उत्तराखंड की पहली हेली एंबुलेंस सेवा 18 अप्रैल से ऋषिकेश एम्स में हो सकती है शुरू..
उत्तराखंड: ऋषिकेश एम्स में प्रदेश की पहली हेली एंबुलेंस सेवा का पायलट प्रोजेक्ट 18 अप्रैल को शुरू हो सकता है। हेली इमरजेंसी मेडिकल सर्विस की टीम ने एम्स की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के बाद हेली एंबुलेंस के संचालन को हरी झंडी दे दी है। दूसरी ओर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में हेली एंबुलेंस के लैंडिंग स्थल बनाए गए हैं।
आपको बता दें कि हेली एंबुलेंस सेवा का लाभ पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 100 किलोमीटर के दायरे में दिया जाएगा। डॉ. मधुर उनियाल का कहना हैं कि विशेषज्ञ टीम ने निरीक्षण के बाद हेली एंबुलेंस सेवा चलाने की योजना की व्यवस्थाओं पर संतुष्टि जाहिर की है। बताया कि टीम ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के जिलों में लैंडिंग स्पॉट चुने हैं, जिन्हें सेवा से जोड़ा जाएगा। बताया कि अप्रैल में सेवा का शुभारंभ प्रस्तावित है।
पीएमओ के जवाब का इंतजार..
आपको बता दे कि पहला पायलट प्रोजेक्ट होने चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हेली एंबुलेंस सेवा का शुभारंभ कर सकते हैं। इसको लेकर उच्चस्तर पर वार्ता चल रही है। एम्स को प्रधानमंत्री कार्यालय के जवाब का इंतजार है। हेली एंबुलेंस सेवा शुरू होने से विषम भौगोलिक क्षेत्रों में इमरजेंसी सेवाएं सुदृढ़ होंगी। मरीज को सही समय पर जीवन रक्षक उपचार मिलेगा।
उत्तराखंड। श्री बदरीनाथ – केदारनाथ समिति (बीकेटीसी) की बोर्ड बैठक में आगामी वित्त वर्ष के लिए 76.25 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया। बोर्ड बैठक में आगामी यात्रा को लेकर भी विस्तृत कार्ययोजना को स्वीकृति दी गयी। अब केदारनाथ व बदरीनाथ के दर्शनों के लिए वीआईपी व वीवीआइपी को तीन सौ रूपये प्रति व्यक्ति शुल्क देना पड़ेगा।
बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में आगामी बजट को बोर्ड के समक्ष रखा गया। बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बजट प्रस्तुत करते हुए इसमें श्री बदरीनाथ अधिष्ठान के लिए 39.90 करोड़ और श्री केदारनाथ अधिष्ठान के लिए 36.35 करोड़ का परिव्यय प्रस्तावित है। बजट में विगत वर्ष की 65.53 करोड़ की आय के मुकाबले आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 94.26 करोड़ रुपए की प्रस्तावित आय का लक्ष्य रखा गया है।
वीआईपी व वीवीआइपी से 300 रूपये का शुल्क
बीकेटीसी ने पिछले दिनों देश के चार प्रमुख मंदिरों से तिरुपति बाला जी, श्री वैष्णो देवी, श्री महाकालेश्वर व श्री सोमनाथ मंदिरों में पूजा, दर्शन आदि व्यवस्थाओं के प्रबंधन के अध्ययन के लिए चार दल भेजे थे। उनकी रिपोर्ट की संस्तुतियों के आधार पर बीकेटीसी ने श्री बदरीनाथ व श्री केदारनाथ मंदिरों के दर्शनों के लिए आने वाले सभी तरह के वीआईपी व वीवीआइपी से विशेष दर्शनों व प्रसाद के लिए प्रति व्यक्ति तीन सौ रूपये का शुल्क निर्धारित किया है। अभी तक मंदिर दर्शनों के लिए आने वाले विशिष्ट व्यक्तियों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता था। उल्टा मंदिर समिति विशिष्ट व्यक्तियों के दर्शनों के दौरान आम श्रद्धालुओं को दर्शनों को रोक देती थी। इसके साथ ही विशिष्ट व्यक्तियों को निःशुल्क प्रसाद भी दिया जाता था।
बीकेटीसी के कार्मिक ही देखेंगे प्रोटोकॉल की व्यवस्था
प्रोटोकॉल के तहत दर्शनों के लिए आने वाले वीआईपी आदि को बीकेटीसी के कार्मिक ही मंदिरों में दर्शन कराने और प्रसाद वितरण इत्यादि की जिम्मेदारी संभालेंगे। इससे वीआईपी सुविधा के नाम पर अव्यवस्था पैदा नहीं होगी। अभी तक वीआईपी को दर्शन कराने के लिए पुलिस, प्रशासन, बीकेटीसी आदि अपने – अपने तरीके से दर्शन व्यवस्था संभालते हैं।

मंदिर समिति की बोर्ड बैठक में अध्यक्ष अजेंद्र अजय
बीकेटीसी के कार्मिक नहीं लेंगे दान – दक्षिणा
श्रद्धालु मंदिर के लिए जो भी दान अथवा चढ़ावा देते हैं, उसे बीकेटीसी के वेतनधारी पुजारी और कर्मचारी ग्रहण नहीं करेंगे। पूजा व्यवस्था से जुड़े कार्मिक श्रद्धालुओं को दान – चढ़ावे को दान पात्र में डालने को प्रेरित करेंगे। अन्यथा कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
दान- चढ़ावे की गिनती के लिए विशेष व्यवस्था
मंदिरों को मिलने वाली दान चढ़ावे की गिनती के लिए पारदर्शी व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए दोनों धामों में पारदर्शी शीशे के हट बनाये जाएंगे। इनको सीसीटीवी कैमरों से लेस किया जाएगा।
सूचना प्रौद्योगिकी इकाई की स्थापना
बीकेटीसी में आइटी संबंधी कार्यों को मजबूती देने के लिए स्वयं की सूचना प्रौद्योगिकी इकाई गठित जाएगी। इससे ई-ऑफिस की स्थापना, विभिन्न अनुभागों को कम्प्यूटरीकृत करने आदि में आसानी होगी।
अस्थायी कार्मिकों को ईपीएफ सुविधा
बीकेटीसी के अस्थायी कार्मिकों के भविष्यगत लाभों को संरक्षित करने की दृष्टि से उन्हें ईपीएफ की सुविधा दी जाएगी।
जूनियर इंजिनियर सहित एक महिला कर्मी बर्खास्त
बीकेटीसी में स्थिर वेतन पर जूनियर इंजीनियर के पद पर तैनात दीपक रावत और एक अस्थायी महिला कार्मिक कमला को लंबी अवधि से अपने कार्य स्थल से अनुपस्थित रहने पर सेवा से मुक्त कर दिया गया है।
केदारनाथ धाम में लगेगा 100 किग्रा का अष्टधातु का त्रिशूल
केदारनाथ धाम आगामी यात्राकाल के प्रारम्भ में एक दानीदाता के सहयोग से 100 किग्रा का अष्टधातु का त्रिशूल स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही मार्कण्डेय मंदिर मक्कूमठ के जीर्ण शीर्ण सभा मंडप का जीर्णोद्धार भी किया जाएगा।
विद्यापीठ में तैयार होंगे आयुर्वेदिक उत्पाद
बीकेटीसी ने विद्यापीठ (गुप्तकाशी) में वर्तमान में बंद पड़ी आयुर्वेदिक फार्मेसी को फिर से शुरू कर विभिन्न उत्पाद तैयार करने का निर्णय लिया है। इससे बीकेटीसी द्वारा संचालित आयुर्वेदिक कॉलेज के छात्रों को प्रैक्टिकल की सुविधा भी हासिल होगी।
बैठक में अध्यक्ष अजेंद्र अजय के अलावा उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य महेंद्र शर्मा, श्रीनिवास पोस्ती, कृपा राम सेमवाल, वीरेंद्र असवाल, राजपाल जड़दारी, भास्कर डिमरी, आशुतोष डिमरी, जय प्रकाश उनियाल, रणजीत सिंह राणा, पुष्कर जोशी, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, विशेष कार्याधिकारी रमेश रावत, अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, कार्याधिकारी रमेश तिवारी आदि उपस्थित थे।
1 अप्रैल से प्रदेश में लागू होगा ये नियम, अब सड़कों पर नहीं दिखेंगे ये वाहन..
उत्तराखंड: 1 अप्रैल से प्रदेश में नया नियम लागू होगा। जिसके तहत प्रदेश में चल रहे 15 साल पुराने सभी वाहनों के रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए जाएंगे। बताया जा रहा है कि 15 साल से पुराने वाहनों को सड़क से हटाने के लिए सरकार ने जो स्क्रैप पॉलिसी बनाई, उसको उत्तराखंड ने हां कर दी है। इस पॉलिसी के तहत ही फिटनेस सेंटर बनाने का काम भी शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि इसके तहत पहले चरण में उत्तराखंड के सरकारी विभागों, निगमों, निकायाें, परिवहन निगम, विभाग, स्वायत्त संस्थाओं के 5500 वाहन 01 अप्रैल से कबाड़ बन जाएंगे। इन वाहनों की आरसी का नवीनीकरण नहीं होगा।
केन्द्र की मोदी सरकार ने देश में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने इसके तहत केंद्रीय मोटर यान (प्रथम संशोधन) नियम 2023 की अधिसूचना जारी कर दी है। बताया जा रहा है कि स्क्रैप पॉलिसी के तहत एक अप्रैल 2023 से सभी तरह के भारी व्यावसायिक वाहनों को अनिवार्य तौर पर फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा, जबकि प्राइवेट वाहनों के लिए यह व्यवस्था जून 2024 से लागू होगी।
स्क्रैप पॉलिसी के तहत केंद्र सरकार के सिंगल विंडो सिस्टम की तर्ज पर उत्तराखंड में भी एक ही जगह से पूरा समाधान मिलेगा। बताया जा रहा है कि 15 साल पुराने जिन वाहनों के रजिस्ट्रेशन रिन्यूवल के आधार पर आगे बढ़वा लिए गए हैं, उनको भी स्वतः कैंसिल समझा जाएगा। ऐसे वाहनों को रजिस्टर्ड स्क्रैप सेंटर पर डिस्पोज करना होगा। देश के 12 राज्यों के आरटीओ दफ्तरों के माध्यम से एम-वाहन मोबाइल एप से फिटनेस जांच कराई जा रही है। इनमें उत्तराखंड का नाम भी शामिल है।
बताया जा रहा है कि यहां आवेदन करने के बाद जो भी मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एमवीआई) आएगा, वह एम-वाहन के माध्यम से वाहन की जियो लोकेशन और टाइम भरेगा। इसके बाद वाहन के ब्रेक, वाइपर, सीट बेल्ट, फ्रंट लाइट, रियर लाइट आदि की जांच के बाद तस्वीरें एम-वाहन पर अपलोड करनी होंगी। इसी आधार पर फिटनेस जांच हो जाएगी। केन्द्र सरकार का यह आदेश 1 अप्रैल 2023 से लागू माना जाएगा।
खालिस्तानी आतंकवादी ने सीएम धामी को कॉल पर दी धमकी,पुलिस की बढ़ी टेंशन..
उत्तराखंड: खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत पन्नू कॉल पर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी धमकी दे रहा है। कह रहा है कि यदि उत्तराखंड में उनके संगठनों के लोगों पर मुकदमे दर्ज हुए तो इसके लिए जिम्मेदार मुख्यमंत्री होंगे। रात तक यह मामला डीजीपी अशोक कुमार के संज्ञान में भी आ गया। उन्होंने इसकी तत्काल एसटीएफ से जांच कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं। एसटीएफ ने इन तमाम नंबरों को ट्रेस करना शुरू कर दिया है।
उत्तराखंड में नहीं सिख फॉर जस्टिस का आधार..
यह पहला मामला नहीं है जब पन्नू के इस तरह के मैसेज वायरल हुए हों। पहले भी कई बार इस तरह से लोगों के पास कॉल आती रही हैं। हालांकि, पुलिस अधिकारियों का कहना हैं कि उत्तराखंड में सिख फॉर जस्टिस संगठन का कोई आधार नहीं है। यहां पर उसके समर्थक भी पुलिस की नजर में नहीं आए हैं।
न्यूयॉर्क में वकालत करता है पन्नू..
आपको बता दे कि पन्नू अमेरिका में रहता है और न्यूयॉर्क में वकालत करता है। उसे सिख फॉर जस्टिस का चेहरा माना जाता है। पन्नू कई सारी आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। पन्नू ने दो साल पहले ””””रेफरेंडम 2020”””” आयोजित करने की कोशिश की थी, जिसमें उसने दुनियाभर के सिखों से खालिस्तान के समर्थन में वोट देने की अपील की थी। वह युवाओं को खालिस्तान के लिए भड़काता रहा है। जुलाई 2020 में पन्नू को यूएपीए (गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून) के तहत आतंकवादी घोषित किया गया था। जानकारी के अनुसार पन्नू ने एक बार भारतीय छात्रों को खालिस्तानी झंडा उठाने और खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाने को कहा था और इसके बदले में उन्हें आईफोन 12 मिनी देने का वादा किया था।
युवाओं के लिए बड़ी खबर, फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा को लेकर बड़ा अपडेट..
उत्तराखंड: प्रदेश में वन विभाग के अन्तर्गत वन आरक्षी परीक्षा- 2022 से जुड़ा बड़ा अपडेट आ रहा है। बताया जा रहा है कि आयोग ने वन आरक्षी परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी करने की डेट का ऐलान कर दिया है। उम्मीदवार आयोग की वेबसाइट से 31 मार्च , 2023 से अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते है। उत्तराखण्ड वन विभाग के अन्तर्गत वन आरक्षी परीक्षा- 2022 का आयोजन दिनाँक 09 अप्रैल , 2023 ( रविवार ) को एकल सत्र में पूर्वाह्न 11:00 बजे से अपराह 01:00 बजे तक उत्तराखण्ड राज्य के 13 जनपदों के विभिन्न परीक्षा केन्द्रों में किया जायेगा ।
जारी आदेश में लिखा है कि उक्त परीक्षा के लिए औपबंधिक रुप से अर्ह अभ्यर्थी अपना प्रवेश पत्र दिनांक 31 मार्च , 2023 से आयोग की वेबसाईट psc.uk.gov.in अथवा ukpse.net.in से डाउनलोड कर सकते हैं । अभ्यर्थियों को डाक द्वारा पृथक से प्रवेश पत्र प्रेषित नहीं किये जायेंगे । अभ्यर्थी प्रवेश पत्र में अंकित महत्वपूर्ण निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करें ।
उत्तराखंड में 1 अप्रैल से बढ़ेंगे बिजली-पानी- कूड़ा उठान के रेट..
उत्तराखंड: प्रदेश में एक अप्रैल से आम जन पर मंहगाई की मार पड़ने वाली है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में आगामी एक अप्रैल से पीने का पानी, बिजली और कूड़ा उठान की दरें महँगी होने जा रही है। पीने के पानी में 15 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी की जा रही है। जिससे पहले के मुकाबले अब उपभोक्ताओं का बिल 150 से 200 रुपये अधिक आएगा। तो वहीं बिजली दरों में भी बढ़ोतरी होने वाली है।
आपको बता दे कि एक अप्रैल से बिजली दरों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो सकती है। रिपोर्टस की माने तो इस साल यूपीसीएल ने नियामक आयोग के सामने बिजली दरों में 16.96 प्रतिशत, यूजेवीएनएल ने करीब 2.43 प्रतिशत, और पिटकुल ने 9.27 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव नियामक आयोग के समक्ष रखा था। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने बिजली दरों में 12 फीसदी तक बढ़ोतरी करने पर मुहर लगा दी है। नई दरे एक अप्रैल से लागू हो सकती है।
पीने के पानी की दरें..
वहीं बताया जा रहा है कि संबंधित विभाग शहरी क्षेत्रों में पानी का बिल हाउस टैक्स के आधार पर तय करता है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में नलों की संख्या के आधार पर बिल तय किया जाता है। जिससे अब उपभोक्ताओं को पहले की अपेक्षा 15 फ़ीसदी तक अधिक बिल देना पड़ेगा। अब आगामी अप्रैल से पूरे प्रदेश में पानी का बिल बढ़ जाएगा। जिससे लोगों को 150 से 200 तक अधिक चुकाने पड़ेंगे। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में बिजली के रेट भी बढ़ाने की तैयारियां की जा रही हैं। साथ ही बताया जा रहा है कि अब लोगों को घर से कूड़ा उठवाने के लिए पहले से ज्यादा चार्ज देना होगा । नगर निगम ने डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए यूजर चार्ज बढ़ा दिया है। नए यूजर चार्ज एक अप्रैल से लागू होंगे। बताया जा रहा है नई दरें दोगुनी तक पहुंच गई है।
ये होंगे नए रेट..
1- बीपीएल कार्ड धारक मलिन बस्ती और ईडब्ल्यूएस यूजर्स को 1 अप्रैल से 30 प्रति महीना देना होगा।
2- कम आय वाले घर बीपीएल कार्ड धारक के अलावा अन्य सभी को अब 70 प्रति महीना देना होगा।
3- सोसाइटी और मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट में 40 फ्लैट तक पहले 1200 रुपए और अब दो हजार रुपए, 41 से 100 फ्लैट पर पहले 3800 रुपए और अब पांच हजार, 100 फ्लैट से अधिक पहले 8000 रुपए और अब 10 हजार यूजर चार्ज देना होगा।
4- मांस और मछली विक्रेता के लिए 10 किलोग्राम तक पहले 150 रुपए अब 400 रुपए यूजर चार्ज देना होगा। 10 किलोग्राम से अधिक पहले 350 और अब 600 रुपए प्रतिमाह यूजर चार्ज देना होगा।
5- रेस्टोरेंटों में छोटे वाले पहले 150 रुपए और अब 300 रुपए यूजर चार्ज। मध्यम रेस्टोरेंट लिए पहले 400 रुपए और अब 600 रुपए, बड़े रेस्टोरेंट के लिए पहले 1000 रुपए और अब दो हजार रुपए प्रति महीने यूजर चार्ज देना होगा।
6- होटल, लॉज और गेस्ट हाउस के लिए 20 बेड तक के लिए पहले 100 रुपए अब 1000 रुपए, 21 बेड से 40 बेड तक पहले 200 रुपए और अब 2500 रुपए, 41 बेड से अधिक पहले एक 3000 रुपए और अब पांच हजार, 4 सितारा और पांच सितारा के लिए पहले 6000 रुपए और अब 10 हजार रुपए यूजर चार्ज प्रति महीने देना होगा।
7- धर्मशाला के लिए पहले 100 रुपए और अब 200 रुपए यूजर चार्ज प्रतिमाह देना होगा।
8- बारात घर के लिए पहले 300 रुपए और अब 1500 रुपए यूजर चार्ज प्रतिमाह लिया जाएगा।छात्रावास सुविधा के लिए स्कूल, शिक्षण संस्थाएं और गैर सरकारी स्कूलों के लिए पहले एक हजार रुपए और अब दो हजार रुपए प्रतिमाह यूजर चार्ज देना होगा।
9- बगैर छात्रावास सुविधा वाले स्कूल और शिक्षण संस्थाएं के पहले 100 रुपए और अब 500 रुपए प्रतिमाह यूजर चार्ज देना होगा।
10- अस्पताल, नर्सिंग होम और क्लिनिक के लिए 20 बेड तक के लिए पहले 250 रुपए और अब 800 रुपए, 21 बेड से 50 बेड तक पहले 500 रुपए और अब 1500 रुपए, 50 बेड से अधिक के लिए पहले 1500 रुपए और अब पांच हजार रुपए का यूजर चार्ज प्रतिमाह लिया जायेगा।
11- दुकानों में मोहल्ले की छोटी दुकान के लिए पहले 50 रुपए और अब 100 रुपए, शोरूम के लिए पहले 150 रुपए और अब 500 रुपए, छोटे मॉल और मेगा स्टोर के लिए पहले 500 रुपए और अब दो हजार रुपए, बहुमंजिले मॉल के लिए पहले एक हजार रुपए और अब 10 हजार रुपए प्रतिमाह यूजर चार्ज लिया जाएगा।
12- छोटी फैक्ट्री, वर्कशॉप और कारखाना के लिए पहले 300 रुपए और अब एक हजार रुपए, मध्यम के लिए पहले 500 रुपए और अब दो हजार रुपए, बड़े के लिए पहले एक हजार रुपए और अब पांच हजार रुपए प्रतिमाह यूजर चार्ज देना होगा।
13- सार्वजनिक और निजी स्थलों पर सर्कस, प्रदर्शनी, विवाह मेले आदि का आयोजन करने पर पहले एक हजार रुपए और अब दो हजार रुपए प्रतिदिन यूजर चार्ज देना होगा।
14- ढहान और निर्माण संबंधी के लिए आधी ट्राली के लिए पहले 500 रुपए और अब एक हजार रुपए, फुल ट्राली के लिए पहले एक हजार रुपए और अब दो हजार रुपए प्रतिमाह यूजर चार्ज देना होगा।
चारधाम यात्रा में यात्रियों की संख्या पर सीएम धामी के साथ 26 को वार्ता..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या पर नियंत्रण और राज्य के लोगों को पंजीकरण में छूट देने मुद्दे पर 26 मार्च को हितधारकों की सीएम धामी से वार्ता हो सकती है। तीर्थ पुरोहितों, चारधाम यात्रा से जुड़े कारोबारियों के विरोध से बना गतिरोध समाप्त करने के लिए गंगोत्री के विधायक सुरेश चौहान ने वार्ता की पहल की है।
आपको बता दे कि चारधाम यात्रा में यात्रियों की संख्या सीमित करने के साथ ही राज्य के स्थानीय लोगों के लिए पंजीकरण अनिवार्य करने का तीर्थ पुरोहित और पर्यटन तीर्थाटन गतिविधि से जुड़े कारोबारी विरोध कर रहे हैं। 21 मार्च को चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के आह्वान पर यात्रा के मुख्य पड़ावों में हितधारकों ने धरना प्रदर्शन किया था।
चारधाम महापंचायत के महासचिव डॉ. बृजेश सती का कहना हैं कि बुधवार को गंगोत्री के विधायक सुरेश चौहान से मुलाकात कर महापंचायत व चारधाम होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अपना पक्ष रखा। जिसमें विधायक ने आश्वासन दिया कि जल्दी ही सीएम से वार्ता कर समस्या का समाधान निकाला जाएगा। इस मौके पर महापंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल, चारधाम होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पुरी, गंगोत्री धाम के रावल मुकेश सेमवाल, उत्तरकाशी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूडा आदि शामिल थे।
पिथौरागढ़ और बागेश्वर को मिली 348.56 करोड़ की सौगात..
सीएम धामी ने राजमार्ग मंत्री गडकरी का जताया आभार..
उत्तराखंड: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों को सौगात दी है। गडकरी ने ट्वीट कर जानकारी दी कि उत्तराखंड के बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में NH-309A पर उदियारी मोड़ से कांडा खंड के 2-लेन विन्यास के पुनर्वास और उन्नयन कार्य के लिए NH(O) वार्षिक योजना 2022-23 के तहत 348.56 करोड़ रुपए की लागत के साथ स्वीकृति दी गई है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के इस ट्वीट के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उनका आभार जताया। सीएम ने सवा करोड़ प्रदेशवासियों की ओर से गडकरी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड इसी तरह विकास की ओर अग्रसर होता रहेगा।
जल जीवन मिशन के लिए प्रदेश को मिले 403 करोड़..
उत्तराखंड: प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में हर घर नल से जल की जल जीवन मिशन योजना के लिए जल शक्ति मंत्रालय ने राज्य को 403 करोड़ की तीसरी किश्त जारी कर दी है। इससे मिशन के कार्यों में तेजी आएगी। जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में 14 लाख 94 हजार 375 घरों में नल से जल पहुंचाने की योजना है। इसके तहत अभी तक 9 लाख 95 हजार 477 घरों में नल से जल पहुंचाया जा चुका है। बाकी घरों के लिए भी तेजी से काम चल रहा है। जल जीवन मिशन के तहत 17 हजार से अधिक छोटी-बड़ी परियोजनाएं बनाई गई हैं, जिनके लिए जल शक्ति मंत्रालय अभी तक दो किश्तों के रूप में करीब 800 करोड़ रुपये पहले ही जारी कर चुका है।
बुधवार को मंत्रालय ने 403 करोड़ 12 लाख 62 हजार रुपये की तीसरी किश्त भी जारी कर दी। इससे मिशन कार्यों में तेजी आएगी। पेयजल निगम के एमडी उदयराज सिंह का कहना हैं कि तीसरी किश्त से इस वित्तीय वर्ष के साथ ही आगामी वित्तीय वर्ष में भी कार्य होंगे। उनका कहना हैं कि इससे कार्यों में तेजी आएगी।
जितना काम होगा, उतना पैसा मिलेगा..
जल जीवन मिशन के तहत वैसे तो राज्य में करीब 72 प्रतिशत घरों तक हर घर नल से जल पहुंचाया जा चुका है लेकिन रफ्तार अपेक्षाकृत कम है। केंद्र सरकार का स्पष्ट कहना है कि जितना काम होगा, उसी हिसाब से पैसा जारी होगा। जानकारी के अनुसार अगर काम और तेजी से होता तो चौथी किश्त भी मार्च में ही जारी हो सकती थी।
तीन धामों में श्रद्धालुओं की संख्या पर पाबंदी न लगाने पर विचार कर रही सरकार..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा से जुड़े व्यापारियों और तीर्थयात्रियों के मुखर विरोध के कारण राज्य सरकार श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित करने के प्रस्ताव को स्थगित कर सकता है। तीर्थयात्रियों को बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में श्रद्धालुओं की संख्या पर पाबंदी न लगाने पर विचार शुरू हो गया है। यह बात सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कही है। उनका कहना हैं कि केदारनाथ में प्रवेश करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या का कोटा तय हो सकता है। बाकी धामों के बारे में सरकार विचार कर रही है।
पर्यटन विभाग ने चारधाम यात्रा में बद्रीनाथ , केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की धारण क्षमता के आधार पर दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों का दैनिक कोटा निर्धारित करने की योजना बनाई है। चारधाम यात्रा में शामिल तीर्थ पुजारियों, होटल व्यवसायियों, ढाबा मालिकों और टैक्सी चालकों ने श्रद्धालुओं का कोटा निर्धारित करने के प्रस्ताव का विरोध किया। इस पर सरकार ने प्रस्ताव पर निर्णय लिया। साथ ही अधिकारियों को हितधारकों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए थे।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में सभी हित धारकों के साथ बैठक की जा चुकी है, जिसमें चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत, होटल व्यवसायी और टैक्सी आपरेटरों ने श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने का पुरजोर समर्थन किया था। 22 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू होनी है। हितधारकों के विरोध को देखते हुए सरकार केदारनाथ को छोड़ गंगोत्री, यमुनोत्री व बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं के कोटे को समाप्त कर सकती है।
केदारनाथ धाम में तय हो सकता है कोटा
आपको बता दे कि केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है। पीएमओ से सीधे केदारनाथ धाम की निगरानी की जा रही है। केदारनाथ धाम के लिए लगभग 18 किमी. की पैदल चढ़ाई है। साथ ही केदारपुरी में श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए पर्याप्त होटल व धर्मशाला नहीं है। केदारनाथ धाम की विकट भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए सरकार केदारनाथ धाम के लिए श्रद्धालुओं का कोटा तय कर सकती है।