उत्तराखंड के 6 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, मौसम विभाग ने दी सतर्क रहने की सलाह..
उत्तराखंड: प्रदेश के पहाड़ी जिलों में शुक्रवार को भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने देहरादून, उत्तरकाशी, बागेश्वर, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर के कुछ हिस्सों में गरज के साथ भारी बारिश की चेतावनी दी है। इन जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। संभावित खराब मौसम के मद्देनज़र प्रशासन भी एहतियाती कदम उठाने की तैयारी में है।
आगामी दिनों में प्रदेश के विभिन्न पर्वतीय जिलों में गरज और बिजली के साथ भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है। अगले पांच दिनों तक ये मौसम की गतिविधियां जारी रह सकती हैं। गुरुवार को दर्ज किए गए बारिश के आंकड़ों के अनुसार देहरादून के आशारोड़ी और सहस्रधारा क्षेत्रों में सबसे ज्यादा वर्षा हुई है, जहां आशारोड़ी में 35.5 मिमी और सहस्रधारा में 27.5 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके विपरीत प्रदेश में सबसे कम बारिश रुड़की में दर्ज की गई, जहां केवल 10 मिमी बारिश हुई।
उत्तराखंड के 1500 युवाओं को विदेश में प्लेसमेंट का लक्ष्य..
अक्टूबर में होंगे 10 मार्केटिंग इवेंट..
उत्तराखंड: प्रदेश से 1500 युवाओं की विदेशों में प्लेसमेंट के लक्ष्य को दिसम्बर माह तक अनिवार्यतः पूरा करने का निर्देश देते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य के छात्र-छात्राओं को सरकार के इस कार्यक्रम के बारे में जागरूक करते हुए कौशल विकास विभाग द्वारा संचालित कोर्सेज में प्रतिभाग के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। अभी तक सरकार के ओवरसीज प्लेसमेन्ट प्रोग्राम के तहत 23 छात्रों को केयर गिवर के रूप में जापान में प्लेसमेंट के लिए भेजा जा चुका है। इसके साथ ही 30 नर्सिंग स्टाफ का बैच 10 अगस्त तक जापान हेतु प्रशिक्षण की तैयारी शुरू करेगा। रतूड़ी ने युवाओं के प्रशिक्षण हेतु नए बैच शुरू करने के निर्देश दिए हैं ताकि 1500 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रक्रियाओं में तेजी आ सके।
ओवरसीज प्लेसमेन्ट प्रोग्राम हेतु कौशल विकास विभाग द्वारा Navis, Learnet, Genrise, Envertis चार एजेंसियों को सूचीबद्ध किया गया है। 1500 युवाओं को दिसम्बर तक विदेशों में प्लेसमेंट करवाने के लक्ष्य को समय से पूरा करने तथा राज्य के प्रतिभाशाली व योग्य युवाओं को बेहतर अवसर प्राप्त हो इसके लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने ओपन एडवरटाइसमेंट जारी करने तथा सम्बन्धित शैक्षणिक संस्थानों में एक दिन की वर्कशॉप आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। अभी तक सूचीबद्ध एजेंसियों तथा एनएसडीसी (नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ) द्वारा 56 छात्रों को प्रशिक्षण हेतु दाखिला दिया गया है।
राज्य के विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों के युवाओं को अंग्रेजी भाषा की बाध्यता के कारण ओवरसीज प्लेसमेन्ट प्रोग्राम से वंचित न होना पड़े, इसके लिए सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने आईटीआई में स्पोकन इंग्लिश के र्कोर्स संचालित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने सचिवालय में सेतु (SETU) व कौशल विकास विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान सभी विभागों को कौशल विकास को फोकस में रखते हुए कार्य करने की नसीहत दी है। बैठक में जानकारी दी गई है कि राज्य के विभिन्न नर्सिंग व हॉस्पिटलिटी संस्थानों में कौशल विकास विभाग एवं सूचीबद्ध एजेंसियों द्वारा ओवरसीज प्लेसमेन्ट प्रोग्राम व छात्रों के मोबिलाइजेशन हेतु वर्कशॉप आयोजित की जा रही है। अक्टूबर में इसके लिए 10 मार्केटिंग इवेंट आयोजित किए जाएंगे। राज्य में वैश्विक स्तर के स्किल पार्क के विकास हेतु अडानी ग्रुप से बातचीत की जा रही है। राज्य में मॉडल आईटीआई के विकास के लिए आईटीई एडुकेशन सर्विसेज सिंगापुर से आरम्भिक चर्चा हो चुकी है, इस सम्बन्ध में सितम्बर तक एमओयू होने की संभावना है।
टाटा टेक्नॉलोजिस द्वारा राज्य में 13 आईटीआई के अपग्रेडेशन के प्रस्ताव को वित्त विभाग द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है तथा अब इसे नाबार्ड को भेज दिया गया है। जल्द ही इस सम्बन्ध में टाटा टेक्नॉलोजिस के साथ एमओयू होने की संभावना है। काशीपुर में जीआईटीआई में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के विकास के सम्बन्ध में पहले पांच बैच के लिए 95 प्रतिशत प्लेसमेंट हो चुके हैं। हरिद्वार में जीआईटीआई में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के विकास के सम्बन्ध में पहले चार बैच के 100 प्रतिशत प्लेसमेंट हो चुके हैं। इन दोनों जीआईटीआई में जल्द ही भविष्य के बैच के लिए छात्रों का मोबिलाइजेशन किया जाएगा। अभी तक राज्यभर में 300 से अधिक छात्रों की मोबिलाइजेशन हेतु काउंसलिंग हो चुकी है। 6 से ज्यादा सेमिनार छात्रों के मोबिलाइजेशन के लिए संचालित किए गए।जल्द ही जापान, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम व आयरलैण्ड में प्लेसमेंट के लिए 4 बैच प्रशिक्षित किए जा रहे हैं।
सीएम धामी ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री से की राज्य की लंबित जल विद्युत परियोजनाओं पर चर्चा..
उत्तराखंड: गुरुवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल से भेंट की। सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए जल एक महत्वपूर्ण संसाधन है और जल विद्युत परियोजनायें राज्य की सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि का मुख्य कारक हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की विद्युत ऊर्जा की मांग की पूर्ति के लिए खुले बाजार से प्रतिवर्ष 1000 करोड़ रुपये की ऊर्जा का क्रय किया जाता है।
राज्य में उपलब्ध जल स्त्रोतों से लगभग 25 हजार मेगावाट जल विद्युत क्षमता का आंकलन किया गया है, परंतु वर्तमान में केवल 4200 मेगावाट क्षमता का ही दोहन हो पा रहा है। प्रमुख सचिव, प्रधानमंत्री कार्यालय की अध्यक्षता में हुई समीक्षा में अलकनंदा एवं भागीरथी नदी घाटी में प्रस्तावित 70 परियोजनाओं में से केवल 7 परियोजनाओं जिनका निर्माण कार्य 50 प्रतिशत से अधिक हो गया है का निर्माण जारी रखने एवं कोई भी नई परियोजना प्रारंभ न किये जाने के निर्देश दिए गए हैं।
सीएम धामी ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को अवगत कराया कि उत्तराखंड की सीमा में गंगा एवं उसकी सहायक नदियों के अतिरिक्त अन्य नदी घाटियों पर प्रस्तावित जल विद्युत परियोजनाओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। सीएम धामी ने यह भी कहा कि केंद्रीय जल आयोग/जल संसाधन मंत्रालय द्वारा राज्य की अन्य नदी घाटियों यथा धौलीगंगा, गौरीगंगा पर पिथौरागढ़ जनपद में प्रस्तावित परियोजनाओं के विकास के लिए भी अनुमोदन प्रदान नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में सीएम धामी ने राज्य की अन्य नदी घाटियों पर स्थित परियोजनाओं के त्वरित विकास एवं निर्माण की अनुमति प्रदान किये जाने का अनुरोध केंद्रीय मंत्री से किया।
जमरानी बांध बहुउद्देश्यीय परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के अंतर्गत वित्त पोषण की स्वीकृति का भी किया अनुरोध। सीएम धामी ने की केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री से भेंट, राज्य की लंबित जल विद्युत परियोजनाओं के संबंध में की चर्चा ने कहा कि हल्द्वानी में बनने वाली जमरानी बांध बहुउद्देश्यीय परियोजना से हल्द्वानी एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में वर्ष 2051 तक की अनुमानित जनसंख्या के लिए 170 एमएलडी पेयजल उपलब्ध होगा। इसके अतिरिक्त, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में लगभग 57000 हेक्टेयर कृषि भूमि हेतु सिंचाई के लिए जल उपलब्ध होगा।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के अंतर्गत इस परियोजना के निर्माण के लिए 1730.21 करोड़ वित्त पोषण हेतु अक्टूबर 2023 में भारत सरकार से स्वीकृत हुए हैं। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को यह भी अवगत कराया कि वर्ष 2023 के प्राइस लेवल के स्तर पर परियोजना की लागत 3808.16 करोड़ है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से पुनरीक्षित लागत PMKSY-AIBP के अंतर्गत वित्त पोषण की स्वीकृति का भी अनुरोध किया।
पर्यटकों के लिए खुशखबरी, आसमान से होगा गौरसों बुग्याल का दीदार..
औली से गौरसों बुग्याल तक बनेगा रोपवे..
उत्तराखंड: देवभूमि उत्तराखंड वासियों और पर्यटकों के लिए अच्छी खबर सामने आयी है। चमोली में औली से गौरसों बुग्याल तक रोपवे बनाया जाएगा। इसके सर्वे के लिए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) की 23वीं बोर्ड बैठक में सर्वे के निर्देश दिए हैं। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) की 23वीं बोर्ड बैठक का आयोजन हुआ। जिसमें पर्यटन मंत्री ने औली से गौरसों बुग्याल तक रोपवे बनाने के लिए जल्द सर्वे शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही बैठक में समूह ‘क’ और ‘ख’ सेवानियमावली-2013 में संशोधन किए जाने का प्रस्ताव पारित हुआ है।आपको बता दें कि औली से गौरसों तक प्रस्तावित रोपवे दो किमी लंबाई का है। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा विशेष बजट प्रस्तावित है। जनवरी, फरवरी व मार्च में तो गौरसों बर्फ से लबालब रहता है। जिस कारण यहां काफी संख्या में पर्यटक आते हैं। बर्फ पिघलने के बाद भी यहां पर्यटक आएं इसलिए रोपवे बनाया जाना है। इसके साथ ही यहां पैदल ट्रैक भी बनाए जाने हैं।
सीएम धामी ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में सचिव समिति की बैठक में प्रतिभाग किया। सीएम धामी राज्य के पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने सचिव समिति की बैठक में प्रतिभाग किया। तीन घण्टे तक चली इस बैठक में राज्यहित से जुड़े विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। सीएम धामी का कहना हैं कि राज्य हित से जुडी योजनाओं के नीति-निर्धारण और सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पंहुचाने में सचिवगणों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सचिव सरकार और जनता के बीच सेतु का कार्य करते हैं। शासन और प्रशासन एक सिक्के के दो पहलू होते हैं। राज्य के हर क्षेत्र में विकास के साथ ही, लोगों का जीवन स्तर उठाने के लिए हम सबको सामुहिक प्रयास करने होंगे। लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाये बिना राज्य के समग्र विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है।
उनका कहना हैं कि योजनाओं के बेहतर निर्माण के साथ ही उनके सफल क्रियान्वयन के लिए पूरा एक्शन प्लान बनाया जाना चाहिए। सरकार की योजनाओं और निर्णयों का प्रभाव करोड़ों लोगों के जीवन पर पड़ता है। इसलिए योजनाओं और निर्णयों में राष्ट्रहित और जनहित पहली प्राथमिकता में होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सचिवों को निर्देश दिए कि विभागों के रिक्त पदों का अधियाचन शीघ्र आयोगों को भेजे जाएं। सुनिश्चित कार्ययोजना के साथ आगामी दो सालों में रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण की जाए।
सीएम ने कहा कि कार्यों और योजनाओं के निर्माण में नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जाए और आधुनिक तकनीक का अधिकतम इस्तेमाल किया जाए। जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए जनहित से जुड़े कार्यों में सही रास्ता निकालने की सबके मन में भावना होनी चाहिए। जन अपेक्षाओं के अनुसार हम उनकी समस्याओं के समाधान के लिए अपने कार्यक्षेत्र में क्या विशिष्ट कार्य कर सकते हैं, इस दिशा में सभी अधिकारी पूरे मनोयोग से कार्य करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों में जिन इंडिकेटरों में हमें सुधार की आवश्यकता है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए। जिन इन्डीकेटर पर राज्य में अच्छा कार्य हुआ है, उनको बनाये रखना हमारे सामने चुनौती भी होगी।
सीएम ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि सचिव समिति की बैठक में राज्यहित से जुड़े विषयों की नियमित समीक्षा की जाए। श्रेष्ठ उत्तराखण्ड के निर्माण के लिए सभी को एकजुट होकर कार्य करना है। उन्होंने कहा कि आगामी एक वर्ष के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं का एक रोस्टर प्लान बनाया जाए। जिसमें ऐसी योजनाएं शामिल हों, जो व्यापक जनहित वाली हों। जनपदों के प्रभारी सचिव समय-समय पर जनपदों में जाकर योजनाओं की नियमित समीक्षा करें और विभिन्न व्यवस्थाओं में सहयोग करें।
पर्वतीय जिलों में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट का उत्साह, कई जगह ग्रिड फुल..
इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए मांगा बजट..
उत्तराखंड: प्रदेश के पर्वतीय जिलों में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लगाने को जबर्दस्त उत्साह नजर आ रहा है। उत्तरकाशी, टिहरी और अल्मोड़ा में सबसे ज्यादा प्रोजेक्ट लग रहे हैं। उत्तरकाशी व कई जगहों पर तो यूपीसीएल की क्षमता के हिसाब से ग्रिड फुल हो गई है। अब निगम ने सरकार से इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के लिए बजट की मांग की है। सरकार ने सौर ऊर्जा की नई नीति जारी की थी। इसके तहत 200 किलोवाट तक के सोलर प्रोजेक्ट लगाए जा सकते हैं। पर्वतीय जिलों में सरकार 50 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है। महिला के नाम से प्रोजेक्ट होने पर पांच प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी मिलती है। इस योजना के तहत 20, 25, 50, 100 और 200 किलोवाट के सोलर प्लांट लगा सकते हैं।
पात्र व्यक्ति अपनी निजी भूमि या लीज पर जमीन लेकर सोलर प्लांट लगा सकते हैं। योजना के तहत केवल राज्य के स्थायी निवासी ही आवेदन कर सकते हैं। उनकी आयु 18 साल से अधिक होनी चाहिए। योजना के तहत 50 किलोवाट के सोलर प्लांट के लिए 750-1000 वर्ग मीटर, 100 किलोवाट के लिए 1500-2000, 200 किलोवाट के लिए 3000-4000 वर्गमीटर जमीन जरूरी होगी।
पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में जाएगा..
आपको बता दे कि योजना पर 50 हजार प्रति किलोवाट का खर्च अनुमानित होगा। 50 किलोवाट से 76000 यूनिट, 100 किलोवाट से 152000 और 200 किलोवाट से 304000 यूनिट बिजली सालाना पैदा होगी। योजना के तहत यूपीसीएल 25 साल के लिए बिजली खरीदेगा। जो भी बिजली यूपीसीएल के पास आएगी, उसका पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में जाएगा। इसका असर नजर आ रहा है। आलम ये है कि उत्तरकाशी में तो अब नए प्रोजेक्ट की गुंजाइश ही नहीं बची है।
यहां यूपीसीएल की ग्रिड क्षमता के हिसाब से प्रोजेक्ट आवंटन पूरा हो गया है। टिहरी व अल्मोड़ा में भी काफी उत्साह नजर आ रहा है। यूपीसीएल के निदेशक परिचालन एमआर आर्य का कहना है कि पर्वतीय जिलों में भारी उत्साह के बीच अब हमें इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने की जरूरत है। लिहाजा शासन को पत्र भेजकर इसके लिए बजट की मांग की गई है।
बता दे कि अगर आप 50 किलोवाट का प्रोजेक्ट लगाते हैं तो इस पर कुल खर्च 25 लाख का होगा। इससे सालाना 76 हजार यूनिट बिजली पैदा होगी। कुल 17 लाख 50 हजार रुपये का लोन मिलेगा। एमएसएमई योजना के तहत 7 लाख 50 हजार की सब्सिडी मिलेगी। बिजली वर्तमान 4.49 रुपये प्रति यूनिट की दर से बेचने पर सालाना 3 लाख 41 हजार 240 की कमाई होगी। सालाना 35 हजार का खर्च मेंटिनेंस का होगा। माहवार किश्त 9,557 रुपये और कमाई 15,963 रुपये होगी। लोन खत्म होने के बाद माहवार कमाई 25,520 रुपये हो जाएगी।
उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में जल्द होगी 749 नए अतिथि शिक्षकों की तैनाती..
उत्तराखंड: राजकीय विद्यालयों के लिए 749 अतिथि शिक्षकों का चयन कर लिया गया है। चयनित सभी शिक्षकों को जल्द विद्यालयों में तैनाती मिलेगी। शिक्षा मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत का कहना हैं कि वर्ष 2018 में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापाक, एलटी एवं प्रवक्ता के खाली पदों पर अतिथि शिक्षकों की तैनाती का निर्णय लिया गया था। इसके लिए शैक्षणिक योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। 4200 अतिथि शिक्षकों को विभिन्न विद्यालयों में खाली पदों पर तैनाती दी गई थी। जबकि 1000 अभ्यर्थी तैनाती पाने से वंचित रह गए थे। वर्तमान में राज्य के विभिन्न राजकीय विद्यालयों में प्रवक्ता संवर्ग के 749 खाली पदों पर रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, अंग्रेजी एवं गणित विषयों में विषयवार मेरिट सूची तैयार कर उनका चयन किया गया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि इनकी तैनाती से दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा गुणवत्ता में सुधार आएगा।
सोशल मीडिया के इंपैनल के लिए बनाई जाएगी योजना, तहसील स्तर पर भी मिलेगी पत्रकारों को मान्यता..
उत्तराखंड: सीएम धामी की अध्यक्षता में सोमवार को सूचना एवं लोकसम्पर्क विभाग की समीक्षा बैठक हुई। विभाग के कार्यों की समीक्षा से सीएम धामी संतुष्ट हुए। प्रदेश में सोशल मीडिया के इंपैनल के लिए योजना बनाई जाएगी। इसके साथ ही अब तहसील स्तर पर भी पत्रकारों को मान्यता मिल सकेगी। उत्तराखंड में अब सोशल मीडिया के इंपैनल के लिए योजना बनाई जा रही है। सोशल मीडिया यानी फेसबुक, यूट्यूब , ट्विटर आदि को इंपैनल के लिए योजना बनाई जाएगी। सोमवार को सीएम धामी ने सूचना एवं लोकसम्पर्क विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने पत्रकार कल्याण के कार्यों के लिए विभागीय कार्यों को सराहा। इसके साथ ही बैठक में इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया से सम्बंधित कार्यों पर गहन मंथन हुआ।
पत्रकारों का अंशदान कोटा 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ किया गया है। सीएम धामी ने विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों की की सराहना की। विभाग के हर प्रभाग का खुद सीएम धामी ने निरीक्षण किया। पत्रकारों के मान्यता प्राप्त कोटा को भी बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही अब तहसीलदार स्तर पर भी मान्यता प्राप्त हो सकेगी।
उत्तराखंड के बिजली उपभोक्ताओं का सितंबर में सस्ता आएगा बिल, 60 पैसे तक घटे यूनिट
उत्तराखंड: अगले महीने बिजली का बिल सस्ता आएगा। यूपीसीएल ने अगस्त माह की फ्यूल एंड पावर परचेज कॉस्ट एडजस्टमेंट (एफपीपीसीए) दरें घोषित कर दी हैं। इसके तहत बिजली बिल में 15 पैसे लेकर 60 पैसे प्रति यूनिट तक की कमी हो गई है। सितंबर के बिल में प्रति यूनिट यह छूट मिलेगी। यूपीसीएल हर महीने आपूर्ति के लिए बाजार से बिजली खरीदता है। बाजार से महंगी या सस्ती बिजली का असर बिल में नजर आता है। अगर निर्धारित से अधिक दरों पर बिजली खरीदी तो उसी अनुपात में बिल में प्रति यूनिट बिजली महंगी हो जाती है। सस्ती खरीद होने पर प्रति यूनिट उतनी ही कमी कर दी जाती है। यूपीसीएल प्रबंधन ने अगस्त माह में एफपीपीसीए दरों की घोषणा कर दी है। निगम प्रबंधन का कहना है कि सितंबर माह के बिजली बिल में इसी हिसाब से छूट दी जाएगी। केंद्र सरकार ने राज्य को गैर आवंटित कोटे से मिल रही 100 मेगावाट बिजली की अवधि सितंबर तक बढ़ा दी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर पहले यह बिजली 31 जुलाई तक मिली थी। सीएम धामी ने इसे आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था, जिसके बाद केंद्र के गैर आवंटित कोटे से 30 सितंबर तक 100 मेगावाट बिजली राज्य को मिलती रहेगी।
कल से शुरू होगी केदारनाथ धाम की यात्रा, सीएम धामी ने आपदा से प्रभावित क्षेत्रों का किया हवाई निरीक्षण..
उत्तराखंड: 31 जुलाई 2024 की रात केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर भारी बारिश के कारण लैंडस्लाइड हुआ था। लैंडस्लाइड एक स्थान पर नहीं, ब्लकि पूरे यात्रा मार्ग पर कई जगह पर हुआ। कई स्थानों पर 100 मीटर रास्ता वॉश आउट हो गया था। कई तीर्थयात्री केदारनाथ धाम और यात्रा मार्ग पर फंस गए थे। तब से लगातार 6 दिन से यात्रियों का रेस्क्यू जारी है। सरकार रेस्क्यू के लिए 5 हेलीकॉप्टर, MI-17 और चिनूक की मदद ले रही है। आपदा से अब तक केदारनाथ यात्रा पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन अब सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 7 अगस्त (बुधवार) से केदारनाथ यात्रा शुरू करने का फैसला लिया है।
केदारनाथ यात्रा को लेकर जारी घोषणा में धामी सरकार ने केदारनाथ यात्रा सुचारू करने का ऐलान किया है। हालांकि, ये यात्रा सिर्फ और सिर्फ हेलीकॉप्टर से ही की जा सकेगी। ये ऐलान सीएम धामी ने आज रुद्रप्रयाग दौरे के दौरान मीडिया से बात करते हुए की। सीएम धामी का कहना हैं कि ‘जो श्रद्धालु अपना टिकट बुक करवा चुके हैं और उत्तराखंड में आ चुके हैं, उनके लिए यह यात्रा कल से शुरू हो जाएगी। हम चाहते हैं कि यात्रा जल्द से जल्द शुरू हो। ताकि श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर सकें। एक हफ्ते से भक्त भगवान से दूर हैं। ऐसे में जब तक सड़क ठीक नहीं हो जाती, तब तक हेलीकॉप्टर के माध्यम से ही श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन कर सकेंगे’।
हेली सेवा में बड़ी छूट..
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक और बड़ी घोषणा की है। सीएम धामी ने कहा कि जो श्रद्धालु ऋषिकेश, हरिद्वार और रुद्रप्रयाग में केदारनाथ धाम जाने के लिए पहुंच गए हैं या जाना चाहते हैं, उन्हें हेलीकॉप्टर के किराए में 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इस 25 फीसदी छूट का किराया राज्य सरकार वहन करेगी। इतना ही नहीं आने वाले एक हफ्ते में हम यह कोशिश करेंगे कि पैदल मार्ग से भी श्रद्धालुओं को केदारनाथ धाम में भेजा जाए। हम किसी तरह से भी श्रद्धालुओं के मन से यह डर निकालना चाहते हैं कि केदारनाथ यात्रा सुरक्षित नहीं है। इतनी बड़ी आपदा के बाद इतना सफल रेस्क्यू इसलिए संभव हो पाया क्योंकि तमाम एजंसियों ने अपना काम बेहतर तरीके से किया है।
निरीक्षण के बाद सामने आई ये जानकारी..
रुद्रप्रयाग में स्थलीय और हवाई निरीक्षण करने के बाद सीएम धामी ने कहा है कि केदारनाथ यात्रा के दौरान जिन जगहों से श्रद्धालु केदारनाथ धाम तक पहुंचे थे, उस जगह पर 29 ऐसे बिंदु हैं जहां पर अधिक भूस्खलन की वजह से सड़क पूरी तरह से खत्म हो गई है। इतना ही नहीं, सड़क का 150 मीटर का एक हिस्सा पूरी तरह से नदी में समा गया है। सीएम धामी ने कहा कि इस आपदा के दौरान इस पूरे क्षेत्र को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है। इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी केंद्र सरकार को दी जा रही है। केंद्र सरकार इस आपदा की घड़ी में राज्य सरकार के साथ है।