देहरादून के बाद अब इस जिले में हुए दरोगाओं के बंपर तबादले..
उत्तराखंड: पुलिस विभाग में लगातार तबादलों का दौर जारी है। देहरादून एसएसपी के बाद अब उधमसिंहनगर एसएसपी ने जिले में दरोगाओं के बंपर तबादले कर दिए है। जिसकी लिस्ट जारी की गई है।बताया जा रहा है कि एसएसपी उधम सिंह नगर डॉ0 मंजूनाथ टीसी ने कई दरोगाओं के कार्यभार में फेरबदल किया है। जनपद में नियुक्त दरोगाओं के स्थानांतरण विभिन्न थानों एवं चौकियों में किए गए है। ट्रासंफर आदेश के साथ ही दरोगाओं की लिस्ट भी जारी की गई है। ट्रांसफर किए गए सभी पुलिसकर्मियों को जल्द से जल्द नये चौकी थाने का प्रभार संभालने का आदेश दिया गया है। इससे पहले देर रात देहरादून एसएसपी ने भी कई पुलिसकर्मियों के तबादले किए थे।
इनका हुआ तबादला
उ0नि0 अर्जुन गिरी को प्रभारी चौकी रमपुरा कोतवाली रुद्रपुर ।
उ0नि0 सतीश चंद्र शर्मा को प्रभारी चौकी लालपुर कोतवाली किच्छा ।
उ0नि0 सुनील बिष्ट को पुलिस लाइन रुद्रपुर ।
उ0नि0 विजय सिंह को प्रभारी चौकी सुल्तानपुर पट्टी कोतवाली बाजपुर ।
उ0नि0 जितेंद्र कुमार प्रभारी चौकी पेगा थाना आईटीआई।
उ0नि0 भगवान गिरी गोस्वामी को प्रभारी चौकी बन्नाखेड़ा कोतवाली बाजपुर ।
उ0नि0 भूपेंद्र सिंह रंसवाल को प्रभारी चौकी सकेनिया थाना गदरपुर ।
उ0नि0 देवेंद्र सिंह मेहता को प्रभारी चौकी बेरिया दौलत थाना केलाखेड़ा ।
उ0नि0 प्रकाश चंद्र को कोतवाली बाजपुर ।
उ0नि0 गिरीश चंद्र पंत को थाना दिनेशपुर
डीएम ने ली जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति की बैठक..
नाबार्ड की ओर से प्रकाशित पुस्तिका संभाव्यतायुक्त ऋण योजना का डीएम ने किया विमोचन..
रुद्रप्रयाग। जिला कार्यालय सभागर में जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति (डीएलआरसी) की बैठक आयोजित की गई, जिसमें डीएम ने केंद्र व राज्य सरकार की ओर से संचालित स्वरोजगार परक योजनाओं की समीक्षा करते हुए उपस्थित बैंक प्रबंधकों को निर्देशित करते हुए कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के लिए उपलब्ध कराए गए आवेदन पत्रों पर शीर्ष प्राथमिकता से कार्यवाही कर ऋण स्वीकृत करें तथा किसी भी आवेदन पत्र में अनावश्यक रूप से आपत्ति न लगाई जाए। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने नाबार्ड द्वारा प्रकाशित पुस्तिका संभाव्यतायुक्त ऋण योजना का विमोचन भी किया।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि किसी आवेदन पत्र में किसी भी प्रकार की कोई कमी पाई जाती है तो संबंधित विभाग एवं आवेदनकर्ता को कमी के निराकरण के लिए सूचित किया जाए, ताकि संबंधित द्वारा आपत्ति का निराकरण करते हुए उन्हें स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध किया जाए, जिससे सरकार की मंशा के अनुरूप बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके।
जिलाधिकारी ने कृषि विभाग, पशुपालन, मत्स्य व डेयरी आदि विभागों से कहा कि केसीसी कार्यक्रम के तहत अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित किया जाए तथा अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ उपलब्ध कराने के लिए कार्यशाला आयोजित की जाए। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि जिन बैंकों का सीडी रेस्यू कम है, वह इसमें सुधार लाने के लिए अधिक से अधिक लोगों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए कैंप लगाया जाए।
बैठक में अग्रणी बैंक प्रबंधक विवेक कुमार ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि जिले का दिसंबर 2022 का त्रैमासिक अनुपात सितंबर 2022 के त्रैमास के प्रतिशत के सापेक्ष 47 प्रतिशत ज्यादा है। जिले का सीडी अनुपात का लक्ष्य 40 प्रतिशत होना चाहिए। भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशलन बैंक, इंडियन बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक का सीडी अनुपात 30 प्रतिशत से भी कम रहा। अधिकतर बैंकों का सीडी अनुपात 40 प्रतिशत से कम रहा।
सभी बैंकों को सीडी अनुपात बढाने के लिए अधिक से अधिक ऋण का वितरण कराने को कहा गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने नाबार्ड द्वारा प्रकाशित पुस्तिका संभाव्यतायुक्त ऋण योजना का विमोचन किया। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, महाप्रबंधक उद्योग एच.सी. हटवाल, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आशीष रावत, जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र चौधरी , जिला पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल सहित संबंधित बैंकों के शाखा प्रबंधक एवं प्रतिनिधि उपस्थित थे।
इस भर्ती का छूट न जाएं मौका, जल्द करें आवेदन..
उत्तराखंड: फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट देहरादून ने ग्रुप सी के पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। इस भर्ती के लिए योग्य एवं इच्छुक अभ्यर्थी आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इन पदों पर आवदेन की अंतिम तिथि 19 जनवरी 2023 हैं। बताया जा रहा है कि इन पदों पर 10वीं से लेकर बीएससी पास आवेदन कर सकते है। सब पदों के लिए अलग-अलग योग्यता है। आपको बता दे कि फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट भर्ती 2023 के तहत कुल 72 पदों पर भर्ती की जाएगी। इसमें टेक्नीशियन, टेक्निकल असिस्टेंट, लोअर डिविजन क्लर्क, फॉरेस्ट गार्ड, स्टेनोग्राफर, स्टोरकीपर, ड्राइवर, मल्टी टास्किंग स्टाफ के पद सम्मिलित हैं। फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट भर्ती 2023 के लिए कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम का आयोजन फरवरी 2023 में किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट भर्ती 2023 में टेक्नीशियन पद हेतु आयु सीमा 18 से 30 वर्ष तक रखी गई है। टेक्निकल असिस्टेंट हेतु आयु सीमा 21 से 30 वर्ष तक रखी गई है। लोअर डिवीजन क्लर्क, फॉरेस्ट गार्ड, स्टेनोग्राफर, स्टोर कीपर, ड्राइवर और मल्टी टास्किंग स्टाफ के लिए आयु सीमा 18 से 27 वर्ष तक रखी गई है। वहीं आरक्षित वर्गों को नियमानुसार अधिकतम आयु सीमा में छूट दी गई है।
फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट भर्ती 2023 के लिए अभ्यर्थियों का चयन कंप्यूटर बेस्ड रिटन टेस्ट, स्किल टेस्ट या पोस्ट से संबंधित प्रेक्टिकल टेस्ट, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और मेडिकल एग्जाम के आधार पर किया जाएगा। फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट भर्ती 2023 में सामान्य, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए आवेदन शुल्क 700 रुपए रखा गया है। जबकि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आवेदन शुल्क 300 रुपए रखा गया है। अभ्यर्थी आवेदन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से कर सकते हैं।
उत्तराखंड में नर्सिंग में प्रवेश की तिथि बढ़ी, 25 जनवरी तक करें आवेदन…
उत्तराखंड: प्रदेश में नर्सिंग काउंसिल ऑफ इंडिया ने नर्सिंग कोर्स में एडमिशन की लास्ट डेट बढ़ा दी है। एडमिशन की लास्ट डेट को अब 15 जनवरी से 25 जनवरी तक बढ़ा दिया है। युवा इसके लिए आवेदन कर सकते है। आपको बता दे कि राज्य में 35 सरकारी एवं प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों में 1200 के करीब नर्सिंग की सीटें खाली है। नर्सिंग में प्रवेश की तिथि काउंसिल ने 25 जनवरी तक बढ़ा दी है । ऐसे में अब बीएससी नर्सिंग की सीटों पर प्रवेश लेने के इच्छुक युवाओं को प्रवेश का मौका मिल गया है । बीएससी नर्सिंग की सीटों पर प्रवेश के लिए पहले 31 दिसंबर अंतिम तिथि थी । बाद में उस तिथि को 15 जनवरी तक बढ़ाया गया । लेकिन अब प्रवेश के मानकों में बदलाव को देखते हुए एडमिशन की अंतिम तिथि 25 जनवरी तक बढ़ा दी गई है ।
रिपोर्टस की माने राज्य में 35 सरकारी एवं प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों में 1200 के करीब नर्सिंग की खाली सीटों के लिए हुई प्रवेश परीक्षा में 5000 युवाओं ने भाग लिया था। लेकिन परीक्षा में 50 फ़ीसदी अंक लाने की शर्त की वजह से केवल डेढ़ सौ छात्र ही पास हो पाए। अधिकांश युवाओं के फेल होने के बाद राज्य सरकार ने इंडियन नर्सिंग काउंसिल से परीक्षा में कट ऑफ 50% से घटाकर 40% किए जाने का अनुरोध किया था, लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं आया है।
जोशीमठ प्रभावितों को 5000 रुपए किराए सहिता मिलेगा ये सब कुछ..
उत्तराखंड: जोशीमठ भू धंसाव को लेकर शासन-प्रशासन अलर्ट पर है। सीएम धामी ने आपात बैठक में कई अहम मुद्दों पर मुहर लगाई है। प्रभावित परिवारों को किराया राशि को 4000 से बढ़ाकर 5000 कर दिया गया है। साथ ही 6 महीने तक बिजली-पानी बिल माफ कर दिया गया है। वहीं, तत्काल राहत देने के लिए दिए जाने वाले डेढ़ लाख रुपये के लिए 45 करोड़ जारी करने पर मुहर लगाई गई है।
आपको बता दे कि जोशीमठ के विस्थापन के लिए 15000 प्रति जानवर दिए जाएंगे। बड़े पशु के चारे के लिए प्रतिदिन 80 और छोटे पशुओं के लिए सम्बन्धित व्यक्तियों को प्रतिदिन ₹45 दिया जाएगा। नवंबर महीने से अगले 6 महीने तक के लिए बिजली पानी के बिल को माफ किया गया।वहीं, प्रभावित परिवारों को दिया जाने वाला किराया भी बढ़ाया गया है। पुनर्वास को लेकर कोटि फार्म, पीपलकोटी, गौचर, ढाक और एक अन्य स्थान को चिन्हित किया गया।
वहीं राहत शिविरों को लेकर मानक तय, वास्तविक रेंट या 950 रुपए प्रतिदिन अधिकतम तय किया गया। 450 रुपए खाने के लिए प्रति व्यक्ति प्रति दिन तय किया गया। बताया जा रहा है कि भारत सरकार से एक सप्ताह के भीतर संभावित मांग भेजी जाएगी विस्थापित परिवारों को जिंदगी बसर के लिए एसडीआरएफ की गाइडलाइन के अनुसार परिवार के दो व्यक्ति को मनरेगा के नियमानुसार मजदूरी दी जाएगी।
जोशीमठ के आपदा प्रभावित व्यक्तियों के बैंक इत्यादि से लिये गये ऋण की वसूली को एक साल के स्थगित किये जाने के संबंध में यह निर्देश दिये गये कि सहकारी बैंकों की ऋण वसूली तत्काल प्रभाव से स्थगित की जाए और अन्य कमर्शियल बैंक के स्तर से भी ऋण वसूली स्थगित किये जाने का अनुरोध भारत सरकार से किया जाए। वहीं प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए उत्तराखंड के सभी कैबिनेट मंत्री अपने एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे।
जोशीमठ-औली रोपवे पर आई दरारें, खतरे को देखते हुए संचालन बंद..
उत्तराखंड: भू-धंसाव से एशिया के सबसे बड़े जोशीमठ-औली रोपवे की प्लेटफार्म पर दरारें आ गई है। खतरे की वजह से रोपवे का संचालन निलंबित कर दिया गया है। कल शुक्रवार रात को रोपवे पर ये दरारें आई है।रोपवे का एक टावर प्रशासन की ओर से असुरक्षित घोषित किए क्षेत्र में है जिसके चलते रोपवे को लेकर भी आशंकाएं तेज हो गई थी।
जोशीमठ भू-धंसाव का असर जोशीमठ और औली के बीच रोपवे पर भी पड़ा है। इससे पहले प्रशासन ने जहां चार वार्डो को असुरक्षित घोषित किया है उसमें मनोहर बाग वार्ड भी है और रोपवे का एक नंबर टावर यहीं लगा है। रोपवे प्रबंधक दिनेश भट्ट का कहना हैं कि रोपवे टावर की रोजाना नियमित निगरानी की जा रही है।
जोशीमठ से औली तक चार किलोमीटर के इस रोपवे के पूरे सफर में दस टावर हैं। रोपवे से जोशीमठ से औली जाने में 15 मिनट का समय लगता है। औली जाने के लिए पर्यटकों की पहली पसंद रोपवे ही रहता है। जोशीमठ शहर में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जोशीमठ आपदा से सबक लेते हुए प्रदेश मंत्रिमंडल ने सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता (कैरिंग कैपेसिटी) का सर्वे कराने का फैसला किया है।पहले चरण में नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत क्षेत्रों में सर्वे कराने की मंजूरी दे दी है। आबादी और बेतरतीब ढंग से हो रहे निर्माण कार्यों से पर्वतीय शहरों में धारण क्षमता से अधिक दबाव बढ़ रहा है। जोशीमठ भू धंसाव के पीछे एक वजह शहर की भार वहन क्षमता से अधिक निर्माण को भी ठहराया जा रहा है।
जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर ISRO की रिपोर्ट आई सामने..
उत्तराखंड: जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर इसरो की ओर से रिपोर्ट जारी गई है। जिसमें बताया गया है कि 12 दिन में जोशीमठ की जमीन 5.4 सेंटीमीटर धंसी है। इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर की ओर से सैटेलाइट इमेज जारी की गई। जिसमें यह साफ दिखाई दे रहा हैं। इसरो की ओर से जारी की सैटेलाइट तस्वीरें से पता चलता है कि जोशीमठ शहर 27 दिसंबर से 8 जनवरी के बीच 5.4 सेमी नीचे धंसा है। 12 दिनों के अंदर शहर 5.4 सेंटीमीटर नीचे चला गया। इसरो की रिपोर्ट बताती है कि मिट्टी धंसने से जोशीमठ में आर्मी हेलीपैड और नरसिंह मंदिर भी प्रभावित हुआ है। धंसने का केंद्र 2180 मीटर की ऊंचाई पर जोशीमठ-औली रोड के पास स्थित है।
आपको बता दे कि इसरो की इस रिपोर्ट में बताया गया हैं कि अप्रैल से नवंबर 2022 के बीच धंसने की दर बहुत कम थी। इस दौरान जोशीमठ 9 सेमी तक धंसा था। अप्रैल और नवंबर 2022 के बीच 7 महीने की अवधि में जोशीमठ शहर के भीतर 9 सेमी तक जमीन धंसी। जिसके बाद इमारतों और सड़कों में बड़े पैमाने पर दरारें आयी। शहर की लगभग एक चौथाई इमारतों में दरारें आ गई हैं।
वही दूसरी ओर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (आईआईआरएस) ने करीब दो साल की सेटेलाइट तस्वीरों का अध्ययन करने के बाद रिपोर्ट सरकार को दी है। जिसमें बताया गया कि जोशीमठ हर साल 6.62 सेंटीमीटर यानी करीब 2.60 इंच धंस रहा है।आईआईआरएस देहरादून के वैज्ञानिकों ने जुलाई 2020 से मार्च 2022 के बीच जोशीमठ और आसपास के करीब छह किलोमीटर क्षेत्र की सेटेलाइट तस्वीरों का अध्ययन किया। अध्ययन में जोशीमठ व आसपास के क्षेत्र में आ रहे भूगर्भीय बदलाव को देखा गया। हाल ही में आईआईआरएस ने इसकी रिपोर्ट जारी की है। इसमें दावा किया गया कि जोशीमठ हर साल 6.62 सेमी. की दर से नीचे की ओर धंस रहा है। इसकी सेटेलाइट तस्वीर भी जारी की गई है। साथ ही आईआईआरएस ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें जोशीमठ के थ्री-डी बदलावों को दिखाया गया है।
जोशीमठ ही नहीं, पूरी घाटी में हो रहा भू-धंसाव..
आईआईआरएस ने जो वीडियो जारी किया है, उसमें यह भी दर्शाया गया कि भू-धंसाव केवल जोशीमठ शहर में ही नहीं हो रहा है। पूरी घाटी इसकी चपेट में है। आने वाले समय में इसके खतरनाक नतीजे देखने को मिल सकते हैं।
रॉक और स्लोप एक ही दिशा में..
सरकार ने जोशीमठ के अध्ययन की जिम्मेदारी तमाम वैज्ञानिक संस्थाओं को सौंपी है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि अब तक की जांच पड़ताल में यह तथ्य सामने आया है कि जोशीमठ के भीतर की चट्टानें और ढलान दोनों एक ही दिशा में बढ़ रहे हैं। आमतौर पर चट्टानें समतल होती हैं, लेकिन यहां लगातार धंस रही है।
सीडीओ ने मनरेगा से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए हेल्पलाइन नंबर किया जारी..
उत्तराखंड: जनपद टिहरी में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) से जुड़ा अपडेट आ रहा है। जिले में मुख्य विकास अधिकारी टिहरी गढ़वाल मनीष कुमार ने मनरेगा से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए बड़ा कदम उठाया है। उन्होने हेल्पलाइन जारी कर समस्याओं के समाधान के लिए लोगों से शिकायत दर्ज कराने की अपील की है।
मुख्य विकास अधिकारी टिहरी गढ़वाल मनीष कुमार ने सर्वसाधारण को सूचित करते हुए कहा कि अन्तर्गत किसी भी प्रकार की समस्या एवं शिकायत के निवारण हेतु विकासखण्डवार हेल्पलाईन नम्बर/वाट्सएप्प नम्बर निर्गत किये गये हैं, जिन पर शासकीय अवकाश के दिवसों में प्रातः 10 बजे से सांय 05 बजे तक अपने-अपने विकासखण्ड से संबंधित समस्याओं/ शिकायतों को दर्ज करवाकर निस्तारित करवा सकते हैं।
उनका कहना हैं कि विकासखण्ड भिलंगना हेतु हैल्प डेस्क में तैनात मनरेगा कार्मिक के हेल्पलाईन नम्बर/वाट्सएप नम्बर 9997160644, कीर्तिनगर में 9634877702, देवप्रयाग में 9917181330 व 7500607900, जाखणीधार में 7456999764, प्रतापनगर में 8077360771, चम्बा में 8077140195, जौनपुर में 9557864749 व 9528309402, थौलधार में 9458964521 तथा नरेन्द्रनगर में 8077640494 पर कॉल कर समस्या का निस्तारण करवाया जा सकता है।
जोशीमठ के बाद अलीगढ में भी आयी दरारे..
उत्तराखंड: जोशीमठ कस्बे पर इस वक़्त बड़ा संकट मंडरा रहा है, 723 मकानों में दरार की वजह से हजारों परिवार संकट में है।लेकिन इसी बीच खबर आ रही हैं कि यूपी के अलीगढ़ में भी कई घरों में दरार आयी हैं। जिसकी वजह से लोगों में दहशत है।जोशीमठ के बारे में कहा जा रहा है कि भूंकपीय जोन में अनियंत्रित विकास का सामना वहां के लोग कर रहे हैं। मकानों में दरार के लिए एनटीपीसी की सुरंग को भी जिम्मेदार बताया जा रहा हैं। लेकिन अलीगढ़ के घरों में दरार का कारण क्या है? अलीगढ़ के जिन मकानों के घरों में दरारें आ गई हैं, वहां के निवासियों का कहना हैं कि स्मार्ट सिटी के निर्माण के लिए किए जा रहे उत्खनन कार्य किये जा रहे हैं। उसकी वजह से मकानों में दरारें आई हैं। बता दे कि इसके साथ ही उत्तराखंड के कर्णप्रयाग शहर में आवासों में दरारें आ रही हैं।
कावरीगंज इलाके में मकानों में दरार
आपको बता दे कि अलीगढ़ के कांवरीगंज इलाके में पांच घरों में दरारें आ गई हैं, जिससे उत्तराखंड के जोशीमठ के निवासियों को संभावित जमीन धंसने की चिंता है। पावन नगरी जोशीमठ में इस भीषण सर्दी के कारण सैकड़ों परिवार बेघर होने का खतरा मंडरा रहा है। पिछले कई दिनों से हमारे कुछ घरों में दरारें आ गई हैं जिससे हम दहशत में जी रहे हैं। हालांकि इसकी शिकायत भी की जा चुकी है लेकिन नगर निगम के अधिकारी कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं और केवल आश्वासन दे रहे हैं। हमें डर है कि घर गिर सकते हैं।
स्मार्ट सिटी अभियान को दोष
स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार की स्मार्ट सिटी योजना के हिस्से के रूप में स्थापित पाइपलाइन पहले ही लीक कर रही हैं। जिससे और दरारें आ रही हैं। करीब चार दिन हो गए हैं। हमने संबंधित विभागों को सूचित कर दिया है, लेकिन अभी तक कोई सहायता नहीं दी गई है। हमें आतंक में रहने के लिए मजबूर किया जा रहा हैं। मकानों में आई दरारों का संज्ञान लेते हुए नगर निकाय की टीम रात में बुलडोजर लेकर पहुंची। मुख्य अभियंता सतीश चंद्र ने सुरक्षा चिंताओं को लेकर प्रभावित घरों को तुरंत खाली करने को कहा।
शुरू हुआ अग्निवीरों का प्रशिक्षण, चेहरे पर दिखा देश सेवा का जज्बा..
उत्तराखंड: देश में पहली बार सेना की अग्निपथ योजना के तहत भर्ती हुए 796 अग्निवीरों का प्रशिक्षण शुरू हो गया है। कुमाऊं रेजीमेंट सेंटर के ऐतिहासिक सोमनाथ मैदान में एक जनवरी से पहले बैच का प्रशिक्षण चल रहा है। अग्निवीरों को भी पहले की रिक्रूटों की भांति प्रशिक्षण दिया जा रहा है लेकिन प्रशिक्षण की अवधि नौ से घटाकर छह महीने कर दी गई है।
मंगलवार को केआरसी कमांडेंट ब्रिगेडियर आईएस सम्याल ने प्रशिक्षण का जायजा लिया। सैन्य अधिकारियों ने पत्रकारों को विभिन्न प्रशिक्षण सुविधाओं स्थलों का निरीक्षण कराया। अग्निवीरों को विशेष तकनीकी प्रशिक्षण, एथलेटिक निर्देश और हथियारों के उपयोग से जुड़े अभ्यास प्राप्त करते हैं। हालांकि कुछ बदलाव के साथ अग्निवीरों को भी पहले के रिक्रूटों की तरह ही प्रशिक्षित किया जा रहा है।
बटालियन कमांडर कर्नल विक्रमजीत सिंह ने फायरिंग की नई तकनीक, अग्निवीरों के रहन-सहन की परिस्थितियों और अन्य विषयों पर बात की। उनका कहना हैं कि अग्निवीरों के पहले बैच ने 25 से 31 दिसंबर के बीच विभिन्न भर्ती कार्यालयों से यहां केआरसी में उपस्थिति दर्ज कराई। पहले बैच के अग्निवीरों को सेना के कुशल प्रशिक्षक ड्रिल, फिजिकल, फायरिंग, कमांडो ट्रेनिंग दे रहे हैं। बता दे कि प्रशिक्षण के दौरान रिक्रूटों के चेहरे पर देश सेवा का जज्बा भी साफ देखा जा रहा था। एक हफ्ते के प्रशिक्षण के बाद ही रिक्रूटों में काफी बदलाव देखने के लिए मिला।
दूसरा बैच मार्च में लेगा प्रशिक्षण : कमांडेंट साम्याल..
केआरसी के कमांडेंट ब्रिगेडियर आईएस साम्याल का कहना हैं कि इस साल कुल 1,150 अग्निवीरों को प्रशिक्षण लेना है जबकि पहले बैच में 796 रिक्रूटों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। नई तकनीक पर आधारित प्रशिक्षण देने के प्रयास चल रहे हैं। मार्च में दूसरे बैच का प्रशिक्षण शुरू होगा। प्रशिक्षण के बाद अग्निवीरों को उनकी इकाइयों में भेजा जाएगा।