उत्तराखंड स्थित विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट रविवार को शीतकाल के लिए बंद हो गए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु व तीर्थ-पुरोहित मौजूद रहे।
अन्नकूट– गोवर्द्धन पूजा के पर्व पर विधिवित पूजा-अर्चना के बाद 12:15 बजे कपाट बंद होने की रस्म पूरी हुई। कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा के लिए रवाना हुई। इसके बाद श्रद्धालु अब आगामी छह माह तक मुखबा में ही मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे।
कपाट बंद होने तथा उत्सव डोली के प्रस्थान के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष मात्र साढ़े तेईस हजार श्रद्धालुओं ने ही मां गंगा के दर्शन किए।

इधर, द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज के अवसर पर 16 नवंबर को बंद होंगे।केदारनाथ धाम में आज कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई। इस क्रम में आज विधि-विधान के साथ बाबा केदार की चल-विग्रह डोली का पूजन किया गया। केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी उपस्थित रहेंगे।
16 नवम्बर को ही श्री यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद होंगे। जबकि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर बंद होंगे। द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर के कपाट भी 19 नवंबर को बंद हो रहे हैं। तृतीय केदार श्री तुंगनाथ के कपाट 4 नवंबर और चतुर्थ केदार श्री रूद्रनाथ के कपाट 17 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तरकाशी जिले में चीन सीमा से लगे भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के कोपांग कैंप और हर्षिल में 9वीं बिहार रेजिमेंट के जवानों के साथ दीपावली मनाई। मुख्यमंत्री ने जवानों का हौंसला बढ़ाया और उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सेना और अर्द्ध सैनिक बलों के जवान सीमान्त एवं दुर्गम क्षेत्रों में देश की रक्षा के लिए कठिन परिस्थितियों में कार्य करते हैं। इन सैनिकों की वजह से पूरा देश चैन की नींद सोता है। हमारे जवान अपने परिवारों से दूर रहकर देश की रक्षा के लिए जिस वीरता एवं साहस से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते है। इसके लिए वे निश्चित रूप से बधाई के पात्र है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सेना एवं आईटीबीपी के जवानों के साथ मुझे कुछ समय बिताने का मौका मिला, यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। उत्तराखण्ड का सेना एवं अर्द्धसैन्य बलों से गहरा नाता रहा है। उत्तराखण्ड के अनेक जवान इन सैन्य बलों में सेवाएं दे चुके हैं एवं दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पिताजी भी सेना में रहे हैं। एक सैनिक परिवार से होने के नाते उनका सैनिकों से व्यक्तिगत लगाव भी है।

उन्होंने कहा कि सेना व अर्द्ध सैन्यबलों के प्रति देश के हर नागरिक का सम्मान, श्रद्धा एवं विश्वास का भाव रहता है। हमारे सैन्य बल की दुनिया के सर्वोत्कृष्ट सैन्य बल में गिनती होती है।
मुख्यमंत्री ने इस दुर्गम एवं सीमान्त क्षेत्र में महिला अधिकारियों की तैनाती को भी अनुकरणीय बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के आईएएस, आईपीएस व आईएफएस अधिकारियों की साल में एक बार सीमांत क्षेत्रों में कैम्पिंग कराई जाएगी।
इस अवसर पर गंगोत्री के विधायक गोपाल सिंह रावत, मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार डॉ. के.एस.पंवार, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते, उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट आदि उपस्थित थे।
भारत सरकार (Government of India) के वित्त वर्ष 2021-22 (Fiscal Year 2021-22) के बजट (Budget) के लिए आम आदमी भी अपने सुझाव, विचार अथवा प्रस्ताव दे सकता है। इसके लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय रविवार को एक ऑनलाइन माइक्रोसाइट लॉन्च करेगा। वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) द्वारा जारी एक वक्तव्य में यह जानकारी दी गई है।
वित्त मंत्रालय ने बजट बनाने की प्रक्रिया में आम आदमी की भागीदारी बढ़ाने और इसे ज्यादा लोकतांत्रिक बनाने के लिए यह फैसला किया है। इसके लिए भारत सरकार ने माई जीओवी (https://www.mygov.in/mygov-survey/inviting-suggestions-budget-2021-22/) प्लेटफॉर्म पर एक माइक्रोसाइट (ऑनलाइन पोर्टल) लॉन्च किया है। यह पोर्टल 15 नवंबर से लाइव हो जाएगा। इस माइक्रोसाइट पर लोग 2021-22 के बजट के लिए अपने विचार, सुझाव भेज सकेंगे।
ऐसा करने के लिए उन्हें माई जीओवी प्लेटफॉर्म पर अपना पंजीकरण कराना होगा। वित्त मंत्रालय के अनुसार लोगों के द्वारा भेजे गए सुझाव का भारत सरकार के संबंधित मंत्रालय व विभाग मूल्यांकन करेंगे। अगर किसी विषय पर जरूरी हुआ तो संबंधित लोगों से उनके पंजीकृत ई-मेल और मोबाइन नंबर के जरिए संपर्क भी किया जाएगा। यह पोर्टल 30 नवंबर तक सुझावों के लिए खुला रहेगा।
उल्लेखनीय है की पिछले कई वर्षों से वित्त मंत्रालय, सालाना बजट पेश करने से पहले उद्योग व व्यापार जगत के संगठनों और विशेषज्ञों से बजट पूर्व बैठकें कर उनकी सलाह लेता है। मगर इस बार महामारी को देखते हुए वित्त मंत्रालय को बजट पूर्व बैठकों को परंपरागत तरीके से करने की बजाय अलग तरह से करने के सुझाव मिल रहे हैं।
लोगों के सुझाव के आधार पर वित्त मंत्रालय ने फैसला किया है कि विभिन्न संस्थानों, विशेषज्ञों से सुझाव प्राप्त करने के लिए एक अलग E-Mail ID बनाई जाए। जहां पर लोग अपने सुझाव भेज सकेंगे। वित्त मंत्रालय के अनुसार E-Mail ID जल्द ही जारी की जाएगी।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (Jagat Prakash Nadda) ने अपनी टीम का विस्तार करते हुए विभिन्न प्रदेशों के प्रभारी का सह प्रभारियों की नियुक्ति की है। उत्तराखंड का प्रभार राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत कुमार गौतम को सौंपी गई है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा वर्मा को उत्तराखंड का सह प्रभारी नियुक्त किया गया है।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत कुमार गौतम को उत्तराखंड के अलावा पंजाब व चंडीगढ़ का प्रभार भी सौंपा गया है। गौतम ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। भाजपा में लम्बे समय तक विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे। वे भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं। वर्तमान में वे हरियाणा से राज्यसभा सदस्य हैं।
उत्तराखंड की सह प्रभारी बनाई गईं रेखा वर्मा पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के साथ- साथ उत्तर प्रदेश की धौरहरा लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। वर्ष 2014 में रेखा वर्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद को हराकर लोकसभा पहुंचीं। 2019 के चुनाव में भी रेखा ने वहीं इतिहास दोहराया। इस बार उनकी जीत का अंतर और बढ़ गया।
इसके साथ भूपेंद्र यादव को किसान मोर्चा, अरुण सिंह को अन्य पिछड़ा वर्ग मोर्चा, दुष्यंत कुमार गौतम को महिला मोर्चा, तरुण चुग को युवा मोर्चा, डी. पुरंदेश्वरी को अल्पसंख्यक मोर्चा, सीटी रवि को अनुसूचित जाति मोर्चा और दिलीप सैकिया को अनुसूचित जनजाति मोर्चा का प्रभारी बनाया गया है।


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 15-16 नवंबर को दो दिन के उत्तराखंड दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे केदारनाथ व बद्रीनाथ के दर्शन करेंगे। साथ ही बद्रीनाथ में प्रस्तावित उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के पर्यटक आवास गृह का शिलान्यास करेंगे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इस भ्रमण में उनके साथ रहेंगे।
सरकारी सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 15 नवंबर को दोपहर 2:50 बजे गोरखपुर से सरकारी जहाज से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे। वहां से वे हेलीकाप्टर से केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेंगे। केदारनाथ मंदिर में दर्शन व पूजन के बाद वे वहां का भ्रमण भी करेंगे। उस दिन रात्रि को योगी आदित्यनाथ केदारनाथ में ही रुकेंगे।
16 नवंबर को प्रातः 4:30 बजे से एक घंटे तक योगी आदित्यनाथ केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना कर कपाट बंद होने के कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद वे प्रातः 7:30 बजे बद्रीनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेंगे। बद्रीनाथ में प्रातः 8 से 9 बजे तक उनका पूजा-अर्चना का कार्यक्रम है।
पूजा-अर्चना के बाद वे 10 बजे बद्रीनाथ में प्रस्तावित उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के पर्यटक आवास गृह का शिलान्यास करेंगे। यहाँ बता दें कि बद्रीनाथ में हेलीपैड के समीप उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटक आवास गृह का निर्माण प्रस्तावित है। इस कार्यक्रम में वे एक घंटे तक शिरकत करेंगे। इसके बाद वे लखनऊ के लिए रवाना होंगे।
देश में कोविड-19 (Covid-19) से संक्रमित मामलों की संख्या लगातार तीसरे दिन भी 5 लाख के स्तर से नीचे बनी रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक नए मामलों की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या में वृद्धि से सक्रिय मामलों में कमी आई है। वर्तमान में सक्रिय मामलों की संख्या 4,84,547 है, इससे यह दर 5.5 प्रतिशत हो गई है।
पिछले 24 घंटों में 44,879 नए मामलों की तुलना में 49,079 मरीज ठीक हुए हैं। नए मामलों की तुलना में दैनिक स्तर पर उच्च सुधार की यह स्थिति आज 41वें दिन भी जारी रही।

संक्रमण से अब तक 81,15,580 लोग ठीक हो चुके हैं, जिससे संक्रमण से सुधार की दर 92.97 प्रतिशत हो गई है। इसके साथ ही संक्रमित लोगों और ठीक होने वाले लोगों की संख्या के बीच का अंतर बढ़कर 76,31,033 हो गया है।
देश में कुल संक्रमित रोगियों में से 76.25 प्रतिशत मामले 10 राज्यों में हैं। पिछले 24 घंटों में दिल्ली में दैनिक स्तर पर नए मामलों की संख्या 7,053 रही। केरल में 5,537 नए मामले दर्ज किए गए, जबकि महाराष्ट्र में 4,496 नए मामले आए हैं।

पिछले 24 घंटों में हुई 547 मौतों में से 80 प्रतिशत 10 राज्यों में दर्ज की गईं। महाराष्ट्र में 122, दिल्ली में 104 व पश्चिम बंगाल में 54 मौतें हुईं। केरल व तमिलनाडु में 25-25, पंजाब में 23, केरल व उत्तर प्रदेश में 21-21, छत्तीसगढ़ में 20 और हरियाणा में 19 मरीज संक्रमण के शिकार हुए।
केंद्र सरकार (Central Government) ने अपने पेंशनभोगी (Pensioners) कार्मिकों के लिए एक बड़ी राहत देते हुए जीवन प्रमाण पत्र (Life certificate) घर पर ही जमा करने की सुविधा प्रदान कर दी है। अब पूरे देश में पेंशनभोगी कार्मिक बिना बैंक शाखा गए या बैंक शाखाओं के बाहर पंक्ति में खड़े हुए बिना डाकिये के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (Digital Life Certificate, DLC) घर पर ही जमा करने की डोरस्टेप सर्विस (Doorstep Service) का लाभ उठा सकेंगे। इस सुविधा का लाभ सभी पेंशनभोगी उठा सकेंगे, चाहे उनका पेंशन खाता किसी भी बैंक में हो। इसके लिए पेंशनभोगी को एक निर्धारित शुल्क देना होगा। इस सुविधा से कोरोना काल में बुजुर्ग पेंशनरों को भारी सहूलियत मिलेगी। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय द्वारा यह जानकारी दी गई है।
केंद्र सरकार के पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (Department of Pension & Pensioners Welfare, DPPW) की पहल पर डाक विभाग के इंडिया पोस्ट पेमेन्ट्स बैंक (India Post Payments Bank, IPPB) और इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डाकिये के माध्यम से DLC जमा करने के लिए डोरस्टेप सर्विस की शुरुआत की है। IPPB डोरस्टेप सेवा उपलब्ध कराने के लिए अपने राष्ट्रीय नेटवर्क का उपयोग करेगा। इसमें पोस्ट ऑफिस के 1,36,000 से अधिक एक्सेस प्वाइंट्स और स्मार्ट फोन व बायोमैट्रिक उपकरणों से युक्त 1,89,000 डाकिये एवं ग्रामीण डाक सेवक हैं।
DLC जमा करने के लिए डोरस्टेप सर्विस का लाभ लेने के लिए पेंशनर IPPB की वेबसाइट ippbonline.com पर विस्तृत जानकारी हासिल कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को समझने के लिए यू-ट्यूब पर @Youtube(Pension DOPPW) और पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के फेसबुक पेज https://www.facebook.com/sankalp.DOPPW को क्लिक कर देख सकते हैं।
यहां यह बता दें कि इससे पूर्व ऑनलाइन माध्यम से जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा के लिए जीवन प्रमाण पोर्टल (Jeevan Pramaan Portal) की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नवंबर, 2014 में की थी। इसका उद्देश्य पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए एक सुविधाजनक और पारदर्शी सुविधा उपलब्ध कराना था।
आत्मनिर्भर भारत अभियान (Aatma Nirbhar Bharat Abhiyan) के अंतर्गत केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों से 41 अधिसूचित फलों और सब्जियों को देश में किसी भी स्थान पर पहुंचाने के लिए हवाई परिवहन पर 50 प्रतिशत सब्सिडी देने की घोषणा की है। इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है।
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (Ministry of Food Processing Industries) ने जानकारी दी है कि यह सब्सिडी ऑपरेशन ग्रीन्स स्कीम – टॉप टू टोटल (Operation Greens Scheme TOP to TOTAL) के तहत दी जाएगी। एयरलाइंस कम्पनियां अब आपूर्तिकर्ता , माल भेजने वाले, माल प्राप्तकर्ता व एजेंट से ढुलाई का 50 प्रतिशत किराया ही लेंगी और शेष 50 प्रतिशत धनराशि के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के समक्ष दावा पेश करेंगी।
ऑपरेशन ग्रीन्स – टॉप टू टोटल योजना के अंतर्गत चिह्नित हवाई अड्डों से हवाई कंपनियों के माध्यम से परिवहन के लिए अधिसूचित फलों और सब्जियों की सभी खेप, चाहे जो भी मात्रा हो और कीमत हो, इसके बावजूद 50 प्रतिशत माल भाड़ा सब्सिडी के लिए पात्र होगा।
ऑपरेशन ग्रीन्स योजना के तहत परिवहन सब्सिडी को इससे पहले किसान रेल योजना के लिए शुरू किया गया था। यह सुविधा पिछले अक्टूबर माह में शुरू हुई थी। रेलवे अधिसूचित फल और सब्जियों पर केवल 50 प्रतिशत भाड़ा ही लेता है।
इन फसलों के हवाई परिवहन में मिलेगी सब्सिडी
फल :- आम, केला, अमरूद, कीवी, लीची, मौसम्बी, संतरा, किन्नु, नींबू, पपीता, अनानास, अनार, कटहल, सेब, बादाम, आंवला, पैशन फ्रूट, नाशपाती, शकरकंद, चीकू।
सब्जियां : – फ्रेंच बीन्स, करेला, बैंगन, शिमला मिर्च, गाजर, फूलगोभी, मिर्च (हरी), ओकरा, ककड़ी, मटर, लहसुन, प्याज, आलू, टमाटर, बड़ी इलायची, कद्दू, अदरक, गोभी, स्क्वैश और हल्दी (सूखी)
इन हवाई अड्डों से मिलेगी छूट
उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश व केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख के सभी हवाई अड्डे। पूर्वोत्तर से अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम (बागडोगरा) और त्रिपुरा के सभी हवाई अड्डे।
उत्तराखंड (Uttarakhand) भाजपा (BJP) के तेज-तर्रार विधायकों (MLA) में शामिल सुरेंद्र सिंह जीना (Surendra Singh Jeena) का गुरूवार तड़के दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया। पचास वर्षीय जीना को कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) पाए जाने के बाद पिछले सप्ताह अस्पताल में भर्ती किया गया था। उनके निधन पर तमाम वरिष्ठ नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
विधायक जीना की गंगाराम अस्पताल में उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विगत दिवस अस्पताल के निदेशक को फोन कर विधायक के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी और उचित देखभाल के निर्देश दिए थे। मगर गुरूवार तड़के लगभग 4 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। अभी लगभग दो सप्ताह पूर्व उनकी पत्नी नेहा जीना का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। बताया जाता है की पत्नी के निधन से उनको गहरा सदमा पहुंचा था।

मूल रूप से अल्मोड़ा जिले की भिक्यासैंण तहसील के सदीगांव निवासी सुरेंद्र सिंह जीना का जन्म 8 दिसंबर 1969 को हुआ था। दिल्ली में उनका अपना स्वतंत्र व्यवसाय था। वर्ष 2007 के विधान सभा चुनाव में उन्होंने प्रदेश की तत्कालीन भिक्यासैंण सीट से चुनाव लड़ा और विजयी हुए। इसके बाद वे लगातार 2012 व 2017 में अल्मोड़ा जिले की सल्ट विधान सभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। वे कुमायु मंडल विकास निगम (KMVN) के अध्यक्ष भी रहे हैं।
जीना को प्रदेश के बेहद प्रतिभाशाली व ऊर्जावान नेताओं में गिना जाता था। अपनी विधान सभा में वे खासे लोकप्रिय थे। उन्होंने अपने पिता प्रताप सिंह जीना के नाम से एक चैरिटेबल ट्रस्ट बनाया था। इसके माध्यम से वे गरीबों व जरूरतमंदों की हर तरह से सहायता करते थे। जीना बहुत बड़ी संख्या में अपने क्षेत्र के बेरोजगारों को दिल्ली आदि में रोजगार उपलब्ध कराते रहते थे।
उनके निधन पर प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्या, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय कुमार, सांसद अजय भट्ट, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत आदि ने शोक व्यक्त किया है।
बिहार (Bihar) विधान सभा चुनावों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों में हुए उप चुनावों में कांग्रेस (Congress) की करारी हार को शायद पार्टी नेता पचा नहीं पा रहे हैं। चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने बुधवार को जमकर अपनी भड़ास निकाली। सिलसिलेवार एक के बाद एक करीब दर्जन भर ट्वीट कर दिग्गी राजा ने नेहरु-गांधी परिवार के प्रति अपनी स्वामी भक्ति प्रदर्शित करते हुए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को देश का एकमात्र ऐसा नेता करार दिया है, जो विचारधारा की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के विरुद्ध भी आग उगली। यही नहीं उन्होंने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को बेतुका सुझाव दिया है कि वो भाजपा का साथ छोड़ कर देश की राजनीति में सक्रिय हो जाएं और बिहार में तेजस्वी यादव को अपना आशीर्वाद दें। अपने ट्वीट के बाद दिग्गी राजा यूजर्स के निशाने पर आ गए और जम कर ट्रोल हो रहे हैं।
अक्सर अपने विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले दिग्गी राजा ने जिस अंदाज में ट्वीट किए हैं, उससे यह साफ़ लग रहा है कि वे बिहार विधान सभा चुनावों और मध्य प्रदेश उप चुनावों में कांग्रेस की करारी हार से सदमे में हैं। दिग्विजय जितने दुःखी कांग्रेस की हार से हैं, उससे अधिक भाजपा की जीत से लग रहे हैं। भाजपा की जीत के बहाने वो संघ पर निशाना साधने का मौका नहीं चूके और संघ को देश बांटने वाला बता दिया। दिग्विजय ने ट्वीट में कहा कि – ”मैं संघ की विचारधारा का घोर विरोधी हूँ क्योंकि वह भारत की सनातनी परंपराओं व सनातन धर्म की मूल भावना के विपरीत है। यह देश सबका है।” हालांकि, इस ट्वीट में उन्होंने संघ की इस बात के लिए सराहना भी की है कि ”वे अपने लक्ष्य और अपनी विचारधारा के साथ समझौता नहीं करते।” साथ ही उन्होंने कहा की संघ केवल समाज को बांट कर राजनीति करता है।
दिग्विजय सिंह ने नेहरु-गांधी खानदान के प्रति पूरी निष्ठा जताई है और कहा कि – ”मुझे विश्वास है नेहरु-गांधी परिवार के नेतृत्व में हम जनता का विश्वास फिर जीतेंगे। भाजपा ‘जन बल’ को दबाने के लिए ‘धन बल’ का भरपूर उपयोग करेगी। लेकिन देश में भाजपा के नेतृत्व में गिरती अर्थव्यवस्था बड़ती बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ गरीब मज़दूर किसान व वंचित वर्गों के साथ खड़ा होना पड़ेगा।” दिग्विजय ने राहुल गांधी को देश का ”एकमात्र” ऐसा नेता बताया है, जो विचारधारा की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने NDA के सहयोगी दलों को नसीहत देते हुए कहा है कि उन्हें समझना चाहिए राजनीति विचारधारा की होती है। जो भी व्यक्ति अपनी महत्वाकांक्षा के कारण विचारधारा को छोड़कर अपने स्वार्थ के लिए समझौता करता है, वह अधिक समय तक राजनीति में जिंदा नहीं रहता। इस क्रम में उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की है कि वे भाजपा का साथ छोड़ कर तेजस्वी यादव को अपना आशीर्वाद दें और नीतीश बिहार छोड़ कर देश की राजनीति में सक्रिय हों।
नीतीश कुमार को यह सलाह देते समय दिग्विजय सिंह उन्हें याद दिला रहे हैं कि – ”यही महात्मा गांधी जी व जयप्रकाश नारायण जी के प्रति सही श्रद्धांजलि होगी। आप उन्हीं की विरासत से निकले राजनेता हैं वहीं आ जाइए। आपको याद दिलाना चाहूंगा जनता पार्टी संघ की Dual Membership के आधार पर ही टूटी थी। भाजपा/संघ को छोड़िए। देश को बर्बादी से बचाइए।” नीतीश कुमार को यह ”याद” दिलाते समय दिग्विजय सिंह को शायद यह याद नहीं रहा कि जयप्रकाश नारायण ने कांग्रेस के भ्रष्टाचार व तानाशाही पूर्ण रवैये के खिलाफ ही आंदोलन छेड़ा था। परिणामस्वरूप तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगा दिया था। दिग्विजय सिंह के इस विवेकहीन तर्क पर किसी के भी पास हंसने के अलावा कोई अन्य विकल्प शायद ही होगा।
मध्य प्रदेश विधान सभा उप चुनावों के परिणामों का विश्लेषण करते हुए दिग्गी राजा गजब के तर्क देते हैं। मंगलवार को आए परिणामों में प्रदेश की 28 सीटों में से 19 भाजपा की झोली में गई और कांग्रेस को 9 पर ही संतुष्ट होना पड़ा था। इस पर दिग्विजय सिंह कहते हैं कि लोग समझते थे की ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने के बाद कांग्रेस समाप्त हो जाएगी। पर नई कांग्रेस खड़ी हो गई। दिग्गी राजा के अर्थों में कहें तो मध्य प्रदेश में 28 में से 9 सीटें मिलने से नई कांग्रेस खड़ी हो गई। यानी दिग्विजय सिंह को इतनी सीटें भी मिलने की उम्मीद नहीं थी। इस ट्वीट से यह भी लग रहा है कि दिग्विजय को कांग्रेस की विजय-पराजय से अधिक मतलब सिंधिया को सबक सीखाने पर था। यहां यह भी बता दें की मध्य प्रदेश की ये 28 सीटें कांग्रेस के पास ही थीं। सिंधिया के भाजपा में शामिल होने पर इन सभी विधायकों ने त्याग-पत्र दे दिए थे। जिन पर उप चुनाव हुए थे। बहरहाल, इन ट्वीट के कारण दिग्विजय ट्रोल हो रहे हैं।