गुणवत्तापूर्ण सेवाओं एवं विकास के लिए मानकीकरण अत्यंत आवश्यक-सीएम धामी
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) देहरादून शाखा के निदेशक एवं प्रमुख सौरभ तिवारी के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने शिष्टाचार भेंट की | इस प्रतिनिधिमंडल में शिक्षा क्षेत्र, उद्योग जगत एवं उपभोक्ता संगठनों के प्रतिनिधि सम्मिलित थे।
मुख्यमंत्री धामी से भारतीय मानक ब्यूरो के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में मानकीकरण से संबंधित विविध पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए कि सरकारी खरीद प्रक्रिया में भारतीय मानकों (IS) का अनिवार्य समावेश सुनिश्चित किया जाए | उन्होंने विभागीय अधिकारियों हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए | मुख्यमंत्री ने भवन निर्माण में IS आधारित विनियमों (SP 73:2023) को अपनाने तथा विभिन्न सरकारी विभागों में प्रबंधन प्रणाली मानकों (जैसे IS 15700, ISO 9001, ISO 21001) के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने प्रतिनिधित्वमंडल को उत्तराखंड में मानकीकरण को सुदृढ़ आधार प्रदान करने हेतु संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सेवाओं एवं विकास के लिए मानकीकरण अत्यंत आवश्यक है तथा यह पहल ‘विकसित उत्तराखंड’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगी।
बैठक में अपर सचिव मा मुख्यमंत्री बंशीधर तिवारी, भारतीय मानक ब्यूरो के अधिकारी मौजूद रहे |
समाज कल्याण विभाग हर तीन माह में नए दिव्यांग मतदाताओं की सूची कराए उपलब्ध- सीईओ
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने ली सुगम मतदान हेतु राज्य स्तरीय प्रचालन समिति की बैठक
जिला स्तर पर पीडब्ल्यूडी आईकॉन किए जाएं चिन्हित
देहरादून। मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में सुगम मतदान हेतु राज्य स्तरीय प्रचालन समिति “स्टेट स्टेयरिंग कमेटी ऑन एक्सेसिबल इलेक्शन“ की बैठक आयोजित की गई। बैठक में समिति के सदस्यों आयुक्त, निःशक्त जन, निदेशक समाज कल्याण, निदेशक शिक्षा, मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग,महानिदेशक सूचना एवं विभिन्न एनजीओ के प्रतिनिधियों से विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने विस्तृत दिशा निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश के सभी पोलिंग बूथों पर आयोग द्वारा दी जाने वाली न्यूनतम सभी सुविधाओं ”एश्योर मिनिमम फैसेलिटी” (एएमएफ) को सुनिश्चित करने के लिए हर सम्भव प्रयास किए जाएं। उन्होंने समाज कल्याण विभाग को निर्देश दिए कि विभाग में दर्ज दिव्यांग पेंशनधारकों को मतदाता सूची में शत प्रतिशत पीडब्ल्यूडी श्रेणी में शामिल कराने के दृष्टिगत 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर की अर्हता तिथि के आधार पर हर तीन माह में अपडेटेड सूची निर्वाचन विभाग को उपलब्ध करा दी जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि आगामी विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम (SSR) में इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी मतदाताओं का चिन्हिकरण कर उनके पोलिंग बूथ के अनुसार उन्हें एएमएफ सुविधा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि जिला स्तर पर डिस्ट्रिक स्वीप पीडब्ल्यूडी आईकॉन चिन्हित किए जाएं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने एनआईईपीवीडी को ब्रेल आधारित मतदाता जागरुकता सम्बंधी प्रचार सामग्री तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदंडे ने “स्टेट स्टेयरिंग कमेटी ऑन एक्सेसिबल इलेक्शन“ के सम्बंध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि आयोग के निर्देशानुसार वर्ष-2018 से राज्य में कुल 03 प्रकार की समीतियां गठित हैं जिनमें राज्य,जनपद एवं विधान सभा स्तर पर समय-समय पर बैठक आयोजित की जाती हैं। प्रस्तुतीकरण में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राज्य में 30-39 आयु वर्ग के दिव्यांग जनों का प्रतिशत सर्वाधिक है। उन्होंने बताया कि आयोग का मुख्य उद्ेश्य दिव्यांगजनों द्वारा पोलिंग बूथों पर दी जाने वाली न्यूनतम सुविधा जैसे – रैम्प, व्हील चेयर, सुविधानुसार शौचालय, पीने का पानी, शेड, बैठने की सुविधा आदि के आभाव को दूर करना है।
बैठक में उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी किशन सिंह नेगी,सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तू दास अपर जिलाधिकारी, देहरादून जय भारत सिंह, संयुक्त निदेशक, उच्च शिक्षा डा एएस उनियाल,संयुक्त निदेशक, समाज कल्याण गीता राम नौटियाल,उप निदेशक, सूचना रवि बिजारनियां,संयुक्त निदेशक, लेपोरेसी, जितेन्द्र नेगी सहित माध्यमिक शिक्षा, लोक निर्माण विभाग एनआईईपीवीडी, सर्व कल्याण विकास समिति, दिव्य एजुकेशनल सोसाईटी, नन्ही दुनिया, अरूणिमा फाउन्डेशन, चशायर होम, बाल वनिता आश्रम के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
सौंदर्यीकरण कार्यों के लिए 10 करोड़ की धनराशि स्वीकृत
चौराहों पर लोक परंपरा और राज्य आंदोलनकारियों की स्मृतियों को दी जा रही पहचान
देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल के कुशल नेतृत्व और सतत प्रयासों से राजधानी देहरादून में विकास कार्यों ने गति पकड़ ली है। शहर की कई योजनाएं अब ज़मीन पर उतर चुकी हैं और नागरिकों को समस्याओं से त्वरित राहत मिल रही है।
शहर को पौराणिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से संवारने की दिशा में साई मंदिर जंक्शन, कुठालगेट और दिलाराम चौक का पहाड़ी शैली में सौंदर्यीकरण अंतिम चरण में है। इन स्थलों पर उत्तराखंड की पारंपरिक कलाओं के माध्यम से सजावट की जा रही है, जिससे पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों को राज्य की सांस्कृतिक पहचान से जुड़ने का अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा से जिला प्रशासन यातायात प्रबंधन को भी प्राथमिकता दे रहा है। कुठालगेट और साई मंदिर पर नई स्लिप रोड और राउंडअबाउट का निर्माण तेजी से हो रहा है। साथ ही, शहर के प्रमुख चौकों को पारंपरिक शैली में विकसित किया जा रहा है।
स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत जिलाधिकारी द्वारा 10 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इसके तहत न केवल सौंदर्यीकरण कार्य हो रहे हैं, बल्कि लोक संस्कृति, धार्मिक स्थलों की कलाकृतियों और राज्य आंदोलनकारियों की स्मृतियों को चौराहों और प्रमुख मार्गों पर उकेरा जा रहा है।
सुरक्षित यातायात के लिए ठोस कदम:
डीएम के निर्देश पर देहरादून के 11 प्रमुख जंक्शनों पर ट्रैफिक लाइट लगाने का कार्य पूर्ण हो चुका है। महाराणा प्रताप चौक, नालापानी, मोथोरावाला, आईटी पार्क और ट्रांसपोर्ट नगर में ये व्यवस्था लागू की जा चुकी है, जबकि प्रेमनगर, सुधोवाला, रांगड़वाला, धूलकोट, सेलाकुई बाजार और डाकपत्थर तिराहे पर यह कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, पांच वर्षों में पहली बार शहर के प्रमुख चौराहों पर लगे पुलिस सीसीटीवी कैमरों को इंटीग्रेट कर दिया गया है, जिससे यातायात की मॉनिटरिंग और भी सुदृढ़ हो गई है।
जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में देहरादून अब एक स्मार्ट, सुरक्षित और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है।
महिलाओं के अधिकार और सुरक्षा को लेकर साझा की गई आयोग की गतिविधियाँ
“देवभूमि की महिलाओं की रक्षा को प्रतिबद्ध है आयोग”- कुसुम कण्डवाल
देहरादून। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को राज्य महिला आयोग के द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी।
अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने आयोग द्वारा निपटारा किए गए केसों की जानकारी साझा करते हुए कहा कि आज हमारे राज्य की मातृशक्ति जाग्रत हो रही है, वो अपने हर अधिकार के लिए जागरूक है एवं सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं का लाभ ले कर सशक्त हो रही है। साथ ही अपने साथ होने वाले अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाना जान गई है। अब दूरस्थ क्षेत्रों की पीड़ित महिलाएं भी फोन के माध्यम से आयोग में अपनी शिकायत दर्ज करा देती है तथा उन्हें उसी जगह पर नजदीकी थाने या चौकी के माध्यम से सहायता पहुंचाई जा रही है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री व आयोग अध्यक्ष के बीच आयोग में दर्ज विभिन्न प्रमुख केसों के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई जिसके लिए सरकार के सहयोग से अपराधियों को सजा दिलाना अत्यंत आवश्यक है।
अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने कहा कि देवभूमि की महिलाओं के सशक्तिकरण व अधिकारों की रक्षा के लिए उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग प्रतिबद्ध है, और महिला हितों की सुरक्षा के लिए आयोग हर संभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व धन्यवाद किया और कहा कि आपके नेतृत्व में सरकार व प्रशासन के सहयोग से अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल रही है।
उत्तराखंड में भाजपा के सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री बने धामी, रचा इतिहास
जनता से भावनात्मक जुड़ाव बना धामी की सबसे बड़ी ताकत
भाजपा आलाकमान के साथ ही जनता की पहली पंसद हैं सीएम धामी
देहरादून। उत्तराखंड की राजनीति में नेतृत्व हमेशा अस्थिरता का शिकार रहा है, लेकिन जब बात पुष्कर सिंह धामी की आती है, तो तस्वीर कुछ और ही दिखती है। धामी भाजपा के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो लंबे समय से राज्य के सीएम हैं। इससे पहले कांग्रेस के एनडी तिवारी ही ऐसे मुख्यमंत्री थे जो पूरे पांच साल तक उत्तराखंड के सीएम रहे। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर धामी को जनता और पार्टी नेतृत्व ने क्यों लगातार चार सालों तक भरोसेमंद नेतृत्व के तौर पर स्वीकार किया।
04 जुलाई 2021… वो दिन जब भाजपा नेतृत्व ने उत्तराखंड की कमान युवा नेता पुष्कर सिंह धामी को सौंपी। उस समय राज्य में राजनीतिक अस्थिरता थी—लेकिन जैसे ही धामी ने कमान संभाली, उन्होंने न सिर्फ माहौल बदला, बल्कि जनभावनाओं को भी अपने पक्ष में मोड़ दिया। 2022 के विधानसभा चुनावों में जब भाजपा ने ऐतिहासिक वापसी की, तो यह साफ हो गया कि धामी ने जनता का विश्वास जीत लिया है।
इन चार वर्षों में धामी की सबसे बड़ी ताकत रही है—उनकी जनसंपर्क शैली। वह कभी आपदा में अभिभावक की भूमिका में दिखे, तो कभी युवाओं के साथ दोस्त की तरह संवाद करते नज़र आए। महिलाओं के कार्यक्रमों में वे कभी बेटे तो कभी भाई के रूप में मंच साझा करते रहे। यह वही भावनात्मक जुड़ाव है, जिसने उन्हें जनता का मुख्यमंत्री बना दिया।
नीतिगत फैसलों की बात करें तो सीएम धामी ने कई ऐतिहासिक निर्णय लिए। समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बना। महिलाओं को तीन मुफ्त गैस सिलेंडर, सरकारी नौकरियों में 30% और सहकारी समितियों में 33% आरक्षण, महालक्ष्मी योजना, लखपति दीदी, नारी सशक्तिकरण योजना जैसी पहलों ने नारी सम्मान और आत्मनिर्भरता को नई पहचान दी।
धामी ने पूर्व सैनिकों और शहीद परिवारों के लिए भी बड़े कदम उठाए। शहीदों के परिजनों को मिलने वाली अनुग्रह राशि ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख कर दी गई, वहीं आश्रितों को सरकारी नौकरी के लिए आवेदन की सीमा बढ़ा दी गई। उपनल के कर्मचारियों को बीमा और सुविधाओं में समानता दी गई, जिससे उन्हें भी सुरक्षा और सम्मान मिला।
राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों के विकास की बात करें तो पलायन को रोकने के लिए ‘एप्पल मिशन’ और ‘कीवी मिशन’ की शुरुआत की गई। हाउस ऑफ हिमालयाज के ज़रिए पहाड़ी उत्पादों को देश-दुनिया में पहचान दिलाई जा रही है। साथ ही नकल विरोधी कानून, सख्त भू कानून, और ‘लव-लैंड-थूक जिहाद’ पर कठोर रुख ने धामी को एक मजबूत फैसले लेने वाले मुख्यमंत्री की छवि दी है। सीएम धामी ने प्रदेश में राष्ट्रीय खेलों के आयोजन और जी-20 देशों की बैठकों के आयोजन से प्रदेश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी एक नई पहचान दिलाने का काम किया। इसके साथ ही एसडीजी इंडेक्स में उत्तराखंड ने पहला स्थान प्राप्त किया।
23 हजार सरकारी पदों पर सीधी भर्तियां, शीतकालीन यात्रा, मानसखंड मंदिरमाला मिशन, महासू मंदिर हनोल विकास, GEP इंडेक्स में शानदार प्रदर्शन, और SDG इंडेक्स में उत्तराखंड का पहला स्थान – ये सभी उपलब्धियाँ धामी के कुशल नेतृत्व को प्रमाणित करती हैं।
सीएम धामी के नेतृत्व में सड़कों से लेकर रेल और हवाई संपर्क तक उत्तराखंड आज विकास की रफ्तार से दौड़ रहा है। योजनाओं के ज़रिए लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए धामी खुद ज़मीन पर उतरकर मॉनिटरिंग करते हैं। शायद यही वजह है कि भाजपा हाईकमान से लेकर बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं और बच्चों तक उन्हें पसंद करते हैं।
चार साल पहले जब धामी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब किसी को अंदाजा नहीं था कि यह युवा नेता न सिर्फ स्थायित्व लाएगा, बल्कि एक उम्मीद का प्रतीक बनेगा। आज जब उत्तराखंड उन्हें ‘धाकड़ धामी’ कहता है, तो यह सिर्फ उपाधि नहीं… बल्कि उन फैसलों, उस समर्पण और उस भरोसे की पहचान है, जो उन्होंने प्रदेश को दिया।
सभी स्थायी व अस्थायी कार्य 31 अक्टूबर 2026 तक पूर्ण करने के निर्देश
देहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कुंभ मेले की तैयारियों के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि 2027 में आयोजित होने वाले कुम्भ मेले के दृष्टिगत सभी प्रकार के स्थायी एवं अस्थायी प्रकृति के कार्य 31 अक्टूबर, 2026 तक पूर्ण कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि कार्य समाप्ति की अंतिम तिथि को गम्भीरता से लेते हुए सभी कार्यों को समय से पूर्ण कराना सुनिश्चित किया जाए।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों के नोडल अधिकारी शीघ्र नामित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने प्रमुख स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या का आंकलन कर उसके अनुरूप व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की भीड़ के अनुरूप ही घाटों की संख्या भी बढ़ाई जाए। उन्होंने मेलाधिकारी को सभी हितधारकों से लगातार संवाद करते हुए सभी प्रकार की व्यवस्थाएं किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टेक्निकल ऑडिट कमिटी और थर्ड पार्टी क्वालिटी कंट्रोल की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित की जाए।
मुख्य सचिव ने कुम्भ मेले के लिए सभी प्रकार के कार्यों की प्राथमिकता निर्धारित करते हुए ए, बी, सी श्रेणियों में बांटे जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन कार्यों को प्रत्येक स्थिति में कराया ही कराया जाना है, ऐसे कार्यों के लिए तत्काल कार्यवाही शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि दीर्घावधि के कार्यों को भी प्राथमिकता पर लिया जाए, ताकि वे समय से पूर्ण हो सकें। उन्होंने अस्थायी प्रकृति के कार्याें को समयावधि के अनुरूप कराए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिन-जिन विभागों एवं संस्थाओं को कुम्भ मेला क्षेत्र में स्थान आबंटित किया जाता है, उन स्थानों पर यदि अतिक्रमण हो रखा है तो, अतिक्रमण हटाते हुए विभागों को आबंटित किया जाए। उन्होंने कुम्भ मेला क्षेत्र में सभी प्रकार के अतिक्रमण हटाए जाने के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने एसपी हरिद्वार को कुम्भ मेले के दौरान यातायात एवं पार्किंग प्लान 20 अगस्त, 2025 तक मेलाधिकारी को उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग, पेयजल एवं विद्युत विभाग सहित अन्य सभी ऐसे विभागों, जो कुम्भ मेले के दौरान सेवाएं देते हैं, को अपनी कार्ययोजना भी 20 अगस्त, 2025 तक उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश द्वारा मरम्मत के लिए नहर बंदी के समय जो कुम्भ मेले से सम्बन्धित कार्य उत्तराखण्ड द्वारा कराए जाने हैं, उसके लिए पूर्व से ही सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं, ताकि नहरबंदी के दौरान तत्काल कार्य कराया जा सके।
मुख्य सचिव ने कुम्भ मेला क्षेत्र को बढ़ाए जाने की सम्भावनाएं तलाशे जाने पर बल दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी प्रकार की सड़कों की मरम्मत और निर्माण कार्यों को समय से पूर्ण कराए जाने हेतु उच्चाधिकारियों को क्षेत्रीय भ्रमण कर समय से कार्य पूर्ण कराए जाएं। मुख्य सचिव ने रानीपुर मोड़, रेलवे पुल से ज्वालापुर तक जल भराव की समस्या का भी हल निकाले जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं और आमजन की सुरक्षा के दृष्टिगत कुम्भ मेला क्षेत्र में अन्य सुरक्षा व्यवस्थाओं के साथ ही विभिन्न जगहों पर फायर हाइड्रेंट भी स्थापित किए जाएं।
इस अवसर पर मेलाधिकारी श्रीमती सोनिका ने कुम्भ मेले के सम्बन्ध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।
इस अवसर पर डीजीपी दीपम सेठ, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव नितेश कुमार झा, बृजेश कुमार संत, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, विनय शंकर पाण्डेय, धीराज सिंह गर्ब्याल, युगल किशोर पंत एवं डॉ . रणवीर सिंह चौहान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम जिलाधिकारी हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी भी उपस्थित थे।
पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए फ्लोटिंग पापुलेशन हेतु सुविधाओं की व्यवस्था के लिए नीति आयोग से विशेष ग्रांट का आग्रह
बेहतरीन फाइनेंशियल मैनेजमेंट में उत्तराखंड छोटे राज्यों में दूसरे नंबर पर – मुख्यमंत्री
देहरादून। सीएम धामी ने कहा कि जल्द ही दिल्ली देहरादून एलिवेटेड रोड शुरू हो जाने पर राज्य में भारी संख्या में पर्यटकों की आने संभावना को देखते हुए राज्य सरकार नियोजन की चुनौती पर अभी से पूरी सक्रियता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि शहर की ट्रैफिक समस्या और भविष्य की जरूरत को देखते हुए 26 किमी रिस्पना – बिंदाल एलिवेटेड रोड के लिए केंद्र से अनुरोध किया गया है। सीएम ने बताया कि पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए फ्लोटिंग पापुलेशन हेतु सुविधाओं की व्यवस्था के लिए नीति आयोग से विशेष ग्रांट का आग्रह किया गया है| मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य हर क्षेत्र में उत्कृष्टता की ओर बढ़ रहा है | हम एसडीजी इंडेक्स में पहले स्थान पर रहे। जीईपी लागू करने वाले सबसे पहले राज्य बने। यूसीसी लागू करने वाले भी सबसे पहले साहसी राज्य बने। हम अपनी 6500 एकड़ से अधिक भूमि अतिक्रमण से मुक्त करवा चुके हैं। राज्य में निरंतर विकास के नवाचार अपनाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में फोटोग्राफर भूमेश भारती की कॉफी टेबल बुक “एरियल विस्टाज़ ऑफ उत्तराखंड” का विमोचन किया।
कार्यक्रम में उपस्थित छायाचित्रकारों, कला एवं प्रकृति प्रेमियों सहित उपस्थित सभी महानुभावों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भूमेश भारती ने 15 वर्षों की अथक साधना, समर्पण और संवेदनशील दृष्टिकोण के साथ उत्तराखंड की प्रकृति और संस्कृति को इस अद्वितीय फोटोग्राफी संकलन द्वारा साकार रूप दिया है। भूमेश केवल एक फोटोग्राफर नहीं हैं बल्कि वे एक ऐसे कलाकार हैं, जो प्रकृति के सौंदर्य को आत्मा की गहराई से अनुभव करके अपने कैमरे के माध्यम से दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करते हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह कॉफी टेबल बुक जो भी देखेगा, वो न केवल उत्तराखंड की नैसर्गिक सुंदरता से अभिभूत होगा, बल्कि उसे देखने के लिए उत्तराखंड की ओर खींचा चला आएगा।
“नई पर्यटन नीति” से डेस्टिनेशन उत्तराखंड” स्थापित होगा वैश्विक पर्यटन मानचित्र -मुख्यमंत्री धामी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी देवभूमि उत्तराखंड प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक ऊर्जा का अद्भुत संगम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार राज्य में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में हमने “डेस्टिनेशन उत्तराखंड” को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के उद्देश्य से “नई पर्यटन नीति” के अंतर्गत निवेशकों को आकर्षित करने हेतु अनुकूल वातावरण तैयार करने में सफलता प्राप्त की है।
राज्य में दो स्पर्चुअल जोन हो रहे तैयार- सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य में धार्मिक, साहसिक, ईको-टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म और फिल्म पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों को विकसित करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। आज जहां एक ओर केदारखंड की भांति मानसखंड कॉरिडोर को भव्य रूप में विकसित किया जा रहा है। वहीं ऋषिकेश और हरिद्वार को योग और आध्यात्मिक केंद्रों के रूप में वैश्विक स्तर पर प्रमोट करने के उद्देश्य से योजनाबद्ध रूप से कार्य भी किया जा रहा है। इस वर्ष से हमने शीतकालीन यात्रा भी प्रारंभ की है जिसको प्रोत्साहित करने के लिए स्वयं आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले दिनों हर्षिल- मुखबा के दौरे पर आए थे। हम राज्य में साहसिक पर्यटन जैसे ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, स्कीइंग और माउंटेनियरिंग को बढ़ावा देने के लिए भी निरंतर प्रयासरत है।
उत्तराखंड बना मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य में फिल्म शूटिंग को आसान बनाने के लिए सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम भी प्रारंभ किया है।साथ ही हम उत्तराखंड में शूटिंग करने पर फिल्म निर्माताओं को विशेष सब्सिडी और अन्य सुविधाएं भी प्रदान कर रहे हैं। हमारे इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि उत्तराखंड को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट के अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड देश-विदेश के निवेशकों के लिए एक पसंदीदा पर्यटन स्थल बनता जा रहा है। हाल ही में केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से हमारे चार गांवों जखोल, हर्षिल, गूंजी और सूपी को “सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार” से सम्मानित किया गया है। हमारी सरकार उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के अपने “विकल्प रहित संकल्प” को पूर्ण करने हेतु पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्य कर रही है।
कार्यक्रम में अपर सचिव मुख्यमंत्री बंशीधर तिवारी, वीसी दून विश्वविद्यालय श्रीमती सुरेखा डंगवाल, वरिष्ठ पत्रकार सतीश शर्मा, प्रदेशभर से आए फोटोजर्नलिस्ट मौजूद रहे |
तैयारियों को लेकर लोनिवि एवं सिंचाई विभाग की समीक्षा बैठक में मंत्री ने दिये आवश्यक निर्देश
देहरादून। मानसून के दौरान सड़कों के अवरुद्ध होने से बड़ी संख्या में लोग मार्ग खुलने की घंटों प्रतीक्षा करते हैं। ऐसे में हमें सजग रहना चाहिए और सड़कों को खोलने में तत्परता दिखानी चाहिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यही लक्ष्य है कि हम पूरी तरह से समर्पित होकर कार्य करें और मानसून के दौरान यात्रा में जो अवरोध आते हैं उसका तत्काल समाधान हो।
उक्त बात प्रदेश के लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने यमुना कालोनी, स्थित प्रमुख अभियंता कार्यालय लोक निर्माण विभाग सभागार में उपस्थित लोक निर्माण एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ मानसून सीजन की तैयारीयों के संबंध में हुई समीक्षा बैठक के दौरान विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कही। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि यदि हम सजगता के साथ काम करेंगे तो मानसून का सीजन बिना किसी अवरोध के ठीक से निकल जायेगा। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान यदि कोई सड़क बंद होती है तो उसकी पूर्व सूचना यात्रियों को पहले ही पूर्ववर्ती स्टेशन पर मिल जानी चाहिए ताकि वह वैकल्पिक मार्गों का प्रयोग कर अपने गंतव्य तक पहुंच सके।
महाराज ने बैठक के दौरान विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए की मानसून के दौरान सड़कों पर जेसीबी की व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और लोक निर्माण विभाग तथा सिंचाई विभाग के अंतर्गत आने वाले नालों की साफ सफाई तथा पानी की उचित निकासी के प्रबंधन में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि बरसात से राज्य में 54 सड़कें अवरुद्ध थी जिनमें से 19 को यातायात के लिए खोल दिया गया है। वर्तमान में प्रदेश में 672 सड़कें पूरी तरह से खुली हुई हैं। मानसून के दौरान मार्ग अवरुद्ध होने की स्थिति में इस समय 361 वैकल्पिक मार्ग यातायात के लिए खुले हुए हैं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए की मैदानी क्षेत्रों में अधिकतर स्थानों पर बाढ़ एवं जल भराव का खतरा हमेशा बना रहता है इसलिए ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त होना चाहिए।
बैठक के दौरान सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने सिंचाई मंत्री को बताया कि मानसून अवधि तक प्रत्येक जनपद के नोडल खण्ड में बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर दी गई है। सिंचाई खण्ड, देहरादून के परिसर में केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया जा चुका है। बाढ़ सम्बन्धित सूचनाओं के आदान प्रदान हेतु विभागीय बाढ़ नियंत्रण प्रभारी द्वारा एक Whats’app Group बनाया गया है, जिसमें राज्य/जिला स्तरीय अधिकारी सदस्य हैं तथा सभी अधिकारी मोबाईल पर 24×7 हमेशा उपलब्ध हैं। राज्य में कुल 113 बाढ़ चौकियां प्रशासन के सहायोग से स्थापित कर ली गयी है। मानसून में बाढ़ तथा जल भराव की दृष्टि से 304 संवेदनशील स्थलों का चिन्हीकरण भी कर लिया गया है। राज्य की मुख्य नदियों के जलस्तर की सिंचाई विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा निरन्तर मॉनिटरिंग की जा रही है।
बैठक में विधायक दुर्गेश्वर लाल, सिंचाई सचिव युगल किशोर पंत, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद सुमन (वर्चुअल प्रतिभा), संयुक्त सचिव जे.एल. शर्मा, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता राजेश शर्मा, सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता सुभाष कुमार पाण्डेय, लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता रणजीत सिंह रावत सहित सभी जनपदों के जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी एवं प्रमुख विभागीय अधिकारियों ने भी बैठक में वर्चुअल प्रतिभा किया।
दवाएं नकली नहीं, तकनीकी कमियों से सैंपल हुए फेल- दवा निर्माता
उत्तराखंड की छवि को धूमिल करने की हो रही कोशिश- दवा निर्माता
देहरादून। ड्रग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने कहा प्रदेश तेजी से फार्मा हब बनने की दिशा में बढ़ रहा है। प्रदेश में फार्मा कंपनियों का विस्तार हो रहा है और यहां से निर्मित दवाएं विश्व के अनेक देशों में निर्यात की जा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के फार्मा हब बनने की दिशा में कुछ बाहरी प्रदेशों के लोग अडंगा लगाने का प्रयास कर रहे हैं और यहां की कंपनियों के नाम पर नकली दवाएं बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे नकली दवा निर्माताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। एसोसिएशन के मुताबिक नकली दवाओं और नॉन स्टैंडर्ड क्वालिटी (एनएसक्यू) ड्रग में अंतर होता है। एनएसक्यू दवाएं नकली नहीं होती है उनमें महज तकनीकी कमी होती है।
देहरादून स्थित उत्तरांचल प्रेस क्लब में मीडिया से बात करते हुए ड्रग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद कालानी ने बताया कि प्रदेश में पूर्ण रूप से गुणवत्तापूर्ण दवाओं का निर्माण हो रहा है। फार्मा कंपनियां दवा उत्पादन के सभी निर्धारित मापदंडों का पालन कर रही है। उनके मुताबिक अच्छी दवाएं तय मानकों और वैज्ञानिक प्रक्रियाओं के अनुसार बनाई जाती हैं। वहीं नकली दवाएं या तो घटिया सामग्री से बनती हैं, या उनकी जानकारी और लेबलिंग जानबूझकर गलत दी जाती है।
एनएसक्यू दवा नकली नहीं
एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद कालानी ने बताया कि हर एनएसक्यू दवा नकली नहीं होती। उन्होंने कहा कि कोई भी लाइसेंस प्राप्त मैन्युफैक्चरर नकली दवाएं नहीं बनाता। उन्होंने कहा कि मीडिया एनएसक्यू में फेल दवा को नकली बताता है जो कि सही नहीं है। यह तकनीकी कमियों का मामला है। ऐसे में यदि मीडिया इस दवा को नकली बताए तो कंपनी और उसकी ब्रांडिंग पर प्रतिकूल असर पड़ता है। एसोसिएशन के सदस्य पीके बंसल ने बताया कि अधिकांश दवाएं पीएच में अंतर होने, डिसइंटीग्रेशन टेस्ट में विलंब, डिसॉलूशन टेस्ट में बदलाव या लेबलिंग की गलती से होती है। यह दवा किसी भी तरह से मरीज के लिए हानिकारक नहीं होती है। बस इसमें तकनीकी कमी होती है।
क्लाईमेट का भी होता है असर
एसोसिएशन के महासचिव संजय सिकारिया के मुताबिक हाल में जिन दवाओं के 27 सैंपल फेल होने की बात है। वह भी इन मामूली तकनीक के आधार पर ही फेल किये गये हैं। हमें 28 दिन में हायर टेस्टिंग लैब में इसकी जांच करने की अपील करनी होती है। मुख्य टेस्टिंग लैब कोलकत्ता में है। यदि वहां से भी सैंपल फेल होता है तो ही दवा को सब स्टैंडर्ड या नकली बताया जा सकता है। एसोसिएशन के सदस्य रमेश जैन के मुताबिक क्लाइमेट चेंज का असर भी दवाओं पर होता है। उनके मुताबिक कश्मीर में अलग मौसम होता है और तटीय इलाकों में दूसरा तो नार्थ-ईस्ट में अलग। दवा एक ही होती है। कैमिस्ट यदि इसे धूप में रखेगा तो इसकी गुणवत्ता प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि दवाओं को ठंडी जगह और अंधेरे में रखने की सलाह दी जाती है लेकिन सभी कैमिस्ट इसका पालन नहीं करते।
एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद कालानी ने मीडिया से अपील की कि एनएसक्यू दवाओं को नकली न कहा जाए। उन्होंने कहा कि मीडिया महज सेंटर ड्रग्स स्टेंडर्ड कंट्रोल आर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) की प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर ही दवाओं को नकली बताकर समाचार प्रकाशित या चैनल पर दिखा देते हैं इससे कंपनी की छवि और ब्रांड पर प्रतिकूल असर पड़ता है। जबकि मीडिया से यह उम्मीद की जाती है कि कोलकत्ता स्थिति सेंट्रल लेबोरिटी (सीडीएल ) से जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही सही समाचार प्रकाशित किया जाएं। फार्मा कंपनी की दवाओं को एनएसक्यू के आधार पर नकली न करार दिया जाए। इससे कंपनी की ब्रांड और छवि खराब होती है।
प्रदेश सरकार दे रही हरसंभव मदद
एसोएिशन के अध्यक्ष प्रमोद कालानी ने कहा कि उत्तराखंड फार्मा हब बन रहा है। फार्मा कंपनियां लगातार विस्तार कर रही हैं। ग्लोबल इंवेस्टर्स सम्मिट के बाद फार्मा कंपनियों में निवेश को बढ़ावा दिया है। प्रदेश सरकार सहयोग कर रही है और इसके सकारात्मक प्रभाव से फार्मा सेक्टर में निवेश और रोजगार बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में मौजूदा समय में 285 फार्मा कंपनी हैं और प्रदेश में देश के कुल दवा उत्पादन में 20 प्रतिशत की भागीदारी है। प्रेस कांफ्रेंस में एसोसिएशन के महासचिव संजय सिकारिया, पी के बसंल, कुलदीप सिंह, आर सी जैन, निखिल गोयल, आईपीएस चावला आदि फार्मा मैन्युफैक्चरर्स मौजूद थे।
महिला आयोग ने लिया संज्ञान, पीड़िता से मिलीं कुसुम कंडवाल
ऋषिकेश। ऋषिकेश में पुरानी चुंगी हरिद्वार रोड स्थित एक सार्वजनिक शौचालय में कल शाम करीब 6:00 शौचालय के संचालक उम्र 50 वर्षीय लगभग द्वारा चंदेश्वर नगर की बस्ती में रहने वाली 7 वर्षीय एक नाबालिक किशोरी के साथ छेड़छाड़ करते हुए अश्लील हरकतें की गई। मामले की जानकारी मिलते ही राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने इसमें संज्ञान लिया गया है।
उन्होंने कहा कि यह अत्यंत निंदापूर्ण व शर्मनाक घटना है, मामले में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने पीड़िता व उसके परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा आरोपी के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी नाबालिकों के साथ इस प्रकार का दुर्व्यवहार अत्यंत दुखद व चिन्ताजनक है।
उन्होंने इस मामले में एसओ ऋषिकेश से फोन और वार्ता की तथा जानकारी ली जिसमे उनके द्वारा बताया गया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा उसके विरुद्ध पोक्सो के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
वहीं राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष कुसुम कंडवाल द्वारा नगर निगम ऋषिकेश के नगर आयुक्त गोपाल बिनवाल को शहर में पिंक टॉयलेट व उनके अंतर्गत महिला कर्मचारियों की तैनाती के लिए निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम के अधिकारी इस बात का संज्ञान लेने की पिंक टॉयलेट में केवल महिला कर्मचारी हो जिससे इस प्रकार की कोई निन्दपूर्ण घटना को अंजाम न दे सके।