मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को देहरादून जिले के थानों में जलागम प्रबंधन विभाग के अधीन स्थापित एग्री बिजनेस ग्रोथ सेंटर का लोकार्पण किया। यह ग्रोथ सेंटर स्थानीय किसानों व युवाओं के लिए विभिन्न कृषि एवं गैर कृषि आधारित उत्पादों के संग्रहण, प्रसंस्करण एवं विपणन की दृष्टि से बनाया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 100 से अधिक ग्रोथ सेंटरों की स्वीकृति दी जा चुकी है। सभी ग्रोथ सेंटर अलग-अलग कांसेप्ट पर तैयार किये जा रहे हैं। राज्य सरकार हर न्याय पंचायत में एक ग्रोथ सेंटर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि हमें स्थानीय उत्पादों को और अधिक प्रमोट करने की जरूरत है। स्थानीय उत्पादों की मार्केट में डिमांड भी बहुत अधिक है। उन्होंने थानों में बनाये गए ग्रोथ सेंटर की सराहना की और कहा कि इस ग्रोथ सेंटर में पैकेजिंग और ब्रांडिग अच्छी की गई है। उन्होंने कहा कि इस ग्रोथ सेंटर को और अधिक विस्तार दिये जाने की जरूरत है। ग्रोथ सेंटर में हमेशा सामान इतना होना चाहिए कि लोगों को डिमांड पर शीघ्र उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि थानों क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि काफी है। खेती का सदुपयोग करते हुए यहां कई ग्रोथ सेंटर बनाए जा सकते हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में स्वरोजगार के क्षेत्र में अनेक कार्य हो सकते हैं। स्वरोजगार के कार्यों में युवा अपने साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को ऐसे ग्रोथ सेंटरों में जरूर आना चाहिए। इससे उनके मन में स्वरोजगार की दिशा में कार्य करने के लिए नये विचार आयेंगे। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं एमएसएमई के तहत अनेक क्षेत्रों में कार्य किये जा सकते हैं। इन योजनाओं का लाभ लेकर युवा काफी आमदनी अर्जित कर सकते हैं।
प्रदेश के जलागम व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि थानों स्थित ग्रोथ सेंटर से क्षेत्र के 11 राजस्व ग्रामों के 17 कृषक समूहों के 257 कृषक जुड़े हैं। ग्रोथ सेंटर के माध्यम से एक साल में 13.27 लाख का व्यवसाय किया गया। संघ के जुड़े किसानों ने प्रसंस्कृत और बेकरी उत्पादों के साथ-साथ संरक्षित नर्सरी में पौधे उगाकर उनका विक्रय भी किया है। उन्होंने कहा कि ग्रोथ सेंटर में 35 से अधिक कृषि एवं गैर कृषि उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष राज्य स्तरीय जलागम परिषद ज्योति प्रसाद गैरोला, उत्तराखण्ड वन पंचायत परिषद के उपाध्यक्ष करण बोहरा, भाजपा जिलाध्यक्ष शमशेर सिंह पुंडीर, सचिव राधिका झा, जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव, परियोजना निदेशक ग्राम्या नीना ग्रेवाल, मुख्य विकास अधिकारी निकिता खण्डेलवाल आदि उपस्थित थे।
अभिनेत्री पायल घोष द्वारा निर्माता-निर्देशक अनुराग कश्यप पर लगाए गए आरोपों की जांच राष्ट्रीय महिला आयोग (NWC) करेगा। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ट्वविटर पर जारी एक वीडियो में यह बात कही है। पायल घोष ने शनिवार को अपने ट्विटर हैंडल पर खुलासा किया था कि अनुराग कश्यप ने उनके साथ जबरदस्ती की। अपने ट्वीट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए पायल ने अनुराग के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी और अपनी सुरक्षा की गुहार भी लगाई थी।
पायल के ट्ववीट के कुछ देर बाद महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने उन्हें ट्वीटर पर ही अपनी ईमेल आईडी की जानकारी देते हुए शिकायत दर्ज करने को कहा था। इसके बाद रविवार को आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ट्वविटर पर जारी वीडियो में कहा कि शनिवार रात को उन्होंने एक ट्वीट देखा, जिसमें पायल घोष ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। उन्होंने इसे चौंकाने वाली घटना बताया और पायल को कहा कि वह अपनी विस्तृत शिकायत आयोग को भेज सकती हैं। आयोग उस पर कार्रवाई करेगा और पुलिस को भी निर्देश देंगे। उन्होंने अभिनेत्री को आश्वासन दिया कि आयोग उनके साथ खड़ा रहेगा।
उधर, अपनी बेबाकी के कारण लगातार चर्चाओं में बनी अभिनेत्री कंगना रनौत ने रविवार को भी ट्वीटर पर बमबारी जारी रखी। कंगना खुल कर पायल घोष के समर्थन में उतरीं और उन्होंने पायल के समर्थन में ट्वीट किए। एक ट्वीट में कंगना ने कहा कि बॉलीवुड यौन शिकारियों से भरा पड़ा है।
बहरहाल, पायल घोष इस मामले में शिकायत दर्ज कराती हैं तो अनुराग कश्यप की मुश्किलें बढ़ना तय है। अनुराग कश्यप समय-समय पर विभिन्न मुद्दों पर अपनी टिप्पणियों के कारण विवादों में घिरे रहते हैं। पायल के आरोप के बाद उनके खिलाफ सोशल मीडिया में कार्रवाई की मांग उठ रही है। उनके खिलाफ ट्वीटर पर हैशटैग #ArrestAnuragKashyap चल रहा है।
विदेशी मामलों पर नजर रखने वाली देश की प्रमुख गुप्तचर एजेंसी ‘रॉ’ (Research and Analysis Wing) के प्रमुख रहे अनिल धस्माना को राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (National Technical Research Organization, NTRO) के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है। वह दो साल के लिए NTRO के प्रमुख होंगे। यह एक तरह की गुप्तचर एजेंसी है, जो तकनीकी माध्यमों से जमीन से आसमान तक विभिन चीजों पर नजर रखती है। इसे ‘तीसरी आँख’ भी कहा जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने धस्माना के नाम पर मुहर लगायी है। मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी (गढ़वाल) के निवासी धस्माना, 1981 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी रहे हैं।
उन्हें पाकिस्तान मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है। उनके पास पाकिस्तान और अफगानिस्तान में काम करने का व्यापक अनुभव है। वे फरवरी 2019 में किये गए बालाकोट एयर स्ट्राइक के प्रमुख रणनीतिकारों में से एक रहे हैं।
धस्माना 23 साल तक रॉ में रहे। दिसंबर 2016 में उनको रॉ का प्रमुख नियुक्त किया गया था। उनकी सेवानिवृति दिसंबर 2018 में थी। मगर केंद्र सरकार ने मई 2019 में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उनको 6 माह का विस्तार दे दिया था।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी व प्रियंका गांधी वाड्रा मोदी सरकार को घेरने के चक्कर में हर बार नौसिखिया साबित हो रहे हैं और हंसी का पात्र बन जा रहे हैं। ठोस तथ्यों के अभाव और होम वर्क किये बगैर मोदी सरकार पर हमला करना अक्सर उनको भारी पड़ जाता है। सर्वाधिक चर्चित उदाहरण राफेल विमान सौदों का है। राफेल विमानों की खरीददारी को लेकर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाने में जमीन-आसमान एक कर दिया था। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राहुल सोते-जागते राफेल में घोटाले का आरोप लगाते रहे। मगर उनके सारे आरोप फुस्स साबित हुए। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को ही बुरी तरह से हार का सामना नहीं करना पड़ा, बल्कि खुद राहुल गांधी अपने परिवार की परम्परागत सीट अमेठी से चुनाव हार गए। सुप्रीम कोर्ट तक से राफेल मामले का निर्णय कांग्रेस के लिए निराशाजनक रहा। वर्तमान में कृषि विधेयकों के विरोध ने कांग्रेस, राहुल व प्रियंका की किरकिरी करा दी है।
क्या हैं ये अध्यादेश
कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार द्वारा संसद में पेश किये गए कृषि सम्बन्धी तीन विधेयकों का जोरदार विरोध कर रही है। मोदी कैबिनेट ने इस वर्ष जून में ‘कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020’, ‘किसानों (सशक्तिकरण और सरंक्षण) का मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं अध्यादेश, 2020’ तथा ‘आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश,2020’ पारित किये थे। सरकार संसद के वर्तमान सत्र में इन अध्यादेशों को कानूनी रूप देने के लिए जुटी हुई है।
अब तक किसानों पर हैं ये प्रतिबन्ध
इन अध्यादेशों के कानून बन जाने के बाद किसानों को कई तरह की सहूलियतें मिलेंगीं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अभी तक किसान अपने उत्पादों को केवल सरकार द्वारा निर्धारित मंडियों में लाइसेंसधारी व्यापारियों को ही बेच सकते हैं। सरकार द्वारा निर्धारित मंडियों के अलावा कहीं और अपने उत्पादों को बेचना किसानों के लिए प्रतिबंधित है। इस कारण किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पता है। किसानों के बजाय बिचौलिये और दलाल ज्यादा फायदा उठाते हैं।
किसानों को ये मिलेंगी सहूलियत
केंद्र सरकार के इन अध्यादेशों के लागू होने के बाद किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए एक मुक्त बाजार मिलेगा। वो अपनी सहूलियत और मर्जी से कही भी अपने उत्पाद बेच सकेंगे। बाजार में प्रतिस्पर्धा होने के कारण किसानों को उपज का उचित मूल्य मिलेगा। अध्यादेशों में ऐसे ही तमाम अन्य प्राविधान हैं, जो किसानों की खुशहाली बढ़ाने में कारगर साबित होंगे और किसानों को उनकी मेहनत के अनुरूप उन्हें उनका हक मिलेगा।
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राहुल, प्रियंका समेत पूरी कांग्रेस विरोध में
कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। कांग्रेस इन अध्यादेशों को पूरी तरह से किसान विरोधी बता रही है और उसके छोटे से लेकर बड़ा नेता बयानबाजी करने में लगा हुआ है। कांग्रेस के इस अभियान में भाई राहुल के बाद शनिवार को बहन प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हो गईं। प्रियंका ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया और मोदी सरकार को किसान विरोधी बताया।
कांग्रेस ऐसे फंसी अपने जाल में
मोदी सरकार का विरोध करने से पहले राहुल, प्रियंका और कांग्रेस नेताओं ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जारी घोषणा पत्र पर ध्यान देने की जरुरत भी नहीं समझी। मोदी सरकार ने इन अध्यादेशों में जो प्राविधान किये हैं, उन्हें कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया था। कांग्रेस के इस विरोध को बेपर्दा करने में पार्टी से निलंबित राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय झा ने जरा भी देर नहीं लगाई। झा ने ट्वीट कर कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में खुद इन प्राविधानों की हिमायत की थी।
सोशल मीडिया पर हो रही छीछालेदर
संजय झा के बयान के साथ कांग्रेस के लोकसभा घोषणा पत्र का वह पेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पार्टी ने ये प्राविधान करने की बात कही थी। इसके साथ ही पार्टी के यूट्यूब चैनल पर मौजूद एक वीडियो भी जबरदस्त तरीके से वायरल हो रहा है। यह वीडियो वर्ष 2013 का है। इसमें राहुल गांधी कांग्रेस शासित 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस में बैठे हुए हैं। कांफ्रेंस को राहुल के साथ कांग्रेस नेता अजय माकन सम्बोधित कर रहे हैं। माकन कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक का हवाला देते हुए राहुल गांधी के सामने इन प्राविधानों को लागू किये जाने की जरुरत पर जोर देते हैं। सोशल मीडिया पर कांग्रेस, राहुल व प्रियंका की इस मामले को लेकर जमकर छीछालेदर हो रही है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर आधारित पार्टी के मुखपत्र ‘कमल सन्देश’ के विशेषांक ‘नए भारत के प्रणेता’ का विमोचन किया। इस मौके पर नड्डा ने आरोप लगाया कि कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे लोग बिचौलियों की भाषा बोल रहे हैं।
भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की हर योजनाओं में सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की नीति स्पष्टतः दिखाई देती है। चाहे वह हर गाँव, हर घर में बिजली पहुंचाने की योजना हो, आयुष्मान भारत योजना हो, स्टार्ट-अप व स्टैंड-अप योजना हो, कृषि सम्मान निधि हो, जन-धन योजना हो या फिर उज्ज्वला योजना।
उन्होंने कहा कि गुरुवार को कृषि से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयक कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 तथा कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 लोक सभा में पारित हुए हैं। एसेंशियल कमोडिटी एक्ट में अमेंडमेंट वाला विधेयक दो दिन पहले ही पारित हुआ है। कृषि से जुड़े ये तीनों विधेयक सही मायने में किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्त करेंगे। इन विधेयकों के लागू होने के बाद किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए-नए अवसर मिलेगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा और किसान सशक्त होंगे।
नड्डा ने जोर देते हुए कहा कि नए कृषि विधेयक में एमएसपी अर्थात न्यूनत समर्थन मूल्य और सरकारी खरीद अर्थात एपीएमसी की व्यवस्था बनी रहेगी। विधेयक किसानों को कई और विकल्प प्रदान कर उन्हें सही मायने में सशक्त करने वाले हैं। इसके तहत एक परिस्थितिकी तंत्र के निर्माण का प्रावधान किया गया है, जिसमें किसान कानूनी बंधनों से आजाद होंगे। किसानों के पास मंडी में जाकर लाइसेंसी व्यापारियों को ही अपनी उपज बेचने की विवशता नहीं होगी।
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उन्होंने कहा कि अब किसान अपनी मर्जी का मालिक होगा। किसानों को उपज बेचने का विकल्प देकर उन्हें सशक्त बनाया गया है। इस विधेयक के अनुसार जरूरी नहीं कि किसान राज्य की सीमाओं में रहकर ही फसलों की बिक्री करें। साथ ही बिक्री लाभदायक मूल्यों पर करने से संबंधित चयन की सुविधा का भी लाभ ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जानबूझ कर किसानों को गुमराह कर रहे हैं ताकि किसान लाभ न उठा सकें।
नड्डा ने कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया और कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में यह वादा किया था कि किसानों को एपीएमसी से बाहर निकाल कर लायेंगे और एसेंशियल कमोडिटी एक्ट को बदलेंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग इन कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे हैं, वे वास्तव में किसान और उनके उत्पाद की बिक्री के बीच में मौजूद बिचौलियों की भाषा बोल रहे हैं।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहले भी कहा है कि हमें दबाव की राजनीति में नहीं आना है और हमारी सरकार वह काम करती रहेगी जो देश के गाँव, गरीब और किसान के लिए जरूरी हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में हर क्षेत्र में आज बदली हुई तस्वीर दिख रही है। उन्होंने याद दिलाया कि आयुष्मान भारत योजना को लागू करते समय भी इस योजना का जम कर विरोध किया गया था लेकिन आज वही आयुष्मान भारत योजना देश के गरीबों के लिए सबसे बड़ी वरदान साबित हो रही है।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर आधारित विशेषांक के प्रकाशन के लिए लिए डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी न्यास समिति एवं कमल संदेश की पूरी टीम को बधाई दी और इसे एक सराहनीय प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रधानमंत्री मोदी के जन्म दिवस (17 सितंबर) के अवसर पर 14 से 20 सितंबर तक ‘सेवा सप्ताह’ मना रही है। पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ता देश भर में सेवा कार्य में लगे हुए हैं। सेवा सप्ताह के दौरान पार्टी कार्यकर्ता ब्लड डोनेशन, प्लाज्मा डोनेशन, दिव्यांगों को जरूरी उपकरणों का वितरण, वृक्षारोपण, गरीब बस्तियों में स्वच्छता कार्यक्रम, बच्चों में फलों और पुस्तकों का वितरण और अस्पतालों में फलों का वितरण जैसे सेवा कार्य कर रहे हैं।
कार्यक्रम में पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री अनिल जैन, ‘कमल संदेश’ के संपादक डॉ शिवशक्ति, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी न्यास के सचिव नंद किशोर गर्ग, न्यास के कोषाध्यक्ष गोपाल कृष्ण अग्रवाल और राष्ट्रीय मीडिया सह-प्रमुख डॉ संजय मयूख भी उपस्थित थे।
Based on strengths of a district and National Priorities, One District One Product (ODOP) is seen as a transformational step forward towards realizing the true potential of a district, fuel economic growth and generate employment and rural entrepreneurship, taking us to the goal of Aatma Nirbhar Bharat. In this contest, an interaction with all States and UTs was held on 27th August, 2020 to discuss the implementation of One District One Product initiative, and Department for Promotion of Industry and Internal Trade (DPIIT) is working further on the initiative.
This information was given by the Union Minister of Commerce and Industry, Piyush Goyal, in a written reply in the Rajya Sabha today.
Further, Department of Commerce through DGFT is engaging with State and Central government agencies to promote the initiative of One District One Product. The objective is to convert each District of the country into an export hub by identifying products with export potential in the District, addressing bottlenecks for exporting these products, supporting local exporters, manufacturers to scale up manufacturing, and find potential buyers outside India with the aim of promoting exports, promoting manufacturing & services industry in the District and generate employment in the District.
As part of this initiative, an institutional mechanism is being set up in each District in the form of District Export Promotion Committees (DEPCs) that may be headed by DM/ Collector/ DC/ District Development Officer of the District and co-chaired by the designated Regional Authority of DGFT and various other stakeholders as its members. The primary function of the DEPC will be to prepare and act on District specific Export Action Plans in collaboration with all the relevant stakeholders from the Centre, State and the District level.
DGFT has also developed a portal that may be accessed on the DGFT website to enable the States to upload all information related to the products with export potential of every district. Portal has been developed and is currently being tested.
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपनी सरकार के साढ़े तीन वर्ष पूरे होने पर शुक्रवार को वर्चुअल माध्यम से पत्रकारों से बातचीत की। इस अवसर पर उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों को विस्तार से गिनाया और कहा कि सरकार ने जनता से किये गए 85 फीसदी वादे पूरे किए हैं। उन्होंने कहा की सुशासन और जीरो टाॅलरेंस आन करप्शन सरकार की प्राथमिकता में शामिल रहा है।
वन्यजीवों से फसलों की सुरक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वन्यजीवों से फसलों की सुरक्षा के लिए व्यापक कार्ययोजना पर काम कर रही है। इसमें 4 वानर रेस्क्यू सेंटरों की स्थापना, 125 किमी जंगली सूअर रोधी दीवार, 50 किमी सोलर फेंसिंग, 13 किमी हाथी रोधी दीवार, 250 किमी हाथी रोधी खाईयों का निर्माण शामिल है।
महिला पौधालय व इको क्लब
महिला पौधालयों की स्थापना पर भी काम किया जा रहा है, जिसमें कि लगभग 20 हजार महिलाओं को रोजगार सम्भावित है। एक वैश्विक स्तर का साईंस काॅलेज और प्रदेश के 5 हजार स्कूलों में हिमालय इको क्लबों की स्थापना की कार्ययोजना भी बनाई गई है।
रोजगार
मुख्यमंत्री ने कहा कि अप्रैल 2017 से सितम्बर 2020 तक सरकारी व गैर सरकारी क्षेत्र में कुल 7 लाख 12 हजार से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया गया। इनमें से नियमित रोजगार लगभग 16 हजार, आउटसोर्स व अनुबंधात्मक रोजगार लगभग 1 लाख 15 हजार और स्वयं उद्यमिता/प्राईवेट निवेश से प्रदान और निर्माणाधीन परियोजनाओं से रोजगार लगभग 5 लाख 80 हजार है। उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा वर्ष 2014 से 2017 तक कुल 08 परीक्षाएं आयेाजित की गईं, जिनमें 801 पदों पर चयन पूर्ण किया गया। जबकि वर्ष 2017 से 2020 तक कुल 59 परीक्षाएं आयोजित की गईं जिनमें 6000 पदों पर चयन पूर्ण किया गया। वर्तमान में उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में 7200 पदों पर अधियाचन/भर्ती प्रक्रिया गतिमान है।
मनरेगा व कैम्पा
मनरेगा में प्रति वर्ष 6 लाख लोगों को रोजगार दिया जाता है। कोविड के दौरान इसमें अतिरिक्त रोजगार दिया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में 84 हजार अतिरिक्त परिवारों (2 लाख अतिरिक्त श्रमिकों) को रोजगार दिया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में 170 करोड़ रूपए अतिरिक्त व्यय किए गए हैं। आगामी तीन माह में कैम्पा के अंतर्गत 40 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की कार्ययोजना है।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना
युवाओं और प्रदेश में लौटे प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की गई। एमएसएमई के तहत इसमें ऋण और अनुदान की व्यवस्था की गई है। इसमें लगभग 150 प्रकार के काम शामिल किए गए हैं।
गैरसैंण, उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी
गैरसैंण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया। इसकी विधिवत अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। अब गैरसैण में राजधानी के अनुरूप आवश्यक सुविधाओं के विकास की कार्ययोजना बनाई जा रही है।
चारधाम देवस्थानम बोर्ड
भविष्य की आवश्यकताओं, श्रद्धालुओं की सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की दृष्टि से चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया है। इसमें तीर्थ पुरोहित और पण्डा समाज के लोगों के हक हकूक और हितों को सुरक्षित रखा गया है।
अटल आयुष्मान योजना
अटल आयुष्मान योजना में राज्य के सभी परिवारों को 5 लाख रूपए वार्षिक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा देने वाला उत्तराखण्ड, देश का पहला राज्य है। अभी 2 लाख 5 हजार मरीजों को योजना में निशुल्क उपचार मिला है। जिस पर 180 करोड़ रूपए से अधिक खर्च किए जा चुके हैं। नेशनल पोर्टेबिलिटी की सुविधा देते हुए देशभर के 22 हजार से अधिक अस्पताल इसमें सूचीबद्ध हैं।
कार्यसंस्कृति में सुधार
ई-कैबिनेट, ई-ऑफिस, सीएम डैश बोर्ड उत्कर्ष, सीएम हेल्पलाईन 1905, सेवा का अधिकार और ट्रांसफर एक्ट की पारदर्शी व्यवस्था के चलते कार्यसंस्कृति में गुणात्मक सुधार हुआ है। भ्रष्टाचार पर जीरो टाॅलरेंस सरकार की प्रमुख नीति है।
इन्वेस्टर्स समिट
इन्वेस्टर्स समिट के बाद पहले चरण में 25 हजार करोड़ रूपए से अधिक के निवेश की ग्राउंडिंग हो चुकी है। अगले डेढ़ वर्ष में इसे 40 हजार करोड़ तक करने का लक्ष्य रखा गया है।
रिवर्स पलायन पर सुनियोजित प्रयास
पर्वतीय राज्य की अवधारणा से बने उत्तराखण्ड में पहली बार किसी सरकार ने रिवर्स पलायन पर सुनियोजित तरीके से काम शुरू किया है। एमएसएमई के केंद्र में पर्वतीय क्षेत्रों को रखा गया है।
ग्रोथ सेंटर
सभी न्याय पंचायतों में क्लस्टर आधारित एप्रोच पर ग्रोथ सेंटर बनाए जा रहे हैं। 100 से अधिक ग्रोथ सेंटरों को मंजूरी भी दी जा चुकी है। बहुत से ग्रोथ सेंटर शुरू भी हो चुके हैं। हर गांव में बिजली पहुंचाई गई है।
बिना ब्याज के ऋण
किसानों को तीन लाख रूपए और महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश के गन्ना किसानों को अवशेष गन्ना मूल्य का शत प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित किया गया है।
नए पर्यटन केंद्रों का विकास
13 डिस्ट्रिक्ट-13 न्यू डेस्टीनेशन से नए पर्यटन केंद्रों का विकास हो रहा है। होम स्टे योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। विभिन्न रोपवे प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है।
जलसंरक्षण और जलसंवर्धन
जलसंरक्षण और जलसंवर्धन पर काफी काम किया गया है। प्रदेश की नदियों, झीलों, तालाबों और जलस्त्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए व्यापक जनअभियान शुरू किया गया है।
डबल इंजन का असर
डबल इंजन का असर साफ-साफ देखा जा सकता है। केंद्र सरकार द्वारा लगभग एक लाख करोड़ रूपए की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत हुई हैं। बहुत सी योजनाओं पर तेजी से काम भी चल रहा है। इनमें ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, चारधाम सड़क परियोजना़, केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण, भारतमाला परियोजना, जमरानी बहुद्देशीय परियोजना, नमामि गंगे, भारत नेट फेज -2 परियोजना, एयर कनेक्टीवीटी पर किया जा रहा काम मुख्य है। उत्तराखण्ड पहला राज्य है जहां उड़ान योजना में हेली सेवा प्रारम्भ की गई है। श्री बदरीनाथ धाम का भी मास्टर प्लान बनाया गया है।
राष्ट्रीय स्तर पर पहचान
पिछले लगभग साढ़े तीन वर्षों में उत्तराखण्ड ने विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। नीति आयोग द्वारा जारी ‘‘भारत नवाचार सूचकांक 2019’’ में पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में उत्तराखण्ड सर्वश्रेष्ठ तीन राज्यों में शामिल है। राज्य को 66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में बेस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट घोषित किया गया। स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्तराखंड को सात पुरस्कार मिले हैं। ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’’ अभियान में ऊधमसिंह नगर जिले को देश के सर्वश्रेष्ठ 10 जिलों में चुना गया। उत्तराखंड को खाद्यान्न उत्पादन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दूसरी बार कृषि कर्मण प्रशंसा पुरस्कार दिया गया। जैविक इंडिया अवार्ड 2018 के साथ ही मनरेगा में देशभर में सर्वाधिक 16 राष्ट्रीय पुरस्कार राज्य को मिले। मातृत्व मृत्यु दर में सर्वाधिक कमी के लिए उत्तराखण्ड को भारत सरकार से पुरस्कृत किया गया है।
लोक कल्याणकारी सरकार
आंगनबाड़ी कार्यकत्री, आंगनबाड़ी सहायिका, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांगजन पेंशन की राशि को 1000 रूपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 1200 रूपए प्रतिमाह किया गया। ग्राम प्रहरियों का मानदेय रूपए 2000 हजार प्रतिमाह किया गया। दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत किया गया। उत्तराखण्ड पहला राज्य है, जहां अनाथ बच्चों की चिंता करते हुए उनके लिए सरकारी सेवाओं में आरक्षण की व्यवस्था की गई है। दुर्घटना राहत राशि को मृत्यु पर 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख, गम्भीर घायल होने पर 20 हजार से बढ़ाकर 40 हजार और साधारण घायल होने पर 5 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रूपए किया है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी दी जा रही है। विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोतरी की है।
कोविड-19 से लड़ाई, हेल्थ सिस्टम को मजबूती
उत्तराखण्ड में सभी के सहयोग से कोविड-19 से लड़ाई लड़ी जा रही है। परिस्थितियों के अनुसार निर्णय ले रहे हैं। सर्विलांस, सेम्पलिंग, टेस्टिंग पर फोकस किया जा रहा है। राज्य में हेल्थ सिस्टम को मजबूत किया गया है। पर्याप्त संख्या में कोविड अस्पताल, आइसोलेशन बेड, आईसीयू बेड, आक्सीजन सपोर्ट बेड और वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। राज्य के सभी जनपदों में आई0सी0यू0 स्थापित किए जा चुके हैं। मार्च में राज्य में कोरोना संक्रमण की टेस्टिंग सुविधा नहीं थी। वर्तमान में 5 सरकारी और विभिन्न प्राईवेट लेब में कोविड-19 के सेम्पल की जांच की जा रही है। वर्तमान में 481 आईसीयू बेड, 543 वेंटिलेटर, 1846 आक्सीजन सपोर्ट बेड, 30500 आईसोलेशन बेड उपलब्ध हैं। रुद्रपुर, हरिद्वार और पिथौरागढ़ में भी मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं। पिछले लगभग तीन साल में पर्वतीय क्षेत्रों में डाक्टरों की संख्या में पहले से लगभग ढाई गुना वृद्धि की गई है। टेलीमेडिसीन और टेलीरेडियोलोजी भी लाभदायक साबित हो रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस को लेकर आयोजित ‘सेवा सप्ताह’ के तहत गुरुवार को उत्तराखंड में भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश भर में सेवा कार्यक्रम आयोजित किये। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राजधानी देहरादून में भाजपा महानगर कार्यालय में प्रधानमंत्री मोदी के जीवन और कार्यों पर आधारित प्रदर्शनी का उदघाटन किया और पार्टी द्वारा लॉकडाउन के दौरान किये गए सेवा कार्यों को लेकर तैयार की गई ई-बुक का भी लोकार्पण किया।
उल्लेखनीय है कि सेवा सप्ताह के तहत पार्टी द्वारा कार्यक्रमों का सिलसिला 14 सितम्बर को शुरू किया गया था। यह कार्यक्रम 20 सितम्बर तक चलेंगे। सेवा सप्ताह के तहत भाजपा कार्यकर्ताओं ने दिव्यांगों को विभिन्न प्रकार के कृत्रिम अंगों, उपकरणों और गरीबों को चश्मों का वितरण किया। विभिन्न स्थानों में वृक्षारोपण से लेकर सार्वजानिक स्थानों पर स्वच्छता कार्यक्रम, रक्तदान शिविर आदि आयोजित किए। गुरुवार को गरीब बस्तियों व चिकित्सालयों में फलों के वितरण आदि के कार्यक्रम आयोजित हुए।
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राजधानी देहरादून में महानगर भाजपा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने प्रधानमंत्री मोदी के स्वस्थ एवं सुदीर्घ जीवन की कामना की और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने आज पूरे विश्व में एक अलग सम्मान व प्रतिष्ठा प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि मोदी एक ऐसे कर्मयोगी हैं, जिन्होंने अपने जीवन का एक-एक क्षण देश को समर्पित किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा उनके जन्मदिवस को सेवा सप्ताह के रूप में मना रही है। प्रदेश भर में पार्टी कार्यकर्ताओं ने इस दौरान सभी स्थानों पर सेवा कार्य चलाए हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं ने सेवा कार्य के माध्यम से जन सहयोग कर सराहनीय कार्य किया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने इस दौरान प्रदेश सरकार के कार्यकाल की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को राज्य में भाजपा सरकार के साढ़े तीन वर्ष पूरे हो रहे हैं। इन तीन वर्षों में प्रदेश सरकार ने जनता से किये गये वायदों को पूरा करने के लिए सभी प्रयास किये हैं। राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है। उन्होंने कोरोना महामारी को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की चर्चा की और कहा कि राज्य सरकार सभी स्थितियों से निपटने में सक्षम है।
मुख्यमंत्री ने फिर दोहराया कि कोविड-19 से बचाव के लिए सावधानी ही सबसे बेहत्तर उपाय है। उन्होंने अपील की, कि सभी लोग सामाजिक दूरी का पालन और मास्क का उपयोग करें। इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय कुमार, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत, विधायक खजानदास, मेयर सुनील उनियाल गामा, महानगर अध्यक्ष सीता राम भट्ट एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
महिला कल्याण आश्रम और कोरोनेशन अस्पताल में फल वितरण
प्रधानमंत्री मोदी के जन्म दिन के अवसर पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय कुमार, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत, वरिष्ठ नेता नरेश बंसल ने राजधानी स्थित महिला कल्याण आश्रम और कोरोनेशन अस्पताल में फल वितरण किए।
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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को कुपोषण मुक्त उत्तराखण्ड के लिए विगत वर्ष शुरू किये गए ‘गोद अभियान’ के तहत कुपोषण मुक्त हुए बच्चों के अभिभावकों को सम्मानित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अति कुपोषित बच्चों को गोद लेने का जो अभियान शुरू किया गया था, इसके अच्छे परिणाम रहे। इस दिशा में स्वयं सेवी संस्थाओं, जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उनको कुपोषण मुक्त करने की दिशा में अच्छा कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्म दिवस है। प्रधानमंत्री ने कुपोषण मुक्त भारत का अभियान चलाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के जन्मदिवस के अवसर पर रक्तदान, प्लाज्मा डोनेट, अस्पतालों में फल वितरण के कार्यक्रम किये जा रहे हैं। देश भर में यह पूरा सप्ताह सेवा सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को कुपोषण मुक्त बनाने में माँ की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बच्चों की नियमित एवं संतुलित खान-पान से कुपोषित बच्चे जल्द सामान्य श्रेणी में आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि किसी बच्चे के कुपोषित होने पर उसका नुकसान न केवल बच्चे के माता-पिता पर पड़ता है, बल्कि पूरे समाज को इसका नुकसान होता है। कुपोषण मुक्त भारत बनाने के लिए हम सबको प्रयास करने होंगे।
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महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विकास विभाग की सचिव सौजन्या ने कहा कि कुपोषण मुक्त उत्तराखण्ड के लिए शुरू किये गये गोद अभियान को आगे भी जारी रखा जायेगा। पिछले वर्ष जब यह अभियान शुरू हुआ था, तब राज्य में 1700 अति कुपोषित एवं 12 हजार कुपोषित बच्चे थे। इस अभियान के तहत 9 हजार 177 बच्चों को गोद लिया गया। जिसमें से 2349 बच्चों के ग्रेड में सुधार हुआ है। बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से टेक होम राशन का घरों में वितरण किया जा रहा है। सरकार द्वारा अतिकुपोषित एवं कुपोषित बच्चों को प्रति सप्ताह दो-दो दिन अण्डा, केला एवं दूध दिया गया। इससे भी बच्चों को कुपोषण से सामान्य श्रेणी में लाने में मदद मिली।
इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर, देहरादून के जिलाधिकारी डाॅ. आशीष श्रीवास्तव, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के निदेशक डाॅ. वी.षणमुगम आदि उपस्थित थे।
आयकर विभाग ने जम्मू-कश्मीर के एक होटल व्यवसायी इकबाल शेख के श्रीनगर, गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम स्थित होटलों के अलावा उसके लेह में निर्माणाधीन होटल में छापेमारी और जब्ती की बड़ी कार्रवाई की है। होटल व्यवसायी को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारुख अब्दुल्ला का रिश्तेदार बताया जा रहा है। इसके अलावा आयकर विभाग ने श्रीनगर के एक ज्वेलर्स के यहाँ भी छापेमारी कर अघोषित संपत्ति के दस्तावेज बरामद किये हैं। सूत्रों के मुताबिक इस कार्रवाई में टेरर फंडिंग की दृष्टि से भी जांच की जा रही है।
गुरुवार को वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि होटल व्यवसायी के यहाँ छापेमारी के दौरान विभाग को जालसाजी के साक्ष्य के तौर पर कई दस्तावेज़ एवं अन्य वस्तुएँ मिली हैं, जिसके आधार पर पिछले छः वित्तीय वर्षों में होटल एवं आवास निर्माण में अवैध निवेश समेत लगभग 25 करोड़ की सम्पत्तियों को ज़ब्त कर लिया है। होटल कारोबारी ने वर्ष 2014-15 से किसी भी तरह के कर का भुगतान नहीं किया है। सभी निवेश नकद या अज्ञात श्रोतों से किए गए हैं।
छापेमारी के दौरान आयकर विभाग को व्यवसायी के यहाँ 25 करोड़ के असुरक्षित लोन से जुड़े कागजात मिलें हैं। व्यवसायी ने पिछले दो वर्षों में ऐसे लोगों से यह ऋण प्राप्त किए गए हैं, जिनके ऋण देने का औचित्य संदिग्ध है। विभाग के मुताबिक प्रथम दृष्ट्या यह सभी लोन अवैध प्रतीत होते हैं, क्योंकि यह ऐसे व्यक्तियों से लिए गए हैं जिनकी वित्तीय साख स्वयं संदिग्ध है।
छापेमारी में यह भी पता चला कि कारोबारी के बच्चे अमरीका में पढ़ रहे हैं, जिन पर प्रति वर्ष लगभग 25 लाख रूपये का खर्च आ रहा है। अमरीका में बच्चों की शिक्षा पर खर्च किए जा रहे इस पैसे के बारे में भी प्रथम दृष्ट्या कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला है। यह व्यवसायी अपनी माँ के साथ ट्रस्ट के रूप में एक बी-एड कॉलेज चला रहा है। यह ट्रस्ट पंजीकृत नहीं है और ट्रस्ट का रिटर्न भी नहीं भरा जा रहा है। जबकि इससे होने वाली आय व्यापक कर योग्य आय है। व्यवसायी ने आयकर अधिकारियों के सामने यह भी स्वीकार किया है कि उसने अपने आवासीय भवन की मरम्मत पर 40 लाख रूपये खर्च किए हैं। जांच के दौरान एक बैंक लॉकर का भी पता चला है, जिसे अघोषित रखा गया था।
आयकर विभाग ने एक अन्य मामले में श्रीनगर के एक जौहरी के यहाँ भी छापेमारी की है। जांच में पाया गया कि गहनों के कारोबारी ने अपने व्यापार के बही खाते का हिसाब नहीं रखा है, जिसके पिछले वर्षों में व्यवसाय का आंकलन 2 से 10 करोड़ के बीच लगाया गया है।
जांच के दौरान अधिकारियों को एक अघोषित बैंक खाते का भी पता चला है जिसमें जौहरी ने करोड़ों रुपये जमा किए हैं, लेकिन इससे जुड़े कर का भी भुगतान नहीं किया गया है। उसने वित्तीय वर्ष 2015-16 में श्रीनगर में अपनी एक अचल संपत्ति 1.90 करोड़ में बेची थी। लेकिन इससे जुड़े कैपिटल गेन कर का भी भुगतान नहीं किया था।
जांच के दौरान अधिकारियों को वित्तीय वर्ष 2019-20 में लीज़ पर दी गई दुकान की पगड़ी के रूप में लिए गए 16 लाख रुपए की रसीद भी प्राप्त हुई है। इस नकद लेन-देन की जानकारी छिपाई गयी थी। अधिकारियों को इस दौरान ज्वेलर्स की पत्नी द्वारा दिल्ली में बेचे गए एक फ्लैट के बारे में भी पता चला, जिसका लेनदेन भी छिपाया गया है। जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपी की बेटी विदेश में रह कर पढ़ाई कर रही है। लेकिन उस पर आने वाले खर्च का ब्यौरा भी छिपाया गया है। विभाग के मुताबिक मामले में जांच जारी है।