पर्यटन व्यवसायी पंजीकरण के लिए आवेदन पत्र 25 अक्टूबर तक उपलब्ध, जमा करने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर
पर्यटक 15 जून तक ले सकेंगे सफारी का आनंद
ऋषिकेश। प्रसिद्ध राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क में इस साल 15 नवंबर से जंगल सफारी शुरू होगी। पर्यटक इस सफारी का आनंद 15 जून 2026 तक ले सकेंगे। पार्क प्रशासन ने कहा है कि इस साल पर्यटन व्यवसायी (सफारी वाहन स्वामी) के लिए पंजीकरण प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
पर्यटन व्यवसायी 25 अक्टूबर तक आवेदन पत्र वेबसाइट या प्रधान कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं, जबकि आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर निर्धारित की गई है।
पार्क में क्या देख सकते हैं पर्यटक
राजाजी टाइगर रिजर्व एशियाई हाथियों और बाघों के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा पार्क में तेंदुआ, जंगली बिल्ली, हिमालयी काला भालू, स्लॉथ भालू, धारीदार लकड़बग्घा, सांभर, जंगली सुअर, चित्तीदार हिरण, बार्किंग हिरण और अन्य कई जानवर बड़ी संख्या में पाए जाते हैं।
पार्क में वर्तमान में गेट और सड़क मरम्मत का काम चल रहा है। प्रशासन का कहना है कि 31 अक्टूबर तक सभी सफारी ट्रैक तैयार कर लिए जाएंगे और अन्य व्यवस्थाएं पूरी कर ली जाएंगी।
जंगल सफारी की चार रेंजें और स्थानीय रोजगार
राजाजी टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी चार रेंजों में संचालित होती है—
चिल्लावाली रेंज: 30 किमी
हरिद्वार रानीपुर रेंज: 24 किमी
मोतीचूर रेंज: 22 किमी
चीला रेंज: 36 किमी
पार्क में 160 से अधिक जंगल सफारी वाहन हैं और करीब 200 स्थानीय निवासियों को रोजगार मिलता है।
सफारी पंजीकरण प्रक्रिया
पर्यटन व्यवसायी पंजीकरण के लिए फार्म 25 अक्टूबर तक राजाजी टाइगर रिजर्व के प्रधान कार्यालय या राजाजी टाइगर रिजर्व वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर है।
अजय लिंगवाल, एसीएफ, राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क ने बताया कि सभी व्यवस्थाओं को समय से तैयार किया जा रहा है ताकि पर्यटक इस साल भी सुरक्षित और रोमांचक सफारी का अनुभव ले सकें।
हादसे में दो युवक गंभीर रूप से घायल
देहरादून। कुंडिया गांव के पास एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। एक स्कार्पियो कार 150 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा मुनि की रेती थाना क्षेत्र के पावकी देवी मोटर मार्ग पर रात करीब आठ बजे हुआ।
जानकारी के अनुसार, गुमानीवाला से नरेंद्र नगर के नाई गांव जा रही बारात में शामिल पांच युवक स्कार्पियो से रवाना हुए थे। गूलर से करीब 18 किलोमीटर पहले कुंडिया गांव के पास वाहन अचानक अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरा।
हादसे के बाद कार में सवार एक युवक ने अपने दोस्त को फोन कर दुर्घटना की सूचना देने के साथ लोकेशन भी भेजी, लेकिन थोड़ी देर बाद उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू अभियान शुरू किया।
अंधेरा होने की वजह से बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आईं। एसडीआरएफ निरीक्षक कविंद्र सजवाण ने बताया कि रेस्क्यू के दौरान तीन शव बरामद किए गए हैं, जबकि दो युवकों को गंभीर हालत में अस्पताल भेजा गया है। मृतक और घायल सभी श्यामपुर क्षेत्र के बताए जा रहे हैं।
उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए जांच के निर्देश, मामले की जाँच के आधार पर हो कड़ी कार्रवाई – कुसुम कण्डवाल
देहरादून। राजधानी देहरादून से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिस पर उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने स्वतः संज्ञान लिया है। मामले में डालनवाला क्षेत्र के आराघर स्थित मदर केयर सेंटर (सिंह आई हॉस्पिटल) पर 26 वर्षीय महिला की मौत के बाद गंभीर लापरवाही के आरोप लगे हैं। मृतका के परिजनों ने अस्पताल परिसर में शव रखकर जमकर हंगामा किया और अस्पताल प्रशासन पर हत्या जैसी लापरवाही का आरोप लगाया।
मिली जानकारी के अनुसार, ज्योति प्रज्वल (26) निवासी लखीबाग ने 29 जनवरी को मदर केयर अस्पताल में ऑपरेशन के जरिए बेटे को जन्म दिया था। डिलीवरी के चार दिन बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था। लगभग दस दिन बाद ज्योति के पेट में दर्द शुरू हुआ, लेकिन जांच के बावजूद डॉक्टर कोई स्पष्ट कारण नहीं बता पाए। हालत बिगड़ने पर परिजनों ने दोबारा उन्हें उसी अस्पताल में भर्ती कराया, जिसके बाद ज्योति को ग्राफिक एरा अस्पताल रेफर कर दिया गया।
मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि ज्योति के पेट में सर्जरी के दौरान इस्तेमाल की गई पट्टी रह गई थी, जिससे गंभीर संक्रमण फैल गया और उस कारण से पीड़िता की मौत हो गई।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने मामले में स्वतः संज्ञान लिया है उन्होंने सीएमओ देहरादून मनोज शर्मा को फोन पर वार्ता करते हुए कार्रवाई के एवं जांच के निर्देश दिए हैं जिस पर सीएमओ मनोज शर्मा ने बताया कि उन्होंने ने तत्काल प्रभाव से सिंह आई हॉस्पिटल एवं मदर केयर सेंटर का लाइसेंस जांच पूरी होने तक निलंबित कर दिया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
मामले में उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने कड़ा रुख अपनाते हुए संज्ञान लिया है। उन्होंने बताया कि दैनिक समाचार पत्रों व सोशल मीडिया के माध्यम पर प्रसारित खबर के माध्यम से स्वत: संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) देहरादून डॉ. मनोज शर्मा से त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि—
“यह मामला अत्यंत गंभीर है। यदि एक महिला की मृत्यु अस्पताल की लापरवाही के कारण हुई है, जो कि निंदापूर्ण है। आयोग द्वारा एक विशेष जांच टीम गठित की जाएगी जो पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करेगी। दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।”
मामले में फ़िलहाल प्रशासनिक स्तर पर जांच जारी है और महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा है कि महिला आयोग व सरकार पीड़ित परिवार के साथ है। इस प्रकरण के हर दोषी के विरुद्ध नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
हर-हर महादेव के जयघोष से गूंजी केदारघाटी
मुख्यमंत्री धामी समेत कई अधिकारी और श्रद्धालु रहे मौजूद
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम के कपाट आज गुरुवार को भाई दूज के पावन अवसर पर सुबह 8:30 बजे वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक परंपराओं के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस पवित्र क्षण को देखने के लिए हजारों श्रद्धालु धाम पहुंचे और बाबा केदार के जयकारों से पूरी घाटी गूंज उठी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस मौके पर धाम पहुंचे और बाबा केदार के दर्शन किए।
अब अगले छह महीनों तक भगवान केदारनाथ की पूजा शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में होगी।
कपाट बंद होने से पहले मंदिर को सुंदर फूलों से सजाया गया था। बुधवार को भगवान केदार की पंचमुखी चल विग्रह डोली को मंदिर के सभामंडप में विराजमान किया गया था। आज सुबह चार बजे विशेष पूजन के साथ कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई। इसके बाद पंचमुखी डोली को मंदिर की परिक्रमा कराई गई और जयकारों के बीच मंदिर के कपाट विधिवत बंद किए गए। डोली आज रात रामपुर में प्रवास करेगी।
इस दौरान मुख्यमंत्री धामी के अलावा बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, धर्माधिकारी ओंकार शुक्ला, पुजारी बागेश लिंग, आचार्य संजय तिवारी, अखिलेश शुक्ला सहित कई अधिकारी और श्रद्धालु मौजूद रहे।
17.39 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
इस वर्ष की यात्रा अवधि में 17.39 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे। शुरुआत से ही तीर्थयात्रियों का सैलाब केदारनाथ में उमड़ता रहा। बुधवार को भी करीब पांच हजार भक्तों ने बाबा के दर्शन किए। इस बीच धाम में ठंड का असर बढ़ गया था और दोपहर बाद कोहरे की चादर छा गई, जिससे श्रद्धालु शाम को ही अपने आवासों में लौट गए।
आज बंद होंगे यमुनोत्री धाम के कपाट
उधर, यमुनोत्री धाम में भी आज दोपहर 12:30 बजे मां यमुना मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद मां यमुना की उत्सव मूर्ति खरसाली गांव में पूजी जाएगी।
गुणवत्ता और धार्मिक आस्था के संतुलन पर जोर, 2026 यात्रा सीजन की तैयारी अभी से शुरू करने के निर्देश
रुद्रप्रयाग। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने बुधवार को पवित्र केदारनाथ धाम पहुंचकर भगवान बाबा केदारनाथ के दर्शन किए और धाम परिसर में चल रहे पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों का विस्तृत स्थलीय निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने जिलाधिकारी प्रतीक जैन से धाम में जारी विभिन्न फेज़ों के निर्माण कार्यों की प्रगति, गुणवत्ता और निष्पादन की जानकारी ली। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी निर्माण कार्यों में गुणवत्ता, सौंदर्य और धार्मिक आस्था का विशेष ध्यान रखा जाए।
उन्होंने कहा कि 23 अक्टूबर को बाबा केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो रहे हैं, इसलिए कपाट बंद होने के बाद भी धाम क्षेत्र में सुरक्षा, सामग्री संरक्षण और बर्फबारी की स्थिति में कार्यों के रखरखाव को लेकर पूरी तैयारी रखी जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वर्ष 2026 की यात्रा तैयारियों की योजना अभी से प्रारंभ की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य, संचार, परिवहन, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन से जुड़े विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर यात्रियों को अगले सत्र में और भी सुविधाजनक अनुभव प्रदान किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि केदारनाथ धाम आज देश में पुनर्निर्माण और पुनरुत्थान का प्रतीक बन चुका है। सरकार और प्रशासन का लक्ष्य केवल भौतिक निर्माण नहीं, बल्कि आस्था और सुविधा का संतुलित संगम सुनिश्चित करना है, ताकि श्रद्धालुओं को एक पवित्र, सुरक्षित और दिव्य अनुभव प्राप्त हो।
इस अवसर पर जिलाधिकारी प्रतीक जैन, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे, मुख्य कार्याधिकारी मंदिर समिति विजय थपलियाल, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल शुक्ला, अधिशासी अभियंता डी.डी.एम. विनय झिंकवाण, ए.आर.टी.ओ. धर्मेंद्र सिंह बिष्ट सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
देहरादून। गोवर्धन पूजा के पावन अवसर पर प्रदेश के कृषि, कृषक कल्याण एवं ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने आज देहरादून में पारंपरिक विधि-विधान से गोवर्धन पूजा एवं गौमाता का पूजन संपन्न किया।
काबीना मंत्री जोशी ने इस अवसर पर कहा कि गोवर्धन पूजा भारतीय कृषि संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण की गहरी भावना से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि गाय, गोबर और गोमूत्र हमारे ग्रामीण जीवन की आधारशिला हैं, जिनसे न केवल जैविक खेती को बढ़ावा मिलता है, बल्कि स्वच्छता एवं सतत विकास को भी बल मिलता है।
उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे जैविक खाद और प्राकृतिक खेती को अपनाकर सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएं, जिससे किसानों की आय में वृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।
दिसंबर में देहरादून में होगा जनसंपर्क का महाकुंभ — पीआरएसआई का राष्ट्रीय सम्मेलन
देहरादून। पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी ऑफ इंडिया (PRSI) देहरादून चैप्टर द्वारा आयोजित होने वाले 47वें ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशन्स कॉन्फ्रेंस – 2025 के ब्रोशर का विमोचन राज्यसभा सांसद नरेश बंसल द्वारा किया गया। यह राष्ट्रीय सम्मेलन आगामी 13 से 15 दिसंबर 2025 तक देहरादून में आयोजित होगा। सम्मेलन का विषय रखा गया है — “विकसित भारत @ 2047 के लिए जनसंपर्क विज़न”।
इस अवसर पर सांसद नरेश बंसल ने कहा कि जनसंपर्क समाज, सरकार और जनता के बीच एक सशक्त सेतु के रूप में कार्य करता है। उन्होंने कहा कि जनसंपर्क केवल सूचना का प्रसार नहीं, बल्कि संवाद, विश्वास और सकारात्मक सोच के माध्यम से विकास को नई दिशा देने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं और कार्यक्रमों से जनता को जोड़ने में जनसंपर्क की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। यह सम्मेलन न केवल विचारों के आदान-प्रदान का मंच बनेगा, बल्कि भारत@2047 की दृष्टि को सशक्त बनाने में भी योगदान देगा।
सांसद बंसल ने कहा कि उत्तराखंड अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर रहा है, ऐसे में देहरादून में इस स्तर का आयोजन होना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन से राज्य के जनसंपर्क क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी और युवा पेशेवरों को सीखने-समझने का अवसर प्राप्त होगा।
पीआरएसआई देहरादून चैप्टर के पदाधिकारियों ने बताया कि तीन दिवसीय जनसंपर्क के महाकुंभ के रूप में आयोजित यह राष्ट्रीय सम्मेलन देशभर से जनसंपर्क विशेषज्ञों, मीडिया प्रतिनिधियों, कॉर्पोरेट प्रोफेशनल्स और शिक्षाविदों की उपस्थिति में आयोजित होगा। सम्मेलन के दौरान जनसंपर्क के बदलते परिदृश्य, डिजिटल मीडिया की भूमिका और लोक-संचार के नए आयामों सहित विभिन्न विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया जाएगा।
इस सम्मेलन का उद्देश्य जनसंपर्क के क्षेत्र में नवीन प्रयोगों और सफल पहलों को साझा करना है, ताकि भविष्य के भारत के लिए एक सशक्त और संवेदनशील जनसंपर्क तंत्र तैयार किया जा सके।
विमोचन कार्यक्रम में पीआरएसआई देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष रवि बिजारनियां, सचिव अनिल सती, कोषाध्यक्ष सुरेश चंद्र भट्ट, सदस्य अनिल वर्मा, वैभव गोयल, संजय पांडे, नवीन कंडारी, दीपक नौटियाल, सुशील सती, सुनील राणा आदि उपस्थित रहे।
सीएम धामी ने आम जन से अपील की कि वे भी इस पावन पर्व को भक्ति और पर्यावरण संरक्षण के रूप में मनाएं
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोवर्धन पूजा के पावन अवसर पर भक्ति, प्रकृति संरक्षण और पशुधन के प्रति अपनी निष्ठा का प्रदर्शन करते हुए गौ माता का पूजन किया और उनकी सेवा की। इस अवसर पर सीएम धामी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की पूजा और धारण लीला के माध्यम से यह सन्देश दिया कि प्रकृति की रक्षा ही सच्ची भक्ति है।
सीएम धामी ने आम जन से अपील की कि वे भी इस पावन पर्व को भक्ति और पर्यावरण संरक्षण के रूप में मनाएं। उन्होंने प्रार्थना की कि प्रभु श्रीकृष्ण का आशीर्वाद सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए।
गोवर्धन पूजा पर यह संदेश लोगों में प्रकृति के प्रति जागरूकता फैलाने और पशुधन की सेवा के महत्व को रेखांकित करता है।
मां गंगा की उत्सव डोली मुखबा गांव के लिए रवाना, श्रद्धालुओं ने दी भावपूर्ण विदाई
उत्तरकाशी। गंगोत्री धाम में आज ऐतिहासिक और भावपूर्ण पल देखने को मिला। अन्नकूट पर्व के अवसर पर पूर्वाहन 11:36 बजे विधिविधान के साथ गंगोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस दौरान सेना के बैंड और पारंपरिक वाद्ययंत्रों की मधुर धुनों के बीच श्रद्धालुओं ने ‘जय मां गंगे’ के उद्घोष के साथ मां गंगा की उत्सव डोली को मुखबा गांव की ओर रवाना होते देखा। अब अगले छह माह तक मां गंगा के दर्शन यहीं मुखबा गांव में ही होंगे।
बुधवार सुबह से ही धाम में भव्य अनुष्ठानों का दौर शुरू हो गया था। तीर्थपुरोहितों ने घाट पर गंगा जी का अभिषेक और आरती, तथा मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की। हर्षिल से आए सेना के जवानों ने निशुल्क मेडिकल कैंप और लंगर का आयोजन कर श्रद्धालुओं की सेवा की।
पूर्वाहन 11:36 बजे मुहूर्तानुसार कपाट बंद होने के बाद गंगा जी की भोग मूर्ति डोली यात्रा के साथ मुखबा के लिए रवाना हुई। इस दौरान शीतकाल में भी धाम में साधनारत रहने वाले साधु-संत और मंदिर व आश्रम कर्मी ने मां गंगा को भावपूर्ण विदाई दी।
मार्कंडेयपुरी देवी मंदिर में रात्रि विश्राम और भजन कीर्तन
तीर्थपुरोहित राजेश सेमवाल ने बताया कि गंगा जी की उत्सव डोली रात्री विश्राम के लिए मार्कंडेयपुरी देवी मंदिर में रुकेगी। वहां रातभर भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। अगले दिन डोली शीतकालीन प्रवास के लिए मुखबा गांव जाएगी।
कपाट बंद होने के बाद भी जलता रहेगा अखंड दीपक
गंगोत्री धाम के कपाट भले ही बंद हो गए हों, लेकिन मंदिर समिति के अध्यक्ष धर्मानंद सेमवाल ने बताया कि तांबे के बड़े दीपक में अखंड जोत लगातार जलती रहेगी। अगले वर्ष अक्षय तृतीया के दिन जब कपाट खुलेंगे, तीर्थयात्री इसी अखंड जोत के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त करेंगे।
भैयादूज के अवसर पर 23 अक्टूबर को यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12:30 बजे शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। इसके बाद मां यमुना की उत्सव मूर्ति को उनके शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव में विराजमान किया जाएगा।
बेसिक और माध्यमिक शिक्षकों ने धारा 27 के तहत की तबादले की मांग, अनिवार्य तबादले न होने से नाराजगी बढ़ी
देहरादून। प्रदेश में शिक्षकों के तबादले को लेकर असंतोष गहराता जा रहा है। शिक्षा विभाग को धारा 27 के तहत अब तक तीन हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। इनमें बेसिक शिक्षा के करीब 1500 और माध्यमिक शिक्षा के लगभग 1800 शिक्षक शामिल हैं।
इस साल शिक्षा विभाग ने अनिवार्य तबादले लागू नहीं किए, जिससे शिक्षकों में नाराजगी है। उनका कहना है कि अन्य विभागों में कर्मचारियों के अनिवार्य तबादले किए गए, लेकिन शिक्षा विभाग में इस प्रक्रिया को टाल दिया गया।
शिक्षकों का स्पष्ट कहना है कि विभाग को भी अन्य विभागों की तरह अनिवार्य तबादले लागू करने चाहिए थे। हालांकि, शिक्षा विभाग ने इस बार धारा 27 के तहत ही तबादलों की प्रक्रिया शुरू की है और इसी आधार पर आवेदन आमंत्रित किए गए थे।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, बेसिक शिक्षा में लगभग 1500 शिक्षकों ने आवेदन किया है, जबकि माध्यमिक शिक्षा में 800 प्रवक्ता और करीब एक हजार एलटी शिक्षक तबादले की मांग कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि इन आवेदनों पर विचार कर जल्द प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति करेगी सिफारिश
शिक्षकों के तबादलों पर अंतिम निर्णय के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित है। यह समिति धारा 27 के तहत प्राप्त आवेदनों पर सिफारिश करती है, जिसके बाद मुख्यमंत्री की मंजूरी से तबादले किए जाते हैं।
क्या है धारा 27
धारा 27, राज्य के तबादला एक्ट का वह प्रावधान है जिसके तहत विशेष परिस्थितियों में कर्मचारियों को तबादले का अवसर दिया जाता है। इसमें वे कर्मचारी शामिल होते हैं जो सामान्य श्रेणी के तबादले के पात्र नहीं हैं — जैसे गंभीर रूप से बीमार या अन्य विशेष परिस्थितियों वाले कर्मचारी।
शिक्षक संघ ने चेताया आंदोलन से
राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि संगठन की हालिया बैठक में यह निर्णय लिया गया कि शिक्षकों के तबादले जल्द किए जाएं। लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
उन्होंने कहा — “यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो शिक्षक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।”