72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के राजपथ में उत्तराखंड की ओर से केदारखंड की झांकी प्रदर्शित की गई। उत्तराखंड की झांकी का तालियों की गड़गड़ाहट से लोगों ने स्वागत किया। झांकी के अग्रभाग में उत्तराखण्ड का राज्य पशु कस्तूरी मृग दर्शाया गया था जो कि उत्तराखण्ड के वनाच्छादित हिम शिखरों में 3600 से 4400 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है। इसके साथ ही झांकी में प्रदेश का राज्य पक्षी मोनाल व राज्य पुष्प ब्रह्मकमल भी दिखाया गया था। मोनाल पक्षी व ब्रह्मकमल केदारखण्ड के साथ-साथ उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाते हैं।

झांकी के पिछले हिस्से में बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक केदारनाथ धाम की प्रतिकृति बनाई गयी थी। साथ में केदारनाथ धाम में यात्रियों को यात्रा करते हुए तथा श्रद्धालुओं को भक्ति में लीन दिखाया गया था। मंदिर के ठीक पीछे विशालकाय दिव्य शिला को प्रदर्शित किया गया था। इसी दिव्य शिला की वजह से वर्ष 2013 की आपदा में केदारनाथ मंदिर सुरक्षित रहा था। प्रदेश के सूचना व लोकसंपर्क विभाग के उपनिदेशक के.एस.चौहान के नेतृत्व में 12 सदस्यीय कलाकारों के दल ने झांकी में अपना प्रदर्शन किया।
मुख्यमंत्री ने ट्विटर व फेसबुक पर साझा किया वीडियो
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने राजपथ पर निकली प्रदेश की झांकी की ट्विटर व फेसबुक पर वीडियो साझा करते हुए कलाकारों को शुभकामनाएं दी हैं।
राजधानी देहरादून में राज्यपाल ने परेड की सलामी
देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित मुख्य समारोह में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने ध्वज फहरा कर परेड की सलामी ली। इस अवसर पर सेना, आईटीबीपी, पुलिस, पीएसी, होमगार्ड, पीआरडी के जवानों ने मार्चपास्ट करते हुए राज्यपाल को सलामी दी। राज्य के लोक कलाकारों ने सुन्दर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। समारोह में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, सांसद महारानी मालाराज्य लक्ष्मी शाह, नरेश बंसल, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजान दास, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार आदि उपस्थित थे।

ग्रीष्मकालीन राजधानी में विधानसभा अध्यक्ष ने फहराया तिरंगा
विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण स्थित विधानसभा परिसर में ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर अग्रवाल ने कोरोना काल में प्रधानमंत्री राहत कोष में 10 लाख रुपए का योगदान देने वाली चमोली जिले की देवकी भंडारी समेत विभिन्न विद्यालयों के 10 मेधावी छात्रों सम्मानित किया। कार्यक्रम में स्थानीय विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी, एडीएम अनिल चिनियाल, पुलिस क्षेत्राधिकारी विमल प्रसाद, समीर मिश्रा, अरुण मैठाणी, महावीर सिंह रावत आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने सरकारी आवास व भाजपा मुख्यालय में किया ध्वजारोहण
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास में ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उपस्थित अधिकारियों, कार्मिकों एवं पुलिस के जवानों को संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में भी ध्वजारोहण किया। कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय कुमार, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह व नरेश बंसल, विधायक खजानदास, विनय रुहेला, मधु भट्ट आदि उपस्थित।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुंभ पूरी तरह से ’बेदाग’ होगा। देश और दुनिया से जो श्रद्धालु यहां आएंगे हमारी सरकार उनकी हर अपेक्षा और आशंका पर पूर्ण रूप से खरी उतरेगी। इससे पहले मुख्यमंत्री ने लालतप्पड़ फ्लाई ओवर के साथ ही कुंभ मेला क्षेत्र में विभिन्न निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि सभी कार्य सुव्यवस्थित तरीके से किए जा रहे हैं और अपूर्ण कार्यों को समय पर पूरे करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं।
रविवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र, मुख्य सचिव ओमप्रकाश व अन्य अधिकारियों के साथ सड़क मार्ग से हरिद्वार पहुंचे। रास्ते में उन्होंने विभिन्न निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। हरिद्वार में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ मेला क्षेत्र में कुल 86 निर्माण कार्य स्वीकृत थे जिनमें से दो बाद में निरस्त किये गए थे। शेष 84 में से अधिकांश कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं। सभी कार्य बढ़िया और व्यवस्थित तरीके से किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना का संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है। कोरोना अब नए स्ट्रेन में संक्रमित हो रहा है। ऐसे में कुम्भ को दिव्य और भव्य के साथ सुरक्षित बनाना भी राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। इसके लिये केंद्र सरकार ने गाइडलाइन (SOP) जारी की है। एसओपी के मुताबिक ही कोरोना से बचाव के अनुकूल कुंभ की व्यवस्थाएं होंगी। कुंभ में श्रद्धालुओं को स्वच्छता, आस्था, धार्मिक परम्पराएं व लोक संस्कृति देखने को मिलेंगी। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कुंभ का आयोजन पूरे उत्साह और उमंग के साथ किया जाएगा।
स्वतंत्रता आंदोलन के दिनों में जिनकी एक पुकार पर हजारों महिलाओं ने अपने कीमती गहने अर्पित कर दिये, जिनके आह्नान पर हजारों युवक और युवतियाँ आजाद हिन्द फौज में भर्ती हो गये, उन नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का जन्म उड़ीसा की राजधानी कटक के एक मध्यमवर्गीय परिवार में 23 जनवरी, 1897 को हुआ था।
सुभाष के अंग्रेज भक्त पिता रायबहादुर जानकीनाथ चाहते थे कि वह अंग्रेजी आचार-विचार और शिक्षा को अपनाएँ। विदेश में जाकर पढ़ें तथा आई.सी.एस. बनकर अपने कुल का नाम रोशन करें; पर सुभाष की माता प्रभावती हिन्दुत्व और देश से प्रेम करने वाली महिला थीं। वे उन्हें 1857 के संग्राम तथा विवेकानन्द जैसे महापुरुषों की कहानियाँ सुनाती थीं। इससे सुभाष के मन में भी देश के लिए कुछ करने की भावना प्रबल हो उठी।
सुभाष ने कटक और कोलकाता से विभिन्न परीक्षाएँ उत्तीर्ण कीं। फिर पिताजी के आग्रह पर वे आई.सी.एस की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड चले गये। अपनी योग्यता और परिश्रम से उन्होंने लिखित परीक्षा में पूरे विश्वविद्यालय में चतुर्थ स्थान प्राप्त किया; पर उनके मन में ब्रिटिश शासन की सेवा करने की इच्छा नहीं थी। वे अध्यापक या पत्रकार बनना चाहते थे। बंगाल के स्वतन्त्रता सेनानी देशबन्धु चितरंजन दास से उनका पत्र-व्यवहार होता रहता था। उनके आग्रह पर वे भारत आकर कांग्रेस में शामिल हो गये।
कांग्रेस में उन दिनों गांधी जी और नेहरू जी की तूती बोल रही थी। उनके निर्देश पर सुभाष बाबू ने अनेक आन्दोलनों में भाग लिया और 12 बार जेल-यात्रा की। 1938 में गुजरात के हरिपुरा में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में वे कांग्रेस के अध्यक्ष बनाये गये; पर फिर उनके गांधी जी से कुछ मतभेद हो गये। गांधी जी चाहते थे कि प्रेम और अहिंसा से आजादी का आन्दोलन चलाया जाये; पर सुभाष बाबू उग्र साधनों को अपनाना चाहते थे। कांग्रेस के अधिकांश लोग सुभाष बाबू का समर्थन करते थे। युवक वर्ग तो उनका दीवाना ही था।
सुभाष बाबू ने अगले साल मध्य प्रदेश के त्रिपुरी में हुए अधिवेशन में फिर से अध्यक्ष बनना चाहा; पर गांधी जी ने पट्टाभि सीतारमैया को खड़ा कर दिया। सुभाष बाबू भारी बहुमत से चुनाव जीत गये। इससे गांधी जी के दिल को बहुत चोट लगी। आगे चलकर सुभाष बाबू ने जो भी कार्यक्रम हाथ में लेना चाहा, गांधी जी और नेहरू के गुट ने उसमें सहयोग नहीं दिया। इससे खिन्न होकर सुभाष बाबू ने अध्यक्ष पद के साथ ही कांग्रेस भी छोड़ दी।
अब उन्होंने ‘फारवर्ड ब्लाक’ की स्थापना की। कुछ ही समय में कांग्रेस की चमक इसके आगे फीकी पड़ गयी। इस पर अंग्रेज शासन ने सुभाष बाबू को पहले जेल में और फिर घर में नजरबन्द कर दिया; पर सुभाष बाबू वहाँ से निकल भागे। उन दिनों द्वितीय विश्व युद्ध के बादल मंडरा रहे थे। सुभाष बाबू ने अंग्रेजों के विरोधी देशों के सहयोग से भारत की स्वतन्त्रता का प्रयास किया। उन्होंने आजाद हिन्द फौज के सेनापति पद से जय हिन्द, चलो दिल्ली तथा तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा का नारा दिया; पर दुर्भाग्य से उनका यह प्रयास सफल नहीं हो पाया।
सुभाष बाबू का अन्त कैसे, कब और कहाँ हुआ, यह रहस्य ही है। कहा जाता है कि 18 अगस्त, 1945 को जापान में हुई एक विमान दुर्घटना में उनका देहान्त हो गया। यद्यपि अधिकांश तथ्य इसे झूठ सिद्ध करते हैं; पर उनकी मृत्यु के रहस्य से पूरा पर्दा उठना अभी बाकी है।
गुजरात के हरिपुरा में होगा विशेष कार्यक्रम
शनिवार को इस महान नेता की जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जाएगी। देश भर में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में से एक विशेष कार्यक्रम गुजरात के हरिपुरा में आयोजित होगा। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे।
हरिपुरा का नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के साथ एक विशेष संबंध रहा है। 1938 के ऐतिहासिक हरिपुरा अधिवेशन में नेताजी बोस ने कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद संभाला था। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि हरिपुरा में आयोजित होने वाला कार्यक्रम हमारे राष्ट्र के लिए नेताजी बोस के योगदान को एक श्रद्धांजलि होगी।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ‘धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020′ के तहत अशोका गार्डन थाने में पहला मामला दर्ज किया गया है। आरोपी ने धर्म छिपाकर एक लड़की से प्रेम प्रसंग किया। उसके बाद उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने लगा। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मामले में आरोपी असद ने न सिर्फ लड़की पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया, बल्कि जब लड़की ने उससे दूरी बनानी शुरू की तो उसने व्हाट्सएप्प के स्टेटस में चुनौती देते हुए एक दूसरी लड़की की फोटो के साथ लिखा “माई न्यू गर्ल फ्रेंड, और ये भी हिन्दू।” दूसरे स्टेटस में उसने लिखा “अब देखते हैं कौन भक्त आएगा बीच में…..” ये दो स्टेटस आरोपी युवक की विकृत मानसिकता को दर्शाते हैं।
एएसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया, आरोपी असद ने आशु बनकर छात्रा से दोस्ती की। आरोपी ने अपना धर्म छिपाकर उसके साथ कई बार दुष्कर्म भी किया। दोनों की दोस्ती वर्ष 2019 से थी। दोनों जब रायसेन गए, तब युवक के धर्म के बारे में लड़की को पता चला। इसके बाद आरोपी ने उस पर धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया। इतना ही नहीं, उसके साथ मारपीट भी की।
यह है पूरा मामला
पीड़िता मूलत: बालाघाट की रहने वाली 23 वर्षीय संगीता (बदला हुआ नाम) इंजीनियरिंग द्वितीय वर्ष की छात्रा है। वह अशोका गार्डन इलाके में किराये पर कमरा लेकर रहती है। वर्ष 2019 में वह जिस बस स्टॉप से बस पकड़ती थी, वहां एक 30 वर्षीय आशु नाम का युवक उसका पीछा कर बात करने की कोशिश करता था। वह अपने आप को मैकेनिकल इंजीनियर बताता था। नवंबर 2019 में धीरे- धीरे दोनों की दोस्ती हो गई।
12 दिसंबर, 2019 को आरोपी युवक छात्रा के घर पहुंचा और खुद को हिंदू बताकर उससे शादी करने की इच्छा जाहिर की और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद साल 2020 में मई महीने में आशु एक फंक्शन में गया था, उसी दौरान वह मस्जिद गया और मस्जिद में नमाज पढ़ने लगा। पीड़िता ने जब उससे पूछा तो उसने बताया कि वह मुस्लिम है और उसका असली नाम असद है। वह मैकेनिकल इंजीनियर नहीं, बल्कि एक साधारण मैकेनिक है। यह बात सुनकर पीड़िता ने आरोपी से कहा कि तुमने धोखा दिया है। इसके बाद युवती ने उससे दूरी बना ली। तो अक्तूबर 2020 में आरोपी ने छात्रा के साथ सड़क पर ही गाली-गलौज और मारपीट भी की। बीती 11 जनवरी को भी उसने युवती को रोका और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया।
मंगलवार को उसने युवती की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की। परेशान होकर युवती ने इसकी शिकायत भाजपा भोपाल जिला कार्यसमिति सदस्य संजय मिश्रा से की और उनके साथ अशोका गार्डन थाने पहुंची। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020’ के तहत मामला दर्ज किया। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी ऐशबाग भोपाल का रहने वाला है।
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते सचिवालय में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर लगी रोक को हटा दिया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर संक्रमण में आयी कमी के बाद सरकारी अथवा व्यक्तिगत कार्य से सचिवालय में आने वाले बाहरी आगन्तुकों व मीडियाकर्मियों को पूर्व की भांति कतिपय प्रतिबन्धों के साथ सचिवालय में प्रवेश हेतु अनुमति प्रदान की गई है।
कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत इसके रोकथाम एवं बचाव हेतु सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा गैर सरकारी बाहरी व्यक्तियों और मीडियाकर्मियों का सचिवालय में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया था।
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार सचिवालय में आने वाले आगुंतकों द्वारा मास्क/ फेस कवर का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाएगा। बगैर मास्क/फेस कवर के आगन्तुक को सचिवालय परिसर में प्रवेश की अनुमति नही दी जाएगी।
सचिवालय के मुख्य सुरक्षा अधिकारी का दायित्व होगा कि वह अपने अधीन सुरक्षा कर्मियों को निर्देश दें कि वे आगन्तुक को स्पष्ट अवगत कराएं कि जिस अधिकारी से भेंट हेतु प्रवेश पत्र दिया गया है उसी अधिकारी से भेंट करें। सचिवालय में अन्य अधिकारियों के कार्यालय में अनावश्यक प्रवेश न करें, शासकीय कार्यों में व्यवधान उत्पन्न न हो।
इस सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप में यह भी स्पष्ट किया गया है कि आगान्तुक पास जारी होने के समय से दो घण्टे की अवधि से अधिक समय तक सचिवालय परिसर में नहीं रहेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में ईज ऑफ डुईंग बिजनेस के अंतर्गत सकल राज्य घरेलु उत्पाद (GSDP) का अतिरिक्त 2 प्रतिशत ऋण का लाभ लिए जाने के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की। उन्होंने विभिन्न विभागों को तेजी से ईज ऑफ डुईंग बिजनेस में किए जाने वाले अपेक्षित सुधारों को पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि विभागों के स्तर पर जो सुधार किए जाने हैं, उन्हें अविलम्ब पूरा करें। उन्होंने वन नेशन वन राशन कार्ड में फेयर प्राईस शाॅप के डिजिटाईजेशन के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने शहरी विकास विभाग को सभी शहरी निकायों का मास्टर प्लान तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रोपर्टी टैक्स हेतु ऑनलाइन पेमेन्ट सिस्टम को शीघ्र शुरू किया जाए।
उन्होंने शहरी विकास विभाग को ऑटोमैटिक म्यूटेशन साॅफ्टवेयर और रजिस्ट्रेशन विभाग को पिछले 20 साल का रिकाॅर्ड ऑनलाइन करने को तेजी से कार्य करने के लिए भी कहा। उन्होंने टेंडरिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए इंटीग्रेटेड डैशबोर्ड तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव अमित नेगी, सचिन कुर्वे, हरबंस सिंह चुघ, दिलीप जावलकर, डाॅ पंकज कुमार पाण्डेय, सुशील कुमार, प्रभारी सचिव विनोद सुमन आदि उपस्थित थे।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 8 जनवरी को शुरू हुए पिछले सप्ताह के दौरान 534 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कर एक रिकॉर्ड बनाया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नितिन गडकरी ने सोमवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी है।
मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल 2020 से लेकर 15 जनवरी 2021 के दौरान 8,169 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया। यानी इस अवधि में मंत्रालय द्वारा प्रति दिन लगभग 28.16 किलोमीटर की गति से राजमार्गों का निर्माण किया गया। पिछले वित्त वर्ष में इसी अवधि के दौरान 26.11 किलोमीटर प्रति दिन की गति से 7,573 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया था।
मंत्रालय के अनुसार उसे उम्मीद है कि इस गति के साथ वह 31 मार्च तक 11,000 किलोमीटर सड़क के निर्माण के लक्ष्य को पार करने में सक्षम होगा।
मंत्रालय ने अप्रैल 2020 से इस वर्ष 15 जनवरी के दौरान 7,597 किलोमीटर की राष्ट्रीय राजमार्ग की परियोजनाओं को मंजूरी भी दी। वर्ष 2019-20 में, इसी अवधि के दौरान 3,474 किलोमीटर की परियोजनाओं को मंजूर किया गया था। इस प्रकार, इस वित्तीय वर्ष में मंजूरी देने की गति भी दोगुनी से अधिक हो गई है।
वर्ष 2019-20 में, कुल मिलाकर 8,948 किलोमीटर सड़क की परियोजनाओं को मंजूर किया गया, जबकि 10,237 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया।
जौहर विश्वविद्यालय की भूमि से संबंधित मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां को शनिवार को रामपुर के एडीएम कोर्ट से करारा झटका लगा। कोर्ट ने जौहर विवि की 70.05 हेक्टेयर जमीन उत्तर प्रदेश सरकार के नाम दर्ज करने का आदेश दिया है। यह जमीन अभी तक आजम खां के जौहर ट्रस्ट के नाम पर थी।
जौहर ट्रस्ट के नाम पर 2005 से लेकर अब तक लगभग 75.0563 हेक्टेयर जमीन खरीदी गई थी। मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार ने कैबिनेट के फैसले में जौहर ट्रस्ट द्वारा खरीदे जाने वाली जमीन पर स्टांप शुल्क से छूट दी थी। ट्रस्ट के नाम पर जो 70.005 हेक्टेयर जमीन खरीदी गई, उसके लिए स्टांप शुल्क का भुगतान नहीं किया गया। कैबिनेट से पारित प्रस्ताव में शर्त थी कि ट्रस्ट की ओर से लोकहित से जुड़े कार्य कराने होंगे। अल्पसंख्यक, गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देनी होगी। लेकिन, शर्तों का उल्लंघन हुआ।
करीब साल भर पहले रामपुर डीएम के आदेश पर एसडीएम सदर ने जौहर ट्रस्ट की इस जमीन की जांच की, जिसमें पाया गया कि जौहर ट्रस्ट ने जौहर विवि के लिए खरीदी 70.005 हेक्टेयर जमीन में शासन की शर्तों का उल्लंघन किया है। कोर्ट में जौहर ट्रस्ट की ओर से उनके अधिवक्ता ने दलील दी थी कि आरोप निराधार हैं।
जिला शासकीय अधिवक्ता अजय तिवारी ने बताया कि वर्ष 2005 में शासनादेश के तहत साढ़े बारह एकड़ से अधिक भूमि खरीदने की अनुमति सरकार ने प्रदान की थी। शासनादेश में जो शर्तें थीं, उसमें एक शर्त यह भी थी कि शासनादेश की किसी शर्त का उलंघन किया जाता है तो यह भूमि राज्य सरकार में निहित मानी जाएगी। एसडीएम की जांच में शासनादेश में दी गई शर्तों का उल्लंघन पाया गया।
अजय तिवारी ने बताया कि जमीन की खरीद के लिए शर्त थी कि इसका उपयोग चैरिटी के कार्यों के लिए होगा, जिसका उल्लंघन हुआ। इस मामले में एडीएम कोर्ट ने संबंधित भूमि राज्य सरकार में निहित करने के आदेश दिए हैं। एसडीएम सदर को आदेश दिए हैं कि वह इस भूमि पर कब्जा लेकर इसे अभिलेखों में इंद्राज कराएं।
जांच रिपोर्ट के अनुसार, जौहर ट्रस्ट की इस जमीन पर जौहर विश्वविद्यालय का काम चल रहा है, लेकिन पिछले दस वर्षों में चैरिटी का कोई कार्य न होने की बात भी सामने आई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ट्रस्ट को एक सीमा के तहत ही जमीन आवंटित की जा सकती है, लेकिन इस मामले में नियम-कायदों का उल्लंघन किया गया। तत्कालीन एसडीएम सदर ने जौहर ट्रस्ट मामले में जांच की थी। इस पर एडीएम कोर्ट में वाद दायर कराया गया था।
महाकुंभ के लिए तैयार हो रही धर्मनगरी हरिद्वार लोक परंपराओं व संस्कृति के रंगों से सराबोर हो उठी है। हरिद्वार में दीवारों पर उकेरा गया धार्मिक आस्था, लोक परंपराओं व पौराणिक संस्कृति का वैभव भी श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करेगा।

प्रदेश सरकार की ओर से धर्मनगरी को सजाने-संवारने के साथ ही स्वच्छ बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि “राज्य सरकार दिव्य और भव्य कुम्भ के लिए प्रतिबद्ध है। प्रयास किए जा रहे हैं कि कुंभ में यहां आने वाले लाखों श्रद्धालु उत्तराखण्ड की लोक व सांस्कृतिक विरासत से भी रूबरू हों।”

प्रदेश में देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण व संवर्धन के लिए सरकार गम्भीरता से प्रयास कर रही है। हरिद्वार कुंभ-2021 को भी इसके लिए मुफीद मौका माना जा रहा है। इसके लिए चित्रकला को जरिया बनाया गया है।

कुंभ क्षेत्र में सरकारी भवनों समेत पुल, घाट आदि की दीवारों को धार्मिक व पौराणिक मान्यताओं व संस्कृति के रंग बिखेरते चित्रों से सजाया गया है।

इसके पीछे मंशा यही है कि देश और दुनिया से आए श्रद्धालुओं के मन में आस्था का भाव तो जागृत हो ही, साथ ही वह यहां की परंपरा, संस्कृति और पौराणिक विरासत से भी रूबरू हो सके।

हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण के ‘पेंट माई सिटी’ कैम्पेन से धर्म नगरी की फिजा ही बदल दी गई है। कहीं देवी-देवताओं, धार्मिक परम्पराओं के तो, कहीं लोक संस्कृति के चित्र सजीवता लिए हुए हैं।

कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि कुंभ मेला क्षेत्र को चित्रकला से सजाने में विभिन्न संस्थाओं का सहयोग रहा है। सरकार की मंशा के अनुरूप मेक माय सिटी कैंपेन से धर्म नगरी में परंपराओं और संस्कृति के रंग भी देखने को मिलेंगे।

हरिद्वार कुंभ की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। प्रदेश सरकार की कोशिश है कि इस बार का कुंभ दिव्य और भव्य हो।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने किया डोईवाला विधानसभा की लगभग 70 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को लालतप्पड़ में आयोजित एक कार्यक्रम में डोईवाला विधानसभा की लगभग 70 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार ने बुनियादी सुविधाओं सड़क, बिजली, पानी एवं स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया है। राज्य बनने के बाद सड़कों के पुनर्निर्माण के लिए कभी 200 करोड़ से अधिक धनराशि कभी नहीं दी गई, पिछले पौने चार साल में 630 करोड़ की धनराशि दी गई।
उन्होंने कहा कि कोविड काल की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी सुनियोजित आर्थिक प्रबंधन से विकास के कार्यों को प्रभावित नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि 125 पुलों के निर्माण के लिए 350 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डोईवाला विधानसभा में इन चार सालों में केवल सड़कों व पुलों के ही 100 करोड़ रूपये से अधिक के कार्य हुए। भानियावाला से ऋषिकेश डबल लेन के कार्य के लिए जल्द स्वीकृति करवाई जायेगी। डोईवाला से बुल्लावाला, आशारोड़ी होते हुए सद्धोवाला तक डबल लेन सड़क बनाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। 06 करोड़ रूपये की लागत से लच्छीवाला में पार्क का डेवलपमेंट किया जा रहा है।

इस अवसर पर ऋषिकेश की मेयर अनिता ममगाईं, वन पंचायत सलाहकार परिषद के उपाध्यक्ष करन बोहरा, गढ़वाल मंडल विकास निगम के उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंघल, राजपाल सिंह, खेमपाल सिंह, माजरीग्रान्ट के मण्डल अध्यक्ष श्री राजकुमार, गुरूद्वारा प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष सरदार गुरदीप सिंह, जिलाधिकारी देहरादून आशीष श्रीवास्तव एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।