अब तक दो लाख से ज्यादा स्मार्ट मीटर लगाए गए
देहरादून। उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने प्रदेश में स्मार्ट ऊर्जा प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है। अब तक दो लाख से ज्यादा स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के घरों और प्रतिष्ठानों में लगाए जा चुके हैं। निगम ने रोजाना 4000 स्मार्ट मीटर इंस्टॉल करने का लक्ष्य तय किया है।
यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि यह काम केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत हो रहा है, जिसका उद्देश्य ऊर्जा वितरण प्रणाली को अधिक पारदर्शी, भरोसेमंद और कुशल बनाना है। स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को न सिर्फ अपनी बिजली खपत की सटीक जानकारी मिल पाएगी, बल्कि बिलिंग में भी पारदर्शिता आएगी।
इस पहल के तहत उपभोक्ताओं को रियल टाइम मॉनिटरिंग, रिमोट कनेक्शन और डिसकनेक्शन जैसी आधुनिक सुविधाएं भी मिलेंगी। शहरी से लेकर दूरदराज के ग्रामीण इलाकों तक सभी उपभोक्ताओं को इस योजना से जोड़ा जाएगा।
कोरोनेशन, तिब्बती मार्केट और परेड ग्राउंड में तैयार पार्किंग जल्द होगी जनता को समर्पित
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के “आधुनिक उत्तराखंड” के विजन को साकार करने की दिशा में देहरादून जिला प्रशासन ने एक अहम कदम उठाया है। शहर में यातायात दबाव को कम करने और पार्किंग की समस्या से निजात दिलाने के उद्देश्य से तीन स्थानों—कोरोनेशन अस्पताल, तिब्बती मार्केट और परेड ग्राउंड—पर ऑटोमेटिक मैकेनिकल पार्किंग सुविधाएं विकसित की गई हैं। इनका जल्द ही मुख्यमंत्री धामी लोकार्पण करेंगे।
कोरोनेशन अस्पताल में यह अत्याधुनिक पार्किंग सुविधा पूर्व-प्रचालन में लाई जा चुकी है। अस्पताल स्टाफ के वाहन अब स्वचालित रूप से पार्क किए जा रहे हैं, जिससे मरीजों और तीमारदारों के लिए भू-स्तरीय अधिक स्थान उपलब्ध हो रहा है।
इन पार्किंग स्थलों की विशेष बात यह है कि कम स्थान में अधिक क्षमता होने के साथ ही इन्हें आवश्यकता अनुसार अन्य स्थानों पर भी शिफ्ट किया जा सकता है।
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कोरोनेशन अस्पताल: 18 वाहन
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तिब्बती मार्केट: 132 वाहन
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परेड ग्राउंड: 96 वाहन
सभी पार्किंग में टेस्टिंग और ट्रायल कमीशनिंग प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है और इन्हें जल्द जनता के लिए खोला जाएगा। यह पहल देहरादून जैसे घनी आबादी वाले शहरों के लिए ट्रैफिक प्रबंधन का प्रभावी समाधान मानी जा रही है।
सुरक्षा और संचालन पर विशेष ध्यान
जिलाधिकारी सविन बंसल की अगुवाई में पार्किंग संचालन के लिए दो कुशल तकनीकी ऑपरेटर तैनात किए गए हैं। साथ ही, वाहनों को किसी भी प्रकार की क्षति की स्थिति में बीमा कवर सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
डीएम बंसल ने बताया कि यह योजना न केवल एक सफल प्रयोग है, बल्कि भविष्य में अन्य शहरी क्षेत्रों में भी ऐसी ही मल्टी-लेवल स्वचालित पार्किंग सुविधाओं के निर्माण की संभावना तलाशी जा रही है।
मुख्यमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप यह पहल न केवल शहर की पार्किंग व्यवस्था को स्मार्ट बनाएगी, बल्कि नागरिकों को बेहतर यातायात अनुभव भी प्रदान करेगी।
स्वास्थ्य विभाग का सख्त निर्देश – बिना वैध पंजीकरण कोई भी डॉक्टर नहीं कर सकेगा इलाज
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने राज्य में चिकित्सा सेवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और आम जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब प्रदेश के किसी भी चिकित्सक, चाहे वह सरकारी सेवा में हो या निजी क्षेत्र में कार्यरत बिना पंजीकरण या नवीनीकरण के प्रैक्टिस नहीं कर सकेगा। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस संबंध में एक सख्त आदेश जारी किया है। सभी जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में कार्यरत सभी डॉक्टरों की सूची तैयार करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बिना पंजीकरण प्रैक्टिस न कर रहा हो। जिन डॉक्टरों ने अब तक नवीनीकरण नहीं कराया है उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट 2019
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा हस्ताक्षरित आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यह कदम नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट 2019 {पूर्ववर्ती इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट 1956} के प्रावधानों के अंतर्गत उठाया गया है। यह अधिनियम देशभर में चिकित्सा सेवा को नियंत्रित करता है और इसके तहत केवल वैध रूप से पंजीकृत चिकित्सक ही प्रैक्टिस कर सकते हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने को लेकर गंभीर है। उन्होंने कहा कि कई चिकित्सक वर्षों से बिना पंजीकरण प्रैक्टिस कर रहे हैं, जिससे सेवाओं की गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न लग रहे थे। साफ कर दिया है कि किसी भी स्थिति में बिना वैध पंजीकरण प्रैक्टिस नहीं चलने दी जाएगी।
जनता के विश्वास को भी मज़बूत करेगा
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया राज्य में ऐसी कई शिकायतें मिली थीं कि कुछ लोग डॉक्टर के नाम पर सेवा दे रहे हैं, जबकि उनके पास वैध डिग्री या पंजीकरण नहीं है। यह आदेश न केवल ऐसे लोगों पर रोक लगाएगा बल्कि जनता के विश्वास को भी मज़बूत करेगा।
पंजीकरण प्रक्रिया होगी सरल और तेज़
राज्य में बिना पंजीकरण प्रैक्टिस कर रहे हैं डॉक्टर या नवीनीकरण नहीं कराया है। अब सभी को कार्रवाई के दायरे में लाया जाएगा। चिकित्सा परिषद को डॉक्टरों की अद्यतन सूची जनपदों को भेजने और बिना पंजीकरण प्रैक्टिस करने वालों की सूची सार्वजनिक करने के निर्देश दिए गए हैं। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को भी सरल और ऑनलाइन बनाया जा रहा है।
जनस्वास्थ्य और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि यह निर्णय औपचारिकता नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य की सुरक्षा और सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का प्रयास है। शासन की मंशा है कि कोई भी मरीज बिना पंजीकरण प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर से इलाज न कराए।
निर्देशों का पालन न करने पर होगी कार्रवाई
सीएमओ को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे डॉक्टरों की प्रमाणपत्रों की जांच कर सुनिश्चित करें कि कोई भी बिना पंजीकरण प्रैक्टिस न कर रहा हो। निर्देशों की अवहेलना पर संबंधित डॉक्टरों को सेवा से पृथक करने या नोटिस जारी करने को कहा गया है। जनपदवार प्रगति रिपोर्ट साप्ताहिक रूप से शासन को भेजी जाएगी।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा राज्य में मरीजों को केवल पंजीकृत और प्रमाणित चिकित्सकों से इलाज मिलेगा। चिकित्सा परिषद की भूमिका और डॉक्टरों की जिम्मेदारी दोनों ही अब और अहम होंगी।
गुजरात दौरे में सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने की घोषणा, युवाओं को मिलेगा सहकारी प्रबंधन में प्रशिक्षण
देहरादून/अहमदाबाद। गुजरात दौरे के दौरान राज्य के सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड में देश के पहले सहकारी विश्वविद्यालय का कैम्पस खोला जायेगा। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा सभी औपचारिकताएं पूरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के सहकारी बैंक व गुजरात राज्य सहकारी बैंक (GSCB) कर्मचारियों के प्रशिक्षण और नवाचार के क्षेत्र में एक अनुबंध करेंगे।
गांधीनगर सर्किट हाउस में डॉ. रावत ने गुजरात के सहकारिता मंत्री जगदीश विश्वकर्मा और सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। जिसमें डिजिटल बैंकिंग, ऋण वितरण, और गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) की वसूली के प्रभावी तंत्र पर चर्चा की गई।
डॉ. रावत ने गुजरात के सहकारी मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि इसे उत्तराखंड में लागू कर किसानों, महिलाओं और युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त किया जाएगा। उन्होंने GSCB की डिजिटल बैंकिंग प्रणाली और NPA वसूली के कुशल तंत्र की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, “त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय, जो आनंद में इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट (IRMA) के कैंपस में स्थापित हो रहा है, सहकारी क्षेत्र में शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान को बढ़ावा देगा। उत्तराखंड में भी इसका एक कैंपस स्थापित किया जायेगा, ताकि हमारे युवाओं को सहकारी प्रबंधन और तकनीकी कौशल मिल सके।
उन्होंने बताया कि त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय, जिसका नाम अमूल के संस्थापक त्रिभुवन दास पटेल के नाम पर रखा गया है, सहकारी क्षेत्र में डिग्री, डिप्लोमा और पीएचडी पाठ्यक्रम प्रदान करेगा। यह देश भर में सहकारी प्रशिक्षण संस्थानों का एक नेटवर्क बनाएगा। यह पहल उत्तराखंड के सहकारी क्षेत्र को मजबूती प्रदान कर ग्रामीण विकास और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगी।
“इसके अतिरिक्त बैठक में, उत्तराखंड के सहकारी बैंक GSCB के साथ मिलकर सहकारी बैंकों के कर्मचारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने पर सहमति बनी। इन कार्यक्रमों में डिजिटल प्रौद्योगिकी, वित्तीय प्रबंधन, ग्राहक सेवा और ग्रामीण आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
डॉ. रावत ने गुजरात मॉडल के अनुरूप उत्तराखंड में NPA वसूली को तेज करने और एक संरचित कार्ययोजना लागू करने की बात कही।
बैठक में उत्तराखंड सहकारिता विभाग के सचिव सहकारिता डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, सचिव सहकारिता गुजरात सरकार संदीप कुमार, निबंधक सहकारी समितियां गुजरात एम पांडे, निबंधक सहकारी समितियां उत्तराखंड मेहरबान सिंह बिष्ट, प्रबंध निदेशक उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक प्रदीप मेहरोत्रा, संयुक्त निबंधक नीरज बेलवाल, मंगला प्रसाद त्रिपाठी, गुजरात स्टेट कॉपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक एवं अमूल डेयरी के प्रबंध निदेशक एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
एक ही दिन पूरे प्रदेश में रोपे जाएंगे 05 लाख पौधे
“हरेला का त्योहार मनाओ, धरती मां का ऋण चुकाओ की थीम पर मनेगा हरेला पर्व
प्रधानमंत्री के एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत भी रोपे जाएंगे पौधे
देहरादून। इस वर्ष हरेला पर्व पर उत्तराखंड पौधरोपण पर रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। इस दिन पूरे प्रदेश में एक ही दिन में 05 लाख से अधिक पौधे रोपे जाएंगे। जिसमें से गढ़वाल मंडल में 03 लाख और कुमाऊं मंडल में 02 लाख पौधे रोपण का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए शासन स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर इस बार हरेला का त्योहार मनाओ, धरती मां का ऋण चुकाओ और एक पेड़-माँ के नाम की थीम पर यह पौधरोपण आयोजित किया जाएगा। पूरे माह इस पर्व के तहत कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
इस पौधरोपण अभियान की सफलता में ग्रामीणों से लेकर स्कूली छात्र और विभिन्न विभागों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुंधाशु की ओर से सभी जिलाधिकारियों को पत्र भी लिखा गया है। उत्तराखंड में हर साल जुलाई माह में हरेला पर्व का आयोजन किया जाता है। इस बार 16 जुलाई को यह पर्व मनाया जाएगा। यह पर्व प्रकृति को समर्पित है। ऐसे में इस पर्व पर आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को संपूर्ण प्रदेश में वृहद स्तर पर पौधरोपण आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। जिसके तहत संपूर्ण प्रदेश में पांच लाख पौधे रोपित करने का लक्ष्य रखा गया है।
इससे पहले जुलाई 2016 में प्रदेश में एक ही दिन में करीब 2 लाख पौधे रोपे गए थे। ऐसे में इस बार यह रिकॉर्ड टूटने जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड प्रकृति के बेहद करीब है। ऐसे में यह हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि पर्यावरण का संरक्षण करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप हरेला पर्व के साथ ही एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत संपूर्ण प्रदेश में वृहद स्तर पर यह पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत सार्वजनिक स्थानों, वनों, नदियों, गाड, गदेरों के किनारे, स्कूलों, कॉलेज, विभागीय परिसर, सिटी पार्क, आवासीय परिसर में पौधरोपण किया जाएगा। जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों, छात्रों, विभागीय कर्मियों, एनसीसी, एनएसएस के साथ ही आमजनमानस की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
मालूम हो कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड के लोक पर्व और लोक संस्कृति को एक नई पहचान मिली है। पिछले चार साल में हरेला, इगास, बटर फेस्टिवल, फूलदेई, घी संक्रांत जैसे लोक पर्व को एक नई पहचान मिली है। उत्तराखंड से बाहर भी लोग इन त्योहार को पहचान रहे हैं।
देहरादून- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने, मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र भेजकर अपनी समस्या बताने वाले फरियादियों से बातचीत करते हुए अधिकारियों को उन पर उचित कार्रवाही के निर्देश दिए हैं। डोईवाला तहसील के शेरगढ़ निवासी कर्मचंद ने शिकायत दर्ज कराई थी, कि उनके खेत के लिए आने वाली सिंचाई नहर, टूट गई है, जिस कारण सिंचाई का संकट खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री ने उनसे पूरी समस्या सुनने के बाद, प्रमुख अभियंता सिंचाई विभाग को मामले में उचित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। इसी तरह मेजर नरेश कुमार सकलानी ने उनकी भूमि पर निजी व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण कर लधु सिंचाई नहर बनाने की शिकायत दर्ज की गई, जिस पर मुख्यमंत्री धामी ने जिलाधिकारी देहरादून को तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। एक अन्य शिकायतकर्ता कैनाल रोड निवासी धीरेंद्र शुक्ला ने बिल्डर के खिलाफ परेशान करने की शिकायत दर्ज कराई है, मुख्यमंत्री ने एमडीडीए को इस प्रकरण में जांच करने को कहा है। विकासनगर दिनकर विहार निवासी विशन दत्त शर्मा की सड़क संबंधित शिकायत पर भी मुख्यमंत्री ने सचिव लोक निर्माण विभाग को कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
“जनता के पत्र सिर्फ कागज़ नहीं, उम्मीद और विश्वास का प्रतिबिम्ब होते हैं, आज ऐसे ही कुछ शिकायती पत्र पढ़ने के बाद मैने संबंधित शिकायतकर्ताओं से बात की। साथ ही अधिकारियों को इन पर तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। समाधान ही हमारी सरकार की कार्यशैली की सबसे बड़ी पहचान है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश
केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का लोगों को पूरा लाभ मिले, इसके लिए लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण देने की प्रक्रियाओं का और सरलीकरण किया जाए। जन समस्याओं का समाधान करना हमारी शीर्ष प्राथमिकता हो। कृषि बीमा योजनाओं में बीमा क्लेम की प्रक्रियाओं के सरलीकरण की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। जनपदों में ऋण जमा अनुपात बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। ये निर्देश मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की विशेष बैठक के दौरान अधिकारियों को दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का ऋण जमा अनुपात बढ़ाने की दिशा में और प्रयास किए जाएं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य का ऋण जमा अनुपात 54 प्रतिशत से बढ़कर 54.26 प्रतिशत हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे 60 प्रतिशत तक ले जाने के लिए और प्रभावी प्रयास किए जाएं। राज्य के पर्वतीय जनपदों, विशेषकर टिहरी, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, पौड़ी और बागेश्वर जनपदों में ऋण जमा अनुपात बढ़ाने के लिए विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों को एक ही स्थान पर एक ही दिन में मिले, इसके लिए अक्टूबर में सभी जनपदों में बड़े स्तर पर कैम्प का आयोजन किया जाए, जिसमें सभी विभाग और बैंकर्स साथ बैठकर जन समस्याओं का समाधान करें और उन्हें विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करें।
बैठक में जानकारी दी गई कि उत्तराखंड में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत प्रति लाख पर 48 हजार व्यक्तियों को बीमा कवरेज प्राप्त हुआ है, जो राष्ट्रीय औसत 40 हजार से अधिक है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत राज्य में प्रति ऋणकर्ता को औसत ऋण राशि 93,900 रुपये वितरित की गई है, जो राष्ट्रीय औसत 62,686 की तुलना में काफी अधिक है। प्रधानमंत्री जन-धन योजना के अंतर्गत राज्य में अब तक 39 लाख खाते खोले जा चुके हैं, यह आंकड़ा पर्वतीय राज्यों में सबसे अधिक है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य में अग्रिमों में 10.26 प्रतिशत और जमा में 9.09 प्रतिशत की वृद्धि रही। राज्य सरकार की वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत पिछले तीन वर्षों में निरंतर अच्छी प्रगति रही। राज्य के कुल 06 लाख 10 हजार 636 किसानों ने के.सी.सी. सुविधा का लाभ लिया है, जिनमें से 67 प्रतिशत छोटे और सीमांत किसान हैं। राज्य में 70.23 प्रतिशत स्वयं सहायता समूहों का क्रेडिट लिंकेज है। विगत तीन वर्षों में एस.एच.जी. की संख्या में 21 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव दिलीप जावलकर, नितेश कुमार झा, राधिका झा, श्रीधर बाबू अदांकी, आरबीआई के रीजनल डायरेक्टर अरविंद कुमार, एसबीआई के मुख्य महाप्रबंधक देवाशीष मिश्रा, अपर सचिव रंजना राजगुरु, हिमांशु खुराना, मनमोहन मैनाली और संबंधित बैंकों के अधिकारी उपस्थित थे।
मसूरी। उत्तराखंड के कृषि एवं ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने मसूरी आगमन पर केंद्रीय श्रम, रोजगार एवं युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया का आत्मीय स्वागत एवं अभिनंदन किया। इस अवसर पर मंत्री जोशी ने उन्हें उत्तराखंड के पारंपरिक व स्थानीय उत्पादों से निर्मित ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ की एक भेंट किट भी सौंपते हुए प्रदेश की संस्कृति व उत्पादों की पहचान से परिचित कराया।
स्वागत के दौरान मंत्री जोशी ने मसूरी के भिलाड़ू क्षेत्र में प्रस्तावित बहुप्रतीक्षित खेल मैदान की जरूरत को रेखांकित करते हुए केंद्र सरकार से इस परियोजना में सहयोग की मांग की। उन्होंने बताया कि मसूरी जैसे पर्यटन और शिक्षा केंद्र के लिए एक सुव्यवस्थित खेल अवसंरचना जरूरी है, जिससे युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण और अवसर मिल सकें।
इस पर केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड के युवाओं के लिए खेल सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए हरसंभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है।
कार्यक्रम के दौरान मसूरी नगर पालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी भी उपस्थित रहीं। यह भेंट न केवल स्थानीय मुद्दों पर संवाद का अवसर बनी, बल्कि राज्य व केंद्र सरकार के बीच समन्वय की मिसाल भी प्रस्तुत की।
सीएम धामी ने दिखाई हरी झंडी, देवभूमि से रवाना हुई कलश यात्रा
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास से एक पवित्र कलश यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह कलश यात्रा उत्तराखंड की पवित्र नदियों का जल लेकर कुशीनगर पहुंचेगी, जहां भगवान सूर्य की मूर्ति का विधिवत जलाभिषेक किया जाएगा।
कलश यात्रा के लिए देशभर की लगभग 151 पवित्र नदियों से जल एकत्र किया जा रहा है। उत्तराखंड की गंगा, यमुना, अलकनंदा, मंदाकिनी आदि नदियों का जल इस दिव्य आयोजन के लिए देवभूमि से भेजा गया।
इस विशेष अवसर पर महामंडलेश्वर श्री 1008 डॉ. स्वामी संतोषानंद देव जी महाराज, पूर्वांचल महोत्सव समिति के अध्यक्ष विनय राय और समिति के अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे। यह धार्मिक यात्रा श्रद्धा, संस्कृति और राष्ट्रीय एकता का संदेश लेकर निकली है।
हरिद्वार। कांवड़ मेले को लेकर सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के लिए पुलिस प्रशासन ने एक विशेष हेल्पलाइन नंबर 91-9520625934 जारी किया है। इस नंबर पर श्रद्धालु किसी भी प्रकार की शिकायत या सुझाव 24×7 साझा कर सकते हैं। एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि हर कॉल पर गंभीरता से कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था वी. मुरुगेशन की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें एडीजी अभिसूचना एपी अंशुमान, आईजी यातायात एनएस नपच्याल, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित व एसएसपी डोबाल ने सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की।
वी. मुरुगेशन ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कांवड़ यात्रा एक संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण आयोजन है, जिसे पूर्ण सतर्कता और सामंजस्य के साथ सम्पन्न कराना है। उन्होंने कहा कि चार हजार पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है, जो प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखेंगे। अफवाहों को रोकने और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग पर विशेष जोर दिया गया है।
एडीजी अंशुमान ने कहा कि असामाजिक तत्वों की पहचान और निगरानी प्राथमिकता होगी। धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले किसी भी कंटेंट पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।