10 अक्तूबर को शीतकाल के लिए बंद होंगे हेमकुंड साहिब के कपाट
चमोली। सिख श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र हेमकुंड साहिब इन दिनों श्रद्धालुओं से गुलजार है। 25 मई से शुरू हुई यात्रा के दौरान अब तक 2.28 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र स्थल पर मत्था टेक चुके हैं। हर वर्ष की तरह इस बार भी यात्रा को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।
बारिश और दुर्गम रास्तों के बावजूद श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहां पहुंच रहे हैं। इन दिनों हेमकुंड घाटी का प्राकृतिक सौंदर्य भी श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है। हिम सरोवर के चारों ओर खिले ब्रह्मकमल और अन्य दुर्लभ फूलों की छटा देखने लायक है।
हेमकुंड साहिब प्रबंधक ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा के अनुसार, इस बार यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि 10 अक्तूबर को हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए विधिवत रूप से बंद कर दिए जाएंगे।
भागदौड़ और तनाव से भरी इस ज़िंदगी में कभी-कभी अचानक चक्कर आना या सिर घूमने जैसा महसूस होना आम बात लग सकती है। अक्सर लोग इसे कमजोरी, थकान या नींद की कमी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन अगर यह लक्षण बार-बार या बिना किसी स्पष्ट कारण के हो रहे हैं, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है—जैसे कि वर्टिगो।
वर्टिगो क्या है?
वर्टिगो एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है कि उसके चारों ओर की दुनिया घूम रही है, जबकि वह खुद स्थिर होता है। यह सिर्फ सामान्य चक्कर नहीं है, बल्कि एक असंतुलन की स्थिति है जो व्यक्ति की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है।
यह समस्या आमतौर पर आंतरिक कान से जुड़ी होती है। हमारे कानों में एक जटिल प्रणाली होती है जो शरीर का संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। वर्टिगो का सबसे सामान्य रूप बीपीपीवी (बेनाइन पैरॉक्सिस्मल पोजिशनल वर्टिगो) होता है, जिसमें कान के अंदर मौजूद सूक्ष्म कैल्शियम कण अपनी जगह से हट जाते हैं और संतुलन बिगाड़ देते हैं।
वर्टिगो के सामान्य लक्षण
सिर की स्थिति बदलते समय अचानक चक्कर आना
बिस्तर पर करवट लेते या उठते समय सिर घूमना
संतुलन खो जाना या गिरने जैसा एहसास
आंखों का अनियंत्रित गति से हिलना (निस्टैग्मस)
मतली या उल्टी महसूस होना
ये लक्षण कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक रह सकते हैं और व्यक्ति को असहज, घबराया और थका हुआ महसूस करा सकते हैं।
कब सतर्क होना जरूरी है?
यदि आपको बार-बार चक्कर आने, संतुलन बिगड़ने या उलझन जैसी समस्या हो रही है, तो इसे हल्के में न लें। हालांकि बीपीपीवी का इलाज संभव है, लेकिन कभी-कभी यह लक्षण किसी और बड़ी स्वास्थ्य समस्या जैसे स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का भी संकेत हो सकते हैं।
उपचार और समाधान
वर्टिगो का इलाज आमतौर पर बिना दवा के भी संभव है। डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा किया जाने वाला ‘एपली मैन्युवर’ (Epley Maneuver) एक प्रभावशाली तकनीक है, जिससे कान के अंदर खिसके हुए कणों को उनकी सही जगह पर वापस लाया जाता है। इस थेरेपी से अधिकांश मरीजों को कुछ ही सत्रों में राहत मिल जाती है।
इसके अलावा, कुछ मामलों में डॉक्टर दवाएं या विशेष व्यायाम भी सुझा सकते हैं।
निष्कर्ष:
बार-बार चक्कर आना सिर्फ एक साधारण लक्षण नहीं है। यह आपके शरीर द्वारा दिया गया संकेत हो सकता है कि कुछ गंभीर गड़बड़ी हो रही है। इसलिए, ऐसे लक्षण दिखने पर जल्द से जल्द किसी कान, नाक, गला (ENT) विशेषज्ञ या न्यूरोलॉजिस्ट से सलाह जरूर लें।
(साभार)
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त जारी
उत्तराखंड के 8.28 लाख किसानों को मिले 184.25 करोड़ रुपये
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को वाराणसी से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त के तहत देश के 09 करोड़ 71 लाख से अधिक किसानों के खातों में कुल 20 हजार 500 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि का डिजिटल हस्तांतरण किया। इसके तहत उत्तराखण्ड के 08 लाख 28 हजार 787 लाभार्थी किसान परिवारों को 184.25 करोड़ रुपये की धनराशि हस्तांतरित की गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गढ़ीकैंट, देहरादून से इस कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अन्नदाताओं की आय को दोगुना करने तथा उनके जीवन स्तर को उठाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। योजना की 20वीं किस्त जारी किए जाने के साथ ही उत्तराखंड के किसानों को करीब 3300 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के किसानों के कल्याण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। प्रमुख फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि कर किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य प्रदान किया जा रहा है। ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के माध्यम से किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, फसल रोगों और कीटों से होने वाले नुकसान के लिए सुरक्षा कवच भी प्रदान किया जा रहा है। ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना के द्वारा खेतों की मिट्टी की वैज्ञानिक जांच कर किसानों को पोषक तत्वों की कमी और आवश्यक उर्वरकों की जानकारी भी दी जा रही है, जिससे उनकी उपज की गुणवत्ता और भूमि की उर्वरता दोनों में सुधार हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार प्रदेश के किसानों के उत्थान एवं समृद्धि के लिए निरंतर कार्य कर रही है। प्रदेश में किसानों को तीन लाख रुपये तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जा रहा है। कृषि उपकरण खरीदने के लिए फार्म मशीनरी बैंक योजना के माध्यम से 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। किसानों के हित में नहरों से सिंचाई को पूरी तरह मुफ्त किया गया है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए पॉलीहाउस के निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान भी किया गया है। गेहूं खरीद पर किसानों को 20 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस प्रदान करने के साथ ही गन्ने के मूल्य में भी 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 1200 करोड़ रुपये की लागत से नई सेब नीति, कीवी नीति, ‘स्टेट मिलेट मिशन’ और ‘ड्रैगन फ्रूट नीति’ जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू किया गया है। इन नीतियों के तहत बागवानी को प्रोत्साहन देने के लिए किसानों को 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में उत्तराखण्ड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। उत्तराखण्ड राज्य के युवाओं को रोजगार देने में भी प्रदेश अग्रणी बनकर उभरा है। एक वर्ष में बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत की कमी लाई गई। उत्तराखण्ड देश का सबसे पहले “समान नागरिक संहिता” को लागू करने वाला राज्य बना। राज्य में प्रभावी नकल विरोधी कानून लागू करने के बाद लगभग 24 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है। प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी और दंगारोधी कानूनों को लागू किया गया है। प्रदेश में लैंड जिहाद पर कड़ी कार्रवाई करते हुए साढ़े छह हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को मुक्त कराया गया है। राज्य में ऑपरेशन कालनेमि भी प्रारंभ किया गया है, जिसके माध्यम से पाखंडियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड को वर्ष 2023-24 में “मिलेट सेक्टर में सर्वश्रेष्ठ प्रदेश“ का पुरस्कार हैदराबाद में आयोजित इंटरनेशनल न्यूट्री-सीरियल कन्वेंशन में प्रदान किया गया। मृदा स्वास्थ्य और उर्वरता योजना तथा जैविक कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए राज्य को भारत सरकार से राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि नैनीताल के ग्राम सुनकिया के कृषक हर्ष सिंह डंगवाल को “जैविक इंडिया अवार्ड” मिला, जबकि उत्तरकाशी को लाल धान के लिए “एक जिला-एक उत्पाद” में द्वितीय स्थान और हरिद्वार व टिहरी जनपद को पीएम फसल बीमा योजना में क्रमशः प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर विधायक सविता कपूर, बृज भूषण गैरोला, पूर्व सांसद बलराज पासी, सचिव एस.एन. पाण्डेय, महानिदेशक कृषि रणवीर सिंह चौहान एवं प्रदेशभर से आए किसान उपस्थित थे।
कोटद्वार क्षेत्र की तीन प्रमुख परियोजनाओं को लेकर रखी मांग
देहरादून /नई दिल्ली। उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष एवं कोटद्वार विधायक ऋतु खण्डूडी भूषण ने शनिवार को नई दिल्ली में भारत सरकार के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उन्होंने कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र से जुड़े तीन महत्वपूर्ण विषयों—लालढांग-चिल्लरखाल रोड, जंगल सफारी और पक्षी अभ्यारण्य—को लेकर विस्तार से चर्चा की और केंद्रीय मंत्री को मांगपत्र सौंपा।
ऋतु खण्डूडी ने बताया कि प्रस्तावित जंगल सफारी और पक्षी अभ्यारण्य कोटद्वार की जैव विविधता और प्राकृतिक संपदा को देशभर में पहचान दिलाने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि यह योजनाएं न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देंगी, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और पर्यटन के नए अवसर भी सृजित करेंगी। उन्होंने पक्षी विशेषज्ञों, प्रकृति प्रेमियों और साहसिक पर्यटकों को आकर्षित करने की दिशा में इस क्षेत्र की संभावनाएं भी रेखांकित कीं।
विधानसभा अध्यक्ष ने लालढांग-चिल्लरखाल रोड के निर्माण को भी प्राथमिकता से उठाया और इसे शीघ्र पूरा किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस सड़क के निर्माण से कोटद्वार से देहरादून और हरिद्वार जैसे शहरों तक आवागमन सहज होगा, जिससे क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी।
ऋतु खण्डूडी भूषण ने कहा कि कोटद्वार को हरित, आत्मनिर्भर और पर्यटक-अनुकूल क्षेत्र के रूप में विकसित करना उनका संकल्प है, और यह योजनाएं इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने सभी प्रस्तावों की गंभीरता से समीक्षा करते हुए इको-टूरिज्म को प्राथमिकता देने और संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने का आश्वासन दिया।
जनसभा को संबोधित करते हुए बोले प्रधानमंत्री मोदी- ‘मेक इन इंडिया’ को घर-घर पहुंचाने की जरूरत
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से स्वदेशी अपनाने और ‘वोकल फॉर लोकल’ मंत्र को जीवन में उतारने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक मजबूती के लिए हमें घरेलू उत्पादों को प्राथमिकता देनी होगी।
वाराणसी के सेवापुरी के बनौली गांव में शनिवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर नागरिक को ‘स्वदेशी संकल्प’ लेना चाहिए। उन्होंने अपील की कि लोग उन्हीं वस्तुओं को खरीदें जो भारत में बनी हों, जिनमें भारत के लोगों का श्रम और कौशल जुड़ा हो।
प्रधानमंत्री ने कहा, “अब समय आ गया है कि हम ‘मेक इन इंडिया’ को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। जो भी सामान घर में आए, वह स्वदेशी हो। दुकानदार भी यह संकल्प लें कि वे सिर्फ स्वदेशी उत्पाद ही बेचें। त्योहारों और खास अवसरों पर हम भारत में बनी चीजें ही खरीदें।”
उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता का माहौल है और हर देश अपने हितों की रक्षा कर रहा है। ऐसे में भारत को भी सजग रहना होगा और आर्थिक स्वावलंबन को प्राथमिकता देनी होगी। उन्होंने किसानों, लघु उद्योगों और स्वरोजगार को सरकार की प्राथमिकता बताया।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अवसर मिला है और इसे साकार करने के लिए नागरिकों को भी अपनी भूमिका निभानी होगी। उन्होंने महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए कहा कि स्वदेशी को अपनाना उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
“हमारा प्रयास है कि यह मुहिम हर जिले, हर विद्यालय तक पहुँचे और एक जनांदोलन का रूप ले” – डॉ. आर. राजेश कुमार
देहरादून के नेहरूग्राम स्थित इंडियन अकैडमी पब्लिक स्कूल में किया गया विशेष व्याख्यान सत्र का आयोजन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेशभर में ‘नशा मुक्त उत्तराखंड अभियान’ प्रारंभ किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत राज्य के सरकारी और गैर-सरकारी विद्यालयों को सक्रिय रूप से जोड़ा जा रहा है, ताकि बच्चों को प्रारंभिक अवस्था से ही नशे के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी दी जा सके और समाज में दीर्घकालिक बदलाव की नींव रखी जा सके। सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के माध्यम से प्रदेशभर में स्कूली छात्रों को केंद्र में रखकर जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। सरकार की मंशा स्पष्ट है हम एक ऐसा उत्तराखंड बनाना चाहते हैं, जहाँ युवा पीढ़ी नशे से मुक्त, जागरूक और सशक्त हो। स्कूली छात्रों को केंद्र में रखकर शुरू किया गया यह जागरूकता अभियान इस दिशा में एक मजबूत कदम है।
इंडियन अकैडमी स्कूल में छात्रों के लिए विशेष व्याख्यान सत्र
इसी क्रम में देहरादून के नेहरूग्राम स्थित इंडियन अकैडमी पब्लिक स्कूल में विशेष व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण, उत्तराखंड के सहायक निदेशक डॉ. पंकज सिंह ने छात्रों को नशे के दुष्प्रभावों, लत लगने के जोखिमों तथा इससे बचाव के व्यावहारिक तरीकों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किशोरावस्था एक संवेदनशील दौर होता है और इस उम्र में नशे की ओर झुकाव जल्दी होता है। ऐसे में छात्रों को समय रहते जागरूक करना बेहद जरूरी है। डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि नशे की लत केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर भी गंभीर असर डालती है।
छात्रों से ‘ह्यूमन चेन’ बनाने का आग्रह
डॉ. पंकज सिंह ने छात्रों से आह्वान किया कि वे इस जानकारी को अपने मित्रों, परिवारजनों और समुदाय के अन्य लोगों तक भी पहुँचाएं, ताकि यह एक “ह्यूमन चेन” की तरह समाज में सकारात्मक संदेश फैला सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अभियान सिर्फ एक दिन का कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक निरंतर चलने वाली पहल है, जिसका उद्देश्य युवाओं में नशे के प्रति जागरूकता बढ़ाकर एक नशामुक्त उत्तराखंड की परिकल्पना को साकार करना है।
विद्यालय की भूमिका और छात्रों की सहभागिता
इस कार्यक्रम की सफलता में विद्यालय की निदेशक मुनेन्द्र खंडूरी की अहम भूमिका रही। प्रधानाचार्य नीलम शर्मा ने कहा मुख्यमंत्री की पहल से अब ज़मीनी बदलाव दिखाई देने लगे हैं। यदि स्कूलों से यह मुहिम शुरू होती है, तो इसका प्रभाव हर घर तक पहुंचेगा। हमारे छात्र ही समाज को नई दिशा दे सकते हैं।
छात्रों की प्रतिक्रियाएं
शिव थपलियाल (छात्र) ने कहा इस मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल सराहनीय है। हमें नशे से दूर रहना चाहिए ताकि भविष्य सुरक्षित रह सके।
नियती उनियाल (छात्रा) ने कहा इस कार्यशाला से बहुत महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलीं। हमें इस अभियान से जुड़कर अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करना चाहिए।
युवा पीढ़ी नशे से मुक्त, जागरूक और सशक्त हो
सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने इस अवसर पर कहा हमारा प्रयास रहेगा कि यह मुहिम हर जिले, हर विद्यालय तक पहुँचे और एक जनांदोलन का रूप ले। उन्होंने आगे कहा इस अभियान में मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों, शिक्षकों और अभिभावकों की सहभागिता से ही दीर्घकालिक सकारात्मक परिणाम सुनिश्चित किए जा सकते हैं। शिक्षकों को चाहिए कि वे छात्रों में संवेदनशीलता एवं आत्मबल बढ़ाने वाले संवादों को प्रोत्साहित करें।
अजय देवगन की फिल्म ‘शैतान’ ने जहां दर्शकों को काले जादू और मानसिक नियंत्रण की दुनिया से रूबरू कराया, वहीं अब उसी की ओरिजनल गुजराती फिल्म ‘वश विवश’ का अगला भाग—’वश विवश 2’—हिंदी में रिलीज़ के लिए तैयार है। हाल ही में फिल्म का हिंदी ट्रेलर लॉन्च किया गया है, जो एक बार फिर रहस्य, वशीकरण और दहशत की नई कहानी सामने लाता है।
वशीकरण के साए में स्कूल की लड़कियां
ट्रेलर की शुरुआत होती है एक स्कूल की छात्राओं से, जो रहस्यमयी तरीके से मानसिक नियंत्रण यानी वशीकरण के प्रभाव में आ जाती हैं। उनमें से कुछ लड़कियाँ खुद को नुकसान पहुंचाती हैं, तो कुछ दूसरों को। ट्रेलर में दिखाया गया है कि ये छात्राएं किसी “प्रताप अंकल” को खोज रही हैं, और फिर एक अजीब हिंसात्मक माहौल बन जाता है—जहां गोलियां चलती हैं और जानलेवा घटनाएं घटती हैं।
भय के पीछे छुपा रहस्य और बूढ़ा साधक
इस रहस्य को सुलझाने के लिए एक व्यक्ति स्कूल पहुंचता है और कहता है कि लड़कियों पर वशीकरण का असर हुआ है, जिससे बाहर निकलना असंभव है। वह एक ऐसे बूढ़े साधक के पास जाता है, जो जंजीरों में बंधा है और वशीकरण विद्या का जानकार है। जब उससे पूछा जाता है कि इस विद्या को जानने वाले और कितने लोग हैं, तो उसकी डरावनी हंसी माहौल को और रहस्यमयी बना देती है।
क्या है वशीकरण का असली मकसद?
फिल्म का ट्रेलर कई सवाल खड़े करता है—क्या छात्राएं इस मानसिक जाल से बाहर आ पाएंगी? किस मकसद से किया गया है यह वशीकरण? और क्या ये सिर्फ एक स्कूल की कहानी है, या कुछ और बड़ा सामने आने वाला है?
रिलीज़ डेट और स्टारकास्ट
‘वश विवश 2’ का निर्देशन किया है कृष्णदेव याज्ञनिक ने। फिल्म में जानकी बोडीवाला, हितू कनोड़िया, मोनल गज्जर, चेतन दाय, प्रेम गांधवी और हितेन कुमार जैसे कलाकार अहम भूमिकाओं में नजर आएंगे। यह फिल्म 27 अगस्त 2025 को सिनेमाघरों में दस्तक देगी।
(साभार)
उत्तराखंड में सैन्य और नागरिक प्रशासन के बीच समन्वय बढ़ाने पर हुआ विचार-विमर्श
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में भारतीय सेना की मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता (UYSM, AVSM, YSM) ने शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य एवं नागरिक प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने को लेकर विचार-विमर्श हुआ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारतीय सेना न केवल देश की एकता, संप्रभुता और अखंडता की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, बल्कि नागरिक समाज के साथ समन्वय स्थापित कर विकासात्मक कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता कर रही है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती राज्य उत्तराखंड में सेना द्वारा स्थानीय समुदायों की सहायता हेतु विभिन्न सामाजिक उत्तरदायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया जा रहा है। इसके साथ ही, प्राकृतिक आपदाओं के समय सेना द्वारा राहत एवं बचाव कार्यों में जो सराहनीय सहयोग प्रदान किया जाता है, वह अत्यंत प्रशंसनीय है।
मुख्यमंत्री ने भारतीय सेना के योगदान के प्रति आभार व्यक्त करते हुए आश्वस्त किया कि राज्य सरकार, सेना की सभी महत्वपूर्ण पहलों में पूर्ण सहयोग प्रदान करती रहेगी। लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने मुख्यमंत्री को सीमांत क्षेत्रों के समग्र विकास हेतु मध्य कमान द्वारा संचालित कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना, सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ सामाजिक विकास हेतु भी पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि सीमांत क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास, सामुदायिक सहभागिता, युवाओं के साथ संवाद और अग्रिम क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की गई हैं।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव दीपेंद्र चौधरी, विनोद कुमार सुमन और अन्य सैन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
छात्राओं की सुरक्षा और डिजिटल शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल ने विकासखंड कालसी के अंतर्गत कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कोरूबा का निरीक्षण कर शैक्षिक एवं आवासीय व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने विद्यालय प्रबंधन से समस्याओं की जानकारी ली। विद्यालय में 150 की क्षमता के सापेक्ष वर्तमान में 143 बालिकाएं अध्ययनरत हैं।
विद्यालय में योग प्रशिक्षक, कंप्यूटर शिक्षक, सुरक्षा गार्ड और सफाई कर्मियों की आवश्यकता पर डीएम ने निर्देश दिए कि इन पदों पर स्थानीय महिलाओं की तैनाती की जाए। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार भी सृजित होगा। इन कार्मिकों का मानदेय जिला योजना से दिया जाएगा। छात्राओं की सुरक्षा के दृष्टिगत विद्यालय परिसर की बाउंड्री बार्बेड वायर से कराने, 10 सीसीटीवी कैमरे लगाने और खेल मैदान के समतलीकरण के लिए लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए गए। डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्मार्ट क्लास रूम, वाई-फाई, 10 कंप्यूटर, इन्वर्टर और 150 स्टडी टेबल की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं।
आवासीय सुविधा के अंतर्गत 7 वाटर गीजर, 4 वाशिंग मशीन, 1 फ्रीजर, 150 डाइनिंग फर्नीचर और एक रोटी मेकर मशीन क्रय करने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश मुख्य शिक्षा अधिकारी को दिए गए। पेयजल की समस्या के समाधान के लिए जल संस्थान को नई पेयजल लाइन का आगणन तैयार करने को कहा गया है। डीएम ने सभी 143 छात्राओं के लिए ट्रैक सूट और स्पोर्ट्स शूज़ उपलब्ध कराने, आरबीएसके टीम को हर माह स्वास्थ्य परीक्षण हेतु विद्यालय भ्रमण और स्वास्थ्य विभाग को नियमित स्वास्थ्य शिविर लगाने के निर्देश भी दिए।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कक्षाएं, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला, छात्रावास, रसोई व शौचालय आदि का निरीक्षण किया और छात्राओं द्वारा तैयार आजीविका उत्पादों की सराहना करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार ढौंडियाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एम.के. शर्मा, प्रधानाचार्य उर्मिला धीमान समेत लोक निर्माण विभाग, जल संस्थान और समाज कल्याण विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री धामी ने किया भूमि पूजन, कहा—ग्रामीण योजनाएं अब एक ही परिसर में संचालित होंगी
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डांडा नूरीवाला सहस्रधारा रोड, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ₹58.32 करोड़ की लागत से बनने वाले ग्राम्य विकास भवन का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने परिसर में पौधारोपण भी किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ग्रामीण विकास विभाग के एकीकृत भवन के शिलान्यास पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह भवन ग्रामीण विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि लगभग 58 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित इस भवन में विभाग की प्रमुख फ्लैगशिप योजनाएं एक ही परिसर में संचालित होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार एक जनपद, दो उत्पाद योजना के माध्यम से स्थानीय आजीविका को बढ़ावा देने के साथ हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के माध्यम से अपने पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला रही है। उन्होंने बताया कि विश्व के प्रमुख देशों में भी राज्य के उत्पादों के निर्यात की योजना पर कार्य किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2027 तक 25 करोड़ रुपये के कारोबार को प्राप्त करना है, जिससे राज्य के हज़ारों युवाओं, महिलाओं एवं स्वयं सहायता समूहों को स्थायी आजीविका से जोड़ा जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टेट मिलेट मिशन, फार्म मशीनरी बैंक, एप्पल मिशन, नई पर्यटन नीति, नई फिल्म नीति, होम स्टे, वेड इन उत्तराखंड और सौर स्वरोजगार योजना जैसी पहलों के माध्यम से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। होम स्टे योजना के माध्यम से राज्य के दूरस्थ गांव भी अपनी विशिष्ट पहचान बना रहे हैं। लखपति दीदी योजना से प्रदेश की लाखों महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर योजना द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने धार्मिक, साहसिक, ईको-टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म और फिल्म पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों को विकसित किया है। उन्होंने बताया कि राज्य को योग की वैश्विक राजधानी के रूप में स्थापित करने के लिए देश की पहली योग नीति शुरू की गई है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से राज्य के चार गांवों — जखोल, हर्षिल, गूंजी और सूपी — को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में ग्रामीण विकास क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मनरेगा, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छता अभियान जैसी अनेक योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों को सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत किया गया है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और अधिक सशक्त बना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के सारकोट गांव को आदर्श गांव बनाने के लिए गोद लिया था, जिसमें राज्य सरकार सफल हुई है। सारकोट के लोग पशुपालन, मशरूम उत्पादन, होम स्टे, मिलेट उत्पादन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों के परिणामों में राज्य की सबसे युवा प्रतिनिधि के रूप में सारकोट की 21 वर्षीय प्रियंका नेगी प्रधान चुनी गई हैं। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही वे प्रियंका नेगी को आमंत्रित करेंगे और सारकोट सहित प्रदेश के अन्य गांवों के विकास के संबंध में चर्चा करेंगे।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार जिन योजनाओं का शिलान्यास करती है, उनका लोकार्पण भी करती है। उन्होंने कहा कि निश्चित ही जल्द इस भवन का लोकार्पण भी कर लिया जाएगा। यह भवन पहाड़ी शैली में बन रहा है। साथ ही इस नए भवन में सौर ऊर्जा की संपूर्ण व्यवस्था होगी। उन्होंने बताया कि लखपति दीदी योजना में अब तक राज्य में 1 लाख 65 हजार लखपति दीदी बनाई गई हैं। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना अंतर्गत 30,678 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है, जिसमें से करीब 19,600 लोगों को रोजगार मिला है।
इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, सचिव राधिका झा, अपर सचिव अभिषेक रोहेला, अनुराधा पाल, सुश्री झरना कमठान एवं ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।