रक्षा अभियानों की कवरेज पर केंद्र सरकार सख्त, नियमों के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई..
उत्तराखंड: केंद्र सरकार ने रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों के कवरेज को लेकर सख्ती दिखाई है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी मीडिया चैनलों के लिए एक सख्त एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि किसी भी प्रकार के रक्षा ऑपरेशन या सुरक्षा बलों की मूवमेंट का लाइव प्रसारण नहीं किया जाएगा। मंत्रालय ने यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर उठाया है ताकि संवेदनशील सूचनाओं के लीक होने और सुरक्षा अभियानों के प्रभावित होने की आशंका को रोका जा सके। सरकार ने मीडिया संस्थानों से अपील की है कि वे जिम्मेदारी के साथ रिपोर्टिंग करें और देश की सुरक्षा से जुड़े मामलों में संयम बरतें।
सेना के ऑपरेशन की कवरेज पर पाबंदी..
देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए केंद्र सरकार ने मीडिया चैनलों के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार के रक्षा अभियानों या सुरक्षा बलों की मूवमेंट का लाइव प्रसारण नहीं किया जाएगा। मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि बिना अनुमति के ऐसे अभियानों का कवरेज राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है। सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि आतंकवाद विरोधी अभियानों की रिपोर्टिंग केवल अधिकृत अधिकारियों द्वारा समय-समय पर दी जाने वाली आधिकारिक जानकारी के आधार पर ही की जा सकती है। बता दे कि इससे पहले भी सरकार ने केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम 2021 के तहत ऐसे संवेदनशील प्रसारणों पर रोक के निर्देश जारी किए थे। अब एक बार फिर मंत्रालय ने सभी मीडिया संस्थानों से अपील की है कि वे जिम्मेदारीपूर्ण पत्रकारिता करते हुए सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर संयम बरतें और निर्धारित नियमों का कड़ाई से पालन करें।
मीडिया चैनलों के लिए जारी की एडवाइजरी..
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी मीडिया संस्थानों, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और पत्रकारों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए साफ निर्देश दिया है कि रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की मूवमेंट का लाइव प्रसारण सख्त रूप से प्रतिबंधित रहेगा। सरकार ने यह कदम करगिल युद्ध, 26/11 मुंबई हमला और कंधार विमान अपहरण जैसी घटनाओं से मिली सीख के आधार पर उठाया है, जहां मीडिया कवरेज के चलते अभियानों की संवेदनशील जानकारियां सार्वजनिक हो गई थीं। मंत्रालय ने सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स से राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता, जिम्मेदारी, और उच्चतम नैतिक मानदंडों को बनाए रखने की अपील की है। इसके साथ ही स्पष्ट चेतावनी भी दी गई है कि यदि कोई संस्था या व्यक्ति निर्धारित नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पहलगाम हमले के बाद धामी सरकार सख्त, पाक नागरिकों की पहचान और वापसी की कार्रवाई तेज..
उत्तराखंड: जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने शॉर्ट टर्म वीजा और मेडिकल वीजा पर आए पाकिस्तानी नागरिकों को जल्द से जल्द वापस भेजने के निर्देश दिए हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गृह विभाग ने इस संबंध में पुलिस मुख्यालय को औपचारिक पत्र भेजा है। बता दे कि बृहस्पतिवार को देहरादून में शॉर्ट टर्म वीजा पर रह रहे दो पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा गया। हरिद्वार में मौजूद एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक को भी शीघ्र वापस भेजा जाएगा। पहलगाम हमले के बाद पूरे देश में विदेशी नागरिकों की गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। उत्तराखंड सरकार ने भी प्रदेश की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह कदम उठाया है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में हुए आतंकी हमले के मद्देनज़र उत्तराखंड में पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान और वापसी की कार्रवाई तेज़ कर दी गई है। उनका कहना हैं कि इस संबंध में सीसीएस (कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी) की बैठक में लिए गए निर्णयों के तहत प्रदेश में सक्रियता बढ़ाई गई है। सीएम ने पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया है कि राज्य में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को त्वरित रूप से चिह्नित कर, उन्हें वापस भेजने की कार्रवाई तुरंत सुनिश्चित की जाए। इससे पहले देहरादून में दो पाक नागरिक वापस भेजे जा चुके हैं, जबकि हरिद्वार में रह रहे एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक की वापसी प्रक्रिया जारी है।
प्रदेश में पाकिस्तानी नागरिकों को जारी वीजा के संबंध में मुख्यमंत्री के निर्देश में अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती की ओर से पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना व सुरक्षा के साथ आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल व कुमाऊं को प्रेषित पत्र भेजा गया है। पत्र में बताया गया है कि विदेश मंत्रालय भारत सरकार ने आतंकी घटना के मद्देनजर पाकिस्तानी नागरिकों के लिए जारी वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को दिए गए सभी वैध वीजा को 27 अप्रैल से निरस्त कर दिया है। जबकि, मेडिकल वीजा केवल 29 अप्रैल तक वैध रहेंगे। उधर, पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार देहरादून में रह रहे दो पाक नागरिकों को बृहस्पतिवार को वापस भेज दिया गया था। जबकि, एक हरिद्वार में रह रहा है। उसे भी शुक्रवार रात या शनिवार को रवाना कर दिया जाएगा। प्रदेश में मेडिकल वीजा पर कोई भी पाकिस्तानी नहीं रह रहा है। डीजीपी दीपम सेठ ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद सभी कार्रवाई तेज कर दी गई हैं। सभी जिलों से लगातार रिपोर्ट भी ली जा रही है।
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी श्रद्धालुओं की चारधाम यात्रा पर लगा ब्रेक, 77 ने कराया था पंजीकरण..
उत्तराखंड: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले का असर अब उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पर भी दिखाई देने लगा है। इस हमले के बाद पाकिस्तानी हिंदू श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा का रास्ता बंद कर दिया गया है। इस वर्ष पाकिस्तान से कुल 77 श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा, केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए पंजीकरण कराया था, लेकिन अब उन्हें यात्रा की अनुमति नहीं मिल पाएगी। इस बार विदेशी श्रद्धालुओं में सबसे ज्यादा पंजीकरण संयुक्त राज्य अमेरिका, नेपाल और मलेशिया से किये गए हैं। चारधाम यात्रा को लेकर इस बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उत्साह दिखा है, लेकिन सुरक्षा कारणों से पाकिस्तानी नागरिकों की भागीदारी पर रोक लगाई गई है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने विदेशी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है। विशेष रूप से पाकिस्तान से आने वाले तीर्थयात्रियों पर रोक, संवेदनशीलता और सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखकर लगाई गई है।
30 अप्रैल से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण का आंकड़ा 21 लाख पार हो चुका है। इसमें विदेशों से 24729 यात्रियों ने यात्रा पर आने के लिए पंजीकरण कराया है। इसमें पाकिस्तान से पंजीकरण करने वालों की संख्या 77 है। पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले से पूरे देश में आक्रोश है। केंद्र सरकार ने पाकिस्तान से आने वाले लोगों को वीजा न देने के साथ भारत में रह रहे पाकिस्तानी लोगों को 48 घंटे के भीतर वापस लौटने का सख्त निर्णय लिया है।
पहलगाम आतंकी घटना ने चारधाम यात्रा पर आने के लिए पाकिस्तानी हिंदुओं के अरमानों पर पानी फेर दिया। पंजीकरण करने वाले पाकिस्तानी अब चारधाम यात्रा नहीं कर सकेंगे। जबकि अन्य देशों के यात्री अपने यात्रा प्लान के अनुसार चारधामों के दर्शन कर सकते हैं। पर्यटन विभाग के पंजीकरण आंकड़ों के अनुसार यूएस, नेपाल, मलेशिया से पंजीकरण करने वाले यात्रियों की संख्या सबसे अधिक है। अब तक लगभग 100 से अधिक देशों के लोगों ने चारधाम यात्रा पर आने के लिए पंजीकरण कराया है।
पुलिस व्यवस्था को मिला नया आकार, 58 थानों को मिली कोतवाली की मान्यता..
उत्तराखंड: उत्तराखंड की कानून व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। प्रदेश सरकार ने 58 थानों को कोतवाली में अपग्रेड करने का आदेश जारी कर दिया है। इससे अब इन स्थानों पर इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी तैनात होंगे। राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार अब प्रदेश में कोतवाली यानी एसएचओ स्तर की पुलिस इकाइयों की संख्या 112 हो गई है। राजधानी देहरादून के सात थाने भी इस बदलाव का हिस्सा हैं। इन थानों में अब इंस्पेक्टर स्तर के अनुभवी अधिकारी प्रभारी होंगे, जिससे स्थानीय स्तर पर शिकायतों का निस्तारण तेज और प्रभावी होगा। साथ ही, क्राइम इन्वेस्टिगेशन और संसाधनों के उपयोग में भी सुधार की उम्मीद है। सरकार के इस कदम को सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती के रूप में देखा जा रहा है। उम्मीद है कि इससे न केवल पुलिस की जवाबदेही बढ़ेगी, बल्कि आम जनता को भी त्वरित और प्रभावशाली सेवा मिलेगी।
बता दें कि पुलिस मुख्यालय ने पिछले साल फरवरी में ही थानों के उच्चीकरण का प्रस्ताव शासन को भेजा था। इस प्रस्ताव पर गहन विचार-विमर्श हुआ और फिर इसे कैबिनेट के पटल पर रखा गया। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने खुद इस प्रस्ताव पर गृह विभाग और पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी। सरकार की मंशा साफ थी राज्य में कानून व्यवस्था को आधुनिक और जवाबदेह बनाना। हाल ही में हुई राज्य कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को औपचारिक मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही, राज्य में अब कोतवाली स्तर की पुलिस इकाइयों की संख्या 112 हो गई है। देहरादून के सात प्रमुख थानों को भी इस बदलाव में शामिल किया गया है, जिससे शहरी क्षेत्रों में अपराध नियंत्रण और नागरिक सेवाएं और बेहतर होंगी।
पुलिस की ओर से इन थानों के उच्चीकरण करने के लिए चारधाम यात्रा, कानून व्यवस्था, अपराध और धरना प्रदर्शन का हवाला दिया था। अब गुरुवार को शासन ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही अब इन नए इंस्पेक्टर के पद पर पदोन्नति की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इससे प्रदेश के कई उन दरोगाओं को लाभ होगा जो लंबे समय से इंस्पेक्टर पद पर पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं।
ये थाने बने कोतवाली..
जनपद देहरादून – नेहरू कॉलोनी, रायपुर, राजपुर, रायवाला, सहसपुर, कालसी, प्रेमनगर, चकराता
जनपद हरिद्वार – श्यामपुर, कनखल, पथरी, बहादराबाद, भगवानपुर, झबरेड़ा, खानपुर, कलियर, सिडकुल
जनपद उत्तरकाशी – उत्तरकाशी कोतवाली, धरासू, बड़कोट, हर्षिल
जनपद टिहरी – चम्बा, नरेंद्रनगर, देवप्रयाग, घनसाली, कैम्पटी
जनपद चमोली – गोपेश्वर, गोविंदघाट, गैरसैंण
जनपद रुद्रप्रयाग – उखीमठ, गुप्तकाशी, अगस्तमुनि
जनपद पौड़ी – श्रीनगर (महिला थाना), लक्ष्मणझूला
जनपद नैनीताल – काठगोदाम, कालाढूंगी, तल्लीताल, भीमताल, मुक्तेश्वर, मुखानी, वनभूलपूरा
जनपद उधमसिंहनगर – कुंडा, गदरपुर, पंतनगर, नानकमत्ता, ट्रांजिट कैम्प, आईटीआई
जनपद अल्मोड़ा – द्वाराहाट, सोमेश्वर, चौखुटिया, महिला थाना
जनपद बागेश्वर – बैजनाथ, कौसानी
जनपद पिथौरागढ़ – बेरीनाग, झूलाघाट, मुनस्यारी, गंगोलीहाट
जनपद चंपावत – टनकपुर
चारधाम यात्रा के साथ बढ़ेगी बिजली की खपत, यूपीसीएल ने कसी कमर, 24×7 सप्लाई की तैयारी..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा शुरू होते ही उत्तराखंड में बिजली की मांग में 8 से 10 मेगावाट तक की बढ़ोतरी संभावित है। इस बढ़ी हुई मांग को देखते हुए उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की तैयारियों को तेज कर दिया है। जैसे ही यात्रा शुरू होती है, प्रदेश के यात्रा मार्ग, होटल, रेस्त्रां और धार्मिक स्थलों के आसपास का पूरा क्षेत्र बिजली की रोशनी से जगमगा उठता है। इससे यात्रियों को न सिर्फ सुविधा मिलती है, बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी यह अहम भूमिका निभाता है। UPCL ने स्पष्ट किया है कि चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी तरह की बिजली कटौती से बचने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। विद्युत निगम के अधिकारी लगातार यात्रा मार्गों की निगरानी कर रहे हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। बिजली विभाग ने यात्रा मार्गों पर लगे ट्रांसफॉर्मरों, लाइन नेटवर्क और उपकेंद्रों की जांच और आवश्यक मरम्मत पहले ही शुरू कर दी है। फील्ड टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है, ताकि किसी भी फॉल्ट या रुकावट की स्थिति में तुरंत समाधान किया जा सके।
सामान्य दिनों के मुकाबले यूपीसीएल के लिए बिजली की मांग का आंकड़ा भी बढ़ जाता है। बदरीनाथ के कपाट खुलने के बाद बिजली की मांग में 2.5 मेगावाट, केदारनाथ में 2 मेगावाट, गंगोत्री में 1.5 मेगावाट, यमुनोत्री में 2 मेगावाट, हेमकुंड साहिब में करीब 2 मेगावाट बढ़ जाती है। बद्रीनाथ और केदारनाथ में आपूर्ति की लाइनें 21-21 किलोमीटर लंबी है।
ये हैं तैयारियां
केदारनाथ धाम में 200 किलोवाट की लघु जल विद्युत परियोजना की मरम्मत का काम पूरा करके 25 अप्रैल तक उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। 33 केवी गुप्तकाशी से सोनप्रयाग तक 33 केवी, 11 केवी लाइन की लॉपिंग चौपिंग पूरी।
गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक क्षतिग्रस्त 11 केवी लाइन, एलटी लाइन, स्ट्रीट लाइट लाइन की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है। गुप्तकाशी-सोनप्रयाग लाइन और 33 केवी सब स्टेशन की क्षमता में वृद्धि का काम पूरा। धाम में आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए गौरीकुंड से केदारनाथ तक विभिन्न स्थानों पर दो सहायक अभियंता, पांच अवर अभियंता तैनात किए जा रहे हैं। विभिन्न स्थानों पर 26 मजूदरों को भी तैनात किया गया है।
केदारनाथ धाम के लिए रुद्रप्रयाग में तीन अतिरिक्त स्त्रोतों से बिजली की आपूर्ति दी जाएगी। ताकि एक जगह बाधा आने पर दूसरी लाइन से आपूर्ति की जा सके।
बद्रीनाथ धाम में 1300 किलोवाट की लघु जल विद्युत परियोजना है, जिससे धाम में बिजली दी जाती है। धाम की आंतरिक प्रकाश व्यवस्था 25 केवीए के जेनरेटर से की जाती है। यहां भी लाइनों की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है। अत्यधिक लोड बढ़ने पर लो वोल्टेज की स्थिति से निपटने के लिए बदरीनाथ में 33 केवी का नया सब स्टेशन बनेगा, जिसके लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया चल रही है। पांडुकेश्वर सब स्टेशन की क्षमता वृद्धि का काम 25 अप्रैल तक पूरा कर लिया जाएगा।
गंगोत्री और यमुनोत्री में भी यूपीसीएल ने लाइनों की मरम्मत का काम पूरा कर लिया है। यमुनोत्री में दो ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। पहले यहां पांच किमी दूर से एलटी लाइन आती थी। अब 24 घंटे आपूर्ति के लिए योजना पर काम किया जा रहा है।
चारों धाम में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी व्यवस्थाएं चौबंद की जा रही हैं। चारों धाम में इंजीनियरों की ड्यूटी लगाने के साथ ही आकस्मिकता की स्थिति के लिए ट्रांसफार्मर, पोल व अन्य उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।
वर्ष 2030 तक 3.3 गीगा टन कार्बन उत्सर्जन में आएगी भारी कमी: डॉ. केके पंत..
उत्तराखंड: आईआईटी रुड़की के निदेशक डॉ. केके पंत ने कहा है कि 2030 तक वैश्विक कार्बन उत्सर्जन के करीब एक तिहाई हिस्से को कम करने की दिशा में वैज्ञानिक संस्थान गंभीरता से काम कर रहे हैं। वह भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी) में भविष्य की ऊर्जा जरूरतों और पर्यावरणीय चुनौतियों पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि ज्यादा कार्बन उत्सर्जन करने वाले माध्यमों से निकलने वाले कार्बन को उपयोगी बनाने की दिशा में नवाचार आवश्यक हैं। साथ ही हरित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना समय की जरूरत है।
आईआईटी रुड़की के निदेशक डॉ. केके पंत ने ऊर्जा क्षेत्र की भविष्य की चुनौतियों पर चिंता जताते हुए कहा कि वर्ष 2030 तक देश में प्रतिवर्ष होने वाला 3.3 गीगा टन कार्बन उत्सर्जन का एक तिहाई कम कर दिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि यह लक्ष्य समय से पहले भी हासिल हो सकता है। आईआईपी (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम) में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि 2030 तक देश को 1000 गीगावाट ऊर्जा की आवश्यकता होगी, जिसमें से 500 गीगावाट ऊर्जा नवीकरणीय स्रोतों से और शेष कोयले जैसे पारंपरिक माध्यमों से प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती इस दौरान उत्पन्न होने वाले कार्बन को साफ और उपयोगी बनाना होगा। इस दिशा में वैज्ञानिक संस्थान कार्बन कैप्चर और लो कार्बन उत्पादों पर तेजी से काम कर रहे हैं।
इंडस्ट्री और यूनिवर्सिटी को मिलकर काम करना होगा..
डॉ. केके पंत ने कहा कि क्रूड ऑयल या अन्य ज्यादा कार्बन उत्सर्जन वाले क्षेत्रों में भारी मात्रा में कार्बन निकलता है। यहां की कार्बन डाई ऑक्साइड को एकत्र करने, पुन: उपयोग करने की बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि हमें विश्व से तुलना करनी है। चीन तकनीकी में आगे बढ़ रहा है तो हम भी अब पीछे नहीं रहेंगे। हरित और सतत ऊर्जा उत्पादन के लिए इंडस्ट्री और यूनिवर्सिटी को मिलकर काम करना होगा।
आईआईटी रुड़की कई स्तर पर कर रहा काम..
आईआईटी रुड़की भी इस दिशा में कई स्तर पर काम कर रहा है। डॉ. पंत ने बताया कि कार्बन डाई ऑक्साइड से मेथेनॉल, डाईमिथाइल बनाने का काम शुरू हो चुका है। बायोमास से बायो ऑयल और इससे जेट फ्यूल बनाने, बायोमास जैसे पिरूल से बायो ऑयल, बायोमास से बैटरी में इस्तेमाल होने वाली ग्रेफाइट आदि बनाने का काम प्रयोगशाला स्तर पर चल रहा है। कहा, अगर 12 से 15 किलो बायोमास से 150 से 180 रुपये कीमत का एक किलो हाइड्रोजन बनता है तो यह फायदे का सौदा हो सकता है।
चारधाम यात्रा से पहले अलर्ट मोड पर उत्तराखंड, सोशल मीडिया इनपुट से लेकर सीमावर्ती राज्यों से समन्वय तक सुरक्षा पुख्ता..
उत्तराखंड: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उत्तराखंड में भी सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। पुलिस ने रातभर चेकिंग अभियान चलाया और अब दिन में भी बॉर्डर क्षेत्रों के साथ-साथ पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर सघन चेकिंग की जा रही है। सरकार की ओर से सभी संवेदनशील स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने और अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा से पहले सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। यात्रा मार्गों पर विभिन्न स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही खुफिया तंत्र को भी अति सक्रिय करते हुए हर छोटी-बड़ी सूचना को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए गए हैं। चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू हो रही है और प्रशासन ने तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है।
हर साल चारधाम यात्रा और प्रमुख धार्मिक आयोजनों के दौरान धमकी जैसे इनपुट्स सामने आते हैं, जिससे पुलिस और खुफिया एजेंसियां पहले से ही अलर्ट रहती हैं। लेकिन हालिया पहलगाम आतंकी हमले के बाद उत्तराखंड में सुरक्षा और अधिक कड़ी कर दी गई है। इंटेलिजेंस सूत्रों के अनुसार चारधाम यात्रा के साथ ही राज्य के सभी प्रमुख पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती और सतर्कता बढ़ा दी गई है। पुलिस और खुफिया तंत्र को किसी भी इनपुट को नजरअंदाज न करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
बॉर्डर क्षेत्रों में भी अतिरिक्त पुलिस बल तैनात..
चारधाम यात्रा के मद्देनज़र सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से मिलने वाली जानकारियों को गंभीरता से लेते हुए इंटेलिजेंस और पुलिस विभाग को इनपुट जुटाने के निर्देश दिए गए हैं। बॉर्डर क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। साथ ही सीमावर्ती राज्यों के साथ सूचना आदान-प्रदान को लेकर समन्वय बढ़ाया जा रहा है, ताकि किसी भी प्रकार की आशंका को समय रहते रोका जा सके। बता दें कि चारधाम के अलावा देहरादून, मसूरी, टिहरी, नैनीताल आदि जगहों पर लाखों की तादाद में सैलानी आते हैं। इनकी सुरक्षा में भी कोई चूक न हो इसके लिए भी अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। इंटेलीजेंस को राष्ट्रीय एजेंसियों के लगातार संपर्क में रहने के लिए भी कहा गया है। ताकि, हर प्रकार की सूचनाओं का आदान प्रदान हो सके। इसी के मद्देनजर राज्य में भी सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता की जाएगी। समय-समय पर हरिद्वार रेलवे स्टेशन, देहरादून के विभिन्न सैन्य संस्थान, टिहरी बांध आदि पर हमले की धमकियां मिलती हैं। इन्हें गंभीरता से लेते हुए पुलिस कार्रवाई भी करती है। इनमें कुछ असामाजिक तत्वों की संलिप्तता की बात भी सामने आती है।
कक्षा 11 में छात्रों को अनुत्तीर्ण करने पर बाल आयोग सख्त, सभी छात्रों को 12वीं में प्रोन्नत करने के निर्देश..
उत्तराखंड: बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मंगलवार को एक निजी विद्यालय में बड़ी संख्या में कक्षा 11 के छात्रों को अनुत्तीर्ण किए जाने की शिकायत पर सख्त रुख अपनाया है। आयोग के अनुसार छात्रों को फेल करने का यह निर्णय न केवल बच्चों के भविष्य पर प्रभाव डालता है, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर डाल सकता है। डॉ. गीता खन्ना ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य बच्चों को प्रोत्साहित करना है, न कि उन्हें हतोत्साहित करना। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत किसी भी बच्चे को बिना उचित कारण के फेल नहीं किया जा सकता। सभी छात्रों को तत्काल प्रभाव से कक्षा 12 में प्रोन्नत किया जाए, साथ ही उनकी वास्तविक शैक्षणिक योग्यता और मानसिक स्थिति का आकलन किया जाएगा। आयोग ने स्कूल से पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट भी तलब की है और चेतावनी दी है कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आयोग ने पूरे प्रकरण पर गंभीर चिंता जताई। यह भी निर्देश दिया कि छात्रों की वास्तविक शैक्षणिक योग्यता और मानसिक स्थिति का आकलन करने के लिए आयोग की निगरानी में योग्यता परीक्षण आयोजित किया जाएगा। इसमें यदि कोई छात्र उपयुक्त नहीं पाया जाता है, तो उस पर विचार के बाद निर्णय लिया जाएगा। आयोग के सामने अभिभावकों ने शिकायत दर्ज करवाई है कि विद्यालय ने छात्रों के गिरते शैक्षणिक स्तर के कारणों पर ध्यान नहीं दिया। न ही उन्हें मानसिक, भावनात्मक या स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए पेशेवर परामर्शदाता उपलब्ध कराए गए। यह भी आरोप लगाया कि विद्यालय के शिक्षक निजी ट्यूशन दे रहे हैं, जिसकी जानकारी स्कूल प्रशासन को पहले से है। इस कारण एक शिक्षक को पूर्व में बर्खास्त भी किया जा चुका है।
अन्य मामलों में भी हुई सुनवाई..
इस दौरान एक सोसाइटी से संबंधित मामला भी आयोग के संज्ञान में आया है, जिसमें संस्था की ओर से निशुल्क शिक्षा प्रदान किए जाने के बावजूद परिवार के व्यवहार को देखते हुए संस्था ने छात्रवृत्ति बंद करने की बात कही है। आयोग इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोनों पक्षों के तथ्य जानकर उचित निर्णय लेगा। इसके अतिरिक्त विकासनगर क्षेत्र में एक नाबालिग बच्ची के साथ कथित मारपीट के मामले में भी आयोग ने पुलिस विभाग से आख्या तलब की है।
घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कॉलेज में अनियमितताओं की होगी जांच, CM धामी ने SIT के गठन के दिए निर्देश..
उत्तराखंड: सीएम धामी ने पौड़ी जिले के घुड़दौड़ी स्थित गोविंद बल्लभ पंत इंजीनियरिंग कॉलेज में नियुक्तियों, पदोन्नतियों और अन्य प्रशासनिक मामलों में अनियमितताओं को लेकर विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। सीएम का कहना है कि इन मामलों की निष्पक्ष जांच के लिए नए सिरे से एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया जाए। SIT पूरे मामले की गहराई से जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। सरकार का उद्देश्य है कि शैक्षिक संस्थानों में पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित किया जाए। जल्द ही SIT का गठन कर जांच प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
सीएम धामी ने मंगलवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में राज्य के इंजीनियरिंग संस्थानों की समीक्षा के दौरान पिथौरागढ़ के मड़धूरा में बने नन्हीं परी सीमांत इंजीनियरिंग संस्थान को लेकर गंभीर नाराजगी जताई। सीएम ने सवाल उठाया कि जब संस्थान के भवन में आज तक कक्षाएं शुरू नहीं हुईं, तो फिर इस स्थान का चयन किस आधार पर किया गया? उनका कहना हैं कि क्या मड़धूरा का स्थान इंजीनियरिंग संस्थान के लिए उपयुक्त था? अगर नहीं, तो इस स्थान पर संस्थान बनाने का निर्णय क्यों और किसने लिया? सीएम धामी ने पूरे मामले की विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य के संसाधनों के दुरुपयोग की किसी भी स्थिति में अनदेखी नहीं की जाएगी।
सीएम धामी ने मंगलवार को सचिवालय में इंजीनियरिंग संस्थानों की समीक्षा बैठक के दौरान पिथौरागढ़ के मड़धूरा में बने सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने सवाल किया कि जब भवन पर लगभग 15 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, तो अब तक कक्षाओं का संचालन वहां क्यों शुरू नहीं हुआ है? बैठक में जानकारी दी गई कि कॉलेज फिलहाल जीआईसी (राजकीय इंटर कॉलेज) के भवन से संचालित हो रहा है, जबकि मड़धूरा में बने भवन का कोई उपयोग नहीं हो रहा। इस पर मुख्यमंत्री ने जवाबदेही तय करने और विस्तृत जांच कराने के निर्देश दिए।
तय मानकों के अनुसार फैकल्टी की तैनाती हो..
सीएम ने कहा कि इंजीनियरिंग संस्थानों को राष्ट्रीय स्तर पर विकसित करने के लिए योग्य फैकल्टी, अवस्थापना, आधुनिक लैब और अन्य सुविधाएं जुटाएं। युवाओं को उद्योग जगत की मांग के अनुसार दक्ष बनाएं। राज्य के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए बेहतर सड़क कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित करें। तय मानकों के अनुसार फैकल्टी की तैनाती की जाए।
भर्ती प्रक्रिया और छात्रों के कम पंजीकरण पर नाराजगी जताई..
सीएम ने इंजीनियरिंग कॉलेजों में भर्ती प्रक्रिया के लिए बनाई गई व्यवस्था के अनुसार भर्तियां न होने पर नाराजगी व्यक्त की। वह छात्र पंजीकरण की कमी से नाराज थे। कहा कि बच्चों को कैंपस से ही प्लेसमेंट के लिए भी अच्छी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
चारधाम यात्रा के लिए हर उम्र के श्रद्धालु उत्साहित, 28 अप्रैल से शुरू होगा ऑफलाइन पंजीकरण..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। ऑनलाइन पंजीकरण के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं। एक माह की अवधि में 0 से 15 वर्ष की आयु वर्ग में 1,11,298 बच्चों ने यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है। वहीं, 60 वर्ष से अधिक आयु वाले 2.58 लाख से अधिक श्रद्धालु भी यात्रा के लिए पंजीकृत हो चुके हैं। युवाओं में भी चारधाम यात्रा को लेकर खासा जोश है, जिससे स्पष्ट है कि इस बार की यात्रा में हर उम्र वर्ग की भागीदारी देखने को मिलेगी। सरकार और प्रशासन द्वारा यात्रा मार्गों और सुविधाओं को लेकर तैयारियां भी तेजी से की जा रही हैं, जिससे सभी यात्रियों को सुगम और सुरक्षित यात्रा अनुभव मिल सके।
चारधाम यात्रा में हर साल तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ रही है। समय के साथ यात्रा का स्वरूप भी बदल रहा है। अब यात्रा में आने के लिए बच्चे, बूढ़े और जवान सब आतुर हैं। पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर एक माह में हुए ऑनलाइन पंजीकरण के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं। ऑनलाइन पंजीकरण का आंकड़ा 19 लाख पार कर चुका है। इसमें सबसे अधिक संख्या 20 से 70 वर्ष आयु वर्ग के यात्रियों ने पंजीकरण कराया है। इसके अलावा 0 से 5 साल आयु वर्ग में 14256 और 90 वर्ष ऊपर के 62 यात्री भी यात्रा करने को तैयार हैं।
यात्रा पंजीकरण के नोडल अधिकारी योगेंद्र गंगवार ने जानकारी दी कि ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया सुचारु रूप से जारी है और सभी आयु वर्ग के लोग इसमें भाग ले रहे हैं। अब तक लाखों श्रद्धालु पंजीकरण करा चुके हैं। उनका कहना हैं कि 28 अप्रैल से ऑफलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी, जिससे उन लोगों को राहत मिलेगी जो ऑनलाइन पंजीकरण नहीं करवा पा रहे हैं। प्रशासन यात्रा की तैयारियों में लगातार जुटा हुआ है ताकि श्रद्धालुओं को सुगम और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिल सके।