अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों पर मंथन, सुशासन और लोकतंत्र पर चर्चा
श्रीनगर (गढ़वाल)। पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में श्रीनगर में आयोजित अटल स्मृति सम्मेलन में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने प्रतिभाग किया। सम्मेलन में अटल बिहारी वाजपेयी के राष्ट्रवादी विचारों, सुशासन की अवधारणा और लोकतांत्रिक मूल्यों पर विस्तार से मंथन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने अटल जी के प्रेरणादायी व्यक्तित्व, दूरदर्शी नेतृत्व और राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण को याद करते हुए कहा कि उनका जीवन आज भी देश के युवाओं और समाज के लिए मार्गदर्शक है। सम्मेलन में अटल जी के आदर्शों को अपनाने और उन्हें व्यवहार में उतारने का आह्वान किया गया।

इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष कमल किशोर रावत, खिर्सू प्रमुख अनिल भंडारी, जिला महामंत्री गणेश भट्ट सहित वरिष्ठ कार्यकर्ता और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। सम्मेलन युवाओं के लिए प्रेरणा का केंद्र बना और अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का संदेश दिया गया।
वीर बाल दिवस देश के बच्चों और युवाओं को भारत के गौरवशाली इतिहास से जोड़ने का सशक्त माध्यम है- जोशी
देहरादून। धर्म और आस्था की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी के बलिदान को समर्पित “वीर बाल दिवस” के अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने पटेलनगर, देहरादून पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने साहिबजादों के जीवन, संघर्ष और अद्वितीय बलिदान पर आधारित प्रदर्शनी का विधिवत उद्घाटन किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गणेश जोशी ने कहा कि वीर बाल दिवस देश के बच्चों और युवाओं को भारत के गौरवशाली इतिहास से जोड़ने का सशक्त माध्यम है। ऐसे आयोजन नई पीढ़ी में देशभक्ति, नैतिक मूल्यों और राष्ट्र के प्रति कर्तव्यबोध की भावना को मजबूत करते हैं।
उन्होंने कहा कि मातृभूमि और धर्म की रक्षा के लिए साहिबजादों द्वारा दिया गया बलिदान अतुलनीय है, जिसे देश सदैव श्रद्धा और सम्मान के साथ स्मरण करता रहेगा। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग, बच्चे और युवा उपस्थित रहे, जिन्होंने साहिबजादों के शौर्य और बलिदान को नमन किया।
ट्रैफिक जाम से राहत के लिए जिलाधिकारी का बड़ा फैसला
देहरादून। शहर में लगातार लग रहे यातायात जाम और आमजन को हो रही परेशानी को देखते हुए जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। जिलाधिकारी सविन बसंल के निर्देश पर लैंसडाउन चौक के समीप रेंजर्स ग्राउंड में लगने वाले रविवार साप्ताहिक बाजार को स्थानांतरित कर दिया गया है। अब यह संडे बाजार आईएसबीटी देहरादून के पास उत्तराखंड मेट्रो रेल शहरी अवस्थापना एवं भवन निर्माण निगम लिमिटेड की खाली भूमि पर आयोजित किया जाएगा।
प्रशासन के अनुसार, रेंजर्स ग्राउंड में हर रविवार बाजार लगने से लैंसडाउन चौक, दर्शनलाल चौक, बुद्धा चौक, दून अस्पताल चौक और आसपास के इलाकों में भारी भीड़ और अव्यवस्थित पार्किंग के कारण गंभीर जाम की स्थिति बन जाती थी। इसका सीधा असर दून अस्पताल और मेडिकल कॉलेज आने-जाने वाले मरीजों, उनके परिजनों और एंबुलेंस सेवाओं पर पड़ रहा था।
जिला प्रशासन ने बताया कि रेंजर्स ग्राउंड के आसपास अस्पताल, प्रमुख कार्यालय और मुख्य मार्ग स्थित हैं। ऐसे में रविवार बाजार के कारण उत्पन्न यातायात अवरोध बुजुर्गों, बच्चों और आपातकालीन सेवाओं के लिए खतरा बन रहा था। इसे ध्यान में रखते हुए रविवार वीकली बाजार कल्याण समिति के अनुरोध और बैठक में हुई चर्चा के बाद बाजार को अन्य उपयुक्त स्थान पर स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया।
जिलाधिकारी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163(1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार, संडे बाजार अब आईएसबीटी के समीप उस भूमि पर संचालित होगा, जो उत्तराखंड शासन के 2 मार्च 2023 के शासनादेश के तहत मेट्रो परियोजना के लिए लीज पर दी गई थी और वर्तमान में खाली है। यह व्यवस्था तब तक लागू रहेगी, जब तक उक्त भूमि पर मेट्रो परियोजना का वास्तविक कार्य शुरू नहीं हो जाता।
प्रशासन का कहना है कि इस फैसले से शहर की यातायात व्यवस्था सुचारु होगी और आमजन को जाम से राहत मिलेगी।
सर्दियों के मौसम में प्यास कम लगना आम बात है, लेकिन यही आदत सेहत के लिए खतरे की घंटी बन सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ठंड के दिनों में लोग अक्सर पानी पीना नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि इस मौसम में भी शरीर लगातार नमी खोता रहता है। सूखी हवा, सांस लेने की प्रक्रिया और हल्का पसीना शरीर से पानी बाहर निकालते रहते हैं। ऐसे में पर्याप्त पानी न पीने से शरीर डिहाइड्रेशन की चपेट में आ सकता है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि सर्दियों में पानी की कमी से खून गाढ़ा होने लगता है, जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इसका असर ब्लड प्रेशर, इम्युनिटी और मेटाबॉलिज्म पर भी पड़ता है। कई लोग चाय या कॉफी को पानी का विकल्प मान लेते हैं, जबकि कैफीन युक्त पेय शरीर में पानी की कमी को और बढ़ा देते हैं।
सर्दियों में डिहाइड्रेशन क्यों है खतरनाक
डिहाइड्रेशन को सर्दियों में ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है, क्योंकि इसके लक्षण प्यास के रूप में नहीं बल्कि थकान, सिरदर्द, सुस्ती और चक्कर के रूप में सामने आते हैं। समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है।
किडनी और यूरिन से जुड़ी समस्याएं
कम पानी पीने का सबसे सीधा असर किडनी पर पड़ता है। मूत्र गाढ़ा होने से किडनी स्टोन बनने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जिससे यूरिन इन्फेक्शन की संभावना भी बढ़ जाती है। डॉक्टरों के मुताबिक सर्दियों में भी रोजाना 8 से 10 गिलास पानी पीना जरूरी है।
त्वचा और पाचन पर दिखता है असर
पानी की कमी से त्वचा रूखी और बेजान होने लगती है। होंठ फटना, खुजली और ड्राइनेस आम समस्याएं बन जाती हैं। वहीं पाचन तंत्र पर भी इसका असर पड़ता है। पर्याप्त पानी न मिलने से कब्ज, गैस और एसिडिटी की शिकायत बढ़ जाती है। विशेषज्ञ सर्दियों में गुनगुना पानी पीने की सलाह देते हैं, जिससे पाचन बेहतर रहता है।
हार्ट अटैक और स्ट्रोक का बढ़ता खतरा
डिहाइड्रेशन के कारण खून का गाढ़ा होना हृदय और मस्तिष्क के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इससे ब्लड क्लॉट बनने का जोखिम बढ़ता है, जो हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकता है। बुजुर्गों और हृदय रोगियों को सर्दियों में पानी की मात्रा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है।
सर्दियों में खुद को कैसे रखें हाइड्रेटेड
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सर्दियों में केवल प्यास लगने का इंतजार न करें। गुनगुना पानी, सूप, हर्बल टी और मौसमी फलों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। हर घंटे थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी पीना आदत बनाएं। स्वाद के लिए पानी में नींबू या पुदीना मिलाया जा सकता है।
नोट: यह जानकारी विभिन्न स्वास्थ्य विशेषज्ञों और मेडिकल रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी समस्या की स्थिति में डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
(साभार)
नैनीताल में वीर बाल दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री धामी
नैनीताल। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल जिला मुख्यालय के मल्लीताल स्थित गुरुद्वारे में पहुंचकर माथा टेका तथा वीर बाल दिवस के अवसर पर दशमेश पिता गुरु गोविंद सिंह जी तथा उनके चारों साहिबजादों — बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह — की शहादत को श्रद्धापूर्वक नमन किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी के चारों साहिबजादों का बलिदान केवल भारत के इतिहास में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व इतिहास में साहस, धर्मनिष्ठा और त्याग का एक अनुपम एवं अनोखा अध्याय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा साहिबजादों की शहादत को सम्मान देने हेतु ‘वीर बाल दिवस’ मनाने की घोषणा उनके बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि है। यह निर्णय आने वाली पीढ़ियों तक साहिबजादों की वीरता, शौर्य और पराक्रम की गाथाओं को जीवंत बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी के वीर साहिबजादों ने अल्पायु में ही धर्म, सत्य और न्याय की रक्षा के लिए अद्भुत साहस का परिचय देते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। उनका यह बलिदान नई पीढ़ी को साहस, शौर्य और राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा देता है तथा हमें अपने कर्तव्यों के प्रति सजग और समर्पित बने रहने की शक्ति प्रदान करता है।
इस अवसर पर विधायक नैनीताल श्रीमती सरिता आर्या, उत्तराखंड सरकार में दायित्वधारी डॉ. अनिल कपूर डब्बू, नवीन वर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, गुरु सिंह सभा के प्रधान सरदार जोगिंदर सिंह आनंद, सचिव अमरप्रीत सिंह नोनू, संदीप सिंह, गुरप्रीत सिंह, जीत सिंह आनंद, जगजीत सिंह, गगनदीप सिंह, जसमीत सिंह, सतनाम सिंह, हरनमन सिंह, अजीत सिंह के अलावा जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. मंजूनाथ टी.सी. व अन्य प्रशासनिक अधिकारी आदि उपस्थित रहे।
भारत और श्रीलंका के बीच टी20 सीरीज का तीसरा मुकाबला आज
शुरुआती दो मैच जीतकर आत्मविश्वास से भरी टीम इंडिया
तिरुवनंतपुरम। शानदार लय में चल रही भारतीय महिला क्रिकेट टीम आज यानि शुक्रवार को श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टी20 मुकाबले में उतरने जा रही है। पांच मैचों की सीरीज में 2-0 की बढ़त ले चुकी टीम इंडिया का लक्ष्य इस मुकाबले को जीतकर सीरीज में अजेय बढ़त हासिल करना है। शुरुआती दोनों मैचों में भारत ने हर विभाग में बेहतर प्रदर्शन करते हुए श्रीलंका को आठ और सात विकेट से मात दी है।
भारतीय टीम का आत्मविश्वास चरम पर
हालिया प्रदर्शन पर नजर डालें तो भारतीय टीम जबरदस्त फॉर्म में है। यह उसकी पिछले 11 टी20 मुकाबलों में नौवीं जीत रही है, जो टीम के संतुलन और आत्मविश्वास को दर्शाती है। बल्लेबाजी में जहां निरंतरता दिखी है, वहीं गेंदबाजों ने भी विपक्षी टीम पर लगातार दबाव बनाए रखा है।
बल्लेबाजी और गेंदबाजी भारत की सबसे बड़ी ताकत
भारतीय बल्लेबाजी क्रम गहराई और आक्रामकता दोनों का बेहतरीन संयोजन नजर आ रहा है। पहले टी20 में जेमिमा रोड्रिग्स ने अहम योगदान दिया, जबकि दूसरे मुकाबले में शेफाली वर्मा की तेजतर्रार पारी ने जीत आसान बना दी।
गेंदबाजी में स्पिन आक्रमण ने श्रीलंका की कमर तोड़ दी। श्री चरणी, वैष्णवी शर्मा और क्रांति गौड़ की कसी हुई गेंदबाजी के चलते श्रीलंका पहले मैच में 121/6 और दूसरे में 128/9 तक ही पहुंच सकी। बुखार के कारण दीप्ति शर्मा के बाहर रहने पर स्नेह राणा ने मौके का पूरा फायदा उठाते हुए किफायती गेंदबाजी की।
फील्डिंग पर करना होगा और काम
हालांकि टीम इंडिया के लिए क्षेत्ररक्षण चिंता का विषय बना हुआ है। पहले मैच में कई आसान कैच छोड़े गए थे, हालांकि दूसरे मुकाबले में तीन शानदार रन आउट के जरिए टीम ने सुधार के संकेत जरूर दिए। कप्तान हरमनप्रीत कौर की अगुवाई में टीम इन कमियों को दूर करना चाहेगी।
संघर्ष में दिखी श्रीलंकाई टीम
दूसरी ओर, श्रीलंका की बल्लेबाजी अब तक लय में नजर नहीं आई है। पहले मैच में विष्मी गुणरत्ने को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज टिककर नहीं खेल सका। दूसरे टी20 में कप्तान चामरी अटापट्टू के आउट होते ही टीम लड़खड़ा गई और महज 26 रन के भीतर छह विकेट गंवा बैठी। स्थान परिवर्तन से श्रीलंका को वापसी की उम्मीद जरूर होगी, लेकिन आंकड़े भारत के पक्ष में नजर आ रहे हैं।
तीसरे टी20 का पूरा शेड्यूल
भारत और श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 मुकाबला तिरुवनंतपुरम के ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला जाएगा। मैच की शुरुआत शाम 7 बजे होगी, जबकि 6:30 बजे टॉस होगा।
लाइव प्रसारण की जानकारी
इस मुकाबले का सीधा प्रसारण स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क पर किया जाएगा। दर्शक इसे हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में देख सकेंगे। इसके अलावा जियोहॉटस्टार पर भी मैच की लाइव स्ट्रीमिंग उपलब्ध रहेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने नैनीताल में शीतकालीन यात्रा व नववर्ष तैयारियों की समीक्षा की
नैनीताल। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दो दिवसीय दौरे पर नैनीताल पहुंचे। दौरे के पहले दिन सुबह भ्रमण के दौरान उन्होंने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ शीतकालीन यात्रा एवं नववर्ष के मद्देनज़र पर्यटकों की सुविधा को लेकर की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहर में पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए प्रभावी ट्रैफिक मैनेजमेंट लागू किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यटकों की संख्या बढ़ने की स्थिति में वैकल्पिक रूट प्लान पहले से तैयार रखा जाए, ताकि जाम की समस्या से बचा जा सके।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने स्थानीय नागरिकों से मुलाकात कर सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर फीडबैक लिया। इसके साथ ही उन्होंने नैनीताल पहुंचे पर्यटकों से भी संवाद किया और प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि देवभूमि उत्तराखंड आने वाला प्रत्येक पर्यटक यहां से सुखद और यादगार अनुभव लेकर लौटे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सुरक्षा, सुविधा और व्यवस्थाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो।
क्रिसमस के मौके पर सिनेमाघरों में रोमांस का तड़का लगाने आई कार्तिक आर्यन और अनन्या पांडे की फिल्म ‘तू मेरी मैं तेरा, मैं तेरा तू मेरी’ दर्शकों को खासा प्रभावित करती नजर नहीं आ रही है। छुट्टी और फेस्टिव माहौल के बावजूद फिल्म को पहले दिन उम्मीद के मुताबिक रिस्पॉन्स नहीं मिला। खासतौर पर रणवीर सिंह की स्पाई-एक्शन फिल्म ‘धुरंधर’ की मजबूत मौजूदगी के चलते यह रोमांटिक ड्रामा बॉक्स ऑफिस पर दबाव में दिखी।
पहले दिन की कमाई रही सीमित
समीर विद्वांस के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने ओपनिंग डे पर कमजोर शुरुआत की है। आंकड़ों के अनुसार, फिल्म ने पहले दिन करीब 7.50 करोड़ रुपये का कारोबार किया है। फेस्टिव रिलीज के लिहाज से यह आंकड़ा औसत से भी नीचे माना जा रहा है।
बजट के मुकाबले पिछड़ी फिल्म
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिल्म का कुल बजट लगभग 150 करोड़ रुपये बताया जा रहा है। बॉक्स ऑफिस मानकों के अनुसार, किसी फिल्म को संतोषजनक शुरुआत के लिए पहले दिन कम से कम 10 से 20 प्रतिशत तक की कमाई करनी होती है। लेकिन ‘तू मेरी मैं तेरा…’ फिलहाल अपनी लागत का दस प्रतिशत भी नहीं जुटा सकी है, जिससे इसकी ओपनिंग को कमजोर माना जा रहा है।
‘धुरंधर’ के आगे नहीं टिक पाई रफ्तार
रणवीर सिंह की फिल्म ‘धुरंधर’ के सामने यह रोमांटिक फिल्म टिकती नजर नहीं आई। 21वें दिन भी ‘धुरंधर’ ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 22.38 करोड़ रुपये का कारोबार किया है। यह फिल्म पहले ही 600 करोड़ क्लब में शामिल हो चुकी है और घरेलू बॉक्स ऑफिस पर इसका कुल नेट कलेक्शन 629.88 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। ऐसे में कार्तिक और अनन्या की फिल्म तुलना में काफी पीछे रह गई है।
कहानी और स्टारकास्ट
‘तू मेरी मैं तेरा, मैं तेरा तू मेरी’ को करण जौहर, अदार पूनावाला, अपूर्व मेहता, शरीन मंत्री केडिया, किशोर अरोड़ा और भूमि तेवारी ने प्रोड्यूस किया है। फिल्म में जैकी श्रॉफ और नीना गुप्ता भी अहम भूमिकाओं में नजर आते हैं।
कहानी रे (कार्तिक आर्यन) और रूमी (अनन्या पांडे) के इर्द-गिर्द घूमती है, जिनकी मुलाकात क्रोएशिया में होती है। दोस्ती प्यार में बदलती है, लेकिन शादी की बात आते ही रिश्ते में कई उतार-चढ़ाव और टकराव सामने आते हैं। क्रिटिक्स से फिल्म को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है।
आगे क्या बदलेगी तस्वीर?
ओपनिंग डे के आंकड़े फिल्म के लिए ज्यादा उत्साहजनक नहीं हैं। अब नजरें आने वाले वीकेंड और वर्ड ऑफ माउथ पर टिकी हैं, जो तय करेगा कि यह फिल्म आगे चलकर दर्शकों को अपनी ओर खींच पाती है या नहीं।
(साभार)
पूरे देशभर में प्रधानमंत्री खेलों को कर रहे प्रोत्साहित, खिलाड़ीयो को मिल रहा नया प्लेटर्फाम- डा.नरेश बंसल
देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून स्थित ओल्ड मल्टीपरपेज हाॅल,परेड ग्राउंड में डा. नरेश बंसल के द्वारा आयोजित सांसद खेल महोत्सव 2025 का भव्य समापन समारोह आयोजित किया गया। यह आयोजन भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती और सुशासन दिवस के अवसर पर हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से समारोह में शिरकत की और खिलाड़ियों से संवाद किया व चर्चा वार्ता की।
इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी खिलाड़ियों को संबोधित किया व विभिन्न प्रतियोगीताओ के विजेता खिलाड़ीयो को पुरस्कार वितरित किए।
डा. नरेश बंसल ने कहा कि सांसद खेल महोत्सव के आयोजन में खेल और युवा कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग सबने मिलकर समन्वय बनाकर काम किया है। तीन चरणों में खेल पूर्ण हुए हैं, पहले न्याय पंचायत स्तर पर हुए, 48 न्यायपंचायतों की 170 टीमों ने भाग लिया उसमें और आठ खेल हमने इसमें चयनित किए थे। इसमें हजारों नए युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रधानमंत्री ने इसमें प्रेरणादाई भाषण इसमें दिया है। इसी प्रकार जैसे पूरे देशभर में हमारे प्रधानमंत्री खेलों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। हमारे उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री के आशीर्वाद और नेतृत्व से यह सब कार्य सम्पन्न हो रहे हैं। डा. नरेश बंसल ने सीएम धामी के साथ विजेताओ को पुरस्कार दिए।
कार्यक्रम के दौरान खिलाड़ियों ने अपने अनुभव साझा किए और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की।
इस अवसर पर आयोजन में सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह ,राज्यमंत्री विनोद उनियाल,विषेश सचिव अमित सिन्हा ,आदि जनप्रतिनिधि,अधिकारीगण,खेल संघों के पदाधिकारी,खिलाड़ी और बड़ी संख्या में खेल प्रेमी मौजूद रहे।
सोशल मीडिया पर अभद्र, आपत्तिजनक और मर्यादाहीन भाषा का प्रयोग चिंताजनक, महिला अस्मिता और नई पीढी पर गलत असर की संभावना- कुसुम कण्डवाल
देहरादून। सोशल मीडिया पर बढ़ रही अभद्रता, आपत्तिजनक और अमर्यादित भाषा को लेकर महिला आयोग की अध्यक्ष ने चिन्ता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि आज भारत की बेटियाँ राजनीति, न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका सहित समाज के प्रत्येक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रही हैं। यह केवल महिला सशक्तिकरण का प्रमाण नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की मजबूती का भी परिचायक है। महिलाओं की बढ़ती भागीदारी से नीति–निर्माण अधिक संवेदनशील, समावेशी और समाजोन्मुख बन रहा है।
महिला आयोग का स्पष्ट मत है कि सभ्रांत, शिक्षित और संस्कारवान परिवारों के युवक–युवतियों को राजनीति एवं सार्वजनिक जीवन में आगे आना चाहिए। राजनीति केवल सत्ता का माध्यम नहीं, बल्कि समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण का दायित्व है। जब योग्य और नैतिक युवा राजनीति में प्रवेश करते हैं, तभी लोकतांत्रिक संस्थाएँ सुदृढ़ होती हैं।
उन्होंने कहा कि आयोग के लिए यह गहरी चिंता का विषय है कि वर्तमान समय में सोशल मीडिया जैसे मंचों पर महिला हो या पुरुष—कुछ तत्व अभद्र, आपत्तिजनक और मर्यादाहीन भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। विशेष रूप से महिलाओं के संदर्भ में की जाने वाली अशोभनीय टिप्पणियाँ न केवल उनकी गरिमा व अस्मिता को ठेस पहुँचाती हैं, बल्कि राजनीति और सार्वजनिक जीवन में उनकी सहभागिता को भी हतोत्साहित करती हैं।
महिला आयोग यह मानता है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र का मूल आधार है, किंतु यह स्वतंत्रता किसी की प्रतिष्ठा, गरिमा और अधिकारों के उल्लंघन का माध्यम नहीं बन सकती। तथ्यहीन आरोप, व्यक्तिगत चरित्र हनन और उत्तेजक भाषा समाज में असहिष्णुता और अविश्वास को जन्म देती है, जिसका सीधा प्रभाव हमारी आने वाली पीढ़ियों पर पड़ता है।
विशेष रूप से यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारी बेटी जो अब हमारे बीच नहीं है मृतक अंकिता भंडारी जैसी बेटी के नाम का उपयोग कर, सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर राजनीतिक बयानबाजी की जा रही है। उसके नाम का उपयोग कर के जबरन तुच्छ राजनीतिकरण किया जा रहा है। महिला आयोग यह स्पष्ट करना चाहता है कि न्यायालय इस प्रकरण में अपनी संवैधानिक भूमिका का निर्वहन कर रहा है। यदि किसी के पास कोई भी तथ्य या साक्ष्य हैं, तो उन्हें विधिसम्मत रूप से न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिए। पीड़िता के नाम पर की जा रही बयानबाजी उसकी स्मृति और गरिमा के भी विरुद्ध है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं और नेताओं का आपसी संवाद, मुलाकातें एवं औपचारिक शिष्टाचार सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा हैं। किसी विशेष परिस्थिति में इन प्रक्रियाओं को तोड़–मरोड़कर प्रस्तुत करना सभ्य व शालीन महिलाओं की गरिमा या न्यायालय की न्याय प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न लगाना पूर्णतः अनुचित है।
महिला आयोग की अध्यक्ष ने डीजीपी उत्तराखण्ड से फोन पर वार्ता के क्रम में यह कहा है कि सोशल मीडिया पर फैल रही आपत्तिजनक, अभद्र, भ्रामक और अश्लील सामग्री पर तत्काल संज्ञान लिया जाए तथा घटिया मानसिकता के साथ महिलाओं व पीड़िताओं के नाम का राजनीतिकरण करने वाले मामलों में संलिप्त लोगों की पहचान कर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने मामले में संज्ञान लेते हुए डीजीपी उत्तराखण्ड दीपम सेठ से फोन पर वार्ता के क्रम में यह कहा कि महिला आयोग की यह दृढ़ अपेक्षा है कि:
● सोशल मीडिया पर महिलाओं के विरुद्ध अपमानजनक, अश्लील या भ्रामक सामग्री पर तत्काल संज्ञान लिया जाए।
● ऐसी सामग्री के प्रसार में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर एवं प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
● राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन अपने कार्यकर्ताओं को मर्यादित भाषा और जिम्मेदार आचरण के लिए प्रेरित करें।
● राजनीति के लिए महिला अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए सोशल मीडिया या सार्वजनिक मंचो पर अमर्यादित व अशोभनीय टिप्पणी करना भी अन्य जरूरतमंद पीड़िताओं को भी संशय के घेरे में लाता है।
उन्होंने राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों से भी अपील की कि वे अपने कार्यकर्ताओं को मर्यादित भाषा, संयमित आचरण और जिम्मेदार व्यवहार के लिए प्रेरित करें। ताकि आनेवाली पीढ़ी पर इसका नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
उन्होंने कहा कि आयोग का मानना है कि संस्कारयुक्त, शालीन और तथ्यपरक राजनीति ही सशक्त भारत की आधारशिला है। जब महिलाएँ और युवा सम्मान, सुरक्षा और विश्वास के वातावरण में सार्वजनिक जीवन में आगे बढ़ेंगे, तभी हमारा लोकतंत्र वास्तव में समावेशी और मजबूत बन सकेगा।
