केदारघाटी के सुरेंद्र और सतपाल ने घोड़े की लगाम और गमछे के सहारे बचाई 1000 से ज्यादा यात्रियों की जान..
उत्तराखंड: केदारनाथ में पांच दिन बाद भी हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। लगातार लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। रेस्क्यू के दौरान केदारघाटी के ही रहने वाले और घोड़ा-खच्चर का संचालन करने वाले सुरेंद्र और सतपाल केदारनाथ पैदल मार्ग पर फंसे यात्रियों के लिए देवदूत बन गए। सुरेंद्र और सतपाल ने घोड़े की लगाम और गमछे की सहायता से एक हजार लोगों की जान बचाई है। 31 जुलाई को केदारघाटी में बादल फटने के कारण भारी तबाही मची। केदारनाथ पैदल मार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया तो कई स्थानों पर वॉशआउट हो गया। जिस कारण हजारों यात्री रास्तों में ही फंस गए। एक अगस्त की सुबह से लेकर शाम तक केदराघाटी के रहने वाले सुरेंद्र और सतपाल ने घोड़े की लगाम और गमछे की मदद से एक हजार से भी ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया है। सेक्टर मजिस्ट्रेट ने दोनों युवाओं की तारीफ की है।
बारिश रूकते ही शुरू कर दिया था रेस्क्यू..
31 जुलाई को जैसे ही बारिश रूकी दुकान और घोड़े-खच्चरों का संचालन करने वाले दो युवाओंं सुरेंद्र और सतपाल ने रेस्क्यू शुरू कर दिया। दोनों ने मिलकर विपत्ति में फंसे लोगों को सुरक्षित बचाने की ठानी और कोशिश की। उनकी कोशिश रंग लाई। जैसे ही बारिश रूकी और मंदाकिनी नदी का प्रवाह थोड़ कम हुआ तो सुरेंद्र और सतपाल केदारनाथ मुख्य पैदल मार्ग पर पहुंचे। उन्होंने यहां फंसे हुए 50 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। इसके बाद मोबाइल फोन की रोशनी में दोनों युवा दो किमी आगे बढ़े और रामाबाड़ा पहुंचे। जहां उन्होंने 100 से ज्यादा यात्रियों को अलग-अलग स्थानों से रेस्क्यू किया। सभी यात्रियों को उन्होंने हाथ पकड़कर और एक-दूसरे का सहारा बनाकर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया।
एक अगस्त को लिंचोली से लोगों को किया रेस्क्यू..
सुरेंद्र और सतपाल को जानकारी मिली की लिंचोली में भी कई श्रद्धालु फंसे हुए हैं। उन्होंने रात बीतने का इंतजार किया और सुबह तड़के ही पांच बजे लिंचोली के लिए निकल गए। दोनों घोड़ा-खच्चरों की लगाम, प्लास्टिक पाइप और गमछे लेकर लिंचोली पहुंचे थे। लिंचोली में हिमखंड जोन में पूरा रास्ता ध्वस्त हो गया था और यहां गहरी खाई बन गई थी। इस खाई को पार करना आसान नहीं था। खाई के उस पार करीब आठ सौ लोग फंसे हुए थे। जो कि केदारनाथ के दर्शन कर लौट रहे थे जिनमें बच्चे महिलाएं और बुजुर्गों की संख्या ज्यादा थी।
सुरेंद्र और सतपाल ने हार नहीं मानी और मुख्य रास्ते के ऊपर से एक फीट चौड़ा व बीस मीटर लंबा अस्थायी रास्ता बनाया। इसके बाद घोड़े की लगाम, गमछों और प्लास्टिक की पाइप की सहायता से एक रस्सी बनाई जिसे उन्होंने पेड़ पर बांधा। जिसके बाद दोनों नीचे उतरे और एक-एक कर यात्रियों को सकुशल ऊपर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया। दोनों युवा बिना किसी मदद के दोपहर 12 बजे तक लोगों को निकालते रहे। 12 बजे बाद सुरक्षा जवान मौके पर पहुंचे और उनकी मदद की। उनके इस काम की हर ओर तारीफ हो रही है। सुरेंद्र और सतपाल का कहना है कि बाबा केदार के आशीर्वाद से ही उन्होंने लोगों को रेस्क्यू किया।
पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को घर के रखरखाव के लिए मिलेंगे एक लाख रुपये- CS..
उत्तराखंड: प्रदेश के पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को घर के रखरखाव के लिए एक लाख रुपये मिलेंगे। यह धनराशि 15 साल में एक बार मिलेंगी। सचिवालय में हुई उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था की कार्यकारिणी समिति की बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। वहीं बैठक में देश के लिए बलिदान देने वाले प्रदेश के सैनिकों के आश्रितों को 10 लाख का अनुदान देने पर सहमति बनी। बैठक में बालकों की तुलना में बालिकाओं की छात्रवृत्ति बढ़ाने की भी सिफारिश की गई, जिसे मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा जाएगा।
उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था की कार्यकारिणी समिति की बैठक में पूर्व सैनिकों की मृत्यु पर आश्रितों को संस्था की ओर से अंतिम संस्कार के लिए 10,000 रुपये अनुदान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग के साथ अब कानून की शिक्षा के लिए 50,000 की छात्रवृत्ति, नॉन पेंशनभोगी पूर्व सैनिकों, उनकी विधवाओं को आकस्मिकता अनुदान 25,000 रुपये हर साल, पूर्ण रूप से दिव्यांग पूर्व सैनिकों को दो लाख रुपये हर साल आर्थिक मदद देने पर सहमति बनी। जेसीओ रैंक तक के पूर्व सैनिक और सैनिक विधवाओं के आश्रितों को यह अनुदान राशि दी जाएगी। प्रदेश के पूर्व सैनिक आश्रितों के सेना, अर्द्धसैनिक बल एवं राज्य पुलिस में चयन पर 40,000 रुपये अनुदान देने पर सहमति बनी है। पहले भर्ती पूर्व प्रशिक्षण केंद्रों से प्रशिक्षण लेने वाले पूर्व सैनिक आश्रितों के भर्ती होने पर 20,000 रुपये का अनुदान दिया जाता था, जिसे अब बढ़ाकर 40,000 रुपये देने पर सहमति बनी है।
अनाथ एवं सैनिक विधवाओं के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति..
कक्षा एक से आठवीं तक बालकों को हर साल 12,000 रुपये व बालिकाओं को 15,000 रुपये, आठवीं से स्नातकोत्तर तक बालकों को हर साल 20,000 रुपये एवं बालिकाओं को 25,000 रुपये देने पर सहमति बनी। बैठक में सचिव दीपेंद्र चौधरी, समिति के सदस्य मेजर जनरल जीएस रावत (सेनि) आदि मौजूद रहे।
परिवहन विभाग के कर्मियों ने दोबारा शुरू किया कार्य बहिष्कार,सीएम के निर्देश पर किया था निलंबित..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के दौरान रुद्रप्रयाग में हुए बड़े सड़क हादसे के बाद ऋषिकेश के तपोवन में ड्यूटी कर रहे चार कर्मचारियों को सीएम धामी के निर्देश पर निलंबित कर दिया था। जिसके बाद प्रवर्तन कर्मचारी संगठन परिवहन विभाग उत्तराखंड के कर्मचारियों ने आज रूडकी आरटीओ कार्यालय के बाहर सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक कार्य बहिष्कार किया.परिवहन विभाग के कर्मचारियों ने सरकार से चारों निलंबित अधिकारियों को बहाल करने की मांग की है। हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि पहले तो सभी कर्मचारियों ने काली पट्टी बांध कर अपना विरोध जताया था। जिसके बाद उन्हें सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया था। जिसके बाद उन्होंने प्रदर्शन को स्थगित कर दिया था।
लेकिन अभी तक उनकी मांगें पूरी नहीं की गई है। जिसके चलते सभी कर्मचारियों ने तीन अगस्त से एक बार फिर दो घंटे के लिए कार्य बहिष्कार का फैसला किया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर कर्मचारियों को बहाल नहीं किया जाता तो कल से वह पूरे दिन हड़ताल में बैठेंगे। बता दें 15 जून को रुद्रप्रयाग में हुए सड़क हादसे के मामले में प्रशासन ने लापरवाही मानते हुए चार परिवहन विभाग के कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था। जिसके बाद से पूरे मिनिस्ट्रियल संघ में आक्रोश है। रुद्रप्रयाग के रैंतोली के पास हुए हादसे में 15 यात्रियों की मौत हुई थी। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों की निलंबित कर्मियों के बहाली की मांग की है।
पेरिस ओलंपिक में शानदार उपलब्धि के लिए सीएम धामी ने सरबजोत सिंह को दी शुभकामनाएं..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पेरिस ओलंपिक-2024 की 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्सड टीम स्पर्धा में भारत के लिए कांस्य पदक अर्जित करने वाले देश के सपूत सरबजोत सिंह से फोन पर बात कर उन्हें इस शानदार उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दी। गौरतलब हो कि सरबजोत सिंह ने एशियन गेम्स-2022 में पुरुष टीम इवेंट में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। इन्हीं खेलों में वह मिक्स्ड टीम इवेंट में सिल्वर मेडल जीतने में भी सफल रहे थे। पिछले साल कोरिया में खेली गई एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता था और इसी के साथ पेरिस ओलंपिक का कोटा भी हासिल कर लिया था। पिछले साल ही भोपाल में आयोजित किए गए वर्ल्ड कप में उन्होंने इंडीविजुअल इवेंट में गोल्ड जीता था।
केदारनाथ में बचाव अभियान पांचवें दिन भी जारी..
सीएम धामी ने मदद के लिए स्थानीय लोगों का जताया आभार..
उत्तराखंड: प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने की वजह से केदारनाथ धाम के रामबाड़ा से भीमबली क्षेत्र में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से युद्ध स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर सर्च अभियान पांचवें दिन भी जारी है। लोगों को खोजने के लिए स्निफर डॉग की मदद ली जा रही है।
लिनचोली से रामबाड़ा क्षेत्र तक सर्च अभियान पूरा किया जा चुका है। जिसमें अब तक किसी व्यक्ति के मिलने की पुष्टि नहीं हुई है। सोमवार सुबह को डीडीएमओ नंदन सिंह रजवार के नेतृत्व में रामबाड़ा से भीमबली क्षेत्र में सर्च अभियान शुरू किया गया। श्री केदारनाथ धाम से 100 लोगों को सुरक्षाबलों की निगरानी में लिनचोली हेलीपैड रवाना किया गया है।
वहीं एनडीआरएफ की टीमें जंगल एवं मंदाकिनी नदी के आसपास भी लगातार सर्च अभियान चला रही हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर पोस्ट कर अपडेट दिया है। उन्होंने लिखा कि यही तो है देवभूमि की ‘अतिथि देवो भवः’ की संस्कृति। केदारनाथ क्षेत्र में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में प्रशासन को स्थानीय लोगों का पूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है।
पोस्ट में कुछ लोगों का नाम लिखते हुए सीएम ने कहा कि ग्रामीण बढ़ चढ़कर स्थानीय प्रशासन के साथ बचाव कार्यों में जुटे हैं। सभी लोगों के अथक प्रयासों का ही परिणाम है कि अतिवृष्टि की वजह से होने वाले बड़े नुकसान को रोका जा सका है। आप सभी का हृदय की गहराइयों से आभार। पुष्कर सिंह धामी ने दूसरे पोस्ट में लिखा कि केदारघाटी में राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
एसडीआरएफ, एनडीआरएफ एवं अन्य बचाव दलों द्वारा किए गए बेहतरीन कार्य के फलस्वरूप हजारों तीर्थयात्रियों को सुरक्षित तरीके से आपदा प्रभावित क्षेत्रों से निकाल लिया गया है। ध्वस्त पड़े रास्तों और पैदल पुलों को ठीक करने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
बता दे कि एमआई17 और एएलएच हेलीकॉप्टर गुप्तकाशी से काम कर रहे हैं, जबकि चिनूक गौचर हेलीपैड से काम कर रहा है और केदार घाटी से फंसे लोगों को निकालने के लिए कई उड़ानें भर रहा है। इस बीच, उत्तराखंड सरकार ने बचाए जा रहे लोगों की सहायता के लिए गौचर में एक चिकित्सा शिविर भी स्थापित किया है। इसके साथ ही उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर जाकर स्थानीय लोगों को प्रशासन को मदद प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया।
केदारनाथ में चल रहे रेस्क्यू की सीएम धामी खुद कर रहे मॉनिटरिंग, वर्चुअल माध्यम से ली जानकारी..
उत्तराखंड: बुधवार रात केदारघाटी में बादल फटने के बाद से रास्ते बंद हैं। जिस कारण हजारों यात्री फंस गए थे। रास्ते में फंसे यात्रियों को निकालने के लिए तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। अब तक 7,234 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। दो लोगों के शव भी बरामद किए गए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग खुद सीएम धामी कर रहे हैं। केदारनाथ में चल रहे रेस्क्यू कार्यों की सीएम खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सीएम धामी ने शनिवार सुबह वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी (रुद्रप्रयाग) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (रुद्रप्रयाग) से आपदा प्रभावित क्षेत्र में संचालित राहत एवं बचाव कार्यों की विस्तृत जानकारी ली। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार SDRF, NDRF सहित अन्य बचाव दलों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए तत्परता से कार्य कर रही है। सीएम धामी का कहना हैं कि पीएम मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार हर सम्भव सहायता प्रदान कर रही है। वो स्वंय बचाव कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही आपदा प्रभावित क्षेत्रों में फंसे सभी लोगों का रेस्क्यू कर लिया जाएगा। स्थानीय नागरिकों समेत 5000 से अधिक श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।
21 अगस्त से होगा गैरसैंण में होगा अगला विधानसभा सत्र..
उत्तराखंड: विधानसभा के मानसून को लेकर स्थिति साफ हो गई हैं। विधानसभा सत्र को लेकर आदेश जारी हो गए हैं। उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र 21 अगस्त से 23 अगस्त तक चलेगा। उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र गैरसैण के भराड़ीसैंण में आहूत किया जाएगा। पिछली कैबिनेट बैठक में सीएम को विधानसभा सत्र संबंधित फैसले को लेकर अधिकृत किया गया था। जिसके बाद आज संसदीय कार्य मंत्री ने इस संबंध में बयान जारी कर स्पष्ट कर दिया।
मानसून सत्र की तिथि और स्थान चिन्हित किए जाने को लेकर सीएम को अधिकृत किया गया था। 18 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक के दौरान विधानसभा मानसून सत्र आहूत किए जाने पर चर्चा की गई, लेकिन इस दौरान सत्र की तिथि, जगह पर बात नहीं बन सकी थी। जिसके चलते कैबिनेट ने सीएम धामी को इस बाबत अधिकृत किया थी। इसके बाद भी कई दिनों तक स्थितियां स्पष्ट नहीं हो पाई थी। जिस पर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया था।विपक्ष लगतार सरकार पर गैरसैंण की उपेक्षा का आरोप लगा रहा था।
विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर के विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी का कहना हैं कि विधानसभा सचिवालय सत्र आहूत करने को लेकर के पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार के निर्देशों के अनुसार गैरसैंण हो या फिर देहरादून विधानसभा सचिवालय हर परिस्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।उन्होंने बताया अब तक विधानसभा सचिवालय को माननीय विधायकों से तकरीबन 400 से ज्यादा सवाल आ चुके हैं।
आपदा के चलते श्री केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा स्थगित..
उत्तराखंड: भारी बारिश के कारण केदारनाथ में आई आपदा को देखते हुए कांग्रेस ने केदारनाथ बचाओं यात्रा को स्थगित कर दिया हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के निर्देश के बाद उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने यात्रा को स्थगित करने का ऐलान किया है। बता दें कांग्रेस ने दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ निर्माण के विरोध में राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की तर्ज पर 24 जुलाई को हरिद्वार से केदारनाथ बचाओ यात्रा शुरु की थी।
कांग्रेस के लिए ये यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है। लेकिन केदारघाटी में आई आपदा के कारण राहुल गांधी की अपील और निर्देश के बाद प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने यात्रा को स्थगित करने की घोषणा की। हालांकि माहरा ने कहा कि स्थितियां सामान्य होने पर सीतापुर से दोबारा यात्रा शुरू होगी। कांग्रेस की केदारनाथ बचाओ यात्रा स्थगित होने पर भाजपा ने तंज कसा है। भाजपा के प्रवक्ता विनोद सुयाल ने केदारनाथ में आई आपदा के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। सुयाल ने कहा कांग्रेस केवल सैर सपाटे के लिए यह यात्रा कर रही थी। इसलिए यात्रा के दौरान आपदा आई है।
सीएम धामी से गृह मंत्री अमित शाह ने फोन पर बात कर मांगी आपदा की जानकारी..
उत्तराखंड: प्रदेश में बीते बुधवार को बारिश काल बनकर बरसी हैं। बता दें अलग अलग जगह बारिश के चलते 13 लोगों की मौत हुई है। गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से फोन पर वार्ता कर विभिन्न स्थानों पर आई आपदा को लेकर जानकारी ली। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा कर कहा कि ‘गृह मंत्री अमित शाह ने फोन कर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर आई आपदा के विषय में जानकारी ली। इस दौरान उन्हें प्रभावित क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर चल रहे राहत और बचाव कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। गृह मंत्री ने प्रदेशवासियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। सीएम ने कहा आपदा के मुश्किल समय में शीर्ष नेतृत्व का इस प्रकार मजबूती से खड़े होना हम सभी को संबल प्रदान करता है। आपके मार्गदर्शन के लिए आभार।
सीएम धामी ने जानकारी देते हुए कह कि उत्तराखंड में भारी बारिश और आपदा से उत्पन्न स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नजर रखे हुए हैं। पीएम कार्यालय ने पूरी वस्तुस्थिति की जानकारी ली है। रेस्क्यू के लिए एयर फोर्स का चिनूक, एमआई 17 हेलीकॉप्टर रवाना हो गए हैं। इसके साथ ही तीन टैंकर ATF की भी मदद भेजी गई है। सीएम धामी के अनुरोध पर पीएमओ ने हर आवश्यक सहायता के प्रति आश्वस्त किया है।
किसानों का डाटा बेस तैयार करने के लिए होगा डिजिटल सर्वे..
उत्तराखंड: प्रदेश में किसानों की खेती और कृषि भूमि का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। जिसकी मदद से किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल पाएगा। गुरुवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में बैठक कर जरुरी दिशा निर्देश दिए हैं। उत्तराखण्ड में किसानों को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ पहुंचाने की दिशा में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राजस्व एवं कृषि विभाग को भारत सरकार के एग्री स्टैक प्रोजेक्ट को राज्य में व्यापक स्तर पर लागू करने के लिए सभी तैयारियां जल्द से जल्द पूरा करने की डेडलाइन दी है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड में सभी किसानों की कृषक रजिस्ट्री को डिजिटल रूप से सत्यापित करने तथा राज्य के प्रत्येक किसान को एक यूनिक किसान आईडी प्रदान करने वाले महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट एग्री स्टैक को लागू करने के लिए अभियान चलाकर डिजिटल सर्वे ई-पड़ताल का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। सीएस का कहना हैं कि एग्री स्टैक में किसान की पहचान, भूमि रिकॉर्ड, कवरेज, आय, बीमा, ऋण, फसलों का विवरण तथा राजस्व रिकॉर्ड जैसी सभी सूचनाओं का स्टोरेज होगा। इस संबंध में सेटेलाइट डाटा, रियल टाइम क्रॉप इंफॉर्मेशन, मशीन लर्निंग, जीपीएस, एआई व विजुअल एनालिटिक्स की मदद से डाटा एकत्रित किया जाएगा। एग्री स्टैक का उद्देश्य किसानों तक सरकारी लाभों व योजनाओं की बेहतर, तीव्र व आसान डिलीवरी सुनिश्चित करना है।