उच्च शिक्षा विभाग में छह मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों सहित 85 के तबादले..
उत्तराखंड: उच्च शिक्षा विभाग में छह मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों सहित 85 के तबादले किए गए हैं। संयुक्त निदेशक एएस उनियाल का कहना हैं कि मिनिस्ट्रीयल संवर्ग में एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, एक प्रशासनिक अधिकारी, 10 प्रधान सहायक, सात वरिष्ठ सहायक और 11 कनिष्ठ सहायकों के तबादले किए गए हैं। इसके साथ ही 27 प्रयोगशाला सहायकों एवं सात पुस्तकालय सहायक सहित अन्य के तबादले किए गए हैं।
पुरोला में नहीं थम रहा सांप्रदायिक तनाव, बीजेपी नेता को भी रातों रात करना पड़ा गांव खाली..
उत्तराखंड: उत्तरकाशी के पुरोला में सांप्रदायिक तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। पुरोला में नाबालिग हिंदू लड़की के अपहरण की कोशिश के आरोप में दो समुदाय विशेष के युवकों की गिरफ्तारी के बाद माहौल दिन पर दिन खराब होता जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से समुदाय विशेष के व्यापारी अपनी दुकान खाली कर पलायन कर चुके हैं। शहर छोड़ने वालों में बीजेपी नेता भी शामिल हैं।
आपको बता दे कि बीजेपी नेता मोहम्मद जाहिद पुरोला में करीब 25 सालों से रह रहे थे। वह बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने अपने कपड़े की दुकान खाली कर परिवार के साथ बुधवार रात पुरोला से निकल गए। बताया है रहा है कि इससे तीन दिन पहले भी एक समुदाय विशेष व्यापारी ने अपनी दुकान खाली कर गांव से चले गए थे।
तीन साल पहले हुए थे भाजपा में शामिल..
बता दें कि बीजेपी नेता जाहिद तीन साल पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे और पार्टी में खूब सक्रिय भी रहे हैं। तीन फरवरी 2023 को उन्हें उत्तरकाशी का जिला अध्यक्ष बनाया गया था। एक व्यापारी का कहना हैं कि ‘जिला अध्यक्ष बनाए जाने से पहले वह कई पदों पर रहे हैं। उनका दुर्भाग्य ये रहा की पार्टी भी उनकी कोई मदद नहीं कर सकी। भाजपा अध्यक्ष को आधी रात गांव से जाना पड़ा। यदि सत्ताधारी दल के किसी व्यक्ति का ये हाल है तो आम आदमी का क्या होगा ?
ये था मामला..
आपको बता दे कि उत्तरकाशी के पुरोला में बीते 26 मई को एक नाबालिग छात्रा को भगाने के आरोप में एक मुस्लिम और हिन्दू युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। घटना के बाद से ही पुरोला में मुस्लिम समुदाय के विरुद्ध ग्रामीणों और व्यापारियों ने मोर्चा खोला हुआ है।
भारत में पहली बार मलेरिया के वायरस में मिला नया म्यूटेशन..
53 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग से हुआ खुलासा..
देश-विदेश: भारत में पहली बार वैज्ञानिकों को मलेरिया संक्रमण के नए म्यूटेशन का पता चला है। आशंका जताई जा रही है कि यह मरीजों में दवा प्रतिरोध की वजह से हो सकता है। भारतीय मरीजों में मिलने वाला यह बदलाव दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीकी देशों की तुलना में एकदम नया है।
शोधकर्ताओं ने यहां तक कहा है कि भारत में मलेरिया परजीवी की अपनी एक अनूठी आबादी है। ड्रग्स एंड ड्रग रेजिस्टेंस में प्रकाशित अध्ययन पुणे स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर), कोलकाता स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन, विद्यासागर विश्वविद्यालय और पुणे के ही सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया है। इसमें 53 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई, जिसमें वायरस की आनुवंशिक संरचना और नए म्यूटेशन का पता चला है।
विशेष परजीवी मार्कर की पहचान हुई..
शोधकर्ताओं का कहना है कि अध्ययन से भारत में मलेरिया के विशेष परजीवी मार्कर की पहचान हुई है, जिसका मुख्य कारण दवा प्रतिरोध हो सकता है। इससे रोगियों के उपचार में काफी मदद मिल सकती है। साथ ही, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के 2030 तक मलेरिया से मुक्ति पाने के लक्ष्य को सफल बनाने में मदद मिलेगी। अध्ययन में प्रमुख शोधकर्ता डॉ. कृष्णपाल करमोदिया का कहना हैं कि यह भारत का पहला बड़े पैमाने पर किया गया अध्ययन है, जो भारतीय आबादी में मलेरिया परजीवी की अनूठी आबादी होने की पुष्टि कर रहा है। इस अध्ययन के लिए पश्चिम बंगाल के कोलकाता से मरीजों के सैंपल एकत्रित करने के बाद आईआईएसईआर की लैब में जीनोम सीक्वेंसिंग की गई।
भारत में स्थिति..
प्लाज्मोडियम परजीवी के कारण होने वाला रोग मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। मरीज के शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करता है। बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द एवं थकान जैसे लक्षण महसूस होते हैं।
विश्व मलेरिया रिपोर्ट वर्ष 2022 के अनुसार, 2015-2022 के दौरान भारत में मलेरिया के मामलों में 85.1% की गिरावट और मौतों में 83.36 फीसदी की गिरावट दर्ज की।
भारत में मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों की नौ प्रजातियां हैं।
अभी तक मलेरिया का टीका नहीं आया है। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक कंपनी टीका खोज में लगी हुई हैं।
उत्तर भारत के लोगों में बिना संक्रमण बढ़ रही सूजन की समस्या..
इस शोध में हुए कई खुलासे..
उत्तराखंड: उत्तर भारत के लोगों में बिना किसी संक्रमण के आंखों की सूजन की समस्या बढ़ रही है। इससे उनकी आंखों की रोशनी भी कम हो रही है। यह सूजन आंखों के बाहरी हिस्से में पाई जा रही है। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शोध में इसका खुलासा हुआ है। शोध के दौरान लोगों की आंखों में सबसे अधिक एंटीरियर यूवीआईटिस (आंखों के आगे वाले हिस्से में सूजन) मिला।
यह शोध दून मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुशील ओझा, लखनऊ एसजीपीजीआई के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वैभव जैन और यूपीएमयू सैफई की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रीना शर्मा ने साथ मिलकर किया। बता दे कि यह शोध तमिलनाडु के जनरल ऑफ ऑप्थैल्मिक साइंस एंड रिसर्च में प्रकाशित भी हो चुका है।
आंखों के बाहरी हिस्से में अधिक सूजन पाई जा रही..
आपको बता दे कि दून मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विशेषज्ञ व एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुशील ओझा का कहना हैं कि आंखों की लालपन की स्थिति पता करने के लिए यह शोध किया गया। शोध में पता चला कि बिना इंफेक्शन आंखों के लालपन का बड़ा कारण सूजन है।
उत्तर भारत के लोगों की आंखों के बाहरी हिस्से में अधिक सूजन पाई जा रही है। आंखों में यूवीआईटिस नामक सूजन हो रही है। यह एक ऑटो इम्यून डिसऑर्डर है। ऐसे में इम्यूनो सप्रेसिव थेरेपी देकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इस तरह की सूजन होने पर आंखों की रोशनी जाना, मोतियाबिंद और आंख सूख के छोटी हो जाने का खतरा बना रहता है।
तीन साल तक 89 लोगों पर चला शोध..
यह शोध 2017 से 2019 तक 89 लोगों पर किया गया। इनमें 50 प्रतिशत मरीज ऐसे थे, जिन्हें पिछले दो दिनों के अंदर आंखों में समस्या हुई थी और 50 प्रतिशत मरीज ऐसे थे जिनमें आंखों की समस्या पुरानी थी। मरीजों की उम्र 20 से 50 साल थी। शोध के दौरान यह पाया गया कि 46 प्रतिशत मरीजों में आंख के आगे वाले हिस्से (एंटीरियर) में सूजन थी। 26 में आंख के बीच वाले हिस्से (इंटरमीडिएट) में सूजन और 15 प्रतिशत मरीजों में आंख के पीछे वाले हिस्से (पोस्टीरियर) में सूजन पाई गई। शोध में लिए गए मरीजों को पहले से ही आंखों में सूजन की समस्या थी। मरीज को एक बार दिखाने के बाद चार महीने से लेकर डेढ़ साल तक लगातार फॉलो किया गया।
विशेषज्ञ के तौर पर एसजीपीजीआई और सैफई के डॉक्टर ने दिया सुझाव..
एसजीपीजीआई लखनऊ और सैफई मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने शोध में एक विशेषज्ञ के तौर पर मदद की। जो जांच दून मेडिकल कॉलेज में नहीं हो सकती थी, उन्हें एसजीपीजीआई से करवाया गया। मरीज की फोटो देखकर डॉक्टरों ने अपना सुझाव दिया। शोध में अधिकतर मरीज दून मेडिकल कॉलेज के थे। यहां पर 40 फीसदी मरीज यूपी से आते हैं।
धामी सरकार में दायित्वों की फर्जी सूची वायरल, लिस्ट में कई बड़े नाम..
उत्तराखंड: प्रदेश की धामी सरकार में दायित्व बांटे जाने की चर्चाओं के बीच सोशल मीडिया पर एक सूची वायरल हो गई। सूची संज्ञान में आने के बाद प्रदेश भाजपा ने इसे भ्रामक और तथ्यहीन करार दिया। दायित्वधारियों की वायरल सूची में भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल हैं। सूची में कई नाम पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के समर्थकों के बताए जा रहे हैं।
ये पद है खाली..
आपको बता दे कि उत्तराखंड सरकार के विभिन्न बोर्डों, निगमों और समितियों में शासन को अभी तक 88 खाली पदों का ब्योरा प्राप्त हुआ है। इनमें सदस्यों की संख्या को जोड़कर खाली पदों की संख्या 100 से अधिक है। विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद दायित्वों का बंटवारा नहीं हो पाया है। इस संबंध में तमाम चर्चाएं हो रही है। बैठकों का दौर भी जारी है लेकिन फैसला नहीं हो पाया है। अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आने वाले दिनों में दायित्वों की घोषणा कर सकते हैं।
इनके नाम सूची में शामिल..
वायरल सूची में भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल हैं। सूची में पार्टी के वरिष्ठ नेता बलराज पासी, ज्योति प्रसाद गैरोला, देवेंद्र भसीन, सुरेश भट्ट, कैलाश पंत, विनोद उनियाल, सुभाष बड़थ्वाल, मोहन पाठक, केदार जोशी, चंडी प्रसाद भट्ट, सरोज डिमरी, दीपक मेहरा, ऋषिराज डबराल, राजेंद्र अंतवाल, राम सुंदर नौटियाल, निदेश आर्य, डॉ. जयपाल सिंह, देवेंद्र ढेला, कर्नल अजय कोठियाल, प्रदीप बिष्ट, रमेश गड़िया, सौरभ थपलियाल, सुमन काशमी, हरक सिंह नेगी, अशोक नबयिल, गोविंद पिल्खवान, भगवत प्रसाद, तेलूराम चिनलिया, सुरेंद्र मोघा, मूरतराम शर्मा, श्यामवीर सैनी, नगीना रानी, मुन्नी देवी, विनय रुहेला, शिव सिंह बिष्ट, रेणु अधिकारी, अनुराधा वालिया, अनिल गोयल, विनय गोयल, अनिल डब्बू, शांति मेहरा, रामचंद्र गौड, सुरेश जैन समेत कई अन्य भाजपा नेताओं के नाम शामिल हैं, जिनके नाम के सामने अलग-अलग दायित्व लिखे हैं। लेकिन बीजेपी इसे फर्जी बताया है।
सचिवालय रक्षक भर्ती की शारीरिक दक्षता परीक्षा का शेड्यूल जारी..
उत्तराखंड: अधीनस्थ सेवा चयन आयोग सचिवालय रक्षक भर्ती की शारीरिक मापजोख परीक्षा व अभिलेख सत्यापन 13 जून को कराएगा। इसके लिए आयोग ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। आयोग ने पेपर लीक होने के बाद यह परीक्षा 21 मई को दोबारा कराई थी। महज पांच दिन के भीतर 26 मई को आयोग ने इसका परिणाम भी जारी कर दिया था। अब चयनितों के लिए शारीरिक मापजोख व अभिलेख सत्यापन की तिथि 13 जून तय की गई है।
आयोग के सचिव एसएस रावत का कहना हैं कि रिजल्ट में क्रमांक 1 से 66 तक के चयनितों को आयोग के रायपुर स्थित कार्यालय में 13 जून को सुबह 9:30 बजे शारीरिक नाप-जोख परीक्षण व अभिलेख सत्यापन के लिए पहुंचना होगा। उनका कहना हैं कि उन्हें अपने सभी मूल प्रमाणपत्र लाने होंगे। उनकी दो-दो स्वप्रमाणित प्रतियां और छह पासपोर्ट साइज फौटो भी लानी होंगी। आयोग की वेबसाइट पर संवादन संख्या 79 में निर्धारित प्रारूप व अभिलेख सत्यापन के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध है।
सभी अभ्यर्थियों को अनिवार्य तौर पर पहुंचना होगा। इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। अगर कोई गंभीर कारण हो तो निर्धारित तिथि से आगामी सात दिन की अवधि में अभिलेख सत्यापन के लिए अनुपस्थिति साक्ष्य के साथ पहुंचना होगा। आयोग परिसर में कैमरा, मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा।
पुरोला में पोस्टर लगाने के बाद फिर बढा़ तनाव..
मकान मालिकों ने दुकानें खाली कराने का किया ऐलान..
उत्तराखंड: पुरोला में नाबालिग लड़की को भगाकर ले जाने के बाद शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दिन पुरोला बाजार में समुदाय विशेष के व्यापारियों की दुकानों के बाहर 15 जून की प्रस्तावित महापंचायत से पहले दुकानें खाली करने के पोस्टर चस्पा किए गए। जिसके बाद से माहौल और भी ज्यादा खराब हो गया है। हालांकि पुलिस ने पोस्टर चस्पा कर माहौल खराब करने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। लेकिन फिर भी तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
नौ मकान मालिकों ने किया दुकान खाली कराने का ऐलान..
पुरोला बाजार में समुदाय विशेष की दुकानों को खाली करवाने के लिए राष्ट्रीय संत दर्शन लाल भारती दुकानों के मकान मालिकों से मिले। जिसके बाद नौ दुकान मालिकों ने दुकानें खाली करवाने का ऐलान कर दिया है। दुकान मालिकों का कहना है कि वो अपनी दुकानें समुदाय विशेष के व्यापारियों से खाली करवाएंगे।
समुाय विशेष के व्यापारियों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन..
जहां एक ओर दुकान मालिकों ने दुकानें खाली करवाने का ऐलान कर दिया है तो वहीं दूसरी ओर समुदाय विशेष के व्यापारी बाल खां, अशरफ, मोहम्मद रईस ने एसडीएम से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि एक हफ्ते से भी ज्यादा समय से उनकी दुकानें बंद हैं। जिस कारण उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने सुरक्षा के बीच उनकी दुकानें खुलवाई जाने का अनुरोध किया।
व्यापार मंडल अध्यक्ष से किया दुकानें खुलवाने का अनुरोध..
इसके साथ ही समुदाय विशेष के व्यापारियों ने व्यापार मंडल अध्यक्ष से भी मुलाकात की। उन्होंने अध्यक्ष बृहमोहन सिंह चौहान से मुलाकात कर दुकानें खुलवाने का अनुरोध किया। व्यापार मंडल अध्यक्ष ने कहा कि अभी माहौल ठीक नहीं है।
प्रदेश के इन चार जिलों में बनेंगे साइकिल ट्रैक..
उत्तराखंड: प्रदेश में पर्यावरण बचाव के लिए सीएम धामी ने बड़ी घोषणा की है। सीएम ने घोषणा की है कि चार जिलों में साइकिल ट्रैक का निर्माण कराया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने नौ जिलों में यथासंभव साइकिल ट्रैक बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारियों को भी कड़े निर्देश दिए है।
बताया जा रहा है कि देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल में 50-50 किलोमीटर साइकिल ट्रैक का निर्माण कराया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व पर्यावरण दिवस पर सोमवार को यह घोषणा की। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि 09 जनपदों में यथा संभव साइकिल ट्रैक बनाए जाएंगे। राज्य में स्प्रिंग व रिवर रिजुवनेशन बोर्ड बनाया जाएगा। स्वच्छता के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों को पुरस्कृत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान मुख्यमंत्री आवास से वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारियों की बैठक लेते हुए निर्देश दिये कि जनपदों में पर्यावरण संरक्षण के लिए नियमित जन जागरूकता अभियान चलाएं और इस दिशा में विभिन्न विभागों के माध्यम से लगातार कार्य करें। इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन आर. के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक आदि उपस्थित थे।
प्रदेश में जल्द बनेंगे ड्रोन कॉरिडोर, DGCA को भेजा जाएगा प्रस्ताव..
उत्तराखंड: प्रदेश में ड्रोन कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। जल्द ही ड्रोन संचालन को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन कॉरिडोर बनाए जाएंगे। इसके लिए ड्रोन संचालन व निर्माण कंपनियों से सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी ने प्रस्ताव मांगे हैं। इन सभी प्रस्तावों के अध्ययन के बाद यूकाडा के माध्यम से डीजीसीए को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
बीते दिनों हुई बैठक में मांगे थे प्रस्ताव..
मिली जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों ड्रोन नीति बनाने के दौरान बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक में सभी हितधारक शामिल हुए थे। हितधारकों विशेषकर ड्रोन निर्माता व संचालकों से इस बैठक में संभावित ड्रोन कॉरिडोर का प्रस्ताव मांगा गए थे। प्रस्ताव मिलने के बाद इनका अध्ययन राज्य के हवाई नक्शे के हिसाब से किया जाएगा। जिसके बाद यूकाडा के माध्यम से नगर विमानन महानिदेशालय को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
डीजीसीए की अनुमति के बाद तय किए जाएंगे ड्रोन कॉरिडोर..
इन प्रस्तावों को डीजीसीए से अनुमति मिलने के बाद प्रदेश में ड्रोन के कॉरिडोर तय हो जाएंगे। सभी जिलों में ड्रोन संचालन के लिए कॉरिडोर बनाए जाएंगे।
जिसके बाद सभी जिलों में बने ड्रोन कॉरिडोर को आपस में लिंक किया जाएगा। जिसके बाद पूरे राज्य में ड्रोन के समर्पित रास्तों का पूरा नेटवर्क तैयार हो जाएगा। इसके लिए बनाए गए नियम को तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी।
वन दरोगा भर्ती के प्रवेशपत्र पांच जून को होंगे जारी..
उत्तराखंड: प्रदेश में वन दरोगा भर्ती परीक्षा के प्रवेश पत्र पांच जून को जारी होंगे। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने इसकी तैयारियां तेज कर दी हैं। देहरादून में पुलिस-प्रशासन के साथ बैठक के बाद चंपावत, ऊधमसिंह नगर, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में भी आयोग अध्यक्ष तैयारियों की समीक्षा करेंगे। आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया का कहना हैं कि पूर्व में यह परीक्षा सेंधमारी की शिकायत मिलने के बाद रद्द की गई थी। अब 11 जून को दोबारा होने जा रही है। उन्होंने अभ्यर्थियों को सलाह दी है कि वे अपने प्रवेश पत्र के साथ फोटोयुक्त आईडी, काला बाल पेन लेकर आएं। गुरुवार को उन्होंने परीक्षा की तैयारियों को लेकर आयोग कार्यालय में बैठक बुलाई।
गोपनीय सामग्री की सुरक्षा, बायोमीट्रिक हाजिरी आदि पर हुई चर्चा..
आपको बता दे कि बैठक में आयोग के सदस्य, सचिव, एसएसपी, उपसचिव गृह विभाग से लेकर तमाम अधिकारी शामिल हुए। बैठक में परीक्षा केंद्रों के आसपास होटलों, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन पर निगरानी, परीक्षा केंद्रों में तलाशी के लिए पुरुष व महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती, गोपनीय सामग्री की सुरक्षा, बायोमीट्रिक हाजिरी, जैमर आदि पर चर्चा हुई। इससे पहले आयोग के अध्यक्ष ने उत्तरकाशी व हरिद्वार के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की। तैयारियों के क्रम में अब आयोग दो जून को ऊधमसिंहनगर, चार जून को चंपावत, पांच जून को पिथौरागढ़, छह जून को बागेश्वर के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक करेगा। छह जून को आयोग सदस्य प्रकाश थपलियाल पौड़ी में बैठक करेंगे।