12 में से 6 सीटें महिलाओं के नाम, हरिद्वार को छोड़ बाकी जिलों में लागू होगा आदेश, 6 अगस्त तक आपत्तियाँ आमंत्रित
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2025 के तहत जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण व्यवस्था का प्रथम चक्र जारी कर दिया है। हरिद्वार को छोड़ प्रदेश के शेष 12 जिलों में यह व्यवस्था लागू होगी। आदेश में कहा गया है कि यह आरक्षण भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 D एवं उत्तराखंड पंचायतराज अधिनियम 2016 के तहत निर्धारित किया गया है।
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा
प्रथम चक्र में कुल 12 में से 6 जिलों में अध्यक्ष पद महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। इनमें Almora, Bageshwar (SC), Dehradun, Pauri Garhwal, Rudraprayag और Tehri Garhwal शामिल हैं।
अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग को भी मिला प्रतिनिधित्व
Pithoragarh जिला SC वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है, जबकि Udhamsingh Nagar में अध्यक्ष पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित रहेगा।
आरक्षण स्थिति का जिलेवार विवरण
जनपद आरक्षण स्थिति
अल्मोड़ा महिला
बागेश्वर महिला (अनुसूचित जाति)
चम्पावत अनारक्षित
चमोली अनारक्षित
देहरादून महिला
नैनीताल अनारक्षित
पौड़ी गढ़वाल महिला
पिथौरागढ़ अनुसूचित जाति
रुद्रप्रयाग महिला
टिहरी गढ़वाल महिला
ऊधमसिंह नगर पिछड़ा वर्ग
उत्तरकाशी अनारक्षित
आपत्तियाँ आमंत्रित
यदि कोई व्यक्ति इस प्रस्ताव के विरुद्ध आपत्ति दर्ज कराना चाहता है तो वह 2 अगस्त से 4 अगस्त तक लिखित रूप में सचिव, पंचायतीराज विभाग, देहरादून कार्यालय में प्रस्तुत कर सकता है। आपत्तियों का निस्तारण 5 अगस्त को किया जाएगा। अंतिम आरक्षण सूची 6 अगस्त को जारी की जाएगी।
हाईकोर्ट के आदेश का पालन
यह प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट द्वारा स्थानीय निकायों में आरक्षण निर्धारण हेतु ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया के निर्देशों के अनुपालन में की गई है। शासन द्वारा एक सदस्यीय समिति की अनुशंसा के अनुसार यह आरक्षण तय किया गया है। यह आरक्षण केवल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए है। ग्राम पंचायत व क्षेत्र पंचायत के आरक्षण की अलग प्रक्रिया जारी रहेगी।
समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारी विधायकगणों से नियमित संवाद करें- मुख्यमंत्री धामी
देहरादून। विधानसभा क्षेत्रों की विभिन्न जन समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारी विधायकगणों से निरंतर संवाद करें। विधायकगणों द्वारा दिए गए शीर्ष प्राथमिकताओं के कार्यों में तेजी लाई जाए। यदि किसी कार्य में कोई समस्या आ रही है, तो संबंधित क्षेत्र के विधायकगणों से सचिव एवं विभागाध्यक्ष वार्ता कर समस्या का समाधान करें। राज्य की सभी 70 विधानसभाओं के अंतर्गत की गई घोषणाओं और अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए शासन-प्रशासन और विधानसभा क्षेत्र के बीच सेतु की भूमिका में कार्य करने के लिए नोडल अधिकारी के रूप में अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी जल्द दी जाए। हर विधानसभा में अपनी सांस्कृतिक परंपराओं और विरासत को उजागर करते हुए कुछ नवाचार किए जाएं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभाओं की मुख्यमंत्री घोषणाओं और अन्य कार्यों की समीक्षा के दौरान ये निर्देश अधिकारियों को दिए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हरिद्वार में जल भराव की समस्या के स्थायी समाधान के लिए विस्तृत योजना बनाई जाए। इसका सर्वे कर जल्द पूरा कर प्रस्ताव बनाया जाए। ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में स्थायी पानी की व्यवस्था के लिए एक माह में डीपीआर तैयार की जाए। संजय झील को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की कार्यवाही में तेजी लाई जाए। कांवड़ यात्रा के दौरान लोगों को आवागमन और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए परेशानी न हो, इसके लिए वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था के लिए सुनियोजित प्लान पर कार्य किया जाए। शहरी क्षेत्रों में ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत बनाया जाए। पार्कों के निर्माण और सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून के बाद निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए। बरसात के बाद सड़कों को गड्ढा मुक्त कराने के लिए अभियान चलाया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि एम्स ऋषिकेश और किच्छा में बनने वाले एम्स के सेटेलाइट सेंटर के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। हर जिले में दो-दो गांव आदर्श गांव के रूप में विकसित किए जाएं।
बैठक के दौरान विधायकगणों द्वारा जलभराव की समस्या, पार्किंग और सौंदर्यीकरण के कार्यों, ड्रेनेज व सीवरेज की समस्या, नालों के निर्माण कार्य, यातायात प्रबंधन एवं अन्य समस्याएं रखी गईं। मुख्यमंत्री ने विधायकगणों द्वारा रखी गई समस्याओं के शीघ्र निस्तारण के निर्देश अधिकारियों को दिए।
बैठक में विधायक विनोद चमोली, प्रेमचंद अग्रवाल, मदन कौशिक, बृज भूषण गैरोला, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एल.एल. फैनई, डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिवगण, अपर सचिवगण, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं वर्चुअल माध्यम से संबंधित जिलाधिकारी उपस्थित थे।
कहा, आध्यात्मिक एवं दार्शनिक परम्पराओं के विश्लेषण व संरक्षण को बनेगा महत्वपूर्ण मंच
वेद, पुराण का अध्ययन कराने वाला बीएचयू के बाद देश का दूसरा विश्वविद्यालय बनेगा दून
देहरादून। युवाओं में भारतीय ज्ञान परम्परा की गहरी समझ विकसित करने के दृष्टिगत दून विश्वविद्यालय में शीघ्र ही ‘हिन्दू अध्ययन केन्द्र’ स्थापित किया जायेगा। इस केन्द्र में भारतीय दर्शन, इतिहास, साहित्य, समाजशास्त्र, कला, वास्तुकला सहित विभिन्न विषयों पर अध्ययन, शोध और प्रशिक्षण की बहुविषयक व्यवस्था विकसित की जायेगी। बीएचयू के बाद दून विश्वविद्यालय भारतीय दर्शन और वेद-पुराण अध्ययन का दूसरा प्रमुख केन्द्र बनेगा।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सचिवालय स्थित डीएमएमसी सभागार में दून विश्वविद्यालय की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने विश्वविद्यालय की कुलपति को एनईपी-2020 के अनुरूप ‘हिन्दू अध्ययन केन्द्र’ स्थापना को सभी आवश्यक औपचारिकताएं शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये। डॉ. रावत ने कहा कि हिन्दू अध्ययन केन्द्र भारतीय आध्यात्मिक एवं दार्शनिक परम्पराओं को संरक्षित करने, विश्लेषण करने व प्रसारित करने के लिये एक महत्वपूर्ण मंच बनेगा। डॉ. रावत ने कहा कि अध्ययन केन्द्र में हिन्दू परम्पराओं, ग्रंथों और दर्शन की समझ को प्रोत्साहित किया जायेगा और शिक्षण व अनुसंधान हेतु भारतीय अनुसंधान पद्धति को बढ़ावा दिया जायेगा। इसके अलावा भारतीय ज्ञान परम्परा में निहित बहुविषयक शिक्षा प्रदान कर शिक्षार्थियों में नैतिकता, विश्लेषणात्मक दृष्टि और सांस्कृतिक समझ भी विकसित की जायेगी। इसके लिये विश्वविद्यालय में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम संचालित किया जायेगा, जिसमें छात्र-छात्राओं को तत्त्व विमर्श, धर्म एवं कर्म विमर्श, वाद-परंपरा, रामायण, महाभारत व नेतृत्व एवं संगठनात्मक व्यवहार जैसे विषय पढ़ाये जायेंगे जबकि परास्नातक स्तर पर हिंदू दर्शन, समाज, साहित्य, धर्म और नेतृत्व क्षमता आदि विषयों का गहन अध्ययन कराया जायेगा।
डॉ. रावत ने कहा कि बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के बाद दून विश्वविद्यालय देश का दूसरा विश्वविद्यालय होगा, जहां वेद, पुराण और भारतीय दर्शन सहित भारतीय ज्ञान परम्पराओं से संबंधित विषयों का विधिवत अध्ययन कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह केन्द्र आधुनिकता एवं परम्पराओं के बीच सेतु का काम करते हुये नैतिक मूल्यों, विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण और सांस्कृतिक चेतना से युक्त जागरूक नागरिक और नेतृत्व तैयार करेगा।
बैठक में विभागीय मंत्री ने डॉ. नित्यानंद हिमालयी शोध एवं अध्ययन केन्द्र तथा एमएससी अर्बन डेवलपमेंट मैनेजमेंट की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने शोध केन्द्र को और अधिक छात्रोपयोगी बनाने और विश्वविद्यालय को सेंटर फॉर एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने हेतु ठोस प्रयास करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों एवं विश्वविद्यालय प्रशासन को दिये।
बैठक में सचिव उच्च शिक्षा डॉ. रणजीत सिन्हा, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, संयुक्त सचिव विक्रम सिंह यादव, उप सचिव ब्योमकेश दुबे, उप कुलसचिव दुर्गेश डिमरी, वित्त नियंत्रक (दून विवि) स्मृति खंडूडी, अनुभाग अधिकारी उच्च शिक्षा भवानी राम आर्य, उप निदेशक उच्च शिक्षा दीपक पाण्डेय, शैलेन्द्र कुमार, मनोज बिष्ट सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
आदर्श ग्राम सारकोट का अध्ययन करने आएंगे सभी मुख्य विकास अधिकारी
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जिले में गैरसैंण के निकट सारकोट ग्राम पंचायत की नवनिर्वाचित प्रधान 21 वर्षीय प्रियंका नेगी को बधाई दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार सारकोट को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित कर रही है, अन्य जिलों में भी इसी तरह आदर्श ग्राम बनाए जाएंगे। जल्द ही सभी मुख्य विकास अधिकारी सारकोट का अध्ययन करने के लिए आएंगे।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को फोन पर प्रियंका नेगी को बधाई देते हुए कहा कि, जिस तरह सारकोट के ग्रामीणों ने एक पढ़ी लिखी युवा लड़की को अपना प्रधान चुना है, उसके लिए सभी ग्रामीण बधाई के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रियंका से कहा कि अब हमें सारकोट को और विकसित करना है, गांव में कृषि, पशुपालन के साथ ही महिला स्वरोजगार से जुड़े सभी कार्य तेजी से आगे बढ़ाए जाएंगे। सरकार सारकोट को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित कर रही है। इसी की तर्ज पर अन्य जिलों में भी आदर्श ग्राम विकसित किए जाएंगे। जल्द सभी सीडीओ सारकोट के दौरे पर आएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रियंका को देहरादून आने का भी निमंत्रण देते हुए, गांव के विकास पर मंथन करने का भी आश्वासन दिया। प्रियंका नेगी ने सारकोट को गोद लिए जाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, आदर्श ग्राम सारकोट में पहले के मुकाबले अब सभी जनसुविधाएं उपलब्ध हैं, गांव में कई विकास कार्य सम्पन्न हुए हैं। वो सरकार के सहयोग से गांव के विकास में योगदान देंगी।
सारकोट को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जा रहा है। हम सभी जिलों में ऐसे आदर्श ग्राम विकसित करेंगे। जहां रोजगार, स्वरोजगार के अवसरों साथ ही सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हों। इस बार के पंचायत चुनाव में कई युवा और पढ़े लिखे प्रतिनिधि निर्वाचित हुए हैं, जो त्रिस्तरीय पंचायतों के लिए एक शुभ संकेत है, सरकार पंचायतों को पूरा सहयोग प्रदान करेगी।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड
क्या आपने हाल ही में गर्दन के पीछे एक उभरा हुआ हिस्सा महसूस किया है? यह ‘बफेलो हंप’ या ‘कूबड़’ कहलाता है, जो शरीर की गलत मुद्रा, लंबे समय तक झुककर मोबाइल या लैपटॉप देखने, पीठ झुकाकर बैठने और मानसिक तनाव जैसे कारणों से धीरे-धीरे विकसित हो सकता है। हालांकि यह समस्या गंभीर दिख सकती है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। नियमित योग अभ्यास के जरिए इसे काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। दवाओं या सर्जरी का सहारा लेने से पहले योग का यह प्राकृतिक उपाय जरूर आज़माएं — यह न केवल गर्दन और रीढ़ की संरचना को बेहतर बनाता है, बल्कि मानसिक रूप से भी सुकून देता है।
योगासन जो गर्दन के कूबड़ को दूर करने में मददगार हैं:
1. भुजंगासन (Cobra Pose)
इस आसन में शरीर की आकृति सांप जैसी बनती है। यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाता है।
पेट के बल लेटें, हथेलियां कंधों के पास रखें और सांस भरते हुए छाती को ऊपर उठाएं। सिर को ऊपर रखते हुए कुछ सेकंड रुकें। यह पीठ और गर्दन की मांसपेशियों का तनाव कम करता है और सही पोस्चर को बढ़ावा देता है।
2. मार्जरी आसन (Cat-Cow Pose)
यह सरल लेकिन प्रभावशाली योगाभ्यास पीठ की लचक बढ़ाने और गर्दन की अकड़न को दूर करने में मदद करता है।
घुटनों और हथेलियों के बल आकर सांस लेते हुए पीठ को नीचे और सिर को ऊपर करें, फिर सांस छोड़ते हुए पीठ को ऊपर और सिर को नीचे झुकाएं। इसे 8-10 बार दोहराएं।
3. वज्रासन में गर्दन घुमाना (Neck Rotation in Vajrasana)
वज्रासन में बैठकर गर्दन को धीरे-धीरे दाएं-बाएं और ऊपर-नीचे घुमाएं। यह आसन गर्दन की जकड़न को दूर करता है, मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है।
4. ताड़ासन (Mountain Pose)
शरीर की मुद्रा को सुधारने और संतुलन बनाए रखने में यह आसन बहुत फायदेमंद है।
सीधे खड़े होकर दोनों हाथ ऊपर उठाएं और एड़ियों के बल खड़े हो जाएं। पूरी बॉडी को ऊपर की ओर स्ट्रेच करें। यह रीढ़ और गर्दन की प्राकृतिक सीध को पुनः स्थापित करता है।
5. शवासन में योग निद्रा (Yogic Sleep in Shavasana)
तनाव और थकान को दूर करने के लिए शवासन में योग निद्रा सर्वोत्तम है।
पीठ के बल लेटें, आंखें बंद करें और सांस पर ध्यान केंद्रित करें। यह अभ्यास शरीर को गहराई से आराम देता है, तनाव को कम करता है और पोस्चर सुधारने में सहायक होता है।
निष्कर्ष:
गर्दन के पीछे बनने वाला यह उभार केवल शारीरिक नहीं, बल्कि जीवनशैली से जुड़ी एक चेतावनी भी हो सकता है। योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करके न सिर्फ इससे राहत पाई जा सकती है, बल्कि मानसिक शांति और आत्मविश्वास भी प्राप्त किया जा सकता है।
(साभार)
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद चुनाव आयोग ने जारी किया शेड्यूल, 7 अगस्त से होगी प्रक्रिया शुरू
नई दिल्ली। भारत के अगले उपराष्ट्रपति के चुनाव की तारीख तय हो गई है। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को घोषणा की कि उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान 9 सितंबर को होगा और इसी दिन नतीजे भी घोषित कर दिए जाएंगे। 7 अगस्त को चुनाव की अधिसूचना जारी होगी और नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त रखी गई है। वर्तमान में यह पद जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद खाली पड़ा है।
जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जबकि उनके कार्यकाल का अभी दो साल से भी अधिक समय बाकी था। उन्होंने अपने त्यागपत्र में लिखा कि चिकित्सकीय सलाह को ध्यान में रखते हुए वे तत्काल प्रभाव से उपराष्ट्रपति पद छोड़ रहे हैं। उनके इस्तीफे के दो दिन बाद ही निर्वाचन आयोग ने चुनावी प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 66(1) के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित तथा राज्यसभा के मनोनीत सदस्यों द्वारा किया जाता है। मतदान गुप्त होता है और यह एकल संक्रमणीय मत प्रणाली के आधार पर संपन्न होता है। निर्वाचन आयोग इस चुनाव के लिए अद्यतन मतदाता सूची तैयार करता है, जिसमें सभी पात्र सांसदों को वर्णमाला क्रम में सूचीबद्ध किया गया है।
इस बार नए उपराष्ट्रपति को पूरा पांच साल का कार्यकाल मिलेगा, न कि पूर्ववर्ती का शेष कार्यकाल।
राजनीतिक समीकरण की स्थिति:
दोनों सदनों की कुल प्रभावी सदस्य संख्या 782 है और उपराष्ट्रपति बनने के लिए किसी भी उम्मीदवार को 391 मतों की आवश्यकता होगी। इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को स्पष्ट बढ़त नजर आ रही है। लोकसभा में राजग को 542 में से 293 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है, जबकि राज्यसभा में 129 सदस्यों का समर्थन है। यदि सभी समर्थक सदस्य मतदान करते हैं, तो कुल 422 वोट राजग के पक्ष में हो सकते हैं।
राज्यसभा की पांच सीटें वर्तमान में रिक्त हैं — जिनमें से चार जम्मू-कश्मीर से और एक पंजाब से है, जो आम आदमी पार्टी के नेता संजीव अरोड़ा के इस्तीफे के बाद खाली हुई।
गणेश जोशी ने दिए सख्त निर्देश: कार्यक्रम की सभी तैयारियां समय पर हों पूरी
देहरादून। प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने आज गढ़ी कैंट स्थित हरवंश कपूर मेमोरियल हॉल का दौरा कर आगामी 02 अगस्त को आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किश्त के वितरण के उपलक्ष्य में आयोजित किया जाएगा।
निरीक्षण के दौरान मंत्री जोशी ने कार्यक्रम से संबंधित सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी उत्तर प्रदेश के बनारस स्थित बनोली गांव से इस किस्त का वितरण करेंगे, जिसे देशभर में लाइव प्रसारित किया जाएगा।
कृषि मंत्री ने बताया कि देहरादून के गढ़ी कैंट में स्थित हरवंश कपूर मेमोरियल हॉल में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित होगा, जबकि जिला, ब्लॉक, ग्राम पंचायत स्तर एवं कृषि विज्ञान केंद्रों सहित केंद्रीय कृषि संस्थानों में भी यह कार्यक्रम एक साथ आयोजित किया जाएगा। सभी आयोजन स्थलों को टू-वे वीडियो कनेक्शन से जोड़ा जाएगा, जिससे किसान सीधे प्रधानमंत्री से संवाद भी कर सकेंगे।
मंत्री जोशी ने प्रदेश के किसानों से अपील की कि वे इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर अपनी सहभागिता दर्ज कराएं।
इस अवसर पर अपर निदेशक कृषि परमाराम सहित कृषि विभाग के अधिकारी एवं पार्टी कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
कॉमेडी और मनोरंजन से भरपूर फिल्म ‘हाउसफुल 5’ अब आपके लिए ओटीटी पर फ्री में उपलब्ध है। 6 जून 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होने के बाद इस फिल्म ने जबरदस्त कमाई की थी, और अब दर्शकों को इसे देखने के लिए किसी अतिरिक्त शुल्क की जरूरत नहीं है। फिल्म के निर्माताओं ने खुद इसकी घोषणा करते हुए बताया है कि अब यह फिल्म प्राइम वीडियो पर मुफ्त में देखी जा सकती है।
अब फ्री में देखें ‘हाउसफुल 5’
2025 की सबसे चर्चित कॉमेडी फिल्म ‘हाउसफुल 5’ अब ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के उपलब्ध है। पहले दर्शकों को इसे देखने के लिए ₹349 का किराया देना पड़ता था, लेकिन अब यह फिल्म प्राइम सब्सक्रिप्शन के तहत मुफ्त में देखी जा सकती है। निर्माताओं ने एक प्रमोशनल वीडियो के जरिए यह खबर साझा की, जिसमें फिल्म की स्टारकास्ट ने दर्शकों को यह खुशखबरी दी।
कमाई में रहा मजबूत प्रदर्शन
हालांकि फिल्म को समीक्षकों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इसकी कमाई काफी प्रभावशाली रही। फिल्म ने रिलीज़ के पहले ही दिन ₹24 करोड़ की कमाई की थी और अब तक इसका कलेक्शन ₹183.3 करोड़ पहुंच चुका है। लगभग ₹240 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने थिएटर और ओटीटी राइट्स से करीब ₹90 करोड़ की वसूली की, जिससे लागत निकालने में कामयाब रही।
स्टार कास्ट और निर्देशन
फिल्म का निर्देशन तरुण मनसुखानी ने किया है और इसे साजिद नाडियाडवाला ने प्रोड्यूस किया है। फिल्म में अक्षय कुमार, रितेश देशमुख, अभिषेक बच्चन, संजय दत्त, जैकी श्रॉफ, जैकलीन फर्नांडीज, नाना पाटेकर, और जॉनी लीवर जैसे कई दिग्गज कलाकार नजर आते हैं। दिलचस्प बात यह है कि फिल्म के दो संस्करण बनाए गए हैं, जिनमें अलग-अलग घटनाक्रम और अपराधी दर्शाए गए हैं, और अब ये दोनों वर्जन मुफ्त में देखे जा सकते हैं।
(साभार)
राज्य की सहमति के बाद जल्द शुरु होगा रेललाइन पर काम
देहरादून। टनकपुर – बागेश्वर रेललाइन पर जल्द काम शुरु हो सकता है। केंद्र सरकार ने इस परियोजना पर काम शुरु करने के लिए राज्य सरकार से औपचारिक तौर पर सहमति देने को कहा है। राज्य सरकार जल्द इस दिशा में अधिकारिक पत्र केंद्र सरकार को भेजने जा रही है।
प्रस्तावित टनकपुर- बागेश्वर रेललाइन को कुमांउ क्षेत्र में रेल नेटवर्क विस्तार की दिशा में गेम चेंजर प्रोजेक्ट के रूप में देखा रहा है। करीब 170 किमी लंबी इस परियोजना के लिए फाइनल सर्वे का काम पूरा हो चुका है। अब अगले चरण में परियोजना पर राज्य सरकार से विचार विमर्श होना है।काम शुरु करने से पहले केंद्र सरकार ने राज्य से औपचारिक सहमति प्रदान करने को कहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव को इस दिशा में शीघ्र औपचारिकताएं पूरी करते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। इस तरह टनकपुर – बागेश्वर रेललाइन का धरातल पर उतरने का रास्ता साफ हो रहा है।
कर्णप्रयाग रेल लाइन 2026 तक तैयार होगी
उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में रेल नेटवर्क विकसित करने पर तेजी से काम हो रहा है। इसी क्रम में ऋषिकेश – कर्णप्रयाग रेललाइन पर युद्धस्तर पर काम चल रहा है, सामरिक महत्व की इस परियोजना का काम 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसी तरह टनकपुर – बागेश्वर रेल लाइन बन जाने के बाद, कर्णप्रयाग – बागेश्वर जैसे दो पर्वतीय शहरों को रेल नेटवर्क से जोड़कर, गढ़वाल- कुमांऊ के बीच रेल सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है। साथ ही प्रदेश सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ऋषिकेश-उत्तरकाशी और देहरादून – सहारनपुर रेलवे लाइनों की डीपीआर भी तैयार कर रही है। 81 किमी लंबी देहरादून –सहारनपुर शाकुंभरी देवी मंदिर के रास्ते से होकर गुजरेगी। यह रेललाइन सहारनपुर से देहरादून के हर्रावाला रेलवे स्टेशन तक बिछेगी। इसमें 11 किमी लंबी सुरंग भी शामिल है।
बागेश्वर – टनकपुर रेललाइन पर काम शुरु करने के लिए समस्त औपचारिकताएं तेजी से पूरी की जा रही है। इसी तरह ऋषिकेश – उत्तरकाशी और देहरादून – सहारनपुर रेलवे लाइनों की भी फाइनल डीपीआर तैयार की जा रही है। केंद्र सरकार उत्तराखंड में रेल नेटवर्क को मजबूत करने में पूरा सहयोग प्रदान कर रही है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड
सीएम धामी ने राकेश देवली की सेवाओं को बताया अनुकरणीय
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री सुरक्षा में तैनात मुख्य सुरक्षा अधिकारी राकेश देवली को उनकी अधिवर्षता आयु पूर्ण कर सेवानिवृत्त होने पर हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी हैं।
मुख्यमंत्री ने देवली के दीर्घकालीन सेवाकाल की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अपने दायित्वों का अत्यंत निष्ठा, दक्षता और समर्पण भाव से निर्वहन किया। देवली ने मुख्यमंत्री सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।
मुख्यमंत्री ने उनके उज्जवल भविष्य, उत्तम स्वास्थ्य एवं सुखद पारिवारिक जीवन की मंगलकामनाएं व्यक्त की।