राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसस) के सह-सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले को सर्वसम्मति से संगठन का नया सरकार्यवाह चुना गया है। वे सुरेश (भैय्याजी) जोशी का स्थान लेंगे।
बेंगलुरु में संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की दो दिवसीय बैठक के अंतिम दिन शनिवार को होसबाले के नाम पर मुहर लगी। वे वर्ष 2009 से संघ के सह-सरकार्यवाह के दायित्व का निर्वहन कर रहे थे। संघ में सरसंघचालक के बाद
दूसरा सबसे महत्पूर्ण पद सरकार्यवाह (महासचिव) का होता है।
प्रत्येक तीन वर्ष में होता है चुनाव
संघ में सरसंघचालक के पद पर नियुक्त व्यक्ति आजीवन पद पर बने रहते हैं। किसी अपरिहार्य परिस्थिति में वे अपने उत्तराधिकारी का चयन स्वयं करते हैं। मगर सरकार्यवाह के पद पर प्रत्येक 3 वर्ष में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में चुनाव होता है। निवर्तमान सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी इस पद पर लगातार चार बार निर्वाचित हुए।
Bangaluru : Akhil Bharatiya Pratinidhi Sabha of RSS elected Shri Dattatreya Hosabale as its ‘Sarkaryavah’. He was Sah Sarkaryavah of RSS since 2009. pic.twitter.com/ZZetAvuTo4
— RSS (@RSSorg) March 20, 2021
कौन हैं दत्तात्रेय होसबाले
संघ के नए सरकार्यवाह नियुक्त हुए दत्तात्रेय होसबाले की पहचान एक विचारक के रूप में होती है। उनका का जन्म 1 दिसंबर 1954 में कर्नाटक के शिमोगा जिले के होसबाले गांव में हुआ। उन्होंने बेंगलूरु यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में स्नातकोत्तर तक की शिक्षा ग्रहण की।
13 वर्ष की आयु में बने संघ के स्वयंसेवक
होसबाले 1968 में 13 वर्ष की आयु में संघ के स्वयंसेवक बने और 1972 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से जुड़े। वर्ष 1978 में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करने के पश्चात पूर्णकालिक बने। विद्यार्थी परिषद में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करने के पश्चात वे वर्ष 1992 से 2003 तक 11 वर्षों तक राष्ट्रीय संगठन मंत्री रहे। वे वर्ष 2003 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह-बौद्धिक प्रमुख बने और वर्ष 2009 में सह-सरकार्यवाह के पद पर नियुक्त हुए।
आपातकाल में 14 माह तक जेल रहे
होसबाले 1975 में आपातकाल के दौरान चले आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई और लगभग 14 माह तक ‘मीसा’ के अंतर्गत जेल में रहे।
कई भाषाओं के हैं ज्ञाता
होसबाले अपनी मातृभाषा कन्नड़ के अतिरिक्त अंग्रेजी, तामिल, मराठी, हिंदी व संस्कृत सहित अनेक भाषाओं के ज्ञाता हैं। वे कन्नड़ मासिक पत्रिका असीमा के संस्थापक संपादक भी रहे।
होसबाले भारत में पढ़ रहे विदेशी छात्रों का संगठन विश्व विद्यार्थी युवा संगठन (WOSY) के संस्थापक महामंत्री रहे।उन्होंने अमेरिका, यूरोप सहित विश्व के अनेक देशों का भ्रमण किया है।
कार्यकारिणी में हुआ ये बड़ा बदलाव
डॉ. कृष्ण गोपाल, डॉ. मनमोहन वैद्य, सीआर मुकुंद, अरुण कुमार, रामदत्त चक्रधर को सह-सरकार्यवाह की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
राम लाल को अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख, सुनील अम्बेकर को अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख व आलोक कुमार को अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नियुक्त किया गया है।
निवर्तमान सरकार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी, निवर्तमान सह-सरकार्यवाह सुरेश सोनी व वी भगैया, सुहास राव हिरेमथ, इंद्रेश कुमार, प्रो अनिरुद्ध देशपांडे व उदय कुलकर्णी को केंद्रीय कार्यकारिणी मंडल का सदस्य बनाया गया है। इसके साथ ही भाजपा में राष्ट्रीय महामंत्री रहे राम माधव को भी कार्यकारिणी मंडल में रखा गया है।
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मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि चारधाम यात्रा के दृष्टिगत 30 अप्रैल तक सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाए। कार्यों के प्रति किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कार्यों में तेजी के साथ गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे।
मुख्यमंत्री तीरथ सोमवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। उन्होंने सभी सचिवों को निर्देश दिए कि समय-समय पर अपने विभागों की कार्य प्रगति का स्थलीय निरीक्षण करें। किसी भी प्रकार की समस्या आने पर शीघ्र अवगत कराया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के चारधाम देश एवं दुनिया की आस्था का प्रमुख केंद्र है। चार धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा शुरू होने से पूर्व सड़कों के सुधारीकरण का कार्य हर हाल में पूर्ण किया जाय।
उन्होंने कहा कि यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए यात्रा मार्गों पर पेयजल, स्वच्छता, साइनेज एवं अन्य आधारभूत सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि यात्रा सीजन के दृष्टिगत यात्रा मार्गों एवं धामों में स्वास्थ्य सुविधाओं के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण कर ली जाय। हेली ऐबुंलेंस सेवा एवं 108 एबुंलेंस की समुचित व्यवस्था हो। केदारनाथ एवं यमुनोत्री में ईसीजी एवं कार्डियोलॉजिस्ट की समय पर तैनाती की व्यवस्था की जाय। ऑक्सीजन, आईसीयू एवं वेंटिलेटर की भी पर्याप्त व्यवस्था रखी जाय।
उन्होंने कहा कि सीजन में पर्याप्त वाहनों की व्यवस्था की जाय। यात्रा मार्गों पर जो भी वाहन भेजे जायेंगे, उनका फिटनेस टेस्ट जरूर हो। यह सुनिश्चित किया जाय कि यात्रा के दौरान वाहनों एवं यात्रा मार्गों पर होटल में रेट लिस्ट जरूरी लगी हो। ओवर रेटिंग करने वालों पर सख्त कारवाई की जाये। आपदा से सबंधित संवेदनशील स्थानों पर संसाधनों की पूर्ण व्यवस्था हो। आपदा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए रिस्पांस टाइम कम से कम किया जाय। यात्रा मार्गों पर पार्किंग की उचित व्यवस्था की जाय।
बैठक में मुख्य सचिव ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, दिलीप जावलकर, नितेश झा, राधिका झा, पंकज पाण्डेय, कमिश्नर गढ़वाल रविनाथ रमन, डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग, वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से गढ़वाल मंडल के सभी जिलाधिकारी एवं संबधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि जीरो टोलरेंस ऑन करप्शन एंड क्राइम सरकार की प्राथमिकता है। अधिकारियों का जनप्रतिनिधियों के साथ लगातार संवाद रहना चाहिए। जनता से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। जिनसे लोगों को सीधा लाभ मिले। उन्होंने बहुद्देशीय शिविरों का आयोजन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इनका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए ताकि लोगों को वास्तव में लाभ मिले और उनकी समस्याएं दूर हों। जनता की सरकार जनता के द्वार की परिकल्पना साकार होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री रविवार को सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिग के द्वारा जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली तथा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी गर्मियों के सीज़न को देखते हुए यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि लोगों को पेयजल की दिक्कत न हो। ज़रूरी होने पर वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी कर ली जाएं। सड़कों की गुणवत्ता सुनिश्चित हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा हमारे लिए उच्च प्राथमिकता पर है। यह सुनिश्चित किया जाए कि अगले 6 माह में सभी स्कूलों में पेयजल, शौचालय, फर्नीचर, बिजली आदि की सुविधाएं हों। इसके लिए बजट की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि ई-गवर्नेस का प्रभावी क्रियान्वयन हो। लोगों को वास्तव मे इसका लाभ मिले। छोटी-छोटी सेवाओं के लिए जनता परेशान न हो। जिलों में महत्वपूर्ण घटनाएं होने पर सरकार और शासन को जरूर अवगत कराएं।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वनाग्नि को रोकने का कुशल प्रबंधन हो। इसके लिए अभी से तैयारी कर ली जाए। फोरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों की लगातार मानिटरिंग की जाए। आगामी चार धाम यात्रा और पर्यटन के सीज़न को देखते हुए पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित कर लिया जाएं। पार्किग की व्यवस्था के लिए प्लान कर लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से मनरेगा और स्वरोजगार योजनाओं की प्रगति की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कोविड काल में लाकडाऊन के समय कोविड-19 के दिशा-निर्देश के उल्लंघन पर लोगों पर हुए मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए। मुख्यमंत्री ने चमोली जिलाधिकारी से तपोवन आपदा से प्रभावित गांवों में पुनः कनेक्टीवीटी सुचारू करने के बारे में जानकारी ली।
जैसे-जैसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का वैचारिक प्रभाव देश भर में बढ़ रहा है, वैसे-वैसे हिंदुत्व और राष्ट्र के प्रति समर्पित संगठन के बारे में जानने समझने की ललक लोगों के बीच बढ़ती जा रही है। ‘आरएसएस’ या ‘संघ’ के नाम से अधिक पहचाने जाने वाले इस ‘परिवार’ के विभिन्न विषयों पर विचार तथा इसकी कार्यप्रणाली से आमजन परिचित होना चाहते हैं।
संघ के वरिष्ठ प्रचारक सुनील आंबेकर की पुस्तक ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ : स्वर्णिम भारत के दिशा सूत्र’, इन्हीं जिज्ञासाओं को शांत करने का सफल प्रयास है। एक सामाजिक – सांस्कृतिक संगठन होते हुए भी संघ ने भारतीय राजनीति की दिशा को राष्ट्रवाद की ओर कैसे परिवर्तित किया है, यह समझने के लिए भी यह पुस्तक पढ़ना आवश्यक है। साहित्य, संगीत, कला, विज्ञान, पर्यावरण, शिक्षा आदि समाज का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहां संघ के स्वयंसेवक राष्ट्र और समाज के लिए कार्य न कर रहे हों। इसके अनुसार संघ व्यक्ति निर्माण के अतिरिक्त कुछ नहीं करता। जो भी करता है, स्वयंसेवक करता है। अपनी शाखाओं के माध्यम से चरित्र निर्माण करना संघ का मुख्य कार्य है। इसके बाद विभिन्न क्षेत्रों में गए स्वयंसेवक संघ के कार्य को मूर्त रूप देते हैं।
लेखक का पूरा जीवन संघ के साथ ही बीता है। अतः पुस्तक का बड़ा भाग उनके स्वयं के अनुभवों पर आधारित है। उन्होंने बहुत ही व्यवस्थित और क्रमबद्ध ढंग से संघ के इतिहास, वर्तमान और भविष्य को पाठकों के समक्ष रखा है इसलिए यह कहना उचित ही है कि यह पुस्तक उनके लिए है जो व्यवहार रूप में संघ को समझना चाहते हैं, उसके माध्यम से जिसने संघ को जिया है। पुस्तक संघ के बारे में फैलाई गई कई भ्रामक धारणाओं को स्पष्ट रूप से दूर करती है। साथ ही अनेक विवादित विषयों पर संघ के विचार सामने लाती है।
हिन्दू राष्ट्र को लेकर संघ का स्पष्ट मानना है कि यह संकल्पना किसी भी पंथ, संप्रदाय या रिलीजन’ की विरोधी नहीं है। हिन्दू राष्ट्र में सभी पूजा पद्धतियों का सम्मान और स्वतंत्रता स्वयं सम्मिलित है। इसी प्रकार संघ जाति व्यवस्था को सनातन परंपरा का अंग नहीं मानता। इसलिए जन्म के आधार पर कोई भी छोटा या बड़ा नहीं। हमारे वेद भी यही कहते हैं। संघ का मानना है कि हमारी वर्ण व्यवस्था गुण कर्म पर आधारित थी, ना कि जन्म के आधार पर। वहीं, आरक्षण पर भी संघ ने दो टूक कह दिया है कि जब तक समाज में भेदभाव विद्यमान है। संघ आरक्षण का समर्थन करता रहेगा।
संघ मानता है कि भारत की सामाजिक, राजनीतिक अवधारणा का बीज हिंदू राष्ट्र में है और इस कारण भारत में इस्लाम, ईसाई तथा अन्य संप्रदायों के अनुयायियों को अपनी पूजा पद्धतियों के अनुपालन की पूरी स्वतंत्रता है। लेकिन हिंदुत्व भारत का राष्ट्रीय सुरक्षा कवच है। जब जब हिंदुत्व सशक्त होता है, देश की एकता और अखंडता अभेद्य और अपराजेय बन जाती है। संघ का दृढ़ विश्वास है कि आने वाले समय में भारत से विदेशों को किया जाने वाला सबसे बड़ा सांस्कृतिक निर्यात हिंदुत्व होगा। संघ मानता है कि भारत उन सभी का है, जिनका यहां जन्म हुआ और यहां रहते हैं, फिर चाहे वे किसी भी मत पंथ या संप्रदाय के हों।
भारत के राजनीतिक भविष्य के संदर्भ में संघ अनुभव करता है कि यहां बहुत से राजनीतिक दल होंगे, किंतु वे सब प्राचीन भारतीय परंपरा एवं श्रद्धालुओं का सम्मान करेंगे। आधारभूत मूल्य तथा हिन्दू सांस्कृतिक परंपराओं के संबंध में एकमत होंगे, मतभेद तो होंगे लेकिन ये केवल देश के विकास के प्रारूपों के संदर्भ में ही होंगे। वहीं, आरएसएस के भविष्य के बारे में पुस्तक कहती है कि जब भारतीय समाज समग्र रूप में संघ के गुणों से युक्त हो जाएगा, तब संघ तथा समाज की दूरी समाप्त हो जाएगी। उस समय संघ संपूर्ण भारतीय समाज के साथ एकाकार हो जाएगा और एक स्वतंत्र संगठन के रूप में इसके अस्तित्व की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।
संघ देश के समक्ष चुनौतियों को लेकर भी अत्यंत गंभीर है। इनमें इस्लामी आतंकवाद, नक्सलवाद, अवैध घुसपैठ, हिंदुओं की घटती जनसंख्या, हिंदुओं का धर्मांतरण जैसे विषय शामिल हैं। निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि यह पुस्तक, जो संघ से परिचित हैं उनकी समझ को और अच्छा बनाएगी। जो अपरिचित हैं, उन्हें संघ से परिचित कराएगी। इसके अतिरिक्त संघ के विरोधियों को भी यह पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए। जिससे वह पूर्वाग्रह और मिथ्या धारणाओं से युक्त चश्मे से मुक्त होकर इस राष्ट्रवादी संगठन को समझ सकेंगे। फिर भी इतने विशाल और बहुआयामी संगठन को मात्र किसी पुस्तक के आधार पर नहीं समझा जा सकता। संघ को समझना है तो संघ में आना पड़ेगा। इसलिए संघ का आह्वान है कि संघ से जुड़कर प्रत्येक व्यक्ति अपने स्थान पर रहते हुए तथा अपना कार्य करते हुए भी अपनी रुचि के अनुसार समाज हित का कार्य कर सकता है।
पुस्तक – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ: स्वर्णिम भारत के दिशा सूत्र
लेखक – सुनील आंबेकर
प्रकाशक – प्रभात पेपरबैक्स, 4/19 आसफ अली रोड , नई दिल्ली, पिन कोड – 110 002.
मूल्य – 250 रुपये
उत्तर प्रदेश सरकार ने भले ही लव जिहाद, जबरन, लोभ लालच या धोखे से धर्म परिवर्तन की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कानून बना दिया हो, लेकिन हिन्दू युवतियों को बहकाने और छलने के जिहादी मिशन को अंजाम देने वाले असामाजिक तत्व नए-नए तरीके खोज रहे हैं। कभी विद्यालय शिक्षक बनकर, तो कभी विश्वविद्यालय परिसरों में अपने आप को मीडियाकर्मी बताकर छात्राओं को अपने जाल में फंसा लेते हैं।
नया प्रकरण मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का है। जहां दो युवक खुद को दो बड़े चैनलों का रिपोर्टर बताकर छात्राओं को अपने जाल में फंसा रहे थे। मामले का खुलासा उस समय हुआ जब एक युवक विश्वविद्यालय परिसर के अंदर मौजूद स्वामी विवेकानंद पार्क के पास एक छात्रा से उसका मोबाइल नंबर मांग रहा था, छात्रा के मना करने पर युवक ने जबरन उसका हाथ पकड़कर खींचने की कोशिश की। छात्रा के विरोध और शोर मचाने पर वहां छात्र और कर्मचारी एकत्रित हो गए।
इसके बाद घटना की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय लोग और विहिप, बजरंग दल के कार्यकर्ता वहां पहुंचे और उन्होंने युवक से पूछताछ शुरू की। आरोपी ने अपने आप को ज़ी न्यूज का रिपोर्टर बताते हुए छात्रों पर रौब जमाने की कोशिश की। जब छात्रों और उपस्थित स्थानीय लोगों ने उससे मेरठ के किसी मीडियाकर्मी को फोन लगाकर बुलाने को कहा तो उसके मोबाइल में किसी भी मीडियाकर्मी का नंबर नहीं मिला, जिससे लोगों का संदेह बढ़ गया।
उसके मोबाइल में गर्लफ्रेंड नाम से एक फोल्डर बना था, जिसमें 59 हिंदू लड़कियों के नाम और इसी प्रकार लगभग 350 फोटो सेव थे। युवक से जब उसका नाम पूछा गया तो उसने श्याम बताया। लेकिन उसके गले में मौजूद ज़ी न्यूज़ का आई कार्ड दिखा तो उसमें उसका नाम श्यान सिद्दिकी था। आरोपी को पुलिस को सौंपा गया तो वहां उसने अपना नाम पहले साहिल और बाद में सालिक बताया।
पुलिस ने जिहादी सालिक के पास से ज़ी न्यूज़ चैनल की माइक आईडी, ज़ी न्यूज़ का लोगो लगा हुआ बैग, ज़ी न्यूज़ का आई कार्ड, जिंदा कारतूस, रिवाल्वर का कवर और एक वायरलेस सेट बरामद किया। वायरलेस सेट पर तो मोदी गिफ्ट लिखा था, जिससे वो सबको ये बताता था कि ये वायरलेस उसको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गिफ्ट किया है। अर्थात् इन सब छल प्रपंच के जरिए वह योजना बनाकर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था।
जब जिहादी सालिक की पुरानी अपराध हिस्ट्री खंगाली गई तो मालूम हुआ कि वह पहले भी धोखाधड़ी के मामले में थाना सदर बाजार से जेल जा चुका है। पुलिस ने सालिक को तो गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन उसके साथी अनस और इस नापाक मिशन से जुड़े अन्य जिहादी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं जो बड़े स्तर पर लव जिहाद के इस खेल में कुचक्र रच रहे थे। देखना होगा कि पुलिस लव जिहाद के खेल में शामिल अपराधियों तक कब और कैसे पहुंच पाती है।
हिंदू संगठनों ने मांग की है कि सालिक से मिला सामान, दस्तावेज और हथियार ही नहीं लव जिहाद के इस खतरनाक मोड्यूल की गहन जांच होनी चाहिए, ताकि कथित मजहबी शान्तिदूतों की करतूतें और उनके बचाव में सदा खड़े रहने वाले देशविरोधी अर्बन नक्सल गठजोड़ की पोल भी समाज के सामने खुल सके।
कोरोना महामारी को देखते हुए हरिद्वार कुंभ में ड्यूटी पर तैनात कार्मिकों का शत-प्रतिशत वैक्सिनेशन सुनिश्चित किया जाएगा। गर्भवती एवं धात्री महिला सहित कोन्ट्राइन्डिकेशन (किसी प्रकार के विपरीत संकेत) वाले मामलों को छोड़कर अन्य किसी अधिकारी अथवा कर्मचारी ने टीका लगाने से इनकार किया तो उन पर सख्त कार्रवाई होगी। ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों कुंभ क्षेत्र में नहीं रखा जाएगा और उनका स्थानांतरण किया जाएगा।
यह निर्देश उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने गुरुवार को सचिवालय में कोविड-19 वैक्सिनेशन हेतु आयोजित स्पेशल टास्क फोर्स की बैठक में दिए। मुख्य सचिव ने हरिद्वार के जिलाधिकारी को सख्त निर्देश दिए कि कुंभ ड्यूटी में लगे लोगों का 100 प्रतिशत वैक्सिनेशन करवाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने गर्भवती एवं धात्री महिला सहित कोन्ट्राइन्डिकेशन के मामलों को छोड़कर अन्य रिफ्यूजल पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा जो अधिकारी कर्मचारी वैक्सिनेशन नहीं करवा रहे हैं, उन्हें हरिद्वार कुम्भ क्षेत्र में न रखा जाए। उनका स्थानान्तरण किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि अन्य राज्यों से आने वाले पुलिस और पैरा मिलिट्री कार्मिकों का भी तुरंत वैक्सिनेशन किया जाना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही उन्होंने हरिद्वार में अन्य जनपदों से आने वाले कार्मिकों के वैक्सिनेशन स्टेटस का पता कर उनका वैक्सिनेशन करने के निर्देश दिए।
उत्तर प्रदेश से आएगा 100 चिकित्सकों का दल
मुख्य सचिव ने बताया कि 15 मार्च तक उत्तर प्रदेश से भी 100 डॉक्टर्स एवं 148 पैरामेडिकल स्टाफ पहुंच जाएगा। उन्होंने उनके रहने की व्यवस्था अस्पतालों के आसपास सुनिश्चित करने को कहा।
इस अवसर पर सचिव अमित नेगी, पंकज कुमार पाण्डेय, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ अमिता उप्रेती आदि उपस्थित थे।
उत्तराखंड के पुलिस दस्ते में बुधवार को महिला कमांडो भी शामिल हो गईं। राजधानी देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में 22 महिला कमांडो और स्मार्ट चीता पुलिस के 104 जवान औपचारिक रूप से पुलिस दस्ते का हिस्सा बन गए।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस के दस्ते में आज महिला कमाण्डो का दस्ता जुड़ गया है। इसके साथ उत्तराखण्ड देश का चौथा राज्य बन गया है, जहां पुलिस विभाग में महिला कमाण्डो का दस्ता तैयार किया गया है।

उन्होंने कहा कि महिला पुलिस कमांडो को बेहतर प्रशिक्षण दिया गया है। कमांडो को प्रशिक्षण देने वाले शिफू शौर्य भारद्वाज का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने मात्र एक आग्रह पर यह प्रशिक्षण दिया। यह प्रशिक्षण उनके द्वारा निःशुल्क दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों एवं काॅलेजों में पढ़ने वाली बेटियों को भी प्रारम्भिक आत्म सुरक्षा के गुर सिखाने जरूरी हैं। पढ़ाई के दौरान उन्हें आत्म सुरक्षा से संबंधित जानकारी हो। हमारा प्रयास है कि आने वाले समय में प्रदेश में हम बेटियों को आत्म सुरक्षा की दृष्टि से प्रशिक्षित करें। इन 22 प्रशिक्षित महिला कमांडो की भूमिका इस दृष्टि से और अधिक बढ़ जाती है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। पति की पैतृक सम्पति में पत्नी को सह खातेदार बनाया गया है। ऐसा निर्णय लेने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बन गया है। समाज में जिस तरह बदलाव हो रहा है, ऐसे समय में महिलाओं का आर्थिक रूप से सशक्त होना भी बहुत जरूरी है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कमांडो प्रशिक्षक शिफू शौर्य भारद्वाज, सैन्य अधिकारी रूबीना काॅर्की, पीटीसी नरेन्द्र नगर के प्रशिक्षक हितेश कुमार, कमांडो निरीक्षक नीरज कुमार व महिला कमांडो को सम्मानित किया। कार्यक्रम में महिला कमांडो ने सुरक्षा से संबधित अनेक करतब दिखाए। इस दौरान चमोली जनपद में आपदा के दौरान दिवंगत दो पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि भी दी गई।
कार्यक्रम में विधायक विनोद चमोली, महिला आयोग की अध्यक्ष विजया बड़थ्वाल, मुख्यमंत्री के सैन्य सुरक्षा सलाहकार ले.ज.(रिटा.) जे.एस. नेगी, सचिव गृह नितेश झा, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन व राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और राज्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान गडकरी ने बताया कि रुद्रप्रयाग में राष्ट्रीय राजमार्ग पर टनल निर्माण के लिए 225 करोड़ की स्वीकृति दे दी गई है।
गडकरी से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में रोड़ कनेक्टविटी के विकास में महत्वपूर्ण सहयोग के लिए केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री ने आईएसबीटी, देहरादून की सड़क परियोजना के लिए 48 करोड़ रूपए की स्वीकृति पर सहमति दी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि रूद्रप्रयाग में टनल निर्माण के लिए लगभग 225 करोड़ रूपए स्वीकृत हो गए हैं। इस पर आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही उत्तराखण्ड में नए राष्ट्रीय राजमार्ग में बाईपास की गई पुरानी सड़कों के सुदृढ़ीकरण के लिए भी 69 करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए हैं।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने हरिद्वार-देहरादून एनएच पर जोगीवाला में जाम की समस्या को दूर करने पर सहमति व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से इसका प्रस्ताव जल्द भेजने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश-भानियावाला मोटर मार्ग चारधाम यात्रा में शोर्ट लिक मार्ग है। जौलीग्राट एयरपोर्ट भी ऋषिकेश भानियावाला के मध्य स्थित है । वर्तमान में यह केवल दो लेन मार्ग है। इस मार्ग के व्यापक महत्व को देखते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से इसे राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में केंद्रीय सड़क व अवस्थापना निधि के अंतर्गत मंत्रालय को प्रेषित 219 करोड़ रूपए के प्रस्तावों की शीघ्र स्वीकृति का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने उत्तराखण्ड में 6 राजमार्गो (कुल लम्बाई 524 किमी) को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें लक्ष्मणझूला-दुगड्डा-नैनीडाडा-मोहन- रानीखेत(274किमी), पाण्डुआखाल -नागचूलाखाल उफरैखाल-बैजरो (64 किमी), खैरना-रानीखेत (34 किमी), बुआखाल-देवप्रयाग (49 किमी), देवप्रयाग-गजा-खाड़ी (70 किमी), बिहारीगढ़-रोशनाबाद (33 किमी) शामिल है। मुख्यमत्री ने केंद्रीय मंत्री से इन्हें जल्द से जल्द राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित किये जाने का अनुरोध किया।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव राधिका झा, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डा.पराग मधुकर धकाते व केंद्र सरकार के अधिकारी उपस्थित थे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट कर उन्हें विगत दिवस जोशीमठ क्षेत्र में आई आपदा में सरकार द्वारा चलाए जा रहे राहत व बचाव कार्यों की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने शाह से राज्य में हिमनद एवं जल संसाधन शोध केन्द्र की स्थापना, राज्य के दुर्गम-अति दुर्गम आपदा संभावित क्षेत्रों और अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं की निरंतर देखरेख एवं निगरानी हेतु हैलीकॉप्टर उपलब्ध कराने तथा आपदा प्रबंधन व सीमा प्रबंधन के दृष्टिगत गैरसैंण में आईआरबी बटालियन की स्थापना की स्वीकृति का अनुरोध किया। साथ ही आगामी हरिद्वार कुंभ के दृष्टिगत, एन्टी ड्रोन तकनीक से संयोजित एक विशेष टीम की तैनाती की मांग भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य पुलिस को और अधिक प्रभावी व आधुनिक बनाए जाने के लिए राज्य पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना में प्रतिवर्ष 20 से 25 करोड़ का बजट उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने राज्य में समय-समय पर तैनात सुरक्षा बलों की तैनाती के फलस्वरूप देय धनराशि रू0 36.46 करोड़ की छूट तथा भविष्य के लिए पूर्वोत्तर राज्यों/विशेष श्रेणी के राज्य की भांति 90ः10 के अनुपात में भुगतान की व्यवस्था निर्धारित करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से चमोली के नीति घाटी तथा उत्तरकाशी के नेलांग घाटी को बेहतर सीमा प्रबंधन हेतु इनर लाईन परमिट की व्यवस्था समाप्त किए जाने का आग्रह किया, ताकि इन क्षेत्रों के गांवों में पर्यटन से आर्थिक गतिविधियों का विस्तार हो सके। केंद्रीय गृह मंत्री ने उक्त सभी बातों पर सैद्धांतिक सहमति देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को हर संभव सहयोग दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने देर सांय भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से भी शिष्टाचार भेंट की। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय शहरी विकास व उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी से भी भेंट की।
केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में भारत नेट 2.0 प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है । इसके तहत उत्तराखंड के 12 हजार ग्राम इंटरनेट से जुड़ेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद से भेंट की। वार्ता में चारधाम क्षेत्र की डिजिटल कनेक्टिविटी को मज़बूत बनाने पर सहमति बनी। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि बॉर्डर एरिया में इन्टरनेट कनेक्टिविटी के सुदृढ़ीकरण के लिये प्रोजेक्ट बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण सहयोग से उत्तराखण्ड में बड़े पैमाने पर विकास कार्य हो रहे हैं। उत्तराखंड की कठिन भौगोलिक, महत्वपूर्ण सामरिक स्थिति और आपदा के प्रति संवेदनशीलता का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतनेट परियोजना की स्टेट-लेड माॅडल में समयबद्धता के साथ क्रियान्विति बहुत जरूरी है। परियोजना में अनावश्यक विलम्ब न हो, इसके लिए प्रशासनिक एंव वित्तीय अनुमोदन जल्द से जल्द दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘इंडिया एंटरप्राइज आर्किटेक्चर’ परियोजना में उत्तराखण्ड को भी शामिल किया जाए ताकि कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे विभागों की कार्यप्रणाली को राज्यव्यापी कम्प्यूटरीकृत किया जा सके। कोरोना संकट से सीख लेते हुए ऐसा किया जाना बहुत आवश्यक है।
केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को हर सम्भव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।