चारधाम ट्रांजिट कैंप में सभी जरूरी व्यवस्थाओं को लेकर जताई प्रतिबद्धता
देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल ने चारधाम यात्रा से जुड़ी व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए ऋषिकेश स्थित ट्रांजिट कैंप का निरीक्षण किया। उन्होंने यात्रा को सुगम व सुरक्षित बनाए रखने के लिए अधिकारियों को सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पंजीकरण काउंटर, चिकित्सा कक्ष, यात्री प्रतिक्षालय, भोजन, आवास, शुद्ध पेयजल, शौचालय और साफ-सफाई जैसी व्यवस्थाओं की बारीकी से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए हर व्यवस्था में गुणवत्ता और सेवा का विशेष ध्यान रखा जाए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी विभाग को अतिरिक्त फंड की आवश्यकता होगी, तो जिला प्रशासन उसे उपलब्ध कराएगा। विशेष रूप से ट्रांजिट कैंप में दी जा रही भोजन व्यवस्था की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। साथ ही चिकित्सा केंद्र में सभी जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ रूप से संचालित करने के लिए कहा गया।
जिलाधिकारी ने हर हैंगर व टेंट में शुद्ध पेयजल, चाय और भोजन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। ट्रांजिट कैंप के अलावा होटल, धर्मशाला, गुरुद्वारा आदि में भी श्रद्धालुओं के ठहरने, भोजन, जल व स्वच्छता जैसी मूलभूत सुविधाओं की समुचित उपलब्धता पर विशेष ध्यान देने को कहा गया।
इस निरीक्षण के दौरान एमएनए ऋषिकेश, उप जिलाधिकारी योगेश मेहर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एम.के. शर्मा, अधिशासी अभियंता (लोक निर्माण विभाग) समेत चारधाम यात्रा से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
हरियाणा से घूमने आए युवकों की कार हादसे का शिकार, एक अस्पताल में भर्ती
देहरादून। आशारोड़ी के पास रविवार तड़के लगभग 03:10 बजे एक दर्दनाक सड़क हादसे में चार युवकों की मौत हो गई, जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। हरियाणा से देहरादून आ रही सफेद रंग की मारुति रिट्ज कार (HR 42 E 2701) आगे चल रहे सीमेंट लदे ट्रोले (HR 63 F 5353) से पीछे से टकरा गई।
हादसे के समय सभी युवक हरियाणा से उत्तराखंड की ओर यात्रा कर रहे थे। दुर्घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को 108 एम्बुलेंस के जरिए कोरोनेशन और दून अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने चार को मृत घोषित कर दिया, जबकि एक युवक का इलाज जारी है।
मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई है:
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अंकुश पुत्र अजीत, निवासी पुरखास धीरन, जिला सोनीपत (हरियाणा)
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पारस पुत्र जयकरण, निवासी पुरखास धीरन, जिला सोनीपत
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अंकित पुत्र राजेश, निवासी मेरिडा, तहसील जुलाना, जिला जींद
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नवीन पुत्र नरेश, निवासी खेड़ी, तहसील रोहतक
घायल:
विनय पुत्र विजय, निवासी पुरखास धीरन, जिला सोनीपत
पुलिस ने ट्रोले को कब्जे में ले लिया है और चालक आफताब पुत्र जुल्फिकार (निवासी शेखपुरा कदीम, सहारनपुर) से पूछताछ की जा रही है। मृतकों के परिजनों को सूचना दे दी गई है और आगे की कार्रवाई जारी है।
मसूरी। पर्यटन सीजन के चरम पर पहुंचने के साथ ही मसूरी में शराब की दुकानों पर ओवररेटिंग के खिलाफ नाराजगी खुलकर सामने आने लगी है। शनिवार देर रात घंटाघर स्थित एक बीयर शॉप पर ओवररेटिंग को लेकर विवाद इस कदर बढ़ा कि मामला हिंसक झड़प में तब्दील हो गया। दो युवकों को गंभीर चोटें आई हैं, जिनमें से एक को 24 टांके लगे हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बीयर के अधिक दाम वसूलने को लेकर युवकों और दुकानदार के बीच कहासुनी हुई, जो जल्द ही हाथापाई में बदल गई। युवकों का आरोप है कि दुकानदार और उसके सहयोगियों ने बोतलों और चाकू से हमला किया। उग्र भीड़ ने दुकान में तोड़फोड़ कर दी और शटर क्षतिग्रस्त कर दिया।
सूचना पर पहुंची मसूरी पुलिस ने स्थिति को काबू में किया। एसआईआई किशन कुमार सिंह के नेतृत्व में पहुंची टीम ने दोनों पक्षों की शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया कि दुकानदार लंबे समय से ओवररेटिंग कर रहा था और विरोध करने पर मारपीट की गई। वहीं दुकानदार का कहना है कि युवक शराब पर अतिरिक्त छूट मांग रहे थे और मामूली असहमति को विवाद का रूप दे दिया।
गौरतलब है कि मसूरी सहित पूरे राज्य में शराब की दुकानों पर ओवररेटिंग को लेकर लंबे समय से शिकायतें सामने आती रही हैं। हालांकि जिला प्रशासन ने पूर्व में निगरानी के निर्देश दिए थे, लेकिन जमीन पर इसका खास असर नजर नहीं आया है।
कांवड़ यात्रा को लेकर बैठक में विभिन्न विषयों पर की चर्चा
देहरादून। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का नभ नेत्र ड्रोन इस साल कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में तैनात रहेगा। ड्रोन के जरिए हरिद्वार के भीड़भाड़ वाले स्थलों, सड़कों, घाटों तथा पुलों की निगरानी की जाएगी। राज्य तथा जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से नभ नेत्र ड्रोन के विजुअल्स की निरंतर मॉनिटरिंग की जाएगी। यूएसडीएमए स्थिति कंट्रोल रूम में कांवड़ यात्रा की तैयारियों के संबंध में आयोजित बैठक के दौरान उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप ने यह निर्देश दिए।
11 जुलाई से प्रारंभ हो रही कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी अपनी तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप की अध्यक्षता में कांवड़ यात्रा को लेकर बैठक हुई। उन्होंने बताया कि आईआरएस की अधिसूचना जारी कर दी गई है। कांवड़ यात्रा के दौरान संभावित आपदाओं एवं आकस्मिकताओं का प्रभावी तरीके से सामना करने में आईआरएस उपयोगी साबित हो सकता है। उन्होंने कांवड़ यात्रा से संबंधित जनपदों के अधिकारियों से आईआरएस प्रणाली को अपनाने तथा इसके तहत ही यात्रा को लेकर आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से योजना का निर्माण करने को कहा।
स्वरूप ने कहा कि कांवड़ यात्रा के सुगम एवं सफल संचालन के लिए विभिन्न विभागों के मध्य आपसी समन्वय बहुत जरूरी है। उन्होंने सभी विभागों में सिंगल प्वाइंट आफ कांटेक्ट हेतु एक जिम्मेदार अधिकारी को नामित करने तथा उनकी सूची एसईओसी और डीईओसी के साथ साझा करने के निर्देश दिए। बता दें कि कांवड़ यात्रा के लिए जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र को मास्टर कंट्रोल रूम बनाया जाएगा और यहीं से यात्रा की संपूर्ण निगरानी की जाएगी। बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, ड्यूटी आफिसर संयुक्त सचिव विक्रम सिंह राणा, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद थे।
मॉक ड्रिल में कांवड़ पर रहेगा फोकस
30 जून को यूएसडीएमए द्वारा बाढ़ को लेकर आयोजित की जा रही राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल के दौरान हरिद्वार में सुरक्षित कांवड़ यात्रा तथा गंगा घाटों में सुरक्षा के इंतजामों को परखने के लिए विशेष रूप से मॉक ड्रिल की जाएगी। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप ने खासतौर पर इसके निर्देश दिए।
कांवड़ियों के मोबाइल में सचेत एप डाउनलोड कराया जाएगा
कांवड़ यात्रा पर आने वाले कांवड़ियों के मोबाइल फोन में सचेत एप डाउन लोड कराया जाएगा। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी ने कहा कि सचेत एप कांवड़ियों को मानसून अवधि में मौसम संबंधी सूचनाएं तथा अलर्ट प्रदान करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। उन्होंने एंट्री प्वाइंट्स में सचेत एप डाउन लोड करने संबंधी होर्डिंग तथा बार कोड लगाए जाने के निर्देश दिए। टोल फ्री नंबर 112, 1070, 1077 के बारे में भी कांवड़ियों को अवगत कराया जाएगा ताकि वे किसी आपात स्थिति में इन नंबरों में फोन कर मदद मांग सकें।
गंगा घाटों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की भी तैनाती
गंगा घाटों में कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए भी विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। बैठक के दौरान सुरक्षा बलों के अधिकारियों ने बताया कि एसडीआरएफ, एनडीआरफ, जल पुलिस के अलावा 60 आपदा मित्र भी गंगा घाटों में तैनात रहेंगे। कांगड़ा घाट में सुरक्षा के खास इंतजाम किए जाएंगे। एनडीआरएफ की एक टीम कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में तैनात रहेगी और आवश्यकता पड़ने पर देहरादून से अतिरिक्त टीमों को रवाना किया जाएगा।
कांवड़ यात्रा के दौरान संभावित आकस्मिकताएं
एससीईओ प्रशासन आनंद स्वरूप ने कांवड़ यात्रा के दौरान आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से संभावित आकस्मिकताओं जैसे, भगदड़, नदी में डूबना, भंडारा स्थल, अस्थायी कैंपों में अग्निकांड, बारिश, बाढ़ और जलभराव, संक्रामक बीमारियों का प्रसार, जाम की समस्या, दुर्घटनाएं आदि को नियंत्रित करने हेतु तैयारी रखने तथा किसी भी आकस्मिकता की स्थिति में तुरंत राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से संपर्क स्थापित करने के निर्देश दिए।
वन्य जीवों से सुरक्षा के भी होंगे विशेष इंतजाम
कांवड़ यात्रियों की वन्य जीवों से सुरक्षा के लिए भी विशेष इंतजाम करने के निर्देश दिए गए। वन विभाग को ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित करने तथा वहां सुरक्षा के समुचित प्रबंध करने के हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही अधिक ऊंचाई वाली कांवड़ को बिजली की तारों से खतरा न हो, इसके लिए भी समुचित प्रबंध करने के निर्देश विद्युत विभाग को दिए गए।
प्राकृतिक संसाधनों और आपदाओं के प्रबंधन में सैटेलाइट डेटा की अहम भूमिका पर जोर
देहरादून। उत्तराखण्ड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) के सभागार में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य आगामी जुलाई में प्रस्तावित “स्पेस मीट” कार्यशाला की रूपरेखा तय करना और विभिन्न विभागों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग की संभावनाओं पर चर्चा करना रहा। संगोष्ठी में राज्य के 21 रेखीय विभागों के 40 अधिकारियों, वैज्ञानिकों और अभियंताओं ने सहभागिता की।
इस संगोष्ठी का आयोजन यूसैक द्वारा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम का मुख्य फोकस हिमालयी राज्यों की जरूरतों के अनुरूप अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और उसके अनुप्रयोगों पर केंद्रित रहा। संगोष्ठी में विभागों द्वारा संचालित परियोजनाओं और भविष्य की योजनाओं पर आधारित एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने की दिशा में चर्चा की गई, जो “विकसित भारत 2047” की थीम पर प्रस्तावित राष्ट्रीय कार्यशाला के लिए उत्तराखण्ड का रोडमैप तैयार करेगा।
यूसैक के निदेशक प्रोफेसर एम. पी. एस. पंत ने बताया कि सभी रेखीय विभागों को आठ प्रमुख थीमों—कृषि, पर्यावरण एवं ऊर्जा, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट, जल संसाधन, शिक्षा एवं स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, विकास योजना और संचार एवं नेविगेशन—में बांटते हुए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के मौजूदा और भविष्य के उपयोग का लेखा-जोखा तैयार किया जाएगा।
इस अवसर पर इसरो के क्षेत्रीय सुदूर संवेदन केंद्र नॉर्थ के वैज्ञानिक डॉ. अभिनव शुक्ला ने प्रस्तावित राष्ट्रीय स्पेस मीट की जानकारी साझा की, जबकि भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. प्रवीण ठाकुर ने भारतीय अंतरिक्ष मिशनों और उनके अनुप्रयोगों पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
संगोष्ठी का संचालन यूसैक की वैज्ञानिक डा. सुषमा गैरोला द्वारा किया गया। संगोष्ठी में यूसैक के वैज्ञानिकों. डा. अरूणा रानी, डा. आशा थपलियाल डा. प्रियदर्शी उपाध्यायए डा. गजेन्द्र सिंह रावत, डा. नीलम रावत, पुष्कर कुमार, शशांक लिंगवाल, डा. दिव्या उनियाल, आर.एस. मेहता, सुधाकर भट्ट, प्रदीप सिंह रावत, देवेश कपरूवाण, सौरभ डंगवाल, गोविन्द सिंह नेगी, विकास शर्मा, कुशलानंद सेमवाल, चन्द्रमोहन फर्स्वाण, श्रीमती मीना पंत आदि उपस्थित थे।
स्पेस मीट से पहले यह संगोष्ठी एक महत्वपूर्ण प्रयास है जो राज्य की विकास योजनाओं में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की भूमिका को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
केदारनाथ मार्ग पर एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस का मामला, पशुपालन विभाग ने उठाए सख्त कदम..
उत्तराखंड: पशुपालन विभाग के सचिव डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने कहा कि अस्वस्थ घोड़े और खच्चरों को चारधाम यात्रा मार्ग पर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय लोगों द्वारा घोड़ा-खच्चरों पर लगी रोक को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया गया है। पशुपालन विभाग के सचिव ने कहा कि चार अप्रैल से अब तक कुल 16,000 घोड़े और खच्चरों की सैंपलिंग की जा चुकी है। यह सैंपलिंग यात्रा के दौरान इन पशुओं की स्वास्थ्य स्थिति की जांच करने के लिए की जा रही है, ताकि किसी भी अस्वस्थ या बीमार जानवर को यात्रा मार्ग पर न भेजा जाए। इस कदम का उद्देश्य यात्रा मार्ग पर चलने वाले घोड़े और खच्चरों के माध्यम से किसी भी तरह की बीमारी या संक्रमण फैलने से रोकना है, जिससे श्रद्धालुओं और जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पशुपालन विभाग के सचिव डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने केदारनाथ मार्ग पर चल रहे घोड़े-खच्चरों में एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस वायरस की पहचान मिलने के बाद विभाग ने तत्काल प्रभाव से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। डॉ. पुरुषोत्तम का कहना हैं कि राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान ने 26 मार्च 2025 को रुद्रप्रयाग जिले के दो गांवों में घोड़े और खच्चरों की सैंपलिंग की, जहां एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस से संक्रमित घोड़े पाए गए थे। इसके बाद विभाग ने और अधिक सैंपलिंग की, जिसमें 152 सैंपल पॉजिटिव पाए गए। इन सैंपलों को आगे आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए भेजा गया, लेकिन खुशखबरी यह रही कि टेस्ट के परिणाम में किसी भी घोड़े या खच्चर की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई।
पशुपालन विभाग ने कहा कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी जरूरी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं, और संबंधित सभी घोड़े-खच्चरों की नियमित स्वास्थ्य जांच की जा रही है। यात्रा मार्ग पर इस तरह के मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा है, ताकि कोई भी संभावित खतरा श्रद्धालुओं या जानवरों की सुरक्षा के लिए न बने। सचिव ने कहा कि दो दिन की यात्रा में 13 घोड़े-खच्चरों की मौत हुई है। जिसमें आठ घोड़ों की मौत डायरिया एवं पांच की एक्यूट कोलिक से हुई है। विस्तृत जांच के लिए इनके सैंपल आईवीआरआई बरेली भेजे गए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए 22 से अधिक चिकित्सकों की टीम को यात्रा मार्ग में तैनात किया गया है।
पंतनगर विश्वविद्यालय से भी पहुंचे चिकित्सक..
सचिव पशुपालन ने बताया कि स्थिति से निपटने के लिए जिले में एक मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी, दो उप मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी, 22 पशु चिकित्सक, राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र के दो वैज्ञानिकों की टीम तैनात की गई है। इसके अलावा पंतनगर विश्वविद्यालय के दो विशेषज्ञ चिकित्सक भी तैनात किए गए हैं।
यूपी से आने वाले घोड़ा-खच्चर पर प्रतिबंध..
सचिव पशुपालन का कहना हैं कि यात्रा को सुचारू करने के लिए स्वस्थ एवं अस्वस्थ घोड़े-खच्चरों को चिह्नित किया जा रहा है। हर साल यात्रा मार्ग पर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से 2-3 हजार घोड़े-खच्चर आते हैं। एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस से बचाव के चलते यूपी से आने वाले घोड़ों- खच्चरों पर वर्तमान समय तक पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया है। एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस में जानवरों से मनुष्यों में संक्रमण नहीं फैलाता है, लेकिन घोड़े- खच्चरों में इसका संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है।
600 घोड़ा-खच्चरों के लिए क्वारंटीन सेंटर बनाए..
पशुपालन विभाग के सचिव ने कहा कि संक्रमित 600 घोड़ा-खच्चरों के लिए क्वारंटीन सेंटर बनाए गए हैं। वहीं विभिन्न यात्रा पड़ावों में भी इन्हें क्वारंटीन किया जाएगा।
सीएम धामी की उच्चस्तरीय बैठक- चारधाम यात्रा और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर दिए सख्त निर्देश..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर बन रही परिस्थितियों को देखते हुए चारधाम यात्रा, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, बांधों और ऊर्जा संयंत्रों की सुरक्षा को लेकर उच्चाधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। सीएम का कहना है कि शासन, प्रशासन और पुलिस को अलर्ट मोड पर रहकर सुरक्षा इंतजामों को और मजबूत करना होगा। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि किसी भी अप्रत्याशित घटना से निपटने के लिए सभी सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाएं। इसके साथ ही सीएम ने ताजा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सरकारी कर्मचारियों के अवकाश पर भी रोक लगा दी है। अब केवल अपरिहार्य परिस्थितियों में ही कर्मचारियों को अवकाश देने की अनुमति होगी। यह कदम राज्य की सुरक्षा और सुचारु प्रशासनिक कार्य संचालन को प्राथमिकता देने के लिए उठाया गया है। चारधाम यात्रा को लेकर सीएम ने कहा कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनके लिए बेहतर इंतजाम सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की वर्चुअल बैठक में भाग लेने के बाद उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सीएम आवास पर उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने राज्य की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे सभी क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में विशेष निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को समय रहते रोका जा सके। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राज्य की सीमाओं पर हर प्रकार की गतिविधि पर पैनी निगाह रखी जाए और सुरक्षा उपायों को और सख्त किया जाए। यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए राज्य में सुरक्षा के लिहाज से कोई भी लापरवाही नहीं बरती जाएगी। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया और सुनिश्चित किया कि सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को सुरक्षा के साथ-साथ किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े।
जिला और तहसील स्तर पर आवश्यक वस्तुओं आपूर्ति बनाएं..
सीएम ने कहा कि किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला और तहसील स्तर पर खाद्यान्न सहित आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखी जाए। अस्पतालों को आपातकालीन परिस्थितियों के लिए अलर्ट पर रखा जाए। सभी आवश्यक दवाओं का पूर्ण प्रबंध हो।
बचाव व राहत कार्यों के लिए प्रशिक्षण दिया जाए..
उन्होंने कहा कि नागरिक सुरक्षा दल और स्वयंसेवी संस्थाओं को बचाव और राहत कार्य के लिए प्रशिक्षण दिया जाए। लोगों को भी सही सूचनाओं के साथ सतर्क किया जाए। साथ ही इस बात का ध्यान रखा जाए कि जन सामान्य के पास हर तरह से सही और प्रमाणित सूचनाएं ही पहुंचे ताकि वो अफवाह से दूर रह सकें। साथ ही अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती की जाए। सोशल मीडिया के माध्यम से इस पर लगातार निगरानी रखी जाए।
पॉक्सो अधिनियम के तहत 91 पीड़िताओं को हर महीने 4,000 रुपये पोषण भत्ता मिलेगा..
उत्तराखंड: पॉक्सो अधिनियम के तहत शुरू की गई प्रवर्तकता नामक आर्थिक सहायता योजना में अब तक राज्य भर से 91 पीड़िताएं शामिल हो चुकी हैं। इन पीड़िताओं को महिला एवं बाल कल्याण विभाग की ओर से 18 साल की उम्र तक हर महीने चार हजार रुपये का पोषण भत्ता दिया जाएगा। यह योजना बच्चों और महिलाओं को बेहतर जीवन और आर्थिक सहायता प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेगी।
महिला एवं बाल कल्याण विभाग की उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी अंजना गुप्ता का कहना हैं कि पॉक्सो अधिनियम के तहत शुरू की गई आर्थिक सहायता योजना में विभिन्न जिलों में पॉक्सो मामलों की पीड़ित लड़कियों को वित्तीय सहायता दी जा रही है। यह सहायता बाल कल्याण समिति (CWC) द्वारा सत्यापित किए गए पीड़ितों को ही प्रदान की जाएगी। सत्यापन प्रक्रिया के बाद चयनित पीड़िताओं को हर महीने चार हजार रुपये का पोषण भत्ता मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। यह योजना उन लड़कियों के लिए एक सहारा बनेगी, जिन्हें गंभीर यौन शोषण का शिकार होने के बाद पुनः जीवन में संजीवनी की आवश्यकता है।
सहायता योजना का दायरा विभिन्न जिलों में तेजी से बढ़ा है, इनमें देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर के मामले सबसे ज्यादा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के तहत यौन अपराधों की पीड़िताओं को उचित देखभाल, पालन-पोषण और सुरक्षा प्रदान करना है। यह सहायता कोर्ट के आदेश पर विधिक सेवा की ओर से मिलने वाली आर्थिक सहायता से अलग है।
केदारनाथ धाम में इस साल टोकन व्यवस्था के जरिए बाबा के दर्शन से श्रद्धालु संतुष्ट..
उत्तराखंड: विगत 2 मई शुक्रवार से केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू हो चुकी हैं, गत वर्ष की तरह इस बार भी यात्रा में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ रहा है। बाबा केदार के दर्शनों के लिए लगने वाली भीड़ की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर प्रशासन ने इस साल टोकन प्रणाली लागू की है। जिससे सभी यात्रियों को आसानी से बाबा के दर्शन हो रहे हैं।
देहरादून से केदारनाथ आए शुभ कुमार ने कहा कि टोकन व्यवस्था से भीड़ काबू में रही जिससे वे आसानी से दर्शन कर पाए। छत्तीसगढ़ से आई डॉ. दीपिका ने बताया कि टोकन व्यवस्था होने से उन्हें सुबह से लाइन में नहीं लगना पड़ा और निर्धारित टाइम स्लॉट पर वे आसानी से दर्शन कर पाए। गाजियाबाद और मुरादाबाद से आए श्रद्धालुओं ने भी टोकन व्यवस्था पर प्रशासन की तारीफ की।
जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे ने कहा कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन बाबा केदारनाथ के दर्शनों के देश दुनिया से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का यात्रा अनुभव सुखद एवं सुगम बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम में मंदिर परिसर के प्रवेश से पहले ही हेलीपैड के समीप टोकन सिस्टम लगाया गया है, ताकि दर्शनों से पहले ही यात्री को उसके नंबर की जानकारी मिल जाए, इस बीच यात्री केदारपुरी घूम सकेंगे।
पैदल मार्ग पर रैन शेल्टर से राहत
इस बार प्रशासन ने गौरीकुंड से शुरु होने वाले पैदल मार्ग पर जगह जगह रैन शेल्टर बनाए हैं। जिससे यात्रियों को बारिश से राहत मिल रही है। इसी तरह केदारपुरी में श्रद्धालुओं को अब फ्री वाईफाई की सुविधा भी उपलब्ध हो गई है।
देहरादून एयरपोर्ट पर हाउस ऑफ हिमालयाज स्टोर का उद्घाटन, सीएम धामी और केंद्रीय मंत्री मौजूद..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज चौहान ने देहरादून एयरपोर्ट के चेक-इन क्षेत्र में हाउस ऑफ हिमालयाज स्टोर का उद्घाटन किया। इस स्टोर के उद्घाटन से देहरादून एयरपोर्ट पर यात्रियों को पहाड़ी इलाकों की विशेष वस्तुएं और स्थानीय उत्पाद खरीदने का मौका मिलेगा। यह स्टोर पर्यटन और स्थानीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, और इससे स्थानीय व्यापारियों और कारीगरों को भी लाभ होगा। उद्घाटन समारोह के दौरान दोनों नेताओं ने इस पहल को राज्य के विकास और पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए महत्वपूर्ण बताया।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून एयरपोर्ट पर हाउस ऑफ हिमालयाज स्टोर का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह कदम ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को धरातल पर उतारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस स्टोर में यात्रियों को महिला स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण उद्यमियों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला मिलेगी। इसमें हर्बल प्रोडक्ट्स, जैविक शहद, दालें, परिधान, हस्तशिल्प और पारंपरिक व्यंजन शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह पहल स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए की गई है। यह स्टोर स्थानीय कारीगरों और किसानों के लिए आय का एक अच्छा स्रोत बनेगा, साथ ही यात्रियों को हिमालयी क्षेत्र की विशिष्टताओं और पारंपरिक उत्पादों का अनुभव भी मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। जिससे चारधाम यात्रा देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए सुगम और आसान हुई है। सीएम और केंद्रीय मंत्री ने हाउस ऑफ हिमालयाज में बैठकर चाय पी। जिसके बाद सीएम देहरादून के लिए रवाना हुए। जबकि शिवराज सिंह चौहान इंडिगो की उड़ान से दिल्ली रवाना हुए। इस अवसर पर गणेश जोशी, त्रिवेंद्र सिंह रावत, कार्यकारी निदेशक दीपक चमोली, उपमहाप्रबंधक नितिन कादियान आदि उपस्थित रहे।