देश में कोरोना महामारी के चलते 24 मार्च से सम्पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा हुई थी। लॉकडाउन के दौरान किसी को भी भूखे नहीं सोने देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) की घोषणा की थी।
योजना के तहत परिवार के हर सदस्य को 5 किलो गेहूं या चावल और एक किलो चने की दाल मुफ्त देने की घोषणा की गई थी। अब तक इसके तहत अप्रैल में 93% , मई में 91% और जून में 71% लाभार्थियों को अनाज दिया जा चुका है। इसके लिए राज्यों ने अब तक 116 लाख मीट्रिक टन अनाज केंद्र सरकार से लिया है।
अप्रैल से जून तक PMGKAY के सफल कार्यान्वयन के बाद केंद्र सरकार ने इस योजना को जुलाई से नवम्बर तक 5 महीने के लिए और बढ़ा दिया था। इस योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA )और अंत्योदय अन्न योजना (AAY) में शामिल लगभग 81 करोड़ लाभार्थियों को खाद्यान्न मुफ्त प्रदान किया जा रहा है।
जुलाई से नवंबर तक PMGKAY के दूसरे चरण के लिए 200.19 लाख मैट्रिक टन खाद्यान्न का आवंटन निर्धारित किया गया है, जिसमें 91.33 एलएमटी गेहूं व 109.96 एलएमटी चावल है। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के अनुसार इस योजना की लाभार्थियों के साथ-साथ राज्य सरकारों से भी बहुत उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है। दूसरे चरण में यह योजना को 8 जुलाई को शुरू कर दी गई थी और 27 जुलाई तक 33.40 एलएमटी खाद्यान्न लाभार्थियों के वितरण के लिए राज्य सरकारों को जारी कर दिया गया है, जिसमें 13.42 एलएमटी गेहूं और 19.98 एलएमटी चावल है। यह आवंटन जुलाई माह के लिए होने वाले पूरे आवंटन का लगभग 83 प्रतिशत है।
खाद्य मंत्रालय के मुताबिक NFSA व AAY के तहत प्रत्येक लाभार्थी को सब्सिडी मूल्य पर मिलने वाला राशन कोटा पूर्व की भांति मिलता रहेगा और साथ ही गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत भी खाद्यान्न मुफ्त मिलेगा।
खाद्य मंत्रालय के मुताबिक भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने इन 5 महीनों में आवंटन के अनुसार खाद्यान्न स्टॉक देश के हर हिस्से तक पहुंचाने के लिए व्यापक लॉजिस्टिक प्लानिंग की है। केंद्र सरकार इसे एक चुनौती के रूप में देख रही है, क्योंकि इतनी बढ़ी मात्रा में खाद्यान्न की ढुलाई आसान काम नहीं है। यह मात्रा सामान्य आवंटन से दोगुनी है। इसके साथ ही भंडारण क्षमता भी बढ़ाई गई है। FCI के पास मौजूदा भंडारण क्षमता और परिवहन की व्यवस्था नियमित आवंटन के अनुसार ही है।
एफसीआई इस चुनौती के लिए पूरी तरह से तैयार है। लॉकडाउन की अवधि के दौरान की सबसे कठिन परिस्थितियों में FCI खाद्यान्न वितरित करने की अपनी क्षमताओं पर खरा उतरा है। लॉकडाउन में FCI ने कुशल लॉजिस्टिक संचालन के नए रिकॉर्ड बनाए गए हैं।
खाद्य मंत्रालय का प्रयास है कि प्रधानमंत्री मोदी की मंशा के अनुरूप खाद्यान्न निर्धारित आवंटन के अनुसार देश के हर कोने तक पहुंचे। खाद्य मंत्रालय के अनुसार FCI ने चालू सत्र के लिए खरीद का काम पहले ही पूरा कर लिया है और गेहूं तथा चावल दोनों की खरीद में नए रिकॉर्ड बनाए हैं। हाल ही में समाप्त फसल सीजन में FCI ने कुल 389.76 एलएमटी गेहूं और 504.91 एलएमटी चावल की खरीद की है। खाद्य मंत्रालय मॉनसून के वर्तमान रुझान को देखते हुए, 2020-21 के आगामी खरीफ सीजन को भी अच्छा होने की उम्मीद लगाए हुए है।
कोरोना महामारी के दौरान लगातार जरूरतमंदों की मदद में जुटे रहे हंस फाउंडेशन के प्रमुख भोले जी महाराज के जन्मोत्सव पर फाउंडेशन ने उत्तराखंड को 100 करोड़ रूपये की योजनाओं की सौगात दी। आज मुख्यमंत्री आवास में आयोजित बेहद सादगी पूर्ण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, फाउंडेशन के प्रमुख भोले जी महाराज, माता मंगला व प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने इन योजनाओं का लोकार्पण किया।
गौरतलब है कि हंस फाउंडेशन देश भर में सामाजिक गतिविधियों में अपना बढ़-चढ़ कर योगदान देता है। ख़ास कर शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र में फाउंडेशन जरूरतमंदों की हर संभव मदद करता है। आर्थिक रूप से कमज़ोर गंभीर रोगों से पीड़ित लोगों के लिए फाउंडेशन देवदूत के रूप में कार्य करता है। फाउंडेशन गरीब व मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करता है। इसके अलावा फाउंडेशन देश के विभिन्न राज्यों में वहां की सरकारों को विभिन्न परियोजनाओं में सहायता करती है।
फाउंडेशन के प्रमुख भोले जी महाराज का जन्मोत्सव हर वर्ष धूमधाम से मनाया जाता है। उनके जन्मोत्सव में बढ़ी संख्या में उनके अनुयायियों समेत सभी दलों के वरिष्ठ राजनेता व तमाम गणमान्य लोग शामिल होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मगर इस बार कोरोना महामारी के चलते भोले जी महाराज का जन्मोत्सव बेहद सादगी के साथ मनाया गया। भोले जी महाराज के जन्मोत्सव के मौक पर आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री आवास पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री( स्वंत्रत प्रभार ) डा. धन सिंह रावत के अलावा खुद भोले जी महाराज व माता मंगला उपस्थित थे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हंस फॉउंडेशन द्वारा सहायतित विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण किया और भोले जी महाराज को उनके जन्म दिवस पर उनके सुदीर्घ जीवन की कामना की। उन्होंने कहा कि भोले जी महाराज का व्यक्तित्व हम सभी को प्रेरित करता है। उनका जीवन गरीबों की निस्वार्थ सेवा में समर्पित है। राज्य सरकार को भी हमेशा उनका सहयोग मिला है। माता मंगला जी व भोले जी महाराज समाज सेवा की भारतीय संस्कृति की महान परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। जिससे लाखों लोगों के जीवन में रोशनी फैल रही है। उन्होंने कहा कि हंस फाउण्डेशन द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा व संस्कृति के क्षेत्र में कार्य करने के साथ ही आत्मनिर्भरता के लिये अनेक गांवों को कृषि व बागवानी के क्षेत्र में स्वावलम्बी बनाने के लिये प्रभावी मदद दी जा रही है। कोरोना महामारी से लड़ने के लिए हंस फाउंडेशन फ्रंटलाइन वॉरियर्स की भूमिका निभा रहा है।
उत्तराखंड में निजी विद्यालयों की मनमानी के खिलाफ लगातार संघर्षरत रहने वाले संगठन नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट राइट्स (NAPSR) ने कोरोना महामारी के कारण उपजी परिस्थितियों के मद्देनजर शैक्षणिक सत्र को जीरो घोषित किए जाने की मांग की है। NAPSR के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में राजधानी देहरादून की मुख्य शिक्षा अधिकारी (CEO) से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा है।
NAPSR की प्रदेश अध्यक्ष राज गीता शर्मा के नेतृत्व में CEO आशारानी पैन्यूली से भेंट के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें विद्यालयों द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन क्लास को लेकर आ रही समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने मौजूदा परिस्थितियों में छात्रों व अभिभावकों को आ रही कठिनाइयों की विस्तार से चर्चा की और वर्तमान शैक्षणिक सत्र को शून्य घोषित करने की मांग। इस पर CEO ने आश्वासन दिया कि वे उनकी मांग को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाएंगी।
सीईओ को ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश उपाध्यक्ष रवि त्यागी, महानगर अध्यक्ष किरण बिष्ट नेगी, महासचिव श्वेता बंसल, सचिव ज्योति नौटियाल, कोषाध्यक्ष पूजा गर्ग, आशीष भंडारी, नवदीप गर्ग, रोहित नौटियाल आदि शामिल थे।
इधर, NAPSR के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने बताया कि निजी विद्यालयों द्वारा ली जा फीस के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से अपील करने को कहा है। इसके लिए उनकी तरफ से तैयारियां की जा चुकी हैं। NAPSR हाई कोर्ट जाने से पहले सरकार व विभाग को अभिभावकों की परेशानियों से अवगत कराएगा। सरकार व विभाग के स्तर से राहत न मिलने पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनका संगठन छात्रों व अभिभावकों के अधिकारों की रक्षा और निजी स्कूलों की मनमानियों के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगा।
उत्तराखंड सरकार ने आज वैयक्तिक सहायक/ आशुलिपिक और लेखा लिपिक के 300 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की है।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से होने वाली इन नियुक्तियों में 158 पद वैयक्तिक सहायक / आशुलिपिक के हैं। इनकी नियुक्ति राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में होगी। जबकि लेखा लिपिक के 142 पद शहरी विकास विभाग (स्थानीय निकाय) में भरे जाने हैं।
आयोग के सचिव संतोष बड़ोनी ने बताया कि उक्त दोनों पदों के लिए विस्तृत विज्ञापन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आवेदन शुल्क ₹ 150 निर्धारित किया गया है।
विस्तृत विज्ञापन को आयोग की वेबसाइट पर देखने के लिए यह लिंक क्लिक करें –
अभ्यर्थी आवेदन पत्र भरने में किसी प्रकार की कठिनाई आने पर आयोग के इन टोल फ्री नम्बर पर संपर्क कर सकते हैं –
6399990138/ 139/ 140/ 141
इसके अलावा आयोग के इस ई- मेल पर भी संपर्क कर सकते हैं –
chayanayog@gmail.com
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भारतीय वायु सेना के इतिहास में 27 जुलाई की तिथि एक नए अध्याय के रूप में जुड़ गयी है, जब आज अत्याधुनिक मिसाइलों और घातक बमों से लैस पांच राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस से भारत के लिए रवाना हुए। राफेल लड़ाकू विमानों ने आज सुबह फ्रांस के मेरिग्नैक स्थित दसॉल्ट एविएशन फैसिलिटी से भारत के लिए उड़ान भरी है। इन पांच विमानों में तीन सिंगल सीटर विमान और दो ट्विन सीटर विमान शामिल हैं। भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ 60 हजार करोड़ रुपये में 36 राफेल लड़ाकू विमानों की डील की थी। ये पांच विमान भारत और फ्रांस के बीच हुई 36 विमानों के समझौते की पहली खेप है।
भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट 7000 किलोमीटर की हवाई दूरी तय कर इन विमानों को बुधवार को अंबाला एयरबेस पहुंचाएंगे। राफेल भारतीय वायु सेना के 17 वें स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरोज’ का हिस्सा बनेगा, जो राफेल विमान से सुसज्जित पहला स्क्वाड्रन है। राफेल को औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में अगस्त में शामिल किया जाएगा।
इन विमानों का आगमन दो चरणों में करने की योजना बनाई गई है। विमानों को वहां से लाने की जिम्मेदारी भारतीय वायुसेना के पायलटों को दी गई है जिन्होंने इन विमानों को उड़ाने का व्यापक प्रशिक्षण लिया है। वहां से आगमन के पहले चरण के दौरान हवा से हवा में ईंधन भरने का काम भी यही पायलट करेंगे। फ्रांसीसी वायु सेना द्वारा उपलब्ध कराए गए विशेष टैंकर की सहायता से यह काम सफलतापूर्वक किया जाएगा।
भारत को ये विमान पहले मई में मिलने वाले थे, लेकिन कोरोना के कारण इनके मिलने में दो महीने की देरी हो गई। राफेल विमानों की पहली खेप में छह जेट भारत को मिलने हैं। पहले राफेल विमान को अक्टुबर 2019 में भारत को सौंपा गया था। इन विमानों के भारतीय वायुसेना में शामिल होने से देश की सामरिक शक्ति में जबरदस्त इजाफा होगा। भारत आने वाले 5 वीं जेनरेशन के इन राफेल फाइटर जेट्स में दुनिया की सबसे आधुनिक हवा से हवा में मार करने वाली मीटिआर मिसाइल भी लगी होंगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज ई-संवाद कार्यक्रम में राज्य के छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि देशभक्ति सभी सद्गुणों की जननी होती है। जिस भी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाएं, उसका उद्देश्य देशभक्ति होनी चाहिए। जो भी कैरियर बनाएं, मकसद एक ही होना चाहिए कि देश के लिए कुछ करना चाहते हैं।
लक्ष्य पूर्ति तक आराम नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में सफल होने के लिए हनुमानजी से सीखा जा सकता है। ‘रामकाज किन्हे बिना मोहे आराम कहां’। जब तक लक्ष्य पूर्ति न हो, आराम नहीं करना है। पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम जी की आज पुण्य तिथि है। हम उन्हें नमन करते हैं। वे सेना में अधिकारी बनना चाहते थे। देहरादून में साक्षात्कार के लिए आए परंतु उसमें सफल नहीं हुए। निराश हुए, तब ऋषिकेश गए, वहां एक संत से मार्गदर्शन लिया। इसके बाद उन्होंने पूरे मनोयोग से प्रयास किए और एक महान वैज्ञानिक बने। देश के राष्ट्रपति बने। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का विषय है। हमारे प्रदेश में एक आईएएस हैं जो पहले श्रमिक का काम करते थे। उन्होंने मेहनत की और आईएएस बने। सफल होने के लिए जरूरी है कि हमारे प्रयास पूर्ण मनोयाग से हों।
राज्य में होगी उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थानों की स्थापना
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का मात्रात्मक प्रसार काफी हुआ है। अब विशेष तौर पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में क्वालिटी एजुकेशन पर ध्यान देना होगा। आज का युग कड़ी प्रतिस्पर्धा का है। उच्च शिक्षण संस्थानों को वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बदलना होगा। इसी सोच के साथ सीपैट और ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर की स्थापना की गई। इसके अलावा नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी भी प्रारम्भ की जाएगी। जल्द ही नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल डेवलपमेंट भी शुरू किया जाएगा। उत्तराखण्ड में स्नातकोत्तर और रिसर्च के लिए आवासीय साईंस काॅलेज की स्थापना पर भी विचार किया जा रहा है। राज्य में एक विद्यालय प्रतिभावान बच्चों के लिए खोला जाएगा। इसमें कक्षा 6 से 12 तक संचालित की जाएंगी। इसमें राज्य स्तरीय परीक्षा के बाद प्रवेश दिया जाएगा। आर्थिक रूप से सक्षम परिवारों के बच्चों से शुल्क लिया जाएगा जबकि निर्धन व प्रतिभावान बच्चों के लिए शिक्षा निशुल्क होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देखकर बहुत प्रसन्न्ता होती है कि आज के बच्चे अपने कैरियर के संबंध में बहुत जागरूक हैं। उन्हें पता है कि किस क्षेत्र में भविष्य बनाना है।
कैरियर के लिए पूरे मनोयोग से करें प्रयास, सरकार व समाज से मिलेगा सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चे पूर्ण मनोयाग से आगे बढ़ें और मेहनत करें। जरूरत पड़ने पर सरकार और समाज से आवश्यक सहयोग मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चमोली जिले के एक बच्चे का सेलेक्शन लंदन स्कूल ऑफ आर्टस में हुआ। उसे वहां भेजने की व्यवस्था की गई। इसी प्रकार निर्धन परिवार की एक छात्रा पढ़ाई के लिए न्यूजीलैंड जाना चाहती थी। पता चलने पर इसकी भी व्यवस्था की गई। जो भी पाना चाहते हैं, उसकी पूरी तैयारी करें। जब मदद की जरूरत पड़े, तो बताएं। सरकार के साथ ही व्यक्तिगत तौर पर भी लोग मदद के लिए आते हैं।
छात्रों ने रखी अपने मन की बात
ई-संवाद में बच्चों ने अपनी बातें कहीं हैं। कोई डाक्टर बनना चाहता है तो कोई इंजीनियर और कोई सिविल सर्विसेज में जाना चाहता है। इसी प्रकार किसी ने वैज्ञानिक बनने की बात कही है। एक ने फाईन आर्ट में कैरियर बनाने की इच्छा व्यक्त की है। कोई शिक्षक बनकर और कोई सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहता है।
ई-संवाद में विधायक पुष्कर सिंह धामी, यूसर्क के निदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत सहित कई वैज्ञानिक, शिक्षक, छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
दिल्ली के लुटियन्स जोन स्थित सरकारी बंगले को छोड़ने से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी व राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी को परिवार सहित चाय पर आमंत्रित किया है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कुछ समय पूर्व प्रियंका गांधी को पूर्व प्रधानमंत्री के परिजन के तौर पर दी गई स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) की सुरक्षा वापस ले ली थी। प्रियंका को केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के घेरे में जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। प्रियंका अभी तक ना ही सांसद रहीं हैं और ना ही उनके पास कोई सरकारी पद रहा है। मगर SPG घेरे में रहने के दौरान उन्हें सुरक्षा मानकों के अनुरूप वर्ष 1997 में 35 – लोधी एस्टेट का सरकारी बंगला दिया गया था। SPG सुरक्षा हटने के बाद केंद्र सरकार ने उन्हें 1 अगस्त तक सरकारी बंगला खाली करने को कहा था।
बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी बंगले को खाली करने की तैयारी में हैं। उन्होंने फिलहाल के लिए गुरुग्राम में फ्लैट लिया है। इधर, भाजपा के राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी ने स्वास्थ्य कारणों के चलते अपने लिए कोई अन्य बंगला आवंटित करने की मांग की थी। बलूनी अभी तक 20 – गुरुद्वारा रकाबगंज रोड स्थित बंगले पर रहते हैं। बलूनी के अनुरोध पर सरकार ने उन्हें प्रियंका गांधी द्वारा खाली किया जा रहा बंगला आवंटित किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, प्रियंका गांधी ने बंगला छोड़ने से पहले सामान्य शिष्टाचार के तहत नए आवंटी को पत्नी सहित चाय पर आमंत्रित किया है। अनिल बलूनी के कार्यालय को पत्र और फोन के माध्यम से यह निमंत्रण भेजा गया है।
उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के प्रति भेदभाव और संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर उसका आदरपूर्वक अंतिम संस्कार तक न करने देने जैसी घटनाओं पर व्यथित हैं। उन्होंने ऐसी घटनाओं को नितांत दुर्भाग्यपूर्ण बताया तथा स्थानीय समुदाय और वृहत्तर समाज से ऐसी प्रवृतियों को रोकने को कहा।
आज अपने फेसबुक पोस्ट में नायडू ने कहा कि ऐसी कुवृत्तियों को जड़ से समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा संक्रमित व्यक्ति सहायता व संवेदना की अपेक्षा करता है। कोई भी इस संक्रमण से पूरी तरह से निरापद नहीं है। यह अदृश्य वायरस किसी को भी संक्रमित कर सकता है।उन्होंने कहा ऐसा खेदजनक असंवेदनशील भेदभाव भारत की उस सहिष्णुतावादी परंपरा के विरुद्ध है जिसने समय-समय पर आहत मानवता के प्रति दया और करुणा का व्यवहार किया है। संक्रमित व्यक्ति की अंत्येष्टि पर मनाही की घटनाओं पर क्षोभ व्यक्त करते हुए उन्होंने लिखा कि यह भारतीय मूल्यों के विरुद्ध है, जहां शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना रखी जाती है। ढांढस और भरोसा दिया जाता है।
उन्होंने कहा ऐसे व्यवहार का मूल कारण लोगों में जानकारी का न होना है। इसके लिए आवश्यक है कि स्वास्थ्य प्रशासन और मीडिया लोगों तक प्रमाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाएं। प्रमाणिक जानकारी के अभाव में अंधविश्वास व अफवाहें फैलती हैं। जबकि जानकारी होने से व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।
नायडू ने आशा व्यक्त की है कि अपने साझे प्रयास से हम इस महामारी के प्रभावों से उबरने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि सबसे पहले हमें बढ़ते ग्राफ को समतल करने पर जोर देना है, जिसके लिए नागरिकों को ज़िम्मेदारीपूर्वक आचरण करना होगा। मास्क लगाना, हाथ धोना, सामाजिक दूरी जैसी सावधानियों का पालन करना होगा। उन्होंने प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग के अभ्यास की सलाह भी दी।
अपने फेसबुक पोस्ट में उपराष्ट्रपति ने आज कारगिल विजय दिवस पर युद्ध में वीरगति को प्राप्त अमर शहीदों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की और लिखा है कि मातृ भूमि की एकता, अखंडता व संप्रभुता की रक्षा करने के लिए सेनाओं के शौर्य, साहस, देशभक्ति और उनके बलिदान के प्रति सम्पूर्ण राष्ट्र सदैव कृतज्ञ रहेगा।
उन्होंने किसानों जैसे अनजान कोरोना योद्धाओं के प्रति आभार व्यक्त करने का आह्वाहन किया, जो निःस्वार्थ भाव से देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों, स्वच्छता कर्मियों, पुलिस, मीडिया तथा समान पहुंचाने वाले कर्मियों जैसे कोरोना योद्धाओं के प्रयासों में सहयोग और समर्थन देने का आग्रह
किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार 27 जुलाई को कोविड-19 को लेकर उच्च प्रवाह क्षमता वाली परीक्षण सुविधाओं का शुभारंभ करेंगे। इन सुविधाओं से देश में परीक्षण करने की क्षमता बढ़ेगी। साथ ही बीमारी की शुरुआती पहचान और समय रहते उपचार करने में तेजी आएगी। इससे कोरोना महामारी के फैलाव को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से इन सेवाओं का शुभारम्भ करेंगे। इन तीन उच्च क्षमता प्रवाह वाली परीक्षण सुविधाओं को रणनीतिक तौर पर आईसीएमआर – राष्ट्रीय कैंसर निवारण एवं अनुसंधान संस्थान, नोएडा, आईसीएमआर- राष्ट्रीय प्रजननीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान, मुंबई व आईसीएमआर- राष्ट्रीय हैजा एवं आंत्र बीमारी संस्थान, कोलकाता में स्थापित किया गया है। हाई फ्लो कैपेसिटी सुविधा हासिल करने के बाद ये संसथान रोज 10,000 से अधिक नमूनों का परीक्षण करने में सक्षम होंगे। इन सुविधाओं से युक्त प्रयोगशालाओं से संक्रामक डायग्नोस्टिक मटेरियल से स्वास्थ्यकर्मियों को बचाने और उनके प्रतिवर्तन काल (टर्नअराउंड टाइम) को कम करने में मदद मिलेगी। इन प्रयोगशालाओं में कोविड के अलावा अन्य बीमारियों का भी परीक्षण हो सकेगा। महामारी खत्म होने के बाद हेपेटाइटिस बी एवं सी, एचआईवी, माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस, साइटोमेगालोवायरस, क्लैमाइडिया,नीसेरिया,डेंगू इत्यादि बीमारियों के लिए भी परीक्षण कार्य होगा।
पिछले 24 घंटों में कोविड-19 से ठीक हुए लोगों की संख्या में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज
इधर, पिछले 24 घंटों में कोविड-19 से ठीक हुए लोगों की संख्या में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 36,145 रोगी ठीक हुए और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इसके साथ ठीक हुए मामलों की कुल संख्या बढ़कर 8,85,576 हो गई है। ठीक होने की दर भी नए उच्च स्तर पर पहुंच गई है। यह बढ़कर 64 प्रतिशत के नजदीक हो गई है। आज यह 63.92 प्रतिशत है। इसका मतलब है कि ज्यादा रोगी ठीक हो रहे हैं। इस प्रकार से कोविड-19 से ठीक हुए और सक्रिय मामलों के बीच का अंतर लगातार व्यापक रूप से बढ़ रहा है। यह अंतर 4 लाख से ज्यादा हो गया है और यह वर्तमान में 4,17,694 है। ठीक हुए मामले, सक्रिय मामलों 4,67,882 से 1.89 गुना ज्यादा हैं।
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को कोविड-19 महामारी का प्रभावी प्रबंधन करने के लिए जांच, खोज, उपचार रणनीति को जारी रखने और उसे प्रभावी रूप से लागू करने की सलाह दी है। पहली बार एक ही दिन में रिकॉर्ड संख्या में 4,40,000 से ज्यादा लोगों की जांच की गई। पिछले 24 घंटों में 4,42,263 नमूनों की जांच के साथ, प्रति मिलियन परीक्षण (टीपीएम) की संख्या बढ़कर 11,805 हो गई है और कुल परीक्षण की संख्या 1,62,91,331 हो गई है। पहली बार सरकारी प्रयोगशालाओं ने 3,62,153 नमूनों की जांच करके एक नया रिकॉर्ड बनाया है। निजी प्रयोगशालाओं ने भी एक ही दिन में 79,878 नमूनों की जांच कर नई ऊंचाई प्राप्त कर ली है। मृत्यु दर के मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है और यह वर्तमान में 2.31 प्रतिशत है। भारत दुनिया के सबसे कम मृत्यु दर वाले देशों में से एक है।
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज राजधानी देहरादून के गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य को नमन करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में सैनिकों की वीरता व बलिदान की लम्बी परम्परा रही है।
उन्होंने कहा कि देश की आजादी से पहले एवं आजादी के बाद उत्तराखंड के वीर सपूतों ने देश की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कारगिल युद्ध में बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड के सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दी। इस युद्ध में वीर भूमि उत्तराखंड के 37 जवानों को वीरता पदक भी मिले। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश की वीर माताओं का स्मरण भी किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना। कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा।
विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों की अनुमन्य राशि में भारी बढ़ोतरी
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार द्वारा सेवायोजित किया जा रहा है। राज्य सरकार ने विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोतरी की है। परम विशिष्ट सेवा मेडल पर 15 हजार से बढ़ाकर 2 लाख रूपए, अति विशिष्ट सेवा मेडल पर अनुमन्य एकमुश्त राशि को 7 हजार रूपए से बढ़ाकर 1 लाख 50 हजार रूपए किया गया है। सेना मेडल पर राशि पहले अनुमन्य नहीं थी। अब इसके लिए 1 लाख रूपए की राशि अनुमन्य है। इसी प्रकार विशिष्ट सेवा मेडल में एकमुश्त अनुमन्य राशि को 3 हजार रूपए से बढ़ाकर 75 हजार रूपए किया गया है। हमने द्वितीय विश्वयुद्ध पेंशन को भी दो गुना किया है। इसे 4 हजार रूपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 8 हजार रूपए प्रतिमाह किया गया है।
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पूर्व सैनिकों/ वीरांगनाओं व आश्रितों को विभिन्न योजनाओं का लाभ
मुख्यमंत्री ने बताया कि सैनिकों/वीरांगनाओं और उनके आश्रितों को स्वावलम्बी बनाने के लिए सभी जिलों में कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पूर्व सैनिक के आश्रितों को प्रान्तीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में प्रतिभाग करने पर प्रोत्साहन अनुदान दिया जा रहा है। सैनिक कल्याण विभाग द्वारा चलाए जा रहे केंद्रों से भर्ती पूर्व प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों के सेना, अर्द्धसैनिक बल और राज्य पुलिस बल में भर्ती होने पर 20 हजार रूपए की धनराशि पुरस्कार के रूप में प्रदान की जाती है। एन.डी.ए., आई.एम.ए., ओ.टी.ए., एयर फोर्स अकादमी, नेवल अकादमी, सिविल सेवा, पी.सी.एस., एम.बी.बी.एस., आई.आई.टी., आई.आई.एम. में चयन होने पर उत्तराखण्ड के निवासी पूर्व सैनिक आश्रितों को कोचिंग व्यय की प्रतिपूर्ति की जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिकों द्वारा पुनर्वास हेतु लिए गए ऋण पर अनुदान में वृद्धि की है। 5 लाख रूपए तक के ऋण पर 10 प्रतिशत और 5 से 10 लाख रूपए तक के ऋण पर 5 प्रतिशत या अधिकतम 75 हजार रूपए का अनुदान दिया जा रहा है। पूर्णतया दिव्यांग पूर्व सैनिकों के पुनर्वास के चलाए जा रहे शिक्षण केंद्रों को प्रति वर्ष दी जाने वाली राशि को 30 हजार रूपए से बढ़ाकर 1 लाख रूपए कर दिया गया है। पूर्व सैनिकों के दैवीय आपदा में आवास क्षतिग्रस्त होने पर अनुदान की राशि को भी 30 हजार रूपए से बढ़ाकर 50 हजार रूपए किया गया है।
इस अवसर पर विधायक हरवंश कपूर, गणेश जोशी, खजान दास, विनोद चमोली, मेयर सुनील उनियाल गामा, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, जिलाधिकारी देहरादून आशीष श्रीवास्तव एवं सैन्य अधिकारियों ने शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी।