कोरोना वायरस संक्रमण के चलते सचिवालय में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर लगी रोक को हटा दिया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर संक्रमण में आयी कमी के बाद सरकारी अथवा व्यक्तिगत कार्य से सचिवालय में आने वाले बाहरी आगन्तुकों व मीडियाकर्मियों को पूर्व की भांति कतिपय प्रतिबन्धों के साथ सचिवालय में प्रवेश हेतु अनुमति प्रदान की गई है।
कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत इसके रोकथाम एवं बचाव हेतु सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा गैर सरकारी बाहरी व्यक्तियों और मीडियाकर्मियों का सचिवालय में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया था।
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार सचिवालय में आने वाले आगुंतकों द्वारा मास्क/ फेस कवर का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाएगा। बगैर मास्क/फेस कवर के आगन्तुक को सचिवालय परिसर में प्रवेश की अनुमति नही दी जाएगी।
सचिवालय के मुख्य सुरक्षा अधिकारी का दायित्व होगा कि वह अपने अधीन सुरक्षा कर्मियों को निर्देश दें कि वे आगन्तुक को स्पष्ट अवगत कराएं कि जिस अधिकारी से भेंट हेतु प्रवेश पत्र दिया गया है उसी अधिकारी से भेंट करें। सचिवालय में अन्य अधिकारियों के कार्यालय में अनावश्यक प्रवेश न करें, शासकीय कार्यों में व्यवधान उत्पन्न न हो।
इस सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप में यह भी स्पष्ट किया गया है कि आगान्तुक पास जारी होने के समय से दो घण्टे की अवधि से अधिक समय तक सचिवालय परिसर में नहीं रहेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में ईज ऑफ डुईंग बिजनेस के अंतर्गत सकल राज्य घरेलु उत्पाद (GSDP) का अतिरिक्त 2 प्रतिशत ऋण का लाभ लिए जाने के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की। उन्होंने विभिन्न विभागों को तेजी से ईज ऑफ डुईंग बिजनेस में किए जाने वाले अपेक्षित सुधारों को पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि विभागों के स्तर पर जो सुधार किए जाने हैं, उन्हें अविलम्ब पूरा करें। उन्होंने वन नेशन वन राशन कार्ड में फेयर प्राईस शाॅप के डिजिटाईजेशन के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने शहरी विकास विभाग को सभी शहरी निकायों का मास्टर प्लान तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रोपर्टी टैक्स हेतु ऑनलाइन पेमेन्ट सिस्टम को शीघ्र शुरू किया जाए।
उन्होंने शहरी विकास विभाग को ऑटोमैटिक म्यूटेशन साॅफ्टवेयर और रजिस्ट्रेशन विभाग को पिछले 20 साल का रिकाॅर्ड ऑनलाइन करने को तेजी से कार्य करने के लिए भी कहा। उन्होंने टेंडरिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए इंटीग्रेटेड डैशबोर्ड तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव अमित नेगी, सचिन कुर्वे, हरबंस सिंह चुघ, दिलीप जावलकर, डाॅ पंकज कुमार पाण्डेय, सुशील कुमार, प्रभारी सचिव विनोद सुमन आदि उपस्थित थे।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 8 जनवरी को शुरू हुए पिछले सप्ताह के दौरान 534 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कर एक रिकॉर्ड बनाया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नितिन गडकरी ने सोमवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी है।
मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल 2020 से लेकर 15 जनवरी 2021 के दौरान 8,169 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया। यानी इस अवधि में मंत्रालय द्वारा प्रति दिन लगभग 28.16 किलोमीटर की गति से राजमार्गों का निर्माण किया गया। पिछले वित्त वर्ष में इसी अवधि के दौरान 26.11 किलोमीटर प्रति दिन की गति से 7,573 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया था।
मंत्रालय के अनुसार उसे उम्मीद है कि इस गति के साथ वह 31 मार्च तक 11,000 किलोमीटर सड़क के निर्माण के लक्ष्य को पार करने में सक्षम होगा।
मंत्रालय ने अप्रैल 2020 से इस वर्ष 15 जनवरी के दौरान 7,597 किलोमीटर की राष्ट्रीय राजमार्ग की परियोजनाओं को मंजूरी भी दी। वर्ष 2019-20 में, इसी अवधि के दौरान 3,474 किलोमीटर की परियोजनाओं को मंजूर किया गया था। इस प्रकार, इस वित्तीय वर्ष में मंजूरी देने की गति भी दोगुनी से अधिक हो गई है।
वर्ष 2019-20 में, कुल मिलाकर 8,948 किलोमीटर सड़क की परियोजनाओं को मंजूर किया गया, जबकि 10,237 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया।
जौहर विश्वविद्यालय की भूमि से संबंधित मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां को शनिवार को रामपुर के एडीएम कोर्ट से करारा झटका लगा। कोर्ट ने जौहर विवि की 70.05 हेक्टेयर जमीन उत्तर प्रदेश सरकार के नाम दर्ज करने का आदेश दिया है। यह जमीन अभी तक आजम खां के जौहर ट्रस्ट के नाम पर थी।
जौहर ट्रस्ट के नाम पर 2005 से लेकर अब तक लगभग 75.0563 हेक्टेयर जमीन खरीदी गई थी। मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार ने कैबिनेट के फैसले में जौहर ट्रस्ट द्वारा खरीदे जाने वाली जमीन पर स्टांप शुल्क से छूट दी थी। ट्रस्ट के नाम पर जो 70.005 हेक्टेयर जमीन खरीदी गई, उसके लिए स्टांप शुल्क का भुगतान नहीं किया गया। कैबिनेट से पारित प्रस्ताव में शर्त थी कि ट्रस्ट की ओर से लोकहित से जुड़े कार्य कराने होंगे। अल्पसंख्यक, गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देनी होगी। लेकिन, शर्तों का उल्लंघन हुआ।
करीब साल भर पहले रामपुर डीएम के आदेश पर एसडीएम सदर ने जौहर ट्रस्ट की इस जमीन की जांच की, जिसमें पाया गया कि जौहर ट्रस्ट ने जौहर विवि के लिए खरीदी 70.005 हेक्टेयर जमीन में शासन की शर्तों का उल्लंघन किया है। कोर्ट में जौहर ट्रस्ट की ओर से उनके अधिवक्ता ने दलील दी थी कि आरोप निराधार हैं।
जिला शासकीय अधिवक्ता अजय तिवारी ने बताया कि वर्ष 2005 में शासनादेश के तहत साढ़े बारह एकड़ से अधिक भूमि खरीदने की अनुमति सरकार ने प्रदान की थी। शासनादेश में जो शर्तें थीं, उसमें एक शर्त यह भी थी कि शासनादेश की किसी शर्त का उलंघन किया जाता है तो यह भूमि राज्य सरकार में निहित मानी जाएगी। एसडीएम की जांच में शासनादेश में दी गई शर्तों का उल्लंघन पाया गया।
अजय तिवारी ने बताया कि जमीन की खरीद के लिए शर्त थी कि इसका उपयोग चैरिटी के कार्यों के लिए होगा, जिसका उल्लंघन हुआ। इस मामले में एडीएम कोर्ट ने संबंधित भूमि राज्य सरकार में निहित करने के आदेश दिए हैं। एसडीएम सदर को आदेश दिए हैं कि वह इस भूमि पर कब्जा लेकर इसे अभिलेखों में इंद्राज कराएं।
जांच रिपोर्ट के अनुसार, जौहर ट्रस्ट की इस जमीन पर जौहर विश्वविद्यालय का काम चल रहा है, लेकिन पिछले दस वर्षों में चैरिटी का कोई कार्य न होने की बात भी सामने आई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ट्रस्ट को एक सीमा के तहत ही जमीन आवंटित की जा सकती है, लेकिन इस मामले में नियम-कायदों का उल्लंघन किया गया। तत्कालीन एसडीएम सदर ने जौहर ट्रस्ट मामले में जांच की थी। इस पर एडीएम कोर्ट में वाद दायर कराया गया था।
महाकुंभ के लिए तैयार हो रही धर्मनगरी हरिद्वार लोक परंपराओं व संस्कृति के रंगों से सराबोर हो उठी है। हरिद्वार में दीवारों पर उकेरा गया धार्मिक आस्था, लोक परंपराओं व पौराणिक संस्कृति का वैभव भी श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करेगा।

प्रदेश सरकार की ओर से धर्मनगरी को सजाने-संवारने के साथ ही स्वच्छ बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि “राज्य सरकार दिव्य और भव्य कुम्भ के लिए प्रतिबद्ध है। प्रयास किए जा रहे हैं कि कुंभ में यहां आने वाले लाखों श्रद्धालु उत्तराखण्ड की लोक व सांस्कृतिक विरासत से भी रूबरू हों।”

प्रदेश में देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण व संवर्धन के लिए सरकार गम्भीरता से प्रयास कर रही है। हरिद्वार कुंभ-2021 को भी इसके लिए मुफीद मौका माना जा रहा है। इसके लिए चित्रकला को जरिया बनाया गया है।

कुंभ क्षेत्र में सरकारी भवनों समेत पुल, घाट आदि की दीवारों को धार्मिक व पौराणिक मान्यताओं व संस्कृति के रंग बिखेरते चित्रों से सजाया गया है।

इसके पीछे मंशा यही है कि देश और दुनिया से आए श्रद्धालुओं के मन में आस्था का भाव तो जागृत हो ही, साथ ही वह यहां की परंपरा, संस्कृति और पौराणिक विरासत से भी रूबरू हो सके।

हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण के ‘पेंट माई सिटी’ कैम्पेन से धर्म नगरी की फिजा ही बदल दी गई है। कहीं देवी-देवताओं, धार्मिक परम्पराओं के तो, कहीं लोक संस्कृति के चित्र सजीवता लिए हुए हैं।

कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि कुंभ मेला क्षेत्र को चित्रकला से सजाने में विभिन्न संस्थाओं का सहयोग रहा है। सरकार की मंशा के अनुरूप मेक माय सिटी कैंपेन से धर्म नगरी में परंपराओं और संस्कृति के रंग भी देखने को मिलेंगे।

हरिद्वार कुंभ की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। प्रदेश सरकार की कोशिश है कि इस बार का कुंभ दिव्य और भव्य हो।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने किया डोईवाला विधानसभा की लगभग 70 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को लालतप्पड़ में आयोजित एक कार्यक्रम में डोईवाला विधानसभा की लगभग 70 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार ने बुनियादी सुविधाओं सड़क, बिजली, पानी एवं स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया है। राज्य बनने के बाद सड़कों के पुनर्निर्माण के लिए कभी 200 करोड़ से अधिक धनराशि कभी नहीं दी गई, पिछले पौने चार साल में 630 करोड़ की धनराशि दी गई।
उन्होंने कहा कि कोविड काल की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी सुनियोजित आर्थिक प्रबंधन से विकास के कार्यों को प्रभावित नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि 125 पुलों के निर्माण के लिए 350 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डोईवाला विधानसभा में इन चार सालों में केवल सड़कों व पुलों के ही 100 करोड़ रूपये से अधिक के कार्य हुए। भानियावाला से ऋषिकेश डबल लेन के कार्य के लिए जल्द स्वीकृति करवाई जायेगी। डोईवाला से बुल्लावाला, आशारोड़ी होते हुए सद्धोवाला तक डबल लेन सड़क बनाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। 06 करोड़ रूपये की लागत से लच्छीवाला में पार्क का डेवलपमेंट किया जा रहा है।

इस अवसर पर ऋषिकेश की मेयर अनिता ममगाईं, वन पंचायत सलाहकार परिषद के उपाध्यक्ष करन बोहरा, गढ़वाल मंडल विकास निगम के उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंघल, राजपाल सिंह, खेमपाल सिंह, माजरीग्रान्ट के मण्डल अध्यक्ष श्री राजकुमार, गुरूद्वारा प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष सरदार गुरदीप सिंह, जिलाधिकारी देहरादून आशीष श्रीवास्तव एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
तांडव वेब सीरीज को अमेजॉन प्राइम वीडियो पर रिलीज किया गया है। वेब सीरीज का डायरेक्शन जफर अली अब्बास ने किया है। तांडव वेब सीरीज रिलीज होते ही विवादों में आ गई है। वेब सीरीज के पहले एपिसोड में जीशान अय्यूब भगवान शिव के वेश में नजर आ रहे हैं और यूनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधित करते हुए कहते हैं कि आखिर आपको किससे आजादी चाहिए। उनके मंच पर आते ही एक मंच संचालक कहता है, ‘नारायण-नारायण। प्रभु कुछ कीजिए। रामजी के फॉलोअर्स लगातार सोशल मीडिया पर बढ़ते ही जा रहे हैं। मुझे लगता है कि हमें भी कुछ नई स्ट्रेटेजी बना ही लेनी चाहिए।’ इस पर शिव के रूप में नजर आ रहे जीशान अय्यूब कहते हैं, ‘क्या करूं मैं तस्वीर बदल दूं क्या?’ इस पर मंच संचालक कहता है कि भोलेनाथ आप तो बहुत ही भोले हैं।
वेब सीरीज को लेकर लोग सोशल मीडिया पर आपत्ति जता रहे हैं। ट्विटर पर कई यूजर्स ने कहा कि इस तरह से शिव का रूप दिखाना और भगवान राम के बारे में टिप्पणी करना स्वीकार नहीं। एक यूजर ने वेब सीरीज के इस हिस्से को ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘अली अब्बास तांडव वेब सीरीज के डायरेक्टर हैं और इसमें पूरी तरह से लेफ्ट विंग के एजेंडे को आगे बढ़ाने में जुटे हैं। वह टुकड़े-टुकड़े गैंग को ग्लोरिफाई कर रहे हैं।’ सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि वेब सीरिज के माध्यम से जानबूझकर हिन्दुओं और हिन्दू धर्म को टारगेट किया जा रहा है।
इसके अलावा वेब सीरीज के एक और हिस्से पर भी लोग आपत्ति जता रहे हैं। इस वीडियो में कॉलेज का एक युवा लड़की से कहता है, ‘जब एक छोटी जाति का आदमी एक ऊंची जाति की औरत को डेट करता है न तो वह बदला ले रहा होता है, सिर्फ उस एक औरत से। वीडियो को लेकर आपत्ति जताते हुए कुछ यूजर्स ने इसे हिंदू विरोधी प्रॉपेगेंडा करार दिया है। पॉलिटिकल ड्रामा पर आधारित इस वेब सीरीज में सैफ अली खान, डिंपल कपाड़िया, तिग्मांशू धूलिया, जीशान अय्यूब, सुनील ग्रोवर, गौहर खान सहित कई बड़े सितारे नजर आ रहे हैं।
अब हिन्दूफोबिक बॉलीवुड से कुछ सवाल….
दिखाना है तो फिर सभी धर्मों को दिखाया करो, सिर्फ एक धर्म को ही क्यों? शिव, नारद, राम की जगह मौलवी, मदरसा, या अन्य क्यों नहीं? दिखाना ही था तो दिखाते कि किस तरह लव जिहाद करके लड़कियों को छोड़ दिया जा रहा है? जेएनयू को स्टारडम बनाने की कवायद दिखी, कभी किसी और विश्वविद्यालय को दिखाना था? दलित दिखा रहे, पर शिया-सुन्नी पर मौन क्यों हो जाते हैं? वेब सीरीज तांडव नाम से ही क्यों, हलाल, हलाला या अन्य नाम से क्यों नहीं? बॉलीवुड में हजार बुराइयां हैं, नशे के कारोबार व कॉकस पर बनाने में क्या समस्या है? धर्म को फिल्म-वेब सीरिज से दूर ही रखना चाहिए, जब बार-बार एक ही धर्म को टारगेट करोगे तो समस्या होगी ही……
Union Minister of Textiles and Women and Child Development Smriti Zubin Irani addressed the closing ceremony of 24th National Youth Festival (NYF) in the presence of Union Minister of State (I/C) for Youth Affairs and Sports Kiren Rijiju in New Delhi. The festival was celebrated in a hybrid mode from 20th December, 2020 in three phases namely, District level, State level and National level.
On this occasion, Secretary, Youth Affairs Usha Sharma, Joint Secretary Asit Singh, Joint Secretary, Sports, Siddhartha Singh and other dignitaries of Ministry were present. The remarkable cultural performances by the youth volunteers of NYKS and NSS on the occasion exuded a wonderful spirit of Ék Bharat Shreshtha Bharat’.
Addressing the youth volunteers on the occasion, the Union Minister Smriti Irani said that ‘sensitive youth’ will create a New India. She called upon the youth of the country to march ahead on the path of progress holding the hand of those who need help. Irani complimented the Ministry of Youth Affairs & Sports for organising a very extraordinary and colourful valedictory function. She stated that cultural presentations of various states presented a unified India which exihibits the zeal, capability and extraordinary talent of the youth of the country. The Youth Anthem tied the entire country in one string, she added.

Union Minister of State Kiren Rijiju said that by taking inspiration from Prime Minister Narendra Modi, his ministry has given a new colour to the 24th National Youth Festival. Rijiju added that this edition is unique in many ways. The festival has been organised in virtual mode for the first time keeping in view the challenges of covid-19 pandemic but enthusiasm of NYKS & NSS volunteers made this event successful.
Rijiju said that Ministry of Youth Affairs is going to launch a big programme on National Girl Child Day on Beti Bachao Beti Padhao in collaboration with Ministry of Women and Child Development. Rijiju added that we will run this program the whole year. The Department of Sports will take the lead role and it will be supported by NYKS & NSS Volunteers. Along with this, the Ministry will celebrate 125th birth anniversary of Netaji Subhash Chandra Bose on a large scale.
देश में कोविड-19 वैक्सीन के टीका लगाने का काम शनिवार को शुरू हो जाएगा। टीकाकरण कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रातः 10:30 बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से करेंगे। देशभर में 3006 स्थानों पर टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। इसे दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फेन्स के माध्यम से क्रमशः दून मेडिकल कॉलेज तथा हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से भी जुड़ेंगे और टीकाकरण की गतिविधि को देखेंगे। इस अवधि में प्रधानमंत्री वहां उपस्थित वैक्सीनेशन कार्य में लगे हुए स्वास्थ्य अधिकारियों से वार्ता भी करेंगे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत राजधानी के दून अस्पताल से वर्चुअली इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा है कि प्रदेश में वैक्सीनेशन का पहले चरण के लिए पूरी तैयारी कर ली गयी हैं । उन्होंने कहा कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है, इस पर किसी भी प्रकार का भ्रम नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से प्रदेश को पहली खेप के रूप में 01 लाख 13 हजार वैक्सीन दी गई हैं। प्रथम चरण में 50 हजार हेल्थ वर्कर्स को कोविड-19 की यह वैक्सीन लगाई जानी है। मुख्यमंत्री प्रदेशवासियों से इस वैश्विक महामारी के खिलाफ अभियान में सहयोग की अपेक्षा की है।
कोविड-19 वैक्सीनेशन के बारे में जानकारी देते हुए राज्य नोडल अधिकारी एवं मिशन निदेशक एनएचएम सोनिका ने बताया कि आज राज्य के सभी जिलों के 13 चिकित्सालयों पर टीकाकरण किया जाएगा। सोनिका के अनुसार जनपद देहरादून में 5, हरिद्वार व उधमसिंहनगर में 4, नैनीताल में 3 तथा अन्य जनपदों में 02-02 स्थानों पर टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाएंगे। टीकाकरण हेतु चिन्हित 34 स्थानों में 32 सरकारी चिकित्सा संस्थान हैं जिसमें एम्स ऋषिकेश तथा ऋषिकुल आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी भी सम्मिलित हैं जबकि 2 निजी चिकित्सा संस्थान हिमालयन मेडिकल कॉलेज एवं गुरु रामराय मेडिकल कॉलेज में भी टीकाकरण होगा।
मिशन निदेशक सोनिका ने बताया कि टीकाकरण कार्यक्रम के शुभारम्भ के अवसर पर सभी 34 स्वास्थ्य ईकाईयो पर 100-100 लाभार्थियों को वैक्सीन दी जाएगी। इस प्रकार वैक्सीनेशन के पहले दिन लगभग 3400 हैल्थ केयर वर्कर्स का टीकाकरण किया जाएगा।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ0 अमिता उप्रेती ने बताया कि सभी जनपदों में वैक्सीन सुरक्षित पहुंच चुकी है। उन्होंने बताया कि सभी जनपदों को निर्देश दिए गए हैं कि वह टीकाकरण के दौरान भारत सरकार की गाईड लाईन का सख्ती से अनुपालन करें।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह भय्याजी जोशी ने कहा कि श्रीराम जन्म भूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण व संपर्क अभियान धन संग्रह का नहीं, बल्कि समर्पण का कार्यक्रम है और समाज अपनी श्रद्धा एवं इच्छा से जो सहयोग करेगा, वह सब स्वीकार्य है।
भय्याजी जोशी ने यह बात जम्मू-कश्मीर में इस अभियान का शुभारंभ करते हुए कही। उन्होंने जम्मू शहर के गांधीनगर स्थित वाल्मीकि मोहल्ला में जाकर मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण हेतु संपर्क किया। इसके बाद डिगियाना स्थित श्री संत मेला सिंह जी दस्तकारी आश्रम के महंत मंजीत सिंह से भेंट कर मंदिर निर्माण के लिए सहयोग राशि ली। जम्मू-कश्मीर में यह अभियान मकर संक्रांति से शुरू होकर 27 फरवरी माघ पूर्णिमा तक चलेगा।

भय्याजी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के सर्वसम्मत निर्णय और प्रभु श्रीराम की इच्छा अनुसार अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है। भगवान के लिए समाज अपने सामर्थ्य के अनुसार स्वयं प्रेरणा से सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि की प्रत्येक कारसेवा में जम्मू कश्मीर के लोगों की अविस्मरणीय भूमिका रही है।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए सिक्ख समाज के बंधुओं ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उन्होंने कहा कि 30 नवंबर, 1858 को दर्ज एक एफआईआर की रिपोर्ट में लिखा है – निहंग सिक्ख, विवादास्पद ढांचे में घुस गए थे और राम नाम के साथ वहां हवन किया। निहंग सिक्खों ने वहां न सिर्फ हवन और पूजा की, बल्कि उस परिसर के भीतर श्रीराम का प्रतीक भी बनाया। उस समय उनके साथ 25 और सिक्ख थे, जिन्होंने वहां धार्मिक झंडे उठाए और उसकी दीवारों पर चारकोल के साथ ‘राम-राम’ लिखा था।