राज्य स्तरीय साहसिक परीक्षण केंद्र का खेल मंत्री रेखा आर्या ने किया शुभारंभ..
उत्तराखंड: खेल मंत्री रेखा आर्या ने शुक्रवार को टिहरी गढ़वाल के शिवपुरी पहुंचकर राज्य स्तरीय साहसिक परीक्षण केंद्र का शुभारंभ किया। इस दौरान उनके साथ कैबिनेट मंत्री ओर नरेंद्र नगर विधायक सुबोध उनियाल भी मौजूद थे। मंत्री ने कहा कि राफ़्टिंग उत्साही खेल है। आज यह केंद्र राफ्टिंग करने वाले प्रशिक्षुओं को समर्पित किया जा रहा है। उम्मीद है कि आगामी राष्ट्रिय खेलों में यहां परीक्षण ले रहे उत्तराखण्ड के प्रशिक्षुओं के लिए उपयोगी होगा और हमारा प्रदेश राफ्टिंग में अच्छा प्रदर्शन कर पदक जीतेगा। प्रशिक्षु में युवतियों की संख्या को देखते हुए मंत्री ने कहा हमारी सरकार में बेटियां सशक्त बन रहीं हैं।
खिलाड़ियों के इनाम की धनराशि को किया है सरकार ने दोगुना- मंत्री..
रेखा आर्या का कहना हैं कि हमारी सरकार साहसिक कदम उठाते हुए राष्ट्रीय खेलों में मेडल प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को इनाम की धनराशि को दोगुना किया है। जिसके लिए सूबे के मुख्यमंत्री बधाई के पात्र हैं। मंत्री ने कहा अब समय बदल गया है। अब लोग मनोरंजन के बजाय करियर के रूप में खेल क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। खेल मंत्री रेखा आर्या ने राष्ट्रीय खेलों के निमित होने वाले वाटर स्पोर्ट्स प्रत्योगिताओं की तैयारियों का भी निरक्षण किया। इसके साथ ही राफ्टिंग कर खुद राफ्ट की लोकेशन का मुआयना किया। जिसके बाद मंत्री वॉलीबॉल के मैदान पर पहुंची और अधिकारियों को राष्ट्रीय खेलों का आयोजन ओलंपिक संघ के मानकों के अनुरूप सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0- खुद की जमीन पर घर बनाने पर सरकार देगी ढाई लाख रुपए की सब्सिडी..
उत्तराखंड: प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत राज्य में अपनी जमीन पर घर बनाने वालों को अब ज्यादा पैसा मिलेगा। हाल में लांच योजना के तहत उत्तराखंड को विशेष राहत देते हुए केंद्रीय अंश 1.50 लाख से बढ़ाकर 2.25 लाख रुपये किया गया है। राज्य सरकार का अंश पहली योजना में 50 हजार रुपये था। पीएम आवास योजना में इस बार एफॉर्डेबल रेंटल हाउसिंग स्कीम (एआरएच) पर खास फोकस किया गया है। एआरएच परियोजना का कुल क्षेत्रफल का 10 प्रतिशत हिस्सा व्यावसायिक तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस बार टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रांट को इसमें खास महत्व दिया गया है। पीएम आवास 2.0 के तहत अब राज्यों को प्रस्ताव बनाकर केंद्र को भेजने हैं। जिसके बाद एआरएच के लिए नगर निकायों के साथ मिलकर जमीन की तलाश शुरू कर दी गई है। नगर निकाय मलिन बस्तियों के पुनर्वास के लिए भी इस योजना के तहत आवेदन कर सकेंगे। सचिव शहरी विकास नितेश झा ने बताया, नई योजना के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इन चार श्रेणियों में चलेगी पीएम आवास 2.0 योजना..
बीएलसी (लाभार्थी आधारित)- इस योजना के तहत खुद की जमीन पर मकान बनाने के लिए सरकार पैसा देगी। केंद्र सरकार से 2.25 लाख की ग्रांट मिलेगी। राज्य सरकार की ग्रांट अभी तय नहीं है। पहली योजना में 50 हजार रुपये दिए जाते थे।
एएचपी (हाउसिंग प्रोजेक्ट)- इस श्रेणी में निजी या सरकारी स्तर पर तैयार की गई हाउसिंग परियोजनाओं में ईडब्ल्यूएस भवन लिए जा सकेंगे। यहां भी केंद्र सरकार से 2.25 लाख और राज्य से 50 हजार मिलेंगे।
एआरएच (रेंटल हाउसिंग)- इस श्रेणी में किराये के लिए हाउसिंग प्रोजेक्ट बनेंगे। इनमें केंद्र सरकार 3000 रुपये प्रति वर्ग मीटर प्रति यूनिट और राज्य सरकार 2000 रुपये प्रति वर्ग मीटर प्रति यूनिट के हिसाब से टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रांट (टीआईजी) देगी।
आईएसएस (ब्याज सब्सिडी)- 35 लाख रुपये तक का 120 वर्ग मीटर या इससे कम क्षेत्र का आवास खरीदने वालों को 1.80 लाख रुपये तक की लोन सब्सिडी मिलेगी। इसके लिए 25 लाख रुपये तक ही होना स्वीकार्य होगा।
मसूरी का कंपनी गार्डन अब ‘अटल उद्यान’ से जाना जाएगा..
उत्तराखंड: पहाड़ों की रानी मसूरी में अंग्रेजों के जमाने से स्थापित कंपनी गार्डन का नाम अटल उद्यान हो गया हैं। मसूरी कंपनी गार्डन में आयोजित कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अटल उद्यान का उद्घाटन किया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को यह अटल उद्यान समर्पित किया गया है। अब जल्द ही अटल जी की आदमकद मूर्ति भी अटल उद्यान में स्थापित की जाएगी।
शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड का निर्माण में अहम योगदान दिया था। आज उनके सपनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का लगातार विकास किया जा रहा है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में विभिन्न योजनाओं के तहत उत्तराखंड का विकास हो रहा है, सड़कों के जाल बिछाए जा रहे हैं और नए पर्यटन स्थल विकसित किया जा रहे हैं।
जल्द होंगे निकाय चुनाव..
मंत्री अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में जल्द नगर निकाय चुनाव होंगे। आरक्षण की प्रक्रिया करीबन पूरी हो चुकी है। जल्द ही निर्वाचन आयोग चुनाव की तिथि तय करेगा। सरकार नगर निकाय चुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि केदारनाथ की सीट बीजेपी जीत रही है। जिस तरीके से बेवजह के आरोप कांग्रेस लगा रही है, उससे साफ है कि कांग्रेस केदारनाथ की सीट हार चुकी है। उनका कहना है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ के विकास के लिए बहुत कुछ किया है। वहां की जनता जानती है कि केदारनाथ का विकास मात्र बीजेपी ही कर सकती है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के नेताओं की ओर से प्रदेश की सरकार और बीजेपी को लेकर दुष्प्रचार किया गया, लेकिन उससे कुछ होने वाला नहीं है।
केदारनाथ उपचुनाव निपटते ही भाजपा ने निकाय चुनावों को लेकर शुरू की तैयारी..
उत्तराखंड: केदारनाथ उपचुनाव के बाद अब भाजपा निकाय चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। गुरुवार को भाजपा मुख्यालय में 19 सांगठनिक जिलों के पदाधिकारियों के साथ नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायत अध्यक्ष पद के संभावित प्रत्याशियों पर मंथन किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि पहले चरण में निकाय चुनाव के लिए निगम, पालिका व नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद के दावेदारों की जानकारी ली जा रही है। बैठक में संभावित प्रत्याशियों को लेकर जिला पदाधिकारियों के साथ पर गहन विचार विमर्श किया गया।
इसके बाद पर्यवेक्षकों की टोली भी सभी निकायों में जाकर मंडल पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं व वार्ड सदस्यों से प्रत्याशी को लेकर फीडबैक लेगी। पार्टी की ओर से प्रत्याशी चयन के लिए सर्वे कराया जाएगा। पर्यवेक्षक और सर्वे रिपोर्ट के आधार पर प्रत्याशियों का पैनल तैयार होगा। बैठक में 19 सांगठनिक जिलों के अध्यक्ष, महामंत्री समेत जिलों के पार्टी विधायक शामिल हुए, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष ने चुनाव तैयारियों की जानकारी ली। महेंद्र भट्ट का कहना हैं कि पार्टी सभी निकायों में जीत हासिल करने के लिए अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रही है। बैठक में जिला वार स्थानीय राजनीतिक और सामाजिक समीकरणों पर फीड बैक लिया गया। निकाय चुनाव की घोषणा के बाद पर्यवेक्षकों की टोली निकायों में भेजी जाएगी। इसके बाद प्रदेश पार्लियामेंट्री बोर्ड से केंद्रीय नेतृत्व को प्रत्याशियों का पैनल भेजा जाएगा। बैठक में प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार, प्रदेश उपाध्यक्ष कुलदीप कुमार, प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान समेत जिलों के पदाधिकारी मौजूद रहे।
कौशाम्बी तक रोडवेज बस संचालन की अनुमति नहीं मिली..
उत्तराखंड: दिल्ली रूट पर बस सेवा प्रभावित होने के बाद फिलहाल उत्तर प्रदेश के कौशांबी तक भी उत्तराखंड रोडवेज की बसें नहीं चल पाएंगी। दो दिन पहले मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने परिवहन विभाग की एक बैठक बुलाई थी, जिसमें विशेषकर वीकेंड पर दिल्ली मार्ग पर बसों के फेरे बढ़ाने और उत्तर प्रदेश के कौशांबी तक बस संचालन पर यूपी से बात करने के निर्देश दिए गए थे। परिवहन निगम के अधिकारियों ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश रोडवेज के अफसरों से बात की। उन्होंने अपनी बीएस-4 बसों को कौशांबी तक ले जाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन यूपी के अफसरों ने जगह देने से इनकार कर दिया। उत्तराखंड रोडवेज की दिल्ली मार्ग पर रोजाना 504 बसें संचालित होती थी, लेकिन दिल्ली में कोर्ट का आदेश लागू होने के बाद रोडवेज की बीएस-4 बसों की एंट्री बंद हो गई है। परिवहन निगम किसी तरह से आधी बसों के साथ दिल्ली मार्ग पर संचालन कर रहा है। जिस कारण यात्रियों को परेशानी हो रही है।
हाईकोर्ट पहुंचा उत्तरकाशी मस्जिद विवाद, मुस्लिम समुदाय ने कर दी ये मांग..
उत्तराखंड: उत्तरकाशी मस्जिद विवाद एक बार फिर से चर्चाओं में है। अब ये मामला नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गया है। उत्तरकाशी मस्जिद विवाद मामले में मुस्लिम समुदाय हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और मस्जिद को सुरक्षा देने की मांग की है।उत्तरकाशी में बीते दिनों मस्जिद को लेकर जमकर बवाल हुआ था। यहां तक कि जिले में धारा 163 लागू करनी पड़ी थी। इस मामले को लेकर हिंदू संगठनों में लगातार आक्रोश देखने को मिल रहा है। लेकिन अब इस मामले में मुस्लिम समुदाय हाईकोर्ट की शरण में पहुंचा और और उन्होंने इस मस्जिद को सुरक्षा देने की मांग की है। मुस्लिम समुदाय ने लोग मस्जिद को अवैध बताने का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि जिस मस्जिद को अवैध बताकर इतना विरोध किया जा रहा है वो पूरी तरह से वैध है। उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मस्जिद को सुरक्षा देने की मांग की गई है। बता दें कि इस मामले में हाल ही में हिंदू संगठन के लोगों ने 25 नवंबर को तहसील स्तर पर ज्ञापन सौंपने और एक दिसबंर को महापंचायत करने का ऐलान किया था।
क्या है उत्तरकाशी मस्जिद विवाद ?
उत्तरकाशी के मौजा बाड़ाहाट, तहसील भटवाड़ी में एक मस्जिद है जिसे हिंदू संगठन के लोग हटाने की मांग कर रहे हैं। इसको लोकर 21 अक्टूबर को उत्तरकाशी में बाजार बंद रखे गए और एक जन आक्रोश रैली निकाली गई। इस रैली के दौरान जमकर बवाल हुआ था जिसके बाद इलाके में धारा 163 लागू कर दी गई थी।
मिली जानकारी के अनुसार इसी साल मौजा बाड़ाहाट, तहसील भटवाड़ी में स्थित मस्जिद को लेकर एक आरटीआई फाइल की गई। जिसके जवाब में प्रशासन ने कहा कि इस मस्जिद से जुड़े कागजात नहीं है। इसके बाद से ही हिंदू संगठन के लोगों ने इस मस्जिद को हटाने की मांग शुरू की। इस मस्जिद को गिराने के लिए उत्तरकाशी के डीएम को एक ज्ञापन भी सौंपा गया। जिसके बाद हिंदूवादी संगठन के सदस्य 6 सितंबर को मस्जिद गिराने की मांग को लेकर डीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। हिंदूवादी संगठन के सदस्यों ने प्रशासन को तीन दिना का अल्टीमेटम दिया था कि अगर उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो वो खुद मस्जिद को धवस्त कर देंगे। जिसके बाद जिलाधिकारी ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया। कमेटी ने जांच के बाद जो रिपोर्ट प्रस्तुत की उसमें बताया गया था कि ये मस्जिद वैद्य है। जिस जमीन पर मस्जिद बनी है वो सरकारी नहीं है। प्रशासन ने इन संगठनों को ये जानकारी भी दी लेकिन संगठन इसे मानने को तैयार नहीं हैं और अब भी इसे हटाने की मांग कर रहे हैं।
रफ्तार पकड़ रहा जमरानी बांध परियोजना का कामकाज, 11 करोड़ से प्रोजेक्ट रोड को किया जाएगा बेहतर..
उत्तराखंड: सिंचाई विभाग की जमरानी बांध परियोजना का कामकाज रफ्तार पकड़ रहा है। बांध निर्माण के लिए भारी मशीनरी का इस्तेमाल होगा, ऐसे में सिंचाई विभाग अमृतपुर से जमरानी बांध को जाने वाले मार्ग की क्षमता बढ़ाने के साथ आवश्यकता वाली जगह को चौड़ा करने की तैयारी की है।इस कार्य में 11 करोड़ खर्च होंगे। नैनीताल जिले में जमरानी बांध महत्वाकांक्षी परियोजना है, इसमें नौ किमी की झील निर्मित होनी है। सिंचाई विभाग ने बांध निर्माण को लेकर कदम बढ़ाए हैं। अक्टूबर में बांध प्रभावितों को मुआवजा बांटने की प्रक्रिया की गई थी।
बता दे कि अब विभाग बांध निर्माण के लिए अमृतपुर से जमरानी को जाने वाली प्रोजेक्ट रोड को बेहतर करने की योजना पर काम कर रहा है। जिससे बांध निर्माण के लिए भारी मशीनरी को सुगमतापूर्वक पहुंचाया जा सके। विभागीय अधिकारियों के अनुसार सिंचाई विभाग की प्रोजेक्ट रोड है, इस सात किमी मार्ग को 11 करोड़ की लागत से सुधारा जाएगा। इसमें जहां भारी मशीनरी को ले जाने वाला मार्ग कम चौड़ा है, वह चौड़ा किया जाएगा। इस काम को तय समय से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रोजेक्ट रोड को सुधारने के लिए टेंडर जारी किए गए हैं, इस कार्य को पूरा करने के लिए नौ महीने का समय रखा गया है। यह प्रयास किया जाएगा कि इसे पांच महीने में पूरा कर लिया जाए। मार्ग सुधारीकरण से बांध निर्माण के लिए भारी मशीनरी को ले जाने में और सुगमता होगी।
सोलर प्लांट और रूफटॉप प्लांट से उत्पादित बिजली की कीमत घटी, विद्युत नियामक आयोग ने जारी की नई दरें..
सोलर प्लांट और रूफटॉप प्लांट से उत्पादित बिजली की कीमत घटी, विद्युत नियामक आयोग ने जारी की नई दरें..
उत्तराखंड: प्रदेश में व्यावसायिक उत्पादन के लिए लगाए जाने वाले सोलर पीवी प्लांट और घर की छतों पर लगने वाले सोलर रूफटॉप प्लांट से पैदा होने वाली बिजली के दाम गिर गए हैं। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने सोलर प्लांट की लागत कम होने के मद्देनजर ये फैसला सुनाया है। नई दरें जारी कर दी गई हैं। नियामक आयोग में अध्यक्ष एमएल प्रसाद और सदस्य विधि अनुराग शर्मा की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि रूफटॉप सोलर पावर प्लांट की लागत घट गई है। 10 किलोवाट तक के प्लांट की लागत 47,691 रुपये से घटकर 43,063 रुपये प्रति किलोवाट, 10-100 किलोवाट श्रेणी में 43,753 रुपये से घटकर 39,507 रुपये प्रति किलोवाट, 100-500 किलोवाट श्रेणी में 41,276 से घटकर 37,271 रुपये प्रति किलोवाट और 500 किलोवाट से एक मेगावाट श्रेणी में लागत 40,074 से घटकर 36,185 रुपये प्रति किलोवाट तक आ गई है। इसी प्रकार व्यावसायिक तौर पर लगने वाले सोलर पीवी प्लांट की लागत भी तीन करोड़ 45 लाख प्रति मेगावाट से घटकर तीन करोड़ आठ लाख प्रति मेगावाट हो गई है। लागत घटने के कारण आयोग ने इनसे पैदा होने वाली बिजली के दाम भी घटा दिए हैं। सोलर पीवी प्लांट के दाम 4.46 रुपये से घटकर 4.25 रुपये प्रति यूनिट हो गई है।
मुख्य सचिव को हाईकोर्ट से अवमानना नोटिस जारी, उपनल कर्मियों से जुड़ा है मामला..
उत्तराखंड: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को नैनीताल हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने ये नोटिस आदेशों की अवमानना के लिए जारी किया है।नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को राज्य सरकार द्वारा उपनल कर्मचारी संघ के हित में दिए गए पूर्व के आदेश का अनुपालन नहीं करने के मामले में नोटिस जारी किया है। बता दें कि आज हाईकोर्ट ने उपनल कर्मचारी संघ के हित में दिए गए पूर्व के आदेश का अनुपालन नहीं करने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को अवमानना का नोटिस जारी जल्द से जल्द जवाब पेश करने को कहा है।
24 दिसंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई..
मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 दिसंबर को होगी। बता दें कि उपनल कर्मचारी संघ द्वारा अवमानना याचिका दायर की गयी थी। जिसमें कहा गया है कि हाईकोर्ट ने साल 2018 में कुंदन सिंह बनाम राज्य सरकार व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उपनल कर्मचारियों को नियमित करने के लिए नियमावली बनाने के राज्य सरकार को निर्देश दिए थे। इसके साथ ही उनके वेतन से जीएसटी न वसूलें और उन्हें न्यूनतम वेतन देने को भी कहा था। लेकिन उत्तराखंड सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए सरकार की याचिका को खारिज कर दिया। लेकिन इसके बाद भी राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया। इसके बाद भी उत्तराखंड सरकार ने अब तक उपनल कर्मचारियों को नियमित करने के संबंध में कोई नियमावली नहीं बनाई है। जबकि ये कर्मचारी सालों से काम कर रहे हैं।
आधार से बनेंगे 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों के आयुष्मान कार्ड,मिलेगा पांच लाख तक मुफ्त इलाज..
उत्तराखंड: प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रदेश में 70 साल व उससे ऊपर के बुजुर्गों का आयुष्मान वय वंदना कार्ड आधार नंबर से बनेंगे। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जन सेवा केंद्रों व सरकारी अस्पतालों में बुजुर्ग अपना कार्ड बना सकते हैं। इस कार्ड पर प्रत्येक बुजुर्ग को पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। केंद्र सरकार ने 70 साल व उससे अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया है।
इस योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा लेने के लिए उत्तराखंड में लगभग छह लाख बुजुर्गों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे। अब तक दो हजार बुजुर्गों के कार्ड बन चुके हैं। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के निदेशक डॉ. वाईएस टोलिया का कहना हैं कि जिन वरिष्ठ नागरिकों के पूर्व में आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। उन्हें भी दोबारा से नया कार्ड बनाना होगा।
इस कार्ड को बनाने के लिए राशन कार्ड अनिवार्य नहीं है। आधार नंबर और उससे लिंक मोबाइल नंबर से किसी भी जन सेवा केंद्र और सरकारी अस्पतालों में कार्ड बना सकते हैं। प्रदेश में अब तक दो हजार से अधिक वरिष्ठ नागरिकों के नई योजना के तहत आयुष्मान वया वंदना कार्ड बन चुके हैं। योजना में प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक को पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी।