मसूरी: भारत के प्रख्यात यात्रा लेखक दंपती ह्यू गैंटज़र और कोलीन गैंटज़र को वर्ष 2025 का पद्म श्री सम्मान प्रदान किया गया है। यह सम्मान देश की साहित्यिक, सांस्कृतिक और मीडिया क्षेत्र में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए दिया गया है।
विशेष बात यह रही कि कोलीन गैंटज़र को यह पुरस्कार मरणोपरांत प्रदान किया गया, जबकि स्वास्थ्य कारणों से ह्यू गैंटज़र स्वयं पुरस्कार ग्रहण करने दिल्ली नहीं जा सके। इस परिस्थिति को देखते हुए उत्तराखंड सरकार के सचिव श्री शैलेश बगोली विशेष रूप से मसूरी स्थित उनके निवास पर पहुंचे और उन्हें यह सम्मान उनके घर पर ही सौंपा।
भारत की आत्मा को शब्दों में पिरोया
1950 के दशक से सक्रिय इस लेखक जोड़े ने भारत की संस्कृतिक विविधता, ऐतिहासिक विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य, और जनजीवन को जिस संजीवता और संवेदना से प्रस्तुत किया, वह अभूतपूर्व रहा है।
इनका चर्चित कॉलम “The Gantzer’s Travelogue” देशभर के प्रमुख समाचारपत्रों में वर्षों तक प्रकाशित होता रहा, जिसमें भारत के छोटे-बड़े कोनों की दुर्लभ जानकारियाँ, अनुभव और तस्वीरें साझा की जाती थीं। इसके अलावा, दूरदर्शन पर प्रसारित उनके यात्रा वृत्तांतों ने भारत के ग्रामीण अंचलों, तीर्थ स्थलों और ऐतिहासिक स्मारकों को देशवासियों के सामने रोचक अंदाज़ में प्रस्तुत किया।
यात्रा लेखन का युगांतकारी योगदान
गैंटज़र दंपती को भारत में यात्रा लेखन की आधारशिला रखने वालों में गिना जाता है। उस दौर में जब पर्यटन पत्रकारिता सीमित थी, उन्होंने भारत को भारतीयों की नजर से देखना और दिखाना सिखाया। उनकी लेखनी में केवल पर्यटन स्थल ही नहीं, बल्कि उस स्थल की आत्मा, वहाँ के लोग, रीति-रिवाज़ और बोलियों की झलक भी होती थी, जो उन्हें विशिष्ट बनाती है।
सरकार और साहित्य जगत से सराहना
उत्तराखंड सरकार ने गैंटज़र दंपती के योगदान को न केवल राज्य बल्कि पूरे भारत की सांस्कृतिक विरासत के लिए अमूल्य बताया है। साहित्य और मीडिया जगत से जुड़ी कई हस्तियों ने भी उन्हें सम्मान दिए जाने पर प्रसन्नता जताई है।
देहरादून : उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए नामांकन की प्रक्रिया शनिवार को पूरी हो गई। चुनावी माहौल के बीच जहां ग्राम प्रधान पदों के लिए जबरदस्त भागीदारी देखने को मिली, वहीं ग्राम पंचायत सदस्य पदों के लिए उम्मीद से काफी कम नामांकन सामने आए हैं। इससे राज्य निर्वाचन आयोग की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि बड़ी संख्या में पद रिक्त रह सकते हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, प्रारंभिक तीन दिनों में 66,418 पदों के लिए कुल 32,239 नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे। इनमें से ग्राम प्रधान पद के 7499 पदों पर 15,917 नामांकन दर्ज हुए, जबकि ग्राम पंचायत सदस्य के 55,587 पदों के लिए केवल 7235 नामांकन ही आए। शनिवार को नामांकन का अंतिम दिन था, लेकिन आयोग के अनुसार ग्राम पंचायत सदस्य पदों के प्रति उत्साह अपेक्षाकृत कम ही रहा।
नामांकन के बाद अगला चरण
अब आयोग 7 से 9 जुलाई तक नामांकन पत्रों की जांच करेगा। इसके बाद दोनों चरणों के लिए नाम वापसी की तिथि 10 और 11 जुलाई तय की गई है। पहले चरण का चुनाव चिह्न 14 जुलाई को आवंटित किया जाएगा और मतदान 24 जुलाई को होगा। वहीं, दूसरे चरण के लिए 18 जुलाई को चुनाव चिह्न दिए जाएंगे और 28 जुलाई को मतदान कराया जाएगा। 31 जुलाई को दोनों चरणों की मतगणना होगी, जिसके साथ ही पंचायत चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे।
सदस्य पदों पर कम नामांकन क्यों?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ग्राम पंचायत सदस्य पद को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी हो सकती है। इसके अलावा, कई स्थानों पर मतदान क्षेत्र छोटे होने के कारण लोग प्रतिस्पर्धा से बचते हैं या फिर बिना नामांकन ही निर्विरोध चुने जाने की रणनीति अपनाते हैं।राज्य निर्वाचन आयोग अब इस विषय पर अध्ययन करेगा कि आखिर इतने बड़े स्तर पर नामांकन कम क्यों हुए और भविष्य में इसे कैसे सुधारा जा सकता है।
चुनावी गणित में महिलाओं और युवाओं की दिलचस्पी
ग्राम प्रधान पदों के नामांकन में इस बार महिलाओं और युवाओं की भागीदारी पहले की तुलना में बढ़ी है। कई जिलों से सामने आ रही रिपोर्टों के अनुसार, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन और पंचायत में पारदर्शिता को लेकर महिला उम्मीदवारों ने सक्रियता दिखाई है।
खेल संस्कृति को मजबूत करने पर दिया जोर
टनकपुर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को पर्यटक आवास गृह, टनकपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चम्पावत जनपद के विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं से बाल संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत सीधा संवाद स्थापित किया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यालयों में खेल गतिविधियों की प्रगति की जानकारी प्राप्त करना तथा खिलाड़ियों से उनकी आवश्यकताओं और सुझावों पर चर्चा करना रहा।
मुख्यमंत्री ने रा.इ.का. चम्पावत के गौरव, रा.इ.का. पाटी की प्रीति, रा.बा.इ.का. टनकपुर की कंचन, रा.इ.का. चौमेल के सागर एवं रा.बा.इ.का. चम्पावत की मोनिका से बातचीत कर खेल सुविधाओं, संसाधनों और प्रशिक्षण संबंधी जानकारी ली। विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना से नियमित लाभान्वित हो रहे हैं, जिससे उनके खेल कौशल को संवारने में मदद मिल रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे पढ़ाई के साथ खेलों को भी बराबर महत्व दें। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड केवल देवभूमि नहीं, बल्कि खेलभूमि के रूप में भी अपनी पहचान बना रहा है। उन्होंने युवाओं को अमृतकाल का सारथी बताते हुए अनुशासन, समय प्रबंधन और कठिन परिश्रम के महत्व पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार खेल प्रतिभाओं को सशक्त मंच देने और खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने राज्य की खेल नीति और मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना जैसे प्रयासों को युवाओं के सर्वांगीण विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।
इस अवसर पर चम्पावत, पाटी, चौमेल, टनकपुर और चमदेवल क्षेत्र के विद्यालयों के छात्र-छात्राएं और शिक्षण स्टाफ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
जेपीएनआईसी को एलडीए को सौंपने पर अखिलेश यादव का भाजपा पर तीखा हमला
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर जेपीएनआईसी (जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर) को लेकर योगी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने केंद्र को लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) को सौंपे जाने के फैसले को जेपी के विचारों और समाजवादी मूल्यों का अपमान बताया।
अखिलेश यादव ने कहा कि जेपीएनआईसी की स्थापना समाजवाद और जयप्रकाश नारायण के योगदान को सम्मान देने के उद्देश्य से की गई थी, और इसमें जॉर्ज फर्नांडीज, नेताजी (मुलायम सिंह यादव) और मोहन सिंह जैसे बड़े नेता शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार इसे एलडीए को सौंपकर उसकी महत्ता को समाप्त करना चाहती है।
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने सवाल उठाया, “जिन लोगों ने जेपीएनआईसी को बर्बाद कर दिया, वे अब बिहार जाकर जेपी के नाम पर वोट कैसे मांगेंगे?” उन्होंने एलडीए की कार्यप्रणाली पर भी तंज कसते हुए कहा कि भाजपा के बनवाए बाजार ‘कबूतरखाना’ जैसे लगते हैं।
कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि प्रदेश में अपराध लगातार बढ़ रहे हैं और सबसे अधिक सुनारों की हत्याएं हो रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कई अपराधों में भाजपा नेताओं की संलिप्तता है।
प्रेस वार्ता के दौरान अखिलेश यादव ने तेंदुए से संघर्ष कर जान बचाने वाले एक श्रमिक को दो लाख रुपये की सहायता राशि का चेक भी सौंपा। उन्होंने पुनः दोहराया कि समाजवादी पार्टी जेपीएनआईसी को खरीदने को तैयार है।
देवभूमि से शिवधाम की ओर पहला कदम: मुख्यमंत्री धामी ने किया कैलाश मानसरोवर यात्रा का शुभारंभ
टनकपुर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को टनकपुर स्थित पर्यटन आवास गृह से कैलाश मानसरोवर यात्रा के पहले दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यात्रियों का पारंपरिक रूप से स्वागत किया तथा उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े स्मृति चिह्न भेंट किए।
मुख्यमंत्री ने 11 राज्यों से आए सभी श्रद्धालुओं से संवाद कर उनका देवभूमि उत्तराखंड में हार्दिक स्वागत किया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने का सौभाग्य हर किसी को नहीं मिलता, यह केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मिक और आध्यात्मिक जागरण का मार्ग है। उन्होंने कहा श्रद्धालु इस अद्वितीय यात्रा के सहभागी बनकर केवल यात्रा नहीं, बल्कि समर्पण की अनुभूति लेकर जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की पवित्र धरती के कण-कण में भगवान शिव का वास है। यह यात्रा अब केवल भौगोलिक मार्ग नहीं रही, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और दृढ़ संकल्प से यह सीमाओं को लांघते हुए शिव से साक्षात्कार का सशक्त माध्यम बन गई है। पहले जिस यात्रा में सात दिन या उससे अधिक का समय लगता था, अब वह कुछ ही घंटों में संभव हो सकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार इस यात्रा को सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए पूरी तरह समर्पित है। प्रत्येक पड़ाव पर स्वास्थ्य, आवास, भोजन, सुरक्षा और अन्य आवश्यक सुविधाएं सुदृढ़ की गई हैं, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने भगवान भोलेनाथ से सभी यात्रियों की सफल, मंगलमय और सुरक्षित यात्रा की कामना की।
इस अवसर पर सभी श्रद्धालुओं ने चम्पावत वासियों के आत्मीय व्यवहार के लिए आभार व्यक्त किया और यात्रा को स्मरणीय व सुरक्षित बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार की उत्कृष्ट व्यवस्थाओं की सराहना की।
इस दौरान आयुक्त कुमाऊं मंडल दीपक रावत, आईजी आईटीबीपी और जन सम्पर्क अधिकारी कैलाश मानसरोवर यात्रा संजय गुंजियाल, पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊं मंडल रिद्धिम अग्रवाल,प्रबंध निदेशक कुमाऊं मंडल विकास निगम विनीत तोमर, जिलाधिकारी चम्पावत मनीष कुमार, जिलाधिकारी पिथौरागढ़ विनोद गोस्वामी, पुलिस अधीक्षक चम्पावत अजय गणपति मौजूद थे।
अनुराग बसु की निर्देशित नई फिल्म ‘मेट्रो इन दिनों’ आखिरकार सिनेमाघरों में पहुंच गई है। अपने म्यूजिकल और इमोशनल टच की वजह से चर्चा में रही यह फिल्म रिलीज से पहले काफी सुर्खियां बटोर चुकी थी। लेकिन जब बात पहले दिन के बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन की आई, तो आंकड़े उम्मीद से कम निकले।
ओपनिंग डे पर 2.63 करोड़ की कमाई
आदित्य रॉय कपूर, सारा अली खान, पंकज त्रिपाठी, कोंकणा सेन शर्मा, फातिमा सना शेख, नीना गुप्ता और अली फज़ल जैसे सितारों से सजी इस मल्टीस्टारर फिल्म ने पहले दिन सिर्फ 2.63 करोड़ रुपये का कारोबार किया। सैकनिल्क के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, यह कलेक्शन फिल्म के बजट के मुकाबले काफी कम है।
100 करोड़ के बजट वाली फिल्म के लिए कमजोर शुरुआत
बताया जा रहा है कि फिल्म का कुल बजट करीब 100 करोड़ रुपये है। ऐसे में पहले दिन की कमाई औसत से भी नीचे मानी जा रही है। आमतौर पर, किसी भी फिल्म का अगर शुरुआती दिन का कलेक्शन बजट का 10% हो तो उसे औसत ओपनिंग माना जाता है, जबकि 20% या उससे ऊपर की कमाई एक अच्छी शुरुआत मानी जाती है। ‘मेट्रो इन दिनों’ इन मानकों पर काफी पीछे नजर आती है।
2025 की मल्टीस्टारर फिल्मों में स्थिति कमजोर
साल 2025 की अन्य मल्टीस्टारर फिल्मों से तुलना करें तो ‘मेट्रो इन दिनों’ का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। यह फिल्म सिर्फ ‘इमरजेंसी’ और ‘मेरे हसबैंड की बीवी’ से थोड़ा बेहतर कर पाई है, जो खुद बॉक्स ऑफिस पर असफल रही हैं।
भावनाओं और रिश्तों की कहानी
‘मेट्रो इन दिनों’ रिश्तों, प्यार और जिंदगी के उतार-चढ़ाव को म्यूजिकल अंदाज़ में पेश करती है। फिल्म में अलग-अलग उम्र और सोच के जोड़ों की कहानियां बुनी गई हैं, जिसमें इमोशनल पहलुओं को खास तौर पर उभारा गया है। दर्शकों ने इसके म्यूजिक और कहानी की सराहना की है। यह फिल्म 2007 में आई ‘लाइफ इन अ मेट्रो’ की आधिकारिक सीक्वल मानी जा रही है।
(साभार)
90वें जन्मदिन से पहले दीर्घायु प्रार्थना में शामिल हुए दलाई लामा, उत्तराधिकारी की अटकलों पर तोड़ी चुप्पी
धर्मशाला में अनुयायियों से कहा— भारत में भी मानवता की भलाई के लिए कर रहा हूं कार्य
धर्मशाला। तिब्बती धर्मगुरु 14वें दलाई लामा तेंजिन ग्योत्सो ने अपने उत्तराधिकारी को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए स्पष्ट किया कि वह आगामी 30 से 40 वर्षों तक जीवित रहने की उम्मीद रखते हैं। उन्होंने यह बात शनिवार को अपने 90वें जन्मदिवस से पहले आयोजित दीर्घायु प्रार्थना सभा में कही।
मैक्लोडगंज स्थित मुख्य त्सुगलागखांग मंदिर में आयोजित समारोह में दलाई लामा ने कहा कि उन्हें लगातार संकेत मिल रहे हैं कि करुणा के देवता अवलोकितेश्वर का आशीर्वाद उनके साथ है। उन्होंने कहा, “मैंने अपनी ओर से सदैव सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया है। आपकी प्रार्थनाएं असरदार रही हैं और मुझे विश्वास है कि मैं आगे भी लोगों की सेवा करता रहूंगा।”
उन्होंने निर्वासन की स्थिति पर भी बात की। कहा, “हालांकि हमने अपना देश खोया है और हम भारत में निर्वासित जीवन जी रहे हैं, फिर भी मैं यहां रहकर लोगों की सहायता करने में सक्षम हूं।”
जन्मदिवस समारोह और आगंतुक:
90वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में दो दिवसीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, हॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गेरे समेत कई गणमान्य अतिथि शामिल हुए हैं। रविवार को आधिकारिक जन्मदिन के मौके पर केक काटा जाएगा और दलाई लामा अपने अनुयायियों को आशीर्वाद देंगे।
इस आयोजन में शामिल होने के लिए दुनियाभर के 48 देशों से हजारों अनुयायी धर्मशाला पहुंचे हैं। सुरक्षा एजेंसियां पूरे आयोजन को लेकर सतर्क हैं। हालांकि सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग का कार्यक्रम अंतिम क्षणों में रद्द हो गया।
अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खानपान के चलते दिल का दौरा किसी को भी पड़ सकता है, लेकिन हार्ट अटैक की रोकथाम आपके कंट्रोल में हो सकती है। आमतौर पर बढ़ती उम्र के साथ हार्ट से जुड़ी समस्या या फिर हार्ट अटैक का खतरा अधिक रहता है, लेकिन आज के समय में युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। युवाओं में हार्ट अटैक का सबसे महत्वपूर्ण कारण लाइफस्टाइल है। हालांकि, दिल के दौरे के कई कारण होते हैं। इसका जोखिम कम करने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल बहुत ही आवश्यक है। आइये जानते हैं युवाओं में क्यों बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले?
अब हार्ट अटैक सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी नहीं रही…”
आज के दौर में 24 से 45 वर्ष की उम्र के युवा भी हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। डॉक्टरों की मानें तो ये आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं और इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है गलत जीवनशैली।
मेडिकल रिपोर्ट क्या कहती है?
एसएन मेडिकल कॉलेज, आगरा की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में हुए:
400 एंजियोग्राफी
175 एंजियोप्लास्टी
25 पेसमेकर सर्जरी में से लगभग 20% मरीज 30 से 45 वर्ष के बीच के थे।
सबसे कम उम्र का हृदय रोगी 24 साल का था।
युवाओं में हार्ट अटैक के प्रमुख कारण:
कम नींद और मोबाइल की लत
देर रात तक स्क्रीन देखना, तकिए के पास मोबाइल रखना, बार-बार नोटिफिकेशन चेक करना – ये सब नींद की गुणवत्ता को खराब कर रहे हैं।
तनाव और अत्यधिक वर्कलोड
नौकरी का प्रेशर, निजी जीवन में असंतुलन और बिना ब्रेक के काम करना मानसिक और शारीरिक थकावट ला रहा है।
धूम्रपान और शराब का सेवन
यह दिल की धमनियों को कमजोर बनाता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाता है।
फिटनेस की कमी और फास्ट फूड का सेवन
शारीरिक गतिविधि की कमी और तेल-मसाले वाले खाने से धमनियों में वसा जम जाती है, जिससे ब्लॉकेज हो जाती है।
हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज
ये सभी फैक्टर हार्ट के लिए बेहद खतरनाक हैं और बिना लक्षण के धीरे-धीरे दिल को नुकसान पहुंचाते हैं।
- हार्ट अटैक से बचाव के आसान उपाय:
- रोजाना कम से कम 30 मिनट वॉक या एक्सरसाइज करें
7-8 घंटे की गहरी नींद जरूर लें
मोबाइल का उपयोग सोने से कम से कम 1 घंटे पहले बंद करें
धूम्रपान और शराब से पूरी तरह बचें
घर का बना संतुलित आहार लें
समय-समय पर ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं
हर 6 महीने में हार्ट चेकअप करवाएं (विशेषकर अगर परिवार में हार्ट डिजीज का इतिहास है)
(साभार)
चम्पावत। खटीमा के नगरा तराई क्षेत्र में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को अपने खेत में धान की रोपाई कर किसानों के परिश्रम, त्याग और समर्पण को नमन किया। उन्होंने कहा कि खेतों में उतरकर पुराने दिनों की यादें ताजा हो गईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्नदाता न केवल हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, बल्कि वे हमारी संस्कृति और परंपराओं के संवाहक भी हैं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत “हुड़किया बौल” के माध्यम से भूमि के देवता भूमियां, जल के देवता इंद्र और छाया के देवता मेघ की वंदना भी की। मुख्यमंत्री के इस सांस्कृतिक जुड़ाव और कृषकों के साथ आत्मीय सहभाग ने क्षेत्रीय जनता को गहरे स्तर पर प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री धामी की यह पहल उत्तराखंड की ग्रामीण संस्कृति, कृषकों की अहमियत और पारंपरिक लोककलाओं के संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।
देहरादून। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री के रूप में चार साल पूरे होने पर उन्हें शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इन चार वर्षों में उत्तराखंड ने विकास के कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा और मार्गदर्शन में राज्य की धामी सरकार ने उत्तराखंड को एक आदर्श और श्रेष्ठ राज्य के रूप में स्थापित किया है। राज्य की धामी सरकार ने 4 वर्षों में समान नागरिक संहिता, सख्त नकल विरोधी कानून, सख्त धर्मांतरण कानून, दंगारोधी कानून लागू कर सुशासन के संकल्प को पूरा करने के साथ-साथ लैंड जिहाद, लव जिहाद, अवैध मदरसों व अतिक्रमण पर कार्रवाई कर सरकार को जनता के प्रति जवाबदेह बनाया है।
महाराज ने कहा कि पुष्कर सिंह धामी सरकार ने राज्य में सख्त भू-कानून लागू कर देवभूमि के मूल स्वरूप की रक्षा हेतु अपनी प्रतिबद्धता को साबित करके दिखाया है। धामी सरकार की नीतियों के कारण प्रदेश में बेरोजगारी दर तेजी से घटी है जो कि राष्ट्रीय औसत से भी कम है।”
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पिछले चार वर्षों में अनेक कार्य किए हैं जिसके परिणामस्वरूप चारधाम यात्रा पर रिकॉर्ड श्रृद्धालु उत्तराखंड आये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत-2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में धामी सरकार निश्चित रूप से आगामी वर्षों में प्रदेश को विकास की नई ऊंचाईयों पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी।