उत्तराखंड सरकार ने रक्षा बंधन के अवसर को देखते हुए बहनों के लिए विशेष प्राविधान किए हैं। सरकार ने रक्षा बंधन के अवसर पर यात्रा करने वाली महिलाओं को उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही प्रत्येक आंगनबाड़ी और आशा कार्यकत्री के खाते में एक-एक हजार रूपए की सम्मान राशि दिये जाने की घोषणा की। इससे लगभग 50 हजार आंगनबाङी और आशा कार्यकत्री लाभान्वित होंगी।
प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज प्रदेशवासियों को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देते हुए ये घोषणाएं की। अपने शुभकामना संदेश में उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन हमारी भावनाओं से जुड़ा हुआ त्यौहार है। हम प्रतिवर्ष इस त्यौहार को बड़ी खुशी व आत्मीयता के साथ मनाते आ रहे हैं। इस दिन सभी को अपनी बहनों का इंतजार रहता है।
मगर कोरोना महामारी के कारण हम इकट्ठा नहीं हो पा रहे हैं। सामूहिक रूप से अपने त्यौहार नहीं मना पा रहे हैं। ऐसे में भी, हमारी हजारों आंगनवाड़ी व आशा बहनें फ्रंट लाइन में रह कर हमें कोरोना से बचने व बचाने के लिए अपने आप को जोखिम में डालकर काम में जुटी हुई हैं। हमें सतर्क करने का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मेरी उन सभी बहनों के लिए बहुत ही शुभकामनाएं हैं। वो सब स्वंय भी स्वस्थ रहें तभी वे औरों के स्वास्थ्य का ख्याल रख सकती हैं। मुख्यमंत्री ने आज आंगनवाड़ी व आशा कार्यकत्रियों को 1-1 हजार रुपए की राशि देने की घोषणा की। इससे पूर्व भी प्रदेश सरकार द्वारा कोविड -19 में उनकी भूमिका देखते हुए 1-1 हजार रुपए की सम्मान राशि प्रदान की गई है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री निवास पर विगत वर्षों तक बड़ी संख्या में बहनें रक्षासूत्र बांधने आती थीं और अपना आशीर्वाद व अपनी शुभकामनाएं मुझे प्रदान करती थीं। मगर इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण परिस्थितियां बदली हैं। सैकड़ों बहनों की राखियां मुझे पहुंची हैं। निश्चित रूप से उनका आशीर्वाद राखियों के साथ मुझे प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं सभी बहनों का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं और इस अवसर पर उनके स्वस्थ और दीर्घायु जीवन की कामना करता हूं। उन्होंने कहा कि सभी बहनों की सुविधा के लिये रक्षाबंधन के अवसर पर उन्हें उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा करने की सुविधा प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी अनेक बहनें बद्रीनाथ, केदारनाथ, जागेश्वर धाम, गर्जिया मन्दिर, चंडी देवी मंदिर के साथ ही अन्य तमाम मंदिरों में प्रसाद बनाकर अपनी आजीविका चला रही हैं। सरकार ने उन्हें मौका दिया है कि हमारे स्थानीय उत्पादों से तैयार प्रसाद का श्रद्धालु भगवान को भोग चढ़ाएं। सरकार उन्हें हर संभव मदद कर रही है। इसके साथ ही राज्य की महिलाओं और महिला समूहों के लिए 05 लाख रूपये तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है, ताकि बहनें अपने पैरों में खड़ी हो सकें और छोटी-मोटी मदद के लिए उनको किसी की आवश्यकता ना पड़े।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने यह भी कहा कि उनका मानना है कि जब हम महिलाओं के उत्थान व सशक्तिकरण की बात करते हैं, तो बहुत जरूरी है, कि हमारी बहनें व बेटियां शिक्षित हों और वह आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनें। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि सरकार की नीतियों में इसकी छाप दिखे।
साथ ही, मुख्यमंत्री ने कोरोना के दृष्टिगत सभी से आवश्यक सावधानियाँ बरतते हुए रक्षाबंधन त्यौहार मनाने की अपील की है।
गृहमंत्री अमित शाह कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जिसके बाद डॉक्टर्स की सलाह पर उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। गृहमंत्री अमित शाह ने खुद अपने ट्विटर हैंडल पर कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी दी है।
अपने ट्विटर हैंडल पर उन्होंने लिखा, ‘कोरोना के शुरूआती लक्षण दिखने पर मैंने टेस्ट करवाया और रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मेरी तबीयत ठीक है परन्तु डॉक्टर्स की सलाह पर अस्पताल में भर्ती हो रहा हूं। मेरा अनुरोध है कि आप में से जो भी लोग गत कुछ दिनों में मेरे संपर्क में आयें हैं, कृपया स्वयं को आइसोलेट कर अपनी जांच करवाएं।’
गृह मंत्री के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर मिलते ही तमाम नेताओं ने उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, अल्प संख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत तमाम नेताओं ने शाह के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
देश में कोविड-19 की शुरुआत से ही शाह लगातार मॉनिटरिंग में लगे थे। राजधानी दिल्ली की स्थिति को उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मॉनिटर किया। उन्होंने दिल्ली में कई कोविड केयर सेंटर्स और अस्पतालों का दौरा किया था। वह गृह और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों साथ लगातार बैठक कर कोविड-19 की ताजा स्थिति पर अपडेट लेते थे। लॉकडाउन के बाद देश में अनलॉक की प्रक्रिया को लेकर गाइडलाइंस तैयार करवाने में भी शाह की अहम भूमिका रही है।
शाह के संपर्क में आए केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो हुए क्वारंटीन
शाह के संपर्क में आए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री मंत्री बाबुल सुप्रियो ने खुद को क्वारंटीन कर लिया है। हाल ही में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
सुप्रियो ने ट्वीट कर शाह के कोरोना से संक्रमित पाये जाने पर चिंता जतायी। उन्होंने लिखा है कि शाह खुद को सदैव काम में व्यस्त रखने वाले व्यक्ति हैं। इस महामारी से मुकाबले में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। सुप्रियो ने गृह मंत्री के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
बाबुल सुप्रियो ने ट्विटर पर लिखा, हाल ही में उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। शाह के कोरोना से संक्रमित पाये जाने के बाद मैंने अपने डॉक्टर से सलाह ली। डॉक्टर ने मुझे क्वारंटीन रहने की सलाह दी है। डॉक्टर की सलाह के बाद जांच करवाएंगे।
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने 5 अगस्त को अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर निर्माण कार्य के शुभारंभ को ऐतिहासिक अवसर बताया है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि वे रामायण में जिस धर्म या मर्यादित सदाचार का वर्णन है उसे अपने जीवन में आत्मसात करें और उसके सार्वभौमिक संदेश का प्रचार-प्रसार करें।
आज ‘वाइस प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ फेसबुक पेज पर 17 भाषाओं में लिखी गई “श्री राम मंदिर का पुनर्निर्माण और उन आदर्शों की स्थापना” शीर्षक पोस्ट में उपराष्ट्रपति ने 5 अगस्त से प्रस्तावित राम मंदिर के पुनर्निर्माण को स्वतः स्फूर्त उत्सव सा अवसर बताया है। उन्होंने लिखा है कि यदि हम रामायण को सही परिपेक्ष्य में देखें तो यह अवसर समाज के आध्यात्मिक अभ्युदय का मार्ग प्रशस्त करेगा। यह ग्रंथ धर्म और सदाचरण के भारतीय जीवन दर्शन का विस्तार समग्रता में दिखाता है।
उन्होंने लिखा कि रामायण एक कालजई रचना है, जो हमारे समाज की साझा चेतना का अभिन्न अंग है। श्री राम मर्यादा पुरुष हैं। वे उन मूल्यों के साक्षात मूर्त स्वरूप हैं, जो किसी भी न्यायपूर्ण और संतुलित सामाजिक व्यवस्था का आधार हैं। दो सहस्त्राब्दी पूर्व लिखे गए इस महाकाव्य की महिमा के विषय में लिखते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा है कि रामायण के आदर्श सार्वभौमिक हैं, जिन्होंने दक्षिण पूर्व एशिया के अनेक समाजों पर अमिट सांस्कृतिक प्रभाव छोड़ा है।
वेद और संस्कृत के विद्वान आर्थर एंटनी मैक्डोनल्ड को उद्दृत करते हुए वे लिखते हैं कि भारतीय ग्रंथों में जिन राम का वर्णन है, वो मूलतः पंथ निरपेक्ष हैं और उन्होंने विगत ढाई सहस्त्राब्दी में जन सामान्य के जीवन और विचारों पर अमिट प्रभाव छोड़ा है। उन्होंने लिखा है कि राम कथा देश-विदेश के कलाकारों, कथाकारों, लोक कला, संगीत, काव्य, नृत्य के लिए अनुकरणीय कथानक रहा है। इस क्रम में उन्होंने दक्षिण पूर्व एशिया के बाली, मलाया, म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया, लाओस जैसे देशों में रामकथा पर आधारित विभिन्न कला विधाओं का उल्लेख किया है, जो राम कथा की सार्वभौमिक लोकप्रियता का परिचायक है।
इस महाकाव्य का अलेक्जेंडर बारानिकोव द्वारा रूसी भाषा में अनुवाद किया गया। रूसी थिएटर कलाकार गेनेडी पेंचनिकोव ने इसका मंचन किया। कंबोडिया के प्रसिद्ध अंकोरवाट मंदिर की दीवारों पर राम कथा को उकेरा गया है। इंडोनेशिया के प्रंबनान मंदिर की राम कथा पर आधारित नृत्य नाटिका प्रसिद्ध है। ये सभी विश्व के सांस्कृतिक पटल पर रामायण के प्रभाव को दर्शाते हैं।
उन्होंने लिखा है कि बौद्ध, जैन और सिक्ख परम्पराओं में भी राम कथा का समावेश किया गया है। विभिन्न भाषाओं में इस महाकाव्य के इतने सारे संस्करण होना, यह साबित करता है कि इस कथानक में ऐसा कुछ तो है जो उसे आज भी लोगों में लोकप्रिय तथा समाज के लिए प्रासंगिक बनाता है। श्री राम उन मर्यादाओं और गुणों के साक्षात मूर्ति हैं, जिनके लिए हर व्यक्ति प्रयास करता है। हर समाज अपेक्षा करता है।
राम कथा के बारे में नायडू ने लिखा है कि यह वन गमन के दौरान राम के जीवन में हुई घटनाओं में गुंथी हुई उनकी मर्यादाओं की कथा है, जिसमें सत्य, शांति, सहयोग, समावेश, करुणा, सहानुभूति, न्याय, भक्ति, त्याग जैसे सार्वकालिक, सार्वभौमिक गुणों के दर्शन होते हैं और यह भारतीय जीवन दर्शन का आधार हैं।
नायडू ने लिखा है कि इन्हीं कारणों से रामायण आज भी प्रासंगिक है। महात्मा गांधी ने राम राज्य को ऐसी जन केंद्रित लोकतांत्रिक व्यवस्था के मानदंड के रूप में देखा, जो शांतिपूर्ण सह अस्तित्व, समावेशी सद्भाव तथा जन सामान्य के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत रहती है। उनका मानना था कि राम कथा समाज में लोकतांत्रिक मूल्यों को स्थापित करने के लिए हमारी राजनैतिक, न्यायिक और प्रशासकीय व्यव्स्था के लिए एक अनुकरणीय मानदंड है।
The Union Finance and Corporate Affairs Minister Nirmala Sitharaman said that the government is working closely with RBI on the debt restructuring demand of the industry keeping in mind the adverse effects caused by Kovid – 19. Addressing the National Executive Committee Meeting (NECM ) of the Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry (FICCI) , Sitharaman said , ‘The focus is on rescheduling. The Finance Ministry is actively working with the RBI on this. Theoretically, the idea that rescheduling may be necessary is being considered. ‘
Regarding the comprehensive deliberations on the reform measures being announced by the government, Mrs Sitharaman said , ‘ Every step being announced is taken only after extensive consultation with the stakeholders and within the government , so that it To ensure that any step does not fail simply because we have not made the necessary related changes. We have taken all these steps to ensure that its impact is seen at the ground level. ‘
Addressing the concerns expressed by the members of FICCI on the difficulties faced by MSMEs in availing loans under the ‘Emergency Credit Guarantee Scheme’ announced by the Government , Sitharaman said , ‘Loans to MSMEs falling under the Bank Emergency Credit Facility Can not refuse to give. If refused , he should be informed of such cases. I will look into it. ‘
On FICCI’s suggestion to set up a ‘Development Finance Institute’ to meet the credit related demands being made by the industry , the Finance Minister said , ‘ Development Finance Institute is under progress. The format would be like , in this regard, we will know soon. Stressing the need for reciprocity in trade deals, Sitharaman said , ‘ We are being asked to make reciprocity arrangements with the countries with which we have opened our markets. Reciprocity is a very important point or issue in our trade negotiations. The Finance Minister said that the decision to reduce GST rates on healthcare and other products will be taken by the GST Council.
Sitharaman said that the Finance Ministry is working closely with the RBI on the demand for extension or rescheduling of the hospitality sector . He said , ‘I understand the demand for extension or rescheduling of the hospitality sector very well. We are working closely with the RBI on this. ‘
FICCI Chairperson Dr. Sangeeta Reddy praised the government’s proactive approach in dealing with this situation. Dr. Reddy said , “Though there are signs of improvement or improvement, but to maintain this improvement in the operational parameters of the business people, constant support from the government will be required. Cooperation is needed especially to strengthen the market demand and to increase the general demand. ‘
Uday Shankar, Senior Vice President, FICCI, proposed the vote of thanks and said that his Chamber will work closely with the Government to reduce the challenges facing the industry.
कोरोना काल में बद्रीनाथ धाम के दर्शन नहीं कर सकने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है। उत्तराखंड सरकार ने श्रद्धालुओं को उनके घर तक भगवान का प्रसाद पहुंचाने की व्यवस्था की है। ई-कॉमर्स कम्पनी अमेज़न के माध्यम से देश-विदेश के श्रद्धालु ऑनलाइन बद्रीनाथ धाम का प्रसाद मंगा सकते हैं।
श्रद्धालुओं को घर तक बद्रीनाथ धाम का प्रसाद पहुंचाने के लिए स्थानीय जिला प्रशासन ने ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न से करार किया है। अमेज़न पर बदरीनाथ प्रसाद बॉक्स के नाम से प्रसाद उपलब्ध है।
एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक अमेज़न के माध्यम से पंच बदरी प्रसाद बॉक्स में पवित्र पौराणिक सरस्वती नदी का जल, सुगन्धित बदरीश तुलसी, हर्बल धूप, बदरी गाय का घी उपलब्ध कराया जाएगा।
बद्रीनाथ धाम के प्रसाद में शामिल बदरी तुलसी को देवी लक्ष्मी का एक रूप माना जाता है। बद्रीनाथ मंदिर में दैनिक पूजा-आरती के समय इसे भगवान विष्णु को अर्पित किया जाता है। पवित्र सरस्वती नदी जो केवल बद्रीनाथ धाम में माणा गांव के निकट भीम पुल के पास दिखती है और इसके बाद अलकनंदा नदी में विलीन हो जाती है। इस नदी का पवित्र जल भी प्रसाद के साथ वितरित किया जायेगा।
इसके साथ ही बद्री सिक्का, जो श्री बद्रीनाथ जी का शिलालेख है, प्रसाद में शामिल है। प्रसाद बॉक्स में स्थानीय स्वयं सहायता समूहों द्वारा प्राकृतिक सामग्री के उपयोग से निर्मित सुगन्धित हर्बल धूप और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उगाए गए डेमस्क गुलाब के फूलों का शुद्व गुलाब जल भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदोरिया ने कहा कि बदरीनाथ प्रसाद को रंगीन सुन्दर डिजायन किए जूट के बैग और बाॅक्स में बेहतरीन पैकिंग की गई है।
बीते वर्ष स्थानीय लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने की मंशा से स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से प्रसाद वितरण की योजना शुरू की गई थी। इसमें स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित चौलाई के लड्डू और स्थानीय काश्तकारों द्वारा तैयार गुलाब जल, हर्बल धूप, बदरीश तुलसी, सरस्वती नदी का जल सहित अन्य वस्तुएं प्रसाद के रूप में बदरीनाथ धाम में स्टाॅल लगाकर बेचा जा रहा था।
मगर कोरोना संकट के चलते इस वर्ष बद्रीनाथ धाम की यात्रा ना के बराबर है। इस कारण जहाॅ श्रद्धालुओं को बदरीनाथ का प्रसाद नही मिल पा रहा है, वहीं स्वयं सहायता समूहों और काश्तकारों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने प्रसाद की ऑनलाइन बिक्री की योजना तैयार की और ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनी अमेज़न से करार किया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश का नैसर्गिक सौंदर्य फिल्मों की शूटिंग के लिए पूरी तरह से अनुकूल है और फिल्म क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने दून विश्वविद्यालय को फिल्म क्षेत्र के विभिन्न आयामों पर आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
आज प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक विशाल भारद्वाज की उपस्थित में आयोजित एक बैठक में मुख्यमंत्री ने दून विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ सिनेमेटिक स्टडिज की स्थापना करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि इस फैकल्टी की स्थापना के लिए विशेषज्ञों का एक वर्किंग ग्रुप गठित किया जाय। वर्किंग ग्रुप में फिल्म जगत व फिल्म शिक्षा के अनुभवी लोगों को नामित करें। यह ग्रुप प्रसिद्ध राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षण संस्थाओं द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों का अध्ययन कर कोर्स डिजाइन करेगा। पाठ्यक्रम फिल्म उद्योग के आने वाले समय की मांग के अनुरूप हो और सिनेमा के विविध आयामों को समावेशित करने वाला हो। इसमें स्नातक डिग्री व लाॅजिस्टिक प्रोडक्शन के सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्स संचालित किए जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। युवाओं की प्रतिभा को कैसे उजागर किया जाय, इस दिशा में कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि फिल्म एजुकेशन से फिल्म जगत में रोजगार के अवसर तलाशने वाले युवाओं को सहूलियत मिलेगी।
बैठक में महानिदेशक सूचना डाॅ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने राज्य की फिल्म नीति के सबंध में प्रस्तुतिकरण दिया। इस मौके पर प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनंदबर्द्धन, सचिव सूचना दिलीप जावलकर, दून विवि के कुलपति डाॅ. अजीत कुमार कर्नाटक, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल, उप निदेशक सूचना केएस चौहान आदि उपस्थित थे।
‘देहरादून सिनेमाॅज’ पुस्तक का विमोचन
इधर, शुक्रवार को ही सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने लेखक एवं समीक्षक गोपाल सिंह थापा की पुस्तक देहरादून सिनेमाॅज का विमोचन किया। इस पुस्तक में देहरादून में सिनेमाघरों की पूर्व की और वर्तमान की स्थिति का शोध कर विवरण प्रस्तुत किया है। साथ ही मनोरंजन के क्षेत्र में तकनीकि के विकास के साथ सिनेमाघरों की स्थिति में आये परिवर्तन के बारे में जानकारी दी गई है। इस मौके पर त्रिवेन्द्र ने कहा कि यह पुस्तक दशकों से मनोरंजन के साधन रहे सिनेमाघरों के प्रति लोगों की रूचि एवं तकनीक के विकास के साथ हुए परिवर्तन के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने में सहायक सिद्ध होगी।
Union Minister for Minority Affairs Mukhtar Abbas Naqvi today said that commitment of the Government is “Politic Empowerment and not Political Exploitation”. Several “bold and big reforms” are a reflection of our honest and effective efforts which have delivered better results, he said.
Naqvi was addressing Muslim women from across the country through virtual conference along with Union Law Minister Ravi Shankar Prasad, Union Minister for Women and Child Development Smriti Irani on the occasion of “Muslim Women Rights Day”. Manjit Singh Rai, Vice-Chairperson, National Commission for Minoritieswas also present at the event.
Naqvi said that 1st August is a day which made Muslim women free from social evil of Triple Talaq. 1st August has been recorded in the country’s history as Muslim Women Rights Day. 1st August will remain as a golden moment of Indian democracy and Parliamentary history.
Naqvi said that the law which makes social evil of Triple Talaq a criminal offence has strengthened self-reliance, self-respect and self-confidence of the Muslim women of the country.
He said that the Government has ensured gender equality and strengthened constitutional, fundamental and democratic rights of the Muslim women by bringing law against the cruel social evil of Triple Talaq. Naqvi said that Triple Talaq or Talaq-a-Biddat was neither Islamic nor legal. Despite of the fact, the social evil of Triple Talaq was given political patronage by Merchants of Votes
.
Naqvi said that the law against social evil of Triple Talaq could have been passed in 1986 when the Supreme Court had given historic judgement in the Shahbano Case. The Congress had absolute majority in Parliament with more than 400 out of 545 Lok Sabha Members and more than 159 out of 245 Members in the Rajya Sabha. But the then Rajiv Gandhi Government used its strength in the Parliament to make the Supreme Court judgement ineffective and deprive the Muslim women of their constitutional and fundamental rights, he pointed out.
Naqvi said that several Muslim-majority nations of the world had declared Triple Talaq as illegal and un-Islamic much earlier. Egypt was the first Muslim nation which abolished this social evil in 1929. Sudan in 1929, Pakistan in 1956, Bangladesh in 1972, Iraq in 1959, Syria in 1953, Malaysia in 1969 had abolished the practice of Triple Talaq. Besides, countries such as Cyprus, Jordan, Algeria, Iran, Brunei, Morocco, Qatar, UAE also ended this social evil many years ago. But Muslim women in India struggled for decades to get freedom from this cruel social evil.
The Minister said that the Government made the law against Triple Talaq to make effective the Supreme Court’s judgement. One year has passed since the law against Triple Talaq was passed and there is a decline of about 82 per cent in Triple Talaq cases thereafter. If any such case was reported, the law has taken action.
Speaking on the occasion, Union Law and Justice Minister Ravi Shankar Prasad asked why did it take India 70 years to bring a law against triple talaq and pointed out that it is a law for women’s rights and self-respect. He said that he will work towards suggestions to make Muslim women digitally literate.
Smriti Irani, in her address, said the passage of the Triple Talaq Bill is a victory for millions of Muslim women and called it a true testimony to ‘Sabka Saath, Sabka Vikas, Sabka Vishwas’.
On the occasion, the ministers addressed Muslim women from different states of the country through virtual conference. About 50,000 Muslim women from various places across the country including Uttam Nagar and Batla House in New Delhi, Greater Noida, Lucknow and Varanasi in Uttar Pradesh, Jaipur in Rajasthan, Mumbai in Maharashtra, Bhopal in Madhya Pradesh, Krishnagiri in Tamil Nadu, Hyderabad etc joined the virtual conference.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को उधमसिंह नगर जिले के रूद्रपुर में पं0 राम सुमेर शुक्ल राजकीय मेडिकल कालेज में 1012.33 लाख लागत के 300 बेड के कोविड-19 हॅास्पिटल भवन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही राजकीय मेडिकल कालेज रूद्रपुर के अन्तर्गत 299.76 लाख की लागत से रेस्पिरेटरी एण्ड स्किन डिजीज ब्लाक, 537.23 लाख की लागत से रेडियोलॉजी ब्लॉक तथा विश्व बैंक पोषित 90.35 लाख की लागत से ऑक्सीजन सप्लाई पाइप लाइन कार्य का भी लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सीएसआर के तहत टाटा प्रोजेक्टस लि0 के वित्तीय सहयोग से 320 लाख की लागत से 300 बेड कोविड हॉस्पिटल रूद्रपुर मे मेडिकल उपकरण की आपूर्ति एवं अधिष्ठान कार्यो का लोकार्पण के साथ ही प्लान इंडिया व रैकिट बैंकाइजर (इंडिया) प्रा0लि0 के सौजन्य से 50 लाख की लागत से सामूदायिक स्वास्थ केन्द्र किच्छा के आधुनिकीकरण कार्य, पालीप्लेक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड बाजपुर वित्तीय सहयोग से 60 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बाजपुर के आधुनिकीकरण कार्य, पालीप्लेक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड खटीमा के वित्तीय सहयोग से 125 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खटीमा के आधुनिकीकरण कार्य, बालाजी एक्शन बिल्डवेल सितारगंज के वित्तीय सहयोग से 200 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र के आधुनिकीकरण कार्य, बजाज ऑटो लिमिटेड पंतनगर एवं जानकी देवी बजाज ग्राम विकास संस्था के वित्तीय सहयोग से 300 लाख की लागत से जिला चिकित्सालय, रूद्रपुर के आधुनिकीकरण कार्य, नैनी पेपर्स मिल काशीपुर मे वित्तीय सहयोग से 200 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र काशीपुर के आधुनिकीकरण कार्यों का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य योजना के अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र रूद्रपुर मे लोनिवि की 684.44 लाख लागत की विभिन्न सीसी मार्गों का लोकार्पण तथा 385.47 लाख की लागत से विभिन्न सडको के पुर्ननिर्माण कार्यों के शिलान्यास किये। नगर निगम रूद्रपुर के वार्ड नम्बर 25 फाजलपुर महरौला में स्थित 08 एकड भूमि मे जैविक ठोस अपशिष्ट से 50 मिट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता के कम्पोस्ट बायोगैस प्लान्ट का शिलान्यास के साथ ही ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित 28 लाख लागत के सरस मार्केट सेंटर रूद्रपुर एवं 194.39 लाख की लागत से क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला निर्माण कार्य का लोकार्पण किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिये प्रदेश में स्थापित किये जा रहे ग्रोथ सेन्टरों के अंतर्गत 65.84 लाख लागत के विकास खण्ड रूद्रपुर मे बेकरी ग्रोथ सेंटर, 48 लाख लागत के मत्स्य ग्रोथ सेंटर काशीपुर, 18 लाख लागत के गोविन्दपुर मसाला ग्रोथ सेंटर गदरपुर, 24.10 लाख लागत के मेघावाला दुग्ध ग्रोथ सेंटर जसपुर एवं 20 लाख लागत के पहेनिया हस्तशिल्प ग्रोथ सेंटर खटीमा का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, अध्यक्ष जिला पंचायत रेनू गंगवार विधायक राजकुमार ठुकराल, हरभजन सिंह चीमा, पुष्कर सिंह धामी, राजेश शुक्ला, मेयर रामपाल सिंह, जिलाध्यक्ष भाजपा शिव अरोड़ा, दर्जा मंत्री सुरेश परिहार, सचिव मुख्यमंत्री एवं आयुक्त अरविन्द सिंह हयांकी, आईजी कुमायूं अजय रौतेला, प्रभारी सचिव स्वास्थ्य, पंकज कुमार पाण्डेय, जिलाधिकारी डा0 नीरज खैरवाल आदि उपस्थित थे।
प्रदेश सरकार ने आज PMHS संवर्ग के साधारण ग्रेड के 20 डाक्टरों की सेवाएं समाप्त कर दी। ये डाक्टर अपनी नियुक्ति अथवा योगदान तिथि के बाद प्रोबेशनरी पीरियड से ही अनुपस्थित चल रहे थे।
प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा नियमावली के तहत कार्रवाई करते हुए इन चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त की हैं। शासन ने आज इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
जिन डाक्टरों की सेवाएं समाप्त की गई हैं, उनमें उप जिला चिकित्सालय, अल्मोड़ा के डॉ रितेश चौहान, जिला चिकित्सालय, बागेश्वर के डा हेमचंद्र भट्ट, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्णप्रयाग (चमोली) के डॉ संदीप सिंह व डॉ दीपक सेमवाल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, घाट (चमोली) के डॉ अमित कुमार पांडे, जिला चिकित्सालय, चंपावत की डॉ रजनी शर्मा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मसूरी के डॉ शुभंककर प्रतीक लाल, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पिरान कलियर (हरिद्वार) के डॉ सचिन सैनी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, लक्सर (हरिद्वार) के डॉ रमेश कुमार, संयुक्त चिकित्सालय, रुड़की के डॉ उत्कर्ष तेवतिया, संयुक्त चिकित्सालय, रामनगर (नैनीताल) के डॉ विकास कुमार झा, संयुक्त चिकित्सालय, श्रीनगर (पौड़ी गढ़वाल) के डॉ सुरेंद्र कुमार, जिला चिकित्सालय, रुद्रप्रयाग के डॉ गौरव आर्य, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, थत्यूड़ (टेहरी गढ़वाल) के डॉ सरफराज हुसैन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, लंबगांव (टिहरी) के डॉ योगेश आहूजा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जसपुर (उधमसिंह नगर) की डॉ अंजलि चौहान, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, खटीमा (उधमसिंह नगर) के डॉ मयंक कश्मीरा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, गदरपुर (उधमसिंह नगर) के डॉ बच्चा बाबू, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बाजपुर (उधमसिंह नगर) की डा ईशा गुप्ता व जिला चिकित्सालय, उत्तरकाशी के डॉ अखिल अग्रवाल शामिल हैं।
तमाम आरोपों से घिरे रहने वाले उत्तराखंड पेयजल निगम के प्रबन्ध निदेशक (MD) भजन सिंह के विरुद्ध प्रदेश सरकार ने जांच बैठा दी है। आईएएस अधिकारी डॉ नीरज खैरवाल को जांच अधिकारी नियुक्त कर एक माह के भीतर शासन को जांच रिपोर्ट देने के निर्देश जारी किए गए हैं।
बुधवार को उत्तराखंड शासन के अपर सचिव पेयजल जी.बी.औली की तरफ से जारी कार्यालय आदेश में कहा गया है कि भजन सिंह के विरुद्ध विभिन्न माध्यमों से कतिपय शिकायती पत्र प्राप्त हुए हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय के ऑनलाइन ग्रिवेंसेंस में दर्ज शिकायत और मुख्यमंत्री समाधान पोर्टल में दर्ज शिकायत भी प्राप्त हुई है। शिकायतों के मद्देनजर शासन स्तर पर इन आरोपों की प्रारम्भिक जांच हेतु उधमसिंहनगर के जिलाधिकारी डॉ नीरज खैरवाल को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि जांच अधिकारी को वित्तीय व तकनीकी मामलों में सहयोग की आवश्यकता चाहिए तो वे राज्य वित्त सेवा और नियोजन विभाग के तकनीकी अधिकारियों की शासन से अनुरोध कर मदद ले सकते हैं। जांच अधिकारी को MD पर लगे सभी आरोपों की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट किसी भी दशा में एक महीने के भीतर उपलब्ध कराने को कहा गया है।
चोली-दामन का साथ है आरोपों और भजन सिंह का
पेयजल निगम के MD भजन सिंह पर लगातार तमाम तरह के आरोप लगते रहे हैं। उनके विरुद्ध नियमों के विपरीत जाकर MD की कुर्सी हथियाने का भी आरोप है। विभाग में में मनमानी चलाना और अपने अनुकूल काम ना करने वाले अधिकारियों के उत्पीड़न के आरोप उन पर लगे हैं। मगर विभाग में उनका रुतबा बरकरार रहा है। भजन सिंह के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका भी दाखिल हुई है, जिसमें उन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा है कि भजन सिंह द्वारा नमामि गंगे योजना के तहत कई सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार किया है। इसलिए उनकी नियुक्ति को निरस्त किया जाए और भ्रष्टाचार के मामले की सीबीआइ से जांच कराई जाए। याचिका में यह आरोप भी लगाया है कि उनके द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से अपने चहेतों को टेंडर आवंटित कर दिए है, जिस कारण सरकार को राजस्व की हानि हुई है। याचिकाकर्ता ने MD द्वारा नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अयोग्य लोगों और ठेकों की जांच सीबीआइ से कराने की भी मांग की है।