जनता दर्शन में मिली शिकायत के बाद डीएम ने दी तुरंत कार्रवाई की हिदायत
देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल ने आदेशों की अवहेलना और शासकीय कार्यों में लापरवाही बरतने पर बड़ी कार्रवाई करते हुए माजरा क्षेत्र के राजस्व कानूनगो राहुल देव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। डीएम की इस कार्रवाई से सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया है और लापरवाह कर्मचारियों में डर का माहौल बन गया है।
दरअसल, गांधी रोड निवासी रविंद्र सिंह ने जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी के समक्ष अपनी समस्या रखी। उन्होंने बताया कि उनकी भूमि के संबंध में धारा 28 अंतर्गत 16 मई 2018 को तत्कालीन कलेक्टर द्वारा आदेश पारित किए गए थे। आदेश के अनुसार, भूमि का परवाना तैयार कर आर-6 में 2023 में दर्ज किया गया तथा दिसंबर 2023 में संबंधित कानूनगो को इसे क्रियान्वित करने के लिए सौंपा गया।
हालांकि, रविंद्र सिंह के अनुसार, कई बार तहसील कार्यालय के चक्कर लगाने के बावजूद अभी तक नक्शा दुरुस्त नहीं किया गया है। इस पर डीएम ने गंभीरता दिखाते हुए तहसीलदार सदर को तत्काल कार्रवाई कर निलंबन की पत्रावली प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
जांच के बाद संबंधित राजस्व कानूनगो राहुल देव को आदेशों की अनदेखी और लंबित पत्रावलियों के आधार पर निलंबित कर दिया गया। जिलाधिकारी की इस सख्त कार्रवाई को अन्य कर्मचारियों के लिए चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।
देहरादून। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने आज पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय बीरपुर, देहरादून में आयोजित नई शिक्षा नीति 2020 की पाँचवीं वर्षगांठ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मंत्री गणेश जोशी ने छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न कलाओं में तैयार किए गए रचनात्मक कार्यों का अवलोकन तथा उत्कृष्ट पीएम श्री विद्यालय बीरपुर के पट्टिका का अनावरण भी किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 ने 34 वर्ष पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 को प्रतिस्थापित कर भारत की शिक्षा प्रणाली में एक परिवर्तनकारी बदलाव की शुरुआत की है। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि इससे पूर्व भारत में केवल दो शिक्षा नीतियां वर्ष 1968 और 1986 में लागू की गई थीं। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य छात्रों को 21वीं सदी की वैश्विक चुनौतियों के लिए तैयार करना है। इस नीति के तहत कक्षा 6 से ही व्यावसायिक शिक्षा की शुरुआत की जाएगी, जिससे छात्र विभिन्न ट्रेडों, कौशलों और उद्यमिता के लिए तैयार होंगे। उन्होंने कहा कि नीति में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने और शिक्षण में तकनीकी समावेशन हेतु राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच की स्थापना का भी प्रावधान किया गया है। यह नीति छात्रों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास पर ज़ोर देती है और उनमें आलोचनात्मक सोच और रचनात्मकता को बढ़ावा देती है।
कैबिनेट मंत्री जोशी ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित यह नीति अगर पूर्ण रूप से लागू होती है, तो भारत जल्द ही वैश्विक ज्ञान केंद्र के रूप में उभरेगा और अग्रणी देशों की श्रेणी में शामिल होगा। इस दौरान कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने बच्चों को जीवन में सफल होने के 05-डी के मूल मंत्र भी दिए और बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित किया। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ खेलों का होना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ साथ नैतिक शिक्षा और चरित्र शिक्षा का होना भी बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आधुनिक बनना है तो विचारों में आधुनिक बने। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि यह नीति भारत की शिक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव लाएगी।
इस अवसर पर अध्यक्ष वीएमसी कर्नल अतीत हेसन, प्रधानाचार्य बसंती खम्पा, उप प्रधानाचार्य अल्का थंड़ियाल, आरती उनियाल, डी. एस लखेड़ा, एनसीसी अधिकारी अनुज कुमार सहित छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
पुलिस ने चालक को हिरासत में लेकर दर्ज किया केस
देहरादून। देहरादून में आईएसबीटी फ्लाईओवर के पास एक दर्दनाक हादसे में बीएफआईटी कॉलेज की छात्रा की जान चली गई। स्कूटी सवार छात्रा को एक तेज रफ्तार बस ने कुचल दिया। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने आक्रोशित होकर बस चालक की पिटाई कर दी और सड़क जाम कर दिया।
सोमवार शाम करीब चार बजे सहारनपुर निवासी लाइ बानो (पुत्री वाकत अली) अपनी स्कूटी से माजरा की ओर से आईएसबीटी की तरफ जा रही थीं। वह बीएफआईटी कॉलेज की छात्रा थीं और पढ़ाई के सिलसिले में देहरादून में रह रही थीं। इस दौरान उन्होंने एक टूरिस्ट बस को ओवरटेक किया, लेकिन अनियंत्रित रफ्तार के कारण बस का पिछला पहिया उन्हें कुचलता हुआ निकल गया।
हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने बस को रोका और चालक को पकड़कर उसकी पिटाई शुरू कर दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने हालात काबू में किए और चालक को भीड़ से छुड़ाकर आईएसबीटी चौकी ले गई। घायल छात्रा को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने बस को कब्जे में लेकर चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि बस सहारनपुर नंबर की टूरिस्ट बस है और उसके मालिकाना हक समेत तमाम जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही, घटना के सटीक कारणों की जांच के लिए आसपास के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं।
ऊधमसिंहनगर में सर्वाधिक 84.26% मतदान, देहरादून में 77.25% वोट डाले गए
देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में मतदाताओं ने भारी उत्साह दिखाया। जहां एक ओर कई पर्वतीय जिलों में तेज बारिश हुई, वहीं दूसरी ओर मतदाताओं का उत्साह भी जमकर बरसा। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, इस चरण में 70 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जिसमें महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से अधिक रही।
सोमवार को सुबह 8 बजे से प्रदेश के 40 विकासखंडों में स्थित 4,709 मतदान केंद्रों पर मतदान प्रक्रिया शुरू हुई। इस चरण में कुल 21,57,199 मतदाता पंजीकृत थे। तमाम जिलों में मौसम की बाधा के बावजूद मतदान केंद्रों पर लोगों की लंबी कतारें नजर आईं। खासतौर पर देहरादून और ऊधमसिंह नगर जैसे मैदानी जिलों में भारी उत्साह देखा गया।
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने जानकारी दी कि सभी क्षेत्रों में मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। उन्होंने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के बावजूद मतदाताओं की सक्रियता उत्साहजनक रही।
इस चरण में 14,751 प्रत्याशियों की किस्मत मतपेटी में बंद हो गई है। पहले चरण में 17,829 उम्मीदवार मैदान में थे। अब सभी की किस्मत का फैसला 31 जुलाई को सुबह 8 बजे से मतगणना के बाद सामने आएगा।
जिलावार मतदान प्रतिशत
जिला मतदान प्रतिशत
उत्तरकाशी 75.96%
पौड़ी गढ़वाल 69.27%
टिहरी 60.05%
देहरादून 77.25%
चमोली 66.47%
चंपावत 70.21%
नैनीताल 76.07%
अल्मोड़ा 58.20%
ऊधमसिंह नगर 84.26%
पिथौरागढ़ 64.90%
आगामी 30 जुलाई को राज्यपाल व सीएम की मौजूदगी में होगा एमओयू
सीएसआर फंड से संसाधन सम्पन्न होंगे दूरस्थ क्षेत्र के राजकीय विद्यालय
देहरादून- राज्य के करीब 550 राजकीय विद्यालयों को कॉरपोरेट समूह गोद लेकर उन्हें साधन सम्पन्न बनायेंगे। इसके लिये राज्य सरकार ने उत्तराखंड के विभिन्न उद्योग समूहों से वार्ता कर पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है। आगामी 30 जुलाई को उत्तराखंड राजभवन में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में राज्य के 550 से अधिक उद्योगपतियों को आमंत्रित किया गया है। जहां पर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री की मौजूदगी में कॉरपोरेट समूहों व शिक्षा विभाग के मध्य राज्य के प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों को गोद लेने को लेकर एमओयू हस्ताक्षरित किये जायेंगे।
सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि राज्य सरकार शिक्षा के आधुनिकीकरण एवं बेहतर शैक्षणिक वातावरण देने के लिये उद्योग जगत के साथ मिलकर एक नई पहल शुरू करने जा रही है। जिसके तहत सूबे के करीब 550 राजकीय प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों को कॉरपोरेट समूह से जोड़ा जा रहा है। इनमें से अधिकतर विद्यालय पर्वतीय क्षेत्र के शामिल किये गये हैं, ताकि विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बीच अवस्थित इन विद्यालयों में सीएसआर फण्ड से अवस्थापना सुविधाओं के साथ-साथ मॉडल क्लास रूम, कम्प्यूटर लैब, साइंस लैब, पुस्तकालय, फर्नीचर, शौचालय, खेल सामग्री, खेल मैदान व चाहरदीवारी आदि सुविधाओं से सुसज्जित किया जा सके। राज्य सरकार ने सूबे के करीब 550 उद्योगपतियों से सम्पर्क कर इस संबंध में सैद्धांतिक सहमति बना ली है। जिसके क्रम में आगामी 30 जुलाई को उत्तराखंड राजभवन में राज्यपाल ले.ज. (से.नि.) गुरमीत सिंह की अध्यक्षता एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की गरिमामय उपस्थिति में उद्योग समूहों के साथ एक वृहद कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें सूबे के विभिन्न क्षेत्रों के उद्योगपतियों को आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रदेशभर के उद्योग समूहों के कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड के माध्यम से सूबे के विद्यालयों को आधुनिक सुविधाओं के साथ एक नई पहचान दिलाना है। इस पहल के तहत प्रत्येक उद्योग समूह एक प्राथमिक व एक माध्यमिक विद्यालय को गोद लेकर उनमें सभी आधारभूत एंव आधुनिक सुविधाएं मुहैया करायेंगे। ताकि पर्वतीय क्षेत्रों के दुर्गम विद्यालयों में अध्ययरत प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर के छात्र-छात्राओं को आज की आवश्यकताओं एवं नई शिक्षा नीति-2020 के उद्देश्यों के अनुरूप बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराया जा सके। डॉ. रावत ने बताया कि सूबे में करीब 559 विद्यालय ऐसे हैं जिनमें विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। ऐसे विद्यालयों को उद्योग समूहों से जोड़ने के उपरांत व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप और बेहतर ढंग से संचालित किया जा सकेगा।
देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास के मुख्य सेवक सदन, में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने पर आयोजित सम्मान समारोह में प्रतिभाग किया।
समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सम्मान उत्तराखंड की जनता का सम्मान है। राज्य की जनता के आशीर्वाद से ही उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का सपना साकार हो पाया। उन्होंने कहा समान नागरिक संहिता लागू कर राज्य सरकार ने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि देने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा यू.सी.सी लागू होने के बाद अब राज्य में सभी नागरिकों के अधिकार समान हो गए हैं। यू.सी.सी ने समाज में भेदभाव खत्म करने का काम किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता में महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित किया गया हैं। लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण अनिवार्य किए जाने से बहन -बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। उन्होंने कहा निश्चित ही समान नागरिक संहिता की ये गंगा उत्तराखंड राज्य से संपूर्ण देश में जाएगी। उन्होंने कहा हमारी विचारधारा सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रीय एकता जैसे मूल्यों पर आधारित रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बाबा साहेब की स्मृतियों से जुड़े प्रमुख स्थलों को राष्ट्र चेतना के पंच तीर्थ के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सख्त दंगारोधी कानून, धर्मांतरण कानून, और ऑपरेशन कालनेमि जैसे कई कड़े फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा राज्य सरकार किसी भी हालत में राज्य की डेमोग्राफी चेंज नहीं होने देगी।
इस अवसर पर पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, साध्वी रेणुका, स्वामी निरंजन चैतन्य महाराज, आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय रुहेला, विधायक सुरेश गड़िया, सफीपुर ( उन्नाव, यू.पी) के विधायक बंबा लाल दिवाकर, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों हरिद्वार स्थित मनसा देवी – चंडी देवी मंदिर, टनकपुर स्थित पूर्णागिरि धाम, नैनीताल के कैंची धाम, अल्मोड़ा के जागेश्वर मंदिर, पौड़ी स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर सहित अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मंदिरों में भीड़ प्रबंधन, श्रद्धालु पंजीकरण, पैदल मार्गों और सीढ़ियों का चौड़ीकरण, अतिक्रमण हटाने तथा अन्य सभी मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, ताकि श्रद्धालुओं को सुगम एवं सुरक्षित दर्शन अनुभव प्राप्त हो।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि दोनों मंडलों के आयुक्तों की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाए। इस समिति में संबंधित जिलों के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष, एवं कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सदस्य के रूप में शामिल किया जाए।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से मनसा देवी मंदिर परिसर तथा अन्य प्रमुख मंदिर परिसरों के सुनियोजित विकास, धारणा क्षमता में वृद्धि और व्यवस्थित दुकान प्रबंधन पर बल देते हुए निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की व्यवस्था को सुदृढ़, सुव्यवस्थित और सुगम बनाया जाए। श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य रूप से किया जाए तथा दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या नियंत्रित करते हुए चरणबद्ध व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि भीड़ नियंत्रण में रहे और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
बैठक में प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, एस.एन. पाण्डेय, सचिव एवं आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमन, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते और अपर सचिव बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।
तीज महोत्सव पर राजस्थान की उप मुख्यमंत्री ने पर्यटन मंत्री का किया स्वागत
देहरादून/जयपुर। तीज का पवित्र पर्व मां पार्वती की 108 जन्मों की घोर तपस्या के बाद शिव को पति के रूप में पाने का साक्षी है। यह त्योहार पति पत्नी के एकत्व, दिव्य समर्पण का सर्वोच्च प्रतीक। राजस्थान की तरह ही उत्तराखंड में भी तीज़ के त्योहार का विशेष महत्व है। मान्यता है कि आज ही के दिन महादेव एवं पार्वती का शुभ विवाह उत्तराखंड स्थित त्रियुगीनारायण में सम्पन्न हुआ था। इसलिए महिलाएं पति की लंबी उम्र और वैवाहिक सुख की कामना के लिए तीज के त्योहार को मनाती हैं।
उक्त बात प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने पर्यटन विभाग, राजस्थान सरकार के द्वारा सोमवार को जयपुर स्थित पौंड्रिक पार्क में आयोजित दो दिवसीय तीज महोत्सव में प्रतिभाग करते हुए अपने संबोधन में कही। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि राजस्थान में यह त्यौहार 298 वर्षों से हर वर्ष हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है और जयपुर स्थापना के समय से ही भव्य तीज के इस त्यौहार पर तीज माता की शोभा यात्रा भी निकाली जाती है। इस त्यौहार की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक महत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस त्यौहार को मनाने के लिए स्वयं राजस्थान सरकार का पर्यटन विभाग इस आयोजन को सम्पन्न कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।तीज महोत्सव महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण उत्सव है। यह महोत्सव अच्छे मानसून के साथ-साथ वैवाहिक सुख और देवी पार्वती के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री महाराज ने कहा कि तीज के इस जीवन्त और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध त्यौहार के आयोजन के अवसर पर प्रस्तुत राजस्थान की विविध परम्पराएं एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियां के साथ-साथ तीज माता की शोभा यात्रा निश्चित रूप हमारी विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसे संजोकर रखना नई पीढ़ी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि हम इस जीवंत तीज महोत्सव का हिस्सा बन रहे हैं। उत्तराखंड में तीज के त्योहार को महादेव एवं पार्वती का शुभ विवाह के रूप में मनाने की परम्परा है। मान्यता है कि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद स्थित त्रिजुगीनारायण में माता पार्वती एवं भगवान शिव शंकर का विवाह हुआ था जिसमें ब्रह्मा जी ने पुरोहित का तथा भगवान श्री हरि विष्णु जी ने भाई का दायित्व निभाया था।
महाराज ने कहा कि उत्तराखंड एवं राजस्थान के बीच काफी गहरा संबंध रहा है। हम दोनों राज्यों के बीच पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए संयुक्त योजना बना कर काम करेंगे। तीज महोत्सव के इस कार्यक्रम में राजस्थान सरकार की उप मुख्यमंत्री एवं पर्यटन मंत्री श्रीमती दिया कुमारी, उत्तराखंड की पूर्व कैबिनेट मंत्री अमृता रावत सहित राजस्थान पर्यटन विभाग के अनेक अधिकारी, लोक कलाकार, शिल्पी और महिलाएं आदि मौजूद थी।
देहरादू । कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने श्रावण मास के सोमवार के पावन अवसर पर न्यू कैंट रोड स्थित माता मंदिर में धर्मपत्नी निर्मला जोशी के साथ भगवान शिव का जलाभिषेक किया। इस दौरान उन्होंने पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि श्रावण मास भगवान शिव की आराधना का सर्वोत्तम काल है। उन्होंने कहा कि सावन में शिवजी का जलाभिषेक करने से मन की शांति मिलती है और सभी प्रकार के कष्टों का निवारण होता है। उन्होंने यह भी कहा कि श्रद्धा और आस्था से जुड़ा यह महीना हमें अपने जीवन में संयम, सेवा और सकारात्मक सोच को अपनाने की प्रेरणा देता है।