दिल्ली के लुटियन्स जोन स्थित सरकारी बंगले को छोड़ने से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी व राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी को परिवार सहित चाय पर आमंत्रित किया है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कुछ समय पूर्व प्रियंका गांधी को पूर्व प्रधानमंत्री के परिजन के तौर पर दी गई स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) की सुरक्षा वापस ले ली थी। प्रियंका को केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के घेरे में जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। प्रियंका अभी तक ना ही सांसद रहीं हैं और ना ही उनके पास कोई सरकारी पद रहा है। मगर SPG घेरे में रहने के दौरान उन्हें सुरक्षा मानकों के अनुरूप वर्ष 1997 में 35 – लोधी एस्टेट का सरकारी बंगला दिया गया था। SPG सुरक्षा हटने के बाद केंद्र सरकार ने उन्हें 1 अगस्त तक सरकारी बंगला खाली करने को कहा था।
बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी बंगले को खाली करने की तैयारी में हैं। उन्होंने फिलहाल के लिए गुरुग्राम में फ्लैट लिया है। इधर, भाजपा के राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी ने स्वास्थ्य कारणों के चलते अपने लिए कोई अन्य बंगला आवंटित करने की मांग की थी। बलूनी अभी तक 20 – गुरुद्वारा रकाबगंज रोड स्थित बंगले पर रहते हैं। बलूनी के अनुरोध पर सरकार ने उन्हें प्रियंका गांधी द्वारा खाली किया जा रहा बंगला आवंटित किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, प्रियंका गांधी ने बंगला छोड़ने से पहले सामान्य शिष्टाचार के तहत नए आवंटी को पत्नी सहित चाय पर आमंत्रित किया है। अनिल बलूनी के कार्यालय को पत्र और फोन के माध्यम से यह निमंत्रण भेजा गया है।
उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के प्रति भेदभाव और संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर उसका आदरपूर्वक अंतिम संस्कार तक न करने देने जैसी घटनाओं पर व्यथित हैं। उन्होंने ऐसी घटनाओं को नितांत दुर्भाग्यपूर्ण बताया तथा स्थानीय समुदाय और वृहत्तर समाज से ऐसी प्रवृतियों को रोकने को कहा।
आज अपने फेसबुक पोस्ट में नायडू ने कहा कि ऐसी कुवृत्तियों को जड़ से समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा संक्रमित व्यक्ति सहायता व संवेदना की अपेक्षा करता है। कोई भी इस संक्रमण से पूरी तरह से निरापद नहीं है। यह अदृश्य वायरस किसी को भी संक्रमित कर सकता है।उन्होंने कहा ऐसा खेदजनक असंवेदनशील भेदभाव भारत की उस सहिष्णुतावादी परंपरा के विरुद्ध है जिसने समय-समय पर आहत मानवता के प्रति दया और करुणा का व्यवहार किया है। संक्रमित व्यक्ति की अंत्येष्टि पर मनाही की घटनाओं पर क्षोभ व्यक्त करते हुए उन्होंने लिखा कि यह भारतीय मूल्यों के विरुद्ध है, जहां शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना रखी जाती है। ढांढस और भरोसा दिया जाता है।
उन्होंने कहा ऐसे व्यवहार का मूल कारण लोगों में जानकारी का न होना है। इसके लिए आवश्यक है कि स्वास्थ्य प्रशासन और मीडिया लोगों तक प्रमाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाएं। प्रमाणिक जानकारी के अभाव में अंधविश्वास व अफवाहें फैलती हैं। जबकि जानकारी होने से व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।
नायडू ने आशा व्यक्त की है कि अपने साझे प्रयास से हम इस महामारी के प्रभावों से उबरने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि सबसे पहले हमें बढ़ते ग्राफ को समतल करने पर जोर देना है, जिसके लिए नागरिकों को ज़िम्मेदारीपूर्वक आचरण करना होगा। मास्क लगाना, हाथ धोना, सामाजिक दूरी जैसी सावधानियों का पालन करना होगा। उन्होंने प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग के अभ्यास की सलाह भी दी।
अपने फेसबुक पोस्ट में उपराष्ट्रपति ने आज कारगिल विजय दिवस पर युद्ध में वीरगति को प्राप्त अमर शहीदों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की और लिखा है कि मातृ भूमि की एकता, अखंडता व संप्रभुता की रक्षा करने के लिए सेनाओं के शौर्य, साहस, देशभक्ति और उनके बलिदान के प्रति सम्पूर्ण राष्ट्र सदैव कृतज्ञ रहेगा।
उन्होंने किसानों जैसे अनजान कोरोना योद्धाओं के प्रति आभार व्यक्त करने का आह्वाहन किया, जो निःस्वार्थ भाव से देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों, स्वच्छता कर्मियों, पुलिस, मीडिया तथा समान पहुंचाने वाले कर्मियों जैसे कोरोना योद्धाओं के प्रयासों में सहयोग और समर्थन देने का आग्रह
किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार 27 जुलाई को कोविड-19 को लेकर उच्च प्रवाह क्षमता वाली परीक्षण सुविधाओं का शुभारंभ करेंगे। इन सुविधाओं से देश में परीक्षण करने की क्षमता बढ़ेगी। साथ ही बीमारी की शुरुआती पहचान और समय रहते उपचार करने में तेजी आएगी। इससे कोरोना महामारी के फैलाव को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से इन सेवाओं का शुभारम्भ करेंगे। इन तीन उच्च क्षमता प्रवाह वाली परीक्षण सुविधाओं को रणनीतिक तौर पर आईसीएमआर – राष्ट्रीय कैंसर निवारण एवं अनुसंधान संस्थान, नोएडा, आईसीएमआर- राष्ट्रीय प्रजननीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान, मुंबई व आईसीएमआर- राष्ट्रीय हैजा एवं आंत्र बीमारी संस्थान, कोलकाता में स्थापित किया गया है। हाई फ्लो कैपेसिटी सुविधा हासिल करने के बाद ये संसथान रोज 10,000 से अधिक नमूनों का परीक्षण करने में सक्षम होंगे। इन सुविधाओं से युक्त प्रयोगशालाओं से संक्रामक डायग्नोस्टिक मटेरियल से स्वास्थ्यकर्मियों को बचाने और उनके प्रतिवर्तन काल (टर्नअराउंड टाइम) को कम करने में मदद मिलेगी। इन प्रयोगशालाओं में कोविड के अलावा अन्य बीमारियों का भी परीक्षण हो सकेगा। महामारी खत्म होने के बाद हेपेटाइटिस बी एवं सी, एचआईवी, माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस, साइटोमेगालोवायरस, क्लैमाइडिया,नीसेरिया,डेंगू इत्यादि बीमारियों के लिए भी परीक्षण कार्य होगा।
पिछले 24 घंटों में कोविड-19 से ठीक हुए लोगों की संख्या में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज
इधर, पिछले 24 घंटों में कोविड-19 से ठीक हुए लोगों की संख्या में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 36,145 रोगी ठीक हुए और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इसके साथ ठीक हुए मामलों की कुल संख्या बढ़कर 8,85,576 हो गई है। ठीक होने की दर भी नए उच्च स्तर पर पहुंच गई है। यह बढ़कर 64 प्रतिशत के नजदीक हो गई है। आज यह 63.92 प्रतिशत है। इसका मतलब है कि ज्यादा रोगी ठीक हो रहे हैं। इस प्रकार से कोविड-19 से ठीक हुए और सक्रिय मामलों के बीच का अंतर लगातार व्यापक रूप से बढ़ रहा है। यह अंतर 4 लाख से ज्यादा हो गया है और यह वर्तमान में 4,17,694 है। ठीक हुए मामले, सक्रिय मामलों 4,67,882 से 1.89 गुना ज्यादा हैं।
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को कोविड-19 महामारी का प्रभावी प्रबंधन करने के लिए जांच, खोज, उपचार रणनीति को जारी रखने और उसे प्रभावी रूप से लागू करने की सलाह दी है। पहली बार एक ही दिन में रिकॉर्ड संख्या में 4,40,000 से ज्यादा लोगों की जांच की गई। पिछले 24 घंटों में 4,42,263 नमूनों की जांच के साथ, प्रति मिलियन परीक्षण (टीपीएम) की संख्या बढ़कर 11,805 हो गई है और कुल परीक्षण की संख्या 1,62,91,331 हो गई है। पहली बार सरकारी प्रयोगशालाओं ने 3,62,153 नमूनों की जांच करके एक नया रिकॉर्ड बनाया है। निजी प्रयोगशालाओं ने भी एक ही दिन में 79,878 नमूनों की जांच कर नई ऊंचाई प्राप्त कर ली है। मृत्यु दर के मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है और यह वर्तमान में 2.31 प्रतिशत है। भारत दुनिया के सबसे कम मृत्यु दर वाले देशों में से एक है।
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज राजधानी देहरादून के गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य को नमन करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में सैनिकों की वीरता व बलिदान की लम्बी परम्परा रही है।
उन्होंने कहा कि देश की आजादी से पहले एवं आजादी के बाद उत्तराखंड के वीर सपूतों ने देश की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कारगिल युद्ध में बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड के सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दी। इस युद्ध में वीर भूमि उत्तराखंड के 37 जवानों को वीरता पदक भी मिले। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश की वीर माताओं का स्मरण भी किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना। कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा।
विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों की अनुमन्य राशि में भारी बढ़ोतरी
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार द्वारा सेवायोजित किया जा रहा है। राज्य सरकार ने विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोतरी की है। परम विशिष्ट सेवा मेडल पर 15 हजार से बढ़ाकर 2 लाख रूपए, अति विशिष्ट सेवा मेडल पर अनुमन्य एकमुश्त राशि को 7 हजार रूपए से बढ़ाकर 1 लाख 50 हजार रूपए किया गया है। सेना मेडल पर राशि पहले अनुमन्य नहीं थी। अब इसके लिए 1 लाख रूपए की राशि अनुमन्य है। इसी प्रकार विशिष्ट सेवा मेडल में एकमुश्त अनुमन्य राशि को 3 हजार रूपए से बढ़ाकर 75 हजार रूपए किया गया है। हमने द्वितीय विश्वयुद्ध पेंशन को भी दो गुना किया है। इसे 4 हजार रूपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 8 हजार रूपए प्रतिमाह किया गया है।
पूर्व सैनिकों/ वीरांगनाओं व आश्रितों को विभिन्न योजनाओं का लाभ
मुख्यमंत्री ने बताया कि सैनिकों/वीरांगनाओं और उनके आश्रितों को स्वावलम्बी बनाने के लिए सभी जिलों में कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पूर्व सैनिक के आश्रितों को प्रान्तीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में प्रतिभाग करने पर प्रोत्साहन अनुदान दिया जा रहा है। सैनिक कल्याण विभाग द्वारा चलाए जा रहे केंद्रों से भर्ती पूर्व प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों के सेना, अर्द्धसैनिक बल और राज्य पुलिस बल में भर्ती होने पर 20 हजार रूपए की धनराशि पुरस्कार के रूप में प्रदान की जाती है। एन.डी.ए., आई.एम.ए., ओ.टी.ए., एयर फोर्स अकादमी, नेवल अकादमी, सिविल सेवा, पी.सी.एस., एम.बी.बी.एस., आई.आई.टी., आई.आई.एम. में चयन होने पर उत्तराखण्ड के निवासी पूर्व सैनिक आश्रितों को कोचिंग व्यय की प्रतिपूर्ति की जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिकों द्वारा पुनर्वास हेतु लिए गए ऋण पर अनुदान में वृद्धि की है। 5 लाख रूपए तक के ऋण पर 10 प्रतिशत और 5 से 10 लाख रूपए तक के ऋण पर 5 प्रतिशत या अधिकतम 75 हजार रूपए का अनुदान दिया जा रहा है। पूर्णतया दिव्यांग पूर्व सैनिकों के पुनर्वास के चलाए जा रहे शिक्षण केंद्रों को प्रति वर्ष दी जाने वाली राशि को 30 हजार रूपए से बढ़ाकर 1 लाख रूपए कर दिया गया है। पूर्व सैनिकों के दैवीय आपदा में आवास क्षतिग्रस्त होने पर अनुदान की राशि को भी 30 हजार रूपए से बढ़ाकर 50 हजार रूपए किया गया है।
इस अवसर पर विधायक हरवंश कपूर, गणेश जोशी, खजान दास, विनोद चमोली, मेयर सुनील उनियाल गामा, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, जिलाधिकारी देहरादून आशीष श्रीवास्तव एवं सैन्य अधिकारियों ने शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रसार बढ़ता जा रहा है। यही कारण है कि वर्तमान में संक्रमितों की संख्या 13 लाख के पार पहुंच गई है। लोग इससे बचने के लिए मास्क लगाने, सोशल डिस्टैंसिंग और हैंड सैनिटाइजर का उपयोग कर रहे हैं।
इसी बीच अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी जारी की है कि हैंड सैनिटाइजर का अधिक उपयोग हानिकारक हो सकता है। ऐसे में इसका अधिक उपयोग करने से बचना चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ आरके वर्मा ने कहा, “यह अभूतपूर्व समय है, किसी ने नहीं सोचा था कि इस प्रकृति के एक वायरस का प्रकोप होगा। अपने आप को बचाने के लिए मास्क का प्रयोग करें, गर्म पानी बार-बार पिएं और हाथों को जोर से धोएं।” उन्होंने कहा कि हैंड सैनिटाइजर का आवश्यकता से अधिक उपयोग हानिकारक हो सकता है। ऐसे में लोगों को सैनिटाइजर के दुरुपयोग से बचने का प्रयास करना चाहिए।
डॉ वर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी के तेजी से फैलने के दौरान जब लोग संक्रमण से बचने के लिए हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करने लगे थे तब चिकित्सा विशेषज्ञों चेतावनी जारी की थी कि सैनिटाइजर के अधिक उपयोग से त्वचा को स्वस्थ रखने वाले बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। उन्होंने सलाह दी थी कि जब आपके पास साबुन और पानी उपलब्ध हो तो हाथों को सैनिटाइज करने की जगह उससे हाथ धोना चाहिए। यह अधिक सुरक्षित है।
भारत में यह है कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति
देश में 13 लाख से ज्यादा लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में संक्रमितों की कुल संख्या 13,36,861 हो गई है। इनमें से 4,56,071 सक्रिय मामले हैं, 8,49,432 लोग ठीक हो चुके हैं और 31,358 मरीजों की मौत हुई है। बीते 24 घंटों के दौरान देशभर में 48,916 नए मरीज मिले और 757 लोगों की मौत हुई। इससे पहले कल रिकॉर्ड 49,310 नए मामले सामने आए थे।
मौत
देश में पिछले 24 घंटों में हुई 757 मौतों में से सबसे अधिक महाराष्ट में 278 लोगों की हुई है। इसी तरह कर्नाटक 108, तमिलनाडु 88, उत्तर प्रदेश 59, आंध्र प्रदेश 49, पश्चिम बंगाल 35, दिल्ली 32, गुजरात 26, जम्मू-कश्मीर 14, मध्य प्रदेश 11, राजस्थान और तेलंगाना आठ-आठ मौत हुई है। असम, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में छह-छह, पंजाब पांच, केरल और हरियाणा चार-चार, बिहार और झारखंड तीन-तीन और पुड्डुचेरी, त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड की एक-एक मौत हुई है।
Prime Minister Narendra Modi reviewed the implementation of PM-SVANidhi Scheme of Ministry of Housing & Urban Affairs earlier today. It was informed over 2.6 lakh applications have been received, over 64,000 have been sanctioned and over 5,500 have been disbursed. He expressed satisfaction on use of end-to-end IT solution through a web-portal and mobile App for administration of the Scheme to ensure transparency, accountability and speed.
While noting that the Ministry of Housing and Urban Affairs is working on a complete IT solution including mobile application for seamless implementation of the scheme, Prime Minister said that the scheme design should incentive use of end-to-end digital transactions by the street vendors. This should cover the entire gamut of their business – from procurement of raw material to collection of sale proceeds. Appropriate incentives and trainings should be conducted for this purpose. Use of digital payments would also help build a credit profile for the street vendor helping them in future financial needs.
Prime Minister said that the scheme should not be just seen from the perspective for extending loans to street vendors. It should also be seen as a part of an outreach to the street vendors for their holistic development and economic upliftment. One step in this direction would be by capturing their entire socio-economic details to facilitate necessary policy interventions.
Such data could also be used by different Ministries of Government of India to benefit them under various Schemes for which they are eligible, on priority. These include housing under PMAY-U, cooking gas under Ujjawala, electricity under Saubhagya, health under Ayushman Bharat, skilling under DAY-NULM, Bank account under Jan Dhan etc.
Background
Government of India has launched PM SVANidhi Scheme to facilitate collateral free working capital loan upto Rs.10,000/- of one-year tenure, to approximately, 50 lakh street vendors, to resume their businesses. Incentives in the form of interest subsidy (@ 7% per annum) and cash back (upto Rs.1,200/- per annum) are being provided to promote good repayment behaviour and digital transactions respectively. The interest subsidy effectively works out to 30 % of the entire interest burden for a loan of Rs. 10,000 @ 24 % annual interest.
Therefore, in effect the vendor does not pay any interest, rather gets a subsidy on the loan amount if he repays in time and uses digital transactions for all receipts and payments. The scheme entails enhanced next tranche of loan on early or timely repayment. Loan processing has begun since July 02, 2020 through an IT platform “PM SVANidhi” with Small Industries Development Bank of India (SIDBI), which is the implementing agency for the scheme administration.
केंद्रीय नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप खरोला व एयरपोर्ट ऑथारिटी ऑफ़ इण्डिया के चैयरमेन अरविंद सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से भेंट कर ऊधमसिंहनगर में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की स्थापना की प्री-फिजीबिलीटी रिपोर्ट प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से पिछले तीन वर्ष में प्रदेश में हवाई सेवा के क्षेत्र में काफी काम किया गया है। ढांचागत विकास के साथ बड़ी संख्या में हवाई सेवाएं शुरू की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन, आपदा व सामरिक दृष्टि से उत्तराखंड में एयर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना बहुत जरूरी है। प्रदेश सरकार इसके लिए लगातार प्रयासरत है। राज्य सरकार द्वारा इसके लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एयरपोर्ट ऑथारिटी ऑफ़ इण्डिया को हर प्रकार से सहयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने राज्य के अधिकारियों को ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र व राज्य के अधिकारियों में बेहतर समन्वय है, इसका परिणाम भी दिखाई दे रहा है। आगे भी इसी प्रकार तालमेल के साथ काम किया जाए।
ऊधमसिंहनगर में जिला प्रशासन द्वारा ग्रीनफिल्ड एयरपोर्ट स्थापित करने के लिए 1100 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। भविष्य में इसे इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में अपग्रेड किया जा सकता है। नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप खरोला और एयरपोर्ट आथोरिटी आफ इण्डिया के चैयरमेन अरविंद सिंह ने उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह व अन्य अधिकारियों के साथ चिन्हित भूमि का निरीक्षण कर इसकी प्री-फिजीबिलीटी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी। अधिकारियों ने कहा कि ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए चिन्हित की गई भूमि उपयुक्त है।
वर्तमान में पंतनगर एयरपोर्ट में लगभग 267 एकड़ भूमि है। 530 वर्गमीटर का पेसेन्जर टर्मिनल है। यहां व्यस्तम समय में हैंडलिंग क्षमता 50 यात्रियों की है। ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बन जाने से यहां की क्षमता काफी बढ़ जाएगी। इसे आगे जाकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में भी विकसित किया जा सकता है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के नागरिक उड्डयन सलाहकार कैप्टन दीप श्रीवास्तव, सचिव नागरिक उड्डयन विभाग, उत्तराखण्ड दिलीप जावलकर, अपर सचिव सोनिका, जिलाधिकारी ऊधमसिंहनगर नीरज खैरवाल उपस्थित थे।
उत्तराखंड सरकार ने अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं को भी चारधाम यात्रा करने की सशर्त अनुमति दे दी है।
प्रदेश सरकार ने श्री बद्रीनाथ, श्री केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा की 1 जुलाई से खोल दी थी। मगर अब तक प्रदेश के श्रद्धालुओं को ही कुछ शर्तों के साथ यात्रा की अनुमति थी। शुक्रवार को उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने अग्रिम आदेशों तक अन्य राज्यों के लोगों के लिए भी चारधाम यात्रा की अनुमति दे दी है।
प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (Special Operating Procedures) जारी की है। चारधाम की यात्रा पर आने वाले बाहरी राज्यों के नागरिकों को उत्तराखंड आने से पूर्व 72 घंटे के भीतर RT-PCR टेस्ट करवाना अनिवार्य किया गया है। यह टेस्ट ICMR द्वारा अधिकृत लैब से होना चाहिए और टेस्ट परिणाम कोविड-19 नेगेटिव आने पर ही यात्रा की अनुमति मिलेगी। ऐसे यात्रियों को चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण कर इस आशय का प्रमाण-पत्र, अपना पहचान पत्र व कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट अपलोड कर यात्रा पास हासिल करना होगा।
कोविड-19 का टेस्ट कराए बिना उत्तराखंड आने वाले लोग प्रदेश सरकार के नियमों के तहत सरकारी क्वारंटाईन सेंटर, होटल, गेस्ट हाउस अथवा रिश्तेदारी में क्वारंटीन अवधि पूरी करने के बाद ही यात्रा कर सकेंगे। ऐसे लोगो को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण के समय पहचान पत्र के साथ- साथ क्वारंटाईन अवधि पूरा करने का प्रमाण पत्र भी अपलोड करना होगा।
चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड ने यात्रियों को पूरी यात्रा के दौरान अपना पहचान पत्र व कोविड-19 की टेस्ट रिपोर्ट के ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स साथ रखना अनिवार्य किया है।
इस वेबसाइट पर कराना होगा पंजीकरण–
http://www.badrinath-kedarnath.gov.in
प्रतिदिन इतने यात्री जा सकते हैं इन धामों में –
श्री बद्रीनाथ – 1200
श्री केदारनाथ – 800
गंगोत्री – 600
यमुनोत्री – 400
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में डिजिटल माध्यम से त्रिस्तरीय पंचायतों (ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत) को 15वें वित्त आयोग के टाईड अनुदान की कुल 143.50 करोड़ धनराशि का डिजिटल हस्तान्तरण किया। यह धनराशि उत्तराखण्ड की 7791 ग्राम पंचायतों, 95 क्षेत्र पंचायतों एवं 13 जिला पंचायतों को दी गई।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि पंचायतों को धनराशि का डिजिटल स्थानान्तरण होने से कार्यों में तेजी व पारदर्शिता आयेगी। सरकारी सिस्टम के प्रति लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा। राज्य सरकार ग्रोथ सेंटर को बढ़ावा देने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है। इसमें पंचायतों एवं पंचायतीराज विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। राज्य सरकार का प्रयास है कि न्याय पंचायतों पर जो भी ग्रोथ सेंटर बने, उनकी अपनी अलग पहचान हो। प्रत्येक ग्रोथ सेंटर के उत्पादों की अच्छी ब्रांडिंग हो।
मुख्यमंत्री ने पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि पंचायतों में जो भी कार्य हो रहे हैं, उनकी जियो टैगिंग एवं जीआईएस मैपिंग की जाय। सभी कार्यों में मानकों एवं डिजायन का विशेष ध्यान रखा जाय। कार्यों की नियमित माॅनिटरिंग की जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि पचायतों की दी जाने वाली धनराशि का सही उपयोग हो। पंचायतों में पथ प्रकाश की व्यवस्था का ध्यान रखा जाय। जल संरक्षण से संबधित कार्यों में विशेषज्ञों से भी राय ली जाय। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि भारत सरकार द्वारा लागू प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया प्रोग्राम का उद्देश्य सरकारी सेवाओं को उन्नत करना, सरकारी योजनाओं की जानकारी ऑनलाइन पंहुचाना एवं ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देना है।
पंचायती राज विभाग के निदेशक एच.सी.सेमवाल ने बताया कि सभी त्रिस्तरीय पंचायतों को अपनी कार्य योजना ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर अपलोड करनी है और इसी पोर्टल के अनुरूप जियो टैगिंग व अन्य कार्य संपादित करने हैं। उन्होंने जानकारी दी कि वर्तमान में 7791 ग्राम पंचायतों में से 6773 ग्राम पंचायतों में ई-ग्राम स्वराज पोर्टल क्रियाशील हो चुकी हैं। 3554 ग्राम पंचायतों ने ऑनलाइन पेमेण्ट प्रारम्भ कर दिया है। इस पोर्टल के माध्यम से पंचायत को केन्द्रीय वित्त, राज्य वित्त व अन्य श्रोतों से प्राप्त धनराशि और पंचायत में कराये जा रहे विकास कार्यों की प्रगति के साथ-साथ अन्य जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
- डॉ लक्ष्मी भट्ट
गीत गजल दोहा चौपाई, मेरे बस की बात नहीं।
पल-पल तेरी याद रुबाई, मेरे बस की बात नहीं।।
सावन भीगूँ भादौ नाचूँ, तन मन में श्रृंगार भरूँ।
प्रेम मिलन हो सदा जुदाई, मेरे बस की बात नहीं।।
खुद मैं सबसे जुड़ी रही, सबको खुद से जोड़ा है।
ढाई आखर प्रेम लड़ाई, मेरे बस की बात नहीं।।
कस्तूरी संग जनम हुआ, खोज जगत में सदा रही।
पास हुई अब और पढ़ाई, मेरे बस की बात नहीं।।
सदा समर्पण भाव रहा, बहकावे में रही नहीं।
तू मेरा मैं रहूं पराई, मेरे बस की बात नहीं।।
( डॉ.लक्ष्मी भट्ट लेखिका व कवियत्री हैं। मंचों पर कविता प्रस्तुत करती हैं।)