उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय कुमार कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। उनके कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना पर प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत गौतम, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक समेत अनेक वरिष्ठ नेताओं ने शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।
कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी अजेय कुमार ने रविवार को खुद अपने ट्विटर हैंडल पर दी। उन्होंने लिखा- शुरुआती लक्षण दिखने पर मैंने कोविड की जांच कराई और मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। प्रभु की कृपा से मैं स्वस्थ हूं तथा चिकित्सकों की देख-रेख में उपचार ले रहा हूं।
आप शीघ्रातिशीघ्र कोरोना को परास्त कर पुनः अपना कार्यभार कुशलता से संपादित करें, मैं भगवान बदरी विशाल और बाबा केदार से यह मंगलकामना करता हूं। https://t.co/h7Y1sWBKEh
— Tirath Singh Rawat (मोदी का परिवार) (@TIRATHSRAWAT) April 18, 2021
उनके कोरोना पॉजिटिव निकलने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ट्वीट कर शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए अजेय कुमार से दूरभाष पर बात कर उनके स्वास्थ्य का हाल चाल भी जाना है।
भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने ट्वीट कर प्रदेश महामंत्री (संगठन) के स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने अजेय कुमार के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए कहा कि अजेय कुमार लगातार चिकित्सकों के सम्पर्क में है और शीघ्र स्वास्थ्य लाभ लेकर अपने कार्य में जुटेंगे।
उधर, पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि दिल्ली प्रवास के दौरान अजेय कुमार की मेडिकल रिपोर्ट पॉजिटिव आयी और उन्होंने खुद को आइसोलेट कर लिया है। अजेय कुमार ने खुद के संपर्क में आये लोगों को अपना टेस्ट कराने को कहा है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के लिए रविवार को आपात बैठक बुलाई और कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। बिना मास्क के घूमने वालों पर जुर्माने की राशि को 200 रूपए से बढ़ाकर 500 रूपए करने के निर्देश दिए। उन्होंने रात्रि कर्फ़्यू को सख्ती से लागू करने को कहा और कहा कि शादी-विवाह में लोगों की अनुमन्य संख्या को 200 से घटाकर 100 किया जाए।
बीजापुर हाउस में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थिति ज्यादा न बिगड़े, इसके लिए वर्तमान में लागू गाईडलाईन का अक्षरशः पालन करवाया जाना है। जो भी इसका उल्लंघन करे, उसके खिलाफ कार्यवाही में किसी प्रकार की ढिलाई न बरती जाए। राज्य की सीमाओं पर आवश्यकतानुसार चेकपोस्ट स्थापित किए जाएं और बिना आरटी-पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट के किसी को अनुमति न दी जाए। आगे की स्थिति का आंकलन करते हुए उसके अनुसार कोविड अस्पताल बनाए जाएं। अधिक से अधिक टेस्टिंग पर फोकस किया जाए।
कोविड की दवाओं की कालाबाजारी पर लाइसेंस निरस्त करने, टेस्टिंग बढ़ाने, फिलहाल चारधाम यात्रा और हेमकुण्ड साहिब की यात्रा पर आने वालों के लिए आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट जरूरी करने के निर्देश दिए।
— Tirath Singh Rawat (मोदी का परिवार) (@TIRATHSRAWAT) April 18, 2021
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि कोविड के ईलाज के जरूरी दवाईयों की ब्लैकमार्केटिंग न हो। यदि कोई दवा विक्रेता इसमें लिप्त पाया जाए तो तत्काल लाईसेंस निरस्त करते हुए सख्त से सख्त कार्यवही की जाए। कोविड से संबंधित सभी जरूरी उपकरण सरकारी अस्पतालों में उपलब्घ होने चाहिए। दवाईयों की कीमतों पर भी नियंत्रण रखा जाए। जिन जिलों में ज्यादा मामले आ रहे हैं, वहां नोडल अधिकारी तैनात किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल चारधाम यात्रा और हेमकुण्ड साहिब की यात्रा पर आने वालों के लिए आरटी-पीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट जरूरी कर दी जाए। उन्होंने कहा कि कोविड काल में प्रदेश की आर्थिकी को होने वाले नुकसान को किस प्रकार कम से कम किया जा सकता है, इसकी कार्ययोजना तत्काल बनाई जाए। उन्होंने वैक्सीनैशन अभियान में भी तेजी लाने, होम आइसोलेशन के लिए जरूरी प्रोटोकाॅल का पूरा पालन करवाने, होम आईसोलेशन वालों को जरूरी किट देने और उनसे लगातार सम्पर्क रखने को भी कहा।
बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, शैलेश बगोली, एस.ए.मुरुगेशन, डाॅ. पंकज पाण्डेय, सूचना महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
पीएम मोदी ने जाना संतों के स्वास्थ्य का हाल, कोरोना संकट के चलते कुंभ को प्रतीकात्मक रखने की अपील की
हरिद्वार में चल रहे महाकुंभ के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि से फोन पर बातचीत की और सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना। उन्होंने प्रशासन के साथ पूरा सहयोग करने के लिए संत समाज के प्रति आभार जताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। ट्वीट में मोदी ने अनुरोध किया कि दो शाही स्नान संपन्न हो चुके हैं इसलिए आगे कुंभ को अब प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे महामारी के खिलाफ लड़ाई में ताकत मिलेगी।
मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी। @AvdheshanandG
— Narendra Modi (@narendramodi) April 17, 2021
मोदी के ट्वीट के जवाब में स्वामी अवधेशानंद गिरि ने प्रधानमंत्री के आह्वान का सम्मान करते हुए प्रतिक्रिया दी और श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए भारी संख्या में स्नान के लिए न आएं और कोविड नियमों का अवश्य पालन करें।
यहां यह बता दें, कि हरिद्वार में कुंभ के दौरान अब तक कई प्रमुख संत कोरोना से संक्रमित हो गए हैं। कोरोना संकट को देखते हुए कुछ संतों ने कुंभ को सांकेतिक रखने की बात भी कही है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत तथा केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को टिहरी में वाॅटर स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर इंस्टीट्यूट का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। इसके मद्देनजर ही टिहरी झील क्षेत्र में वाॅटर स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर इंस्टीट्यूट बनाने का फैसला किया गया।
उन्होंने कहा कि साहसिक खेलों के लंबे गौरवशाली इतिहास और अनुभव को देखते हुए इस संस्थान के संचालन और प्रबंधन का कार्य आईटीबीपी को सौंपने का निर्णय लिया गया है। यहां पैरा ग्लाइडिंग, पैरा मोटर, पैरासेलिंग बोट, स्कूबा ड्राइविंग, हाॅट एयर बैलून, क्याकिंग, केनोइंग, हाईरोप कोर्स, रॉक क्लाइंबिंग, जुमारिंग, रैपलिंग और ऑल टेरेन बाइक सहित कई साहसिक खेलों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आईटीबीपी को इस संस्थान के संचालन के लिए राज्य सरकार से जो भी सहयोग चाहिए होगा, वह प्राथमिकता से उपलब्ध करवाने की बात कही।
केंद्रीय राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वाॅटर स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर इंस्टीट्यूट के रूप में आज देश में खेल के क्षेत्र में नया अध्याय जुड़ा है। वाॅटर स्पोर्ट्स के क्षेत्र में हमारा देश ओलिंपिक, एशियन गेम्स, काॅमनवेल्थ आदि में विशेष उपलब्धि हासिल नहीं कर पाया है। इस दिशा में केंद्र सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में प्रतिभावान खिलाड़ियों की कोई कमी नहीं है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने के लिए उन्हें उचित प्रशिक्षण और सुविधाएं देने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं।
Sh Tirath Singh Rawat, Hon'ble CM Uttarakhand along with Sh Kiren Rijiju, Hon'ble Union MoS (I/C) Youth Affairs and Sports inaugurated the Water Sports Adventure Institute (WSAI), ITBP, Tehri, Uttarakhand today@TIRATHSRAWAT @KirenRijiju #Himveers pic.twitter.com/imyyV1B6cw
— ITBP (@ITBP_official) April 16, 2021
रिजिजू ने कहा कि हमारे देश में वाॅटर स्पोर्ट्स की अपार संभावनाएं हैं और उत्तराखंड वाॅटर स्पोर्ट्स और एडवेंचर एक्टिविटीज़ के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है। यहां ट्रेकिंग, राॅक क्लाइंबिंग, पैराग्लाइडिंग, स्कूबा डाइविंग, पैरा मोटर, ऑल टेरेन बाइक, कयाकिंग, केनोइंग, स्कीइंग आदि का प्रशिक्षण पाकर खिलाड़ी देश का नाम रोशन करेंगे। आईटीबीपी को 20 साल के लिए यह संस्थान संचालित करने के लिए प्रदान करने के निर्णय से इस संस्थान से देश का प्रतिनिधित्व करते हुए अनेक खिलाड़ी निकलेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि औली में स्नो स्पोर्टस के विकास के लिए भी केंद्र सरकार ने धनराशि दी है, ताकि वहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण सेंटर विकसित हो सके। देश में खेलों के विकास के लिए जो भी सहायता चाहिए होगी, वह प्रदान करेंगे।
इस अवसर पर टिहरी की सांसद महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक धन सिंह नेगी, टिहरी की जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवान, आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देसवाल, आईटीबीपी के एडीजी मनोज सिंह रावत, महानिदेशक उत्तरी फ्रंटियर निलाभ किशोर, टिहरी की डीएम ईवा आशीष श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।
वॉट कांग्रेस एंड गांधी हैव डन टू द अनटचेबल्स (कांग्रेस और गांधी ने अछूतों के लिए क्या किया)। यह शीर्षक एक पुस्तक का है। पुस्तक के शीर्षक को देखकर यह अनुमान लगाने में किसी को कठिनाई नहीं होनी चाहिए कि इसका लेखक कांग्रेस का कोई घोर आलोचक होगा। यह आलोचक कोई और नहीं, दलितों, पिछड़ों, मजदूरों व महिला अधिकारों और सामाजिक समरसता के ध्वजवाहक बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर थे। बाबा साहेब ने अपनी इस पुस्तक में कांग्रेस पार्टी के दलित प्रेम को ढोंग करार दिया है। पुस्तक में डॉ आंबेडकर ने लिखा है कि कांग्रेस ने अनुसूचित जातियों के उद्धार के लिए सैद्धांतिक सहमति देकर भी केवल राजनीतिक लाभ के लिए उनका उपयोग किया। उन्होंने कांग्रेस पर सुधार विरोधी बनने का आरोप लगाया है।
असाधारण प्रतिभा संपन्न व सामाजिक क्रांति के अग्रदूत डॉ आंबेडकर जैसे व्यक्ति को अनुसूचित समाज के प्रति कांग्रेस के रवैए पर पुस्तक लिखने को विवश होना पड़ा तो इसके निहितार्थ तलाशने में किसी को भी कठिनाई नहीं होनी चाहिए। बाबा साहेब ने दलित समाज की कठिनाइयों को न केवल देखा, बल्कि दलित होने की त्रासदी को जमकर झेला। परिणामस्वरुप, उन्होंने सामाजिक हो या राजनीतिक हर माध्यम से वंचित समाज की लड़ाई को लड़ा। इस लड़ाई के दौरान डॉ साहब को कांग्रेस की कथनी और करनी में फर्क महसूस हुआ तो उन्होंने न केवल अपनी सभाओं में कांग्रेस के चरित्र को उजागर किया, अपितु पुस्तक के द्वारा भी तथ्यों को सामने रखा।
डॉ.आंबेडकर की कांग्रेस के प्रति ऐसी सोच बेवजह नहीं थी। अपने समकालीन राजनेताओं में सर्वाधिक पढ़े-लिखे प्रख्यात कानूनविद व अर्थशास्त्री डॉ आंबेडकर को खुद कांग्रेस के राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार होना पड़ा। कांग्रेस नहीं चाहती थी बाबा साहब को पंडित नेहरू जैसे नेता के समकक्ष मान्यता मिले। कांग्रेस डॉ आंबेडकर की भूमिका मात्र एक दलित नेता तक सीमित रखना चाहती थी। इसका सबसे बड़ा प्रमाण वर्ष 1952 में देश के पहले लोकसभा चुनाव के दौरान देखने को मिला। कांग्रेस ने कम्युनिस्टों के साथ मिलकर बाबा साहेब को संसद में न पहुंचने देने के लिए पूरी ताकत का इस्तेमाल किया। बाबा साहेब उत्तरी मुंबई लोकसभा क्षेत्र से चुनाव हार गए। डॉ आंबेडकर ने वर्ष 1954 में भंडारा लोकसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ा। इस उपचुनाव में पंडित जवाहरलाल नेहरु खुद चुनाव प्रचार में उतरे और डॉ आंबेडकर को हार का सामना करना पड़ा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने दोनों चुनावों में डॉ आंबेडकर का समर्थन किया।
यहां इस तथ्य की चर्चा करना प्रासंगिक होगा कि डॉ अंबेडकर संघ के सामाजिक समरसता के प्रयासों से प्रभावित थे। संघ के संस्थापक डॉ केशवराव बलिराम हेडगेवार के अनुरोध पर आंबेडकर वर्ष 1936 में पुणे में संघ के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। कार्यक्रम की समाप्ति के बाद वे स्वयंसेवकों के बीच घूमे और स्वयंसेवकों से मिले। महात्मा गांधी की हत्या के बाद वर्ष 1948 में संघ पर जब पहली बार प्रतिबंध लगा तो डॉ अंबेडकर ने इसका विरोध किया। प्रतिबंध समाप्त होने के बाद संघ के तत्कालीन सर संघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर ”श्री गुरु जी” ने डॉ अंबेडकर को पत्र लिखकर इसके लिए कृतज्ञता ज्ञापित की।
डॉ.आंबेडकर के प्रति उपेक्षित व्यवहार के बावजूद कई बार कांग्रेस के कुछ नेता उनके नाम को भुनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते हैं। कुछ कांग्रेसी तर्क देते हैं कि उनकी पार्टी ने उन्हें संविधान निर्माण की जिम्मेदारी दी और केंद्र सरकार में मंत्री बनाया। मगर यह बात पूरी तरह से सही नहीं है।
देश की आजादी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी। इसके लिए संविधान सभा का गठन किया जाना था। संविधान सभा के लिए कुल 389 प्रतिनिधियों में से विभिन्न प्रांतों से 296 सदस्यों का चुनाव होना था। डॉ आंबेडकर तत्कालीन संविधान सभा के लिए निर्दलीय सदस्य चुने गए। संविधान सभा का निर्वाचन होने पर कई समितियां गठित की गई। जिनमें से एक समिति संविधान प्रारूप समिति का अध्यक्ष डॉ अंबेडकर को नियुक्त किया गया। डॉ आंबेडकर की योग्यताओं क्षमताओं को देखते हुए ही प्रारूप समिति जैसे जटिल कार्य की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई। देश की पहली अंतरिम सरकार में डॉ अंबेडकर को बतौर मंत्री शामिल करने के पीछे सरदार पटेल जैसे नेताओं की सोच थी।
पटेल जैसे नेताओं का मानना था कि मंत्रिमंडल को राष्ट्रीय स्वरूप देने के लिए कुछ वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को शामिल किया जाना चाहिए। इस क्रम में भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी, शिक्षाविद् व अर्थशास्त्री जान मथाई एवं डॉ आंबेडकर जैसे तीन गैर कांग्रेसी नेताओं को केंद्र सरकार में मंत्री बनाया गया। हालांकि, सरकार से मतभेदों के चलते तीनों ने बाद में मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था। इसे दुर्योग ही कहना चाहिए कि तत्कालीन भारतीय राजनीति के दो प्रखर व दिग्गज नेता डॉ मुखर्जी की वर्ष 1953 में रहस्यमय तरीके से मृत्यु हो गई और वर्ष 1956 में बीमारी के कारण डॉ.आंबेडकर चल बसे।
कांग्रेस ने बाबा साहब को उनकी मृत्यु के बाद भी अपेक्षित सम्मान देना उचित नहीं समझा। इंदिरा गांधी अपने प्रधानमंत्रित्व काल में भारत रत्न पुरस्कार पा गईं। पंडित नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक को भारत रत्न से नवाजा गया, किंतु डॉ आंबेडकर को 1990 में भाजपा के समर्थन से गठित वीपी सिंह की सरकार ने डॉ सुब्रमण्यम स्वामी की पहल पर भारत रत्न प्रदान किया। संसद के सेंट्रल हॉल में बाबा साहेब का चित्र लगाने से लेकर अन्य तमाम अवसरों पर बाबा साहब के प्रति कांग्रेस का रवैया नकारात्मक रहा है।
देश में राजनीतिक व सामाजिक परिवर्तन लाने वाले डॉ आंबेडकर के व्यक्तित्व का असल मूल्यांकन केंद्र में भाजपा के नेतृत्व में गठित नरेंद्र मोदी सरकार ने किया। मोदी सरकार ने बाबासाहेब के व्यक्तित्व व विचारों को चिरस्थाई बनाने के लिए वर्ष 2017 में दिल्ली में डॉ अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर की स्थापना की। मोदी सरकार का एक बड़ा निर्णय बाबा साहेब के जीवन से जुड़े पांच स्थानों को “पंचतीर्थ” के रूप में विकसित करने का है। पहला तीर्थ, महू (मध्य प्रदेश) बाबा साहेब का जन्म स्थान। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद महू गए। मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो बाबा साहेब के जन्म स्थान पर गए। दूसरा तीर्थ, लंदन (ब्रिटेन)में जहां बाबा साहब ने अध्ययन के दौरान निवास किया था। तीसरा, नागपुर की वह दीक्षाभूमि जहां उन्होंने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी। चौथा, दिल्ली के अलीपुर स्थित महापरिनिर्वाण स्थल और पांचवां, मुंबई स्थित चैत्यभूमी पर समारक।
बहरहाल, डॉ अंबेडकर ने कांग्रेस के विरुद्ध जो अभियान छेड़ा था, आज उसके परिणाम सामने आने लगे हैं। वर्षों तक दलित वोट बैंक की ठेकेदार बनी रही कांग्रेस की कारगुजारियों से आज यह वर्ग भली-भांति वाकिफ हो चुका है और दलित समाज समझ रहा है कि उनके नाम पर कांग्रेस और अन्य गैर भाजपाई दलों ने केवल राजनीति की है। इसका स्पष्ट प्रमाण यह है कि आज देश में सर्वाधिक दलित सांसद, विधायक व मेयर भाजपा के हैं।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रविवार को राजधानी देहरादून के पलटन बाजार एवं परेड ग्राउण्ड में स्मार्ट सिटी के कार्यों का औचक स्थलीय निरीक्षण किया। पलटन मार्केट के निरीक्षण के दौरान उन्होंने सीईओ स्मार्ट सिटी/जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिए कि निर्माण कार्यों में लगी सभी एजेंसियों के माध्यम से कार्य में और तेजी लाई जाय।
देहरादून के पलटन बाजार एवं परेड ग्राउंड में आज स्मार्ट सिटी के कार्यों का औचक स्थलीय निरीक्षण किया। पलटन मार्केट के निरीक्षण के दौरान सीईओ स्मार्ट सिटी जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिए कि निर्माण कार्यों में लगी सभी एजेंसियों के माध्यम से कार्य में और तेजी लाई जाए। pic.twitter.com/uhqmVJFwge
— Tirath Singh Rawat (मोदी का परिवार) (@TIRATHSRAWAT) April 11, 2021
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि निर्माण कार्यों से व्यापारियों और जनता को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। निर्माण से संबधित सभी कार्य रात्रि में किये जाय। धूल की समस्या के समाधान के लिए कार्य स्थल पर पानी का छिड़काव हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पल्टन मार्केट में सड़क निर्माण के साथ ही सीवरेज और तारों के अंडरग्राउंड से संबधित जो भी कार्य हैं, उन्हें साथ-साथ पूर्ण किया जाय।
उन्होंने कहा कार्यों को एक छोर से पूर्ण किया जाय, ताकि लोगों को अधिक व्यवधान न हो। पल्टन मार्केट के कार्यों को 30 अप्रैल तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्य कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। विद्युत, सीवरेज, सड़क निर्माण और अन्य सभी कार्य एक साथ किये जायेंगे। इस अवसर विधायक खजान दास, सीईओ स्मार्ट सिटी/जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव एवं संबधित अधिकारी उपस्थित थे।
शनिवार तक देशभर में 9.80 करोड़ से अधिक लोगों को कोविड-19 के टीके की खुराक दी जा चुकी है। पिछले 24 घंटे के दौरान 34 लाख से अधिक टीके की खुराकें दी गई। वहीं दूसरी तरफ कोरोना महामारी की स्थिति चिंताजनक बनती जा रही है। पिछले 24 घंटे में 1.45 लाख से अधिक नये मामले दर्ज किए गए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अब तक लगभग 89 लाख स्वास्थ्य कर्मियों ने टीके की पहली खुराक और 54 लाख से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों ने टीके की दूसरी खुराक ले ली है। कोरोना महामारी में जुटे अग्रिम मोर्चे के लगभग 98 लाख से अधिक कार्यकर्ताओं को टीके की पहली व 46.59 लाख कार्यकर्ताओं को दूसरी खुराक मिल चुकी है। 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले 3.86 करोड़ लाभार्थियों ने पहली खुराक व 15.90 लाभार्थियों ने दूसरी खुराक और 45 से 60 वर्ष की उम्र के 2.82 लाभार्थियों ने पहली व 5.8 लाख लाभार्थियों ने टीके की दूसरी खुराक ली है।
टीकाकरण मुहिम के 84वें दिन शुक्रवार को 34 लाख से अधिक टीके लगाए गए। वैश्विक स्तर पर दैनिक खुराकों की संख्या के मामले में, भारत प्रतिदिन औसत 38,93,288 टीके की खुराक दिए जाने के साथ शीर्ष पर बना हुआ।
देश में दैनिक नये मामलों का बढ़ना जारी है। पिछले 24 घंटे में 1.45 लाख से अधिक नये मामले दर्ज किए गए। दस राज्यों- महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में दैनिक नये मामलों में वृद्धि दिखाई दे रही है। नये मामलों का 82.82 प्रतिशत इन्हीं दस राज्यों में ही है।देश में कुल सक्रिय मामलों का 51.23 प्रतिशत अकेले महाराष्ट्र से है।
महाराष्ट्र में सबसे अधिक 58,993 दैनिक नये मामले दर्ज किए गए हैं। इसके बाद छत्तीसगढ़ में 11,447 जबकि उत्तर प्रदेश में 9,587 नये मामले दर्ज किए गए हैं।
भारत में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 10,46,631 तक पहुंच गई है। यह देश में कुल पॉजिटिव मामलों का अब 7.93 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटों में कुल सक्रिय मामलों की संख्या में से 67,023 मामले कम हुए।
देश में शनिवार तक कुल स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या 1,19,90,859 है। राष्ट्रीय स्तर पर रिकवरी दर 90.80 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में 77,567 मरीज स्वस्थ हुए।
दैनिक मौतें की संख्या में लगातार उछाल देखा जा रहा है। पिछले 24 घंटों में 794 मौतें दर्ज की गई। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मौतें (301) दर्ज हुईं हैं। जिसके बाद छत्तीसगढ़ में 91 दैनिक मौतें दर्ज की गई हैं।
#Unite2FightCorona#LargestVaccineDrive
India's Cumulative Vaccination Coverage exceeds 9.80 Crores (9,80,75,160).https://t.co/RO5nPqhvEx pic.twitter.com/Ls1D6PytXR
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) April 10, 2021
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हाॅल में राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत आँंचल बद्री गाय घी, पहाड़ी घी, आर्गेनिक घी, पनीर, डेरी ग्रोथ सेंटर एवं दुग्ध उत्पादक सेवा केन्द्रों का ई-लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुपोषित बच्चों को दुग्ध उत्पादों से निर्मित पौष्टिक आहार का भी वितरण किया।
मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि दुग्ध सहकारी समितियों की मजबूती के लिए और प्रयास करने होंगे। दुग्ध और उससे बनने वाले उत्पादों की ब्रान्डिंग, पैकेजिंग और उनके लिए बाजार उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया जाय। स्थानीय स्तर पर दुग्ध एवं उससे सबंधित उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही, लोगों की आय में वृद्धि के लिए क्या प्रयास किये जा सकते हैं, इस ओर ध्यान दिया जाय। दुग्ध और उससे संबंधित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिन दुग्ध उत्पादों का लोकार्पण किया गया, ये उत्पाद उत्तराखण्ड की विशेष पहचान है। इन उत्पादों का व्यापक स्तर पर प्रचार भी किया जाय।
आज मा.मुख्यमंत्री आवास के जनता हॉल में "राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत आँचल बद्री गाय घी,पहाड़ी घी,ऑर्गेनिक घी और चीज़ का शुभारंभ व अटल ग्रोथ सेंटर एवं दूध उत्पादन केंद्रों का माननीय मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत जी के साथ लोकार्पण किया। @TIRATHSRAWAT pic.twitter.com/OKrYQ3FzsZ
— Rekha Arya (@rekhaaryaoffice) April 10, 2021
डेरी विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि दुग्ध उत्पादन स्वरोजगार का बड़ा माध्यम है। दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि घी में अनेक औषधीय एवं आध्यात्मिक गुण हैं। उत्तराखण्ड के बद्री गाय के घी, पहाड़ी एवं आर्गेनिक घी की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। दुग्ध उत्पादन और उससे निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर देहरादून दुग्ध संघ के अध्यक्ष विजय रमोला, निदेशक डेरी विकास जीवन सिंह नगन्याल एवं विभिन्न जनपदों के दुग्ध संघ के अध्यक्ष उपस्थित थे।
कुंभनगरी हरिद्वार में आयोजित विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में धर्मांतरण व लव जिहाद जैसे मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई और इनके विरुद्ध ठोस कानूनों की जरुरत पर जोर दिया गया। बैठक में साधु-संतों ने देशभर में हिंदू मंदिरों के अधिग्रहण पर गहरा आक्रोश जताया और इस संबंध में एक प्रस्ताव प्रस्ताव पारित कर मंदिरों पर से सरकारी नियंत्रण समाप्त करने की मांग की गई। साथ ही इसके लिए देशभर में जनजागरण अभियान चलाने का संकल्प भी लिया गया।
विहिप की मार्गदर्शक मंडल की एक दिवसीय बैठक शुक्रवार को हरिद्वार के भोपतवाला स्थित अखण्ड परमधाम आश्रम में आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने की। बैठक में संतों ने लव जिहाद की समस्या पर आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि यह विधर्मियों की सोची समझी साजिश है, जिसके खिलाफ केन्द्र सरकार प्रभावी कानून बनाए।

शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती महाराज से चर्चा करते मुख्यमंत्री तीरथ
संतों ने मांग की, कि मंदिरों का अधिग्रहण समाप्त हो, देश की भूमि पर बढ़ती जा रही अवैध कब्रगाहों, मजारों पर प्रतिबंध लगे, देश में मठ-मंदिरों पर सरकारी टैक्सों को समाप्त किया जाए। गौ व गंगा की रक्षा के लिए निरंतर प्रयास किये जाएं। बैठक में पाकिस्तान में हिन्दुओं पर होने वाले अत्याचारों का मामला भी उठा। मांग की गई कि पाकिस्तान से आने वाले हिन्दुओं को भारत में शरण मिलनी चाहिए। पाकिस्तान में हिन्दुओं की जो दुर्दशा हो रही है, वह हिन्दुत्व के लिए ही नहीं। अपितु मानवता के लिए भी चिंता का विषय है।

बैठक में उपस्थित संतगण
बैठक में पहुंचे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पूर्व में प्रदेश सरकार द्वारा गठित किए गए चारधाम देवस्थानम बोर्ड में शामिल 51 मंदिरों के अधिग्रहण पर पुनर्विचार की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस संबंध में शीघ्र ही तीर्थ पुरोहितों की बैठक बुला कर निर्णय लिया जाएगा। चारधामों के बारे में शंकराचार्य द्वारा प्राचीन काल से जो व्यवस्था की गई है, उसका पूरी तरह से पालन किया जाएगा।
Press note containing deliberations made in the Kendriya Margdarshak Mandal Meet of VHP in Haridwar today. A resolution is also passed to free all Temples from Govt Control.. pic.twitter.com/WLepzXksln
— Vishva Hindu Parishad -VHP (@VHPDigital) April 9, 2021
बैठक में जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, स्वामी परमानंद महाराज, निर्वाणी पीठाधीश्वर स्वामी विशोकानंद भारती, स्वामी अविचलदास, स्वामी ज्ञानानंद, स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती, स्वामी हरिचेतनानंद, स्वामी चिदानंद मुनि, स्वामी ललितानंद गिरि महाराज, स्वामी कैलाशानन्द गिरी समेत कई प्रमुख संतों ने अपने विचार रखे।
हरिद्वार में चल रहे महाकुंभ के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक यात्रियों की सेवा के साथ-साथ यातायात व्यवस्था में भी सहयोग करेंगे। इसके लिए प्रदेशभर से बड़ी संख्या में संघ के कार्यकर्त्ता हरिद्वार पहुंचे गए हैं। गंगा तट पर आयोजित “सेवा संकल्प” कार्यक्रम में इन सभी कार्यकर्ताओं को मां गंगा को साक्षी मान कर कुंभ ड्यूटी के दौरान पूर्ण निष्ठा से समाज की सेवा का संकल्प दिलाया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ के पश्चिम उत्तरप्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक सूर्यप्रकाश टोंक ने कहा कि मां गंगा की सेवा करने का मौका हर किसी को नहीं मिलता, महाकुम्भ में रहकर जन सेवा करने का अवसर स्वयंसेवकों को मिला है, वह सौभाग्य से मिला है। इस सेवा का फल कुम्भ स्नान से भी अधिक फलदाई है। उन्होंने कहा कि संघ का स्वभाव ही सेवा है। अब तक हजारों अवसरों पर संघ के स्वयंसेवक प्रतिकूल परिस्थितियों में समाज सेवा के लिए सड़कों पर उतरे हैं। लेकिन यह पहला अवसर है, जब अनुकूल परिस्थितियों में सेवा के लिए स्वयंसेवक मोर्चे पर तैनात हो रहा है।
संघ के उत्तराखंड के प्रांत प्रचारक युद्धवीर ने कहा कि पूरे प्रदेश से आए कार्यकर्ता निःस्वार्थ भाव से समाज सेवा के लिए यहां आए हैं। प्रत्येक स्वयंसेवक अपनी स्वेच्छा से कुंभ सेवा के लिए तैयार है। हमारे किसी भी व्यवहार से किसी को नुकसान न हो, इसके लिए हम सभी को शांति, संयम, अनुशासन से कार्य करना है। उन्होंने कहा कि यातायात व्यवस्था में तैनात स्वयंसेवक मौके पर तैनात पुलिस कर्मियों के सहयोग के लिए है। इसलिए वह प्वाइंट पर तैनात उच्चाधिकारियों के उचित मार्गदर्शन में ही कार्य करें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बाल्मीकि आश्रम के पीठाधीश्वर महंत मानदास महाराज ने कहा कि सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता। संघ के स्वयंसेवक बिना भेदभाव के समाज सेवा के लिए संकल्पित रहते हैं। देश, धर्म, समाज की सेवा करने से ही परम मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस अवसर संघ के क्षेत्र प्रचार प्रमुख पदम सिंह भी उपस्थित थे।