बेसिक और माध्यमिक शिक्षकों ने धारा 27 के तहत की तबादले की मांग, अनिवार्य तबादले न होने से नाराजगी बढ़ी
देहरादून। प्रदेश में शिक्षकों के तबादले को लेकर असंतोष गहराता जा रहा है। शिक्षा विभाग को धारा 27 के तहत अब तक तीन हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। इनमें बेसिक शिक्षा के करीब 1500 और माध्यमिक शिक्षा के लगभग 1800 शिक्षक शामिल हैं।
इस साल शिक्षा विभाग ने अनिवार्य तबादले लागू नहीं किए, जिससे शिक्षकों में नाराजगी है। उनका कहना है कि अन्य विभागों में कर्मचारियों के अनिवार्य तबादले किए गए, लेकिन शिक्षा विभाग में इस प्रक्रिया को टाल दिया गया।
शिक्षकों का स्पष्ट कहना है कि विभाग को भी अन्य विभागों की तरह अनिवार्य तबादले लागू करने चाहिए थे। हालांकि, शिक्षा विभाग ने इस बार धारा 27 के तहत ही तबादलों की प्रक्रिया शुरू की है और इसी आधार पर आवेदन आमंत्रित किए गए थे।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, बेसिक शिक्षा में लगभग 1500 शिक्षकों ने आवेदन किया है, जबकि माध्यमिक शिक्षा में 800 प्रवक्ता और करीब एक हजार एलटी शिक्षक तबादले की मांग कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि इन आवेदनों पर विचार कर जल्द प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति करेगी सिफारिश
शिक्षकों के तबादलों पर अंतिम निर्णय के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित है। यह समिति धारा 27 के तहत प्राप्त आवेदनों पर सिफारिश करती है, जिसके बाद मुख्यमंत्री की मंजूरी से तबादले किए जाते हैं।
क्या है धारा 27
धारा 27, राज्य के तबादला एक्ट का वह प्रावधान है जिसके तहत विशेष परिस्थितियों में कर्मचारियों को तबादले का अवसर दिया जाता है। इसमें वे कर्मचारी शामिल होते हैं जो सामान्य श्रेणी के तबादले के पात्र नहीं हैं — जैसे गंभीर रूप से बीमार या अन्य विशेष परिस्थितियों वाले कर्मचारी।
शिक्षक संघ ने चेताया आंदोलन से
राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि संगठन की हालिया बैठक में यह निर्णय लिया गया कि शिक्षकों के तबादले जल्द किए जाएं। लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
उन्होंने कहा — “यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो शिक्षक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।”
वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी की सलाह
नई दिल्ली। दिवाली के त्योहार के बाद दिल्ली-एनसीआर की हवा खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। राजधानी में धुंध और धुआं लगातार बढ़ रहा है, जिससे शहर ‘गैस चेंबर’ जैसा नजर आ रहा है। आंखों में जलन, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं आम हो गई हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सोमवार को राजधानी के 38 निगरानी स्टेशनों में से 34 ‘रेड जोन’ में दर्ज किए गए। पूरे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 531 रिकॉर्ड किया गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम: AQI 317 (‘बहुत खराब’)
आईटीओ: AQI 259 (‘खराब’)
आरके पुरम: AQI 368 (‘बेहद खराब’)
नरेला: AQI 551 (सबसे अधिक)
अशोक विहार: AQI 493
आनंद विहार: AQI 394
नोएडा: AQI 369
गाजियाबाद: AQI 402
इंडिया गेट के आसपास AQI 342, अक्षरधाम 358, INA और AIIMS के पास भी हवा खराब दर्ज की गई।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी
डॉ. धीरेंद्र गुप्ता (सर गंगाराम अस्पताल): बच्चों के अंग नाजुक होते हैं और प्रदूषण उनके लिए बेहद हानिकारक है। अत्यधिक प्रदूषित हवा में सामान्य व्यक्ति के फेफड़ों में बदलाव हो सकते हैं।
डॉ. निखिल मोदी (अपोलो अस्पताल): सर्दी के आगमन के साथ AQI बढ़ता है। एलर्जी या श्वसन रोग वाले लोग खांसी, सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन महसूस कर सकते हैं। बच्चों और बुजुर्गों को बाहर जाने से बचना चाहिए और मास्क पहनना चाहिए।
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-2) लागू
CPCB ने GRAP-2 लागू कर कड़े कदम उठाए हैं। इसके तहत निर्माण, विध्वंस और धूल पैदा करने वाली परियोजनाओं पर रोक है। डीजल जनरेटरों का उपयोग केवल जरूरी सेवाओं तक सीमित रहेगा।
दिल्ली की सड़कों पर धुआं और धुंध
दीवाली की रात राजधानी में जमकर आतिशबाजी हुई। बम-पटाखों के अवशेष और फैला धुआं शहर को घनी धुंध में ढक गया। शादीपुर, मोती नगर और कर्मपुरा के इलाके त्योहार की चमक के साथ प्रदूषण की गंभीर तस्वीर भी दिखा रहे हैं।
AQI रीडिंग का मानक
अच्छा: 0–50
संतोषजनक: 51–100
मध्यम प्रदूषित: 101–200
खराब: 201–300
बहुत खराब: 301–400
गंभीर: 401–500
दीपावली का त्योहार आते ही घर-घर में मिठाइयों और लजीज व्यंजनों की खुशबू फैल जाती है। गुलाब जामुन, गुजिया, कचौरी और तरह-तरह के तले पकवानों से टेबल सज जाती है। लेकिन अक्सर स्वाद के चक्कर में हम ज़रूरत से ज़्यादा खा लेते हैं। नतीजा — पेट में भारीपन, गैस, एसिडिटी और कभी-कभी फूड पॉइजनिंग जैसी दिक्कतें।
अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है, तो परेशान न हों। रसोई में मौजूद कुछ साधारण चीजें ही आपकी बड़ी मदद कर सकती हैं। ये घरेलू नुस्खे पाचन तंत्र को आराम देते हैं, एसिडिटी को शांत करते हैं और शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं ऐसे चार असरदार उपाय, जो दिवाली के बाद आपकी सेहत को फिर से दुरुस्त कर देंगे।
जीरा पानी — पेट का नैचुरल डिटॉक्स
जीरा न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि पाचन के लिए भी किसी औषधि से कम नहीं। यह पेट की गैस और अपच में तुरंत राहत देता है।
कैसे बनाएं:
एक चम्मच जीरा एक गिलास पानी में डालकर उबाल लें। जब पानी आधा रह जाए, तो उसे छानकर गुनगुना पी लें। यह मिश्रण पेट की सूजन कम करता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है।
हींग और मेथी का पानी — फूड पॉइजनिंग में रामबाण
अगर ज्यादा तला-भुना या बासी खाना खाने से फूड पॉइजनिंग की समस्या हो गई है, तो यह नुस्खा बेहद असरदार है।
कैसे बनाएं:
एक चुटकी हींग, आधा चम्मच मेथी दाना और चुटकी भर सेंधा नमक एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाएं। इसे धीरे-धीरे पीएं।
हींग गैस और दर्द में राहत देती है, जबकि मेथी दाना आंतों को साफ करके हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करता है।
नींबू पानी — एसिडिटी से तुरंत आराम
त्योहारों में तैलीय खाना खाने से पेट का पीएच असंतुलित हो जाता है। नींबू पानी उसे फिर से संतुलित करने में मदद करता है।
कैसे लें:
एक गिलास गुनगुने पानी में आधा नींबू निचोड़ें और थोड़ा सेंधा नमक मिलाएं। इसे सुबह खाली पेट या दिन में दो बार पी सकते हैं। इससे एसिडिटी दूर होती है और शरीर डिटॉक्स होता है।
छाछ — सबसे आसान पाचन ड्रिंक
भारी खाना खाने के बाद छाछ पीना पाचन के लिए सबसे आसान उपाय है।
कैसे तैयार करें:
एक गिलास सादी छाछ में थोड़ा भुना हुआ जीरा और काला नमक डालें। इसमें मौजूद प्रोबायोटिक्स आंतों में अच्छे बैक्टीरिया बढ़ाते हैं और पेट की गर्मी कम करते हैं।
ध्यान रखें
त्योहारों के मौसम में स्वाद का मज़ा जरूर लें, लेकिन संयम से। भोजन के बाद थोड़ा टहलना, पानी पीते रहना और हल्के घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल आपकी सेहत को सुरक्षित रख सकता है।
(साभार)
एलडीपी की नेता ने बहुमत से हासिल की जीत, संसद में 237 वोट मिले
टोक्यो। जापान की राजनीति में मंगलवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ, जब संसद ने अति-रूढ़िवादी नेता साने ताकाइची को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री चुना गया। 64 वर्षीय ताकाइची ने ‘लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी’ (एलडीपी) की ओर से बहुमत हासिल कर पूर्व प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा की जगह ली। संसद के निचले सदन में हुए मतदान में ताकाइची को 237 वोट मिले, जो 465 सदस्यीय सदन में स्पष्ट बहुमत है।
प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद ताकाइची ने अपने पहले संबोधन में कहा,
“मैं अपने वादे निभाऊंगी, और जापान के पुनर्निर्माण के लिए घोड़े की तरह काम करूंगी। मैं वर्क-लाइफ बैलेंस की बात नहीं करूंगी — मैं बस काम करूंगी, काम करूंगी और काम करूंगी।”
उन्होंने पार्टी के सभी सदस्यों से एकजुट होकर देश को मजबूत बनाने का आह्वान किया और कहा कि “यह खुशी का नहीं, जिम्मेदारी का क्षण है।”
‘आयरन लेडी’ कहलाने वाली साने ताकाइची
राजनीति में तीन दशक से अधिक का अनुभव रखने वाली ताकाइची को जापान की ‘आयरन लेडी’ कहा जाता है। वह आर्थिक सुरक्षा मंत्री समेत कई अहम पद संभाल चुकी हैं। कट्टर विचारों के कारण उन्हें कभी ‘लेडी ट्रंप’ कहा गया, तो पूर्व प्रधानमंत्री किशिदा ने उन्हें मज़ाक में ‘तालिबान ताकाइची’ तक कह दिया था। ताकाइची रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने, सैन्य खर्च बढ़ाने, साइबर सुरक्षा और आव्रजन पर सख्त नीति की समर्थक हैं।
टीवी एंकर से प्रधानमंत्री तक का सफर
साने ताकाइची का जन्म 7 मार्च 1961 को जापान के नारा प्रांत में हुआ। पिता टोयोटा कंपनी में कार्यरत थे और मां पुलिस अधिकारी थीं। पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच उन्होंने कोबे विश्वविद्यालय से बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई की और बाद में टीवी एंकरिंग भी की।
1984 में उन्होंने मात्सुशिता इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नमेंट एंड मैनेजमेंट में दाखिला लिया, जहाँ से उन्हें एक प्रोग्राम के तहत वॉशिंगटन डीसी भेजा गया। वहां उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस सदस्य पैट श्रोएडर के साथ काम किया और उस अनुभव पर किताब भी लिखी।
शिंजो आबे की शिष्या, एलडीपी की पहली महिला अध्यक्ष
अमेरिका से लौटने के बाद ताकाइची ने राजनीति में कदम रखा। 1993 में पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सांसद बनीं और तीन साल बाद एलडीपी से जुड़ गईं।
पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ काम करते हुए उन्होंने राजनीति की बारीकियां सीखीं। 2021 और 2024 में पार्टी अध्यक्ष का चुनाव हारने के बाद, इस बार उन्होंने कृषि मंत्री शिंजिरो कोइजुमी को हराकर जीत दर्ज की।
आज वह एलडीपी की पहली महिला अध्यक्ष और जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बन चुकी हैं — जो किसी राजनीतिक खानदान से नहीं आतीं।
ड्रम बजाने और कार चलाने की शौकीन पीएम
राजनीति से इतर ताकाइची का व्यक्तित्व बेहद दिलचस्प है। उन्हें ड्रम बजाने, मोटरसाइकिल चलाने, और स्कूबा डाइविंग का शौक है। वह जापानी रॉक संगीत की फैन हैं और हनशिन टाइगर्स बेसबॉल टीम की समर्थक भी।
विचारों में कट्टरता, जीवन में अनुशासन
ताकाइची महिला सशक्तिकरण की पक्षधर हैं, लेकिन परंपरा पर अडिग रहती हैं। वह समलैंगिक विवाह और शादी के बाद अलग उपनाम रखने की प्रथा का विरोध करती हैं, जबकि शाही परिवार में पुरुष उत्तराधिकार की समर्थक हैं।
निजी जीवन भी चर्चा में रहा
ताकाइची ने 2004 में सांसद ताकू यामामोतो से विवाह किया था। दोनों का 2017 में तलाक हो गया, लेकिन 2021 में दोबारा शादी की। उनके कोई जैविक संतान नहीं है, पर उन्होंने यामामोतो की पहली शादी के बच्चों को अपनाया है।
अतीत में विवाद भी झेले
2011 में ताकाइची की एक फोटो ने विवाद खड़ा कर दिया था, जिसमें वे एक अतिवादी दल के नेता के साथ दिखीं। बाद में उन्होंने सफाई दी कि उस वक्त उन्हें उस व्यक्ति के विचारों की जानकारी नहीं थी।
साने ताकाइची ने किसे हराया?
प्रधानमंत्री पद के लिए हुए मुकाबले में ताकाइची ने कृषि मंत्री शिंजिरो कोइजुमी, मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी, व्यापार मंत्री तोशिमित्सु मोटेगी, और आर्थिक मंत्री ताकायुकी कोबायाशी को पछाड़ा। उनकी यह जीत जापान की राजनीति में महिलाओं के लिए एक नई शुरुआत मानी जा रही है।
बीसीसीआई ने की भारत ए टीम की घोषणा
नई दिल्ली। भारतीय टीम के स्टार विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत एक बार फिर मैदान पर लौटने को तैयार हैं। काफी समय तक चोट के कारण क्रिकेट से दूर रहने के बाद अब वह दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में नजर आएंगे। खास बात यह है कि पंत को इस दौरान भारत ए टीम का कप्तान बनाया गया है।
पंत को इंग्लैंड के खिलाफ हुई टेस्ट सीरीज के दौरान चोट लगी थी, जिसके बाद से वे लगातार रिहैब में थे। अब वह पूरी तरह फिट हैं और अपने बल्ले से दोबारा धमाल मचाने को तैयार हैं।
बीसीसीआई ने भारत ए और दक्षिण अफ्रीका ए के बीच होने वाली दो चार दिवसीय मैचों की सीरीज के लिए टीम का ऐलान कर दिया है। यह सीरीज 30 अक्टूबर से बेंगलुरु में शुरू होगी। पंत की कप्तानी में यह टीम युवा खिलाड़ियों के लिए बड़ा मौका साबित हो सकती है।
इस टीम में उपकप्तान के रूप में साई सुदर्शन को जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, देवदत्त पडिक्कल, ध्रुव जुरेल, मोहम्मद शमी, और केएल राहुल जैसे खिलाड़ी भी इस सीरीज का हिस्सा होंगे। दूसरे मैच में केएल राहुल मैदान पर उतरेंगे।
भारत ए टीम की घोषणा
पहले चार दिवसीय मैच के लिए भारत ए टीम:
ऋषभ पंत (कप्तान और विकेटकीपर), आयुष म्हात्रे, एन जगदीशन (विकेटकीपर), साई सुदर्शन (उपकप्तान), देवदत्त पडिक्कल, रजत पाटीदार, हर्ष दुबे, तनुष कोटियान, मानव सुथार, अंशुल कंबोज, यश ठाकुर, आयुष बदोनी, सारांश जैन।
दूसरे चार दिवसीय मैच के लिए भारत ए टीम:
ऋषभ पंत (कप्तान और विकेटकीपर), केएल राहुल, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), साई सुदर्शन (उपकप्तान), देवदत्त पडिक्कल, ऋतुराज गायकवाड़, हर्ष दुबे, तनुष कोटियान, मानव सुथार, खलील अहमद, गुरनूर बरार, अभिमन्यु ईश्वरन, प्रसिद्ध कृष्णा, मोहम्मद सिराज, आकाश दीप।
पंत के लिए अहम मौका
यह सीरीज ऋषभ पंत के लिए फिटनेस और फॉर्म दोनों की परीक्षा होगी। टीम इंडिया के लिए उनकी वापसी का यह पहला कदम है और फैंस को उम्मीद है कि एक बार फिर पंत अपनी पुरानी लय में लौटेंगे।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने पूर्व सीएम भुवन चंद्र खण्डूरी से भेंट कर दी उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं
पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत और कैन्ट विधायक सविता कपूर को भी दी दीपावली की बधाई
देहरादून। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने दीपावली के पावन अवसर पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल भुवन चंद्र खण्डूरी (सेनि) और तीरथ सिंह रावत से भेंट कर उन्हें दीपावली की बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने इसके साथ ही कैन्ट विधायक सविता कपूर को भी दीपावली की बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित कीं। उन्होंने कहा कि दीपों का यह पर्व सबके जीवन में खुशहाली, उजाला और नई ऊर्जा लेकर आए।
केदारघाटी का प्रत्येक कण शिवमय : राज्यपाल गुरमीत सिंह
राज्यपाल ने पुनर्निर्माण कार्यों, यात्रा व्यवस्थाओं एवं प्रशासन की तत्परता की सराहना की
उत्तराखंड के सतत विकास और नागरिकों की खुशहाली के लिए मांगा आशीर्वाद
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने आज मंगलवार सुबह प्रातः 8:45 बजे बाबा केदारनाथ धाम पहुंचकर भगवान केदारनाथ के दर्शन किए तथा विशेष रुद्राभिषेक पूजन कर विश्व कल्याण, मानवता की समृद्धि एवं उत्तराखंड के सतत विकास के लिए आशीर्वाद मांगा।
राज्यपाल के धाम आगमन पर अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा एवं मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र सिंह रावत द्वारा वीआईपी हैलीपैड पर पुष्पगुच्छ भेंट कर आत्मीय स्वागत किया गया। तत्पश्चात राज्यपाल पैदल मार्ग से मंदिर प्रांगण पहुंचे, जहां उन्होंने भगवान केदारनाथ का अभिषेक, पूजन-अर्चना कर क्षेत्र के नागरिकों की खुशहाली और राज्य की उन्नति की कामना की।
तीर्थ पुरोहित समाज से भेंट एवं श्रद्धालुओं का अभिवादन
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने मंदिर परिसर में तीर्थ पुरोहित समाज से भेंट की, जिनके द्वारा पारंपरिक मंत्रोच्चारण और पूजा-विधि के साथ राज्यपाल का स्वागत किया गया। राज्यपाल ने इसे अत्यंत आध्यात्मिक एवं भावनात्मक अनुभव बताते हुए कहा कि “केदारघाटी का प्रत्येक कण शिवमय है। यहां के पर्वतों में भगवान शिव की उपस्थिति का अनुभव होता है। इस पवित्र भूमि पर कदम रखते ही मन ध्यानमग्न हो जाता है।”
पूजन उपरांत राज्यपाल ने मंदिर प्रांगण में एकत्र श्रद्धालुओं का अभिवादन किया तथा ‘बोलो बाबा केदारनाथ की जय’ के जयघोष से वातावरण को भक्तिमय कर दिया।
राज्यपाल ने पुनर्निर्माण कार्यों का किया स्थलीय निरीक्षण
राज्यपाल ने केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस अवसर पर अधिशासी अभियंता डी.डी.एम. विनय झिंकवाण द्वारा राज्यपाल को धाम में चल रहे निर्माण कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई। बताया गया कि अधिकांश पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं, शेष कार्य भी अंतिम चरण में हैं।
राज्यपाल ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में यात्रा प्रबंधन एवं पुनर्निर्माण में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने जिला प्रशासन, मंदिर समिति, पुलिस विभाग, SDRF, NDRF तथा सभी सहयोगी एजेंसियों की सराहना करते हुए कहा कि “चारधाम यात्रा को सफल, सुरक्षित और श्रद्धालु-अनुकूल बनाने में आप सभी की भूमिका अत्यंत सराहनीय है।”
तीर्थ पुरोहितों हेतु भवन निर्माण कार्य पूर्ण
राज्यपाल को यह भी अवगत कराया गया कि तीर्थ पुरोहितों के लिए बनाए जा रहे भवनों का निर्माण कार्य अधिकांश पूर्ण हो चुका है तथा भूमि और भवन आवंटन से जुड़े मुद्दों का निराकरण किया जा चुका है। राज्यपाल ने इस समन्वित प्रयास के लिए मंदिर समिति एवं जिला प्रशासन की विशेष रूप से प्रशंसा की।
सेवाभाव और समर्पण के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों की सराहना
राज्यपाल ने केदारनाथ में ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों, सुरक्षाकर्मियों एवं कर्मचारियों से भेंट कर उनका मनोबल बढ़ाया और कहा कि प्रशासन, पुलिस एवं सेवा दल सभी श्रद्धालुओं को सुविधाजनक यात्रा अनुभव कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने सभी को प्रेरित करते हुए कहा कि “श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए प्रत्येक कर्मचारी पूर्ण निष्ठा और सेवाभाव से कार्य करें।”
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा, मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र सिंह रावत, मुख्य कार्याधिकारी मंदिर समिति विजय थपलियाल, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल शुक्ला, अध्यक्ष पं. राजकुमार तिवारी, महामंत्री राजेन्द्र तिवारी, मंत्री अंकित प्रसाद सेमवाल सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी एवं तीर्थ पुरोहितगण उपस्थित रहे।
राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ पर सभी पुलिस कर्मियों को मिलेगा विशेष रजत जयंती पदक
देहरादून। राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर उत्तराखंड पुलिस के सभी कार्मिकों को विशेष रजत जयंती पदक प्रदान किया जाएगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस लाइन में आयोजित रैतिक परेड के दौरान की।
पुलिस स्मृति दिवस—शहीदों को श्रद्धांजलि
पुलिस स्मृति दिवस हर साल 21 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन 1959 में लद्दाख की बर्फीली पहाड़ियों में चीनी सैनिकों के हमले में शहीद हुए 10 सीआरपीएफ जवानों की याद में समर्पित है। इस अवसर पर कार्यक्रम में बलिदान हुए पुलिस कर्मियों को याद किया गया और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर चार अहम घोषणाएं कीं:
सभी पुलिस कर्मियों को विशेष रजत जयंती पदक प्रदान किए जाएंगे।
आवासीय भवन निर्माण के लिए तीन वर्षों में 100 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।
एसडीआरएफ जवानों के लिए पांच नए बैरिकों का निर्माण किया जाएगा।
पुलिस कल्याण नीति के अंतर्गत 2.5 करोड़ से 4.5 करोड़ रुपये तक की राशि की जाएगी।
सीमा सुरक्षा और पुलिस की अहम भूमिका
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे राज्य की सीमाएं न केवल अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से जुड़ी हैं, बल्कि उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश से भी जुड़ी हैं। हमारा राज्य भौगोलिक और सामरिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है। इसलिए राज्य में शांति और सुरक्षा बनाए रखने में हमारे पुलिसकर्मियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। किसी भी राज्य की पुलिस व्यवस्था उसकी सुरक्षा और समृद्धि की रीढ़ होती है।”
पुलिस कर्मियों को सम्मानित करने का अवसर
कार्यक्रम में इस साल विभिन्न ड्यूटी पर बलिदान हुए पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि दी गई और उनके परिवारों को सम्मानित किया गया। राज्य सरकार की यह पहल पुलिस के कार्य और समर्पण को पहचान देने का एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
अब 42 साल तक के अभ्यर्थी भी कर सकेंगे आयुर्वेद कोर्स में दाखिला
देहरादून। उत्तराखंड में इस साल आयुर्वेद पैरामेडिकल कोर्सों में दाखिले की प्रक्रिया बेहद धीमी चल रही है। भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तराखंड द्वारा संचालित इन कोर्सों में अब तक केवल 600 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है, जबकि प्रदेश के 26 आयुर्वेद कॉलेजों में करीब 3100 सीटें उपलब्ध हैं।
परिषद को उम्मीद थी कि आयु सीमा बढ़ाए जाने के बाद दाखिलों की संख्या में वृद्धि होगी, लेकिन फिलहाल स्थिति विपरीत दिख रही है। अब प्रवेश की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर तय की गई है, और नवंबर के पहले सप्ताह में काउंसलिंग की जाएगी।
आयु सीमा में बड़ी राहत — अब 42 वर्ष तक के अभ्यर्थी कर सकते हैं आवेदन
इस बार परिषद ने छात्रों को राहत देते हुए प्रवेश के लिए आयु सीमा 25 वर्ष से बढ़ाकर 42 वर्ष कर दी है। यह नियम आयुर्वेद फार्मासिस्ट, नर्सिंग, पंचकर्म सहायक, टेक्नीशियन, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सहायक जैसे सभी कोर्सों पर लागू होगा। परिषद का मानना है कि इससे अधिक उम्र के वे अभ्यर्थी भी अवसर पा सकेंगे जो पहले पात्रता से बाहर रह जाते थे।
बीते साल भी खाली रह गईं थीं आधी से अधिक सीटें
पिछले शैक्षणिक सत्र में भी आयुर्वेद पैरामेडिकल कोर्सों की आधे से ज्यादा सीटें खाली रह गई थीं। विशेषज्ञों का कहना है कि युवाओं में एलोपैथिक और मॉडर्न हेल्थ एजुकेशन की ओर झुकाव बढ़ने से पारंपरिक चिकित्सा कोर्सों में रुचि कम हो रही है।
परिषद को दाखिला बढ़ाने की उम्मीद
परिषद की रजिस्ट्रार नर्मदा गुसाईं ने बताया कि आवेदन की तिथि बढ़ाने और आयु सीमा में छूट से छात्रों की संख्या में सुधार की संभावना है। उन्होंने कहा, “हम उम्मीद कर रहे हैं कि दिवाली के बाद आवेदनों की संख्या बढ़ेगी। नवंबर के पहले सप्ताह में काउंसलिंग पूरी कर कॉलेजों का आवंटन कर दिया जाएगा।”
प्रदेश में 26 कॉलेज, 3100 सीटें
उत्तराखंड में भारतीय चिकित्सा परिषद से मान्यता प्राप्त 26 आयुर्वेद पैरामेडिकल कॉलेज संचालित हैं। इनमें कुल 3100 सीटें हैं, लेकिन छात्रों की संख्या में गिरावट से ये सीटें भरना परिषद के लिए लगातार चुनौती बनी हुई हैं।
दिलजीत दोसांझ का नया गाना ‘चार्मर’ रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर छा गया है। इस म्यूजिक वीडियो में उनके साथ एक्ट्रेस सान्या मल्होत्रा का ग्लैमरस अंदाज और जबरदस्त डांस नेटिज़न्स को दीवाना बना रहा है। गाना दिलजीत के नए एल्बम ‘ऑरा’ (Aura) का हिस्सा है और रिलीज होते ही यूट्यूब पर ट्रेंड करने लगा है।
सान्या मल्होत्रा का ग्लैम लुक और डांस बना आकर्षण का केंद्र
वीडियो में सान्या मल्होत्रा अपने स्टाइलिश लुक और एनर्जेटिक डांस मूव्स से पूरी तरह छाई हुई हैं। उनके एक्सप्रेशन और डांस ने फैंस का दिल जीत लिया। वहीं दिलजीत दोसांझ हमेशा की तरह अपने स्वैग में नजर आ रहे हैं।
गाने को राज रंजोध ने लिखा और म्यूज़िक भी उन्हीं ने कंपोज़ किया है। दिलजीत दोसांझ ने अपनी सुमधुर आवाज़ से गाने को चार चांद लगा दिए हैं, जबकि वीडियो का निर्देशन एवी स्रा ने किया है।
फैंस बोले—‘सान्या ने लगा दी आग!’
गाना रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर यूज़र्स की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। एक फैन ने लिखा, “बेस्ट वीडियो अब तक का!” वहीं दूसरे ने कमेंट किया, “सान्या मल्होत्रा ने इस वीडियो में आग लगा दी।”
कुछ फैंस ने दिलजीत की गायकी और सान्या के डांस को “परफेक्ट कॉम्बिनेशन” बताया है।
‘ऑरा’ एल्बम से लगातार छा रहे हैं दिलजीत
दिलजीत दोसांझ का ये गाना उनके नए एल्बम ‘ऑरा’ का हिस्सा है। इससे पहले इसी एल्बम का गाना ‘हीरे कुफर करें’ में मानुषी छिल्लर ने अपने सिज़लिंग डांस मूव्स से फैंस को दीवाना बनाया था। अब ‘चार्मर’ के जरिए सान्या मल्होत्रा ने भी एल्बम की पॉपुलैरिटी को नई ऊंचाई दी है।
सान्या मल्होत्रा का अगला प्रोजेक्ट
वर्कफ्रंट की बात करें तो सान्या मल्होत्रा हाल ही में वरुण धवन और जान्हवी कपूर के साथ फिल्म ‘सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी’ में नजर आई थीं। अब वह निर्देशक अनुराग कश्यप की आगामी फिल्म ‘बंदर’ में दिखाई देंगी।
(साभार)