दो चरणों में होगा मतदान
पहले चरण का मतदान 24 जुलाई और दूसरे चरण का 28 जुलाई को, मतगणना 31 जुलाई को होगी
देहरादून। प्रदेश में लंबे इंतजार के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सरकार ने चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है, जिसके अनुसार दो चरणों में मतदान कराया जाएगा।
अधिसूचना के अनुसार, पहले चरण का मतदान 24 जुलाई को तथा दूसरे चरण का मतदान 28 जुलाई को होगा। 31 जुलाई को मतगणना की जाएगी।
इस बार पंचायत चुनाव 89 विकासखंडों और 7,499 ग्राम पंचायतों में कराए जाएंगे। कुल 12 जिलों में 66,418 पदों के लिए यह चुनाव होंगे। अनुमान है कि इन चुनावों में 47 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को तैयारियां समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। सुरक्षा व्यवस्था और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए व्यापक योजना बनाई जा रही है।
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत अपनी माताजी श्रीमती बिशना देवी के साथ पौधारोपण किया। मुख्यमंत्री के सुपुत्र दिवाकर ने भी इस अवसर पर पौधा लगाया। इस पहल का उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को अपनी माँ के सम्मान में एक पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करना है, ताकि भावनात्मक जुड़ाव के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण को जन-आंदोलन बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि “माँ जीवन की पहली गुरु होती हैं और पर्यावरण हमें जीवन देता है। माँ और प्रकृति दोनों की सेवा करना हमारा कर्तव्य है। यह अभियान समाज में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का भी संदेश देता। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से अपील की कि वे अपनी माताओं के नाम से एक पौधा अवश्य लगाएँ और उसका संरक्षण स्वयं करें।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक समीर सिन्हा और अपर सचिव बंशीधर तिवारी मौजूद थे।
पाली गाड़ के पास फंसे सैकड़ों श्रद्धालु, मलबा हटाने का कार्य जारी
उत्तरकाशी। यमुनोत्री हाईवे पर देर रात पाली गाड़ के समीप भारी बारिश के कारण भूस्खलन हो गया, जिससे मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है। इस कारण दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं और श्रद्धालुओं को घंटों से इंतजार करना पड़ रहा है। यमुनोत्री धाम की तीर्थयात्रा पर निकले सैकड़ों श्रद्धालु रास्ते में फंसे हुए हैं।
स्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने तत्काल मशीनरी मौके पर भेजी है और मलबा हटाने का कार्य जारी है, ताकि जल्द से जल्द मार्ग सुचारु किया जा सके।
राज्य के अन्य हिस्सों में भी भारी बारिश का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सिरोहबगड़ के पास बंद हो गया है, जबकि रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे सोनप्रयाग के पास बाधित है। बदरीनाथ मार्ग पर पीपलकोटी के पास भनेरपानी में मलबा आने से यातायात ठप हो गया है। तीनों स्थानों पर यात्रियों को मौसम खुलने और मार्ग बहाल होने का इंतजार है।
मौसम विभाग का अलर्ट:
मौसम विज्ञान केंद्र ने देहरादून और नैनीताल जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है, जबकि बागेश्वर के लिए ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। अन्य जिलों में भी गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने तीन जुलाई तक पूरे प्रदेश में बिजली गिरने और वर्षा की चेतावनी दी है, जिससे यात्रा और स्थानीय व्यवस्थाओं में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
शिक्षा मंत्री ने छात्रों को समय पर लाभ न मिलने पर जताई नाराजगी, अधिकारियों को दिए निर्देश
देहरादून। राजकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को स्कूल ड्रेस, बैग और जूते की खरीद के लिये पैसों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सरकार छात्रों के खातों में 30 सितम्बर तक डीबीटी के माध्यम से धनराशि भेज देगी। इसके लिये विद्यालयी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं।
इसके अलावा विद्यालयों में पुस्तकों की खरीद के लिये समिति गठित की जायेगी, जो छात्र-छात्राओं की आवश्यकतानुरूप प्रतियोगी व अन्य पुस्तकों की खरीद का प्रस्ताव विभाग को भेजेगी।
सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज विद्यालयी शिक्षा महानिदेशालय स्थित समग्र शिक्षा सभागार में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को स्कूली ड्रेस, बैग और जूतों के लिये मिलने वाली धनराशि समय पर उपलब्ध न कराये जाने पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को आगामी 30 सितम्बर तक डीबीटी के माध्यम से यह धनराशि सीधे छात्र-छात्राओं के खाते में भेजने के निर्देश दिये। ताकि बच्चों को समय पर स्कूल यूनीफार्म, बैग और जूते मिल सके। डॉ. रावत ने इस बात पर नाराजगी जताई कि कतिपय विद्यालयों में पुस्तक खरीद के नाम पर लापरवाही बरती जा रही है , जिसका खामियाजा छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने पुस्तकालयों में छात्रोपयोगी पुस्तकों की खरीद के लिये विद्यालय स्तर पर समिति गठित करने के निर्देश दिये। जिसमें प्रधानाचार्य, सेवानिवृत्त शिक्षक, ग्राम प्रधान और अभिभावक संघ के अध्यक्ष रहेंगे, जो छात्रों की आवश्यकता के अनुरूप पुस्तकों का चयन कर सूची विभाग को सौंपेंगे।
बैठक में विभागीय मंत्री डॉ. रावत ने समग्र शिक्षा परियोजना की वित्तीय प्रगति रिपोर्ट तलब की। इस दौरान उन्होंने परियोजना के अंतर्गत स्वीकृत बजट को समय पर व्यय करने, पीएम-श्री विद्यालयों के निर्माण कार्यों में तेजी लाने, कलस्टर विद्यालयों, आईसीटी लैब व वर्चुअल लैब की शीघ्र स्थापना करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये।
बैठक में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा नये पीएम-विद्यालयों की स्वीकृति के लिये भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसके क्रम में भारत सरकार ने 15 विद्यालयों को स्वीकृति दे दी है, शीघ्र ही इन विद्यालयों में मानकों के अनुरूप निर्माण कार्य किया जायेगा। इसके अलावा प्रदेश में डिजिटल एजुकेशन को प्रभावी बनाने के दृष्टिगत 800 विद्यालयों में हाईब्रिड मोड़ में (वर्चुअल एवं स्मार्ट क्लास) कक्षाएं स्थापित कर दी गई हैं जबकि 40 विद्यालयों में स्थापना कार्य अपने अंतिम चरण में है। इसके अलावा भारत सरकार को इस वित्तीय वर्ष में 72 विद्यालयों में स्मार्ट कक्षाओं हेतु 172 लाख का प्रस्ताव भेजा गया है। इसके साथ ही आईसीटी लैब हेतु 124 विद्यालयों के लिये 517 लाख का प्रस्ताव भी केन्द्र सरकार को उपलब्ध कराया गया है, शीघ्र ही केन्द्र सरकार से इसकी स्वीकृति मिल जायेगी।
बैठक में अपर सचिव विद्यालयी शिक्षा रंजना राजगुरू, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा दिप्ती सिंह, अपर सचिव एम.एम. सेमवाल, निदेशक एस.सी.ई.आर.टी वंदना गर्ब्याल, निदेशक बेसिक अजय कुमार नौडियाल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. मुकुल सती, एपीडी समग्र शिक्षा कुलदीप गैरोला, अनु सचिव विकास श्रीवास्तव, अपर निदेशक एससीईआरटी पदमेन्द्र सकलानी, पल्लवी नैन, अजीत भण्डारी, बी.पी. मंदोली सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
पीजीआई रैंकिंग में सुधार लायें अधिकारी
राज्य के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) रैंकिंग में सुधार के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने को कहा, जो पीजीआई के विभिन्न मानकों पर राज्य के प्रदर्शन का मूल्यांकन कर आवश्यक सुधार सुनिश्चित करेगी।
मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि पीजीआई रैंकिंग स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता का महत्वपूर्ण पैमाना है और इसमें बेहतर प्रदर्शन राज्य की शिक्षा प्रणाली को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकता है। उन्होंने विगत रिपोर्ट में जिन बिंदुओं पर राज्य को अपेक्षित अंक नहीं मिले, उन पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करें ताकि आगामी पीजीआई रिपोर्ट में राज्य की रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार सुनिश्चित हो सके।
घटती छात्रसंख्या पर समिति ने सौंपी रिपोर्ट
प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में लगातार घटती छात्र संख्या को लेकर गठित जांच समिति ने आज विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी। समिति ने प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर की शिक्षा में छात्र संख्या में आ रही गिरावट के कारणों का गहन अध्ययन कर यह रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में जहां एक ओर समस्या के मूल कारणों का विश्लेषण किया गया है, वहीं दूसरी ओर छात्र संख्या में वृद्धि हेतु ठोस सुझाव भी प्रस्तुत किए गए हैं।
मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि समिति की सिफारिशों के आधार पर विभाग छात्रवृद्धि के लिए आवश्यक नीतिगत निर्णय लेगा, ताकि सरकारी विद्यालयों में छात्रों का विश्वास पुनः बहाल हो सके और नामांकन दर में सुधार लाया जा सके।
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने दिए रियल टाइम कोऑर्डिनेशन और आधुनिक तकनीक के उपयोग के निर्देश
हरिद्वार – मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में आगामी कांवड़ मेले को सरल, सुखद व सुरक्षित संपन्न कराने हेतु इंटरस्टेट समन्वय समिति की बैठक सीसीआर सभागार हरिद्वार में संपन्न हुई। जिसमें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान के उच्चाधिकारियों द्वारा ऑफलाइन व ऑनलाइन माध्यम से प्रतिभाग किया गया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा कि कांवड़ मेला आस्था एवं श्रद्धा का बहुत बड़ा उत्सव है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा सकुशल एवम् सफलता पूर्वक सम्पन्न कराने हेतु जिला प्रशासन, पुलिस एवं अन्य सम्बन्धित विभाग चाक चौबंद व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने सभी राज्यों से रियल टाइम कॉर्डिनेशन व रियल टाइम डाटा साझा किए जाने की बात भी कही। सुरक्षात्मक दृष्टि से सभी आवश्यक इनपुट्स साझा किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कांवड़ मेले की व्यवस्थाओं में आधुनिक तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आगामी कुंभ मेले को दृष्टिगत रखते हुए सभी तैयारियों को अंजाम दिया जाए ताकि मेले के अनुभव कुंभ में भी काम आएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि कांवड़ मेले में दौरान कानून व्यवस्था एवं यातायात व्यवस्था के लिए चाक चौबंद व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर भेल पार्किंग का भी उपयोग किए जाने के निर्देश भी जिला प्रशासन को दिए। यात्रा मार्ग पर स्थित ढाबों और होटलों में सुरक्षा मानकों का अनुपालन हो, साथ ही रेट लिस्ट अनिवार्य रूप से चस्पा की जाए।
डीजीपी दीपम सेठ ने कहा कि हर आयोजन नई चुनौतियां प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि आस्था एवम् श्रद्धा के इस मेले को सुरक्षात्मक रूप से संपन्न कराने हेतु रियल टाइम सूचनाएं साझा की जाएं, किसी भी प्रकार की अफवाह का यूनिफाइड खंडन किया जाए। अपने कार्यों में दक्षता रखने वाले कर्मी ही एक–दूसरे स्टेट भेजे जाएं। उन्होंने कहा कि कांवड़ियों एवं श्रद्धालुओं के लिए ‘क्या करें और क्या नहीं करें’ की जानकारी यात्रा मार्गों पर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित की जाए। इंटर स्टेट कॉर्डिनेशन की अपेक्षाएं पूर्ण हों तथा मेला शांतिपूर्वक संपन्न हो।
बैठक में सचिव गृह शैलेश बगौली ने कहा कि यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या न हो, यातायात व्यवस्था सरल सुगम व सुरक्षित हो तथा श्रद्धालुओं की सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए सभी तैयारियां सुनिश्चित की जाएं। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित तथा एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने कांवड़ यात्रा अवधि, विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं का प्रतिशत, ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सहित कांवड़ यात्रा हेतु की जा रही तैयारियों का पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। उत्तर प्रदेश की ओर से डीआईजी अभिषेक ने यात्रा प्लान सहित चल रही तैयारियों की विस्तार से जानकारी दी।
बैठक में निर्णय लिया गया कि सुरक्षात्मक दृष्टि से सभी आवश्यक सूचनाएं तथा इनपुट्स रियल टाइम साझा किए जाएं, सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग की जाए और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही के लिंक भी साझा किया जाए। कांवड़ 10 फीट से अधिक ऊंचाई के न हों। शराब तथा मीट से संबंधित एसओपी का सख्ती से अनुपालन हो, सभी चिन्हित डीजे संचालकों को नियमानुसार नोटिस देते हुए बाउण्ड ऑफ किया जाए। उत्तराखंड द्वारा समय–समय पर हरिद्वार में पार्किंग की स्थिति से उत्तर प्रदेश को अवगत कराया जाए।
बैठक में उत्तर प्रदेश से एडीजे भानु भास्कर, सचिव गृह मोहित गुप्ता, कमिश्नर मेरठ डिवीजन ऋषिकेश भास्कर यशोद, कमिश्नर बरेली सौम्य अग्रवाल, कमिश्नर सहारनपुर एके राय, डीआईजी सहारनपुर अभिषेक सिंह, आईजी आरपीएफ पंकज गंगवार, उत्तराखंड से आईजी निलेश आनंद भरणे, एनएस नपलच्याल, डीआईजी धीरेन्द्र गुंज्याल, एसएसपी देहरादून अजय सिंह, मेलाधिकारी सोनिका, सहित पांचों राज्यों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
गंगा सहित अन्य नदियों के किनारे अतिक्रमण को प्राथमिकता से हटाएं
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकारी भूमि में अतिक्रमण न हो इसके लिए मजबूत मैकेनिज्म बनाया जाय। सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण रोकने और अवैध बिक्री को रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाई जाए।
मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने सरकारी भूमि से अवैध अतिक्रमण को हटाने की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे हटाए जाने की कार्ययोजना बनाए जाने के लिए निर्देश जारी किए जा चुके हैं। इसके अनुपालन के लिए जनपद स्तर पर प्रभावी कार्रवाई अमल में लाई जाय। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर सिंचाई, लोक निर्माण, वन विभाग, राजस्व विभाग की टीम बनाकर अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाए जाय। उन्होंने राज्य के मैदानी क्षेत्रों में अतिक्रमण के मामलों को देखने के लिए शासन स्तर पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाने के निर्देश प्रमुख सचिव को दिए। उन्होंने हरिद्वार में गंगा किनारे, रुद्रपुर में कल्याणी नदी किनारे और नैनीताल जिले में कोसी आदि नदियों के किनारों पर भी अवैध अतिक्रमण को रोकने के लिए सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने सरकारी भूमि को कब्जाने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई किए जाने और कूट रचना कर जमीनों के फर्जी दस्तावेज बनाए जाने के मामलों पर भी प्रभावी रोक लगाने के उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री धामी ने एडीजी ए.पी.अंशुमान को बाहरी लोगों के सत्यापन के लिए नियम और कड़े किए जाने की अपेक्षा जताई। एडीजी ने उन्हें अवगत कराया कि सत्यापन के लिए 18 बिंदुओं पर आख्या मांगी जा रही है,जिसका डेटा राज्य स्तर पर भी संकलित किया जा रहा है।
बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव एस एन पांडेय, एडीजी ए.पी.अंशुमान, विशेष सचिव डा. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव बंशीधर तिवारी मौजूद रहे।
आईजी अनन्त शंकर ताकवाले ने किया परेड का निरीक्षण, महिला आरक्षी प्रिया के नेतृत्व में हुआ संचालन
हरिद्वार। सशस्त्र प्रशिक्षण केन्द्र, हरिद्वार में आयोजित दीक्षांत परेड में 112 परिवहन आरक्षी प्रशिक्षुओं ने कर्तव्यनिष्ठा की शपथ ली। 21 दिवसीय प्रशिक्षण के उपरांत आयोजित इस परेड में पुलिस महानिरीक्षक (प्रशिक्षण) उत्तराखण्ड, अनन्त शंकर ताकवाले ने प्रशिक्षुओं को शपथ दिलाई और भव्य परेड का निरीक्षण किया।
परेड का संचालन प्रशिक्षु महिला परिवहन आरक्षी प्रिया के नेतृत्व में किया गया, जिसमें छह टोलियों ने भाग लिया। परेड में अनुशासन, समर्पण और उमंग के साथ प्रशिक्षुओं ने मंच के समक्ष मार्च पास्ट किया। ताकवाले ने प्रशिक्षकों और एटीसी के अधिकारियों के योगदान की सराहना की।
अपर पुलिस अधीक्षक एटीसी, सुरजीत सिंह पंवार ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को साइबर क्राइम, लैंगिक संवेदनशीलता, सड़क सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, सॉफ्ट स्किल्स व व्यक्तित्व विकास जैसे विषयों पर प्रशिक्षित किया गया। नवीन तकनीकों जैसे स्मार्ट क्लास, इंटरेक्टिव पैनल, एल्कोमीटर और रेडार गन का उपयोग कर व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया।
सम्मानित प्रशिक्षु:
सर्वांगसर्वोत्तम प्रशिक्षु: अर्जुन सिंह
अन्तःकक्ष प्रथम स्थान: मोहम्मद शोएब अली सलमानी
बाह्य कक्ष प्रथम स्थान: महिला आरक्षी प्रिया
सर्वश्रेष्ठ अनुशासन: महिला आरक्षी अर्चना
संयुक्त परिवहन आयुक्त, सनत कुमार सिंह ने अपने संबोधन में एटीसी हरिद्वार द्वारा दिए गए उत्कृष्ट प्रशिक्षण की प्रशंसा की और कहा कि 2009 के बाद यह पहला परिवहन आरक्षी प्रशिक्षण है।
डॉ. अनीता चमोला, आरटीओ देहरादून ने कहा कि परिवहन आरक्षियों की भूमिका सड़क सुरक्षा और प्रवर्तन कार्यों में अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
25 जून को सांस्कृतिक संध्या में परिवहन आरक्षी प्रशिक्षुओं ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिनमें निशा जोशी, प्रिया टम्टा, लालूराम, भानू और कविता महर की प्रस्तुतियां उल्लेखनीय रहीं। मंच संचालन निशा जोशी और कविता महर ने किया।
समारोह में उपस्थित प्रमुख जनों में अनन्त शंकर ताकवाले, सनत कुमार सिंह, तृप्ति भट्ट, कैप्टन एम.के. छावड़ा, सुरजीत सिंह पंवार, डॉ. सरिता नेगी पंवार, मनोज कुमार, डॉ. अनीता चमोला, राजीव मेहरा, बिपेन्द्र सिंह, स्वप्निल मुयाल, नेहा झा, कृष्ण चंद्र पलेडिया, निखिल शर्मा, वरुणा सैनी, संगीता धीमान, कृष्ण कुमार बिजल्वाण, मुकेश भारती, हरीश सती, डॉ. अमन गुप्ता, जे.पी. जुयाल, डॉ. राजकुमार यादव, नरेन्द्र सिंह मेहरा, महिपाल सिंह बिष्ट, प्रीतम सिंह सहित प्रशिक्षकों व प्रशिक्षुओं के परिजन भी उपस्थित रहे।
सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन सरिता शाह और डॉ. नरेश चौधरी ने किया।
देहरादून। मां नंदा देवी राजराजेश्वरी सिद्ध पीठ कुरुड़ मंदिर विकासखंड नंदानगर बड़ी नंदाजात-2026 आयोजन समिति का एक प्रतिनिधिमंडल अपनी समस्याओं को लेकर प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, लोकनिर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम, मंत्री सतपाल महाराज से उनके निजी आवास पर मिला।
मां नंदा देवी राजराजेश्वरी सिद्ध पीठ कुरुड़ मंदिर विकासखंड नंदानगर बड़ी नंदाजात-2026 आयोजन समिति का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को अपनी समस्याओं को लेकर प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, लोकनिर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम, मंत्री सतपाल महाराज से उनके सर्कुलर रोड स्थित निजी आवास पर मिला। प्रतिनिधि मंडल ने उन्हें बताया कि शासन द्वारा श्री नंदादेवी राजजात यात्रा-2026 का आयोजन सुनिश्चित किया गया है जिसमें राजा के प्रतिनिधि कांस्वा के कुंवर लोग इस परंपरा के तहत अपनी कुल देवी श्री नंदादेवी सिद्धपीठ कुरुड़ की डोली में पूजा और मनौती भेंट करने के लिए नौटी से चलकर नंदकेसरी में अपनी पूजा और मनौती भेंट करते हैं और कुरुड़ के गौड, ब्राह्मण बधाण के पुजारियों के हाथों से पूजा अर्चना होती है जो की एक पौराणिक परंपरा है। प्रतिवर्ष नंदादेवी राजराजेश्वरी सिद्ध पीठ कुरुड़ से छोटी जात (लोकजात) व 12 वर्ष बाद बड़ी जात (राजजात) का आयोजन होता है।
प्रतिनिधि मंडल ने धर्मस्व मंत्री महाराज को अवगत करवाया कि हिमालयी महाकुंभ की तर्ज पर आयोजित इस राजजात में राजा की कुलदेवी सिद्धपीठ कुरुड़ व देवराला को मुख्य पड़ाव व राजजात के मानचित्र पर अंकित नहीं किया गया है। इसलिए इन पड़ावों को भी राजजात यात्रा मानचित्र में शामिल किया जाये। महाराज ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि पूरे मामले का परीक्षण करवाने के बाद इसका समाधान करने का प्रयास किया जायेगा।
प्रतिनिधि मंडल में “मां नंदा देवी राजराजेश्वरी सिद्ध पीठ कुरुड़ मंदिर विकासखंड नंदानगर बड़ी नंदाजात 2026 आयोजन समिति” के धनीराम गौड़, प्रकाश चंद गौड़, जनार्दन प्रसाद गौड़, राकेश चंद्र गौड़, अशोक प्रसाद गौड़, विपुल मैंदोली, जगत सिंह नेगी, रघुनाथ फरस्वाण, सुनील कोठियाल, मनीष नेगी, दीपक पंत, गंभीर रावत और विजेंद्र रावत शामिल थे।
हिमाद्री आइस रिंक में खेल मंत्री ने 20वी नेशनल चैंपियनशिप का शुभारंभ किया
देश भर से कुल 19 राज्यों की टीम हो रही है शामिल
देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड की खेल उपलब्धियों में शुक्रवार को उस समय एक नया आयाम जुड़ गया जब हिमाद्री आइस रिंक में देश की पहली इंडोर आइस स्केटिंग नेशनल चैंपियनशिप की शुरुआत हुई। चैंपियनशिप में 19 राज्यों की टीमें हिस्सा ले रही है।
शुक्रवार को खेल मंत्री रेखा आर्या ने महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम के हिमाद्री आइस रिंक में 20वीं नेशनल शॉर्ट ट्रैक एंड फिगर स्केटिंग चैंपियनशिप 2025 का शुभारंभ किया। प्रतियोगिता का समापन 30 जून को होगा।
इस अवसर पर खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि अभी तक देश में आइस स्केटिंग की सभी नेशनल चैंपियनशिप बर्फबारी के सीजन में खुले पहाड़ी मैदानों में कराई जाती थी। पहली बार आइस स्केटिंग की नेशनल चैंपियनशिप इंडोर स्टेडियम में आयोजित की जा रही है। खेल मंत्री ने कहा कि यह देवभूमि उत्तराखंड को खेल भूमि बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम है।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि हमारा यह आइस रिंक देशभर के खिलाड़ियों के अभ्यास व ट्रेनिंग के लिए खुला है और हम चाहते हैं कि इस खेल अवस्थापना का फायदा उठाकर भारत के खिलाड़ी दुनिया भर में आइस गेम्स में देश का नाम रोशन करें।
इस अवसर पर आइस स्केटिंग के खिलाड़ियों ने इतने सुंदर स्किल का प्रदर्शन किया कि दर्शक दांतो तले उंगली दबाने पर मजबूर हो गए। खिलाड़ियों का संतुलन, गति और मूवमेंट्स बहुत शानदार थे।
इस अवसर पर विशेष प्रमुख खेल सचिव अमित सिन्हा, खेल निदेशक आशीष चौहान, आइस स्केटिंग एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष अमिताभ शर्मा, एशियाई इवेंट कोऑर्डिनेटर क्रिस चेन, आइस स्केटिंग एसोसिएशन ऑफ़ उत्तराखंड के अध्यक्ष शिव पैन्यूली, जगराज साहनी आदि उपस्थित रहे।
हिमाद्री में की ट्रेनिंग, यूएई में जीता मेडल
खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि आइस हॉकी की इंडियन वूमेंस टीम ने हाल ही में यूएई में आयोजित एशियाई चैंपियनशिप कप में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है। यूएई रवाना होने से पहले इंडियन वूमेंस आइस हॉकी टीम की एक महीने की ट्रेनिंग हिमाद्री आइस रिंक में कराई गई थी। इंटरनेशनल लेवल पर ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली टीम की खिलाड़ियों ने बाद में यह माना कि उनकी तैयारी में देहरादून के हिमाद्री आइस रिंक की बड़ी भूमिका रही। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि उत्तराखंड का खेल ढांचा अब टीम इंडिया को इंटरनेशनल मेडल दिलाने में सहायक बन रहा है जो कि हर प्रदेशवासी के लिए गौरव की बात है।
सीएम धामी ने तय डेडलाइन से पहले काम पूरा करने को कहा, दोनों परियोजनाओं से लाखों लोगों को मिलेगा फायदा
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना और सौंग बांध पेयजल परियोजना के कार्यों में और तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के तहत होने वाले कार्यों को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जाए। जमरानी बांध परियोजना के कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य जून 2029 तक रखा गया है, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इसे दिसम्बर 2028 तक पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं। सौंग बांध परियोजना को भी निर्धारित अवधि मार्च 2030 से पहले पूर्ण करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।
जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना :
लगभग रू. 3808 करोड़ लागत की इस योजना के तहत 150.6 मी. ऊंचे बांध का निर्माण, 42.92 किमी लम्बी नहर का पुनर्निर्माण एवं 21.25 किमी लंबी नई नहर का निर्माण कार्य किया जाना है। इस परियोजना के तहत हल्द्वानी शहर एवं उसके समीपवर्ती क्षेत्रों की भविष्य की लगभग 10.50 लाख आबादी के लिए 117 एम.एल.डी. पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। इस परियोजना में बनने वाली 09 किमी. लम्बी झील से एक नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित होगा तथा लगभग 57 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन होगा।
सौंग बांध पेयजल परियोजना :
लगभग रू. 2492 करोड़ लागत की इस योजना के तहत 130.60 मी. ऊंचे बांध का निर्माण एवं 1.5 मी. व्यास की 14.70 किमी. लम्बी जल वहन प्रणाली का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा 85 किमी. जल वितरण प्रणाली एवं 150 एम.एल.डी. जल शोधन संयंत्र का निर्माण भी इस परियोजना के तहत किया जाना है। इससे भविष्य में देहरादून शहर एवं उपनगरीय क्षेत्रों की वर्ष 2053 तक अनुमानित लगभग 10.65 लाख की जनसंख्या के लिए 150 एम.एल.डी. ग्रेविटी से पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जाएगी। इस बांध निर्माण से बनने वाली 3.5 किमी. लम्बी झील को एक नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जायेगा।
बैठक में प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, सचिव एस.एन.पाण्डेय, युगल किशोर पंत, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमन एवं अपर सचिव बंशीधर तिवारी मौजूद थे।