देहरादून। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने प्रातः न्यू कैंट रोड, हाथीबड़कला क्षेत्र स्थित निकट पोस्ट ऑफिस के पास 10बी आवास पर पहुंचकर पूनम देवी के घर में आग लगने की घटना का निरीक्षण किया। मंत्री ने मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों से घटनास्थल की जानकारी लेते हुए आग लगने के कारणों की जानकारी ली।
स्थानीय लोगों ने बताया गया कि बीती देर रात शॉर्ट सर्किट के कारण पूनम देवी के घर में अचानक आग लग गई, जिससे घर में रखा सामान जलकर नष्ट हो गया। सौभाग्यवश इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई। पूनम देवी अपने बच्चों के साथ राजस्थान स्थित खाटू श्याम मंदिर दर्शन हेतु गई है।
कैबिनेट मंत्री ने प्रभावित परिवार को हरसंभव सहायता का आश्वासन देते हुए राहत प्रक्रिया में तेजी लाने और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचाव हेतु आवश्यक सतर्कता बरतने का आहवान किया।
इस दौरान स्थानीय पार्षद भूपेंद्र कठैत, मोहन बहुगुणा, रमेश प्रधान सहित कई लोग उपस्थित रहे।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने समीक्षा बैठक में अफसरों को दिए निर्देश
देहरादून। प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में शैक्षणिक मानक स्थापित करने के उद्देश्य से राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण (एसएसएसए) का गठन किया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। इसके अलावा न्यूनतम आयु सीमा पूर्ण न होने के कारण कक्षा-1 में प्रवेश से वंचित छात्र-छात्राओं को भविष्य में बालवाटिका-3 में दाखिला दिया जायेगा। साथ ही विभागीय अधिकारियों को एनईपी-2020 के अनुरूप कक्षा-01 से 08वीं तक का पाठ्यक्रम तैयार कर लागू करने के निर्देश दिये गये हैं।
सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विधानसभा स्थित सभाकक्ष में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने नई शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के तहत प्रदेश में राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण के शीघ्र गठन के निर्देश अधिकारियों को दिये।
डॉ. रावत ने बताया कि एसएसएसए के गठन से प्रदेश में शैक्षिक मानकों को स्थापित करने में मदद मिलेगी, साथ ही स्कूलों की मान्यता से लेकर सीखने के लक्ष्य व क्लास रूम मानक तय किये जायेंगे, जिससे निजी एवं राजकीय विद्यालयों की कार्यप्रणाली में सुधार लाया जा सकेगा। इसके अलावा प्रदेशभर के प्राथमिक विद्यालयों में बालवाटिका-1 व 2 की तर्ज पर बालवाटिका-3 का भी संचालन किया जायेगा। जिसमें ऐसे छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जायेगा जो कि एक शैक्षणिक सत्र में निर्धारित आयु सीमा पूर्ण न करने के कारण कक्षा-1 में प्रवेश से वंचित रह जाते हैं।
डॉ. रावत ने बताया कि प्रदेशभर में ऐसे छात्र-छात्राआों की बड़ी तादाद है जो कक्षा-1 में प्रवेश के समय 6 वर्ष की न्यूनतम आयु सीमा पूरी नहीं कर पाते हैं और आंगनबाड़ी में संचालित केन्द्रों से भी पांच वर्ष की आयु पूर्ण करते ही मध्य सत्र में बाहर हो जाते हैं। विभागीय मंत्री ने एनईपी-2020 के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार न होने पर विभागीय अधिकारियों को जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने अधिकारियों को दो माह के भीतर एनईपी गाइडलान में तय 70 व 30 फीसदी कंटेंट के अनुरूप कक्षा-1 से 8 तक का पाठ्यक्रम तैयार करने के निर्देश दिये। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को प्रदेशभर के करीब 150 क्षतिग्रस्त स्कूलों के शीघ्र मरम्मत के निर्देश भी बैठक में दिये। उन्होंने कहा कि इन विद्यालयों के मरम्मत हेतु आपदा मद से लगभग 30 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी गई है। इसके अलावा प्रत्येक जिलाधिकारी भी आपदा न्यूनीकरण मद से दो-दो लाख रूपये प्रति विद्यालय खर्च कर सकते हैं, इसके लिये विभागीय सचिव की अध्यक्षता में एक मॉनिटिरिंग कमेटी का भी गठन करने का निर्देश भी दिये गये हैं।
बैठक में विद्यालयी शिक्षा सचिव रविनाथ रमन, अपर सचिव रंजना राजगुरु, एम.एम. सेमवाल, उप सचिव अनिल पाण्डे, निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. मुकुल कुमार सती, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा अजय नौटियाल, एपीडी समग्र शिक्षा कुलदीप गैरोला, पदमेन्द्र सकलानी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री करेंगे लोकसभा क्षेत्र की विधानसभा वार योजनाओं की प्रत्येक तीन माह में समीक्षा
जन समस्याओं का समाधान राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता
निर्माणाधीन योजनाओं का किया जाए नियमित अनुश्रवण, समयबद्धता के साथ पूरी हो योजनाएं
टिहरी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभाओं की मुख्यमंत्री घोषणाओं और अन्य कार्यों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश
देहरादून। विधायकगणों द्वारा उठाई गई जन समस्याओं को अधिकारी पूरी गंभीरता से लें। विधानसभा क्षेत्रों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारी विधायकगणों के साथ निरंतर संवाद करें। राज्य की सभी 70 विधानसभाओं के अंतर्गत की गई घोषणाओं और अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए शासन-प्रशासन और विधानसभा क्षेत्र के बीच सेतु की भूमिका में कार्य करने हेतु अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में टिहरी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभाओं की मुख्यमंत्री घोषणाओं और अन्य कार्यों की समीक्षा के दौरान ये निर्देश अधिकारियों को दिए।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि प्रत्येक विधानसभा में गतिमान विभिन्न कार्यों की समीक्षा मुख्य सचिव स्तर पर भी की जाए। उन्होंने कहा कि विभागीय सचिव भी विधानसभा क्षेत्रों की समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए अपने विभागों की नियमित समीक्षा करें। प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभाओं की प्रत्येक तीन माह में समीक्षा मुख्यमंत्री स्वयं करेंगे। बैठक में विधायकगणों द्वारा अपनी विधानसभा से संबंधित जो जन समस्याएं रखी गई हैं, उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी एक सप्ताह के भीतर संबंधित विधायकगणों एवं मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन समस्याओं का समाधान राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। यह सुनिश्चित किया जाए कि जनहित से जुड़े कार्यों में अनावश्यक विलंब न हो।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून के बाद सभी निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए। उन्होंने सभी विधायकगणों से कहा कि अपनी विधानसभा क्षेत्र में लघु, मध्य और दीर्घ अवधि में पूर्ण होने वाले कार्यों का प्रस्ताव भेजें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माणाधीन योजनाओं का नियमित अनुश्रवण किया जाए और समयबद्धता के साथ योजनाओं को पूर्ण किया जाए।
बैठक के दौरान विधायकगणों द्वारा सड़क मार्गों के निर्माण और चौड़ीकरण, स्वास्थ्य सुविधाओं, जलभराव की समस्या के समाधान, सौंदर्यीकरण के कार्यों, सिंचाई के लिए पानी, ड्रेनेज व सीवरेज की समस्या, तटबंध निर्माण, नालों के निर्माण कार्य एवं अन्य समस्याएं रखी गईं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सभी समस्याओं के शीघ्र समाधान के निर्देश दिए। बैठक में जानकारी दी गई कि टिहरी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा की गई 469 घोषणाओं में से 305 घोषणाएं पूर्ण हो चुकी हैं, शेष घोषणाओं पर कार्य गतिमान है।
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सभी सचिवों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि विधायकगणों द्वारा अपनी विधानसभा क्षेत्र की जिन समस्याओं से अवगत कराया गया है, उन पर तत्काल कार्यवाही की जाए। घोषणाओं से संबंधित मामलों में कार्यवाही की सूचना संबंधित विधायकगणों और घोषणा प्रकोष्ठ को दी जाए। उन्होंने दोनों मण्डलायुक्तों को निर्देश दिए कि जन समस्याओं के समाधान के लिए विधायकगणों, सचिवों और जिलाधिकारियों के बीच सेतु का कार्य करें।
बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजान दास, विधायक किशोर उपाध्याय, प्रीतम सिंह पंवार, सुरेश सिंह चौहान, शक्ति लाल शाह, सहदेव पुंडीर, श्रीमती सविता कपूर, उमेश शर्मा काऊ, दुर्गेश्वार लाल, अवस्थापन अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, एल.एल फ़ैनई, डॉ.आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिवगण, अपर सचिवगण, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं वर्चुअल माध्यम से संबंधित जिलाधिकारी उपस्थित थे।
डायबिटीज आज केवल एक बीमारी नहीं, बल्कि एक मौन वैश्विक संकट बन चुकी है। भारत में लगभग 10 करोड़ से अधिक लोग इस रोग से प्रभावित हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। मधुमेह तब होता है जब शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता या उसका प्रभावी उपयोग नहीं कर पाता, जिससे ब्लड शुगर का स्तर अनियंत्रित हो जाता है। यदि इसे समय पर नियंत्रित न किया जाए, तो यह दिल, किडनी, आंखों और तंत्रिका तंत्र को स्थायी नुकसान पहुँचा सकता है।
इस बीमारी के नियंत्रण में खानपान बेहद महत्वपूर्ण है। कुछ आम दिखने वाले खाद्य पदार्थ भी ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकते हैं। आइए जानते हैं वे चार खाद्य वस्तुएं जिनसे डायबिटीज के रोगियों को खास तौर पर परहेज करना चाहिए।
सफेद चावल और रिफाइंड कार्ब्स
सफेद चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत अधिक होता है, जो ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाता है। इसी तरह सफेद ब्रेड, मैदा से बने बिस्कुट, नूडल्स और पेस्ट्री भी नुकसानदेह हैं। इनकी जगह साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, ज्वार, बाजरा, और ओट्स को अपनाना चाहिए जो धीरे-धीरे शुगर बढ़ाते हैं।
आलू और तले-मसालेदार सब्जियां
आलू, शकरकंद और मक्के जैसी सब्जियां स्टार्च से भरपूर होती हैं, जिससे शुगर तेजी से बढ़ती है। वहीं ज्यादा तेल और मसाले में बनी सब्जियां भी नुकसान करती हैं। इसके बजाय पालक, पत्ता गोभी, फूलगोभी, लौकी जैसी कम स्टार्च वाली सब्जियां बेहतर हैं।
फास्ट फूड और प्रोसेस्ड स्नैक्स
बर्गर, पिज्जा, चिप्स और पैकेज्ड स्नैक्स ट्रांस फैट, रिफाइंड कार्ब्स और छिपी हुई चीनी से भरे होते हैं। ये न केवल शुगर बढ़ाते हैं, बल्कि मोटापा, हार्ट डिजीज और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा भी बढ़ाते हैं। डायबिटीज के रोगियों को इनसे पूरी तरह परहेज करना चाहिए।
मीठे फल और जूस
आम, अंगूर, केला, लीची जैसे फल प्राकृतिक शर्करा से भरपूर होते हैं, जो शुगर को तेजी से बढ़ाते हैं। वहीं फलों के रस में फाइबर नहीं होता और चीनी ज्यादा होती है। सेब, अमरूद, जामुन, संतरा और पपीता जैसे फल सीमित मात्रा में खाए जा सकते हैं।
(साभार)
जयशंकर बोले- ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नहीं हुई ट्रंप-मोदी की बातचीत
नई दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को “ऑपरेशन सिंदूर” को लेकर सरकार की ओर से विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने विस्तृत बयान दिया। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संघर्ष विराम को लेकर किए गए दावों को पूरी तरह नकारते हुए कहा कि 22 अप्रैल से 16 जून 2025 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं हुई।
जयशंकर ने विपक्षी दलों को स्पष्ट शब्दों में जवाब देते हुए कहा, “मैं साफ-साफ कहना चाहता हूं कि इन दो महीनों के बीच प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच एक बार भी संवाद नहीं हुआ। संघर्ष विराम के संदर्भ में जो भी प्रयास हुए, वे पाकिस्तान की ओर से डीजीएमओ के माध्यम से हुए।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की नीति रही है कि किसी भी मुद्दे का समाधान सिर्फ द्विपक्षीय बातचीत से ही होगा, किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जाएगी।
मध्यस्थता से इनकार, पाकिस्तान को चेतावनी
विदेश मंत्री ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कई देशों ने भारत से हालात के बारे में जानकारी मांगी, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया कि संघर्ष विराम तभी होगा जब पाकिस्तान खुद पहल करेगा और वह भी सैन्य चैनलों के ज़रिए। जयशंकर ने दोहराया, “हम पाकिस्तानी हमले का मुँहतोड़ जवाब दे रहे हैं और जब तक ज़रूरत होगी, देते रहेंगे।”
सिंधु जल समझौते और कांग्रेस पर हमला
संसद में अपने संबोधन में जयशंकर ने कांग्रेस पार्टी को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने सिंधु जल समझौते को भारत के हितों के खिलाफ बताते हुए कहा कि यह समझौता एकतरफा था, जिसमें भारत ने अपनी प्रमुख नदियों का जल पाकिस्तान को बिना किसी ठोस रणनीति के दे दिया। उन्होंने कहा, “दुनिया में ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जहां कोई देश अपने जल संसाधनों को इस तरह पड़ोसी देश को सौंप देता हो। यह तत्कालीन कांग्रेस सरकार की बड़ी चूक थी।”
संक्षेप में, डॉ. जयशंकर ने संसद में स्पष्ट किया कि भारत किसी भी बाहरी दबाव में नहीं झुकेगा और राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा, चाहे वह संघर्ष विराम हो या जल नीति।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने राज्य स्तरीय जूनियर एवं सीनियर चैंपियनशिप का किया शुभारंभ
अल्मोड़ा। खेल मंत्री रेखा आर्या ने बुधवार को अल्मोड़ा में हेमवती नंदन बहुगुणा स्पोर्ट्स स्टेडियम के मल्टीपरपज हॉल में 24 वीं उत्तराखंड स्टेट जूनियर एवं सीनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप 2025 का शुभारंभ किया। इस प्रतियोगिता में प्रदेश के सभी जनपदों से आए लगभग 350 खिलाड़ी शामिल हो रहे हैं। प्रतियोगिता का उद्घाटन करते हुए कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि खेलों को लेकर सामाजिक सोच में अब बड़ा बदलाव आ चुका है।
उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के करियर के लिए नौकरियों में आरक्षण, आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरी, नगद इनाम राशि और युवा खिलाड़ियों के लिए प्रोत्साहन योजनाओं से यह बदलाव हुआ है।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि सरकार ने अपना काम बड़ी हद तक कर दिया है अब खिलाड़ियों के युवा कंधों पर यह जिम्मेदारी है कि वह ओलंपिक स्तर की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रदेश और देश का नाम रोशन करें। प्रतिभागी खिलाड़ी को उत्साहित करते हुए खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि अगर वे खेल के क्षेत्र में नाम कमाते हैं तो उसके यश की कोई सीमा रेखा नहीं होगी। खेल में चैंपियन बनने पर खिलाड़ी की पहचान ग्लोबल हो जाती है।
इस अवसर पर अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी, भाजपा जिला अध्यक्ष महेश नयाल, मेयर अजय वर्मा, जिलाधिकारी आलोक पाण्डेय, पूर्व जिला अध्यक्ष रवि रौतेला, विनीत बिष्ट, पूर्व चेयरमैन डीसीबी ललित लटवाल, द्रोणाचार्य अवार्डी कोच डीके सेन, बैडमिंटन एसोसिएशन प्रदेश सचिव बीएस मनकोटी, द्रोणाचार्य अवार्डी कोच लियाकत अली खान, गोपाल खोलिया, भाजपा नगर महामंत्री देवेन्द्र भट्ट, नगर कांग्रेस अध्यक्ष ताराचंद जोशी आदि मौजूद रहे।
बॉलीवुड की रोमांटिक फिल्मों की लिस्ट में जल्द ही एक और नाम जुड़ने जा रहा है—’परम सुंदरी’। सिद्धार्थ मल्होत्रा और जाह्नवी कपूर की जोड़ी वाली यह बहुप्रतीक्षित फिल्म अब 29 अगस्त को सिनेमाघरों में दस्तक देगी। पहले यह फिल्म 25 जुलाई को रिलीज होने वाली थी, लेकिन अब इसकी नई रिलीज डेट तय की गई है। फिल्म का एक आकर्षक मोशन पोस्टर भी सामने आ चुका है, जिसमें दोनों स्टार्स के बीच की केमिस्ट्री ने दर्शकों की उत्सुकता और बढ़ा दी है।
‘परदेसिया’ सॉन्ग ने मचाया धमाल
फिल्म ‘परम सुंदरी’ का पहला गाना ‘परदेसिया’ रिलीज हो चुका है। इस रोमांटिक ट्रैक में सिद्धार्थ और जाह्नवी के बीच शानदार तालमेल और गहराता प्यार देखने को मिलता है। गाने की सिनेमैटोग्राफी और म्यूजिक दोनों ही दर्शकों को काफी पसंद आ रहे हैं।
लव स्टोरी का नया दौर
हाल के दिनों में बॉलीवुड में प्रेमकहानियों की वापसी देखने को मिल रही है। पहले ‘सैयारा’ और अब जल्द ही रिलीज होने वाली ‘धड़क 2’ और ‘परम सुंदरी’ जैसी फिल्में दर्शकों के रोमांटिक मूड को भुनाने को तैयार हैं। ‘धड़क 2’ में सिद्धांत चतुर्वेदी और तृप्ति डिमरी की जोड़ी नजर आएगी, वहीं ‘परम सुंदरी’ में सिद्धार्थ और जाह्नवी की केमिस्ट्री मुख्य आकर्षण होगी।
फिल्म की कहानी
‘परम सुंदरी’ एक ऐसी प्रेम कहानी है, जो दो अलग-अलग संस्कृतियों और सोच वाले किरदारों के इर्द-गिर्द घूमती है। सिद्धार्थ फिल्म में दिल्ली के एक सफल बिजनेसमैन ‘परम’ का किरदार निभा रहे हैं, जबकि जाह्नवी एक केरल की परंपरागत कलाकार ‘सुंदरी’ बनी हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे जीवन के दो विपरीत ध्रुव, प्रेम के धागे से बंध जाते हैं।
निर्देशन व निर्माण
फिल्म का निर्देशन तुषार जलोटा कर रहे हैं, जिन्होंने इससे पहले ‘दसवी’ जैसी दमदार फिल्म बनाई थी। फिल्म को दिनेश विजान की मैडॉक फिल्म्स ने प्रोड्यूस किया है, जो अपने अनोखे कंटेंट के लिए जानी जाती है।
(साभार)
लोकसभा से राज्यसभा तक नेहरू को लेकर विपक्ष और सरकार आमने-सामने
नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर हुई चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का उल्लेख किए जाने पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है। कांग्रेस ने इसे सरकार की विफलताओं से ध्यान भटकाने की कोशिश करार दिया और दोनों नेताओं पर तीखा हमला बोला।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जवाहरलाल नेहरू का नाम लेकर हर बहस को भटकाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि दोनों नेता नेहरू के प्रति ‘ऑब्सेसिव-कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी)’ से ग्रस्त हैं।
रमेश ने कहा, “लोकसभा में हुई चर्चा में एक बार फिर यह साफ हो गया कि सरकार के पास अपनी विफलताओं का कोई जवाब नहीं है। वे बार-बार नेहरू का नाम लेकर जनता को गुमराह करना चाहते हैं, क्योंकि उनकी नीतियों और कामकाज पर उठ रहे सवालों का सामना करने की उनकी मंशा नहीं है।”
उन्होंने कहा कि सार्थक बहस से बचने के लिए भाजपा के शीर्ष नेता इतिहास की गलत व्याख्या करते हैं और विपक्ष को बदनाम करने में जुट जाते हैं। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह खुद को इतिहासकार समझते हैं, लेकिन उनका उद्देश्य सिर्फ भ्रम फैलाना है।
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के बयान:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान कहा कि नेहरू सरकार ने अक्साई चीन का 38,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र गंवा दिया। उन्होंने सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर करके भी रणनीतिक गलती की थी। पीएम ने सवाल किया कि पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) आज तक क्यों नहीं वापस लिया गया और इसका जिम्मेदार कौन है?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश का विभाजन और पीओके की मौजूदा स्थिति नेहरू सरकार की नीतियों का परिणाम हैं। उन्होंने कहा, “1948 में जब भारतीय सेना कश्मीर में निर्णायक स्थिति में थी, तब नेहरू ने बिना किसी सलाह के युद्धविराम की घोषणा कर दी। सरदार पटेल इसके खिलाफ थे, लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई।”
देहरादून। प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी से उनके कैंप कार्यालय में कुमाऊं गढ़वाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष पवन अग्रवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में कार्यरत कृषि आधारित उद्योगों पर लागू मण्डी शुल्क एवं विकास उपकर को उत्तर प्रदेश की तर्ज पर युक्तिसंगत बनाए जाने की मांग रखी।
प्रतिनिधिमंडल ने कृषि मंत्री को अवगत कराया कि उत्तराखण्ड में वर्तमान मण्डी शुल्क एवं विकास उपकर की दरें उत्तर प्रदेश की तुलना में अधिक हैं, जिससे कृषि आधारित उद्योगों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य के अधिकांश राइस मिल, फ्लोर मिल, फ्रोजन फूड, मसाला प्रसंस्करण एवं प्लाईवुड उद्योगों को स्थानीय स्तर पर पर्याप्त कच्चा माल नहीं मिल पाता, जिसके चलते उन्हें बाहरी राज्यों से आयात करना पड़ता है।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि जहां उत्तर प्रदेश सरकार ने मण्डी शुल्क एवं विकास उपकर की दरें घटाकर 1.5 प्रतिशत कर दी हैं, वहीं उत्तराखंड में यह दरें 2.5 प्रतिशत हैं। उन्होंने मांग की कि उत्तराखण्ड में मण्डी शुल्क को घटाकर 1 प्रतिशत एवं विकास उपकर को 5 प्रतिशत किए जाने पर विचार किया जाए, ताकि उद्योगों को राहत मिल सके और राज्य में निवेश को बढ़ावा मिले।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार उद्यमियों, किसानों एवं औद्योगिक विकास के हित में कार्य कर रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य में औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन एवं निवेश संवर्धन को दृष्टिगत रखते हुए मण्डी शुल्क एवं विकास उपकर से संबंधित मांग पर शीघ्र सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में पर्यटन विभाग बनाएगा मास्टर प्लान
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने सचिव पर्यटन को सभी धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण, प्रवेश- निकास व्यवस्था सहित अन्य जरूरी सुविधाएं जुटाने के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
गत 27 जुलाई को हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में हुई दुखद दुर्घटना के तत्काल बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मौका मुआयना कर, स्थिति का जायजा लिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थस्थलों पर आने वाले यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए विस्तृत मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री आरके सुधांशु ने सचिव पर्यटन को आदेश जारी करते हुए, जल्द से जल्द इस दिशा में कार्रवाई शुरु करने के निर्देश दिए हैँ। इसमें खासकर ऐसे तीर्थ स्थलों को शामिल किया जाएगा, जहां ज्यादा तीर्थ यात्री आते हैं। मास्टर प्लान के निर्माण और इसके क्रियान्वयन में दोनों मंडलों के मंडलायुक्तों का विशेष तौर पर सहयोग लेने के लिए कहा गया है। साथ ही स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि यदि तीर्थ स्थलों के मार्गों पर अवैध अतिक्रमण हुआ है तो उन्हें प्राथमिकता के आधार पर हटाया जाए।
मास्टर प्लान में शामिल होगा
भीड़ नियंत्रण व्यवस्था
धारण क्षमता का विकास
पृथक प्रवेश एवं निकास मार्ग
प्रतीक्षा के लिए अतिरिक्त स्थान
आपातकालीन निकासी व्यवस्था
स्वच्छ पेयजल, शौचालय, प्राथमिक उपचार
सुगठित सूचना एवं मार्गदर्शन प्रणाली
पार्किंग व्यवस्था
पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनानी
उत्तराखंड में प्रति वर्ष करोड़ों तीर्थ यात्री आते हैं। इसलिए तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए सभी तीर्थ स्थलों का मास्टर प्लान बनाया जाएगा। तीर्थ स्थलों के आस पास जनसुविधाएं विकसित करते हुए, यात्रा को ज्यादा सुव्यवस्थित किया जाएगा।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड