केदारनाथ उपचुनाव में बीजेपी के सिर सजा ताज..
उत्तराखंड: भारतीय जनता पार्टी बीजेपी ने उत्तराखंड का केदारनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव जीत लिया हैं। उत्तराखंड के केदारनाथ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजों ने सभी को चौंका दिया है। हालांकि, राजनीतिक पार्टियों जहां एक ओर अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत का दम भर रही थीं, तो वहीं नतीजे सामने आने के बाद अब राजनीतिक पार्टियां चुनाव का विश्लेषण करने पर जोर दे रही हैं। मंगलौर और बदरीनाथ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद धामी सरकार के नेतृत्व में भाजपा ने केदारनाथ उपचुनाव को भारी बहुमत से जीत लिया है। भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल केदारनाथ उपचुनाव में बड़े अंतर से विजयी हुई हैं। ऐसे में भाजपा के उपचुनाव जीतने के क्या रहे हैं महत्वपूर्ण फैक्टर?
केदार घाटी में धार्मिक और मुस्लिम फैक्टर..
उत्तराखंड राज्य में धार्मिक और मुस्लिम फैक्टर का काफी असर देखा जा रहा है। हालांकि केदारनाथ विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ना के बराबर है। बावजूद इसके प्रदेश के तमाम हिस्सों में मुस्लिम फैक्टर का असर केदारनाथ विधानसभा सीट पर भी देखने को मिला है। यही वजह रही कि केदारनाथ विधानसभा सीट पर भाजपा को धार्मिक और मुस्लिम फैक्टर की वजह से काफी फायदा मिला है।
उपचुनाव से पहले धामी सरकार की तमाम बड़ी सौगातें..
केदारनाथ उपचुनाव की तिथियां का ऐलान होने से पहले ही धामी सरकार ने केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के लिए सौगातों का पिटारा खोल दिया था। 31 जुलाई को केदार घाटी में आई आपदा की वजह से करीब एक महीने तक केदारनाथ यात्रा प्रभावित रही थी। जिसके चलते धाम में सरकार ने स्थानीय व्यापारियों और लोगों को राहत पहुंचाने के लिए न सिर्फ पैकेज दिया, बल्कि केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए तमाम योजनाओं को मंजूरी देते हुए वित्तीय स्वीकृति भी दी। ऐसे में भाजपा को केदारनाथ विधानसभा सीट पर मिली जीत में एक फैक्टर धामी सरकार की ओर से दी गई सौगातें और घोषणाएं भी मानी जा रही हैं।
केदारनाथ उपचुनाव में सरकार की मुस्तैदी..
केदारनाथ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान सरकार की काफी अधिक मुस्तादी क्षेत्र में देखने को मिली। बता दे कि मंगलौर और बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर भाजपा को मिली करारी हार के बाद भाजपा केदारनाथ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव को हारना नहीं चाहती थी। यही वजह थी कि भाजपा संगठन ने केदारनाथ उपचुनाव में न केवल पांच मंत्रियों को चुनाव की जिम्मेदारी दी, बल्कि तमाम नेताओं को भी धरातल पर काम करने के लिए भेजा।ताकि केदारनाथ उपचुनाव को हर हाल में बीजेपी जीत सके. कुल मिलाकर केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में सरकार की मुस्तैदी का असर रहा कि भाजपा ने केदारनाथ उपचुनाव को भारी बहुमत से जीत लिया है।
बता दे कि उत्तराखंड राज्य गठन के बाद इस साल जुलाई से पहले तक रूलिंग पार्टी का ही उपचुनाव को जीतने का रिकॉर्ड था। लेकिन जुलाई में हुए मंगलौर और बद्रीनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव में रूलिंग पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। यही नहीं, इससे पहले भी एक दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे रूलिंग पार्टी के अपोजिट दिखाई दिए। हालांकि केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में रूलिंग पार्टी के चुनाव जीतने का फैक्टर देखने को मिला।दरअसल रूलिंग पार्टी के चुनाव जीतने से एक बड़ा फायदा यही होता है कि उस क्षेत्र में विकास के कार्य की गति और अधिक तेज हो जाती है।
पीएम मोदी की आस्था और विकास कार्यों पर सक्रियता..
केदारनाथ धाम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आस्था जुड़ी हुई है। यह बात केदार घाटी की जनता बखूबी जानती है. साल 2013 में केदार घाटी में आई भीषण आपदा के बाद केदार घाटी में पुनर्निर्माण के कार्यों को तेज गति से किया गया था। इसके साथ ही साल 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद न सिर्फ केदार घाटी के लिए भारत सरकार ने कई बड़ी सौगातें दी हैं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद समय-समय पर केदार घाटी में चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण भी करते रहे हैं। यही वजह रही कि उपचुनाव के दौरान भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बाबा केदार में आस्था और विकास कार्यों के प्रति सक्रियता को भी एक बड़ा मुद्दा बनाया, जिसका असर केदार घाटी में देखने को मिला।
भाजपा के ब्राह्मण कैंडिडेट का फैक्टर..
केदारनाथ उपचुनाव में भाजपा ने प्रदेश महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल को प्रत्याशी बनाया। जिसका एक बड़ा फैक्टर यह था कि आशा नौटियाल ब्राह्मण हैं और केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में बड़ी तादाद में ब्राह्मण हैं। ऐसे में ब्राह्मण जाति के लोगों को टारगेट करने के लिए भाजपा का यह फार्मूला कामयाब हो गया। यही नहीं इस उपचुनाव के दौरान धार्मिक फैक्टर की वजह से ब्राह्मण जाति के लोग न सिर्फ एकजुट हो गए, बल्कि आशा नौटियाल के प्रत्याशी बनने की वजह से भी ब्राह्मण जाति के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाजपा को अपना समर्थन दिया।
निर्दलीय प्रत्याशी त्रिभुवन ने कांग्रेस के मतदाताओं में लगाई सेंध..
केदारनाथ उपचुनाव में एक बड़ा फैक्टर ये भी रहा कि जहां एक ओर भाजपा को अपने कैडर वोटरों का वोट तो मिला ही, वहीं धार्मिक मुद्दों की वजह से भाजपा को ब्राह्मण, ठाकुर और एससी/ एसटी जाति के लोगों का वोट भी मिला है। जबकि कांग्रेस का मतदाता बंटता दिखाई दिया। इसकी मुख्य वजह निर्दलीय प्रत्याशी त्रिभुवन सिंह का चुनावी मैदान में खड़ा होना था। कांग्रेस का वोट बंटने की वजह से भाजपा को चुनाव जीतने में एक और बड़ा फायदा मिला। इसका नतीजा रहा कि भाजपा केदारनाथ उपचुनाव को जीत गई।
दिल्ली पहुंचीं मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, ‘उत्तराखंड निवास’ की तैयारियों का लिया जायजा..
उत्तराखंड: दिल्ली में छह नवंबर को नवनिर्मित उत्तराखंड निवास का शुभारंभ होने जा रहा है। इससे पहले मुख्य सचिव राधा रतूड़ी दिल्ली पहुंचीं और उन्होंने तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने निर्देश दिए कि सीएम के विजन के अनुरूप राज्य स्थापना दिवस का भव्य आयोजन किया जाए। यह आयोजन दिल्ली में रहने वाले उत्तराखंड मूल के अधिकारियों, कार्मिकों और प्रवासियों की भागीदारी से किया जाएगा। बैठक में सचिव ऊर्जा डॉ. आर. मीनाक्षी सुन्दरम, परियोजना प्रबंधक राकेश चन्द तिवारी, सहायक अभियन्ता प्रमोद कुमार कोठियाल और उत्तराखंड सदन के विशेष कार्याधिकारी रंजन मिश्रा सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों के बारे में स्पष्ट निर्देश दिए गए, ताकि आयोजन भव्य और प्रभावी हो।
पीएम मोदी के 74वें जन्मदिन पर CM धामी ने दी शुभकामनाएं..
उत्तराखंड: आज देश के पीएम नरेंद्र मोदी का 74वां जन्मदिन मनाया जा रहा हैं। पीएम मोदी अपने 74वें जन्मदिन पर जहां ओडिशा की राजदानी भुवनेश्वर के गड़कना में 26 लाख पीएम आवास घरों का उद्घाटन किया, वही सुभद्रा योजना का शुभारंभ भी किया। इधर देशभर में पीएम मोदी के जन्मदिन पर हुए ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम आयोजित है। देहरादून में ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी पहुंचे। उन्होंने लोगों को स्वच्छ भारत की शपथ दिलाई। इस मौके पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘उत्तराखंड की जनता की ओर से मैं पीएम मोदी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। मैं उनकी लंबी उम्र की कामना करता हूं। उनके नेतृत्व में देश ने काफी तरक्की की है और आगे भी करता रहेगा।
आपको बता दे कि नरेंद्र मोदी ने 2014 में पहली बार भारत का प्रधानमंत्री बनने पर 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया था। तब से समय-समय पर स्वच्छ भारत अभियान चलता है। इस बार 2 अक्टूबर तक ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम चलेगा। अभियान में स्वच्छता में जन भागीदारी, सम्पूर्ण स्वच्छता तथा सफाई मित्र सुरक्षा शिविरों का आयोजन हो रहा है। कार्यक्रम का उद्देश्य स्वभाव स्वच्छता और संस्कार में स्वच्छता है। कहा गया है कि स्वच्छता और पवित्रता देवत्व के समीप है।
कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड के सभी जनपदों के सभी परंपरागत और चुनौतीपूर्ण कचरा स्थलों (ब्लैक स्पॉट) को चिन्हित किया जाएगा। सामूहिक श्रमदान के माध्यम से इन स्थानों को साफ किया जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर और विकास खंड स्तर से इसकी सूचना प्राप्त कर फोटोग्राफ्स वेबसाइट पर ऑनलाइन किए जाएंगे। ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों एवं सार्वजनिक उपक्रमों, गंदे स्थलों का चुनाव करके स्वच्छता लक्षित इकाई के रूप में चयन करते हुए एक अक्टूबर 2024 तक लगातार अभियान संचालन होगा। उत्तराखंड के सीएम धामी ने स्वच्छता ही सेवा-2024 कार्यक्रम में लोगों को शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि स्वच्छता कार्यक्रम की सफलता के लिए जनजागरूकता एवं जनभागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है। सभी लोग प्रशासन के साथ मिलकर ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम को सफल बनाएं।
रेल, बांध, आपदा और बिजली परियोजनाओं के लिए मोदी सरकार से आस,इस महीने आएगा बजट..
उत्तराखंड: अगले पांच वर्ष में राज्य की आर्थिक विकास दर को दोगुना करने के उद्देश्य से राज्य सरकार अपनी जिन ढांचागत विकास जुड़ी योजनाओं को जमीन पर उतारने की कोशिश कर रही है, उसमें वह मोदी सरकार उदार सहयोग चाहती है।यही वजह है कि केंद्र सरकार के बजट से ऐन पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पीएम, गृहमंत्री से लेकर केंद्र के सभी प्रमुख मंत्रियों के दरवाजे पर दस्तक दी ताकि राज्य की प्रस्तावित योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र से सहायता मिल सके।ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना पर काम तेजी से चल रहा है।
नया प्रस्ताव केंद्र के समक्ष रखा
अब सरकार का फोकस टनकपुर-बागेश्वर और ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल परियोजना पर है। इसलिए सरकार इन दोनों परियोजनाओं में आवश्यक प्रावधान चाहती है। साथ ही सरकार ने देहरादून-मसूरी रेल परियोजना का एक नया प्रस्ताव केंद्र के समक्ष रखा है। सरकार राज्य की दो महत्वपूर्ण जमरानी और सौंग बांध परियोजनाओं के लिए भी केंद्र से मदद चाहती है। दोनों परियोजनाओं पर फिलहाल सरकार ने अपने संसाधनों से काम शुरू कर दिया है। लेकिन परियोजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए केंद्र की वित्तीय सहायता जरूरी है। पीएमजीएसवाई और जल जीवन मिशन के कार्य तय समय सीमा के अनुरूप नहीं बन पाए हैं।
ऊर्जा की डिमांड लगातार बढ़ रही
सरकार चाहती है कि केंद्र इस योजना की समय-सीमा को बढ़ा दे। राज्य में औद्योगिक निवेश और आर्थिक गतिविधियों में हो रहे विस्तार के लिए ऊर्जा की डिमांड लगातार बढ़ रही है। पानी से बिजली बनाने की भरपूर क्षमता होने के बावजूद सरकार परियोजनाओं पर काम नहीं कर पा रही है। 25 हजार मेगावाट क्षमता के राज्य में केवल 4200 मेगावाट क्षमता की दोहन हो पाया है। इसलिए सरकार 4800 मेगावाट की उन 44 जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण पर लगी रोक को हटाने के लिए भी केंद्र से गुहार लगा रही है। सीएम धामी इस बाबत पीएम से भी हस्तक्षेप करने का अनुरोध कर चुके हैं। सरकार यह भी चाहती है कि एसडीआरएफ योजना की परिधि में हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन व वनाग्नि को भी शामिल किया जाए। प्राकृतिक आपदा के लिहाज से संवेदनशील राज्य में सरकार चाहती है कि केंद्र सरकार चमोली, चंपावत या पिथौरागढ़ में से किसी एक जिले में क्रोनिक लैंड स्लाइड के ट्रीटमेंट के लिए राष्ट्रीय महत्व के शोध संस्थान की स्थापना करे।
आज से शुरू होगा 18वीं लोकसभा का पहला सत्र..
उत्तराखंड: 18वीं लोकसभा का पहला सत्र आज से शुरु हो गया है। इस दौरान पीएम मोदी ने अपनी बात मीडिया के सामने रखी। उन्होनें सभी सांसदों का स्वागत किया। इसी के साथ पीएम मोदी ने आपातकाल की तारीख पर बोलते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा।पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारे संसदीय लोकतंत्र के लिए खुशी का अवसर है। आज आजादी के बाद पहली बार हम इस नई संसद में शपथ ग्रहण समारोह मना रहे हैं। अभी तक ऐसा पुरानी संसद में होता था। इस मौके पर पीएम ने सभी सांसदों का स्वागत किया और उन्हें बधाई दी।
इस दौरान पीएम मोदी ने आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उनका कहना हैं कि कल 25 जून है। 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर लगे उस कलंक के 50 साल पूरे हो गए हैं। भारत की नई पीढ़ी कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह से नकार दिया गया था, संविधान के हर हिस्से की धज्जियां उड़ा दी गई थीं, देश को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबा दिया गया था। पीएम मोदी ने कहा कि अपने संविधान, भारत के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए देशवासी संकल्प लेंगे कि भारत में दोबारा कोई ऐसा करने की हिम्मत न कर सके, जो 50 साल पहले किया गया था। हम एक जीवंत लोकतंत्र का संकल्प लेंगे। हम भारत के संविधान के निर्देशों के अनुसार सामान्य मानवी के सपनो को पूरा करने का संकल्प लेंगे।
उत्तराखंड में पहली बार हुआ ऐसा, पूरे जिले में लागू नहीं हुई आचार संहिता..
उत्तराखंड: देवभूमि उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि विधानसभा उपचुनाव में पूरे जिले के बजाए केवल संबंधित विधानसभा में ही चुनाव आचार संहिता लागू हुई है। इससे पहले विधानसभा के पूरे जिले में आचार संहिता लागू होती थी। चुनाव आयोग ने जनवरी में नियमों में बदलाव किया था, जो अब लागू हो गया है। बता दे कि नए नियमों के तहत अगर किसी जिले में नगर निगम है तो वहां उप चुनाव होने पर केवल संबंधित विधानसभा क्षेत्र में ही आदर्श आचार संहिता लागू होगी।
चूंकि, हरिद्वार जिले में दो नगर निगम हरिद्वार और रुड़की हैं, इसलिए यह नियम यहां लागू हो गया है। यहां केवल मंगलौर विधानसभा क्षेत्र में ही आचार संहिता लागू हुई है। इस विधानसभा क्षेत्र में ही तीन साल से अधिक समय से जमे अफसर हटेंगे। इस क्षेत्र में होने वाले नए कार्यों के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित स्क्रीनिंग समिति चुनाव आयोग को प्रस्ताव भेजेगी, जिस पर आयोग फैसला लेगा।
वहीं चमोली जिले में कोई नगर निगम नहीं है। लिहाजा, यहां की बद्रीनाथ विधानसभा उपचुनाव के चलते पूरे जिले में आचार संहिता लागू कर दी गई है। उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम का कहना हैं कि उपचुनाव में नए नियम प्रभावी हो गए हैं। 14 जून से उपचुनाव के नामांकन शुरू होने जा रहे हैं। 13 जुलाई को नतीजे आ जाएंगे, लेकिन संबंधित क्षेत्रों में आचार संहिता 15 जुलाई तक लागू रहेगी। इस दौरान लोकसभा चुनाव की भांति यहां सभी आचार संहिता संबंधी नियम लागू होंगे।
तीसरी बार उत्तराखंड में लोकसभा की एक भी सीट नहीं जीती कांग्रेस..
उत्तराखंड: लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी क्लीन स्वीप कर दिया है. बीजेपी ने राज्य की पांचों सीटें जीत ली हैं. कांग्रेस को लगातार तीसरी बार उत्तराखंड में लोकसभा की एक भी सीट नहीं मिली है.उत्तराखंड बीजेपी मुख्यालय में पार्टी की जीत का जश्न. बड़ी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता नाचते-गाते पार्टी मुख्यालय पहुंचे. टिहरी गढ़वाल लोकसभा सीट से बीजेपी की माला राज्य लक्ष्मी शाह जीत गई हैं। अल्मोड़ा पिथौरागढ़ लोकसभा सीट से भी अजय टम्टा ने जीत की हैट्रिक लगाई हैं।
नैनीताल लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट ने जीत दर्ज की है। अजय भट्ट ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी को करारी शिकस्त दी है।नैनीताल लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अजय भट्ट ने जीत हासिल की है। कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। अजय भट्ट ने दो लाख से भी ज्यादा वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है। जीत के बाद अजय भट्ट ने अपनी जीत पर जनता का धन्यवाद किया है।
वही लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तराखंड की सबसे हॉट पौड़ी लोकसभा सीट पर बीजेपी का कमल खिल गया है. पौड़ी लोकसभा सीट पर बीजेपी कैंडिडेट अनिल बलूनी जीत गये हैं. अनिल बलूनी ने कांग्रेस के गणेश गोदियाल को हराया है. बता दें गढ़वाल लोकसभा सीट अनिल बलूनी के लिए टफ दिख रही थी. कांग्रेस कैंडिडेट गणेश गोदियाल ने सोशल मीडिया से लेकर रैलियों में जमकर बलूनी के खिलाफ माहौल बनाया. एक वक्त ऐसा लग रहा था कि अनिल बलूनी ये सीट हार जाएंगे, मगर आखिर में अनिल बलूनी ने पौड़ी लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की.
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और सीएम धामी भी पार्टी प्रदेश मुख्यालय में मौजूद हैं. सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यशस्वी नेतृत्व में उत्तराखंड में सभी पांच सीटों पर कमल खिल रहे हैं. जिस प्रकार मोदी सरकार में सभी वर्गों के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की गईं, उसी का परिणाम है कि NDA को पूर्ण बहुमत प्राप्त हो रहा है.उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार लोकसभा सीट के प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत के चेहरे पर अब जीत की खुशी देखने को मिल रही है.
कांग्रेस ने जारी किया अपना घोषणा पत्र, अग्निवीर योजना कांग्रेस का बड़ा मुद्दा..
उत्तराखंड: चुनावी तैयारी में यूं तो बीजेपी कांग्रेस से काफी आगे नजर आ रही है लेकिन एक मामला ऐसा है जिसमें कांग्रेस बीजेपी से बहुत आगे निकल चुकी है। खासकर उत्तराखंड में इसी मुद्दे को अगर कांग्रेस ने सही से भुनाया तो कांग्रेस पार्टी को इसका बड़ा फायदा और भाजपा को नुकसान भी झेलना पड़ सकता है। लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे सभी राजनीतिक दल जहां एक दूसरे पर वार-पलटवार करते हुए नजर आ रहे हैं। उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी ने जहां लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस से पहले अपनी तैयारी को शुरू कर दी थी और उन्हें अमली जामा पहनाने का काम कर दिया था। तो वहीं चुनावी तैयारी में आगे होने के बावजूद भी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर जो घोषणा पत्र आम जनता के सामने रखा जाना है उसमें बीजेपी पिछड़ती हुई नजर आ रही है। जबकि कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र आम जनता के सामने पेश कर दिया है।
19 अप्रैल को पहले चरण के लिए मतदान होना है और उत्तराखंड में पांचों लोकसभा सीटों पर पहले चरण में ही मतदान हो जाएगा ऐसे में आम जनता के सामने कांग्रेस के द्वारा अपने घोषणा पत्र जारी किया गया है, जिसे कांग्रेस ने न्याय पत्र भी नाम दिया है। उसमें कई वादे जनता से किए गए हैं। लेकिन सबसे बड़ा वादा उत्तराखंड के लिहाज से अग्निवीर योजना को माना जा रहा है। क्योंकि उत्तराखंड से हर परिवार का वास्ता सेना से होता है ऐसे में अग्निवीर योजना के तहत 4 साल की सेवा के बाद युवावस्था में ही उत्तराखंड के युवाओं को घर बिठाए जाने की जो योजना है। उसे कांग्रेस चुनावी मुद्दा तो बना ही रही थी।
इसके साथ ही अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने साफ तौर से स्पष्ट कर दिया है कि अगर कांग्रेस की सरकार केंद्र में आती है तो अग्निवीर योजना को खत्म किया जाएगा और पुरानी प्रथम के तहत ही सेना में भर्ती होगी। जिससे उत्तराखंड के युवाओं का भविष्य भी सुरक्षित होगा। कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों की जुबान पर भी अग्निवीर योजना को समाप्त किए जाने का वादा चुनावी वादे में है। कांग्रेस के पास अग्निवीर योजना उत्तराखंड में एक संजीवनी की तरह काम कर सकता है।
बीजेपी के घोषणा पत्र पर उत्तराखंड की जनता की नजरें..
उत्तराखंड की आम जनता की नजरे बीजेपी के घोषणा पत्र पर भी लगी हुई है। बात अगर अग्निवीर योजना की करें तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा कुछ दिनों पहले एक बयान दिया गया था जिसमें उन्होंने अग्निवीर योजना में बदलाव की बात भी कही थी। ऐसे में ये भी माना जा रहा है कि हो सकता है की अग्निवीर योजना में जो बदलाव केंद्र सरकार करना चाह रही हो तो वो बीजेपी के घोषणा पत्र में भी शामिल हो सकता है।
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रचार को धार देंगी प्रियंका गांधी, 13 अप्रैल को है चुनावी कार्यक्रम..
उत्तराखंड: 13 अप्रैल को कांग्रेस की स्टार प्रचारक और पार्टी राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की गढ़वाल संसदीय क्षेत्र के रामनगर और हरिद्वार सीट के रुड़की में चुनावी रैली होगी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने रैली की तैयारियां शुरू कर दी हैं, जिसमें उन्हें समर्थन और उत्साह से स्वागत किया जाएगा। यह रैली न केवल निर्वाचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, बल्कि स्थानीय जनता को भी संबोधित कर राजनीतिक उत्साह को बढ़ावा देगी।
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी का कहना हैं कि 13 अप्रैल को राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की चुनावी जनसभा का कार्यक्रम तय हो गया है। गढ़वाल सीट के रामनगर में पार्टी प्रत्याशी गणेश गोदियाल के लिए वोट मांगेंगी। इसी दिन हरिद्वार सीट के रुड़की में चुनावी जनसभा में पार्टी प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह के लिए प्रचार करेंगी। चुनावी घोषणा के बाद कांग्रेस की यह पहली चुनावी रैली होगी।
ओवैसी के खिलाफ माधवी लता ने फूंका बिगुल, अब मिली Y प्लस सुरक्षा..
देश-विदेश: हैदराबाद लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी माधवी लता की सुरक्षा को केंद्र सरकार ने बढ़ा दिया है। खुफिया एजेंसी आईबी की रिपोर्ट के बाद सरकार ने माधवी लता की सिक्योरिटी में 11 कमांडो को तैनात किया है। माधवी लता की सिक्योरिटी में 11 कमांडो को तैनात किया गया है। माधवी लता सोशल मीडिया पर हिंदुत्व समर्थक के रूप में मशहूर हैं और तीन तलाक पर अपने बयानों के बाद चर्चा में आई थी, जो अब हैदराबाद से AIMIM चीफ ओवैसी के खिलाफ चुनाव लड़ रही है।
Y प्लस कैटेगरी की सुरक्षा दी
माधवी लता को गृह मंत्रालय ने Y प्लस कैटेगरी की सुरक्षा दी है। गृह मंत्रालय ने आईबी की थ्रेट रिपोर्ट के आधार पर भाजपा प्रत्याशी माधवी को सुरक्षा दी है। Y प्लस कैटेगरी में आर्म्ड पुलिस के 11 कमांडो तैनात किए जाते हैं, जिसमें पांच पुलिस के स्टैटिक जवान वीआईपी की सुरक्षा के लिए उनके घऱ और आसपास रहते हैं। साथ ही 6 पीएसओ तीन शिफ्ट में संबंधित वीआईपी को सुरक्षा देते हैं। बता दें कि माधवी लता सुर्खियों में उस समय ज्यादा आई जब भाजपा ने उन्हें असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ हैदराबाद से बीजेपी का उम्मीदवार बनाया। उन्हें कट्टर हिंदुत्व का चेहरा माना जाता है। पीएम मोदी भी उनकी प्रशंसा कर चुके हैं।
कौन है Madhavi Lata?
माधवी लता पेशे से एक डॉक्टर है और विरिंची नाम का एक अस्पताल भी चलाती है। वह सोशल मीडिया पर अपने हिंदुत्व समर्थक रूख के लिए चर्चा में बनी रहती है। माधवी लता एक भरतनाट्यम नर्तकी भी हैं। माधवी लता को कोई पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं है। वह हिंदुत्व की समर्थक हैं और तीन तलाक पर अपने बयानों के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा में आई थी। बताया जाता है कि उन्होनें तीन तलाक को खत्म करने के लिए मुस्लिम महिलाओं के समूह के साथ सहयोग किया था। हैदराबाद सीट AIMIM का गढ़ मानी जाती है। इस सीट पर 1984 से ओवैसी परिवार का कब्जा रहा है। असदुद्दीन ओवैसी के पिता सुल्तान सलाहुद्दीन पहली बार इस सीट से 1984 में लोकसभा चा चुनाव जीते थे। वह 20 साल तक इस सीट से सांसद रहे। इसके बाद इस सीट का नेतृत्व असदुद्दीन ओवैसी कर रहे हैं, जिनको इस लोकसभा चुनाव में माधवी लता टक्कर दे रही है।