के सलाहकार भास्कर खुल्बे समेत आईएएस मंगेश घिल्डियाल और अन्य अफसर केदारनाथ पहुंचे हैं और यह टीम गुरुवार दोपहर 12 बजे तक यहां के कार्यों और व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेगी।
बताया जा रहा है कि 6 अक्टूबर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ दौरे पर आ सकते हैं। उनका यह दौरा आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर भी बेहद अहम साबित होगा। आपको बता दें कि आने वाले अक्टूबर माह में बीजेपी के कई दिग्गज उत्तराखंड का दौरा करेंगे जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 1 अक्टूबर को उत्तराखंड आएंगे।
वहीं 16 और 17 अक्टूबर को अमित शाह देहरादून और हरिद्वार के दौरे पर आएंगे। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि 4 अक्टूबर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उत्तराखंड के दौरे पर आ सकते हैं। पीएम मोदी का यह दौरा केदारनाथ धाम के नवनिर्माण के लिहाज से भी अहम हो सकता है।
भाजपा सोशल मीडिया को बनाएगी विधानसभा चुनाव में हथियार..
उत्तराखंड: भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी पार्टी के मीडिया और सोशल मीडिया प्रभारियों को विधानसभा चुनाव के मद्देनजर टिप्स देंगे। चुनावी साल में भाजपा सोशल मीडिया वार के जरिए भी पार्टी के लिए माहौल बनाने का काम करेगी। भाजपा प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय कुमार ने इस पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा तय कर दी है। यह कार्यशाला 24 सितंबर को आईटीडीए सभागार में होगी।
इसमें सांसद अनिल बलूनी के साथ एक और राष्ट्रीय प्रवक्ता भी पहुंचेंगे। इस वर्कशॉप में विभिन्न मोर्चों और जिलों के मीडिया, सोशल मीडिया प्रभारियों के साथ ही पार्टी के पैनलिस्ट भी शिरकत करेंगे। भाजपा के प्रांतीय मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान का कहना हैं कि पार्टी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हर रणनीति को अंजाम तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया प्रभारियों की क्या भूमिका रहने वाली है।
इस पर राज्यसभा सांसद बलूनी विस्तार से प्रशिक्षण देंगे। विपक्ष के हमलों का सोशल मीडिया के जरिए किस रणनीति से जवाब दिया जाना है, इन सभी बिंदुओं के बारे में जानकारी देंगे। इसके साथ ही पैनालिस्ट को अब और ज्यादा मुखर करने के लिए भी टिप्स दिए जाएंगे।
बिना ई पास के यात्रा करने में श्रद्धालुओं को हो रही परेशानी..
उत्तराखंड: इस बार राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा के लिए देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट में ऑनलाइन ई-पास के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया है। यानी इसके बिना तीर्थयात्री बद्रीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री,यमुनोत्री धाम के दर्शन नहीं कर सकते हैं। वेबसाइट पर क्लिक करने पर आसानी से ई-पास पंजीकरण नहीं होने से तीर्थयात्रियों को दिक्कत आ रही है।
व्यवहारिक परेशानी के चलते कई यात्री यात्रा स्थगित कर वापस घर लौट रहे हैं। चारधाम यात्रा के प्रवेशद्वार तीर्थनगरी ऋषिकेश के चारधाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड में इस तरह का मामला सामने आया। यहां पर कुछ यात्री पहुंचे और संयुक्त यात्रा रोटेशन व्यवस्था समिति के बुकिंग काउंटर पर केदारनाथ धाम के लिए जानकारी ली।
बुकिंग क्लर्क आशुतोष तिवारी ने संबंधित वेबसाइट पर पहले ई-पास के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करने की सलाह दी। करीब डेढ़ घंटे प्रयास करने के बाद ऑनलाइन पंजीकरण नहीं हुआ। वेबसाइट पर ई-पास पंजीकरण का स्लॉट 6 अक्तूबर तक पैक होना दिखाता रहा।
आखिरकार इन यात्रियों को ई-पास पंजीकरण नहीं होने पर यात्रा स्थगित कर घर लौटना पड़ा। इस दौरान यात्रियों ने उत्तराखंड सरकार से ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया को सुधारने की मांग करते हुए कहा कि इससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है। बिना ई-पास के यात्रा पर नहीं जा सकते। देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइड फुल चल रही है, जिससे नए ई-पास का पंजीकरण नहीं हो रहा है।
कई यात्रियों का कहना हैं कि उत्तराखंड सरकार को इस बात की जानकारी पहले ही देनी चाहिए थी। कुछ यात्रियों को यह आने के बाद पता चल रहा हैं कि यात्रा पर आने के लिए ई पास भी होना चाहिए।जब वहा ई पास बनाने जा रहे हैं तो वहां पर उन्हें स्लॉट 15, 20 दिनों तक फुल बताया जा रहा हैं। जिसके चलते यात्रियों को मायूस होकर यात्रा स्थगित कर घर लौटना पड रहा हैं।
भाजपा नेता व पूर्व दर्जाधारी अजेंद्र अजय ने प्रदेश के धर्मस्व सचिव हरीश चंद्र सेमवाल से फोन पर बात कर चार धामों के दर्शन के लिए निर्धारित की गई श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी की मांग की है। उन्होंने सुझाव दिया है कि इस अनुमति के लिए प्रदेश शासन को हाई कोर्ट से अनुरोध करना चाहिए।
अजेंद्र ने कहा कि इस वर्ष अब चार धाम यात्रा को लगभग एक माह का समय ही शेष रह गया है। नैनीताल उच्च न्यायालय द्वारा श्रद्धालुओं की संख्या सीमित किए जाने से जहां एक ओर अनेक लोग यात्रा करने से वंचित रह जाएंगे, वहीं दूसरी तरफ यात्रा व्यवसाय से जुड़े लोगों को लॉकडाउन के कारण हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई में कठिनाई पैदा होगी। उन्होंने सचिव धर्मस्व को सुझाव दिया कि प्रदेश शासन इस विषय में नैनीताल उच्च न्यायालय से अनुरोध करे, ताकि चारों धामों में अधिक संख्या में यात्रियों को दर्शनों की अनुमति मिल सके।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार के अनुरोध पर नैनीताल उच्च न्यायालय ने चारों धामों में कुछ शर्तों के साथ यात्रा की अनुमति दी है। न्यायालय ने बद्रीनाथ के लिए 1000, केदारनाथ के लिए 800, गंगोत्री के लिए 600 व यमुनोत्री के लिए 400 यात्रियों को प्रतिदिन दर्शन करने की अनुमति दी है।
कोविड काल के दौरान चार धाम यात्रा के पूरी तरह से ठप हो जाने के कारण अर्थ व्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है। इसके मददेनजर प्रदेश सरकार ने चार धाम यात्रा शुरू कराने को लेकर न्यायालय में प्रभावी तरीके से अपना पक्ष रखा।
न्यायालय ने यात्रा शुरू कराने की अनुमति तो दी। मगर यात्रियों की संख्या सीमित करने से यात्रा व्यवसाय से जुड़े लोगों के अलावा इन धामों की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं।
हरक सिंह रावत को हरीश धामी ने कहा कुछ ऐसा…
उत्तराखंड: प्रदेश में चुनावी माहौल शुरू होते ही नेताओ के एक दूसरे पर व्यंग्य औऱ टीका टिप्पणी शुरू हो गई हैं। आपको बता दें कि हाल ही में भाजपा के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत औऱ मंत्री हरक सिंह के बीच तीखी तकरार हो गई थी । जिसके बाद दोनों ने एक दूसरे पर व्यक्तिगत टिप्पणी भी की थी। बता दें कि इस बार भी व्यंग के घेरे में मंत्री हरक सिंह रावत ही हैं।
अब कांग्रेस के हरीश धामी ने मंत्री हरक सिंह रावत पर व्यंग्य कसते हुए कहा है कि कांग्रेस का प्रिंसिपल भाजपा में जाकर एलकेजी का स्टूडेंट् बन गया है। आगे उन्होंने कहा कि जिस तरह की बयानबाजी हरक सिंह कर रहे हैं उससे स्पष्ट हो गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने उन्हें ढेंचा ढेंचा कहकर ढेंचू बना दिया है। हरीश धामी का कहना हैं कि हरक सिंह रावत कांग्रेस में प्रिंसिपल की भूमिका में थे उनकी हालत आज भाजपा में एक एलकेजी स्टूडेंट् की तरह है।
सीएम धामी बोले, उत्तराखंड में पटरी पर लौट रही चारधाम यात्रा..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा अब धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। इससे चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहितों, व्यवसायियों की उम्मीद भी बढ़ गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना हैं कि चारधाम यात्रा प्रांरभ होने से कोविड की दूसरी लहर के बाद बंद पड़े कारोबार को संजीवनी मिलेगी। शनिवार से अब तक चारों धामों में साढ़े पांच हजार लोग दर्शन कर चुके हैं, जबकि 42 हजार से अधिक व्यक्तियों को ई-पास जारी किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कुछ समय पहले कोविड संक्रमण के कारण आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे चारधाम यात्रा व पर्यटन से जुड़े कारोबारियों के लिए दो सौ करोड़ रुपये का राहत पैकेज जारी किया। इसके तहत चारधाम यात्रा मार्गों से जुड़े होटल, रेस्टोरेंट, टैक्सी संचालकों समेत अन्य व्यक्तियों के साथ ही पर्यटन से जुड़े व्यक्तियों को एकमुश्त सहायता राशि उपलब्ध कराई जा रही है।
पर्यटन विभाग की ओर से ही अब तक 15 हजार व्यक्तियों को सात करोड़ की राशि दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा से जुड़े व्यवसायियों, तीर्थ पुरोहितों की परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उनका कहना हैं कि चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों के मन में उठ रहे संशय को दूर करने के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है।
समिति में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जा रहा है। तीर्थ पुरोहितों की बात सुनकर समिति सरकार के समक्ष रिपोर्ट रखेगी। फिर इसके आधार पर फैसला लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहितों व हक-हकूकधारियों के हित किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने दिए जाएंगे।
केदारनाथ हेली सेवा के लिए रोजाना जारी होंगे 200 ई-पास..
उत्तराखंड: केदारनाथ धाम के लिए एक अक्तूबर को हेली सेवा का संचालन किया जाएगा। नागरिक उड्डयन विभाग की ओर से देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को हेली सेवा शुरू करने के बारे में प्रस्ताव भेजा गया है। साथ ही 200 ई-पास हेली सेवा से जाने वाले तीर्थ यात्रियों को प्रतिदिन जारी किए जाएंगे।
केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए पैदल चलने में असमर्थ यात्रियों को एक अक्तूबर से हेली सेवा की सुविधा मिलेगी। इसके लिए नागरिक उड्डयन विभाग ने तैयारियां कर ली है। गुप्तकाशी, सिरसी और फाटा हेलीपैड से नौ एविएशन कंपनियों को अनुमति दी है। हेली सेवा का संचालन करने से पहले डीजीसीए की ओर से तीनों स्थानों के हेलीपैड पर सुरक्षा मानकों का निरीक्षण किया जाएगा। आने वाले कुछ दिनों तक मौसम खराब रहने के कारण केदारनाथ के लिए हेली सेवा का संचालन संभव नहीं है।
देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन का कहना हैं कि केदारनाथ के लिए हेली सेवा का संचालन एक अक्तूबर से करने का प्रस्ताव मिला है। जिसमें हेली सेवा से जाने वाले यात्रियों को 200 ई-पास जारी किए जाएंगे। आपको बता दें कि पूर्व में चारधाम यात्रा पर रोक लगने के लिए 1100 हेली सेवा की बुकिंग रद्द की गई थी। उत्तराखंड सिविल एविएशन प्राधिकरण ने बुकिंग करने वाले यात्रियों को पैसा वापस लौटाए थे।
बाबा केदार के दर्शन के लिए देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही स्थानीय श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। सोमवार शाम चार बजे तक सोनप्रयाग से 631 श्रद्धालु धाम के लिए रवाना हुए जबकि 789 श्रद्धालुओं ने दर्शन का पुण्य अर्जित किया। सोनप्रयाग चौकी प्रभारी रवींद्र कौशल का कहना हैं कि सोनप्रयाग में सुबह 5 बजे से श्रद्धालु पंजीकरण के लिए काउंटर पर एकत्रित होने लगे थे। सुबह 7 बजे तक यहां काफी लंबी लाइन लग गई थी। उधर, केदारनाथ में देवस्थानम बोर्ड के यात्रा प्रभारी वाईएस पुष्पवाण ने कहना हैं कि 789 श्रद्धालु अब तक दर्शन कर चुके हैं। संध्या आरती तक श्रद्धालुओं को दर्शन कराए जा रहे हैं।
उत्तराखंड में पांच अक्तूबर तक बढ़ाया गया कोविड कर्फ्यू..
उत्तराखंड: प्रदेश सरकार ने कोरोना कर्फ्यू 15 दिन के लिए और बढ़ा दिया है। अब प्रदेश में कर्फ्यू की बंदिशें पांच अक्तूबर तक के लिए लागू रहेंगी। मुख्य सचिव एवं राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सुखबीर सिंह संधू ने कोविड कर्फ्यू के संबंध में सोमवार को नई एसओपी (मानक परिचालन प्रक्रिया) जारी कर दी है। एसओपी में इस बार कोई राहत नहीं दी गई है। वही पुरानी बंदिशें भी बरकरार रहेंगी।
एसओपी में चारधाम यात्रा और प्राइमरी तक के स्कूलों को खोलने को लेकर यह स्पष्ट किया गया है कि उनकी अलग-अलग एसओपी का पालन सभी जिलों को सुनिश्चित करना होगा। वेडिंग हॉल की क्षमता के आधे लोग शादी समारोह में शामिल हो पाएंगे, लेकिन इसके लिए भी जिला प्रशासन से अनुमति लेनी आवश्यक होगी। साथ ही कोरोना की जांच रिपोर्ट दिखानी होगी। प्रदेश में रात्रि कर्फ्यू जारी रहेगा। बाजार सुबह आठ बजे से रात नौ बजे तक खुलेंगे। नगरीय क्षेत्रों में स्थित होटल रेस्तरां, भोजनालय व ढाबे रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक बंद रहेंगे।
ये बंदिशें हैं बरकरार..
1- बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को कोरोना वैक्सीन की डबल डोज का प्रमाणपत्र न होने की स्थिति में 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखाने पर ही राज्य में प्रवेश मिलेगा।
2- बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आने वाले सभी यात्रियों को स्मार्ट सिटी के http://smartcitydehradun.uk.gov.in पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा।
3- शवयात्रा में भी 50 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे।
4- सभी तरह की सामाजिक, राजनीतिक, मनोरंजन, सांस्कृति और बड़ी सभाएं प्रतिबंधित रहेंगी।
5- दूसरे राज्यों से अपने पैतृक गांव लौटने वाले प्रवासियों के लिए ग्राम प्रधान की निगरानी में आवश्यकतानुसार सात दिन क्वारंटीन सेंटर में एकांतवास में रहना अनिवार्य होगा।
प्रदेश में सभी स्पा और सैलून खोलने की अनुमति है। सभी स्पा व सैलून 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुलेंगे। इसके साथ ही जिम, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल व स्वीमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थियेटर, ऑडिटोरियम व इनसे संबंधित सभी गतिविधियां 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति है। वहीं, सरकार ने होटलों में स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल, स्पा व जिम को भी 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति दी है।प्रदेश में 18 वर्ष से ऊपर के प्रशिक्षुओं के लिए सरकारी और गैरसरकारी प्रशिक्षण संस्थान कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन के साथ खोलने की अनुमति है।
अब DL-RC साथ रखने की अनिवार्यता पूरे देश से खत्म, डिजी-लॉकर होगा मान्य..
देश-विदेश: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर सहित देश के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में अब वाहन चालकों को ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब सड़क पर वाहन चालक ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग को डिजी-लॉकर प्लेटफॉर्म या एम-परिवहन मोबाइल ऐप में डिजिटल रूप में रखे दस्तावेजों को दिखा सकते हैं। केंद्रीय परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आदेश के बाद अब सभी राज्यों में एम-परिवहन एप और डिजी लॉकर में मौजूद दस्तावेजों को मानना होगा। अब इसको कानूनी मान्यता भी प्रदान कर दी गई है।
अब यदि आपका ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन के रजिस्ट्रेशन का कार्ड एम-परिवहन मोबाइल ऐप और डीजी लॉकर में मौजूद है तो वह देशभर में मान्य होगा।अब तक एम-परिवहन ऐप पर यह दस्तावेज उपलब्ध थे, लेकिन उन्हें कानूनी मान्यता नहीं दी जा रही थी, लेकिन अब इसे कानूनन मान्य कर दिया गया है। डीजी लॉकर में रखे दस्तावेजों को अब देश के सभी राज्यों औऱ केंद्रशासित प्रदेशों में मान्य कर दिया गया है।
ट्रांसपोर्ट विभाग अब एम परिवहन मोबाइल ऐप और डीजी लॉकर में रखे गए दस्तावेजों को मान्यता देने के लिए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। अभी तक कई राज्यों के परिवहन विभाग की वेबसाइट, एम परिवहन मोबाइल ऐप से लिंक न होने के कारण सभी दस्तावेज उस पर दिखाई नहीं दे रहे थे, लेकिन अब अगर आपको सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस या ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारी रोक कर लाइसेंस दिखाने के लिए बोलते हैं तो आप इन दो तरीकों से भी अपना दस्तावेज दिखा सकते हैं।
आईटी अधिनियम 2000 के प्रावधानों में भी मान्य..
अब डिजी-लॉकर अथवा एम-परिवहन पर उपलब्ध ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड भी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के प्रावधानों के अनुसार मूल दस्तावेज के समतुल्य माना जाएगा. इसलिए ट्रैफिक पुलिस तथा परिवहन विभाग की प्रवर्तन विंग ड्राइविंग लाइसेंस तथा रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म को विधिवत स्वीकार करेंगे। साथ ही परिवहन विभाग के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अगर ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की सॉफ्ट कॉपी, जो किसी अन्य प्रारूप में रहता है तो वह मूल रिकॉर्ड के रूप में स्वीकार्य नहीं होगा।
क्या होता है डिजी-लॉकर..
डिजीटल लॉकर या डिजीलॉकर एक तरह का वर्चुअल लॉकर है, जिसे पीएम मोदी ने जुलाई 2015 में लॉन्च किया था। डिजीलॉकर को डिजिटल इंडिया अभियान के तहत शुरू किया गया था। डिजीलॉकर खाता खोलने के लिए आपके पास आधार कार्ड का होना अनिवार्य है। डिजीलॉकर में देश के नागरिक अपने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जैसे पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट और अब ड्राइविंग लाइसेंस या और भी कई महत्वपूर्ण सरकारी प्रमाणपत्र स्टोर कर सकते हैं।