गैरसैंण को लेकर हरीश रावत का बड़ा वादा
देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत ने गैरसैंण को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अगर जनता 2027 में कांग्रेस को सत्ता में लाती है, तो गैरसैंण को स्थायी राजधानी बना दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में ही गैरसैंण में आधारभूत ढांचा विकसित किया गया था, जहां कभी रात में 20 लोग भी नहीं ठहर सकते थे, आज वहां 2500 लोगों के ठहरने की व्यवस्था हो चुकी है।
हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा, “जो लोग पूछते हैं कि मेरे पास मौका था तो राजधानी क्यों नहीं बनाई, उनसे कहना चाहता हूं कि 2027 में कांग्रेस को मौका दीजिए, गैरसैंण को राजधानी बना कर दिखाऊंगा।”
उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद राज्य को संकट से उबारने के साथ-साथ गैरसैंण के विकास पर भी काम हुआ। कांग्रेस सरकार ने भराड़ीसैंण में विधानसभा भवन की आधारशिला रखी और 57 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत कर निर्माण कार्य शुरू कराया। यहां पांच हजार लोगों की आवासीय क्षमता का प्रोजेक्ट भी शुरू हुआ।
पूर्व मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए राज्य सरकार को गन्ना मूल्य पर घेरा। उन्होंने कहा कि पहले मूल्य निर्धारण में देरी होती थी, लेकिन इस बार तो सरकार ने अब तक पिछली फसल का ही रेट तय नहीं किया है। उन्होंने चेताया कि बरसात के बाद गन्ने की कटाई शुरू हो जाएगी, लेकिन किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा।
उन्होंने बताया कि सरकार चीनी मिलों को पुराने रेट पर भुगतान करने का निर्देश दे रही है, जबकि किसान 450 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान की मांग कर रहे हैं।
चार बेटियों की मां को बीमित ऋण के बावजूद बैंक कर रहा था प्रताड़ित
देहरादून। जिला प्रशासन देहरादून आमजन के अधिकारों की रक्षा के लिए लगातार कठोर और त्वरित फैसले ले रहा है। इसी क्रम में एक ताजा मामला प्रकाश में आया है, जिसमें एक विधवा महिला को बीमित ऋण के बावजूद बैंक द्वारा परेशान किया जा रहा था। जिलाधिकारी सविन बंसल के संज्ञान में आए इस प्रकरण में प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए संबंधित बैंक प्रबंधक के विरुद्ध 6.50 लाख रुपये की वसूली प्रमाण पत्र (RC) जारी कर दी है। तय समयसीमा में धनराशि जमा न करने की स्थिति में बैंक शाखा को सील कर वसूली की जाएगी।
मामला प्रिया नामक विधवा महिला से जुड़ा है, जिनके पति स्व. विकास कुमार ने सीएसएल फाइनेंस लिमिटेड से गृह ऋण लिया था। ऋण के साथ टाटा एआईए इंश्योरेंस कंपनी से बीमा भी कराया गया था। सभी मेडिकल जांच और औपचारिकताएं पूरी कर बीमा स्वीकृत किया गया था। लेकिन 12 जुलाई 2024 को विकास कुमार की मृत्यु हो जाने के बावजूद बैंक और बीमा कंपनी ने न तो बीमा क्लेम पास किया और न ही ऋण माफ किया। इसके उलट, बैंक ने विधवा महिला को लगातार मानसिक प्रताड़ना दी।
प्रिया की ओर से जिलाधिकारी को की गई शिकायत पर संज्ञान लेते हुए डीएम सविन बंसल ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बैंक प्रबंधक की 6.50 लाख रुपये की आरसी जारी की। साथ ही चेतावनी दी गई है कि यदि राशि निर्धारित समय में जमा नहीं की गई, तो बैंक की कुर्की एवं सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी।
इससे पूर्व भी प्रशासन ने शिवानी गुप्ता नामक एक पीड़िता के मामले में बैंक की मनमानी पर सख्त कार्रवाई करते हुए 15.50 लाख की आरसी जारी कर बैंक को सील किया था, जिसके बाद बैंक अधिकारी स्वयं पीड़िता के घर संपत्ति के कागजात लौटाने पहुंचे थे।
अब प्रिया के मामले में भी प्रशासनिक तेवर से बैंकिंग संस्थानों में हड़कंप मच गया है। चार बेटियों की मां प्रिया पिछले एक वर्ष से न्याय के लिए दर-दर भटक रही थीं, लेकिन अब उन्हें जिला प्रशासन का सहारा मिला है।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि, “मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जनहितकारी नीतियों से प्रेरित होकर जिला प्रशासन जनमानस को अनावश्यक रूप से प्रताड़ित करने वालों पर कठोर कार्रवाई करने के लिए संकल्पित है। अब कमजोर व असहाय लोगों की आवाज को दबाया नहीं जा सकेगा।”
मुख्यमंत्री ने बल्लीवाला में आयोजित सम्मान समारोह में दिलाई भ्रष्टाचार विरोधी शपथ
मुख्यमंत्री ने बताया – भ्रष्टाचार, लव जिहाद, लैंड जिहाद और नकली पहचान पर सरकार की सख्त कार्रवाई जारी
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को बल्लीवाला, देहरादून में ‘भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड’ के लिए मुख्यमंत्री द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी को भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की शपथ भी दिलाई।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश को भ्रष्टाचार से मुक्त बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी और जनता के समर्थन को इस अभियान की सबसे बड़ी ताकत बताया। उन्होंने कहा कि यह अभिनंदन समारोह केवल एक सम्मान नहीं, बल्कि उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के सपने को साकार करने का उत्सव है। यह सम्मान उत्तराखंड की सवा करोड़ जनता का है, जो ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही के मूल्यों के साथ राज्य के विकास की दिशा में अग्रसर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई व्यक्तिगत विजय नहीं, बल्कि यह जनता के विश्वास, ईमानदारी की ताकत और युवाओं की उम्मीदों की जीत है। राज्य सरकार ने ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के तहत पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए तकनीक का व्यापक उपयोग किया है, जिसमें ऑनलाइन ट्रांसफर प्रक्रिया, परीक्षा प्रणाली की निगरानी और जन शिकायत निवारण के लिए सीएम हेल्पलाइन 1905 और भ्रष्टाचार की शिकायतों के लिए 1064 जैसी व्यवस्थाएं शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में अनियमितता, ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार और योजनाओं में कमीशनखोरी जैसे मामलों में कठोर कार्रवाई की गई। पिछले तीन वर्षों में भ्रष्टाचार में लिप्त 200 से अधिक लोगों को जेल भेजा गया है। पिछले चार वर्षों में राज्य में 24 हजार से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू करने, सख्त नकल विरोधी कानून बनाने, लैंड जिहाद व लव जिहाद के विरुद्ध कार्रवाई तथा धर्मांतरण और दंगारोधी कानूनों के माध्यम से शासन व्यवस्था को मज़बूती प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि इन कदमों ने यह प्रमाणित किया है कि यदि दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो किसी भी चुनौती का सामना सफलतापूर्वक किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में छद्म वेशधारियों की मूल पहचान उजागर करने के लिए “ऑपरेशन कालनेमि” चलाया जा रहा है। अब तक 200 से अधिक संदिग्धों को पकड़ा गया है, जिनमें कुछ बांग्लादेशी घुसपैठिए भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की कि ऐसे तत्वों की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “ना खाऊँगा, ना खाने दूँगा” के मंत्र को अपनाते हुए राज्य सरकार पारदर्शी, जवाबदेह और जनहितकारी शासन व्यवस्था के निर्माण के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर विधायक खजान दास, स्वामी चिदानंद सरस्वती, किशन गिरी महाराज, राकेश ऑबेरॉय, पंकज गुप्ता एवं विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
देहरादून। प्रदेशभर के पूर्व सैनिकों से आव्हान करते हुए सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि वे हरेला पर्व के वृक्षारोपण अभियान में सक्रिय सहभागिता निभाएं और पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाएं। इस बाबत उन्होंने रविवार को पूर्व सैनिकों के साथ हरेला पर्व के संबंध में बैठक की।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि इस बार हरेला पर्व के अवसर पर पूर्व सैनिकों द्वारा प्रदेशभर में दो लाख से अधिक पौधे रोपे जाएंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की इस पारंपरिक पर्व को न केवल सांस्कृतिक पहचान से जोड़ना है, बल्कि इसे हरियाली और पर्यावरण जागरूकता का सशक्त माध्यम भी बनाना है। इस दौरान सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने 16 जुलाई को हरेला पर्व के अवसर पर एक पेड़ मां के नाम अभियान के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों में अधिक से अधिक संख्या में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने का आव्हान भी किया।
उन्होंने कहा कि यह अभियान सामाजिक चेतना, पर्यावरण सरंक्षण और राष्ट्र सेवा का प्रतीक बनेगा। मंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिकों ने राष्ट्र की रक्षा के लिए जो सेवा दी है, अब उसी समर्पण भाव से वे प्रकृति की रक्षा के लिए भी आगे आ रहे हैं। उन्होंने सभी से हरेला पर्व को हरित क्रांति के रूप में बदलने का संकल्प हम सभी को लेना होगा।
बैठक में सैनिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कर्नल (सेनि) रघुवीर सिंह भंडारी, कर्नल (सेनि) रविन्द्र सिंह रांगडा, पीबीआरओ अध्यक्ष शमशेर सिंह बिष्ट, सूबेदार राकेश प्रसाद, हवलदार विक्रम सिंह, सोबन सिंह रावत, जसपाल, राजे सिंह रावत सहित कई पूर्व सैनिक उपस्थित रहे।
दमकल की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद पाया आग पर काबू, लाखों का हुआ नुकसान
मसूरी। पहाड़ों की रानी मसूरी में सोमवार सुबह उस समय अफरा-तफरी मच गई जब मॉल रोड पर स्थित गढ़वाल टैरेस रेस्टोरेंट के सामने एक आइसक्रीम की दुकान में अचानक भीषण आग लग गई। कुछ ही मिनटों में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और मॉल रोड धुएं के गुबार और लपटों से घिर गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक आग इतनी तेजी से फैली कि दुकान में रखा सारा सामान पलभर में जलकर राख हो गया। आसपास की दुकानों को भी इससे नुकसान पहुंचा। स्थानीय व्यापारियों ने तत्काल फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद मसूरी पुलिस और अग्निशमन विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं। करीब तीन घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
फायर ब्रिगेड अधिकारियों का कहना है कि आग का प्राथमिक कारण शॉर्ट सर्किट प्रतीत हो रहा है, हालांकि विस्तृत जांच जारी है। अधिकारियों ने बताया कि जब तक दमकल की गाड़ियां पहुंचीं, तब तक दुकान पूरी तरह से खाक हो चुकी थी।
दुकान में फ्रिज, कूलर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और भारी मात्रा में खाद्य सामग्री मौजूद थी, जो सब कुछ जल गया। दुकान मालिक के अनुसार, आग से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। फिलहाल प्रशासन नुकसान के आकलन में जुटा हुआ है।
स्थानीय व्यापारियों ने प्रशासन से मांग की है कि मॉल रोड जैसे संवेदनशील क्षेत्र में अग्निशमन व्यवस्था को और बेहतर किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
मुख्य सचिव को निर्देश – खेल अधोसंरचना का हो स्थायी और सतत उपयोग, खिलाड़ियों को मिले निरंतर प्रशिक्षण और सुविधाएं
देहरादून। उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों की अभूतपूर्व सफलता के बाद अब राज्य सरकार खेलों को लेकर नई दृष्टि और रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के खिलाड़ियों को निरंतर उच्च स्तरीय प्रशिक्षण और सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय खेलों के दौरान निर्मित और उन्नत किए गए खेल ढांचे का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने हेतु मुख्य सचिव को शीघ्र कार्ययोजना तैयार करने और उस पर तेजी से अमल करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेल केवल एक आयोजन नहीं थे, बल्कि यह उत्तराखंड की खेल यात्रा में ऐतिहासिक मोड़ सिद्ध हुए हैं। पहली बार राज्य ने 100 से अधिक पदक जीतकर पदक तालिका में सातवां स्थान प्राप्त किया और अपने प्रदर्शन से पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि “खेलों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता और खिलाड़ियों की मेहनत ने मिलकर यह असाधारण उपलब्धि संभव बनाई है।”
लिगेसी प्लान: खेल ढांचे का बेहतर और स्थायी उपयोग
राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए तैयार की गई अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं अब राज्य के खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण केंद्र के रूप में उपयोग होंगी। देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज और हल्द्वानी के इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया गया है। इसके साथ ही राज्य के आठ शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना की योजना भी लिगेसी प्लान का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि खेल ढांचे को निष्क्रिय नहीं रहने दिया जाएगा, बल्कि इसका अधिकतम उपयोग किया जाएगा ताकि राज्य के युवा प्रतिभाओं को अपने घर के पास ही उच्च स्तरीय प्रशिक्षण मिल सके।
नई खेल नीति से खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ा
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021 में लागू नई खेल नीति के सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं। इसमें खिलाड़ियों को उनकी उपलब्धियों के अनुसार आकर्षक प्रोत्साहन राशि, सरकारी नौकरी, छात्रवृत्तियां और सम्मान देने का प्रावधान किया गया है। ओलंपिक स्तर के पदक विजेताओं को दो करोड़ रुपये तक की राशि देने की घोषणा से खिलाड़ियों में नया उत्साह आया है।
खेल विश्वविद्यालय का निर्माण – दूरदृष्टि से लिया गया फैसला
हल्द्वानी में बनने वाला खेल विश्वविद्यालय राज्य की खेल संस्कृति को संस्थागत रूप देगा। यह न केवल प्रशिक्षण और रिसर्च का केंद्र बनेगा, बल्कि कोचिंग, खेल विज्ञान, फिजियोथेरेपी, मैनेजमेंट आदि में भी युवाओं को अवसर प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा,
“उत्तराखंड को आज खेल भूमि के रूप में देखा जा रहा है, यह पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है। राष्ट्रीय खेलों की सफलता ने एक नई चेतना जागृत की है। सरकार खेल और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए पूरी तन्मयता से जुटी हुई है। मैदानों से लेकर पहाड़ों तक हर जगह खेल प्रतिभाओं के लिए एक नया और उज्जवल भविष्य आकार ले रहा है।”
टीसी विवाद हो या पेयजल संकट, डीएम ने हर मामले में दिखाई संवेदनशीलता और प्रभावी निर्णय
देहरादून। जिला प्रशासन देहरादून जनमानस की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है। जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में बीते 10 महीनों में प्रशासन की सक्रियता और जनता के प्रति संवेदनशीलता ने लोगों का विश्वास और भी मजबूत किया है। हर कार्यदिवस पर डीएम स्वयं 40 से अधिक फरियादियों की समस्याएं सुनते हैं और उनके समाधान की व्यक्तिगत मॉनिटरिंग करते हैं।
निजी स्कूल द्वारा टीसी न देने पर तत्काल कार्रवाई
हाल ही में एक महिला अंशू सारस्वत अपने पुत्र की ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) न मिलने की शिकायत लेकर जिलाधिकारी के पास पहुंची। महिला का बेटा विगत तीन वर्षों से वंडर ईयर एकेडमी में पढ़ रहा था और अब उसने दूसरे स्कूल में दाखिला लिया है। स्कूल प्रबंधन टीसी देने से इनकार कर रहा था। जिलाधिकारी सविन बंसल ने मामले की गंभीरता को समझते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी को तत्काल निर्देश दिए और व्हाट्सएप के माध्यम से आवेदन साझा किया। डीएम के स्पष्ट निर्देशों के बाद उसी दिन स्कूल ने टीसी जारी कर दी।
बुजुर्ग महिला की पेयजल समस्या पर भी मिली तत्काल राहत
गांधी रोड की बुजुर्ग महिला जोगिंदर कौर ने डीएम को बताया कि उनके घर में पिछले चार से पांच महीनों से पानी नहीं आ रहा है, जिससे उन्हें होटल से पानी भरने को मजबूर होना पड़ता है। शिकायत पर जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन अधिकारी एवं जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता से तत्काल एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब की। उसी दिन महिला की गली में टैंकर के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया गया। जांच में पाया गया कि एक कनेक्शन से तीन परिवारों को पानी सप्लाई हो रही थी, जिससे समस्या उत्पन्न हो रही थी। जल संस्थान द्वारा आश्वासन दिया गया कि अलग-अलग कनेक्शन के लिए पूरा सहयोग किया जाएगा।
प्रशासनिक सख्ती से बढ़ रहा जनता का भरोसा
इन त्वरित निर्णयों ने यह सिद्ध किया है कि जिला प्रशासन जनता की समस्याओं को लेकर बेहद गंभीर और संवेदनशील है। निजी संस्थानों पर सख्ती, जनता के प्रति जवाबदेही और हर शिकायत का त्वरित समाधान – यह साबित करता है कि जिला प्रशासन जनहित के प्रति पूर्णतः समर्पित है।
लोक गायक प्रीतम भरतवाण की सांस्कृतिक प्रस्तुति को बताया जागरूकता का माध्यम
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आई आर डी टी ऑडिटोरियम देहरादून में हिमालयन हेरिटेज सोसाइटी द्वारा आयोजित भगवती सुरकंडा मां दिव्य जागर विमोचन समारोह में शामिल हुए| मुख्यमंत्री ने जागर गायक प्रीतम भरतवाण के सुरकंडा देवी पर जागर का विमोचन किया ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जागरो के माध्यम से हमारे पूर्वजों ने प्रकृति, पर्वत, नदियों और देवशक्तियों के साथ संवाद स्थापित किया। हमारी ये जागर परंपरा वेद मंत्रों जितनी ही गूढ़ है, जिसे केवल गाया ही नहीं जाता बल्कि अनुभव भी किया जाता है। जागर में शब्द नहीं बल्कि शक्ति होती है, प्रत्येक बोल, प्रत्येक ताल और ढोल की थाप में एक आध्यात्मिक शक्ति होती है, जो देवत्व को आमंत्रित करती है। इसलिए इस प्रकार के प्रयासों को प्रोत्साहन देना हम सभी का कर्तव्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण हेतु निरंतर प्रयास कर रही है ।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मां सुरकंडा देवी, हमारी लोक आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिक परंपरा का प्रतीक हैं, उनके इतिहास, महिमा और गौरवशाली कथा को चलचित्रों के माध्यम से जीवंत रूप देने का जो अद्भुत कार्य हमारे प्रदेश के महान लोक गायक पद्म श्री प्रीतम भरतवाण ने किया है, वह अनुकरणीय है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रीतम भरतवाण का यह प्रयास न केवल मां सुरकंडा की महिमा को जन-जन तक पहुंचाएगा, बल्कि हमारी नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने में भी अहम भूमिका निभाएगा। 52 शक्तिपीठों में से एक मां सुरकंडा देवी का मंदिर लोगों की श्रद्धा और शक्ति का केंद्र है। सदियों से यहां पर लोकगाथाएं गाई जाती रही हैं, जागर गाए जाते रहे हैं।आज, जब इस अमूल्य धरोहर को संगीत, चलचित्र, और सांस्कृतिक शिल्प के माध्यम से संजोया गया है, तो यह प्रयास अत्यंत ही सराहनीय है।
मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि राज्य के लोग हमेशा अपनी जड़ों से जुड़े रहें और उत्तराखंड की लोक पंरपराओं को जन-जन तक पहुंचाने में अपना योगदान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति, परंपराएं और विरासत हमारी आत्मा का हिस्सा हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज पूरे भारत में ’’विकास भी और विरासत भी’’ के उद्घोष के साथ जहां एक ओर अभूतपूर्व विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन एवं सहयोग से हमारी राज्य सरकार भी प्रदेश के विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए भी निरंतर प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री केदारनाथ धाम एवं श्री बद्रीनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों के साथ ही मानसखंड के पौराणिक मंदिरों’ के पुनरुत्थान एवं सौंदर्यीकरण हेतु करोड़ों की लागत से परियोजनाएँ संचालित की जा रही हैं। इसके साथ ही हम हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर के निर्माण पर भी तेजी से कार्य कर रहे हैं। पहले मां सुरकंडा देवी मंदिर जाने के लिए पैदल चलना पड़ता था, लेकिन हमारी सरकार ने ही मंदिर तक रोपवे का संचालन प्रारंभ करवाया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, जागर गायक प्रीतम भारतवाण सहित बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद रहे |
धार्मिक वेश में ठगी करने वालों के खिलाफ पुलिस की सख्त कार्रवाई
देहरादून। जनपद देहरादून में आम लोगों को धार्मिक विश्वास के नाम पर ठगने वाले ढोंगी बाबाओं के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) अजय सिंह के नेतृत्व में चल रहे “ऑपरेशन कालनेमि” के तहत शनिवार को विभिन्न थाना क्षेत्रों में छापेमारी कर 23 ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया।
ये सभी आरोपी साधु-संतों के भेष में भोले-भाले लोगों को बहला-फुसलाकर धोखाधड़ी की कोशिश कर रहे थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से 10 लोग उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे अन्य राज्यों से ताल्लुक रखते हैं, जबकि बाकी देहरादून और आसपास के क्षेत्रों के रहने वाले हैं।
गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम-पते:
सरदारों पुत्र सुखलाल (देहरादून, 58 वर्ष)
लखनपाल सिंह पुत्र सतनाम सिंह (देहरादून, 38 वर्ष)
शिव कुमार पुत्र बेचन लाल (देहरादून, 49 वर्ष)
मनोज कुमार जोशी पुत्र शिवकुमार (बिजनौर, यूपी, 44 वर्ष)
गुरदास सिंह पुत्र किशोरी सिंह (देहरादून, 61 वर्ष)
माताफेर गोस्वामी पुत्र रामचंद्र (देहरादून, 64 वर्ष)
सोहन सिंह पुत्र सतनाम सिंह (देहरादून, 45 वर्ष)
अभिलाख सिंह पुत्र बानजीत सिंह (हरिद्वार, 59 वर्ष)
महेंद्र पुत्र कालू (बिजनौर, यूपी, 30 वर्ष)
वेदप्रकाश पुत्र कोमल सिंह (हाथरस, यूपी, 42 वर्ष)
मोहन गिरि पुत्र नत्थु सिंह (बिजनौर, यूपी, 58 वर्ष)
संतोष कुमार पुत्र सोबरन सिंह (मैनपुरी, यूपी)
सुल्तान नाथ पुत्र जोगिंदर नाथ (देहरादून)
मगन पंडित पुत्र ज्योतिष पंडित (कोलकाता, बंगाल) हरिप्रसाद पुत्र महाप्रसाद (ऋषिकेश, देहरादून)
राजेंद्र कुमार पुत्र प्रगीलाल (लक्सर, हरिद्वार)
रघुनाथ साहनी पुत्र रामप्रसाद (दरभंगा, बिहार)
अनिल थापा पुत्र वीर बहादुर थापा (देहरादून)
गुलाब चंद्र विश्वास पुत्र ओ.बी. नाथ (कोलकाता, बंगाल)
गुलशन नाथ पुत्र फूलनाथ (सिरसा, हरियाणा, 31 वर्ष)
संदीप नाथ पुत्र महावीर (सिरसा, हरियाणा, 22 वर्ष)
पामती नाथ पुत्र जागर नाथ (देहरादून, 42 वर्ष)
बल्लू पुत्र टिपरनाथ (देहरादून, 22 वर्ष)
पुलिस ने बताया कि इन बाबाओं की गतिविधियों पर खुफिया निगरानी लंबे समय से की जा रही थी। स्थानीय लोगों से भी कई बार इनकी शिकायतें मिल रही थीं। आखिरकार पुलिस ने योजना बनाकर इन पर शिकंजा कस दिया।
एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि ऑपरेशन कालनेमि आगे भी जारी रहेगा और धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग कर समाज को गुमराह करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। गिरफ्तार सभी आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
बार एसोसिएशन ने जारी की सख्त चेतावनी
देहरादून। देहरादून जिला न्यायालय परिसर में अब वकील की वेशभूषा में कोई भी अनधिकृत व्यक्ति दिखाई दिया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बार एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि जो व्यक्ति वकील नहीं हैं लेकिन उनकी ड्रेस पहनकर परिसर में सक्रिय रहते हैं, उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई जाएगी।
देहरादून बार एसोसिएशन ने अधिवक्ता की वेशभूषा के दुरुपयोग पर कड़ा रुख अपनाया है। एसोसिएशन ने स्पष्ट किया है कि कोर्ट परिसर या अधिवक्ताओं के चैंबर ब्लॉक में सिर्फ अधिकृत अधिवक्ता ही काली पैंट और सफेद शर्ट या कोट पहन सकते हैं। अगर कोई दलाल, मुंशी या वकालत के छात्र (इंटर्न) अधिवक्ता की ड्रेस में नजर आते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई तय है।
बार के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल और सचिव राजबीर सिंह बिष्ट द्वारा जारी विशेष सूचना में कहा गया है कि कुछ लोग खुद को अधिवक्ता बताकर न्यायालय परिसर में सक्रिय हैं। वे अधिवक्ता की वेशभूषा में न्यायालय की कार्यवाही में भी शामिल हो रहे हैं, जिससे न्यायिक मर्यादा प्रभावित हो रही है। ऐसे सभी लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
इसके साथ ही, मुंशी और इंटर्न के लिए भी बार एसोसिएशन ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अधिवक्ताओं से अपील की गई है कि उनके यहां कार्यरत मुंशी का पहचान पत्र बार एसोसिएशन से बनवाना अनिवार्य होगा।
इंटर्न्स के लिए सख्त निर्देश:
अब लॉ इंटर्न को कोर्ट परिसर में अपने कॉलेज की ड्रेस में आना होगा, जिसमें कॉलेज का मोनोग्राम और पहचान पत्र अनिवार्य होगा। यदि कोई इंटर्न इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और संबंधित कॉलेज को सूचित किया जाएगा।