वरिष्ठ पत्रकार, हिन्दुत्व के भाष्यकार, चिंतक एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ नेता माधव गोविंद वैद्य (बाबू राव वैद्य) का शनिवार को महाराष्ट्र के नागपुर में निधन हो गया। वे 97 वर्ष के थे। वे पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे, और अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था।
वैद्य के पुत्र व RSS के सह सरकार्यवाह डॉ मनमोहन वैद्य ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी। उनका अंतिम संस्कार रविवार को होगा। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, RSS के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत, सरकार्यवाह सुरेश (भय्या) जोशी, भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा समेत तमाम लोगों ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
माधव गोविंद वैद्य का जन्म महाराष्ट्र के वर्धा जिले की तरोड़ा तहसील में 11 मार्च, 1923 को हुआ था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा तरोडा व माध्यमिक शिक्षा नील सिटी हाई स्कूल, नागपुर से पूर्ण की। नागपुर के मॉरिस कॉलेज से महाविद्यालयी शिक्षा प्रथम श्रेणी में पूरी की और शिक्षण कार्य से जुड़ गए।
संस्कृत के ख्यात शिक्षक जो अनूठी शिक्षण शैली और विषय पर पकड़ के कारण न केवल छात्रों, अपितु विरोधी विचारधारा के लोगों में भी लोकप्रिय रहे। वर्ष 1966 में संघ की योजना के तहत नौकरी छोड़ दैनिक तरुण भारत, नागपुर से जुड़े। समाचार चयन की तीक्ष्ण दृष्टि और गहरी वैचारिक स्पष्टता के कारण पत्रकारिता के क्षेत्र में भी उन्होंने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। कालांतर में इसका प्रकाशन करने वाले नरकेसरी प्रकाशन का नेतृत्व किया।
कुछ वर्षों बाद वैद्य ने पत्रकारिता से राजनीति के क्षेत्र में पदार्पण किया। वर्ष 1978 से 1984 तक वे महाराष्ट्र विधान परिषद् के लिए मनोनीत किये गए। वे RSS में अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख, अखिल भारतीय प्रवक्ता, तथा वर्ष 2008 तक अ. भा. कार्यकारी मंडल के निमंत्रित सदस्य रहे। वैद्य संघ शोधकों, सत्यशोधकों और विरोधी विचारधाराओं के जिज्ञासा समाधान के लिए हमेशा तत्पर और उपलब्ध रहे।
उन्होंने वैचारिक अधिष्ठान प्रदान करने वाली अनेक पुस्तकों का लेखन किया। उन्हें महाराष्ट्र सरकार का ‘महाकवि कालिदास संस्कृत साधना पुरस्कार’, राष्ट्रसन्त तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय का ‘राष्ट्रसन्त तुकडोजी जीवन गौरव पुरस्कार’ सहित दर्जन भर पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को अपना कोरोना टेस्ट कराया था।
इस बात की जानकारी खुद मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके दी है। ट्वीट में उन्होंने कहा है कि -” आज मैंने कोरोना टेस्ट करवाया था और रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मेरी तबियत ठीक है और symptoms भी नहीं हैं। अतः डॉक्टर्स की सलाह पर मैं होम आइसोलेशन में रहूंगा। मेरा सभी से अनुरोध है, कि जो लोग गत कुछ दिनों में मेरे संपर्क में आए हैं, कृपया स्वयं को आइसोलेट कर अपनी जांच करवाएं।
देहरादून। पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) के पद पर पदोन्नत होने के बावजूद लम्बे समय से राजधानी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) की कुर्सी पर बैठे रहे अरुण मोहन जोशी का आखिरकार तबादला हो गया। उन्हें DIG, सतर्कता, पीएसी व एटीसी के पद पर स्थानांतरित किया गया है। देहरादून के SSP की कुर्सी योगेंद्र सिंह रावत को सौंपी गई है।
प्रदेश सरकार ने गुरूवार को पांच IPS अधिकारियों के कार्यभार में फेरबदल किया है। इस फेरबदल में DIG गढ़वाल की जिम्मेदारी संभाल रहे IG स्तर के अधिकारी अभिनव कुमार को प्रभारी अपर पुलिस महानिदेशक (प्रशासन) के रूप में पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया है।
पुलिस उप महानिरीक्षक, सतर्कता व पीएसी के पद पर तैनात नीरू गर्ग को DIG गढ़वाल परिक्षेत्र का प्रभार दिया गया है। देहरादून के SSP बनाये गए योगेंद्र सिंह रावत की जगह पर तृप्ति भट्ट को टिहरी के SSP के पद पर स्थानांतरित किया गया है। तृप्ति के पास अभी तक SDRF के सेनानायक की जिम्मेदारी थी
देहरादून। उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चमोली की जिलाधिकारी को इसके लिए जमीन तलाशने के निर्देश दिए।
गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित बोर्ड की बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों को बाजार उपलब्ध कराने हेतु राज्य में 04 नई फैक्ट्रियां स्थापित की जाएं। साथ ही, चाय बागानों से उत्पादित हरी पत्तियों के न्यूनतम विक्रय मूल्य को निर्धारित करने हेतु एक समिति भी गठित हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड टी-गार्डन विकसित करे और इन्हें काश्तकारों को सौंपा जाए। टी-गार्डन काश्तकारों को सौंपने के बाद उन्हें तकनीकी विशेषज्ञता भी उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में जो निजी चाय फैक्ट्रियां किसी भी कारण से बंद हैं, उन्हें चलाने हेतु प्रयास किए जाएं। यदि निजी फैक्ट्रियों के मालिक इन्हें चलाने में सक्षम नहीं हैं तो, बोर्ड इन्हें चलाने का प्रयास करे। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने बोर्ड की बैठक, वर्ष में 04 बार आयोजित करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में अवगत कराया गया कि बोर्ड द्वारा वर्तमान तक विभिन्न स्थानों कुल 1387 हैक्टेयर क्षेत्रफल पर चाय प्लान्टेशन किया जा चुका है। उत्तराखण्ड के 09 पर्वतीय जनपदों (बागेश्वर, चम्पावत, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, टिहरी) के 28 विकास खण्डों में स्वयं संचालित योजना, स्पेशल कम्पोनन्ट प्लान, मनरेगा के अन्तर्गत चाय विकास कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इन क्षेत्रों के 3,882 काश्तकार ने राजकीय/गैर राजकीय भूमि को लीज पर लेकर चाय प्लान्टेशन किया है। इसमें अनुमानित 4,000 श्रमिक कार्यनियोजित किये गये हैं, जिसमें 70 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी हैं।
वर्तमान में बोर्ड द्वारा निर्मित की जा रही चाय को उत्तराखण्ड टी ब्राण्ड नेम से रजिस्टर करते हुए बेचा जा रहा है। बोर्ड द्वारा जैविक/अजैविक आर्थोडोक्स ब्लैक व ग्रीन टी तैयार कर, स्थानीय स्तर पर स्वयं के शो-रूम, दुकानदारों य पोस्टल सेवा एवं कोलकाता ऑक्सन हाउस के माध्यम से बिक्री की जा रही है।
बैठक में उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल, उपाध्यक्ष चाय विकास बोर्ड गोविन्द सिंह पिल्खवाल, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव आनन्द वर्धन, सचिव उद्यान हरबंस सिंह चुघ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
भोपाल (विसंकें)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले व अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख रामलाल ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में संघ कार्यकर्ता ओम प्रकाश गर्ग की पुस्तक मेरी संघ यात्रा का विमोचन किया। कार्यक्रम में भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय ने कहा कि संघ के बारे में कई भाषाओं में पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं, लेकिन हर पुस्तक का अलग महत्व होता है। संघ का एक कार्यकर्ता जब किताब लिखता है, तो उस पुस्तक में सिर्फ उसके अनुभव ही नहीं, बल्कि उसके हृदय की भावना भी समाहित होती है। यह पुस्तक अगली पीढ़ी के लिए संघ का एक दस्तावेज है।
अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख रामलाल ने कहा कि आरएसएस को सुनकर नहीं, बल्कि देखकर समझा जा सकता है और इस पुस्तक में संघ के बारे में जो भी लिखा गया है, वह एक कार्यकर्ता का प्रत्यक्ष अनुभव है।
लेखक ओम प्रकाश गर्ग ने कहा कि यह पुस्तक आत्मकथ्य नहीं है। अपने जीवन में संघ और समाज से जुड़कर कार्य करने की जो प्रेरणा मुझे मिली है, उसके संस्मरण इस पुस्तक में शामिल हैं। इसके अलावा वर्तमान परिस्थितियों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की क्या आवश्यकता है, इसका विश्लेषण करने का मैंने प्रयास किया है।
पुस्तक की भूमिका संघ के मध्यक्षेत्र संघचालक अशोक साहनी ने लिखी है। पुस्तक में कई संघ गीतों को भी शामिल किया गया है, जो प्रेरक, मार्गदर्शक तथा राष्ट्रभाव का जागरण करने वाले हैं। संघ की रचना, उसके विचार एवं कार्य पद्धति को भी इस पुस्तक के माध्यम से समझा जा सकता है। पुस्तक को भोपाल के पहले पहल प्रकाशन ने प्रकाशित किया है।
देहरादून। 21 दिसम्बर से प्रारंभ होने वाले उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विधायकों को सत्र में भाग लेने से पहले कोरोना का आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना अनिवार्य होगा। यही नहीं सत्र के दौरान किसी भी गैर सरकारी व्यक्ति को विधान सभा परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
यह जानकारी विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी। उन्होंने कहा कि सत्र में भाग लेने से पहले सभी विधायकों को अपने क्षेत्रों में अथवा देहरादून स्थित विधायक निवास में कोरोना का रैपिड टेस्ट, आरटी-पीसीआर कराना अनिवार्य होगा। सत्र के दौरान टेस्ट की रिपोर्ट विधायकों द्वारा विधानसभा को देनी होगी।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा के अधिकारियों एवं कर्मचारियों एसओपी का पालन करना होगा। साथ ही प्रवेश द्वार पर सभी आगंतुकों का थर्मल स्कैनिंग की जाएगी। सत्र के दौरान पूरे विधान सभा परिसर को सैनिटाइज करवाया जाएगा।
उन्होंने बताया कोविड-19 के दृष्टिगत शीतकालीन सत्र के दौरान पत्रकार दीर्घा, दर्शक दीर्घा एवं अधिकारी दीर्घा में किसी व्यक्ति को प्रवेश पत्र जारी नहीं किया जाएगा। सत्र के दौरान गैर सरकारी व्यक्तियों को परिसर में प्रवेश की अनुमति प्राप्त नहीं होगी।
विधानसभा परिसर में विधायकों के साथ आने वाले सहवर्ती का प्रवेश वर्जित किया गया है। पूर्व विधायकों को भी परिसर में आने से बचने का अनुरोध किया गया है। सत्र के दौरान अधिकारियों को विधानसभा परिसर में अलग हॉल में बैठने की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें की स्क्रीन के माध्यम से सत्र का लाइव प्रसारण दिखाया जाएगा।
विधानसभा की कार्यवाही प्रिंट मीडिया को समाचार एजेंसी पीटीआई तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को एएनआई तथा सूचना विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। मीडिया कर्मियों को विधानसभा परिसर के बाहर मीडिया हाउस की व्यवस्था की जाएगी।
इससे पूर्व, विधान सभा अध्यक्ष अग्रवाल ने विधान सभा सत्र की तैयारियों को लेकर उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने विधानसभा सचिवालय और पुलिस विभाग के अधिकारियों को सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चाकचौबंद रखने के निर्देश दिए। उन्होंने रेस कोर्स स्थित विधायक निवास में सुरक्षा, स्वच्छता को लेकर भी अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने को कहा।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिरीक्षक अजय प्रकाश अंशुमान, स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडे, सचिव आईटीडीए अमित सिन्हा, सचिव बीएस मनराल, जिला अधिकारी आशीष श्रीवास्तव, सूचना महानिदेशक डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके डिमरी, अपर नगर आयुक्त मोहन सिंह, अपर सचिव प्रशासन प्रताप सिंह शाह, एसएसपी अरुण मोहन जोशी, विधान सभा के प्रभारी सचिव मुकेश सिंघल सहित शासन एवं विभिन्न विभाग के उच्च अधिकारी मौजूद थे।
देहरादून। राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य सलाहकार परिषद के नवनियुक्त उपाध्यक्ष संजय सहगल ने बुधवार को स्वास्थ्य महानिदेशालय में कार्यभार ग्रहण किया। सहगल ने कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही राष्ट्रीय हेल्थ मिशन (NHM) व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और NHM के कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हुए प्रगति की समीक्षा की।
स्वास्थ्य महानिदेशालय पहुंचने पर नवनियुक्त उपाध्यक्ष सहगल का कार्यवाहक स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ तृप्ति बहुगुणा व NHM के अपर निदेशक डॉ अभिषेक त्रिपाठी द्वारा स्वागत किया गया।
इस अवसर पर सहगल ने NHM द्वारा संचालित कार्यक्रम को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए योजनाओं को आमजन तक ले जाने के लिए विभागीय रणनीति को अधिक व्यापक बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि आमजन भी योजनाओं का लाभ उठा सके।
उन्होंने कोविड-19 के कारण राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की प्रगति का संज्ञान लिया और निर्देश दिए कि इसमें तेजी लाई जाए।
कार्यवाहक महानिदेशक डॉ बहुगुणा ने सहगल को विभागीय योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। NHM निदेशक डॉ अंजलि नौटियाल ने विभागीय कार्यक्रमों के बारे प्रजेंटेशन दिया।
NHM के अपर निदेशक डॉ अभिषेक त्रिपाठी ने कोविड-19 महामारी के नियंत्रण व बचाव हेतु किए गए प्रयासों और आने वाले दिनों में कोविड-19 हेतु वैक्सीन लगाए जाने के लिए विभाग की ओर से की जा रही तैयारियों के बारे में बताया।
हरिद्वार। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कृषि सुधार कानून किसानों के हित में लाये गये कानून है। किसानों की आय दुगनी करने का केंद्र सरकार ने जो लक्ष्य रखा है, उसे प्राप्त करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि कृषि सुधार कानून के माध्यम से किसानों को स्वतंत्रता प्रदान की गयी है, अब किसान को जहां अच्छा मूल्य मिलेगा, वहां अपनी फसल बेचेगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र बुधवार को यहां ऋषिकुल मैदान में भाजपा किसान मोर्चा द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञानी एम.एस.स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ये कानून बनाये गए हैं, जो किसानों के व्यापक हित में हैं।
नए कानूनों में किसानों के लिए अनेक विकल्प रखे गये हैं। पहले किसान की उपज की केवल मण्डी ही खरीदारी करती थी। मगर नए कानून लागू होने के बाद आज उसके लिए ओपन मार्केट की व्यवस्था हो गई है।

उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को दूर करने हेतु उनसे लगातार वार्ता कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। प्रदेश में सरकारी गन्ना मिलों द्वारा किसानों को सौ प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया गया है। धान मूल्य का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से बिल प्राप्त होने के 24 घण्टे के अन्दर किसानों के खाते में किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में निजी क्षेत्र की बन्द पड़ी इकबालपुर शुगर मिल को 36 करोड़ की गारन्टी देकर खुलवाया है, ताकि किसानों को उनके गन्ना मूल्य का भुगतान हो सके। राज्य में खाद्य की सब्सिडी दो साल पहले से ही दी जा रही है। किसानों को 03 लाख तक का ऋण एवं किसानों समुहों को 05 लाख तक का ऋण बिना ब्याज का दिया जा रहा है।
कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, भाजपा प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय कुमार, प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार, विधायक यतीश्वरानन्द, कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन, देशराज कर्णवाल, सुरेश राठौर, प्रदीप बत्रा, आदेश चौहान एवं संजय गुप्ता आदि भी उपस्थित थे।
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की बैठक में जनपद बागेश्वर के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक व आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने एवं पलायन को कम करने हेतु आयोग द्वारा की गई सिफारिशों से सम्बन्धित पुस्तिका का विमोचन किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पलायन आयोग द्वारा पलायन के मूल कारणों से सम्बन्धित दी गई प्रारंभिक रिपोर्ट से ही स्पष्ट था कि इसके लिए मुख्यतः शिक्षा व स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा एवं रोजगार की कमी रही है। उन्होंन कहा कि आयोग के सुझावों पर राज्य सरकार द्वारा नीतिगत निर्णय लिए जा रहे है। उन्होंने कहा कि आयोग को वर्किंग एजेन्सी के रूप में नहीं, अपितु राज्य से पलायन रोकने तथा ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक व आर्थिक विकास के लिये थिंकटेक के रूप में कार्य करना होगा।
बागेश्वर के ग्रामीण क्षेत्रों पर आधारित रिपोर्ट के सम्बन्ध में ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ0 एस0एस0नेगी ने बताया कि जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार जनपद बागेश्वर की जनसंख्या 2,59,898 है, इनमें 1,24,326 पुरूष तथा 1,35,572 महिलाएं है। पिछले 10 वर्षों में 346 ग्राम पंचायतों से कुल 23,388 व्यक्तियों द्वार अस्थायी रूप से पलायन किया गया है। पिछले 10 वर्षों में 195 ग्राम पंचायतों से 5912 व्यक्तियों द्वार पूर्णरूप से स्थायी पलायन किया गया है। आंकड़े दर्शाते है कि जनपद के सभी विकास खण्डों में स्थायी पलायन की तुलना में अस्थायी पलायन अधिक हुआ है। जनपद की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2016-17 के लिए अनन्तिम रूप से 1,00,117 रूपये है।
आयोग द्वारा जनपद हेतु जो सिफारिशें रखी हैं उनमें प्रमुख रूप से पशुधन की गुणवत्ता में सुधार लाने, दुग्ध उत्पादन और उससे जुड़े व्यवसायों का प्रशिक्षण, होम स्टे, इकोटूरिज्म, पर्यटन से जुड़े कौशल विकास प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास कार्यक्रम आयोजित किए जाने की बात कही है। इसके साथ ही मनरेगा में समान अवसर और भागीदारी सुनिश्चित करके महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बनाए रखना, फसलों को जंगली जानवरों से बचाव के लिए बन्दरबाड़ों/सोलर पावर फैन्सिंग का निर्माण कराए जाने, औषधीय, सुगंधित पौंधों व जड़ी-बूटी की खेती और बागवानी पर जोर देने की सिफारिश की गई है।
इस अवसर पर आयोग के सदस्यों रामप्रकाश पैन्यूली, सुरेश सुयाल, दिनेश रावत घण्डियाल, अनिल सिंह शाही व रंजना रावत ने भी अपने सुझाव रखे।
नई दिल्ली। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने राष्ट्रीय आयुष मिशन (National AYUSH Mission, NAM)) योजना के अंतर्गत उत्तराखण्ड में 200 आयुष स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्रों (AYUSH Health & Wellness Centres, HWC) को मंजूरी दी है। ये केंद्र अल्मोड़ा जिले में स्थापित होंगे।
केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने जानकारी दी है कि इन केन्द्रों के परिचालन में नई दिल्ली स्थित अरविंद लाल वन्दना लाल (ALVL) फाउंडेशन उत्तराखण्ड के आयुष विभाग को सहायता प्रदान करेगा। इस संबंध में संबद्ध पक्षों के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस वर्चुअल कार्यक्रम में केंद्रीय आयुष सचिव, संयुक्त सचिव (आयुष), उत्तराखण्ड के आयुर्वेद निदेशक और ALVL फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ.अरविन्द लाल मौजूद थे।

इन केन्द्रों पर निर्धारित गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए योजना बनाने, कार्यान्वयन और संस्था को सभी जरुरी मदद मुहैया कराने की पूरी ज़िम्मेदारी उत्तराखण्ड सरकार की होगी। केन्द्र सरकार इस संबंध में आवश्यक तकनीकी मदद प्रदान करेगी। ALVL फाउंडेशन केन्द्र में आने वाले लोगों की सूची बनाने, लोगों के स्वास्थ्य कार्ड बनाने और आयुष स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्र से जुड़े कर्मियों को प्रशिक्षण देने और उनकी कार्य क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा।
आयुष स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्रों के परिचालन संबंधी दिशा-निर्देशों में सरकार अथवा गैर-सरकारी संगठनों के साथ सहभागिता करने का प्रावधान है ताकि समग्र प्राथमिक स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को बेहतर बनाया जा सके। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2023-24 तक देशभर में विभिन्न चरणों में 12,500 आयुष स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्रों को परिचालित करने का निर्णय लिया है।