चर्चित केशवा नन्द भारती बनाम केरल सरकार मामले के मुख्य याचिकाकर्ता स्वामी केशवा नन्द भारती का रविवार को निधन हो गया। केरल के कासरगोड जिले के इडनीर मठ के प्रमुख स्वामी केशवा नन्द भारती ने 79 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम नेताओं ने ट्वीट कर उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
1973 में केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य के मामले में सर्वोच्च न्यायालय की 13 न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। यह फैसला आज भी प्रासंगिक बना हुआ है और कई अन्य देशों की अदालतों ने भी इसे कोट किया है। दरअसल, केरल की तत्कालीन कम्युनिस्ट सरकार ने एक भूमि सुधार कानून बना कर जमींदारों व मठों की भूमि अधिग्रहित कर ली। स्वामी केशवा नन्द भारती ने केरल भूमि सुधार अधिनियम, 1963 को अदालत में चुनौती दी। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद-29 को भी चुनौती दी, जिसके तहत केरल सरकार का कानून था। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद- 26 , जिसके तहत धार्मिक संस्थाओं को अधिकार दिए गए थे, के आधार पर राहत की मांग की।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान यह सवाल उठा कि क्या संसद को अधिकार है कि वह संविधान की मूल प्रस्तावना को बदल सके ? केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य के मामले में सर्वोच्च न्यायालय में 68 दिन तक सुनवाई हुई। यह सुनवाई 31 अक्टूबर 1972 को शुरू होकर 23 मार्च 1973 को खत्म हुई। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सीकरी की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने 7:6 के बहुमत से 24 अप्रैल 1973 को न्यायिक इतिहास का यह सबसे महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। मामूली बहुमत से हुए इस निर्णय में यह माना गया कि संसद संविधान के किसी भी भाग में संशोधन उस हद तक ही कर सकती है, जहाँ तक कि वो संशोधन संविधान के बुनियादी ढांचे और आवश्यक विशेषताओं में परिवर्तन या संशोधन नहीं करे। यानि संविधान की प्रस्तावना की भावना से कोई छेड़छाड़ नहीं हो सकती है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अनुच्छेद 368; जो संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्तियाँ प्रदान करता है, के तहत संविधान की आधारभूत संरचना में बदलाव नहीं किया जा सकता है। केशवानंद भारती मामले ने संविधान की ‘आधारभूत संरचना’ (Basic Structure) का ऐतिहासिक सिद्धांत दिया था।
स्वामी केशवा नन्द भारती के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के सभी प्रमुख नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि पूज्य केशव नन्द भारती को समाज सेवा और उपेक्षितों के सशक्तिकरण को लेकर उनके योगदान के लिए याद रखा जाएगा। वे समृद्घ भारतीय संस्कृति और हमारे महान संविधान से गहरे जुड़े हुए थे। वे हमेशा पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को स्टेट बिजनेस रिफार्म एक्शन प्लान-2019 के चौथे एडिशन के तहत ईज आफ डूईंग बिजनेस के क्षेत्र में राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग जारी की। रैकिंग में आंध्र प्रदेश ने पहला, उत्तर प्रदेश ने दूसरा व तेलंगाना ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। उत्तराखण्ड 2015 में 23वें स्थान पर था, उसे अब 11वां स्थान प्राप्त हुआ है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों, वित्त मंत्रियों व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में यह रैंकिंग जारी की। वित्त मंत्री ने पहले तीन स्थान प्राप्त करने वाले राज्यों को लगातार सुधारवादी कदम उठाने के लिए बधाई दी और आशा जताई कि आने वाले समय में यह सुधार और दिखेंगे।
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मकसद अपने तक सीमित रहना नहीं है, बल्कि अपनी शक्ति बढ़ाने का है। इस तरीके से हम अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकते हैं। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि आत्मनिर्भर भारत अधिक से अधिक निर्यात को बेहतर मूल्य निर्धारण व गुणवत्ता की प्रतिस्पर्धा के साथ नेतृत्व करेगा और उस भारतीय कौशल को प्रदर्शित करेगा, जो उसे पूर्णता प्रदान करते हैं।

वीडियो कांफ्रेंसिंग में शामिल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस अवसर पर कहा कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 से राज्यों की ईज ऑफ डूईंग बिजनेस रैंकिंग जारी की जा रही है। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के अंतर्गत राज्यों द्वारा किये जा रहे रिफॉर्म, केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों के बीच सकारात्मक साझेदारी की अनूठी मिसाल है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के पश्चात निर्धारित रिफॉर्म एक्शन प्लान राज्यों को निवेश के अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए एक समुचित रोड मैप प्रदान करता है। उत्तराखण्ड ने आरंभ से ही ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के क्षेत्र में लगातार सक्रियता से कार्य किया है। वर्ष 2015 की पहली रैंकिंग में हम 23वें स्थान पर थे और वर्ष 2019 में 11वें स्थान पर रहे हैं। उत्तराखण्ड राज्य राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि प्राप्त करने वाले राज्यों की श्रेणी में सम्मिलित हो इसके लिये प्रभावी प्रयास किये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य को निवेशकों के लिए एक आदर्श गंतव्य के रूप में विकसित करने की दिशा में हम कृत संकल्प है। इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा राज्य में निवेश हेतु उद्यमियों को अनेक सहुलियतें दिये जाने से सम्बन्धित कार्ययोजना बनायी है, जिसका परिणाम शीघ्र धरातल पर दिखायी देगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्योगों के अनुकूल माहोल तैयार करने के साथ ही प्रधानमंत्री द्वारा आत्म निर्भर भारत के लिए की गई पहल को साकार करने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा कारगर प्रयास किये जा रहे हैं। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही एक जनपद एक उत्पाद की दिशा में भी योजना बनायी जा रही है।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओमप्रकाश व पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने शनिवार को केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने शंकराचार्य समाधि, दिव्यशिला से समाधि तक पैसेज मार्ग, एमआई-26 हेलीपैड और सरस्वती व मन्दाकिनी घाट आदि का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कार्यदायी संस्थाओं को कार्य मे तेजी लाने व गुणवत्ता परक कार्य कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर हाल में तय समय सीमा के भीतर पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण किए जाए। उन्होंने एमआई-26 हेलिपैड पर क्षतिग्रस्त गढ़वाल मंडल विकास निगम के कॉटेज को 10 दिन के भीतर हटाने के निर्देश लोक निर्माण विभाग को दिए। एमआई-26 हेलीपेड वर्तमान में 50×40 आकार का है, जिसका विस्तारीकरण वायु सेना के चिनूक हेलीकाप्टर हेतु 50×100 का किया जाना है। चिनूक हेलीकाप्टर के जरिए केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों के लिए भारी सामान पहुंचाया जाना है।

मुख्य सचिव ने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमऐ) द्वारा गरुड़चट्टी तक पहुंचने के लिए बनाये जा रहे पुल का निर्माण भी हर हाल में 31 दिसंबर तक करने के निर्देश दिए। केदारनाथ में जिंदल ग्रुप द्वारा तीर्थ पुरोहितों के 05 भवन निर्माण किये जाने थे, जिसमें से 02 भवनों को पूर्ण कर जिला प्रशासन को सौप दिए गए हैं। उन्होंने अवशेष भवनों को 15 अक्टूबर तक पूर्ण कर जिला प्रशासन को सौंपने के निर्देश दिए। साथ ही ध्यान गुफा के लंबित कार्यों को भी तय समय के भीतर पूर्ण करने को कहा। इस अवसर पर जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग वंदना समेत विभिन विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
The Indian Army extended a helping hand to three Chinese citizens who lost their way in Plateau area of North Sikkim at an altitude of 17,500 feet.
Realising danger to the lives of the Chinese citizens which included two men and one woman in sub zero temperatures, the soldiers of Indian Army immediately reached out and provided medical assistance including oxygen, food and warm clothes to protect them from the vagaries of extreme altitude and harsh climatic conditions.
The Indian troops also gave them appropriate guidance to reach their destination after which they moved back. The Chinese citizens expressed their gratitude to India and the Indian Army for their prompt assistance.
बैंक में नौकरी का अवसर खोज रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है। नैनीताल बैंक लिमिटेड ने प्रॉबेशनरी ऑफिसर व क्लर्क के 155 पदों के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किये हैं। आवेदन पत्र ऑनलाइन जमा करने की तिथि 15 सितंबर तक है।
नैनीताल बैंक ने प्रॉबेशनरी अधिकारी के 75 व लिपिक वर्ग के 80 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किये हैं। प्रॉबेशनरी अधिकारी के पद के लिए उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन अथवा पोस्ट ग्रेजुएशन में कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है। जबकि लिपिक पद के लिए किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन अथवा पोस्ट ग्रेजुएशन में कम से कम 45 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है। दोनों पदों के आवेदकों को कम्प्यूटर की जानकारी भी जरुरी है। संबंधित क्षेत्र में एक से दो साल के अनुभव वाले उम्मीदवारों को वरीयता दी जाएगी।
प्रोबेशनरी ऑफिसर के पदों पर चयनित उम्मीदवारों को प्रतिमाह 23,700 से 42,020 रुपये और क्लर्क पदों पर चयनित उम्मीदवारों को प्रतिमाह 11,765 से 31,540 रुपये प्रति माह भुगतान किया जाएगा।
उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु सीमा 21 साल और अधिकतम आयु सीमा 30 साल होनी चाहिए।
चयनित उम्मीदवारों को उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में कहीं भी जॉब करना पड़ सकता है। उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा।
परीक्षा केंद्र हल्द्वानी, देहरादून, रूड़की, बरेली, मेरठ, मुरादाबाद, लखनऊ, जयपुर, दिल्ली व अंबाला में बनाये जाएंगें।
प्रोबेशनरी अधिकारी पद के लिए 2000 रुपये और लिपिक पद के लिए 1500 रुपये आवेदन शुल्क तय किया गया है।
इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन 29 अगस्त से शुरू हो गए हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर है।
इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी के लिए नैनीताल बैंक की वेबसाइट देखिए –
केरल के तिरुअनंतपुरम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तस्करी के माध्यम से लाये जा रहे 30 किग्रा सोने का मामला प्रदेश की कम्युनिस्ट सरकार के गले की फांस बन गयी है। सोने की तस्करी के मामले ने केरल की राजनीति में जो तूफ़ान खड़ा किया है, वह फिलहाल शांत होता नहीं दिखाई दे रहा है। पीले सोने की तस्करी ने लाल झंडे की सरकार को सांसत में डाल दिया है। भारतीय जनता पार्टी इस प्रकरण में सीधे तौर पर मुख्यमंत्री कार्यालय की संलिप्तता का आरोप लगा कर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का त्याग पत्र मांगने पर तुली हुई है, तो मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया की प्रदेश सरकार का मुख्य काम सोने की तस्करी और ड्रग ट्रैफकिंग है।
उल्लेखनीय है, कि गत 5 जुलाई को तिरुअनंतपुरम हवाई अड्डे पर एक गोपनीय सूचना के आधार पर सीमाकर अधिकारियों ने तीस किलो सोना पकड़ा था। यह एक बक्से में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से पहुंचा था। बक्सा UAE के दूतावास के नाम था। जब एयरपोर्ट पर इस मामले का खुलासा हुआ तो ‘राजनयिक सामान’ की आड़ में भेजे गए इस पैकेट को UAE कॉन्सुलेट ने अपना मानने से इनकार कर दिया। सोना तस्करी मामले का सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि सोना उस कूटनीतिक माध्यम से लाया गया था, जिसमें विदेशी राजनयिकों की कोई जांच नहीं होती है।

केरल पुलिस ने जब इस मामले की जांच की तो इसमें मुख्य अभियुक्त के रूप में स्वप्ना सुरेश का नाम सामने आया। स्वप्ना पहले UAE कॉन्सुलेट की अधिकारी थीं और उसके बाद वह केरल राज्य सूचना प्रौद्योगिकी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रही थी। स्वप्ना सुरेश का मुख्यमंत्री कार्यालय में बेरोकटोक आना-जाना था। यह भी कहा जाता है कि शाम ढलते ही उसके आवास पर पार्टियां होती थीं। इसमें केरल सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों तक की उपस्थिति होती थी। मामले में नाम आने के बाद स्वप्ना सुरेश फरार हो गयी थी।
अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटे मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शोर-शराबा होते देख प्रकरण की राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) से जांच कराने की केंद्र सरकार से मांग कर डाली। केंद्र सरकार ने तस्करी मामले में आतंकी फंडिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा के पहलुओं को ध्यान में रखते हुए 9 जुलाई को NIA को जांच सौंपी। NIA ने जांच शुरू कर स्वप्ना सुरेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे बेंगलुरु से गिरफ्तार कर दिया। NIA ने इस मामले में 25 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें से 20 की गिरफ्तारी हो चुकी है।

इस सनसनीखेज तस्करी मामले में एक नाटकीय मोड़ तब आया जब स्वप्ना सुरेश की केरल के मुख्यमंत्री विजयन के प्रधान सचिव व आईटी सचिव एम शिवशंकर व राज्य के एक मंत्री केटी जलील के साथ लगातार टेलीफोन संपर्क में रहने का मामला सामने आया। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शिवशंकर को मुख्यमंत्री के करीबी अधिकारियों में गिना जाता है। तस्करी प्रकरण में शिवशंकर की भूमिका संदिग्ध होने की बात सामने आने पर मुख्यमंत्री ने शिवशंकर को निलंबित कर दिया। NIA और प्रवर्तन निदेशालय (ED) शिवशंकर से कई बार पूछताछ कर चुके हैं।
NIA ने स्वप्ना सुरेश के टेलीफोन रिकॉर्ड का ब्यौरा हासिल किया है। मुख्य अभियुक्त स्वप्ना सुरेश ने ED के समक्ष दावा किया कि मुख्यमंत्री कार्यालय में उसका ‘‘अच्छा-खासा प्रभाव” था। ED ने कोच्चि की विशेष NIAअदालत में यह दावा किया है। NIA के अलावा सीमा शुल्क विभाग, ED व अन्य एजेंसियां भी मामले की जाँच में जुटी हुई हैं।

इधर, यह मामला केरल की राजनीति भूचाल का सबब बना हुआ है। केरल में लगातार अपनी राजनीतिक पैठ को मजबूत करने में जुटी भाजपा इस मुद्दे पर केरल की कम्युनिस्ट सरकार को बख्शने के मूड में नहीं दिखाई दे रही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से लेकर केरल इकाई के अध्यक्ष के.सुरेंद्रन तक ने तस्करी मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय को सीधे निशाने पर लिया है। सुरेंद्रन ने गुरूवार को भी कोझिकोड में आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री कार्यालय के उच्चाधिकारियों से लेकर सत्तारूढ़ दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) तक के नेता तस्करी मामले में लिप्त हैं। दूसरी तरफ, कांग्रेस पार्टी भी इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार पर हमलावर हो उठी है। विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथल्ला ने शुक्रवार को तिरुअनंतपुरम में केरल सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। चेन्निथल्ला ने आरोप लगाया की इस सरकार का मुख्य काम सोने की तस्करी और ड्रग ट्रैफकिंग है।
इस वर्ष ‘खेल रत्न’ पुरस्कार के लिए चयनित हुई देश की शीर्ष महिला पहलवान विनेश फोगाट कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हो गई हैं। उनका कोविड-19 परीक्षण दो बार निगेटिव निकला है। हालांकि, यह स्टार रेसलर एहतियात के तौर पर फिलहाल आइसोलेशन में ही रहेंगी।
विनेश ने ट्वीट किया, ‘मेरा कल दूसरा कोविड-19 परीक्षण हुआ और मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मेरा नतीजा निगेटिव आया है। यह शानदार खबर है, लेकिन एहतियाती तौर पर मैं पृथकवास में रहूंगी। प्रार्थनाओं के लिए सभी को धन्यवाद।’ टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली एकमात्र भारतीय महिला पहलवान विनेश ने कहा कि वह कुछ और समय के लिए पृथकवास में रहने को प्राथमिकता देंगी.
विनेश को इस वर्ष खेल रत्न पुरस्कार देने की घोषणा हुई है। यह पुरस्कार उन्हें पिछले माह 29 अगस्त को हुए ऑनलाइन राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समारोह में दिया जाना था। मगर कोरोना पॉजिटिव होने के कारण वह यह पुरस्कार ग्रहण नहीं कर सकीं। विनेश देश की प्रतिभाशाली महिला पहलवान हैं। उनके नाम एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले देश की पहली महिला पहलवान होने का रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में भी देश के लिए सोना दिलाया है। वर्ष 2016 के रियो ओलम्पिक में घुटने पर चोट लगने के कारण उन्हें प्रतियोगिता से बहार होना पड़ा था। मगर विनेश ने हिम्मत नहीं छोड़ी। विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में उन्होंने कांस्य पदक जीत कर टोकियो ओलम्पिक का टिकट हासिल कर लिया।
उत्तराखंड में कोरोना अपना कहर दिखा रहा है। बुधवार को रिकॉर्ड 836 पॉजिटिव मामले सामने आए और 11 रोगियों की मृत्यु हो गई। प्रदेश में अब कोरोना पॉजिटिव की संख्या 21 हजार से ज्यादा हो गई है। राज्य में कोरोना की करामात के कारण लगातार दूसरी बार कैबिनेट की बैठक स्थगित करनी पड़ी है। इधर, राज्य सचिवालय के सभी कार्मिकों का एंटीजन टेस्ट कराने के साथ ही अग्रिम आदेशों तक बाहरी व्यक्तियों का सचिवालय में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में भी 6 सितम्बर तक के लिए आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
उत्तराखंड के कोविड-19 कंट्रोल रूम द्वारा बुधवार शाम जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में एक दिन में रिकॉर्ड 836 पॉजिटिव मामले सामने आए। आज पाए गए इन मामलों के साथ राज्य में कोरोना पॉजिटिव रोगियों की संख्या 21,234 हो गई है। इनमें से 14,437 रोगी उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं। इस प्रकार वर्तमान में एक्टिव रोगियों की संख्या 6,442 है। पिछले 7 दिनों में राज्य में रोगियों की संख्या का दोगुना होने की दर 23.47 दिन है। अब तक 291 लोगों की इस बीमारी से मृत्यु हो चुकी है।
वर्तमान में सक्रिय मामले
प्रदेश में कोरोना मैदान से लेकर पहाड़ तक अपना असर दिखा रहा है। बुधवार तक एक्टिव मामलों की बात की जाए तो, इसमें उधमसिंह नगर जनपद 1619 मामलों के साथ सबसे ऊपर है। देहरादून जिले में 1409, हरिद्वार में 1115, नैनीताल में 741 एक्टिव मामले हैं। पहाड़ी जिलों में टिहरी में सर्वाधिक 395 एक्टिव मामले हैं। उत्तरकाशी में 226, अल्मोड़ा में 216, पौड़ी में 159, पिथौरागढ़ में 152, चंपावत में 124, चमोली में 118, बागेश्वर में 86 व रुद्रप्रयाग में 82 रोगी उपचाराधीन हैं।
कोरोना की स्थिति राज्य में लगातार चिंताजनक होती जा रही है। रोगियों की संख्या बढ़ने के कारण सरकारी अस्पतालों में बेड नहीं उपलब्ध हो पा रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए प्रदेश सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना के रोगियों का उपचार करने की अनुमति प्रदान कर दी है।
कोरोना के प्रभाव का आंकलन इस बात से भी किया जा सकता है कि इसके कारण राज्य कैबिनेट की बैठक बुधवार को लगातार दूसरी बार स्थगित करना पड़ी। दोनों बार मुख्यमंत्री के निजी स्टाफ में शामिल कार्मिकों के पॉजिटिव मिलने पर बैठक स्थगित की गई है।
सचिवालय में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक
राज्य सचिवालय में भी लगातार पॉजिटिव मामलों के पाए जाने के बाद आज से सचिवालय में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। सचिवालय प्रशासन के प्रभारी सचिव भूपाल सिंह मनराल द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सचिवालय में सांसदों, केंद्र व प्रदेश सरकार के मंत्रियों, विधायकों तथा सचिवालय के अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश पूर्णतया वर्जित रहेगा। मीडियाकर्मी भी मात्र सचिवालय परिसर स्थित मीडिया सेंटर में अपराह्न 3 से 5 बजे तक प्रवेश कर सकेंगे। यदि कोई व्यक्ति सचिवालय में किसी प्रकार का प्रार्थना पत्र देना चाहता है तो, वह गेट पर इसे जमा करा सकता है। इस हेतु वहां पर एक अधिकारी की तैनाती की जाएगी।
सचिवालय कर्मियों का एंटीजन टेस्ट
इधर, बुधवार को ही स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी सचिव पंकज पांडेय ने राजधानी देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) को पत्र लिख कर सचिवालय में कार्यरत समस्त कार्मिकों का एंटीजन टेस्ट कराने का आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि कार्मिकों का एंटीजन टेस्ट कराने हेतु 3 टीम बनाकर एंटीजन किट के साथ सचिवालय में भेजी जाएं।
भाजपा मुख्यालय 6 सितम्बर तक बंद
उत्तराखंड भाजपा के मुख्यालय में आवाजाही को 6 सितम्बर तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत आदि समेत कई अन्य के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद पार्टी ने पहले 2 सितम्बर तक प्रदेश कार्यालय को बंद कर दिया था। मगर इस बीच कुछ अन्य कार्यकर्ताओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर कार्यालय को 6 सितम्बर तक के लिए बंद कर दिया गया है।
डॉ. दीपशिखा जोशी
मैं मानव हूं,
अपने हिस्से की मानवता सदा निभाऊंगा
मैं रोज़ खाऊंगा चिकन-मटन
और पशु-बलि पर उनको भी गरियाऊंगा
मुझे चाहिए अपने घर पर सुंदर, लकड़ी के फ़र्नीचर,
काट-कटा कर जंगल बड़े-बड़े घर-बिल्डिंग बनवाऊंगा
मगर रोज़ शाम-सबेरे गो-ग्रीन का नारा मैं ही लगाऊंगा,
हरे-भरे पेड़ों के संग भी डीपी अपनी सजाऊंगा
मैं मानव हूं,
अपने हिस्से की मानवता सदा निभाऊंगा
मैं निकल शाम-अंधेरे में, चोरों वाले रास्ते से,
उन सुनसान सड़कों पर, दबे-पांव,
गंदगी से भरा एक थैला रोज़ ही छोड़कर आऊंगा
और सोते-जागते हर पल देश की स्वच्छता पर,
अभियान पर, सरकार पर चिल्लाऊंगा
जब भी देखूं मनचलों को ट्रेन,बस, या भीड़ में,
करते परेशान एक लड़की को,
फेर मुंह, अनजान बन, अपने रास्ते नए बनाऊंगा
पर हां साथ ही घर लौटकर,
अपनी बेटी के अकेले कहीं
आने-जाने पर पाबंदियां ज़रूर लगाऊंगा
मैं मानव हूं,
अपने हिस्से की मानवता सदा निभाऊंगा
मुझे चाहिए मेरे घर एक बेटा कैसे भी,
पर मैं साथ ही ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा भी लगाऊंगा
मैंने देकर बख्शीश उनको,
लेकर दीवाली की मिठाई,
अपना-उनका काम तो पक्का ही किया,
अब साथ ही करप्शन के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा,
भाषण दे, अपना धर्म भी निभाऊंगा
हो सके तो इस मुद्दे पर सरकारें भी गिराऊंगा
मैं मानव हूं,
अपने हिस्से की मानवता सदा निभाऊंगा
मैं करूंगा नफ़रत उनसे, दिल से, दिमाग़ से,
मगर मर जाऊंगा,
ज़ुबान पर यदि धर्म, जाति-पाति का नाम भी कभी लाऊंगा
ना मैं अपने बूढ़े मां-बाप की सेवा करने में हूं समर्थ,
ना करता कोशिश हूं,
पर याद रखना मैंने भी किया विरोध हमेशा उनको वृद्धाश्रम भेजने का
मैं मानव हूं,
अपने हिस्से की मानवता सदा निभाऊंगा.
मैं करता हूं विरोध दहेज प्रथा का सदा-सर्वदा,
मगर बेटी के जन्म से ही,
अपना पेट काट-काट, पाई-पाई जुटाऊंगा
ख़ूब पढ़ाऊंगा बेटी को, और लड़ना भी सिखाऊंगा
पर शादी के समय, पगड़ी रख पैरों पर उनके,
हाथ जोड़, 2-4 आंसू भी बहाऊंगा
मैं मानव हूं,
अपने हिस्से की मानवता सदा निभाऊंगा
डॉ. दीपशिखा जोशी मूल रूप से उत्तराखंड के चंपावत ज़िले से हैं। DSB कैंपस, कुमाऊं यूनिवर्सिटी, नैनीताल से केमिस्ट्री में पीएचडी व NET क्वालिफाइड हैं। पढ़ने-पढ़ाने का काम करती हैं।
As a landmark achievement in Space missions, Indian Astronomers have discovered one of the farthest Star galaxies in the universe.
Speaking about the achievement, Union Minister of State (Independent Charge), MoS PMO, Personnel, Public Grievances, Pensions, Atomic Energy and Space, Dr Jitendra Singh said, it is a matter of pride that India’s first Multi-Wavelength Space Observatory “AstroSat” has detected extreme-UV light from a galaxy located 9.3 billion light-years away from Earth. The galaxy called AUDFs01 was discovered by a team of Astronomers led by Dr Kanak Saha from the Inter-University Centre for Astronomy and Astrophysics(IUCAA) Pune.
The importance and uniqueness of this original discovery can be made out from the fact that it has been reported in the leading international journal “Nature Astronomy” published from Britain. India’s AstroSat/UVIT was able to achieve this unique feat because the background noise in the UVIT detector is much less than one on the Hubble Space Telescope of US based NASA.
Dr Jitendra Singh has congratulated India’s Space Scientists for once again proving to the world that India’s capability in Space technology has risen to a distinguished level from where our scientists are now offering cues and giving leads to the Space scientists in other parts of the world. According to Professor ShyamTandon, the excellent spatial resolution and high sensitivity is a tribute to the hard work of the UVIT core team of scientists for over a decade.
According to Director of Inter-University Centre for Astronomy and Astrophysics (IUCAA) Dr Somak Ray Chaudhury, this discovery is a very important clue to how the dark ages of the Universe ended and there was light in the Universe. We need to know when this started, but it has been very hard to find the earliest sources of light, he said.
Pertinent to mention that India’s first Space Observatory AstroSat, which has made this discovery, was launched by the Indian Space Research Organization (ISRO) on September 28, 2015 during the first term of the Modi Government. It was developed by a team led by ShyamTandon, Ex Emeritus Professor, IUCAA with the full support of ISRO.