यदि आप लंबे समय तक नींद न आने यानी अनिद्रा की समस्या से ग्रस्त हैं, तो यह खबर आपको राहत पहुंचा सकती है। शोधकर्ताओं ने भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति से इस समस्या का समाधान तलाशने में सफलता पाई है। शोधकर्ताओं ने शिरोधारा और अश्वगंधा तेल के साथ शमन चिकित्सा को अनिद्रा की समस्या से छुटकारा दिलाने में उपयोगी पाया है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अधीन कार्यरत शिलांग स्थित पूर्वोत्तर आयुर्वेद एवं होम्योपैथी संस्थान (North Eastern Institute Of Ayurveda & Homoeopathy) की शोध पत्रिका ‘आयुहोम’ में प्रकाशित एक हालिया वैयक्तिक अध्ययन के अनुसार, अनिद्रा से संबंधित समस्याओं को दूर करने में आयुर्वेद की प्रभावकारिता के नए प्रमाण मिले हैं। यह अध्ययन जयपुर स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (National Institute Of Ayurveda) के एसोसिएट प्रोफेसर और पंचकर्म विभाग के प्रमुख डॉ गोपेश मंगल और दो शोधार्थियों निधि गुप्ता व प्रवीश श्रीवास्तव ने किया है।
चिकित्सा विज्ञान ने अपर्याप्त नींद को मोटापे से लेकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के कम होने तक कई स्वास्थ्य समस्याओं से जोड़ा है। आयुर्वेद भी नींद या निद्रा को स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानता है। आयुर्वेद भी पर्याप्त नींद को सुख और अच्छे जीवन के लिए आवश्यक आयामों में से एक मानता है। पूर्ण निद्रा दिमाग को एक सुकून से भरी हुई मानसिक स्थिति की ओर ले जाती है। अनिद्रा को चिकित्सकीय रुप से उन्निद्रता से सहसंबंधित किया जा सकता है जो दुनिया भर में नींद न आने की एक आम समस्या है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार बेहतर स्वास्थ्य पूर्ण शारीरिक, मानसिक या सामाजिक कल्याण की अवस्था है और साथ ही किसी भी बीमारी की अनुपस्थिति है। नींद इसका एक आवश्यक पहलू है। अनियमित जीवन शैली, तनाव और अन्य अप्रत्याशित पर्यावरणीय कारकों की वजह से ही वर्तमान समय में बड़ी संख्या में लोगों को नींद न आने की समस्या होने लगी है। अमेरिका के नेशनल स्लीप फाउंडेशन के एक अनुमान के अनुसार, दुनिया भर में लगभग एक तिहाई लोग नींद की समस्या से पीड़ित हैं।
ऐसी स्थिति को देखते हुए अनिद्रा की समस्या को दूर करने के लिए आयुर्वेद की पारंपरिक पंचकर्म चिकित्सा की क्षमताओं को उपयोग में लाया जा सकता है। इस वैयक्तिक अध्ययन के दौरान मिले सकारात्मक परिणाम आयुर्वेद की प्रभावशीलता का प्रमाण देते हैं। इस अध्ययन की रिपोर्ट में बताया गया है कि, आयुर्वेद उपचार से अनिद्रा से पीड़ित व्यक्ति की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। अध्ययन में उन सभी लक्षणों की उपचार से पहले और बाद में की गई गहन परीक्षा और मूल्यांकन ग्रेडिंग शामिल थी, जिन्हें आंकलन के लिए चुना गया था। इनमें जम्हाई आना, उनींदापन, थकान होना तथा नींद की गुणवत्ता आदि शामिल थे और सभी मापदंडों में सुधार देखा गया।
अध्ययन के अनुसार शिरोधारा और अश्वगंधा तेल के साथ शमन चिकित्सा अनिद्रा को दूर करने में उपयोगी साबित हुई है। अध्ययन में पाया गया कि शिरोधारा केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के कार्य को सामान्य करने में मदद करता है। तंत्रिका तंत्र को आराम और सिर में रक्त के संचलन को संतुलित करता है। साथ ही उत्तेजित वात दोष को शांत करता है। इसमें अश्वगंधा तेल के साथ-साथ अन्य जड़ी-बूटियों का प्रयोग कर रोगियों का उपचार किया गया।