खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) की सख्त कार्रवाई से एमेजॉन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील जैसे अन्य ई-कॉमर्स पोर्टल्स ने ‘खादी’ ब्रांड नाम के तहत उत्पादों की बिक्री करने वाले अपने 160 से अधिक वेब लिंक को हटा दिया है। KVIC ने एक बयान में कहा कि उसने ने 1,000 से अधिक उन कंपनियों को कानूनी नोटिस भेजा था, जो अपने उत्पादों को बेचने के लिए ‘खादी इंडिया’ ब्रांड नाम का उपयोग कर रही थीं। इस प्रकार वे खादी की प्रतिष्ठा को धूमिल कर रही थीं और खादी कारीगरों को काम का नुकसान पहुंचा रही थीं। KVIC के उसी नोटिस के बाद ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों ने यह पहल की है।
KVIC ने यह भी कहा है कि उसके द्वारा भेजे गए कानूनी नोटिस के बाद खादी ग्लोबल ने भी अपनी वेबसाइट www.khadiglobalstore.com से उन्हें बाहर कर दिया है और ट्विटर, फेसबुक एवं इंस्टाग्राम पर अपने सोशल मीडिया पेजों को भी हटा दिया है। साथ ही उसने ऐसी सभी सामग्री और उत्पाद को हटाने के लिए 10 दिन का समय मांगा है जो ‘खादी’ ब्रांड नाम का उपयोग कर रहे थे। KVIC की इस कार्रवाई से देश भर में ऐसे कई स्टोर बंद हो गए हैं जो नकली खादी उत्पादों को बेच रहे थे।
ये ई-कॉमर्स पोर्टल खादी मास्क, हर्बल साबुन, शैंपू, सौंदर्य प्रसाधन, हर्बल मेहंदी, जैकेट, कुर्ता और ‘खादी’ ब्रांड नाम का इस्तेमाल करने वाले विभिन्न विक्रेताओं के ऐसे तमाम उत्पादों की बिक्री कर रहे थे। इससे ऑनलाइन खरीदारों के बीच गलत धारणा बनाई जा रही थी कि ये वस्तुएं असली ‘खादी’ उत्पाद थे। KVIC ने यह भी कहा है कि हटाए गए अधिकतर उत्पादों की बिक्री एक आयुष ई-ट्रेडर्स द्वारा की जा रही थी। इस फर्म ने KVIC को पुष्टि की है कि उसने विभिन्न उत्पादों के लिए 140 लिंक हटा दिए हैं जिन्हें ‘वागड़ के खादी उत्पाद’ के तौर पर बेचा जा रहा है।
KVIC ने कहा कि खादी उत्पादों को खरीदने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा की गई अपील के बाद हाल के वर्षों में खादी की लोकप्रियता में कई गुना वृद्धि हुई है और ऐसे में खादी ट्रेडमार्क के उल्लंघन के मामले भी बढ़े हैं। इस अवसर का फायदा उठाने के लिए कई ऑनलाइन विक्रेताओं ने खादी के नाम पर विभिन्न उत्पादों की बिक्री शुरू कर दी। इसके अलावा विभिन्न शहरों में ऐसे सैकड़ों स्टोर खुल गए जो नकली खादी उतापदों की बिक्री कर रहे थे। हाल के महीनों में, खासकर कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान इस तरह के फर्जी ऑनलाइन विक्रेताओं में काफी तेजी आई थी। हालांकि, ऑनलाइन ग्राहकों को असली खादी उत्पादों की खरीदारी करने में समर्थ बनाने के लिए KVIC ने www.kviconline.gov.in/khadimask पर 300 उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए अपना ई-पोर्टल लॉन्च किया है।
KVIC के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि फर्जी खादी उत्पादों की बिक्री करने वालों से कहा है कि वे खादी के नाम पर उत्पादों को बेचना बंद करें अथवा भारी क्षतिपूर्ति के लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। सक्सेना ने कहा, ‘खादी कारीगरों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक तौर पर विभिन्न फर्मों को कानूनी नोटिस जारी किए गए हैं। इस ट्रेडमार्क के उल्लंघन का सीधा असर हमारे कारीगरों की आजीविका पर पड़ता है जो असली दस्तकारी के साथ खादी उत्पाद बना रहे हैं।’
KVIC ने ‘खादी इंडिया’ ट्रेडमार्क अधिकारों की प्रभावी तौर पर निगरानी करने के लिए एक दमदार ऑनलाइन प्रवर्तन योजना तैयार की है। इसके लिए उसने एक कानूनी टीम तैनात की है, जिसके माध्यम से खादी के नाम पर बेचे जाने वाले अनधिकृत उत्पादों की मानव और तकनीकी उपकरणों की मदद से लगातार निगरानी की जा रही है।
KVIC खादी उत्पादों के विनिर्माण में लगे सभी पंजीकृत खादी संस्थानों को भी शिक्षित कर रहा है कि केवल KVIC के साथ उनके पंजीकरण से उन्हें यह अधिकार नहीं मिल जाता कि वे ‘खादी’ ट्रेडमार्क या ‘खादी इंडिया’ लोगों का उपयोग करने के लिए किसी अन्य को अधिकृत कर सकें। बल्कि इसके लिए कंपनी को KVIC से बकायदा लाइसेंस हासिल करने की आवश्यकता होगी।
पिछले महीने KVIC ने खादी के नाम से अनधिकृत तौर पर सौंदर्य प्रसाधनों एवं अन्य उत्पादों की बिक्री करने के लिए दो फर्मों- खादी इसेंशियल और खादी ग्लोबल- को कानूनी नोटिस जारी किया था। बयान में कहा गया है कि KVIC ने फैबइंडिया से 500 करोड़ रुपये का हर्जाना भी मांगा है जिसके लिए मामला फिलहाल मुंबई उच्च न्यायालय में लंबित है।
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी व मध्य प्रदेश के विशेष महानिदेशक (लोक अभियोजन) पुरुषोत्तम शर्मा का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वो अपनी पत्नी की निर्मम तरीके से पिटाई कर रहे हैं। वीडियो के वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है। वीडियो का राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी संज्ञान ले लिया है। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ट्वीट कर मामले में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और इस संबंध में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखने की बात कही है।
वायरल हो रहे इस वीडियो में एक शख्स एक महिला को बुरी तरह से पीट रहा है। वीडियो के बारे में कहा जा रहा है कि यह वर्ष 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी पुरुषोत्तम शर्मा का है। कहा जा रहा है कि उनकी पत्नी ने उन्हें किसी अन्य महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ लिया था, जिसके बाद पति-पत्नी के बीच वाद-विवाद हुआ और शर्मा ने पत्नी की जम कर पिटाई कर दी।
बताया जा रहा है कि घटना के बाद यह वीडियो शर्मा के भारतीय राजस्व सेवा (IRS) पुत्र ने मध्य प्रदेश के उच्चाधिकारियों को स्वयं भेजा और अपने पिता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। पुरुषोत्तम शर्मा पहले भी विवादों में घिरे रहे हैं। मध्य प्रदेश के चर्चित हनी ट्रैप मामले में भी उनका नाम आया था।
उधर, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ट्वीट कर कहा कि पुरुषोत्तम शर्मा को सेवा से बाहर कर दिया जाना चाहिए और उन्हें सलाखों के पीछे जाना चाहिए। इस बारे में वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिख रही हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से विस्तार हुआ है। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में धार्मिक एवं अन्य पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। कोविड के कारण पर्यटन गतिविधियों में जरूर कमी आई है। मगर स्थिति सामान्य होने पर पर्यटन की स्थिति में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रत्येक जनपद में थीम आधारित पर्यटन स्थल विकसित किये जा रहे हैं। पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें उत्तराखंड में रोजगार की बहुत संभावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रविवार को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड विभिन्न जैव विविधताओं वाला राज्य है। बर्फ से ढकी पर्वत श्रृंखलाएं, बुग्याल, विभिन्न प्रकार के जीव-जन्तु एवं अच्छा मानव संसाधन देवभूमि उत्तराखण्ड की ओर पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है। उन्होंने बताया कि उत्तरकाशी जनपद में स्नो लेपर्ड पार्क बनाया जा रहा है। प्रदेश में पर्यटन पर आधारित गतिविधियां पूरे साल हो, इसके लिए सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। क्याकिंग, राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग जैसी गतिविधियों के लिए उत्तराखण्ड में अनुकूल वातावरण है।

उन्होंने कहा कि राज्य में होम स्टे को बढ़ावा दिया जा रहा है। अभी 2200 से अधिक होम स्टे रजिस्टर्ड हो चुके हैं। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, पौड़ी में काफी अच्छे होम स्टे बनाये गये हैं। होम स्टे के प्रति लोगों का रूझान भी बढ़ा है। होम स्टे पर्यटकों को आकर्षित तो करता ही है। साथ ही यहां के लोगों के लिए रोजगार के भी अच्छे अवसर उपलब्ध करा रहा है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र का उत्तराखण्ड की जीडीपी में अहम योगदान रहा है। हम पर्यावरण हित पर्यटन की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। पर्यटन एवं तीर्थाटन के माध्यम से स्थानीय लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। हमारा प्रयास आपदा को अवसर में बदलने का है। विश्व पर्यटन की इस वर्ष की थीम ‘पर्यटन और ग्रामीण विकास है’। ग्रामीण विकास के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। आने वाले दिनों में हमारे समग्र प्रयास से फिर उत्तराखण्ड की तस्वीर बदलेगी, पर्यटन गतिविधियों से लोगों की आजीविका में सुधार होगा।
वेबिनार में फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, मनीषा पाण्डे, डॉ. शिवम मणि, मनदीप सिंह, धनुष सिंह आदि पर्यटन गतिविधियों से जुड़े जानकारों ने अपने सुझाव दिये।
हल्द्वानी में विगत दिवस हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से साईकिल सवार औषधीय संयोजक (कंपाउंडर) की झुलसने से हुई मौत के मामले में ऊर्जा विभाग की लापरवाही को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने काफी गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने घटना पर गहरा दुख जताया और ऊर्जा सचिव राधिका झा को पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही जिम्मेदार लापरवाह अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा है।
ऊर्जा सचिव राधिका झा ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सीनियर स्तर के अधिकारी मुख्य अभियंता एमएल प्रसाद को जांच अधिकारी नामित कर उनसे रिपोर्ट मांगी है। प्रसाद मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गए हैं। अधिशासी अभियंता (ग्रामीण) अमित आनंद की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी की प्रथमदृटया रिपोर्ट में एसएसओ की लापरवाही प्रतीत हुई है। फाइनल रिपोर्ट मिलने पर इस घटना के लिए जिम्मेदार लापरवाह अफसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए निचले स्तर के तकनीकि अधिकारियों को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। घटना में मृतक आश्रित को तत्काल चार लाख मुआवजा दिया जा रहा है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से भी सहायता की कोशिश की जाएगी।
गौरतलब है कि हल्द्वानी निवासी कमल रावत (29) पुत्र एमएस रावत मंगल पड़ाव स्थित एक क्लीनिक में कंपाउंडर था। गत शुक्रवार को कमल साइकिल से ड्यूटी पर जा रहा था। सुबह करीब नौ बजे कमल जैसे ही वॉक मॉल के पास पहुंचा, तभी वहां हाइटेंशन लाइन का तार टूटने से उसकी चपेट में आ गया और करंट से झुलसकर कमल की मौके पर ही मौत हो गई।
A delegation of Ladakhi veteran leaders, Venerable former MP, Rajya Sabha Thiksay Rinpoche , former MP, Loksabha Thupstan Chhewang and former Minister, J & K Chhering Dorje Lakrook, on behalf of the people of Leh, Ladakh, met with the Union Home Minister, Amit Shah on Saturday. Union Minister of State for Home G Kishan Reddy, Union Sports Minister Kiren Rijiju and Union Home Secretary Ajay Bhalla were also present during the meeting.
The delegation was assured that all issues related to language, demography, ethnicity, land and jobs will be considered positively/ taken care of. A dialogue between a larger Ladakhi delegation comprising of representatives from Leh and Kargil Districts under the aegis of “Peoples Movement for Constitutional safeguard under VIth Schedule” and Union Home Ministry would commence after 15 days of the culmination of LAHDC, Leh elections. Any decision so reached in this connection would be in consultation with the representatives from Leh and Kargil.

Union Home Minister assured the delegation that Government of India is committed to empower the LAHDC of Leh and Kargil and would safeguard interests of the people of the UT of Ladakh. It would explore all avenues towards this objective.
The Government of India is open to discuss protection available under the 6th Schedule of Constitution of India while looking into issues related to Ladakhi people.
The delegation has agreed to withdraw it’s call for the boycott of the ensuing LAHDC, Leh elections and promised it’s wholesome support to the smooth conduct of these elections.
पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा की वरिष्ठ नेत्री साध्वी उमा भारती कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं। यह जानकारी उन्होंने स्वयं ट्वीट करके दी है।
साध्वी उमा भारती विगत 21 सितम्बर को श्री केदारनाथ धाम के दर्शनों को पहुंची थीं। इसके पश्चात वे श्री बदरीनाथ की यात्रा पर गयी थीं। पहाड़ की यात्रा से लौटने के बाद उन्होंने कोरोना टेस्ट कराया। उन्होंने ट्वीटर पर बताया कि अपनी पहाड़ की यात्रा के समाप्ति के अन्तिम दिन प्रशासन से आग्रह करके कोरोना टेस्ट के लिए टीम को बुलवाया, क्योंकि उन्हें 3 दिन से हल्का बुख़ार था। उन्होंने कहा कि हिमालय की अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने कोविड-19 को लेकर सभी निर्देशों एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। फिर भी वह कोरोना पॉजिटिव निकली हैं।
साध्वी उमा भारती ने जानकारी दी है कि वे अभी हरिद्वार के निकट दिव्य प्रेम सेवा मिशन द्वारा संचालित ‘वन्देमातरम कुञ्ज’ में क्वॉरंटीन हैं। 4 दिन बाद वह फिर से टेस्ट कराएंगी और डॉक्टरों के परामर्श के अनुसार निर्णय लेंगी। उन्होंने इस दौरान उनके संपर्क में आए सभी लोगों से अपील की है कि वे भी अपना टेस्ट कराएं और पूरी सावधानी बरतें।
In a big push towards electric mobility the Government has sanctioned 670 Electric buses in the states of Maharashtra, Goa, Gujarat and Chandigarh and 241 Charging Stations in Madhya Pradesh, Tamil Nadu, Kerala, Gujarat and Port Blair under Phase-II of FAME India Scheme.
Announcing this in a series of tweet messages,Union Heavy Industries minister, Prakash Javadekar said that the decision reflects government’s committment to reduce dependence on fossil fuel and to address issues of vehicular emissions. Javadekar said that the decision is in line with Prime Minister Narendra Modi’s vision for eco-friendly public transportation.
The Department of Heavy Industries (DHI) under Ministry of Heavy Industries and Public Enterprises, is administering the Faster Adoption and Manufacturing of (Hybrid &) Electric Vehicles in India (FAME India) Scheme since April, 2015 to promote adoption of electric/ hybrid vehicles (xEVs) in India .

In the First Phase of the Scheme upto 31st March 2019, about 2,80,987 hybrid and electric vehicles were supported by way of demand incentive, amounting to about Rs 359 crore. Further, DHI sanctioned 425 electric and hybrid buses to various cities in the country with total cost of about Rs. 280 Crores. The Department of Heavy Industry had also sanctioned 520 Charging Stations for Rs. 43 Crore (approx.) in cities like Bangalore, Chandigarh, Jaipur and NCR of Delhi under Phase-I of FAME-India Scheme.
At present, Phase-II of FAME India Scheme is being implemented for a period of 3 years w.e.f. 01st April, 2019 with a total budgetary support of Rs. 10,000 crore.
This phase focuses on supporting electrification of public & shared transportation and aims to support, through subsidies, approximately 7000 e-Buses, 5 lakh e-3 Wheelers, 55000 e-4 Wheeler Passenger Cars and 10 lakh e-2 Wheelers. In addition, creation of charging infrastructure is also supported to address the anxiety among users of electric vehicles.
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की सबसे बड़ी हितैषी है। मोदी सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि विधेयकों से किसानों की स्थिति में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे। विधेयकों में ऐसी व्यवस्थाएं की गई हैं, जिससे किसान अपनी उपज को स्वयं अच्छी कीमतों पर मंडी में या मंडी के बाहर कहीं भी बेच सकेगा। इसमें बिचैलियों की भूमिका खत्म कर दी गई हैं। यानि जो मुनाफा किसान से बिचैलिये उठाते थे, वो पैसा अब सीधा किसान की जेब में जाएगा। इन कृषि विधेयकों से एक राष्ट्र एक बाजार की संकल्पना को मजबूती मिल रही है। किसान अब सीधे बाजार से जुड़ सकेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र आज सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग किसानों को बरगलाने और उकसाने का काम कर रहे हैं। झूठ बोला जा रहा है। परंतु किसानों को स्वयं इन कृषि सुधारों को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच हमेशा से किसानों के हित में रही है। इसी सोच के साथ ये सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने वहां किसानों के लिए 7 घंटे नियमित और निश्चित बिजली की व्यवस्था की। उन्होंने कृषि महोत्सवों की शुरूआत की।
त्रिवेंद्र ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद भी किसान हमेशा उनकी प्राथमिकताओं में रहे। उनकी सरकार में गांव, गरीब और किसानों का सबसे पहले ख्याल रखा गया है। वर्ष 2009 में यूपीए की सरकार में कृषि मंत्रालय का बजट केवल 12 हजार करोड़ रूपए था, जो आज कई गुना बढ़ाकर 1 लाख 34 हजार करोड़ किया गया है। उन्होंने कहा कि पीएम किसान योजना से अब तक 92 हजार करोड़ रूपए सीधे डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में पहुंच चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि अवसंरचना के लिए 1 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की है। इसमें मत्स्य पालन के लिए 20 हजार करोड़, पशुपालन के लिए 15 हजार करोड़, हर्बल खेती के लिए 4 हजार करोड़, फूड प्रोसेसिंग के लिए 1 हजार करोड़ रूपए का पैकेज स्वीकृत किया है। यूपीए के समय किसानों को 8 लाख करोड़ का कर्ज मिलता था, आज 15 लाख करोड़ का ऋण सालाना दिया जा रहा है। यूपीए के समय स्वामीनाथन आयेाग ने कृषि कल्याण के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे, लेकिन उस समय इन्हें लागू नहीं किया गया। आज मोदी सरकार ने न सिर्फ स्वामीनाथन रिपोर्ट के सुझावों को लागू किया बल्कि उसमें और अधिक प्रावधान जोड़कर किसानों का हित तलाशा है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में विभिन्न फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य काफी बढ़ाया गया है। मोदी सरकार ने किसानों को दो तरफा फायदा दिया है। अगर किसान मंडी में उपज बेचता है तो उसे ऊंची एमएसपी पर कीमत मिलेगी और मंडी से बाहर बाजार में बेचता है तो उसे ऊंची कीमत के साथ तकनीक का भी लाभ मिलेगा। इन विधेयकों से बिचैलियों की भूमिका खत्म होगी और किसान अपनी फसल को कहीं भी बेचने के लिए स्वतंत्र होगा।