जवाब दो—जांच समिति और डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस
सिस्टम की चूक पर जताई नाराज़गी, जिलाधिकारी को सौंपी विस्तृत जांच
न लापरवाही बर्दाश्त होगी, न रिपोर्टिंग में लीपापोती– स्वास्थ्य सचिव
देहरादून/बागेश्वर। उत्तराखंड में एक डेढ़ साल के बच्चे की मौत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक को झकझोर दिया है। गढ़वाल-कुमाऊं के ग्वालदम, बैजनाथ, बागेश्वर, अल्मोड़ा और हल्द्वानी तक उस बच्चे को लेकर परिवार दौड़ा लेकिन डॉक्टर उसका जीवन नहीं बचा सके।इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर पोस्ट किया, “बागेश्वर में एक मासूम बच्चे की चिकित्सा में लापरवाही से मृत्यु का समाचार अत्यंत पीड़ादायक और दुर्भाग्यपूर्ण है। जैसा कि अभी तक सूचना प्राप्त हुई है, उनसे प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि कतिपय स्तर पर अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरती गई है।”
इस दुखद मृत्यु पर प्रदेश सरकार ने संज्ञान तो लिया, लेकिन जांच समिति की रिपोर्ट पर खुद स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने असंतोष जताया है। रिपोर्ट में कई अहम बिंदुओं के गायब रहने पर सचिव ने सख्त नाराज़गी जताते हुए इसे “अपूर्ण व असंतोषजनक” करार दिया है। डॉ. आर राजेश कुमार ने जिलाधिकारी बागेश्वर को विस्तृत और निष्पक्ष जांच का जिम्मा सौंपते हुए यह साफ कर दिया है कि अब लापरवाही की परतें जिलास्तर पर खोली जाएंगी और सच सामने लाया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले को बेहद गंभीर मानते हुए स्वास्थ्य विभाग को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई गई, जिसने अपनी रिपोर्ट सौंपी। लेकिन सचिव डॉ. राजेश कुमार ने रिपोर्ट की समीक्षा के बाद पाया कि—
मरीज की तत्कालिक हालत का उल्लेख नहीं
परिजनों के बयान गायब
रेफरल से पूर्व की गई चिकित्सा प्रक्रिया अधूरी
चिकित्सकीय निर्णयों का कोई ठोस आधार नहीं
सचिव ने इन कमियों को “तथ्यों की अनदेखी और प्रक्रिया की अवहेलना” बताया है।
जवाब दो— जांच समिति और डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस
स्वास्थ्य सचिव ने रिपोर्ट को अधूरी और एकतरफा मानते हुए तीनों जांच अधिकारियों— डॉ. तपन शर्मा, डॉ. अनुपमा हयांकी और डॉ. प्रमोद जंगपांगी— सहित संबंधित बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अकिंत कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सभी से सात दिन में संतोषजनक स्पष्टीकरण मांगा गया है।
अब जिलाधिकारी करेंगे नए सिरे से जांच
प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए सचिव ने अब जांच की जिम्मेदारी जिलाधिकारी को सौंपी है। उन्हें निर्देशित किया गया है कि दोषियों की पहचान और प्रक्रियागत खामियों की पूरी पड़ताल करें। साथ ही, राज्य स्तर पर स्वतंत्र उच्च स्तरीय समिति के गठन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
“न लापरवाही बर्दाश्त होगी, न रिपोर्टिंग में लीपापोती” – स्वास्थ्य सचिव
डॉ. राजेश कुमार ने दो टूक कहा कि स्वास्थ्य जैसी संवेदनशील सेवाओं में न तो लापरवाही बर्दाश्त की जाएगी, न ही लीपापोती। उन्होंने स्पष्ट किया कि “अब ज़िम्मेदारी तय की जाएगी और भविष्य के लिए व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बनाया जाएगा।”
बागेश्वर की यह घटना सिर्फ एक बालक की मौत नहीं, बल्कि उस सिस्टम पर तमाचा है जो समय पर जांच, इलाज और जवाबदेही देने में बार-बार नाकाम हो रहा है। स्वास्थ्य सचिव की तल्ख़ प्रतिक्रिया एक संकेत है कि शायद अब विभाग को आईना दिखाने का वक्त आ गया है। सवाल यह भी है कि क्या यही रवैया हर मामले में अपनाया जाएगा… या फिर ये भी एक रिपोर्ट फाइल में दफ़्न होकर रह जाएगी?
देहरादून में गोसदनों की व्यवस्था होगी और मजबूत
देहरादून। जनपद में निराश्रित और बेसहारा गोवंश के संरक्षण हेतु जिला प्रशासन ने ठोस कदम उठाए हैं। जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित हुई, जिसमें गोवंश के भरण-पोषण, चिकित्सा और निगरानी व्यवस्था को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए।
डीएम ने निर्देश दिए कि गोसदनों में सप्ताह में दो बार पशुओं का हेड काउंट अनिवार्य रूप से कराया जाए, जिसकी जिम्मेदारी स्थानीय पशु चिकित्सकों की होगी। पशु कल्याण बोर्ड द्वारा गोसदनों का रैंडम निरीक्षण भी किया जाएगा।
कालसी ब्लॉक के खेरूवा में 150 पशु क्षमता वाले गोसदन के संचालन हेतु 49.98 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा छरबा में 22 लाख और प्रेमनगर (आरकेडिया ग्रांट) में 27.03 लाख रुपये के प्रस्तावों को पूर्व में ही मंजूरी मिल चुकी है।
डीएम ने यह भी निर्देश दिए कि गोसदनों में पशुओं की नियमित स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण और उचित उपचार सुनिश्चित किया जाए। साथ ही पशुओं को संतुलित आहार, स्वच्छ पानी और साफ-सुथरी रहने की व्यवस्था भी अनिवार्य रूप से उपलब्ध हो।
नगर निगम देहरादून द्वारा पंजीकृत गौसदनों में गोवंश टैगिंग पूरी न होने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई और निर्देश दिए कि सभी पशुओं की शत-प्रतिशत टैगिंग कर शीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीश जोशी ने अवगत कराया कि जनपद में वर्तमान में 10 पंजीकृत गोसदन कार्यरत हैं—सहसपुर में 4, विकासनगर व डोईवाला में 2-2 और चकराता व धर्मपुर में 1-1।
पशु कल्याण बोर्ड की उप निदेशक डॉ. उर्वशी ने जानकारी दी कि गोसदनों की दैनिक मॉनिटरिंग के लिए एक विशेष ऐप तैयार किया गया है, जिसे जल्द ही लॉन्च किया जाएगा।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, उप नगर आयुक्त संतोष कुमार पांडे, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीश जोशी, पशु कल्याण बोर्ड की उप निदेशक डॉ. उर्वशी सहित अनुश्रवण समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने नव-निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को मॉडर्न गवर्नेंस, वित्तीय प्रबंधन और तकनीकी शिक्षा देने के दिए निर्देश
देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में पंचायतीराज विभाग की बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि नव-निर्वाचित ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों एवं जिला पंचायत सदस्यों को आधुनिक तकनीकी, वित्तीय प्रबंधन और शासन प्रणाली पर प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूर्ण करने की दिशा में सबको समेकित प्रयास करने होंगे। गांवों के विकास से ही प्रदेश और देश का विकास संभव है।
मुख्यमंत्री ने राज्य में ‘एकीकृत पंचायत भवनों’ का निर्माण कराने के निर्देश दिए। इन एकीकृत पंचायत भवनों में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, पटवारी, आशा आदि के लिए एक स्थान पर ही व्यवस्था होगी। इनके वहां एक साथ बैठने के लिए रोस्टर भी बनाया जाए। इससे लोगों को सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर मिल जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों में बजट नियोजन को और बेहतर बनाया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी ग्राम पंचायतों का सुनियोजित विकास हो। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पंचायतीराज विभाग यह भी आकलन करे कि आगामी 15 वर्षों में कितना ग्रामीण क्षेत्र शहरी क्षेत्र में परिवर्तित होगा। यह आकलन राज्य के समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम सभाओं के स्थापना दिवस उत्सव के रूप में मनाए जाने के लिए ग्रामवासियों से संवाद किया जाए। इसके लिए नियमित कैलेंडर बनाया जाए। ग्राम स्तर पर होने वाले मेले, मिलन कार्यक्रम, प्रबुद्धजनों की जयंती एवं अन्य विशेष दिनों में भी यह स्थापना दिवस मनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र एवं जिला पंचायत में समेकित एवं संतुलित विकास किया जाए। इसका ध्यान रखा जाए कि कोई क्षेत्र या व्यक्ति विकास योजनाओं से वंचित न रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत स्तर पर सभी योजनाओं की रीयल टाइम मॉनिटरिंग हो। पंचायतों में ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिया जाए। सभी पंचायतों के कार्यों का ऑडिट हो और सार्वजनिक पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में आम जनता की राय एवं भागीदारी को प्राथमिकता दी जाए। प्रत्येक पंचायत स्तर पर शिकायत दर्ज करने और समाधान का एक निश्चित समयबद्ध ढांचा तैयार किया जाए।
इस अवसर पर अवस्थापना अनुश्रवण परिषद उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव चंद्रेश कुमार यादव, अपर सचिव बंशीधर तिवारी, निदेशक पंचायती राज सुश्री निधि यादव उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री धामी ने समीक्षा बैठक के दौरान दिए निर्देश, पात्र लाभार्थियों को ही मिलेगा आवास योजना का लाभ
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में आवास विभाग की बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ई.डब्ल्यू.एस (शहरी) आवासों का लाभ जिन लोगों को दिया गया है, उनका पुनः सत्यापन किया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि योजना का लाभ सिर्फ पात्र लोगों को ही मिले। गलत तरीके से योजना का लाभ लेने वाले और देने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आगे जो भी आवास आवंटन किए जाएं, यह सुनिश्चित किया जाए कि केवल पात्र लोगों को ही मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अंतर्गत विभिन्न शहरों के मास्टर प्लान के कार्यों में तेजी लाई जाए। मास्टर प्लान के साथ शहरों की धारण क्षमता का आकलन भी किया जाए। नगर क्षेत्रों में जल संरक्षण के साथ ही वृक्षारोपण पर भी ध्यान दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि शहरी क्षेत्रों में प्राधिकरणों द्वारा पारित नक्शों के अनुरूप ही निर्माण कार्य हों। बिल्डिंग और सोसाइटी निर्माण कार्यों में वाटर हार्वेस्टिंग और ग्रीनरी का भी विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने के लिए सख्ती से कार्य किए जाएं। आमजन की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए आवासों के नक्शे निर्धारित समयावधि में पास किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने राज्य के दोनों मंडलों में एक-एक नए शहर विकसित किए जाने की दिशा में तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। इन शहरों को स्प्रिचुअल जोन के साथ क्लब किया जाए। मुख्यमंत्री ने राज्य में आवासीय आवश्यकता का मूल्यांकन करते हुए सभी वर्गों के लिए आवास की मांग का आकलन करने, भविष्य की आवश्यकताओं का अनुमान लगाने एवं उसके अनुरूप ठोस कार्ययोजना विकसित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने शहरों में भूमि का समुचित उपयोग, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों का आवश्यकता अनुसार पुनर्विकास करने के भी निर्देश दिए।
प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि आवास विकास विभाग 8 गेम चेंजर योजनाओं पर कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए 191 स्थानों पर पार्किंग निर्माण कार्य किए जा रहे हैं, जिनमें 109 मल्टीलेवल, 10 टनल, 63 सर्फेस और 9 ऑटोमेटेड पार्किंग हैं। 48 पार्किंग के निर्माण कार्य पूरे हो चुके हैं, जबकि 47 पर कार्य गतिमान है।
बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीपीपीजीजी मनोज पंत एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री स्टालिन से मुलाकात के बाद लिया गया अहम फैसला
चेन्नई। तमिलनाडु में 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राज्य की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) के नेतृत्व वाली एआईएडीएमके कैडर राइट्स रिट्रीवल कमेटी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से संबंध समाप्त करने का ऐलान कर दिया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन से मुलाकात के कुछ घंटे बाद सामने आया, जिससे सियासी हलचल और बढ़ गई है।
इस फैसले की घोषणा समिति के वरिष्ठ नेता और सलाहकार पनरुट्टी एस. रामचंद्रन ने गुरुवार को एक प्रेस वार्ता में की, जिसमें स्वयं ओपीएस भी उपस्थित थे। समिति ने स्पष्ट किया कि अब से वे एनडीए का हिस्सा नहीं रहेंगे। साथ ही यह भी बताया गया कि ओ. पन्नीरसेल्वम राज्यभर में दौरा करेंगे और राजनीतिक स्थिति का आकलन कर आगामी गठबंधनों पर निर्णय लेंगे।
गठबंधन टूटने के पीछे कारण:
सूत्रों के अनुसार, ओपीएस की नाराजगी की वजह हालिया घटनाक्रम है, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। इसको लेकर उनकी निराशा बढ़ी और उन्होंने केंद्र सरकार पर ‘समग्र शिक्षा अभियान’ (SSA) के फंड वितरण में देरी को लेकर सोशल मीडिया पर आलोचना भी की थी। माना जा रहा है कि यह घटनाएं ही एनडीए से अलग होने का मुख्य कारण बनीं।
नए गठबंधन के संकेत:
ओपीएस ने अभिनेता विजय की पार्टी तमिलागा वेत्त्री कझगम (TVK) के साथ गठबंधन की संभावना को पूरी तरह नकारा नहीं है। उन्होंने कहा, “अभी चुनाव में समय है, वक्त आने पर स्थिति स्पष्ट होगी।” बता दें कि ओपीएस पहले एआईएडीएमके के शीर्ष नेता थे, लेकिन आंतरिक मतभेदों के चलते उन्होंने अपनी स्वतंत्र धारा बना ली थी।
राजनीतिक मायने:
एनडीए से अलग होने के फैसले ने तमिलनाडु की राजनीति में संभावित नए समीकरणों की नींव रख दी है। यह घटनाक्रम 2026 विधानसभा चुनावों से पहले राज्य की सियासी दिशा को नया मोड़ दे सकता है।
यशराज फिल्म्स की बहुप्रतीक्षित एक्शन फिल्म ‘वॉर 2’ का पहला गाना ‘आवां जावां’ रिलीज हो चुका है, जिसमें कियारा आडवाणी और ऋतिक रोशन की जोड़ी ने रोमांस का तड़का लगाया है। इस गाने ने रिलीज होते ही दर्शकों के दिल जीत लिए हैं और सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है।
ऋतिक-कियारा की ऑनस्क्रीन केमिस्ट्री ने खींचा ध्यान
गाने में कियारा और ऋतिक का ग्लैमरस और रोमांटिक अंदाज़ बेहद आकर्षक है। दोनों कलाकारों के बीच की केमिस्ट्री को बड़े ही दिलकश अंदाज में दिखाया गया है। गाने में समुद्र तट पर फिल्माए गए दृश्य, कियारा का स्टाइलिश बिकिनी लुक और ऋतिक का चार्म, युवाओं को खूब लुभा रहा है।
अरिजीत सिंह और निकिता गांधी की जादुई आवाज
‘आवां जावां’ को अरिजीत सिंह और निकिता गांधी ने अपनी सुरीली आवाज़ दी है। इसके बोल अमिताभ भट्टाचार्य ने लिखे हैं, जबकि प्रीतम ने इसका संगीत तैयार किया है। YRF स्टूडियो के बैनर तले रिलीज़ यह गाना यूट्यूब पर ट्रेंड कर रहा है। कियारा ने इसे अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जहां फैन्स न सिर्फ गाने की तारीफ कर रहे हैं, बल्कि उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं भी दे रहे हैं।
‘वॉर 2’ से जुड़ी बड़ी उम्मीदें
‘वॉर 2’ अयान मुखर्जी के निर्देशन में बनी यशराज की स्पाई यूनिवर्स की छठी फिल्म है, जो 2019 में आई सुपरहिट फिल्म ‘वॉर’ का सीक्वल है। एक्शन और थ्रिल से भरपूर यह फिल्म 14 अगस्त 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। इस बार फिल्म में ऋतिक और कियारा के साथ साउथ सुपरस्टार जूनियर एनटीआर भी प्रमुख भूमिका में नजर आएंगे, जिससे दर्शकों की उत्सुकता और बढ़ गई है।
(साभार)
सहायक कमांडेंट करमवीर सिंह की निगरानी में चला जोखिमपूर्ण रेस्क्यू अभियान
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के सोनप्रयाग क्षेत्र में हुए भीषण भूस्खलन के बाद स्थिति गंभीर हो गई। गौरीकुंड शटल पार्किंग और मनकुटिया मंदिर के बीच मलबा गिरने से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री फंस गए। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर तैनात 15वीं वाहिनी NDRF की टीम ने तत्काल और साहसिक बचाव अभियान शुरू किया।
सहायक कमांडेंट करमवीर सिंह के पर्यवेक्षण में और निरीक्षक अमृत लाल मीणा के नेतृत्व में 29 सदस्यीय NDRF टीम ने जोखिमपूर्ण स्थिति के बावजूद फंसे यात्रियों को निकालने का काम शुरू किया। लगातार गिरते मलबे और दुर्गम भू-भाग के बीच टीम ने रस्सियों और वैकल्पिक मार्गों की मदद से एक-एक कर लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
30 जुलाई को करीब 9 घंटे तक चला यह रेस्क्यू ऑपरेशन अंधकार और पुनः भूस्खलन की आशंका के चलते रात्रिकालीन अवधि में स्थगित करना पड़ा। इसके बाद अगली सुबह 31 जुलाई को सुबह 7 बजे से पुनः ऑपरेशन शुरू किया गया।
अब तक कुल 2822 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जिनमें 2194 पुरुष, 513 महिलाएं और 115 बच्चे शामिल हैं। इस संपूर्ण अभियान की निगरानी स्वयं कमाण्डेंट सुदेश कुमार कर रहे हैं।
NDRF के इस तत्पर और समर्पित प्रयास ने एक बड़ी जनहानि को टाल दिया है। कई तीर्थयात्रियों ने संकट की घड़ी में NDRF की तत्परता और साहस की सराहना करते हुए टीम का आभार जताया है।
NDRF द्वारा किया गया यह प्रयास उनकी मूल भावना “जीवन रक्षा और उससे आगे” का सशक्त उदाहरण बनकर सामने आया है। फिलहाल बचाव अभियान अब भी जारी है।
भूस्खलन और बाढ़ से मंडी, चंबा और कुल्लू में हालात सबसे गंभीर
मानसून में अब तक 170 लोगों की मौत, कई लोग घायल और लापता
शिमला। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। राज्य के कई जिलों में भूस्खलन, अचानक बाढ़ और जलभराव की घटनाओं ने संकट की स्थिति पैदा कर दी है। गुरुवार सुबह तक प्रदेश में एक राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 302 सड़कें आवाजाही के लिए बंद रहीं। वहीं, 436 बिजली ट्रांसफॉर्मर और 254 जलापूर्ति योजनाएं ठप पड़ी हैं। आपदा से सर्वाधिक प्रभावित मंडी जिले में ही 193 सड़कें अवरुद्ध हैं, जबकि कुल्लू और चंबा जिले में बिजली आपूर्ति सबसे अधिक प्रभावित हुई है।
धर्मशाला समेत कई इलाकों में भारी बारिश, येलो अलर्ट जारी
बीती रात धर्मशाला में 54.4 मिमी, मुरारी देवी में 52.4 मिमी, और कोठी में 49.1 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग शिमला ने राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में 6 अगस्त तक बारिश जारी रहने की संभावना जताई है और कुछ इलाकों के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। शिमला सहित कई क्षेत्रों में मौसम खराब बना हुआ है।
भूस्खलन के बीच युवक ने कंधे पर उठाकर पार की बाइक
चंबा जिले के चुराह उपमंडल में नकरोड़-चांजू सड़क पर भूस्खलन के कारण एक युवक अपनी बाइक सहित फंस गया। काफी इंतजार के बाद युवक ने हिम्मत दिखाई और चट्टानों के बीच से बाइक को कंधों पर उठाकर दूसरी ओर पहुंचाया। यह दृश्य वहां मौजूद लोगों के लिए किसी फिल्मी दृश्य से कम नहीं था।
सलूणी में भूस्खलन से गरीब महिला का मकान ढहा
चंबा जिले की सलूणी तहसील के टिक्कर गांव में भूस्खलन से शिवो देवी नामक महिला का नया मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। यह मकान उन्हें सरकार की योजना के तहत मिला था, लेकिन भारी बारिश के चलते उनका आशियाना मलबे में तब्दील हो गया। परिवार की आर्थिक स्थिति अत्यंत कमजोर बताई जा रही है।
मानसून का भारी कहर: 1,687 घर-दुकानों को नुकसान, 170 की मौत
इस मानसून सीजन में अब तक प्रदेश में 170 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 278 घायल हुए हैं और 36 अब भी लापता हैं। 76 लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में जान गई है। बारिश जनित घटनाओं से 1,687 कच्चे-पक्के मकान और दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,226 गोशालाएं और 1,404 पालतू पशु भी प्रभावित हुए हैं। अब तक अनुमानित आर्थिक नुकसान 1,599 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच चुका है।
इंग्लैंड सीरीज में 2-1 से आगे
लंदन। भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला अब अपने निर्णायक चरण में पहुंच गई है। दोनों टीमों के बीच सीरीज़ का पांचवां और अंतिम टेस्ट मुकाबला गुरुवार से ओवल के ऐतिहासिक मैदान पर खेला जाएगा। सीरीज़ में 2-1 से आगे चल रही इंग्लैंड की टीम जहां जीत के साथ ट्रॉफी पर कब्जा करना चाहेगी, वहीं भारत की नज़र बराबरी करने पर होगी।
प्रतिद्वंद्विता से भरी सीरीज़, खिलाड़ियों की तीखी टकराहट ने बढ़ाया रोमांच
इस सीरीज़ ने टेस्ट क्रिकेट को एक नई ऊर्जा दी है। हर मुकाबला अंतिम सत्र तक रोमांच से भरपूर रहा और दोनों टीमों ने ज़बरदस्त खेल दिखाया। खिलाड़ियों के बीच हुई तीखी झड़पों ने भी मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया। लॉर्ड्स टेस्ट में जैक क्रॉली के समय बर्बाद करने पर शुभमन गिल की प्रतिक्रिया हो या ओल्ड ट्रैफर्ड में रविंद्र जडेजा का आक्रामक रवैया—दोनों टीमों ने एक-दूसरे पर दबाव बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
मौसम बन सकता है बड़ा फैक्टर
हालांकि रोमांचक मुकाबले की उम्मीदों के बीच मौसम खलल डाल सकता है। एक्यूवेदर के अनुसार, पहले दिन 65 प्रतिशत बारिश की संभावना है और पूरे दिन बादल छाए रहने की संभावना 93 प्रतिशत तक है। गरज के साथ बारिश की चेतावनी भी दी गई है, जिससे टॉस जीतने वाली टीम पहले गेंदबाज़ी का विकल्प चुन सकती है।
मुकाबले से जुडी जानकारी-
मैच कहां खेला जाएगा?
मुकाबला लंदन के द ओवल मैदान में खेला जाएगा।
मैच कितने बजे से सुरु होगा?
पहला सत्र दोपहर 3:30 बजे से शुरू होगा, जबकि टॉस दोपहर 3:00 बजे होगा।
कहां देखें लाइव?
टीवी पर सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क के सभी प्रमुख चैनलों (Sony Sports 1, 3, 4, 5) पर और
लाइव स्ट्रीमिंग जिओ सिनेमा और जिओहॉटस्टार पर उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों से ली स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी, परिजनों से भी की मुलाकात
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मैक्स अस्पताल, देहरादून में भर्ती विधायक श्रीमती मुन्नी देवी शाह से मिलने पहुंचे। मुख्यमंत्री धामी ने विधायक से उनका कुशलक्षेम जाना और चिकित्सकों से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने विधायक के परिजनों से भी बातचीत की और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की।